2,000 का नोट वापस लेने के फैसले से अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?
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भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से तत्काल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा की है। बैंक 23 मई, 2023 से 20,000 रुपये की सीमा तक के नोट को एक्सचेंज करेंगे।2000 के नोट चलन से बाहर होने की खबर के बाद लोगों के जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर साल 2016 की नोटबंदी की तरह इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर मार्केट पर क्या असर पड़ेगा?
अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
2000 रुपये के नोट के चलन से बाहर होने को लेकर एक सवाल ये भी उठा है कि क्या इसका कोई असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। इसप वित्त सचिव ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे भी इन नोटों का उपयोग बड़े पैमाने पर लेन-देन के लक्ष्यों के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।बाजार के जानकारों को भरोसा है कि दो हजार रुपए के नोट को वापस लेने से अर्थव्यवस्था व शेयर मार्केट पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। बाजार इस बार देश में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से डिजिटलीकरण हो गया है।आम तौर पर लोगों ने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन भुगतान सुविधाओं का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इसलिए जैसा कि हमने 2016 में पहले देखा था, वैसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं दिखता है।
बाजारों के लिए भी पॉजिटिव संकेत
इक्विनोमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के फाउंडर जी चोकालिंगम की मानें तो यह एक शानदार कदम है। अब ज्यादातर यह नोट बैंकों के पास है और कुछ नोट ब्लैकमनी रखने वालों के पास हो सकते हैं। ब्लैकमनी रखने वाले लोगों को अब पूरी तरह से साइडलाइन कर दिया जाएगा।। जनता या आम आदमी भी ऐसे लोगों को एक्सेप्ट करने में परहेज करेंगे।। यह कदम अंततः ब्लैक मनी के वॉल्यूम को पूरे तरह से खत्म करेगा। इसके अलावा टैक्स कलेक्शन में सुधार करने में मदद करेगा। इसलिए, यह बाजारों के लिए भी पॉजिटिव संकेत हैं।
May 20 2023, 12:03