काम की खबर, दो महीने के अंदर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के लिए बहाल होगी बड़ी सुविधा


आप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो पेट्रोल की समस्या खड़ी हो सकती है। इसका कारण यह है कि एक्सप्रेसवे के लंबे हिस्से में कहीं कोई पेट्रोलपंप नहीं है। इससे कई बार उन लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है, जो गाड़ी में कम ईंधन के साथ चलते हैं। अब इस समस्या का शीघ्र समाधान होने वाला है।

उधर, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी छह में से तीन ही पेट्रोल पंप चल रहे हैं, जिससे नोएडा से सोनीपत की तरफ जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने सभी संबंधित एजेंसियों को दो महीने का लक्ष्य दिया है, जिसमें उन्हें निर्माण से लेकर सभी एनओसी प्राप्त कर पेट्रोल पंप चलाने होंगे।

135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को पांच वर्ष पहले यातायात के लिए खोला गया था। उस वक्त लक्ष्य रखा गया था कि एक वर्ष के अंदर एक्सप्रेसवे किनारे छह स्थानों पर पेट्रोल पंप, ढाबे, रेस्टोरेंट और वाहनों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप खुल जाएगी, लेकिन समय गुजरता चला गया है और एजेंसियों ने आगे कोई काम नहीं किया।

तमाम जद्दोजहद के बाद नोएडा की सीमा में दो और गाजियाबाद की सीमा में मुरादनगर के पास एक पेट्रोल पंप ही खुल सका, लेकिन अब सड़क किनारे जनसुविधा को लेकर एनएचएआई सख्त है। उसने उन तमाम एजेंसियों को अंतिम नोटिस दे दिया है, जिन्हें पेट्रोल पंप, होटल व अन्य जनसुविधा विकसित करने का काम मिला था। एजेंसियों से कहा गया है कि अगर दो महीने के अंदर जनसुविधा विकसित करके लोगों को सुविधा नहीं दी गई तो प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।

241 किलोमीटर लंबे हिस्से में अभी सुविधाओं की कमी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को इस वर्ष की शुरुआत में गुरुग्राम के सोहना से राजस्थान के दौसा तक यातायात के लिए खोला गया था। कुल 241 किलोमीटर लंबे हिस्से में वाहन दौड़ रहे हैं, जिसके बदले उनसे टोल वसूली भी की जा रही है।

हालांकि पेट्रोल पंप खोलने का काम चल रहा है, लेकिन अब एनएचएआई ने कहा है कि इसे तेजी से पूरा किया जाए, जिससे यात्रियों को मिलने वाले जनसुविधा का विस्तार हो। एनएचएआई के एक अधिकारी कहते हैं कि अब एक्सप्रेसवे पर तेजी से जनसुविधा कैसे विकसित की जाएं, इसी पर काम हो रहा है। इसलिए लगातार कंपनियों के साथ समीक्षा की जा रही है कि वो पेट्रोल पंप समेत अन्य जनसुविधा कितनी जल्दी विकसित कर रही हैं। शौचालय, पेयजल और रेस्टोरेंट कुछ जगहों पर चालू हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल पंप कुछ ही जगहों पर अभी चले हैं।

बंगाल में एंबुलेंस का किराया नहीं होने के कारण अपने बच्चे का शव बैग में डालकर बस से 200 किलोमीटर का सफर करता रहा पिता, राज्य में गरमाई सियासत

पश्चिम बंगाल में एक पिता को एंबुलेंस का किराया नहीं होने के कारण अपने बच्चे का शव बैग में डालकर बस से 200 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। सिलीगुड़ी से कालियागंज में उसके घर तक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 8000 रुपये मांगे थे। इस मामले को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता (भाजपा) सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की 'स्वास्थ्य साथी' बीमा योजना पर सवाल उठाया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर एक बच्चे की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

