यमुना के जलस्तर बढ़ने के कारण त्रिपाल और पन्नी लगाकर रोड किनारे रह रहे दो परिवार में मारपीट, दो लोग घायल


दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के कालिंदी कुंज थाना क्षेत्र में मदनपुर खादर में त्रिपाल या पन्नी फटने के कारण दो पक्षों में भयंकर मारपीट हो गई। मारपीट में चुम्मन के बेटे और प्रवीण की पत्नी मुतुल को चोटें आई हैं।

त्रिपाल लगाकर रह रहे हैं लोग

दरअसल, प्रवीण और चुम्मन का परिवार मदनपुर खादर के कलीमुल्लाह मोहल्ले में रहते हैं। अभी यमुना का जल स्तर बढ़ने के कारण सड़क किनारे त्रिपाल और पन्नी लगाकर इनका परिवार रह रहा हैं। प्रवीण ठेला चलाने का काम करता हैं। उसने अपनी ठेला चुम्मन के तंबू के पास खड़ी कर रखी थी। इसी बीच चुम्मन ने अपनी त्रिपाल की रस्सी प्रवीण की ठेला से बांध दिया था। 

शुक्रवार दोपहर जब प्रवीण अपना ठेला लेकर जाने लगा तो चुम्मन का त्रिपाल खींचने के कारण फट गया । इस पर चुम्मन और प्रवीण के बीच बहस शुरू हो गई और फिर बहस मारपीट में बदल गई। मारपीट में चुम्मन के बेटे और प्रवीण की पत्नी मुतुल को चोटें आई हैं।

बाढ़ के बाद शुरू हुईं बीमारियों की मार,बढ़े आई फ्लू के मामले, अस्पतालों में मरीजों की बढ़ी भीड़

नोएडा में बाढ़ के बाद शहर के लोगों में आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर बच्चों में ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में स्कूलों ने एडवायजरी जारी करते हुए अभिभावकों को हिदायत दी है कि अगर बच्चे में आई फ्लू के लक्षण हैं तो उसे स्कूल न भेजें। 

डॉक्टरों का कहना है कि पहले आई फ्लू के मरीज तीन से चार दिन में ठीक हो जाते थे, लेकिन अब आठ से दस दिन लग रहे हैं।

उत्तर प्रदेश ऑप्थेल्मोलॉजी सोसाइटी की महासचिव नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मोहिता शर्मा ने बताया कि मानसून में वायरस आसानी से पनपते हैं। इस वजह से बीमारियां बढ़ जाती हैं। कंजक्टिवाइटिस के मामले पूरे प्रदेश से सामने आ रहे हैं। आंखों का लाल होना, सफेद या पीला कीचड़ आना, पानी आना, सूजन, खुजली और दर्द होना आई फ्लू के लक्षण हैं। तैराकी करने वालों में आई फ्लू का ज्यादा खतरा है।

मेट्रो अस्पताल के नेत्र विभाग के अध्यक्ष व वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रजत आनंद ने बताया कि इस समय ओपीडी में 10 से 15 केस आ रहे हैं, जबकि पिछले महीने तक मुश्किल से एक से दो केस आ रहे थे। आई फ्लू के बचने के लिए हाथों की साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है। बच्चे हाथों की साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं, इस वजह से संक्रमण जल्दी हो जाता है।

आई फ्लू होने पर रखें ध्यान

- आंखों को बार-बार छूने से बचें।

- आंखों को साफ करने के लिए टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें।

- एक बाद इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को कचरेदान में फेंक दे।

- किसी से भी आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं।

- टीवी या मोबाइल से दूर रहें।

सीयूईटी पीजी 2023 रिजल्ट की घोषित,बैचलर डिग्री कर चुके छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में इस रिजल्ट के आधार पर मिलेगी दाखिला

नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सीयूईटी पीजी 2023 रिजल्ट की घोषणा कर दी है. एजेंसी ने 8 लाख से अधिक बच्चों के लिए सीयूईटी पीजी परीक्षा परिणाम जारी किया है, जो आधिकारिक वेबसाइट cuet.nta.nic.in पर उपलब्ध है.

