कम्प्यूटर चलाती उंगलियों में इसरो की उड़ान में राजीव गांधी जिंदा हैं खेत और खलिहान में : राजेश तिवारी
अमेठी।भारत रत्न पूर्व प्रधान मंत्री स्व राजीव गांधी का जाना एक युग के अवसान से कम नहीं । राजनीति में शुचिता, निश्छलता ,पारदर्शिता विपक्ष के प्रति भी सम्मान रखना उनका सबसे बड़ा गुण था । जहां आज के नेता हरदम चुनाव और सत्ता के बारे में सोचते हैं। राजीव जी के मन में हरदम देश को आगे के जाने की सोच रहती थी। आज प्रधानमंत्री जी गालिया गिनाते हुए शायद यह भूल जाते है कि स्व राजीव जी के शरीर के कितने टुकड़े हुए यह नहीं गिना जा सका ।
देश पर शहीद हो गये राजीव जी। आज नमस्ते ट्रम्प करने वाले लोगों को शायद यह भी पता की खाड़ी युद्ध के दौरान राजीव जी ने “चौधरी” की भूमिका अदा की थी । अमेरिकन राष्ट्रपति को ख़ुश करने ढोल नगाड़ा लेकर व्हाइट हाऊस नहीं पहुँच गये थे । पूर्वोतर राज्यो में नागा शांति वार्ता ,मणिपुर,असम में शांति स्थापित करना उन्हीं के बस की बात थी । जब विपक्ष ने युवाओं के वोट के अधिकार का विरोध किया तो वह राजीव गांधी ही थे। जिन्होंने कहा कि जब युवा सीमा पर गोली खाकर देश की रक्षा कर सकता है तो देश उसके हाथ में सुरक्षित है,जो कहते थे दिल से कहते थे । जब सुरक्षा एजेंसियों ने कहा की साउथ में आप की जान को ख़तरा है मत जाइये। तब हमारे नेता का जवाब सुनकर आप का सीना चौड़ा हो जायेगा ।
राजीव जी ने कहा मैं उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम का नेता नहीं हूं ,पूरा देश मेरा है । अगर मेरे मरने से देश एक होता है तो मैं हज़ार बार मरना पसंद करूँगा और राजीव जी वहाँ से ज़िंदा वापस नहीं आये । उभरते भारत के कच्चे भविष्य को जैसे किसी ने पानी में रख दिया । हमारा सूर्य असमय अस्त हो गया। न जाने कितने ख़्वाब दफ़न हो गये .न जाने कितनी उम्मीदों ने दम तोड़ दिया । ऐसा लगा कि गहरी उफनती नदी के बीच हमारा मल्लाह हमे छोड़कर चला गया। जैसे पकी फसल पर आँधी तूफ़ान से तबाही आ गयी।उनके अधूरे ख़्वाब पूरा करने राहुल गाँधी जी देश जोड़ने निकले हैं।हम सब की यह ज़िम्मेदारी है कि उनके साथ चलकर मोहब्बत जिन्दाबाद करे।
और राजीव जी हमारे बीच हैं विज्ञान में खेत में खलिहान में हमारी सोच में मुस्कान में"वीर शहीद को कृतज्ञ राष्ट्र का शत शत नमन करते है। "
राजेश तिवारी,लेखक युवा राजनीतिक विश्लेषक
May 21 2023, 19:45