सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी संयुक्त विपक्ष, जानें क्या है पूरी प्रकिया
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मणिपुर में जारी हिंसा और राज्य में बिगड़ते हालात को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। पार्टियों द्वारा संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की जा रही है। इस बीच संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ इस मसले पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी हैं।26 विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' ने मोदी सरकार के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने कहा कि नोटिस का मसौदा तैयार है और बुधवार सुबह इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा।
मंगलवार को विपक्षी गठबंधन दलों की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला हुआ था। मंगलवार 25 जुलाई को जब विपक्षी नेताओं की बैठक खरगे के कार्यालय में शुरू हुई तो उन्होंने इस प्रस्ताव की घोषणा की और सभी नेताओं से इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी।इस प्रस्ताव पर सभी दलों ने सहमति जताई और आगे बढ़ने का फैसला किया गया।
किस तरह लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव
हमारे देश में सरकारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अक्सर लाए जाते रहे हैं। इससे सरकार और विपक्ष दोनों अपनी मजबूती की परख करते हैं। हालांकि ये प्रस्ताव एक प्रक्रिया के तहत ही लाया जा सकता है। बगैर इसके अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। क्या है ये प्रक्रिया। कैसे संसद में ये प्रस्ताव पेश होता है।सबसे पहले विपक्षी दल को लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित सूचना देनी होती है। इसके बाद स्पीकर उस दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहती हैं।
संविधान में नहीं है अविश्वास प्रस्ताव
हालांकि, संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र नहीं हैं। भारत के संविधान में संसदीय प्रक्रिया के रूप में अविश्वास प्रस्ताव का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। यह संसदीय लोकतंत्र के वेस्टमिंस्टर मॉडल की संसदीय प्रणालियों से लिया गया है। अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, जो भारतीय संसद का निचला सदन है। राज्यसभा, यानि कि उच्च सदन के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने की शक्ति नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव पर स्पीकर वोटिंग के बजाय कोई और फैसला भी ले सकते हैं।
इसे किन स्थितियों में लाया जाता है
जब किसी दल को लगता है कि सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है. तब वो अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है।
मोदी सरकार के लिए कितना खतरा?*
इस वक्त लोकसभा में एनडीए के पास 333 सांसद हैं, जिनमें बीजेपी के पास ही अकेले 301 सांसद है। इसके अलावा दूसरे 12 दलों के 32 सांसद सरकार के साथ हैं। वहीं विपक्षी दलों के पास 142 सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के पास 50 तो टीएमसी के पास 23 सांसद हैं। इसके अलावा डीएमके के पास 24 और जेडीयू के पास 16 सासंद हैं। इस तरह से 12 पार्टियों के कुल 142 सांसद हैं जो एनडीए से नंबर गेम में बहुत पीछे हैं। यानी बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है।
Jul 26 2023, 13:13