 उम्मीदवार सीयूईटी पीजी स्कोर को एप्लीकेशन नंबर और डेट ऑफ बर्थ की मदद से डाउनलोड कर सकते हैं. आपको बता दें कि सीयूईटी पीजी परीक्षा के जरिए ही बैचलर डिग्री कर चुके छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिला मिलता है. 

सीयूईटी पीजी स्कोर के जरिए छात्र न सिर्फ डीयू में बल्कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीजी कोर्सों में एडमिशन पा सकते हैं. आइये जानते हैं देश के उन पांच यूनिवर्सिटी के बारे में जहां छात्रों को सीयूईटी पीजी स्कोर के आधार पर दाखिला मिलेगा.  

डीयू यानी दिल्ली यूनिवर्सिटी

सीयूईटी पीजी स्कोर के आधार पर छात्रों को देश के जाने-माने यूनिवर्सिटी दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है. वैसे तो दिल्ली यूनिवर्सिटी का एनआईआरएफ रैंकिग में ऑल इंडिया रैंक 11 है, लेकिन इस यूनिवर्सिटी का अलग ही जलवा है. बॉलीवुड के कई बड़े स्टार ने इस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, इसमें शाहरुख खान का नाम भी शामिल है. 

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी 

सेंट्रल यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी,एनआईआरएफ रैंकिंग 2023  में दूसरे पायदान पर है. इस यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों में छात्रों को सीयूईटी पीजी स्कोर के आधार पर एडमिशन प्राप्त मिलता है. जेएनयू से छात्र आर्ट्स और सहित कई अन्य विषयों में पीजी कर सकते हैं.

नई दिल्ली: "दो मारपीट की घटना में एक कि मौत दूसरा घायल,अस्पताल में भर्ती, चल रहा है इलाज़


नई दिल्‍ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दो आपराधिक घटनाएं सामने आईं. पहली घटना में दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जहांगीरपुरी में एक रेहड़ी पटरी लगाने वाले रामविलास नाम के शख्स के साथ एक बैटरी रिक्शा वाले अज्ञात शख्स की मारपीट की हुई, जिसमें रामविलास की मौत हो गई. 

अज्ञात शख्स की तलाश जारी है. वहीं, दूसरे मामले में कुछ नाबालिग़ लड़के चंदा इकट्ठा कर रहे थे, वहां पर संजय नाम के शख्स से उनकी कुछ कहासुनी हुई. इस पर लड़कों ने संजय पर कुछ फेंक कर मारा, जिससे वह घायल हो गया. 

पुलिस ने बताया कि संजय को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है और वह खतरे से बाहर है. इस मामले में 4 से 5 जूविनाइल को पुलिस ने हिरासत में लिया है. 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था कायम है. इस घटना को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाए.

हेल्थ टिप्स: स्टार फ्रूट्स के सेवन से इम्युनिटी होगी बूस्ट साथ हृदय रोगों से भी बचाता है ये फल


दिल्ली:- खट्टा रसीला कमरख यानी स्टार फ्रूट विटामिन बी विटामिन और फाइबर का खजाना है, जिसके कारण यह इम्यूनिटी बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में सहायक होता है।

अक्सर लोग खांसी-सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, गले में खराश, ठंड लगने से उल्टी, पेट दर्द, दस्त आदि समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन समस्याओं को आप कुछ मौसमी फलों को खाकर भी दूर कर सकते हैं। 

सर्दी के मौसम में खट्टे फल खूब मिलते हैं। इन्हीं में से एक फल है कमरख या स्‍टार फ्रूट (Kamrakh Benefits)। इसका सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि कमरख (Star fruit) में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो छोटी-मोटी सर्दी में होने वाली समस्याओं को दूर करते हैं। कमरख में विटामिन सी, ई और बी 6 की प्रचुर मात्रा में मौजूद होती है। इसके अलावा पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर और जिंक का भी खजाना है यह फल। 

