12 जून को होगा जुटान, पटना से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में नीतीश कुमार

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बिहार की राजधानी पटना का राजनीतिक पारा जून के पहले पखवाड़े में चढ़ने वाला है।दरअसल, भाजपा विरोधी गैर कांग्रेसी खेमे के कई मुख्यमंत्रियों को यहां जुटान होना है।विपक्षी एकजुटता को लेकर नीतीश कुमार की पहल पर होने वाली बैठक की तारीख तय हो गयी है। यह बैठक 12 जून को पटना में होगी। देश भर से विपक्षी दलों के राजनीतिक दिग्गज पटना आएंगे और बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरेंगे। 

नीतीश ने बैठक को लेकर नेताओं को कमर कसने को कहा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में अपने पार्टी कार्यालय में जेडीयू पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता दल की बैठक की जानकारी दी। नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर सभी नेताओं से कमर कसने की भी अपील की। पदाधिकारी ने कहा कि पूरी संभावना है कि बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी।

ममता बनर्जी ने पटना में बैठक का दिया था प्रस्ताव

विपक्षी एकजुटता की पहल के सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जब कोलकाता में पश्चि्म बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भेंट की थी। ममता बनर्जी ने ही यह परामर्श दिया था कि इस सिलसिले में एक बड़ी बैठक पटना में आयोजित की जानी चाहिए, उस बैठक में विपक्ष के सभी नेता जुटें और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीति तय हो। इसके बाद ही सभी लोगों की सहूलियत के हिसाब से इसकी तारीख तय करने पर काम हो रहा था। दिल्ली में जब हाल ही में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी से मुलाकात की थी। तब कांग्रेस को तारीख तय करने की जिम्मेवारी दी गयी थी।

ये बड़े नेता होंगे बैठक में शामिल

12 जून को होने वाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री आप नेता अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राकांपा प्रमुख शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेेन के मौजूद रहने की उम्मीद है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की महाबैठक में रणनीति बनाई जा सकती है।

क्या खत्म होगा गहलोत-सचिन विवाद? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज दिल्ली में दोनों नेताओं से करेंगे मुलाकात

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राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जंग जारी है। इसका कांग्रेस को आने वाले चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच चल रही सियासी जंग को जल्द खत्म करने की पार्टी हाईकमान कोशिश कर रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पालयट से मुलाकात करेंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये बैठक पायलट के उस ‘अल्टीमेटम’ के ठीक बाद प्रस्तावित हुई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस महीने के अंत तक राज्य सरकार से उनकी तीन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।पायलट की एक मांग है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

कहा जा रहा है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान गहलोत और पायलट को एक मंच पर लाने के लिए अलग-अलग मुलाकात करेगा। रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को एक साथ लाने में सफल रहे और पार्टी अब इसी फॉर्मूले को राजस्थान में आजमाना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, गोविंद सिंह डोटासरा, अशोक गहलोत, सचिन पायलट समेत डॉ. सीपी जोशी को बुलाया गया है। इसके अलावा, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, भंवर जितेंद्र सिंह, रघुवीर मीणा, कुलदीप इंदौर भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

दरअसल, पायलट ने अपनी मांगों को लेकर अजमेर से जयपुर तक एक जन संघर्ष यात्रा निकाली थी।इस यात्रा के दौरान वह अपनी ही सरकार को घेरते हुए दिखाई दिए थे। जब जन संघर्ष यात्रा खत्म हुई तो पायलट ने गहलोत सरकार के सामने अपनी तीन मांगे रखीं। पायलट ने प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पहले की बीजेपी सरकार यानि वसुंधरा सरकार के अंदर जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं, उस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अपनी दूसरी मांग में पायलट ने पेपर लीक अभ्यथियों को मुआवजा देने की भी बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी ये मांगे नहीं मानी गईं तो वह प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।

*उज्जैन में आंधी तूफान में गिरीं महाकाल लोक की मूर्तियां, निर्माणकार्य पर उठे सवाल, श्रद्धालुओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक*

