यूपीः वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप, सभी घाट डूबे, नावों के संचालन पर रोक, विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बदलकर दशाश्वमेध घाट से 40 फीट पीछे किया गया
यूपी के काशी में गंगा का रौद्र रूप दिखने लगा है। सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। बनारस की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बदलकर दशाश्वमेध घाट से 40 फीट पीछे कर दिया गया है। पर्यटन भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
गंगा का पानी वरुणा नदी में भी प्रवेश करने लगा है। जिससे तटीय इलाकों में बने घरों पर खतरा मंडराने लगा है। गंगा 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं। जलस्तर 66 मीटर तक पहुंच गया है। पानी बढ़ने से गंगा में नावों का संचालन रोक दिया गया है।
मणिकर्णिका घाट डूबने से अंतिम संस्कार में दिक्कत
काशी का महाश्मशान कहे जाने वाला मणिकर्णिका घाट भी डूब गया है। अंतिम संस्कार में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध और सिंधिया घाट भी गंगा की आगोश में समा गया है। वाराणसी के सभी 84 घाटों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंगा किनारे रहने वाले लोगों को जिला प्रशासन ने चेतावनी दे दी है और उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कह दिया गया है।
फर्रुखाबाद में काशीराम कॉलोनी डूबी, दो सौ परिवार भागे
फर्रुखाबादः जिले में गंगा के बढ़ते जलस्तर ने 10 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। काशीराम कॉलोनी हैबतपुर गढ़िया में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। गंगा खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर बह रही है। नरौरा बांध से 1 लाख 32 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है।
शमसाबाद, अमृतपुर, राजेपुर क्षेत्र के 150 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। काशीराम कॉलोनी हैबतपुर गढ़िया में बाढ़ का पानी 5 से 6 फीट तक भरा है। जिसकी वजह से करीब 200 परिवार काशीराम कॉलोनी से पलायन कर चुके हैं। हजारों एकड़ फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं।
Jul 24 2023, 13:17