मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले में वीडियो बनाने वाला मोबाइल बरामद, वीडियो शूट करने वाला भी गिरफ्तार, राज्य में 35 हजार स

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को ये जानकारी दी। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश है। विपक्षी दल सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई ने शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का भी अनुरोध करेगी। इसके अलावा, जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है।

35 हजार जवान तैनात

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि जिस फोन से दरिंदगी का वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच से सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए सेना व CRPF के 35 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में सेना, CRPF और CAPF के 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है।

शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया, "मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी मैदान पर हैं। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।" मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।

सुप्रीम कोर्ट भी ले चुका है संज्ञान

बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को कहा था कि वह इस घटना से ‘‘बेहद आहत’’ है और हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को औजार के रूप में उपयोग करना ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है।’’ इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र एवं मणिपुर सरकार को तत्काल सुधारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और इस संबंध में की गई कार्रवाई से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था।

मणिपुर में महीनों से जारी है हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

बलूचिस्तान निर्वासित सरकार की पीएम पहुंची हरिद्वार, पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन की साज़िश को ठहराया जिम्मेदार


 बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की गुहार लगाने मां गंगा की शरण में पहुंची हैं। वह यहां पर चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन हवन और दुधाभिषेक कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना कर रही हैं।

धर्मनगर हरिद्वार पहुंचने पर उन्होंने पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया हैं। प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि जो काम ब्रिटिश सरकार करती थी, अपनी स्वार्थ सिद्धि को अब वही काम चीन कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण सहित चीन को हर कार्य के लिए अपनी भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी है।

बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ हो रही बर्बरता

भावुक होते हुए प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने कहा कि इस वक्त बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ जो हो रहा है उसके बारे में विश्व सोच भी नहीं सकता है। उसकी सोच से कहीं अधिक वहशीपना वहां के नागरिकों के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य कोई किसी इंसान के साथ नहीं किया जा सकता।

लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा 

बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि वहां लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बर्बरता की जा रही है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में दुष्कर्म की फैक्ट्री खोल दी है। महिलाओं को सिर्फ एक खिलौने की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ. नायला कादरी बलोच ने कहा कि बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है। पाकिस्तान ने यहां की जनता के साथ जो व्यवहार किया है उसे बयां कर पाना भी मुश्किल है।

मणिपुर हिंसा की जांच को लेकर एक्शन में सीबीआ, दर्ज की 6 FIR, 10 गिरफ्तार

#manipur_violence_cbi_filed_six_firs 

मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो मामले की जां गृहमंत्रालय ने सीबीआ को सौंप दी है। इस मामले में एक्शन में आते हुए सीबीआई ने हिंसा और साजिश से संबंधित छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। साथ ही जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग समय में हुई हैं।बता दे कि गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दिया था कि मणिपुर सरकार की मांग पर उस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया गया है।

बता दें कि सीबीआ ने मणिपुर हिंसा में जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, ये उनसे अलग हैं, जिनकी गिरफ्तारी मणिपुर पुलिस ने गैंगरेप और वायरल वीडियो के संदर्भ में की थी। मणिपुर पुलिस ने परेड कांड में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने जो 6 FIR दर्ज की हैं, वो भी पिछले महीने की शुरुआत में ही दर्ज की गई थीं।

इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी। मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है।हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे।

19 जुलाई को सामने आया था वीडियो

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ के निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था। केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखी एक चिट्ठी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन बेंच के मौजूद नहीं होने के चलते इसे टाल दिया गया।

हवाईअड्डे के लाउंज में इंतजार कर रहे थे कर्नाटक के राज्यपाल, छोड़कर एयर एशिया के विमान ने भरी उड़ान

#air_asia_flight_flew_away_without_karnataka_governor

एयरएशिया का एक विमान गुरुवार को कर्नाटक के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से राज्यपाल थावरचंद गहलोत को लिए बिना ही रवाना हो गया।बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल- 2 से एयर एशिया की फ्लाइट I5972 से राज्यपाल थावर चंद गहलोत को हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी। हालांकि, इस वक्त राज्यपाल थावरचंद गहलोत हवाईअड्डे के लाउंज में इंतजार कर रहे थे।