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मध्यप्रदेश के उज्जैन में बिगड़े मौसम का असर महाकाल लोक पर भी पड़ा है। आंधी के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गईं। घटना रविवार शाम 4 बजे की बताई जा रही है। जैसे ही घटना की जानकारी प्रशासनिक और पुलिस अमले को मिली, वैसे अधिकारी महाकाल लोक पहुंचे और आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद करवा दिया।बता दें कि आज दोपहर के बाद से ही उज्जैन में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया था।जिसके बाद इस तरह के हालात पैदा हुए।

आज जिस समय आंधी और बारिश का दौर शुरू हुआ उस समय वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार होने से वैसे ही भक्तों की संख्या ज्यादा ही थी। जिस समय तेज आंधी आई, वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। तूफान आने से वहां अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। गनीमत यह रही कि इसकी वजह से जनहानि नहीं हुई है।इस घटना की जानकारी मिलने के बाद उज्जैन कलेक्टर महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी एडीएम अनुकूल जैन सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे इसके बाद सुधार कार्य शुरू करवाया गया।

6 से 7 मूर्तियां हुई क्षतिग्रस्त

रविवार दोपहर में तेज आंधी-तूफान के साथ उज्जैन में बारिश हुई है। महाकाल लोक के अंदर कई देवी-देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। आंधी-तूफान के कारण ये मूर्तियां टूटकर गिर गई हैं। साथ ही कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। तेज हवा के जोर से महाकाल लोक परिसर में मौजूद 6 से 7 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई। सप्तऋषि की कुछ मूर्तियां अपनी जगह से उखड़ कर नीचे आ गिरी, वही किसी मूर्ति का हाथ टूट गया, तो किसी का धड़ अलग हो गया। इसके बाद महाकाल प्रबंधन मूर्तियों को व्यवस्थित करने में जुट गया है। 

गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुल

एक साल के अंदर ही तेज आंधी-तूफान में यहां महाकाल लोक में स्थापित बड़ी-बड़ी मूर्तियां टूटकर गिरने लगी हैं। इसके बाद निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, पिछले साल 11 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। लगभग 850 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे महाकाल लोक में किए गए गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुल रही है। आंधी में महाकाल लोक में लगी मूर्तियां उड़ गई और बुरी तरीके से कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुई। गौरतलब है कि घटिया काम को लेकर लोकायुक्त में जांच भी चल रही है। वहीं, मूर्तियां टूटने के बाद उन आरोपों को बल मिला है। अब देखना यह है कि शासन के स्तर पर क्या कार्रवाई होती है।

मणिपुर में हिंसा के बाद पुलिस और सेना की बड़ी कार्रवाई, अब तक 30 से ज्यादा आतंकवादी ढेर, सीएम एन बीरेन सिंह का दावा

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हिंसाग्रस्त मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं।एक बार फिर राज्य के अलग-अलग इलाकों में विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ की खबर है।राज्य पुलिस और सेना ने जातीय हिंसा से प्रभावित कई इलाकों में आठ घंटे से ज्यादा समय का ऑपरेशन चलाया। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दावा किया है कि हिंसा के बाद से अब तक राज्य में 30 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है। इस ऑपरेशन के बाद राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह ने प्रेस वार्ता कर ये जानकारी दी।

सीएम एन बीरेन सिंह ने किया दावा

सीएम एन बीरेन सिंह ने सुरक्षा बलों और मणिपुर पुलिस की कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा कि जिन आतंकवादी समूहों के बारे में कार्रवाई की गई है वे नागरिक आबादी के खिलाफ उन्नत हथियारों से हमले कर रहे थे। रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हवाले से बताया गया है कि आतंकवादी समूह नागरिकों के खिलाफ एम -16 और एके -47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कई गांवों में घरों को जलाने के लिए आए थे। जिसके जवाब में सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने फायरिंग शुरू की। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी निहत्थे नागरिकों के खिलाफ हमले करके राज्य को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ये झड़पें समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच है।

