अब हैदराबाद में हिजाब विवादःबुर्का पहनकर परीक्षा देने गई छात्राओं को रोका गया, गृह मंत्री के बयान से मामले ने पकड़ा तूल

#burqacontroversyhyderabad_college 

कर्नाटक का हिजाब विवाद तो याद होगा आप लोगों को।हालांकि, कर्नाटक में हिजाब का विवाद अब शांत होता दिख रहा है। वहीं तेलंगाना के हैदराबाद में ऐसे ही एक मामले को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है। हैदराबाद के एक कॉलेज में बुर्का पहनकर एग्जाम देने गई छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने से रोकने का मामला सामने आया है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और बुर्का उतारने के बाद ही एग्जाम में बैठने दिया गया।

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छात्राओं ने आरोप लगाया कि केवी रंगा रेड्डी डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन के कर्मचारियों ने उन्हें परीक्षा में बैठने से मना कर दिया। मुस्लिम छात्रों ने यह भी कहा कि परीक्षा देने से पहले उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा। छात्राओं ने बताया कि उन्हें बुर्का उतारने के लिए फोर्स किया गया और कहा गया कि एग्जाम हाल में बुर्का पहनकर नहीं जा सकते। आपको अंदर बुर्का उतारकर आना होगा, एग्जाम खत्म होने के बाद बाहर फिर पहन सकते हैं।

तेलंगाना के गृह मंत्री ने पकड़ा अलग ट्रैक

इस विवाद में तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली का भी बयान आया है। मंत्री ने कहा कि महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए। जब उनसे केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में हुई घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं छोटे कड़े पहनती हैं तो समस्या होती है।

महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए- मोहम्मद महमूद

गृह मंत्री मोहम्मद ने कहा कि हमारी नीति बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष नीति है। हर किसी को अपनी इच्छानुसार पहनने का अधिकार है। लेकिन, किसी को हिंदू या इस्लामी प्रथाओं के अनुसार पोशाक पहनना चाहिए। लेकिन ड्रेस यूरोपियन कल्चर की तरह मत पहनिए। विशेष रूप से महिलाओं को चाहिए कि वे छोटे कपड़े न पहनें और उन्हें जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए। इस्लामिक या हिंदू संस्कृति के हिसाब से ड्रेस पहनिए, जिसमें ज्यादा हिस्सा कवर होता है।

बता दें कि बुर्का पहनकर परीक्षा देने से रोके जाने पर छात्राओं के परिजनों ने गृहमंत्री महमूद अली के पास कॉलेज के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि छात्राएं कुछ भी पहन सकती है, सिवाय विदेशों की तरह छोटे-छोटे कपड़े छोड़कर। जो भी हिजाब और बुर्का पर रोक लगाई है उन पर कार्रवई होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सेक्युलर पार्टी है। लड़कियों का जो मन हैं वो पहने। जैसे इस्लामिक ड्रेस होती है वो मुस्लिम पहने. हिंदू महिलाएं साड़ी पहनती हैं सिर पर पल्लू रखती।

अब हैदराबाद में हिजाब विवादःबुर्का पहनकर परीक्षा देने गई छात्राओं को रोका गया, गृह मंत्री के बयान से मामले ने पकड़ा तूल

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कर्नाटक का हिजाब विवाद तो याद होगा आप लोगों को।हालांकि, कर्नाटक में हिजाब का विवाद अब शांत होता दिख रहा है। वहीं तेलंगाना के हैदराबाद में ऐसे ही एक मामले को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है। हैदराबाद के एक कॉलेज में बुर्का पहनकर एग्जाम देने गई छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने से रोकने का मामला सामने आया है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और बुर्का उतारने के बाद ही एग्जाम में बैठने दिया गया।