राज्यपाल की प्रोटोकॉल टीम के एक अधिकारी के मुताबिक, समय से पहले ही राज्यपाल वीवीआईपी लाउंज में पहुंच गए थे और इंतजार कर रहे थे। राज्यपाल की प्रोटोकॉल टीम के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल गुरुवार दोपहर 1:30 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और टर्मिनल 1 के वीवीआईपी लाउंज में बैठ गए। एयरलाइंस के ग्राउंड स्टाफ को उनके आगमन की सूचना दे दी गई और प्रोटोकॉल के मुताबिक राज्यपाल को सबसे आखिर में बोर्ड करने की सारी व्यवस्था भी कर ली गई। इस विमान को दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर उड़ान भरनी थी। राज्यपाल 2 बजकर 6 मिनट पर टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 पर पहुंच गए, लेकिन एयरलाइन स्टाफ ने देरी की बात कहकर उनकी बोर्डिंग को मंजूरी नहीं दी।

गवर्नर को छोड़ विमान ने भरी उड़ान

गहलोत को गुरुवार दोपहर टर्मिनल-2 से हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी, जहां से उन्हें एक दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए सड़क मार्ग से रायचूर जाना था। जैसे ही एयरएशिया की फ्लाइट आई, उसमें गहलोत का सामान लोड कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि, गहलोत को टर्मिनल पहुंचने में देरी हुई। जब तक वह वीआईपी लाउंज से उड़ान भरने के लिए पहुंच पाते, तब तक विमान हैदराबाद के लिए उड़ान भर चुका था।

90 मिनट बाद दूसरे विमान से रवाना हुए

सूत्रों ने बताया कि जब तक वह वीआईपी लाउंज से विमान तक पहुंच पाते, तब तक विमान हैदराबाद के लिए उड़ान भर चुका था। इसके बाद राज्यपाल को हैदराबाद पहुंचने के लिए 90 मिनट बाद दूसरे विमान से रवाना होना पड़ा। गवर्नर हाउस के अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं और एयरएशिया के अधिकारी भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

एयरलाइंस ने घटना पर जताया खेद

एयरलाइंस ने अपनी सफाई में कहा, हमें इस घटना पर खेद है। जांच कराई जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। एयरलाइन की वरिष्ठ नेतृत्व टीम इसे लेकर गवर्नर कार्यालय के संपर्क में है। प्रोफेशनलिज्म के हाई स्टैंर्डर्ड और प्रोटोकॉल के पालन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है और हम राज्यपाल कार्यालय के साथ अपने संबंधों को गहराई से अहमियत देते हैं।

अब तक का सबसे गर्म महीना होगा जुलाई

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

जर्मनी की लिपजिग यूनिवर्सिटी में हुए ताजा शोध के मुताबिक मौजूदा माह ( जुलाई) अब तक का सबसे गर्म महीना रहेगा। शोध के मुताबिक, लगभग सवा लाख साल बाद ऐसा होगा। इससे पहले ,साल 2019 का जुलाई माह सबसे गर्म माना गया था। मगर,इस साल जुलाई का औसत तापमान 2019 के मुकाबले 0.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसके लिए मानव संसाधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में स्थितियां और भी गंभीर हो सकती है। जुलाई में वैश्विक स्तर पर हुई चरम मौसमी घटनाओं और उनके बुरे नतीजों की एक सूची यहां देखी जा सकती है। इस महीने तापमान में डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का मतलब नहीं है कि दुनिया की सरकारें पेरिस समझौते में तापमान में वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम हो चुकी है।

अल नीनो के दौर में दाखिल हो रही दुनिया

लिपजिग यूनिवर्सिटी में कार्यरत जलवायु वैज्ञानिक डॉ काॅस्टन हौशटाइन के मुताबिक मौजूदा औसत से कोयला,तेल और गैस को जलाने तथा प्रदूषण फैलाने वाली अन्य गतिविधियों के कारण 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि के बावजूद ला नीना (ठंड) के प्रभाव के कारण दुनिया पर इसका असर अपेक्षाकृत कम यहां। अब जब दुनिया अल नीनो ( गर्मी) के दौर में दाखिल हो रही है, तब ग्लोबल वार्मिंग के न‌ए खतरे की ओर अग्रसर होने की आशंका है।