इन इलाकों में हिंसा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विद्रोहियों ने बीती रात दो बजे इंफाल घाटी और उसके आसपास के पांच इलाकों में एक साथ हमला किया। अधिकारियों ने बताया है कि ये झड़पें तब शुरू हुईं हैं, जब सेना ने शांति कायम करने के उद्देश्य से विभिन्न समुदायों को हथियारबंद करने के लिए अभियान शुरू किया। इस बीच, एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के विभिन्न जिलों में सुबह तड़के कई जगहों पर झड़पें हुईं। अधिकारी ने कहा कि हमें काकचिंग में सुगनू, चुराचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है।

3 मई से शुरू हुई हिंसा

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह कल मणिपुर का दौरा करने वाले हैं। उन्होंने मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति लाने के लिए काम करने की अपील की है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल दो दिवसीय दौरे पर राज्य गए थे। इंफाल घाटी और उसके आसपास रहने वाले मैतेई लोगों और पहाड़ियों में बसे कूकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा जारी है। मैतेई लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग है। इसको लेकर कुकी समुदाय से हिंसक झड़पें होती रही हैं। अब तक 70 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। टकराव 3 मई से शुरू हुआ था।

जान लीजिए, एक जून से बदल जाएंगे कई महत्वपूर्ण सरकारी नियम, इन बदले नियमों का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, डिटेल में पढ़िए

 जून का महीना शुरू होने में कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। इस महीने की शुरुआत से कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नियम लागू होने वाले हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। इन नियमों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैंकिंग और गैंस सिलेंडर की कीमत शामिल हैं। 

एलपीजी सिलेंडर की कीमत

हर महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम और तेल विपणन कंपनियों की ओर से नए गैस सिलेंडर के दाम तय किए जाते हैं। इस बार भी इसमें बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है। 10 किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में मई में 171.50 रुपये की कटौती की गई थी। हालांकि, घरेलू गैस की कीमत में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था।

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ेगी

अगले महीने की शुरुआत से दोपहिया वाहन महंगे हो जाएंगे। सरकार की ओर से हाल ही में एक नोटिस जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी 15 हजार रुपये से प्रति किलोवॉट से घटाकर 10 हजार रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। इस कारण आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदना 25,000 रुपये तक महंगा हो सकता है।

100 दिन 100 भुगतान अभियान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का '100 दिन 100 भुगतान' का अभियान एक जून से शुरू हो जाएगा। इसका उद्देश्य देश के हर जिले के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 अनक्लेम्ड राशि का पता लगाया जाना और उसका निपटान किया जाना है। यह अभियान 100 दिनों को लिए चलाया जाएगा। इसका अभियान का उद्देश्य देश में अनक्लेम्ड राशि के सही हकदार का पता लगाकर उसे सौपना है।

कफ सिरप की जांच

सरकार की ओर से एक जून से किसी भी कफ सिरप की जांच से बाद ही उसे निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

जान लीजिए, एक जून से बदल जाएंगे कई महत्वपूर्ण सरकारी नियम, इन बदले नियमों का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, डिटेल में पढ़िए


जून का महीना शुरू होने में कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। इस महीने की शुरुआत से कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नियम लागू होने वाले हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। इन नियमों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैंकिंग और गैंस सिलेंडर की कीमत शामिल हैं।

एलपीजी सिलेंडर की कीमत

हर महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम और तेल विपणन कंपनियों की ओर से नए गैस सिलेंडर के दाम तय किए जाते हैं। इस बार भी इसमें बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है। 10 किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में मई में 171.50 रुपये की कटौती की गई थी। हालांकि, घरेलू गैस की कीमत में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था।

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ेगी

अगले महीने की शुरुआत से दोपहिया वाहन महंगे हो जाएंगे। सरकार की ओर से हाल ही में एक नोटिस जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी 15 हजार रुपये से प्रति किलोवॉट से घटाकर 10 हजार रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। इस कारण आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदना 25,000 रुपये तक महंगा हो सकता है।

