साक्षी के हत्यारे साहिल के हाथ में कलावा? लोग पूछ रहे सवाल- एक तरफा प्यार लव जिहाद

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दिल्ली में नाबालिग साक्षी की हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 20 साल का एक बेरहम, सनकी आशिक 16 साल के अपने प्यार को सरेआम निर्ममता से कत्ल कर डालता है। इस घटना का खौफनाक वीडियो सामने आया है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग दहल गए हैं। इधर दिल्ली पुलिस हत्या के आरोपी युवक साहिल को गिरफ्तार कर लिया है। युवक की गिरफ्तारी की तस्वीर सामने आते ही इस घटना में 'लव जिहाद' के एंगल की एंट्री हो गई है। दरअसल, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद सामने आई उसकी तस्वीर पर तमाम लोगों ने सवाल किए हैं। आरोपी का नाम साहिल है लेकिन उसके हाथ में कलावा क्यों है?

बाहरी उत्तरी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में रविवार रात एक युवक ने हैवानियत की सारी हदें पार कर एक नाबालिग लड़की की चाकू के 40 से अधिक वार कर बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी बीच सड़क पर किशोरी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले करता रहा। युवक पर इस कदर खून सवार था कि चाकू मारने के बाद भी उसकी दिल नहीं भरा। उसने एक बड़ा पत्थर उठाकर किशोरी पर ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। बाद में वह लड़की को लात मारकर वहां से फरार हो गया। इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सोमवार दोपहर बाद आरोपी को बुलंदशहर यूपी से गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी साहिल की गिरफ्तारी के बाद की तस्वीरे सामने आई है। इस तस्वीर में देका जा सकता है कि साहिल के हाथ में कलावा बंधा हुआ है। लोग हाल ही में रिलीज हुई मूवी द केरल स्टोरी से भी जोड़कर देख रहे हैं। बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सुनियोजित लव जिहाद है. जिसमें हिंदू लड़की को निशाना बनाया गया है। कपिल मिश्रा आरोप लगाते हुए सवाल भी खड़े किए हैं और पूछा है कि आखिरी साहिल के पीछे मास्टरमाइंड कौन है।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने छोड़ा “हाथ”, थामा टीएमसी का दामन

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पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के इकलौते विधायक और बिजनेसमैन बायरन बिस्वास ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बिस्वास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। वह जीत के तीन महीने के अंदर टीएमसी में शामिल हो गए। बायरन सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर के घाटल में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।

तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘‘आज जनसंजोग यात्रा के दौरान अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में सागरदिघी के कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास हमारे साथ शामिल हुए। हम उनका तृणमूल कांग्रेस परिवार में तहे दिल से स्वागत करते हैं।''

टीएमसी के ट्वीट में कहा गया, ‘‘भाजपा की विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण राजनीति के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प को मजबूत करने के लिए, आपने सही मंच चुना है। साथ मिलकर, हम जीतेंगे।'' बिस्वास ने इस साल की शुरुआत में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागरदिघी सीट जीती थी। इस तरह राज्य विधानसभा में कांग्रेस का खाता खुला था, क्योंकि 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था।

विधानसभा उपचुनाव में मिली थी जीत

अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास के टीएमसी में शामिल होने को लेकर कहा, "बायरन बिस्वास हमारी पार्टी में शामिल हुए, क्योंकि उन्हें लगा कि टीएमसी ही एकमात्र ऐसी ताकत है, जो बंगाल में बीजेपी से लड़ सकती है।" बायरन बिस्वास हाल ही में सागरदीघी विधानसभा उपचुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को पराजित कर विजयी हुए थे। कांग्रेस की जीत तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ी पराजय मानी जा रही थी।

कर्नाटक जीत के बाद जोश में राहुल गांधी, एमपी में 150 सीट जीतने का किया दावा

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कर्नाटक में मिली बंपर जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं।कर्नाटक में मिले जीत के जोश के साथ कांग्रेस पार्टी आगामी चुनाव नें उतरने वाली है।पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मध्य प्रदेश में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आज दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। राहुल ने दावा किया है साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 150 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

कर्नाटक की तर्ज पर लड़ा जाएगा चुनाव

दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में आलाकमान ने नेताओं को एकजुटता का संदेश दिया है। बैठक में मल्लिकाजुर्न खड़गे के अलावा राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए थे। कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश के नेताओं को कर्नाटक की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव लड़ने के निर्देश दिए हैं। वहीं कर्नाटक की तर्ज पर भ्रष्टाचार को ही सबसे बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।