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित

#sansadmonsoonsatra

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। संसद का मानसून सत्र गत 20 जुलाई से शुरू है। लेकिन पिछले 6 दिनों से दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका है और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता रहा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्य़सभा को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। विपक्ष संसद में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है। विपक्ष द्वारा लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं राज्यसभा सांसद मनोज झा, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, सैयद नसीर हुसैन, जेबी माथेर, डॉ. वी सिवादासन और संदीप पाठक ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी और हंगामा होने लगा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।वहीं, मणिपुर की स्थिति पर सदन में नारेबाजी के बीच राज्यसभा दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

डेरेक ओब्रायन और जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक

मणिपुर की स्थिति पर उच्च सदन में भी भारी नारेबाजी हुई। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। 

मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं- प्रहलाद जोशी

इधर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है विपक्ष के लोग मणिपुर जाना चाहते हैं तो जाएं। वहां की सरकार व्यवस्था देखेगी, कहां उन्हें ले जाना है और क्या व्यवस्था करनी है, उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। लेकिन मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं। हम सब कुछ बताने को तैयार हैं। 

हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे- प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि विपक्ष शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा में भाग नहीं लेते और संसद में किसी भी विधेयक को पारित करने में सहयोग नहीं करते। हम उनसे रचनात्मक सुझाव लेने को तैयार हैं, लेकिन वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव ले आए। जब भी जरूरत होगी, हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और चूंकि हमारे पास संख्या है, इसलिए हमें कोई समस्या नहीं है।

पीएम मोदी ने गुजरात में किया 'सेमीकॉन इंडिया' का उद्घाटन, कहा-भारत में हो रहा बड़ा बदलाव

#pmmodiinauguratessemconindia2023in_gujarat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने गांधीनगर में सेमीकंडक्टर उद्योग पर आधारित एक प्रदर्शनी सेमीकॉन इंडिया 2023 का उद्घाटन किया।इस कार्यक्रम में सेमीकंडक्टर्स से जुड़ी तकनीक को प्रदर्शित किया जाएगा।सेमीकॉन इंडिया 2023 के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे सॉफ्टवेयर को अपडेट करना जरूरी है, वैसे ही यह कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया के जरिए इंटस्ट्री, एक्सपर्ट्स और नीति निर्माताओं के साथ संबंध अपडेट होते रहते हैं। मेरा ये भी मानना है कि संबंधों में तालमेल के लिए ये जरूरी है।

कंपनियों को आश्वस्त करते हुए कहा- आपको भारत कभी निराश नहीं करेगा

गुजरात में सेमीकॉन इंडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यहां सभी कंपनियों का स्वागत किया और कहा कि 21वीं सदी में भारत के लिए अवसर ही अवसर हैं। पीएम मोदी ने यहां कार्यक्रम में कहा कि मैं सभी कंपनियों को आश्वस्त करता हूं कि आपको भारत कभी निराश नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का जो कारोबार भारत में 30 बिलियन था, वह आज 100 बिलियन डॉलर पार कर गया है। डिजिटल सेक्टर में भारत आज बड़ा बदलाव देख रहा है।

पहले सवाल था निवेश क्यों, अब है निवेश क्यों नहीं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल हम सभी ने सेमीकॉनइंडिया के पहले संस्करण में भाग लिया था। उस समय इस पर चर्चा हो रही थी कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करें? जब हम एक साल बाद अब मिल रहे हैं , सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है कि निवेश क्यों न करें? सवाल ही नहीं हवा का रुख भी बदल गया है। यह बदलाव आप और आपके प्रयासों से आया है। आप जुड़े हैं, आपका भविष्य भारत की आकांक्षाओं से जुड़ा है। आपने अपने सपनों को भारत की क्षमता से जोड़ा है और भारत कभी किसी को निराश नहीं करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन हुआ 100 अरब डॉलर के पार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग पर बात की। कहा कि आज भारत बेस्ट मोबाइल फोन बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में दो मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थी। आज ये बढ़कर 200 से ज्यादा हो चुकी है। 2014 में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के सिर्फ 6 करोड़ यूजर थे जो आज बढ़कर 80 करोड़ हो गए हैं। 2014 में जहां 25 करोड़ इंटरनेट यूजर थे जो आज बढ़कर 85 करोड़ हो गई है। यह संख्या आपके लिए बढ़ते हुए बिजनेस का एक इंडिकेटर है।2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज ये 100 अरब डॉलर को पार कर गया है।