100 दिन 100 भुगतान अभियान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का '100 दिन 100 भुगतान' का अभियान एक जून से शुरू हो जाएगा। इसका उद्देश्य देश के हर जिले के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 अनक्लेम्ड राशि का पता लगाया जाना और उसका निपटान किया जाना है। यह अभियान 100 दिनों को लिए चलाया जाएगा। इसका अभियान का उद्देश्य देश में अनक्लेम्ड राशि के सही हकदार का पता लगाकर उसे सौपना है।

कफ सिरप की जांच

सरकार की ओर से एक जून से किसी भी कफ सिरप की जांच से बाद ही उसे निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर पहले राजद ने कर दी ताबूत से तुलना, मचा संग्राम तो ट्वीट कर दी यह सफाई

नई संसद का पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके इस पर सियासत नहीं थम रहा है। उद्घाटन के थोड़ी देर बाद ही बिहार की सत्ताधारी पार्टी आरजेडी ने एक विवादित ट्वीट कर सियासी घमासान और तेज कर दिया है। आरजेडी की तरफ से किए गए ट्वीट में नई संसद की तुलना एक ताबूत से की गई है। जिसमें एक तरफ नए संसद भवन का फोटो है, तो वहीं दूसरी तरफ ताबूत का। जिसपर काफी रिट्वीट भी हुए हैं।

आरजेडी की तरफ से किए ट्वीट में एक तरफ ताबूत और दूसरी तरफ नई संसद का फोटो दिखाते हुए कैप्शन दिया गया है। ये क्या है?

वहीं इस ट्वीट पर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र के पुजारी सब लोग हैं। लेकिन इतिहास बदलने का जो प्रयास किया जा रहा है। उसका सांकेतित प्रतिबिंब हमारी पार्टी ने दिखाया है। लोकतंत्र के मंदिर को बीजेपी ने अपना मंदिर और भवन समझ लिया है। ये समारोह और भव्य होता, अगर 19 विपक्षी दल भी शामिल होते। संसद भवन की ताबूत से तुलना पर उन्होने कहा कि इतिहास को दफ्न किया जा रहा है। उसका सांकेतिक रूप दिखाया गया है। लोकतंत्र के मंदिर का भगवाकरण हो रहा है। ये लोकतंत्र का अपमान है। विपक्ष की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है।

मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए पहलवानों के समर्थन में आज राकेश टिकैत दिल्ली के लिए करेंगे प्रस्थान, पढ़िए, यह दी चेतावनी

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने स्त्री पहलवानों के समर्थन में 28 को दिल्ली कूच का आह्वान किया है। उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर भी वक्तव्य जारी कर आज 28 मई को स्त्री पहलवानों के समर्थन में दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया है।

 राकेश टिकैत रविवार को मुजफ्फरनगर स्थित अपने आवास से कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि सहारनपुर और मेरठ मंडल से जानकारी मिली है कि पुलिस-प्रशासन कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए उनके घरों पर पहुच रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है रात दस बजे तक कार्यकर्ताओं को स्वतंत्र नहीं छोड़ा गया तो ट्रैक्टरों से भारी संख्या में दिल्ली पहुंचकर आंदोलन किया जाएगा।

सरकूलर रोड स्थित अपने आवास पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि रविवार को दिल्ली में स्त्री पहलवानों के समर्थन में सभी भाकियू स्त्री और पुरुष संसद भवन जाएंगे। उन्हें पता लगा है कि दिल्ली पुलिस प्रशासन ने सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। भाकियू कार्यकर्ता अपने अपने मोटर वाहनों से किसान क्रांति गेट गाजीपुर पर एकत्रित होंगे और वहीं से आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि पुलिस प्रशासन ने अपनी फोर्स कार्यकर्ताओं के घरों से नहीं हटाई तो कार्यकर्ता अपने ट्रैक्टर से दिल्ली के लिए निकलेगा और इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।

उन्होंने चेतावनी देते हुए बोला कि यदि पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोका तो आंदोलन जब तक पूर्ण नहीं होगा तब तक भाकियू कार्यकर्ता दिल्ली में डटे रहेंगे। उन्होंने बोला कि 28 तारीख की दिल्ली बैठक के बाद 29 को अमरोहा, 30 को लखीमपुर खीरी, जहां कारागार में बंद किसानों से वार्ता की जाएगी और 31 को फैजाबाद और एक जून को अलीगढ़ टप्पल में बैठक की जाएगी।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर पहले राजद ने कर दी ताबूत से तुलना, मचा संग्राम तो ट्वीट कर दी यह सफाई