एमपी में डेढ़ सौ सीट जीतेंगे- राहुल

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक में हमें 136 सीटें मिलीं। जो कर्नाटक में किया हम वही मध्य प्रदेश में दोहराने जा रहे हैं। अभी हमारी लंबी बातचीत हुई। हमारा आंतरिक आकलन कहता है कि मध्य प्रदेश में हमें 150 सीटें मिलेंगी।

गुटबाजी के चलते कांग्रेस ने खोई थी सत्ता

मध्य प्रदेश में बीते करीब दो दशकों से भाजपा का शासन है, बीच में कांग्रेस की सरकार आई थी लेकिन वह ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई थी और सिंधिया की बगावत से कुछ ही महीने में कांग्रेस सरकार की विदाई हो गई थी।साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एमपी में जीत हासिल की थी। राज्य का सीएम कमलनाथ को बनाया गया था। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह करने पर कमलनाथ सरकार गिर गई थी। वो मार्च 2020 में अपने कई विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। अब इस बार की चुनाव में कांग्रेस राज्य में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति और सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर का आरोप लगा रही है।

केन्द्र के अध्यादेश पर कांग्रेस और आप के बीच नहीं बनी बात! दिल्ली-पंजाब के नेताओं ने खड़गे को दी समर्थन ना करने की सलाह

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने में लगे हैं। केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से संसद में समर्थन मांग रहे हैं। कुछ पार्टियों ने समर्थन का ऐलान किया है। इसस मामले में कांग्रेस नेताओं की एक मीटिंग हुई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पंजाब और दिल्ली के कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी पार्टी को समर्थन न देने की सलाह दी। खासतौर पर दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने साफ लफ्जों में केजरीवाल को समर्थन से इनकार किया है।

दिल्ली के कांग्रेस नेताओं ने अध्यक्ष खरगे से एक सुर में कहा कि अरविंद केजरीवाल से कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए। अजय माकन से जैसे नेताओं ने पार्टी को केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को समर्थन न देने की सलाह दी। दिल्ली में कांग्रेस नेताओं का माना जा रहा है कि मिला-जुला रुझान रहा। पंजाब कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से दूर रहने की सलाह दी। हालांकि, अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी को समर्थन देने या न देने के फैसले को अध्यक्ष खरगे पर छोड़ दिया है।पंजाब कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा बरार ने बताया कि सभी नेताओं ने अपनी राय दी है। अब आगे का फैसला पार्टी नेता राहुल गांधी और अध्यक्ष खरगे को करना है।

अंतिम फैसला लेने का जिम्मा आलाकमान पर

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने पंजाब और दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में दिल्ली के अधिकारियों के स्थानांतरण पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर आप द्वारा कांग्रेस का समर्थन मांगने के मुद्दे पर चर्चा हुई। करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में सभी नेताओं के विचार जाने गए।पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं की बैठक में दिल्ली के नेताओं ने उनसे कहा कि दिल्ली में आप से कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए। उन्होंने उनसे यह भी कहा कि दिल्ली के अधिकारियों के स्थानांतरण पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर पार्टी को अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े नहीं दिखना चाहिए। हालांकि, नेताओं ने अंतिम फैसला लेने का जिम्मा आलाकमान पर छोड़ दिया है।

क्या है दिल्ली अध्यादेश का मामला

दिल्ली में प्रशासन के मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार में खींचतान चल रही है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया। जहां बीती 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। वहीं जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था पर केंद्र सरकार का नियंत्रण रहेगा। इसके बाद दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले का एक आदेश जारी किया लेकिन इसके खिलाफ केंद्र सरकार एक अध्यादेश ले आई है, जिसके तहतत अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े मामलों के लिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव होंगे। यही अथॉरिटी अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग पर फैसले लेगी और एलजी को सिफारिश भेजेगी। उपराज्यपाल इन्हीं सिफारिशों के आधार पर फैसले लेंगे। अगर उपराज्यपाल सहमत नहीं होंगे तो वह इसे लौटा भी सकते हैं। मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम माना जाएगा। दिल्ली सरकार इस अध्यादेश का विरोध कर रही है और केंद्र पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानने का आरोप लगा रही है।