कंपनियों को मिलेगी 50% वित्तीय मदद

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए मौकों का पूरा संसार है। भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट दो साल में बढ़कर दोगुना से अधिक हुआ। मेरा मानना है कि दुनिया में हम जो चौथी औद्योगिक क्रांति देख रहे हैं, वह भारतीय आकांक्षाओं से प्रेरित है। भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय मदद दी जाएगी। भारत के 300 कॉलेजों में सेमीकंडक्टर से जुड़ा सिलेबस शुरू होगा।

देश-दुनिया की कई बड़ी कंपनियां ले रही हिस्सा

बता दें कि सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस में देश-दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। वेदांता, फॉक्सकोन, माइक्रोन जैसी बड़ी कंपनियों के सीईओ-चेयरमैन कार्यक्रम में पहुंचे हैं। तीन दिनों तक यह कार्यक्रम चलेगा। इस बीच सेमीकंडक्टर फील्ड से तमाम एक्सपर्ट अपनी बात रखेंगे। कंपनियां भारत में निवेश का ऐलान भी कर सकती हैं। पिछले महीने ही माइक्रोन के साथ गुजरात सरकार ने 22,500 करोड़ रुपए की डील की है।

देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और बाढ़ से बुरा हाल, मुंबई और तेलंगाना में स्कूल-कॉलेज बंद, आज भी 26 राज्यों को मौसम विभाग ने किया अलर्ट

#today_rain_in_26_states_up_delhi_mumbai_telangana_imd_alert

इस समय देश के ज्यादातर हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। बारिश की वजह से देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।लेकिन अभी लोगों को इस परेशानी से निजात मिलता नहीं दिख रहा है। दरअसल, मौसम विभाग ने देश के अलग- अलग इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।जिन राज्यों में चेतावनी जारी की गई है, उनमें तेलंगाना से लेकर, महाराष्ट्र, और पूर्वोत्तर के कई हिस्से शामिल हैं। इसके साथ ही मुंबई के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है।बाकी राज्यों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने और तेज गति से हवा चलने की चेतावनी दी गई है।

शुक्रवार के लिए जारी किया अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार 28 जुलाई के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है।आईएमडी ने कहा है इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस वजह से यहां के निवासियों को बेहद ही ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही मौसम विज्ञान के समूचे उत्तर भारत के राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

बिजली गिरने और तेज आंधी के साथ बारिश की आशंका

आईएमडी ने आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने और तेज आंधी (हवा की गति 30-40 किमी. प्रति घंटे) के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।वहीं पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने के साथ बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में तेज आंधी चलने की भी संभावना जताई है।

शनिवार से हल्की हो जाएगी बारिश

वहीं आईएमडी ने शनिवार 29 जुलाई से हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। लेकिन, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही विभाग ने बताया है कि शनिवार से देशभर में बारिश हल्की होती जाएगी, लेकिन इसके बावजूद बिहार पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, झारखंड पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है

दिल्ली-एनसीआर में ऐसा रहेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शनिवार तक लगातार बारिश होने की संभावना है, जबकि पूर्वी यूपी में शुक्रवार से 31 जुलाई तक तेज बरसात होगी। राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी आज बारिश होगी। मध्य भारत में गुरुवार से शनिवार तक हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ और विदर्भ में भी आज अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में दरार! जानें कांग्रेस ने कैसे संभाले हालात