नई संसद का पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके इस पर सियासत नहीं थम रहा है। उद्घाटन के थोड़ी देर बाद ही बिहार की सत्ताधारी पार्टी आरजेडी ने एक विवादित ट्वीट कर सियासी घमासान और तेज कर दिया है। आरजेडी की तरफ से किए गए ट्वीट में नई संसद की तुलना एक ताबूत से की गई है। जिसमें एक तरफ नए संसद भवन का फोटो है, तो वहीं दूसरी तरफ ताबूत का। जिसपर काफी रिट्वीट भी हुए हैं।

आरजेडी की तरफ से किए ट्वीट में एक तरफ ताबूत और दूसरी तरफ नई संसद का फोटो दिखाते हुए कैप्शन दिया गया है। ये क्या है?

वहीं इस ट्वीट पर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र के पुजारी सब लोग हैं। लेकिन इतिहास बदलने का जो प्रयास किया जा रहा है। उसका सांकेतित प्रतिबिंब हमारी पार्टी ने दिखाया है। लोकतंत्र के मंदिर को बीजेपी ने अपना मंदिर और भवन समझ लिया है। ये समारोह और भव्य होता, अगर 19 विपक्षी दल भी शामिल होते। संसद भवन की ताबूत से तुलना पर उन्होने कहा कि इतिहास को दफ्न किया जा रहा है। उसका सांकेतिक रूप दिखाया गया है। लोकतंत्र के मंदिर का भगवाकरण हो रहा है। ये लोकतंत्र का अपमान है। विपक्ष की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है।

नए संसद भवन का उद्घाटन पर सियासी घमासान, राजद के ताबूत वाले बयान पर भड़की भाजपा ने कहा, इससे ज्यादा लोकतंत्र का क्या अपमान होगा


भले ही पीएम मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया हो। लेकिन उस पर सियासत औक तेज हो गई है। आरजेडी के उस ट्वीट पर बीजेपी भड़की हुई है। जिसमें राजद ने नए संसद की तुलना एक ताबूत से की है। जिसके बाद बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे ज्यादा लोकतंत्र का क्या अपमान होगा। ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि नई संसद जनता के पैसों के बनी है। और अब नए भवन में ही संसद चलेगी। तो क्या अब आरजेडी हमेशा इसका बहिष्का करेगी। क्या आरजेडी के सांसद लोकसभा और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।

लोकतंत्र का इससे ज्यादा क्या होगा अपमान

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि एक राजनीतिक दल इतनी घटिया मानसिकता पर उतर आया है कि एक शुभ दिन, जो देश के लिए गौरव का दिन हो। उसी दिन नई संसद की तुलना एक ताबूत से की गई है। जिसमें डेडबॉडी को रखा जाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि पुराना भवन 90 साल का हो गया है। और नया भवन बना है तो इसका विरोध क्यों किया जा रहा है? बीजेपी और नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन का विरोध किया जा रहा है। जिसकी आवश्यकता तुरंत देश को पड़ने वाली है।

आरजेडी ने दी ट्वीट पर सफाई

वहीं बीजेपी नेता संजय जासयवाल ने कहा कि यह निंदनीय है। बता दें आज ही नई संसद का पीएम मोदी ने उद्घाटन किया है। थोड़ी ही देर बाद आरजेडी ने ट्वीट कर सियासी बयानबाजी को और धार दे दी है। हालांकि राजद का कहना है कि बीजेपी इस तस्वीर का गलत अर्थ निकाल रहे हैं। ताबूत की तुलना नई संसद से नहीं की गई। बल्कि आज जिस तरह इतिहास को दफ्न किया जा रहा है। उसका सांकेतिक रूप दिखाया गया है। लोकतंत्र के मंदिर का भगवाकरण हो रहा है। ये लोकतंत्र का अपमान है। विपक्ष की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है।