बेगूसराय में डीसीएलआर के पद पर तैनात मनीष भारद्वाज को यूपीएससी में मिला 114वां रैंक, मिलेगा आईपीएस बन अब करेंगे देश की सेवा
बेगूसराय : यूपीएससी में इसबार बिहार के बेटे-बेटियों ने कमाल किया है। यूपीएससी में जहां पूरे देश में प्रथम और द्वीतिय स्थान पर प्रदेश की दो बेटियों ने कब्जा कर पूरे देश में प्रदेश का नाम रौशन किया है। वहीं कई अन्य बेटे-बेटियों ने परीक्षा में सफलता हासिल कर बिहार का मान बढ़ाया है। उसी में एक शामिल है छपरा जिले के मूल निवासी मनीष भारद्वाज। जिन्हें 114वां रैंक मिला है और उन्हें आईपीएस कैडर मिलेगा।
मनीष वर्तमान में मंझौल में डीसीएलआर के पद पर कार्यरत है. अब एसपी बनकर देश की सेवा करेगें।
यूपीएससी के मुताबिक, 933 अभ्यर्थियों ने सिविल सेवा परीक्षा पास की है। छपरा जिला के रहने वाले मनीष भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा 114 वा स्थान प्राप्त किया है. मनीष ने झारखंड के बोकारो में ही अपनी पूरी पढ़ाई की थी।
वही यूपीएससी में भूगोल विषय से परीक्षा दिया था. पांचवे प्रयास में उन्होंने यह सफलता हासिल की है। बता दें कि सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 का आयोजन 5 जून, 2022 को किया गया था. इस परीक्षा में 5,73,735 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे।
सफलता की है लंबी कहानी
भूमि सुधार उप समाहर्ता मनीष भारद्वाज सफलता की एक लंबी कहानी है। पांचवे प्रयास में सफ़लता मिली है। अपने जॉब और पढ़ाई लिखाई को बैलेंस करते हुए अपने ऑफिस के सहकर्मी और परिवार के सहयोग और भगवान के आशीर्वाद से यह सफलता मिली है। इन्होंने बताया साल 2019 में भारतीय रेलवे से नौकरी की शुरुआत हुई। इसके बाद बिहार प्रशासनिक सेवा में काम किया और तीसरी बार मंझौल में डीसीएलआर के पद पर चयनित हुए।
एसपी बनने के बाद जनहित में काम करना लक्ष्य
उन्होंने कहा कि यूपीएससी का लक्ष ही जनहित में काम करना होता है. और जनहित के मुद्दे पर ही हम काम करेंगे . जनता को एक बेहतर जिंदगी देना ही प्रयास रहेगा . अब मनीष भारद्वाज भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में काम करेगें।
टाइम मैनेजमेंट है सफ़लता का मूलमंत्र
आएएस सेवा जनता के बीच में रहकर जनता की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान करने का मौका देती है और इस पद को पाने के लिए टाइम मैनेजमेंट सबसे बेहद जरूरी है . ड्यूटी पर से घर जाने के बाद और ड्यूटी पर आने के पहले टाइम निकाल कर पढ़ना काफी संघर्षशील काम होता है.
जो इस एग्जाम में आते हैं सबसे से कुछ ना कुछ गलतियां होती ही रहती है . पहली बार , दूसरी बार , तीसरी बार , हर बार कुछ ना कुछ छूट जाता है ऐसे में गलती से सीखने की जरूरत है . सफलता के लगातार प्रयास करते रहना चाहिए लेकिन एक प्लान बी भी होना जरूरी है . ताकि अगर सफलता नहीं भी मिले तो कोई बड़ी मुसीबत ना हो परेशानी ना हो।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
May 24 2023, 20:31