#many_coalition_parties_angry_with_congress_on_no_confidence_motio

केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने महागबंधन बनाया है। हालांकि शुरू से ही इस गठबंधन की सफलता पर शक किया जा रहा है। इस बीच खबर मिल रही है कि अविश्वास प्रस्ताव के मसले पर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में दरार नजर आ रही है।सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के कई नेता अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस देने के मामले में कांग्रेस के रवैये से नाराज हैं।अकेले कांग्रेस की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को ले कर गठबंधन में शामिल दूसरे कई दलों की नाराजगी के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जहां खेद जताने पड़ा, वहीं वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को मोर्चा संभालना पड़ा।

कांग्रेस की ओर से जल्दबाजी में नोटिस भेजे जाने से बढ़ी नाराजगी

बीते बुधवार यानी 26 जुलाई को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी INDIA की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस की तरफ से इतनी जल्दबाजी में नोटिस भेजे जाने के कारण अलायंस की अन्य सहयोगी पार्टियां भड़क गई। कुछ नेताओं के मुताबिक, बुधवार सुबह INDIA में शामिल नेताओं की बैठक में सहयोगी दलों ने कांग्रेस के इस एकतरफा कदम पर आपत्ति जताई।उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय मंगलवार को सामूहिक रूप से लिया गया था, इसलिए नोटिस को भी इंडिया में शामिल सहयोगी दलों के नेताओं के हस्ताक्षर के साथ सामूहिक रूप भेजा जाना चाहिए था।

इन्होंने जताया विरोध

सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर तृणमूल, सपा, शिवसेना उद्धव गुट, वाम दल और द्रमुक ने आपत्ति दर्ज कराई। कांग्रेस के अकेले नोटिस भेजने के इस फैसले का विरोध करने वाले नेताओं में डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), टीआर बालू (डीएमके), रामगोपाल यादव (एसपी), संजय राउत (एसएस), एलामाराम करीम (सीपीआई-एम) और बिनॉय विश्वम (सीपीआई) शामिल थे। 

कांग्रेस ने मानी गलती

गठबंधन में शामिल दूसरे कई दलों की नाराजगी के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जहां खेद जताने पड़ा, वहीं वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को मोर्चा संभालना पड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विरोध कर रहे नेताओं को यह कहकर शांत कर दिया कि उनकी पार्टी ने जो किया वह एक चूक थी और इस पर उन्हें खेद है। बाद में, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मीडिया से किए गए आधिकारिक बातचीत में कहा, "हम इस तथ्य पर जोर देना चाहते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव अकेले कांग्रेस का नहीं है, बल्कि INDIA गठबंधन में शामिल सभी सहयोगी दलों की तरफ भेजा गया एक सामूहिक प्रस्ताव है।

गौरव गोगोई ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

दरअसल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने सुबह 9.20 पर ही स्पीकर के दफ्तर में अविश्वास प्रस्ताव सौंप दिया था जबकि गठबंधन दल के नेता सुबह 10 बजे मीटिंग के लिए पहुंचे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंप दिया गया तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई।

पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बाली में हुई थी बॉर्डर विवाद पर बात, 8 महीने बाद विदेश मंत्रालय ने किया खुलासा

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भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से गतिरोध की स्थिति बरकरार है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हुए संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है।बॉर्डर पर हालात अभी भी पूरी तरह सुधरे नहीं हैं। हालांकि, उसके बाद से ही बॉर्डर पर हालात को सुधारने की दिसा में दोनों तरफ से कई कोशिशें हो चुकी हैं।इस बीच भारत सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि पिछले साल नवंबर में हुई जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रिश्ते सुधारने के लिए विस्तृत चर्चा हुई थी। अभी तक इस मुलाकात को औपचारिक ही माना जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने विस्तृत चर्चा की जानकारी दी है।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी। यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी।

द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को हल करना है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना है।

हाल ही में मिले थे अजित डोभाल-वांग यी

इससे पहले हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहान्सबर्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच एक बैठक के बाद दावा किया था कि शी और मोदी पिछले साल नवंबर में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे।

बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं जून 2020 में गलवान में आमने-सामने आई थीं, तभी से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ईस्टर्न लद्दाख के इलाके में बड़ी संख्या में सैनिक जमा हो गए थे और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं, चीन-भारत तभी से इस मसले पर भिड़े हुए हैं और कोशिश की जा रही है कि बॉर्डर पर हालात को सुधारा जाए।