इंतजार खत्म! कब लॉन्च होगा चंद्रयान-3, इसरो चीफ ने दी जानकारी

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चंद्रयान-3 को इसी साल जुलाई में लॉन्च किया जाएगा।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने ये जानकारी दी है।उन्होंने कहा, ये अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी। बता दें, इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद कही।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असफलता सामान्य बात है। कोई जरूरी नहीं की हर बार हम सफल ही हो, लेकिन बड़ी बात है कि हम इससे सीख लें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जब कोई नए काम किए जाते हैं तो सफलता और असफलता लगी रहती है। सोमनाथ ने कहा कि जब भी कोई सुझाव दिए जाते हैं, तो हम उन पर खरे उतरने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह भी सच है कि हर बार सुझाव सही नहीं हो सकते, असफलता भी मिल सकती है। पर इसका मतलब ये नहीं की हम प्रयोग करना बंद कर दें।

चंद्रयान-2 के चार साल बाद चंद्रयान-3 की होगी लॉन्चिंग

चंद्रयान -3 के प्रक्षेपण का एलान चंद्रयान -2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद हुआ है। चंद्रयान-3 मिशन के जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के उस हिस्से तक प्रक्षेपित होने की उम्मीद है, जो सूर्य की ब्रह्मांडीय किरणों से बचाकर काफी हद तक अंधेरे में रहा है।

2018 में लॉन्च किया गया चंद्रयान-2

बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन 2018 में लॉन्च किया गया था। यह मिशन तीन अलग-अलग प्रणालियों ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का अनूठा संयोजन था। ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर एक कक्षा में स्थापित गया, जबकि लैंडर और रोवर इकाई चंद्रमा के सुदूर भाग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

दिल्ली में दिल दहला देने वाली वारदात, बीच सड़क 16 साल की लड़की को चाकुओं से गोदा, फिर पत्थर से कुचलकर मार डाला

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दिल्ली में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। देश की राजधानी दिल्‍ली की एक गली में हैवानियत का नंगा नाच चलता है।कई लोग उधर से गुजरे भी,लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई इस हैवानियत को रोकने की। मामला शाहबाद डेरी इलाके की है। जहां एक 16 साल की लड़की की लगातार कई बार चाकुओं से गोदा गया। इतना ही नहीं सिरफिरे युवक का इतने से भी उसका मन नहीं भरता है, तो एक पत्थर उठाता है और उससे लड़की को कुचलना शुरू कर देता है।इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। हत्या का आरोप साहिल नाम के लड़के पर लगा है। 

पुलिस के मुताबिक, साहिल और लड़की की दोस्ती थी, लेकिन बीते रविवार को उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था।पुलिस ने बताया कि लड़की जब अपनी दोस्त नीतू के बेटे के बर्थडे पार्टी में जा रही थी, तभी साहिल ने लड़की को रास्ते में रोका और उस पर कई बार चाकू से हमला किया, फिर पत्थर से हमला किया। फिलहाल आरोपी साहिल फरार है। पुलिस टीम उसकी तलाश में दबिश दे रही है।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी साहिल लड़की को चाकू से लगातार गोद रहा है। साहिल लगातार चाकू से हमला करता रहा। इसके बाद उसने कई बार पत्थर से मारा। इसके बाद मौके से भाग गया। घायल लड़की को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई

पुलिस के अनुसार, घटना दिल्ली के रोहिणी इलाके की है। पुलिस पड़ताल में नाबालिग लड़की की पहचान 16 साल की साक्षी के रूप में हुई। मृतका ई-36 जेजे कॉलोनी के रहने वाले जनकराज की पुत्री थी।

क्या समाज संवेदनहीनता की ओर जा रहा है?

हैरानी की बात तो यह है कि साहिल, लड़की पर चाकुओं से हमला करने के बाद पास में रखे पत्थर को उठाता और उससे लड़की को कुचलता है। यह दृश्य भी पास से गुजर रहे लोग देखते भी हैं, लेकिन सब के सब मौन होकर निकल जाते हैं। इस वायरल वीडियो के बाद दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। उससे बड़ा भी एक सवाल उठ रहा उन प्रत्यक्षदर्शियों पर जो इस तरह की दरिंदगी देखकर भी खामोश हैं। क्या समाज संवेदनहीनता की ओर जा रहा है?