छात्राओं ने आरोप लगाया कि केवी रंगा रेड्डी डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन के कर्मचारियों ने उन्हें परीक्षा में बैठने से मना कर दिया। मुस्लिम छात्रों ने यह भी कहा कि परीक्षा देने से पहले उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा। छात्राओं ने बताया कि उन्हें बुर्का उतारने के लिए फोर्स किया गया और कहा गया कि एग्जाम हाल में बुर्का पहनकर नहीं जा सकते। आपको अंदर बुर्का उतारकर आना होगा, एग्जाम खत्म होने के बाद बाहर फिर पहन सकते हैं।

तेलंगाना के गृह मंत्री ने पकड़ा अलग ट्रैक

इस विवाद में तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली का भी बयान आया है। मंत्री ने कहा कि महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए। जब उनसे केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में हुई घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं छोटे कड़े पहनती हैं तो समस्या होती है।

महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए- मोहम्मद महमूद

गृह मंत्री मोहम्मद ने कहा कि हमारी नीति बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष नीति है। हर किसी को अपनी इच्छानुसार पहनने का अधिकार है। लेकिन, किसी को हिंदू या इस्लामी प्रथाओं के अनुसार पोशाक पहनना चाहिए। लेकिन ड्रेस यूरोपियन कल्चर की तरह मत पहनिए। विशेष रूप से महिलाओं को चाहिए कि वे छोटे कपड़े न पहनें और उन्हें जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए। इस्लामिक या हिंदू संस्कृति के हिसाब से ड्रेस पहनिए, जिसमें ज्यादा हिस्सा कवर होता है।

बता दें कि बुर्का पहनकर परीक्षा देने से रोके जाने पर छात्राओं के परिजनों ने गृहमंत्री महमूद अली के पास कॉलेज के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि छात्राएं कुछ भी पहन सकती है, सिवाय विदेशों की तरह छोटे-छोटे कपड़े छोड़कर। जो भी हिजाब और बुर्का पर रोक लगाई है उन पर कार्रवई होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सेक्युलर पार्टी है। लड़कियों का जो मन हैं वो पहने। जैसे इस्लामिक ड्रेस होती है वो मुस्लिम पहने. हिंदू महिलाएं साड़ी पहनती हैं सिर पर पल्लू रखती।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जिनका अपना इतिहास नहीं वे पूरा समृद्ध संस्कृति व इतिहास को मिटाने पर हैं उतारू



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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया। इसका नया नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) कर दिया। सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक बैठक में नाम बदलने का फैसला किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले पर कहा- जिनका अपना इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास और संस्कृति को मिटाने पर उतारू हैं। स्मारक का नाम बदलने का प्रयास आधुनिक भारत के निर्माता और लोकतंत्र के निर्भीक संरक्षक पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व को छोटा नहीं कर सकता। यह भाजपा-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये को ही दर्शाता है।

पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया

इससे पहले 2016 में पीएम मोदी ने परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। तब भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

संस्कृति मंत्रालय ने नाम बदलने की जानकारी दी

संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज में बताया तीन मूर्ति भवन, जहां NMML स्थित है। यहां नेहरू सहित भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करने वाला प्रधानमंत्री संग्रहालय भी है। पहले इस संग्राहालय का नाम नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी था, अब इसे बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है।

पंडित नेहरू का आधिकारिक निवास रहा यह भवन

एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया। पंडित नेहरू 16 साल तक यहां रहे थे।

1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। पंडित नेहरू की 75वीं जयंति पर 14 नवंबर को इसे स्मारक बना दिया गया था।

1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। पंडित नेहरू की 75वीं जयंति पर 14 नवंबर को इसे स्मारक बना दिया गया था।

1964 में नेहरू स्मारक संग्रहालय बनाया गया था

नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने फैसला किया कि तीन मूर्ति हाउस जवाहरलाल नेहरू को समर्पित किया जाना चाहिए। तब की सरकार ने इसमें एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा।

14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया। इसके दो साल बाद, संस्था के प्रबंधन के लिए NMML सोसायटी की स्थापना की गई और तब से यही बनी हुई थी।