इसे खाने से आप कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं। जानें, कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने से आपके शरीर को क्या फायदे होंगे।

कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने के फायदे

1. दिल रहे स्वस्थ

कमरख यानी स्टार फ्रूट (Carambola Fruit) में फॉलिक एसिड, विटामिन बी 9 और एंटीऑक्सीडेंट काफी होता है, जो हार्ट की समस्याओं से आपको बचाए रखता है। इसे खाने से आप हार्ट अटैक के खतरे से भी बचे रहते हैं।

2. डैंड्रफ का सफाया

कुछ लोगों को ठंड के दिनों में रूसी (Dandruff in winter) की समस्या हो जाती है। ऐसे में कमरख (Kamrakh Benefits) या स्टार फ्रूट को बादाम के तेल में पकाकर सप्ताह में दो-तीन बार लगाएं। इससे रूसी या ड्रैंडफ की समस्या दूर हो जाएगी। बालों में गजब का शाइन नजर आएगा।

3. आंख रहेंगे हेल्दी

मैग्नीशियम और विटामिन बी 6 के गुणों के कारण यह आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे आंखों में सूजन, दर्द, पानी निकलना और कम दिखाई देने की समस्या दूर होती है।

4. बूस्ट होगी इम्यूनिटी

पोषक तत्‍व और विटामिन सी के गुणों से भरपूर स्टार फ्रूट के सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे शरीर में ताजगी और एनर्जी बनी रहती है।

5. भूख बढ़ाए

कुछ लोग सर्दी के दिनों में बहुत कम पानी पीते हैं। खाने से भी बचते हैं। इससे आपका शरीर कमजोर हो सकता है। पानी की कमी से शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है। सुबह के समय स्टार फ्रूट का जूस पिएं। दो-तीन दिनों में ही आपको भूख-प्यास लगने लग जाएगी।

विशाखापट्टनम में जन्मी सिने तारिका जरीना वहाव के फिल्मी कैरियर के साथ निजी जिंदगी में भी रहा उतार-चढ़ाव


नई दिल्ली (दिल्ली डेस्क) 17 जुलाई 1959 के दिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जन्मी जरीना वहाब आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. हालांकि, एक दौर ऐसा भी रहा, जब उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

दरअसल, सांवला रंग होने के कारण जरीना को कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. बर्थडे स्पेशल में हम आपको जरीना की जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू करा रहे हैं. 

ऐसे शुरू हुआ एक्टिंग का करियर

बता दें कि जरीना ने करियर की शुरुआत करने से पहले एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी. उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. उनकी अदाकारी की लोग मिसाल देते थे, लेकिन पहला मौका पाने के लिए भी जरीना को काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा. शुरुआत में उन्हें फिल्म गुड्डी में कास्ट किया गया, लेकिन बाद में यह किरदार जया बच्चन को मिल गया. जरीना को पहला मौका देव आनंद की फिल्म इश्क इश्क इश्क से मिला, जिसमें उन्होंने जीनत अमान की बहन का किरदार निभाया था. 

इन फिल्मों में दिखाया अपना दम

बता दें कि इश्क इश्क इश्क फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन जरीना के अभिनय को काफी सराहा गया था. हालांकि, जरीना वहाब को सिनेमा की दुनिया में असली पहचान फिल्म 'चितचोर' से मिली. राजश्री प्रोडक्शन की इस फिल्म में जरीना के काम की काफी सराहना हुई. इसके अलावा उन्होंने 'घरौंदा', 'अनपढ़', 'सावन को आने दो', 'नैया', 'सितारा' और 'तड़प' जैसी कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. 

उतार-चढ़ाव भरी रही निजी जिंदगी

बता दें कि जरीना वहाब की निजी जिंदगी काफी उथल-पुथल भरी रही. उन्होंने अभिनेता आदित्य पंचोली को अपना हमसफर बनाया है और वह सूरज पंचोली की मां हैं. जरीना के पति और बेटे दोनों का नाम कई विवादों में आ चुका है, जिसके चलते उनके नाम की चर्चा होने लगती है. जब कंगना ने आदित्य पंचोली पर आरोप लगाए थे, तब जरीना ने अपने पति का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि जब मैंने खुद से छोटे लड़के से शादी की थी, मैं तब से ही इसके लिए तैयार थी.

