दुमका : नाटक की बारीकियों की सीख रहे छात्र, कुलपति ने कहा - नाटक मात्र अभिनय नहीं बल्कि विचारों की प्रमुखता

दुमका : संताल परगना महाविद्यालय में आईएडब्ल्यूएस रांची के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय नाट्य कार्यशाला में गुरुवार को एसकेएमयू की कुलपति प्रो डॉ0 सोना झरिया मिंज भी पहुँची। कुलपति ने नाट्य कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को प्रोत्साहित किया।

कार्यशाला में कॉलेज के छात्रों को नाटक के विभिन्न तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेष तौर पर समाज में व्याप्त जेंडर भेदभाव पर आधारित विषय पर नाटक की विभिन्न तकनीकी व प्रशिक्षण से अवगत कराया गया ताकि नाटक के माध्यम से जेंडर भेदभाव को दूर कर समाज मे एक बेहतर संदेश दिया जा सके।

कुलपति प्रो सोना झरिया मिंज ने कहा कि समाज में व्याप्त जेंडर विभेद को नाटक के माध्यम से बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नाटक मात्र अभिनय नहीं होता बल्कि उसमें विचार की प्रमुखता भी होती है। प्राचार्य डॉ खिरोधर प्रसाद यादव ने कहा कि नाटक के माध्यम से हम चेतना को स्थाई रूप में प्रभावित कर सकते हैं। लैंगिक असमानता का एक व्यापक पक्ष हमारी चेतना में ही निर्मित होता है, इसलिए यही सशक्त माध्यम है जिससे व्याप्त कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। आईएडब्ल्यूएस रांची की संयोजिका ममता सिंह ने कहा कि नाटक एक दूसरे को जानने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम जेंडर संबंधी अनेक दुर्भावनाओं को दूर कर सकते हैं।

कार्यशाला में प्रशिक्षु के रूप में जेएनयू के धर्म प्रकाश उपस्थित रहे जिन्होंने शारीरिक और वाचिक अभ्यास के माध्यम से छात्रों को कुशल बनने की तकनीकी सिखाई। मौके पर कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कुमार सौरभ तथा संयोजक डॉ यदुवंश यादव उपस्थित रहे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सरकारी कर्मियों के शोषण से महासंघ नाराज, जनसेवकों के ग्रेड पे कम करने का विरोध


दुमका : अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर सोमवार को झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कर्मचारियों की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के जिला अध्यक्ष प्राण मोहन मुर्मू ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्राण मोहन मुर्मू ने कहा कि कठोर परिश्रम और बलिदान के बाद हमें हमारा अधिकार मिला। 

महासंघ के जिला सचिव राजीव नयन तिवारी ने कहा कि आज कर्मचारी शोषण-दमन, दोहन के शिकार हो रहे हैं। आठ घंटे काम की जगह 12 घंटे काम लिया जा रहा है। अवकाश के दिन भी अनेक कर्मियों को काम करना पड़ रहा है और यह चिंताजनक है। कर्मचारियों की नियमित बहाली नहीं हो रही है। 

संघ सरकार से सभी विभागों के कर्मियों की प्रोन्नति की मांग करता आ रहा है लेकिन कृषि निदेशालय झारखंड रांची के पत्रांक 55 दिनांक 25 अप्रैल 2023 द्वारा जन सेवकों का ग्रेड पे 2400 से घटाकर 2000 कर दिया गया है। यह किसी भी शर्त पर स्वीकार करने योग्य नहीं है क्योंकि यह कर्मियो के हित में नहीं है। 

कहा कि आज जनसेवकों का ग्रेड पे घटा है। भविष्य में किसी अन्य विभाग के कर्मियों का वेतनादि घट सकता है। महासंघ इसका विरोध करता है और सरकार से मांग करता है कि उक्त पत्र को निरस्त किया जाए।

इस अवसर पर जिला महासंघ, अनुमंडल महासंघ, प्रखण्ड महासंघ एवं सभी इकाई संघों के सक्रिय सदस्य उपस्थित थे। 