सोसाइटी के अध्यक्ष PM मोदी 

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर शामिल हैं।

आंधप्रदेश में YSR कांग्रेस के सांसद की पत्नी और बेटे का अपहरण, फिरौती देने गए सांसद के दोस्त को भी किडनैपर्स ने बनाया बंधक, पुलिस ने तीनों को छु

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आंधप्रदेश में YSR कांग्रेस के सांसद एमवीवी सत्यनारायण की पत्नी और बेटे के अपहरण का मामला सामने आया है। फिरौती देने गए सांसद के दोस्त को भी किडनैपर्स ने पकड़ लिया। हालांकि शिकायत मिलने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने तीनों को किडनैपर्स के चंगुल से छुड़वा लिया। घटना 13 जून की है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, विशाखापत्तनम के पुलिस कमिश्नर सीएच त्रिविक्रम वर्मा ने बताया- मंगलवार (13 जून) को सुबह 8 बजे उनके पास YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद एमवीवी सत्यनारायण का फोन आया। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी, बेटे और पेशे से ऑडिटर दोस्त वेंकटेश्वराव का अपहरण कर लिया गया है।

YSR कांग्रेस के सांसद एमवीवी सत्यनारायण राजनेता होने के साथ-साथ फिल्म प्रोड्यूसर भी हैं। उनकी कंपनी का नाम एमवीवी सिनेमा फिल्म प्रोडक्शन कंपनी है।

बेटा घर पर अकेला था

पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ता मंगलवार को सत्यनारायण के घर में उस समय घुसे जब सांसद का बेटा और पत्नी अकेले थे। किडनैपर्स ने सत्यनारायण की पत्नी से सोना और नकदी भी छिन ली और उन्हें किडनैप करके ले गए।

कुछ देर बाद सांसद सत्यनारायण के घर पेशे से ऑडिटर दोस्त वेंकटेश्वराव पहुंचे। उन्होंने देखा कि घर में कोई नहीं है। उसी दौरान उनके पास एक फोन आया और उन्हें किडनैपिंग की जानकारी दी गई। किडनैपर्स ने उनसे फिरौती की मांग की।

किडनैपर्स इससे पहले सांसद के बेटे शरत चंद्र के बैंक अकाउंट से भी पैसे ट्रांसफर करवा चुके थे। इसके बाद उन्होंने सांसद के दोस्त वेंकटेश्वराव से भी पैसों की डिमांड की। वेंकटेश्वराव जब उन्हें पैसे देने गए तो उन्हें भी किडनैप कर लिया गया।

17 टीमों ने कुछ घंटों में आरोपियों को पकड़ा

शिकायत मिलने के बाद हमने फौरन 17 टीमों को शहर की सीमा पर तैनात कर दिया। पदबनबम पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को तब पकड़ा जब वे भाग रहे थे। तीनों को उनके चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया गया है। वेंकटेश्वराव और सांसद के बेटे शरत चंद्र को मामूली चोटें आई हैं। पुलिस ने दो आरोपियों हेमंत और राजेश को गिरफ्तार किया है।

मुख्य आरोपी की पहचान 

पुलिस ने बताया कि किडनैपिंग मामले में मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है। उसका नाम हेमंत कुमार है। उस पर हत्या और अपहरण समेत 12 मामले दर्ज हैं। वह 15 दिन पहले ही जेल से छुटकर बाहर आया था। कुल 7 किडनैपर्स थे, जिनमें दो को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया गया है। बाकी की तलाश जारी है।

उत्तराखंड के चार धाम यात्रा में खलल डाल सकता है चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा-ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट जारी

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उत्तराखंड में मौसम शुष्क है और चटख धूप भीषण गर्मी का एहसास करा रही है। हालांकि, आज 17 जून से प्रदेश में मौसम के करवट बदलने के आसार हैं। गुजरात पहुंचने के बाद बिपरजॉय का असर उत्तर भारत के राज्यों में भी दिखने की आशंका है।