बच्चे के पिता आशीम देबशर्मा ने कहा, '6 दिनों तक सिलीगुड़ी नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में इलाज के बाद मेरे 5 महीने के बेटे की पिछली रात मौत हो गई। मैंने अपने बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की। बच्चे के इलाज पर मैंने 16000 रुपये खर्च किए।' देबशर्मा ने कहा कि मेरे बच्चे को कालियागंज तक ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 8000 रुपये मांगे, जो मेरे पास नहीं थे। ऐसी स्थिति में मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या किया जाए।

200 किमी तक शव के साथ बस में किया सफर

देबशर्मा ने दावा किया कि एम्बुलेंस नहीं मिलने पर उन्होंने शव को एक बैग में डाल लिया और दार्जिलिंग के सिलीगुड़ी से करीब 200 किलोमीटर तक उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज तक बस से सफर किया। उसने इस बात की किसी यात्री को भनक नहीं लगने दी क्योंकि उसे डर था कि अगर सहयात्रियों को पता चल गया तो उसे बस से उतार दिया जाएगा। उसने कहा कि 102 योजना के तहत एक एंबुलेंस चालक ने उससे कहा कि यह सुविधा मरीजों के लिए है न कि शव को ले जाने के लिए।

मामले को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई

मीडिया से बातचीत के इस व्यक्ति के वीडियो को ट्विटर पर डालते हुए अधिकारी ने लिखा, 'हम तकनीकी बातों में न जाएं लेकिन क्या स्वास्थ्य साथी यही हासिल करने के लिए है? यह दुर्भाग्य से ही सही, लेकिन 'इगिये बांग्ला' (उन्नत बंगाल) मॉडल की सच्ची तस्वीर है।' तृणमूल के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने भाजपा पर एक बच्चे की मौत पर 'राजनीति करने का' आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसी की मौत पर इस तरह की बातें कहना ठीक नहीं है।

पटना में बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार शुरू, लोगों की पर्ची निकालकर समस्याओं का समाधान कर रहे सरकार, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर स्थित तरेत में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार शुरू हो गया है। बाबा बागेश्वर लगातार श्रद्धालुओं की पर्चियां निकाल कर उनकी समस्या का समाधान कर रहे हैं। वहीं बाबा के दिव्य दरबार में उपस्थित भारी संख्या में लोग अपनी अपनी पर्ची खुलने का इंतजार कर रहे हैं। दिव्य दरबार के बाद बाबा बागेश्वर हनुमंत पाठ का शुभारंभ करेंगे।

सुबह तक रही असमंजस की स्थिति

बता दें कि सोमवार की सुबह तक बाबा के दिव्य दरबार को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन बाबा बागेश्वर तय समय पर तरेत पहुंचे और दिव्य दरबार लगाया। दिव्य दरबार में वे बारी बारी से भीड़ में मौजूद लोगों के नाम लेकर बुला रहे हैं और उनकी परेशानी सुनने के बाद लोगों की समस्या दूर करने के उपाय बता रहे हैं। वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार राज्य के अन्य बड़े नेताओं का भी बाबा के प्रति रुख नरम होने की बात सामने आ रही है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ और गर्मी के कारण दर्जनों लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद हनुमंत कथा को समाप्त करते हुए बाबा बागेश्वर ने दिव्य दरबार को स्थगित करने की बात कही थी। लोगों से अपील किया था कि वे उनके कार्यक्रम में न आएं। वे नहीं चाहते थे कि वहां कोई अनहोनी हो जाए। हनुमंत कथा को बंद करने के बाद होटल पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिव्य दरबार नहीं लगाने की बात कही हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका मन नहीं मान रहा है। उन्होंने देर रात होटल में ही दिव्य दरबार लगा दिया और लोगों की अर्जी स्वीकार की।

केदारनाथ यात्रा : महाराष्ट्र के यात्री से हेलीकॉप्टर टिकट के नाम पर एक लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार


केदारनाथ यात्रा में यात्रियों को हेलीकॉप्टर टिकट उपलब्ध कराने के नाम पर उनसे एक लाख की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