स्वाति मालीवाल ने पुलिस को जारी किया नोटिस

डीसीडब्लू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पूरी घटना का वीडियो ट्वीट किया है। स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, "दिल्ली के शाहबाद डेरी में एक नाबालिग मासूम गुड़िया को चाकू गोद-गोदकर मारा गया और उसके बाद पत्थर से उसे कुचल दिया गया। दिल्ली में दरिंदों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस को नोटिस जारी कर रहे हैं। सब हदें पार हो गई हैं। मैंने अपने इतने सालों के करियर में इससे ज़्यादा भयानक कुछ नहीं देखा।

पुतिन से मुलाकात के तुरंत बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अस्पताल में भर्ती, जहर दिए जाने की आशंका

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बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की तबियत बिगड़ गई और उन्हें मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के तुरंत बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की तबीयत अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको को पुतिन के करीबी नेताओं के रूप में जाना जाता था जो यूक्रेन पर उनके हमले का समर्थन कर रहे थे।

लुकाशेंको-पुतिन के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत

बेलारूस में विपक्ष के नेता वालेरी सेपकालो ने बताया कि लुकाशेंकों को तबीयत खराब होने के बाद मॉस्को के सेंट्रल क्लीनिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि लुकाशेंको और पुतिन के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई थी, जिसके बाद लुकाशेंको की तबीयत बिगड़ गई। वालेरी सेपकालो ने बताया कि रूस के शीर्ष डॉक्टर लुकाशेंको का इलाज कर रहे हैं लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वालेरी सेपकालो ने जानकारी दी कि लुकाशेंको के खून को साफ करने की प्रक्रिया चल रही है।

लुकाशेंको को दिया गया जहर?

वालेरी ने कहा कि लुकाशेंको को क्रेमलिन की ओर से जहर देने की आशंका है। उन्होंने दावा किया कि बेलारूसी तानाशाह को बचाने के प्रयास इसलिए किए जा रहे हैं ताकि किसी को 'शक' न हो। पिछले कुछ समय से लुकाशेंको के स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ समय से अफवाहों का बाजार गर्म रहा है। इस महीने की शुरुआत में भी रूस के विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए मॉस्को पहुंचे हुए थे। जहां, पुतिन के साथ उनको लंच भी करना था लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से लुकाशेंको अचानक बेलारूस लौट गए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने खुद ही बयान देते हुए अफवाहों को खारिज कर दिया था और कहा था कि मैं मरने वाला नहीं हूं दोस्तों। आपके अभी बहुत लंबे समय तक मेरे साथ संघर्ष करना होगा। एक बैठक के दौरान लुकाशेंको ने कहा कि था कि वो वह एक सामान्य कोल्ड वायरस एडेनोवायरस की चपेट में है।

स्पेस रिसर्च में भारत की एक और ऊंची उड़ान, नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल

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अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के मामले में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक नई उड़ान भरी। इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जानकारी के अनुसार, दो हजार किलो से ज्यादा वजनी स्पेसक्राफ्ट एनवीएस-01 भारत की नेविगेशनल और निगरानी करने की क्षमताओं को बढ़ा देगा। बताया जा रहा है कि इस स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है।

इसे अंतरिक्ष में भेजने के लिए सैटेलाइट की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू हो गई थी। वैज्ञानिकों ने इसके लिए कल ही काउंटडाउन शुरू की थी. 27.5 घंटे का काउंटडाउन सेट किया गया था. भारतीय जीएसएलवी रॉकेट की मदद से सैटेलाइट को 10.42 बजे लॉन्च किया गया।यह नेविगेशन सैटेलाइट सीरीजी का सेकेंड जेनरेशन रीजनल सैटेलाइट है।

इसरो का यह परीक्षण खास है

51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यह रॉकेट लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा। एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण लेकर गया है। इसरो का यह परीक्षण खास है। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया गया है।

भारत रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाला पहला देश

खास बात यह है कि भारत रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाला पहला देश है। स्पेस में ग्लोबल नेविगेशन सेटालाइट्स की संख्या चार है। मौजूद सैटेलाइट को तमिलनाडु स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया है। नेविगेशन सैटेलाइट रियल-टाइम जियोपॉजिश्निंग और टाइमिंग सर्विसेज मुहैया कराएगा। इस सैटेलाइट को स्पेस में ले जाने वाला रॉकेट जीएसएलवी का यह 15वां स्पेस ट्रिप है। नेविगेशन सैटेलाइट को एनवीएस-01 नाम दिया गया है। इसका वजन 2,232 किलोग्राम बताया जा रहा है।

देश की आंख बनकर सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाएगी

एनवीएस-01 के जरिये भारत का नेविगेशन सिस्टम और मजबूत होगा। इसके साथ ही देश की सीमाओं पर निगरानी में मदद करेगी। इस सैटेलाइट के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित होने से चीन और पाकिस्तान को मिर्च लगना तय है। दोनों ही देशों की ओर से भारतीय सीमाओं पर लगातार उकसावे वाली कार्रवाई की जाती रही है। कहा जा रहा है कि एनवीएस-01 के जरिये अब भारत समय रहते ही सीमाओं पर होने वाली पड़ोसी देशों की नापाक कारगुजारियों का जवाब देने के लिए तैयार हो सकेगा। किसी भी आपात स्थिति में भी इसरो की नाविक सैटेलाइट देश की आंख बनकर सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाने का काम करेगी।

क्या होता है नेविगेशन सेटेलाइट?