चारधाम समेत पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा-ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट

उत्तराखंड में आज से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का अप्रत्यक्ष प्रभाव नजर आ सकता है। जिसके चलते प्रदेश में कहीं-कहीं अंधड़ और तीव्र बौछारों की आशंका है। खासकर चारधाम समेत पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा-ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही अगले तीन दिनों में प्रदेश में भारी वर्षा को लेकर भी चेतावनी दी गई है।

मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास

प्रदेश में जून की शुरुआत से ही मौसम शुष्क है और पारा लगातार चढ़ रहा है। ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा दर्ज की जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने के कारण भीषण गर्मी से जन-जीवन बेहाल रहा। हालांकि, आज से प्रदेश में कहीं-कहीं मौसम करवट बदल सकता है।

बिपरजॉय चक्रवात के कारण अंधड़ और भारी वर्षा के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का अप्रत्यक्ष असर उत्तराखंड में भी दिख सकता है। वायुमंडल में चक्रवात के कारण नमी बढ़ने और निम्न दबाव क्षेत्र उत्पन्न होने के कारण वर्षा वाले बादल विकसित हो सकते हैं।

शनिवार से ही उत्तराखंड में बिपरजॉय चक्रवात के कारण अंधड़ और भारी वर्षा के आसार बन रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी वर्षा व ओलावृष्टि हो सकती है। जबकि, निचले इलाकों में 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की चेतावनी है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चारधाम यात्रा मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

शहर, अधिकतम, न्यूनतम

देहरादून, 37.8, 23.4

ऊधमसिंह नगर, 37.0, 23.4

मुक्तेश्वर, 28.4, 15.1

नई टिहरी, 27.1, 16.9

‘कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, मगर…’, कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया था ये जवाब

#would_rather_jump_into_well_than_join_congress_gadkari

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केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के सीनियर नेता नितिन गडकरी अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। नितिन गडकरी अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गडकरी ने एक पुराना वाकये को याद करते हुए खुलासा किया कि एक बार एक नेता ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वह उस पार्टी का सदस्य बनने के बजाय कुएं में कूद जाएंगे।

कांग्रेस के दिवंगत नेता श्रीकांत जिचकर ने दी थी सलाह

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर शुक्रवार को महाराष्ट्र के भंडारा में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक पुराना वाकये का जिक्र किया। उन्होंने दिवंगत कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर द्वारा एक बार दी गई सलाह को भी याद किया।गडकरी ने बताया, जिचकर ने एक बार मुझसे कहा- आप एक बहुत अच्छे पार्टी कार्यकर्ता और नेता हैं, और यदि आप कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो आपका भविष्य उज्जवल होगा। लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल होने के बजाय कुएं में कूद जाऊंगा। क्योंकि मुझे भाजपा और उसकी विचारधारा पर पूरा भरोसा है और मैं इसके लिए काम करना जारी रखूंगा।

गडकरी ने की आरएसएस की सराहना

गडकरी ने बताया कि ये उस वक्त की बात है, जब मैं छात्र नेता था। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अपने पुराने दिनों को याद किया। साथ ही खुद में मूल्य स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सराहना की। 

कांग्रेस पार्टी बनने के बाद से कई बार टूट चुकी है-गडकरी

केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस के बारे में कहा कि पार्टी बनने के बाद से कई बार टूट चुकी है। उन्होंने कहा, ‘हमें अपने देश के लोकतंत्र के इतिहास को नहीं भूलना चाहिए। हमें भविष्य के लिए अतीत से सीखना चाहिए। अपने 60 वर्ष के शासन के दौरान कांग्रेस ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया, लेकिन अपने निजी लाभ के लिए उसने कई शैक्षणिक संस्थान खोले।

कांग्रेस के 60 सालों का काम 9 साल में हुआ

गडकरी ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के अपने दृष्टिकोण के लिए पीएम मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अपने 60 साल के शासन में जितना काम नहीं कर पाई, उससे दोगुना काम भाजपा सरकार ने पिछले नौ साल में किया है।

यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस ने बेलारूस भेजे परमाणु हथियार, पुतिन बोले- खतरा होने पर करेंगे इस्तेमाल

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करीब डेढ़ साल से यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध चल रहा है। इस बीच रूस ने एक और बड़ा कदम उठाया है। रूस के परमाणु हथियारों का जखीरा बेलारूस पहुंच गया है। इसकी पुष्टि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को की है। सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच की मेजबानी करते समय रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि हथियारों का पहला जत्था बेलारूस भेज चुके हैं। वहीं, बचे हुए हथियारों को गर्मी के अंत तक पहुंचा दिया जाएगा।

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रूस यूक्रेन की सीमा से लगे देश में परमाणु बम तैनात करने की योजना के तहत आगे बढ़ रहा है। युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं।

पहले भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे चुका है रूस

यूक्रेन पर हमला करने के बाद कई बार रूस की तरफ से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी जा चुकी है। अब अपने फॉरवर्ड प्लान के तहत रूस ने यूक्रेन की सीमा से लगते इलाकों में परमाणु हथियारों को तैनात करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में उसने अपने खास सहयोगी देश बेलारूस में परमाणु हथियार भेजा है।

हिरोशिमा-नागासाकी पर गिराए गए बम से तीन गुना शक्तिशाली

रूस के राष्ट्रपति पुतिन का बयान बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेन्को के उस दावे के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस सप्ताह उनके देश ने रूस से मिसाइल और बमों की पहली खेप प्राप्त कर ली है। लुकाशेंको ने यह भी कहा कि रूस से जो परमाणु हथियार मिले हैं वे द्वितीय विश्वयुद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से तीन गुना शक्तिशाली हैं

रूस ने बढ़ाई पूरी दुनिया की टेंशनें

रूस के इस कदम से पूरी दुनिया की टेंशनें बढ़ गई हैं। क्योंकि यह पहली बार है कि रूस इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है। रूस का यह कदम अपने आप में बहुत मायने रखता है क्योंकि मॉस्को का दुनिया के सामने यह स्पष्ट संदेश है कि चाहे कुछ भी हो जाए रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में पीछे नहीं हटेगा।

अजित पवार की जुबां से फिर निकले पीएम के लिए तारीफ के बोल, कहा- उनके पास वो ही करिश्मा जो एक समय में इंदिरा गांधी के पास हुआ करता था

#ncp_leader_ajit_pawar_once_again_praises_pm_modi

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महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफ की है। अजीत पवार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सराहना की। दोनों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी आज देश के कई राज्यों में सरकार बनाए हुए हैं। बीजेपी इन दोनों के कारण ही कई राज्यों में आज सरकार बना पाई है।साथ ही पवार ने पीएम मोदी की तुलना इंदिरा गांधी से भी की।

अजित पवार ने जलगांव में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ‘ पीएम नरेंद्र मोदी के पास आज वो ही करिश्मा है जो एक समय में इंदिरा गांधी के पास हुआ करता था। आज पीएम मोदी के कामों के चलते ही देश में बीजेपी आई है। उनके कारण ही कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है। अजित पवार ने कहा कि पीएम मोदी के अंदर करिश्मा है और इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी साहब के समय में भी बीजेपी की सरकार को पूरा बहुमत नहीं मिला था, लेकिन पीएम मोदी के कारण सरकार को पूर्ण बहुमत मिला है।

पहले भी कर चुके हैं पीएम मोदी की तारीफ

अजित पवार इससे पहले अप्रैल में भी ऐसी ही तारीफ कर चुके हैं। पुणे के पास एक कार्यक्रम में अजित पवार ने कहा था कि नरेंद्र मोदी करिश्मा हैं. जो काम अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता नहीं कर सके, वह काम नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया। उन्होंने कहा था कि 2014 और 2019 में बीजेपी को नरेंद्र मोदी के दम पर जीत मिली थी। नरेंद्र मोदी के कारण ही 1984 के बाद 2014 में देश को पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी।