बीते 10 मई को महाराष्ट्र से बाबा केदार के दर्शन को आए रामभाऊ चोगले पुत्र रामभाऊ काया चोगलेे, निवासी 301, सरस्वती अपार्टमेंट, केंटमनीवली गांव, कल्याण ईस्ट, ठागे ने फाटा पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज की थी। बताया कि उन्हें फाटा में आशीष चौधरी नाम का व्यक्ति मिला था जिसने उन्हें हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचाने व दर्शन कराने का आश्वासन दिया।

गुप्तकाशी व फाटा पुलिस ने की कार्रवाई

व्यक्ति ने उनसे आठ टिकट के लिए एक लाख की मांग की। उन्होंने 75000 नकद और 25000 रुपये ऑनलाइन आशीष चौधरी द्वारा दिए बैंक खाते में जमा कराए लेकिन काफी इंतजार के बाद भी उन्हें हेलिकॉप्टर की टिकट नहीं मिली। फोन भी नहीं उठा रहा है। ऐसे में उन्होंने पुलिस में शिकायत की। इस पर पुलिस ने आशीष चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि विवेचना के दौरान गुप्तकाशी व फाटा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी आशीष चौधरी, निवासी दत्तवाड़ी, महासोवा चौका, सिहंगढ़ रोड, थाना पुणे को फाटा-शेरसी से गिरफ्तार किया। आरोपी को जेल भेज दिया है।

*न्यायपालिका पर टिप्पणी मामले में कानून मंत्री और उपराष्ट्रपति को राहत, सुप्रीम कोर्ट का पद से हटाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार*

#supremecourtdismissespetitionagainstvicepresidentandkiren_rijiju

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायपालिका और कॉलेजियम प्रणाली पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें वकीलों के एक संगठन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर कार्रवाई की मांग की थी। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन (बीएलए) ने न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में रिजिजू और धनखड़ के खिलाफ याचिका डाली थी। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी यह याचिका खारिज की थी।

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन (बीएलए)की तरफ से उसके अध्यक्ष अहमद आब्दी की याचिका में उपराष्ट्रपति धनखड़ और रिजिजू के कुछ बयानों का हवाला दिया गया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि रिजिजू ने जजों की नियुक्ति करने की कॉलेजियम व्यवस्था के खिलाफ लगातार बयान दिए हैं। कॉलेजियम के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज होते हैं। उन पर अविश्वास जता कर कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का सम्मान लोगों की नजर में गिराने की कोशिश की है।

बीएलए ने दावा किया था कि रिजिजू और धनखड़ ने अपनी टिप्पणियों और आचरण से संविधान में विश्वास की कमी दिखाई है। बीएलए ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति के रूप में और रिजिजू को केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप में कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया था।बीएलए ने कुछ कार्यक्रमों में उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री के दिए गए बयानों का हवाला दिया।

याचिका में यह भी कहा गया था कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया। संसद से पारित कानून को रद्द करने को संसद की स्वायत्तता का हनन बताया। उन्होंने 1973 के ऐतिहासिक 'केशवानंद भारती' फैसले के जरिए स्थापित 'बेसिक स्ट्रक्चर डॉक्ट्रिन' यानी 'मूल ढांचा सिद्धांत' को भी गलत कहा। इस तरह का बयान देकर उन्होंने संविधान का पालन करने की शपथ के विरुद्ध काम किया।

क्या बोले थे रिजिजू और धनखड़?

केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने कहा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली ‘‘अस्पष्ट और अपारदर्शी’’ है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1973 के केशवानंद भारती केस के ऐतिहासिक फैसले पर सवाल उठाया था, जिसने बुनियादी ढांचे का सिद्धांत दिया था। धनखड़ ने कहा था कि इस फैसले ने एक गलत मिसाल कायम की है और अगर कोई प्राधिकार संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति पर सवाल उठाता है, तो यह कहना मुश्किल होगा कि ‘हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं'।

*कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को मानहानि मामले में समन, बजरंग दल को लेकर बयानबाजी पर बुरे फंसे*

#punjab_court_summons_congress_president_mallikarjun_kharge

कांग्रेस पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को मानहानि मामले में पंजाब की संगरूर कोर्ट ने समन भेजा है।खरगे पर कर्नाटक चुनाव के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। उनके खिलाफ बजरंग दल हिंद के संस्थापक हितेश भारद्वाज ने याचिका दायर की थी। कोर्ट ने खरगे को 100 करोड़ के मानहानि केस में 10 जुलाई को तलब किया है। 

कोर्ट में दायर पिटीशन में हितेश भारद्वाज ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजरंग दल की तुलना देश विरोधी ताकतों से की। हितेश के मुताबिक खड़गे ने कहा था कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है तो बजरंग दल और इस जैसे दूसरे देश विरोधी संगठन समाज में नफरत फैलाते हैं। बजरंग की तुलना सिम्मी, पीएफआई और अलकायदा जैसे देश विरोधी संगठनों के साथ की गई थी। पिटीशनकर्ता ने इसे बजरंग दल के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करार दिया।

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के बीच बजरंगवली को लेकर काफी बयानबाजी हुई थी।कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में घोषणा की थी कि अगर राज्य में उसकी सरकार बनती है तो बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे देश विरोधी संगठन करार दिया था।

*संजय राउत को महाराष्ट्र सरकार को अवैध बताना पड़ा भारी, सरकार और लोगों के बीच वैमनस्य बढ़ाने के आरोप में एफआईआर दर्ज*

#sanjayrautbookedforcallingmaharashtragovt_illegal 

अपने बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत एक बार फिर मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। महाराष्ट्र की सरकार को ‘अवैध’ बताकर सरकारी अफसरों से उसके आदेश को नहीं मानने की सलाह देने के कारण पुलिस ने संजय राउत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।संजय राउत के खिलाफ नासिक के मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। राउत के खिलाफ सरकार और लोगों के बीच वैमनस्य बढ़ाने के आरोप है।

संजय राउत ने ट्वीट किया

संजय राउत ने अब महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने आज ट्वीट कर शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना की है। संजय राउत बोले, 'मेरे खिलाफ धारा 505(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव था। मेरा अपराध क्या है? सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार के "गठन" को अवैध घोषित कर दिया गया है। व्हिप से लेकर समूह के नेता के रूप में शिंदे के चुनाव तक, सब कुछ संविधान के खिलाफ तय किया गया है। 16 विधायकों के किसी भी समय अयोग्य घोषित होने की संभावना है प्रशासन को अवैध सरकार के आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए। मैंने राय व्यक्त की कि भविष्य में मामले दर्ज किए जाएंगे। क्या यह अपराध है? सरकार ने सीधे मामला दर्ज किया.. मैं कार्रवाई से नहीं डरता।

क्या है मामला?

महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के दूसरे दिन संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वह तब नासिक के दौरे पर थे। इस दौरान संजय राउत ने कहा, 'यह सरकार अवैध है, जल्द ही यह सरकार जाएगी, इसलिए सरकारी अधिकारी, पुलिस अधिकारी उन्हें इस अवैध सरकार के अवैध आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों को लेकर राउत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले पर दिए अपने फैसले में कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना ही नहीं किया और खुद ही इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अदालत इस्तीफा रद्द नहीं कर सकती और ना ही पुरानी सरकार बहाल की जा सकती है। अदालत ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का उद्धव सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए कहना गलत फैसला था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) अपनी जीत बता रही है।

*सत्येंद्र जैन को जेल में महसूस हुआ अकेलापन, सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर कहा- 2 से 3 कैदी साथ में रख दो, जारी हो गया कारण बताओ नोटिस*

