सफाई के लिए सेप्टिक टैंक के अंदर उतरे एक मजदूर की दम घुटने से मौत, दो की हालत नाजुक
धनबाद:- रविवार को जिले के भूली ओपी अंतर्गत बी टाइप कॉलोनी में एकाएक उस समय अफरा तफरी मच गई जब कॉलोनी में सेप्टिक टैंक साफ करने गए अंदर गए तीन मजदूरों में से एक कि मौत हो गयी जबकि दो की हालत नाजुक बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग घटनास्थल के समीप पहुंचे व किसी प्रकार से तीनों को निकाल कर एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचाया जहां 35 वर्षीय बबलू बाल्मीकि नामक मजदूर की मौत हो गयी जबकि निर्मल बाल्मीकि और पिंटू बाल्मीकि की गंभीर हालत को देखते उन्हें रेफर कर दिया गया।
फिलहाल एक का इलाज स्थानीय अशर्फी अस्पताल में जबकि दूसरे का इलाज बीसीसीएल के सेंट्रल अस्पताल में चल रहा है। तीनों भूली के ए टाइप कॉलोनी स्थित अम्बेडकर नगर के रहने वाले हैं।
यह है पूरा मामला
घटना के सम्बंध में बताया जा रहा है कि रविवार की सुबह बीसीसीएल प्रबन्धन की ओर से एशिया के सबसे बड़ी श्रमिक कॉलोनी कहे जाने वाली भूली के बी टाइप कॉलोनी में सेप्टिक टैंक सफाई के लिए 3 मजदूर भेजा गया। जिसमें सबसे पहले बबलू बाल्मीकि टैंक की सफाई के लिए टैंक के अंदर गया।
अंदर जाते ही उसको जहरीली गैस की वजह से घुटन महसूस होने लगा। इससे पहले की वह बाहर निकल पाता अंदर ही गश्त खा कर गिर गया और छटपटाने लगा जिसे देख उसके साथी निर्मल और पिंटू उसे निकालने टैंक के अंदर घुसे और वे भी गैस की चपेट में आ गए। किसी प्रकार चिल्लाने की आवाज सुन स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी और इन्हें निकालने के प्रयास में लग गए। किसी प्रकार भारी मुशक्कत से इन्हें बाहर निकाला गया और फिर सभी को लेकर एसएनएमएमसीएच अस्पताल लाया गया जहां बबलू को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना को लेकर स्थानीय लोगों में रोष, प्रबन्धन पर लगाया लापरवाही का आरोप
सेप्टिक टैंक साफ करने गए तीनो मजदूर भूली के ही ए टाइप कॉलोनी स्थित अम्बेडकर नगर के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि इनमें से बबलू और निर्मल बीसीसीएल कर्मी है जबकि वे लोग पिंटू को अपने साथ मदद के लिए ले आये थे।
घटना के बाद पीड़ित के परिजन सहित स्थानीय लोगों में भूली टाउन एडमिनिस्ट्रेशन (बीटीए) प्रबंधन के खिलाफ भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि बिना सुरक्षा उपाय के ही बिटीए प्रबन्धन ने इन्हें सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए भेज दिया जिस कारण उक्त घटना घटी है।
घर का अकेला कमाने वाला था बबलू, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
बबलू बाल्मीकि के बारे में बताया जाता है कि वो अपने घर का अकेला कमाने वाला था। उसके पिता भी बीसीसीएल कर्मी थे और 12 वर्ष पूर्व उनकी मौत हो गयी थी। इसके बाद मां की जगह बबलू को पिता की नौकरी मिली थी।
बबलू का एक 12 वर्ष की बेटी और एक 10 वर्ष का बेटा है। वहीं मां सुंदरी देवी और पत्नी ममता देवी की घटना की खबर मिलते ही रो-रो कर बुरा हाल है। उनके घर मे अब कोई पुरूष नहीं बचा। आसपासके लोग उन्हें ढांढस बंधाने में जुटे रहे।
मृतक के परिजन को मिले एक नौकरी और 15 लाख मुआवजा : राज सिन्हा
घटना के सूचना पाकर धनबाद विधायक राज सिन्हा एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने पूरी घटना को बीसीसीएल की लापरवाही बताते हुए कहा कि उन्हें तो यह जानकर आश्चर्य हुआ कि बीसीसीएल के पास सेप्टिक टैंक साफ करने की मशीन नहीं और बीसीसीएल अभी तक सेप्टिक टैंक साफ करने के लिए मैनुअली तरीके से कराता है। उन्होंने घटना पर गहरा दुख जाहिर करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया और बीसीसीएल प्रबन्धन से मृतक के परिजन को अविलंब नौकरी और 15 लाख ₹ मुआवजा देने और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की है।
May 15 2023, 14:55