अजीत पवार के इस बयान के निकल रहे कई मायने

अजित पवार का ताजा बयान इस मायने में भी अहम है क्योंकि उनके चाचा शरद पवार ने बीते दिनों एनसीपी में बड़े बदलाव कर अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। जबकि, अजित पवार को ऐसा कोई अहम पद नहीं दिया। इससे पहले अटकलों का बाजार गर्म था कि अजित पवार एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ बगावत कर महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार को समर्थन दे सकते हैं। हालांकि, अजित पवार ने बाद में इन अटकलों को खारिज कर दिया था।

मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख ने जताई चिंता, केंद्र सरकार से की ये खास अपील

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बीते 3 मई से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई थीं। जिसके बाद से रह-रह कर बवाल हो रहा है।राज्य में जारी हिंसा पर अब पूर्व सैन्य अधिकारी ने भी चिंता जाहिर की है। 

केंद्र सरकार से की अपील

पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने केंद्र सरकार से मणिपुर के हालात पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है।जनरल मलिक ने राज्य में खराब स्थिति पर मणिपुर के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए 'उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने' के लिए कहा। 

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि 'मणिपुर के एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल से बात हुई और वह बहुत दुखी थे। मणिपुर में कानून व्यवस्था पर शीर्ष स्तर पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने जताई थी चिंता

इससे पहले,राज्य की राजधानी इंफाल के निवासी लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट किया था कि राज्य के हालात बेहद खराब हो गए हैं। निशिकांत सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मैं एक आम भारतीय हूं और एक रिटायर्ड जिंदगी जी रहा हूं। राज्य में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है। लोगों की जिंदगी, उनकी संपत्ति कभी भी किसी के द्वारा नष्ट की जा सकती है जैसे कि लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया आदि देशों में। ऐसा लग रहा है कि मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन भी रहा है?

बता दें कि एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी मणिपुर में हालात काबू में नहीं आ पा रहे हैं।राज्य में हिंसा की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।

जूनागढ़ में दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर बवाल, पथराव और आगजनी, भीड़ ने पुलिस चौकी पर बोला हमला

#violenceinjunagadhmobattackspolicepersonnel

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गुजरात के जूनागढ़ में शुक्रवार रात एक अवैध दरगाह को लेकर जमकर बवाल मचा। दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। उसके बाद लोग भड़क गए और पुलिसकर्मयों को ही निशाना बना दिया। इस दौरान उपद्रवियों की भीड़ ने मजेवड़ी चौक स्थित पुलिस चौकी पर हमला कर तोड़फोड़ कर दी और वाहनों को आग के हवाले कर दिया।इतना ही नहीं पुलिस थाने पर पत्थरबाजी भी की गई।हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

डीएसपी, पीएसआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल

अवैध दरगाह को हटाने का नोटिस जारी होते ही मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध शुरू कर दिया।प्रशासन ने मजेवाड़ी में स्थित एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। जिसके बाद जिम्मेदारों की तरफ से प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं पहुंचा। ऐसे में प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला लिया, उसी दौरान पुलिस और भीड़ के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान कई सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया है।भीड़ ने इस दौरान जमकर पथरबाजी की। जब पुलिस स्थिति को काबू करने के लिए मौके पर पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया।असामाजिक तत्वों ने मजेवड़ी थाने पर हमला कर दिया। इस हमले में डीएसपी, पीएसआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसमें 2 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इतना ही नहीं एक सरकारी वाहन को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।

क्या है मामला ?

प्रशासन ने जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। इलाके के लोग इसका विरोध कर रहे थे। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी राात यही गुस्सा बेकाबू हुआ और जूनागढ़ में जंग जैसे हालात बन गए। जिस दरगाह को हटाए जाने का नोटिस दिया गया था, वो मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने स्थित है।