जीडीपी आंकड़ों ने सरकार को दी राहत, चौथी तिमाही में 6.1% की दर से बढ़ी
#2022-23_economy_growth_at_the_rate_of_6.1_percent_in_march
सरकार ने चौथी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़ें जारी कर दिए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही है। इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी। जबकि जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में चार प्रतिशत रही थी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत थी। इसी के साथ सरकार ने राजकोषीय घाटा के आंकड़े भी जारी किए हैं। सरकार का राजकोषीय घाटा नीचे आया है।ये भी अनुमान से बेहतर रहा है।केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए बुधवार को बताया कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।
अगर वित्त वर्ष 2022-23 में इकोनॉमिक ग्रोथ के आंकड़ों को तिमाही आधार पर देखें, तो अप्रैल-जून तिमाही में इंडिया की इकोनॉमी ने 13.1 प्रतिशत की दर से ग्रोथ दर्ज की। जबकि जुलाई-सितंबर में ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत और अक्टूबर-दिसंबर में 4.5 प्रतिशत रहा।
इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर को पार कर लेगी। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक की बीते शुक्रवार को जारी शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, लेकिन सरकार के आंकड़ों में यह छह फीसदी से भी ज्यादा रही।
Jun 01 2023, 10:02