#satyendarjainmadethisdemandtojail_superintendent

मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को अब जेल में अकेलापन महसूस हो रहा है। दरअसल, पहले भी जेल में मालिश करा कर सुर्खियां बटोर चुके सतेन्द्र जैन के लिए ये आम बात है। उन्होंने अपने अकेलेपन के इलाज के लिए उनके साथ दो और लोगों को रखने की मांग की।जिसको लेकर उन्होंने सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उसके साथ दो और लोगों को रखा जाए। जेल सुपरिटेंडेंट भी कब जैन का अनुरोध ठुकराने वाले थे। उन्होंने दो कैदियों को जेल के अंदर उनके सेल में भेज दिया था। जिसको लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।

जैन ने मनोचिकित्सक के सुझाव का हवाला दिया

दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे सत्येंद्र जैन ने ये चिट्ठी 11 मई को लिखी थी। तिहाड़ जेल संख्या 7 के सुपरिंटेंडेंट को लिखे अपने पत्र में जैन ने कम से कम दो से तीन कैदियों को अपने साथ रखने की अपील की थी। उन्होंने अपने मनोचिकित्सक के सुझाव का हवाला देते हुए कहा कि वे सेल में अकेले होने की वजह से डिप्रेसन में भी रहने लगे हैं। मनोचिकित्सक ने उन्हें अकेला नहीं रहने और सामाजिक दायर बढ़ाने की सलाह दी है।

सुपरिटेंडेंट को कारण बताओ नोटिस जारी

सत्येंद्र की इस गुजारिश के बाद जेल के सुपरिंटेंडेंट ने उनके सेल में 2 कैदियों को ट्रांसफर भी कर दिया। अब सत्येंद्र जैन की डिमांड पूरी करने वाले सुपरिटेंडेंट के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत हो गई है।सत्येंद्र जैन के अनुरोध पर दो लोगों को उनके सेल में ट्रांसफर करने के लिए जेल प्रशासन ने तिहाड़ की जेल नंबर 7 के सुपरिटेंडेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें नोटिस भेजकर पूरे मामले में जवाब-तलब किया गया है।

जेल प्रशासन के अनुसार सुपरिटेंडेंट ने बिना प्रशासन को सूचित किये यह निर्णय लिया था जबकि प्रक्रिया के अनुसार बिना प्रशासन को सूचित किये और अनुमति लिये किसी भी कैदी को दूसरे सेल में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

तिहाड़ में मसाज करवाते हुए सामने आया था वीडियो

इससे पहले सत्येंद्र जैन का तिहाड़ जेल से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह मसाज करवाते हुए दिख रहे थे। इसके बाद जैन पर आरोप लगा था कि उन्होंने जेल अधिकारियों को धमकाया भी था कि वो जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें देख लेंगे। इस बारे में तिहाड़ जेल के कई अधिकारियों ने तिहाड़ जेल के डीजी से शिकायत की थी।

*क्या बर्थडे बॉय शिवकुमार को गिफ्ट में मिलेगी सीएम की कुर्सी या सिद्धारमैया की होगी ताजपोशी ? कर्नाटक को लेकर कांग्रेस के लिए अहम दिन*

#dk_shivakumar_will_congress_gift_hm_cm_post 

कर्नाटक में चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक गहमागहमी जारी है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की है। लेकिन अब सबसे बड़ी उलझन मुख्यमंत्री को लेकर है। मुख्यमंत्री के लिए दो मुख्य दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार। ऐसे में कर्नाटक कांग्रेस में बैठकों का दौर चल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे। ऐसे में दोनों ही नेता आज दिल्ली जा सकते हैं।

खास बात ये है कि आज यानी सोमवार को डीके शिवकुमार का बर्थडे है। रविवार की रात को उन्होंने एक तस्वीर भी ट्वीट की थी। इसमें वह सिद्धारमैया और दूसरे नेताओं के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करते नजर आए। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि कांग्रेस आलाकमान डीके शिवकुमार को बर्थडे गिफ्ट देगी या एक बार फिर सिद्धारमैया को ही मौका दिया जाएगा।