स्वदेशी नेविगेशन सेटेलाइट (NAVIC) को इसरो ने विकसित किया और बनाया है। ये सात सैटेलाइट का एक समूह है, जो अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशन की तरह काम करेंगे। ये नेटवर्क सामान्य लोगों से लेकर सैन्य बलों के लिए रणनीतिक तौर पर नेविगेशनल सेवाएं मुहैया कराएगा। इस सिस्टम को भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ रही मांगों को देखते हुए बेहतर नेविगेशन, समय और स्थिति निर्धारण में मदद करेगा।इस सैटेलाइट के जरिये भारत और आसपास का करीब 1500 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में आ जाएगा। इस सैटेलाइट के साथ ही इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी को भी लॉन्च किया है।

पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, दंगे भड़काने की कोशिश का आरोप

#delhi_police_have_filed_fir_against_wrestlers_and_protest_organizers

दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों और उनके समर्थकों पर दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया।

जंतर मंतर पर उपद्रव करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट समेत आयोजकों और जंतर मंतर से हिरासत में लिए गए सभी 109 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) भी प्राथमिकी में शामिल हैं।

बता दें कि, पहलवानों ने 28 मई को संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने के दौरान संसद के पास महिला महापंचायत लगाने की घोषणा की थी। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसी को लेकर पहलवानों ने जंतर मंतर से संसद भवन की ओर कूच किया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान पुलिस की उनसे झड़प हो गई। पुलिस ने जंतर मंतर से 109 महिला व पुरुष पहलवान समेत उनके समर्थकों को हिरासत में लिया। हिरासत में लेने के दौरान पहलवानों व उनके समर्थकों की पुलिसकर्मियों से जमकर हाथापाई व झड़प हुई। घटना में करीब दस पुलिसकर्मियों को चोटें आई, जिनमें चार महिला कर्मी शामिल हैं। 

दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई घटना के मामले में रविवार देर शाम एफआईआर दर्ज की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने पहलवानों साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ ही प्रदर्शन के आयोजकों, और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा- 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, देर शाम पहले सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया, उसके बाद अन्य को भी छोड़ दिया गया। सभी को सख्त हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।

12 जून को होगा जुटान, पटना से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में नीतीश कुमार

#patna_opposition_solidarity_meeting_in_patna_on_june_12

बिहार की राजधानी पटना का राजनीतिक पारा जून के पहले पखवाड़े में चढ़ने वाला है।दरअसल, भाजपा विरोधी गैर कांग्रेसी खेमे के कई मुख्यमंत्रियों को यहां जुटान होना है।विपक्षी एकजुटता को लेकर नीतीश कुमार की पहल पर होने वाली बैठक की तारीख तय हो गयी है। यह बैठक 12 जून को पटना में होगी। देश भर से विपक्षी दलों के राजनीतिक दिग्गज पटना आएंगे और बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरेंगे। 

नीतीश ने बैठक को लेकर नेताओं को कमर कसने को कहा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में अपने पार्टी कार्यालय में जेडीयू पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता दल की बैठक की जानकारी दी। नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर सभी नेताओं से कमर कसने की भी अपील की। पदाधिकारी ने कहा कि पूरी संभावना है कि बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी।

ममता बनर्जी ने पटना में बैठक का दिया था प्रस्ताव

विपक्षी एकजुटता की पहल के सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जब कोलकाता में पश्चि्म बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भेंट की थी। ममता बनर्जी ने ही यह परामर्श दिया था कि इस सिलसिले में एक बड़ी बैठक पटना में आयोजित की जानी चाहिए, उस बैठक में विपक्ष के सभी नेता जुटें और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीति तय हो। इसके बाद ही सभी लोगों की सहूलियत के हिसाब से इसकी तारीख तय करने पर काम हो रहा था। दिल्ली में जब हाल ही में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी से मुलाकात की थी। तब कांग्रेस को तारीख तय करने की जिम्मेवारी दी गयी थी।

ये बड़े नेता होंगे बैठक में शामिल

12 जून को होने वाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री आप नेता अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राकांपा प्रमुख शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेेन के मौजूद रहने की उम्मीद है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की महाबैठक में रणनीति बनाई जा सकती है।