गाज़ियाबाद: वेव सिटी थाना क्षेत्र में को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे मिला महिला का शव, हत्या की आशंका

गाजियाबाद, वेव सिटी थाना क्षेत्र में मंगलवार को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे सुंदरदीप कालेज के पास एक महिला का खून से लथपथ शव मिला। शव के पास से कोई दस्तावेज बरामद नहीं होने के कारण महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी है.

खून से लथपथ मिला महिला शव

अंदेशा जताया जा रहा है कि महिला की हत्या की गई है. वहीं, पुलिस प्रथम दृष्टया मामले को सड़क हादसे का मानकर चल रही है. शव की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं. मसूरी पुलिस मंगलवार तड़के गश्त पर थी. इस दौरान ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे सुंदरदीप कालेज के पास एक महिला का शव पड़ा मिला.

करीब 35 साल है महिला की उम्र

घटना दूसरे थाना क्षेत्र की होने के कारण पुलिस ने वेव सिटी पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. महिला की उम्र करीब 35 साल है.

महिला की शिनाख्त के हो रहे प्रयास

एसीपी वेव सिटी रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि महिला की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक कार भी क्षतिग्रस्त मिली है.इसके चलते सड़क हादसा होना प्रतीत हो रहा है। मामले की जांच की जा रही है.

बेटी से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 26 दिन में सुनाया फैसला


मथुरा (दिल्ली एनसीआर): जनपद के पोस्को एक्ट कोर्ट ने मंगलवार को दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 80 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. कार्य दिवस के मात्र 26 दिनों में कोर्ट ने 10 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले सौतेले बाप को सजा सुनाई है. बहुत कम दिनों में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

अभियोजन के मुताबिक फरह थाना क्षेत्र इलाके में 17 मई को महेंद्र अपनी 10 साल की बेटी को अपने साथ आधार कार्ड बनवाने के लिए मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले गया था. इस दौरान वह आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर हिंदुस्तान कॉलेज के पास जंगल में ले जाकर सौतेली बेटी के साथ घिनौनी हरकत की थी. 

इसके बाद महेंद्र ने बेटी को धमकाते हुए कहा कि अगर किसी से कुछ कहा तो जान से मार दूेगा. जब नाबालिग घर पहुंची तो उसने अपनी मां को सारी बात बता दी.

इसके बाद 18 मई को फरह थाने में पीड़िता की मां ने आरोपी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए संगीन धाराओं में जेल भेज दिया. पुलिस ने विवेचना कर आरोपी के खिलाफ 12 जून को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. जिस पर न्यायाधीश पोस्को एक्ट कोर्ट में एडीजीसी अधिवक्ता ने केस की पैरवी की. अधिवक्ता एडीजीसी अलका उपमन्यु ने बताया कि मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट कोर्ट ने नाबालिग के साथ हुई घिनौनी घटना में दोषी को आजीवन कारावास की सजा और आर्थिक दंड अस्सी हजार रुपये लगाया गया है. पुलिस की सतर्कता और न्यायालय में कड़ी पैरवी करते हुए दोषी को कार्य दिवस के मात्र 26 दिन में सजा सुनाई दे.

के के पाठक को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर लगायी अंतरिम रोक


दिल्ली/पटना: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया है,जिसमें राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के खिलाफ कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था. 

पूर्व की सुनवाई में जस्टिस पीवी बजंत्री की खंडपीठ ने एक अवमानना के सिलसिले में के के पाठक के विरुद्ध जमानतीय वारंट जारी किया था.कोर्ट ने के के पाठक को 13 जुलाई,2023 को निश्चित रूप से कोर्ट में स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन किसी कारणवश के के पाठक स्वयं उपस्थित नहीं होकर,अपने वकील के जरिए हाजिर हुए थे. 

कोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना करार देते हुए उनकी हाजिरी को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया।

पटना हाईकोर्ट ने जारी किया था जमानती वारंट: अपर मुख्य शिक्षा सचिव की ओर से कोर्ट के समक्ष उपस्थित अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया था कि केके पाठक ने जून, 2023 में अपने पद पर योगदान दिया था. नालंदा के एक टीचर घनश्याम प्रसाद सिंह को हेडमास्टर के पद पर प्रोन्नत का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर आदेश का पालन किये जाने का निर्देश दिया.

HC में 20 जुलाई को सुनवाई: 

नालंदा के जिला शिक्षा 

पदाधिकारी ने आदेश का पालन कर विभाग को सूचित किया. उस शिक्षक ने भी आदेश के अनुपालन होने को स्वीकार किया. पटना उच्च न्यायालय द्वारा केके पाठक के विरुद्ध जारी जमानती वारंट को एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी. इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 जुलाई, 2023 को होगी.

कुछ खास: राजा अबुम्बी द्वितीय,जिनकी हैं 100 रानियां आइये जानते हैं,आज भी इस परम्परा को ढोने वाले ये किस देश की राजा हैं...?


नई दिल्ली ( दिल्ली डेस्क):- बाफुत के 11वें फॉन या राजा अबुम्बी द्वितीय की 100 रानियां हैं. उन्‍होंने इन सभी से शादी नहीं की है. स्थानीय परंपरा के अनुसार जब एक फॉन की मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को उसकी सभी पत्नियां विरासत में मिलती हैं.

फिर वह अपनी रानियों से शादी करता है. बाफुत के प्रिंस निक्शन के मुताबिक, रानियों की साम्राज्‍य में बहुत बड़ी भूमिका होती है. 

उन्होंने कहा कि पुरुष को राजसी भूमिका में आकार देना इन सभी महिलाओं पर निर्भर करता है. अबुम्बी की तीसरी पत्‍नी क्‍वीन कॉन्स्टेंस कहती हैं कि हर सफल आदमी के पीछे एक बेहद सफल और कट्टर महिला का हाथ होता है.

क्‍वीन कॉन्‍स्‍टेंस के मुताबिक, हमारी परंपरा है कि जब आप राजा होते हैं, तो बुजुर्ग पत्नियां छोटी पत्नियों को स्‍थानीय रीति-रिवाज सौंपती हैं. साथ ही बुजुर्ग रानियां राजा बनने वाले राजकुमार को भी अपनी परंपराओं की शिक्षा देती हैं.

 बता दें कि कैमरून में बहु विवाह कानूनी तौर पर मान्‍य है. इसके बाद भी आंकड़े बताते हैं कि अफ्रीकी महाद्वीप में बहुत कम लोग ही बहु विवाह करते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे पहले तो बदलते मूल्य, ईसाई धर्म के प्रसार, पश्चिमी जीवन शैली को लेकर बढ़ते आकर्षण के कारण लोग बहु विवाह से दूर रहते हैं. 

वहीं, बड़े परिवार रखने की बढ़ती लागत ने भी बहुविवाह की प्रथा को चुनौती दी है.

परंपरा और आधुनिकता के बीच फंसा जीवन

कैमरून के पारंपरिक शासकों को बदलती सोच और पुरानी परंपराओं की दो विरोधी संस्‍कृतियों के बीच अपना जीवन जीना पड़ता है. बाफुत पर शासन करने वाले अबुम्‍बी द्वितीय ने स्‍वीकार किया कि उपनिवेशवाद के दौरान शासन के अन्य मूल्य आए, जो हमारे पारंपरिक मूल्यों से काफी अलग थे. इसलिए पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक पश्चिमी मूल्यों के बीच लगातार संघर्ष होता रहा है. बता दें कि बाफुत 47 साल से क्षेत्र में सबसे बड़ा साम्राज्‍य है. अबुम्‍बी द्वितीय कहते हैं कि मेरी भूमिका सभी मूल्‍यों को मिलाकर आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की है, ताकि प्रजा अपनी संस्कृति को नष्ट किए बिना विकास और आधुनिकता का एकसाथ आनंद ले सके.

राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने खुद भी 28 शादियां की हैं. उनके कुल 500 बच्‍चे हैं.

बहुविवाह की आलोचना सही है या गलत

अबुम्‍बी द्वितीय का मानना है कि संस्कृति के बिना इंसान मनुष्य नहीं, पशु जैसा हो जाता है. इसलिए हम अपनी प्रजा को संस्कृति की सुरक्षा की गारंटी देते हैं. पश्चिमी देशों में बहुविवाह की हमेशा आलोचना की जाती है. फिर भी कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इसे मूल्यवान परंपरा मानते हैं. फॉन अबुम्बी द्वितीय से मिलने वाले कुछ लोगों का कहना है कि इस परंपरा में जो दिखता है, उससे कहीं ज्‍यादा है. उनके मुताबिक, हम राजाओं की जीवनशैली का आकलन करने में जल्दबाजी कर सकते हैं. लेकिन, ये ठीक वैसा ही है, जैसे यूनाइटेड किंगडम तथा अफ्रीकी राज्य के राजा एक समृद्ध संस्कृति और इतिहास से बंधे हैं.

विरासत में मिलीं पत्नियां हैं नैतिक दायित्‍व

बाफुत की प्रथा के मुताबिक, नए राजा को अपने पिता से विरासत में मिली सभी पत्नियां उसके लिए नैतिक दायित्व से ज्‍यादा कुछ नहीं हैं. ऐसे ही कई राजपरिवार बहुत सफल भी हैं. कैमरून के सबसे युवा पारंपरिक शासकों में से एक बाबुंगो के फॉन एनडोफुआ जोफिया द्वितीय की रानियां शासन में राजा की काफी मदद करती हैं. उनकी सभी युवा पत्नियां फ्रेंच भाषी क्षेत्र में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती थीं. वे सभी शानदार मार्केटर्स थीं. ये सभी रानियां परंपरा के कारण जोफिया द्वितीय के साथ थीं. यह साफ दिखने वाला विरोधाभास ही है, जो प्रेम में जीवन को आकर्षक और भ्रमित करने वाला बनाता है.

क्‍या अतीत और वर्तमान के बीच फंसे हैं राजा

अब सवाल उठता है कि क्‍या ऐसे राजपरिवार अतीत में फंसे हुए हैं या वर्तमान के साथ तालमेल बैठा रहे हैं? फॉन जोफोआ तृतीय को नहीं लगता कि किसी भी राजा को इन दोनों में से कुछ भी चुनना होगा. पिता की मृत्यु के बाद भले ही उन्‍हें 72 पत्नियां और 500 से ज्‍यादा बच्चे विरासत में मिले हों, लेकिन वह खुद को एक आधुनिक राजा मानते हैं. वह कहते हैं कि मौजूदा दौर में किसी भी शासक को राज्य चलाने के लिए शिक्षित होना चाहिए. आजकल चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं. वह कहते हैं कि शिक्षा प्रकाश है और अज्ञानता अंधेरा है.राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने 1968 में पिता के निधन के बाद गद्दी संभाल ली थी.

अबुम्‍बी द्वितीय खुद भी कर चुके 28 शादियां

राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने 1968 में पिता के निधन के बाद गद्दी संभाल ली थी. अबुम्‍बी द्वितीय पिता की मौत होने के बाद कैमरून में बाफुत के राजा बने. अबुम्बी द्वितीय को अपने स्वर्गीय पिता से 72 रानियां और उनके बच्चे विरासत में मिले थे. इसके बाद उन्‍होंने खुद भी 28 शादियां की हैं. बता दें कि अफ्रीकन देश कैमरून में एक से अधिक महिलाओं से शादी करने यानी कि बहुविवाह का रिवाज है. कोई भी व्यक्ति कितनी भी शादी कर सकता है, जिसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है.