डीके शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के शिल्पकार रहे हैं। ऐसे हैं उनके समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी इस बंपर जीत के बाद उनके नेता को उनके जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी गिफ्ट करेगी। आज बेंगलुरू में उनके घर के बाहर बड़ा सा पोस्टर लगा है, जिसमें उनके समर्थकों ने उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी है। इसी तरह के पोस्टर बेंगलुरू और राज्य में अन्य जगहों पर भी लगे हैं।डीके शिवकुमार ने जिस तरह से पार्टी को बहुमत दिलाया है, उसे देखते हुए पहले से ही उन्हें मुख्यमंत्री पद की रेस में काफी आगे माना जा रहा है।

इससे पहले कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने रविवार शाम को बेंगलुरु के निजी होटल में अहम बैठक की। इसमें खरगे को सीएम चुनने के लिए अधिकृत करते हुए एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया। इस बैठक में एआईसीसी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक भी शामलि हुए। रविवार को विधायक दल की बैठक से पहले सुरजेवाला ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ अलग बैठक की। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे आज राहुल गांधी औऱ सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।

*इमरान खान का बड़ा दावा, कहा- मुझे 10 साल के लिए जेल में रखना चाहती है पाक सेना*

#imran_khan_said_pakistan_s_military_plans_keep_me_in_jail_for_10_years 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की सेना पर बड़ा आरोप लगाया है। इमरान खान ने आरोप लगाया है कि सेना ने उन्हें देशद्रोह के आरोप में फंसा कर अगले दस साल तक जेल में रखने की योजना बनाई है। सोमवार तड़के सिलसिलेवार ट्वीट में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख ने कहा, ‘तो अब लंदन की पूरी योजना सामने आ गई है।

इमरान ने ट्वीट कर कहा, जब मैं जेल में था तब उन्होंने हिंसा के बहाने जज, ज्यूरी और जल्लाद की भूमिकाएं निभाईं। खान ने आगे कहा कि मेरी बेगम बुशरा को जेल भेजने की योजना है, जिससे मुझे अपमानित किया जा सके। साथ ही अगले 10 वर्षों के लिए मुझे जेल में रखने के लिए कुछ राजद्रोह कानून का सहारा लिया जा रहा है। 

बता दें, इमरान फिलहाल 100 से अधिक मामलों में जमानत पर हैं। 

लोगों में जानबूझकर डर पैदा करने की कोशिश-इमरान

पीटीआ प्रमुख ने कहा, ‘लोग कोई प्रतिक्रिया ना करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने दो काम किए हैं – पहला जानबूझकर न सिर्फ पीटीआई कार्यकर्ताओं बल्कि आम नागरिकों को भी आतंकित किया गया। दूसरा, मीडिया पूरी तरह से नियंत्रित और दबा हुआ है। यह लोगों में डर पैदा करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है ताकि जब वे फिर मुझे गिरफ्तार करें, तो लोग बाहर नहीं आएंगे। इमरान खान ने कहा कि ये फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर देंगे और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देंगे (जो केवल आंशिक रूप से खुला है)। इस बीच घरों को तोड़ा जा रहा है और बेशर्मी से पुलिस घरों की महिलाओं के साथ मारपीट कर रही है।

इन बदमाशों के गुलाम होने से मौत बेहतर-इमरान

पाकिस्तान के लोगों को अपना संदेश देते हुए, खान ने कहा कि पाकिस्तान के लोगों के लिए मेरा संदेश, मैं अपने खून की आखिरी बूंद तक हकीकी आजादी के लिए लड़ूंगा क्योंकि मेरे लिए इन बदमाशों के गुलाम होने से मौत बेहतर है। मैं अपने सभी लोगों से यह याद रखने का आग्रह करता हूं कि हमने ला इल्लाह हा इल्लल्लाह की प्रतिज्ञा की है, कि हम एक (अल्लाह) को छोड़कर किसी के आगे नहीं झुकते हैं।