पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बाली में हुई थी बॉर्डर विवाद पर बात, 8 महीने बाद विदेश मंत्रालय ने किया खुलासा
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भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से गतिरोध की स्थिति बरकरार है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हुए संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है।बॉर्डर पर हालात अभी भी पूरी तरह सुधरे नहीं हैं। हालांकि, उसके बाद से ही बॉर्डर पर हालात को सुधारने की दिसा में दोनों तरफ से कई कोशिशें हो चुकी हैं।इस बीच भारत सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि पिछले साल नवंबर में हुई जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रिश्ते सुधारने के लिए विस्तृत चर्चा हुई थी। अभी तक इस मुलाकात को औपचारिक ही माना जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने विस्तृत चर्चा की जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी। यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी।
द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को हल करना है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना है।
हाल ही में मिले थे अजित डोभाल-वांग यी
इससे पहले हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहान्सबर्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच एक बैठक के बाद दावा किया था कि शी और मोदी पिछले साल नवंबर में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे।
बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं जून 2020 में गलवान में आमने-सामने आई थीं, तभी से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ईस्टर्न लद्दाख के इलाके में बड़ी संख्या में सैनिक जमा हो गए थे और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं, चीन-भारत तभी से इस मसले पर भिड़े हुए हैं और कोशिश की जा रही है कि बॉर्डर पर हालात को सुधारा जाए।
Jul 28 2023, 10:51