मौके पर महासंघ के कोषाध्यक्ष माधव कुमार सिंह, तपन कुमार ठाकुर, ओमप्रकाश चौबे, नीरज कुमार घोष, श्यामा देवी यादव, गीता कुमारी, सोनाली रूज, ममता मुर्मू, राजेश कुमार वाजपेई, मनमोहन, सेराजुल हसन, सुरेन्द्र नारायण यादव, राजेन्द्र पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय, उमाकांत सिंह, पंकज कुमार सिंह, गोपाल चन्द्र झा, अरविन्द कुमार सिंह, राजेश कुमार राय, अजितेश राय, दिलीप कुमार राउत, विजय कुमार, प्राण गोपाल मंडल, अरूण कुमार राउत, मयंक उपाध्याय, कुमार सत्येन्द्र, आनन्द कुमार मंडल, कृषेन्दु मिश्र, मनोज कुमार, विशाल कुमार, पवन कुमार, पंकज कुमार, संतोष, पार्थ सारथी सेन, मोहम्मद अनुल, प्रदीप कुमार, आशीष रंजन, तनजीम आलम, मुराद आलम, भवानी शंकर, रामपत रविदास, खुर्शीद आलम आदि उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : कृषि मंत्री का एक्शन, सुलगते सवालों के बीच आज बनेगी जांच टीम, सीएस ने जुटाई कई अहम जानकारियां

 

दुमका :- जरमुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टोर रूम में बीते शनिवार को हुई आगलगी की घटना की जांच एक स्पेशल टीम करेगी। घटना की जांच के लिए आज टीम का गठन किया जाएगा। 

आगलगी की घटना की शुरुआती जांच के बाद सिविल सर्जन डॉ0 बच्चा प्रसाद सिंह ने पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाने की बात कही है। वही कृषि मंत्री और जरमुंडी से कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। मंत्री बादल पत्रलेख ने अधिकारियों को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल की सुबह जरमुंडी के पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टोर रूम में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गयी थी जिसे फायर ब्रिगेड की टीम ने काफी मशक्कत के बाद काबू किया था। 

स्टोर रूम में अटल मोहल्ला क्लिनिक के साथ ही सरकारी अस्पताल की कई दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर, जरूरी कागजात, मास्क, पीपीई किट सहित अन्य सामान मौजूद था जो आग की चपेट में आने से जलकर राख हो गयी जबकि किसी बड़ी अप्रिय घटना की आशंका से वहाँ रखे गए ऑक्सीजन सिलेंडर को हटा लिया गया। 

स्टोर रूम में रखी गयी कई दवाएँ एक्सपायरी थी तो कई नई दवाएं भी थी जिसकी अनुमानित कीमत लाखों में बतायी जा रही है हालांकि आगलगी की इस घटना में कितने का नुकसान हुआ, इसे लेकर रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। आगलगी की इस घटना के बाद एक नया मोड़ तब आया जब 22 अप्रैल की रात को ही विभाग द्वारा घटनास्थल में जली हुई दवाएं, कागजात एवं अन्य सामानों के अवशेष और स्टोर रूम में बची कई दवाओं को अस्पताल के नए परिसर में स्थित एक पुराने गड्ढे में डिस्पोजल करने का प्रयास किया गया। 

हालांकि बाद में जब विभाग को अपनी गलतियों का अहसास हुआ तो आनन-फानन में गड्ढे से सभी अवशेषों को उठाकर सुरक्षित रखा गया। रात के अंधेरे में जली हुई दवाओं और कागजात के अवशेषों के डिस्पोजल को लेकर कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हालांकि स्ट्रीटबज न्यूज इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

इधर इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठ रहे है। स्थानीय लोगों ने पूरी घटना को विभागीय लापरवाही का अंजाम बताया है और किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत दिया है। स्थानीय लोग मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे है। 

हालांकि अब जांच टीम के गठन और टीम की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर स्टोर रूम में आग कैसे लगी, किसने लगायी, किस मंशा से लगायी गयी और दवा एवं जले हुए अवशेषों को रात के अंधेरे में डिस्पोजल करने की ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी। ऐसे कई सवाल है जिसपर सबकी नजर टिकी हुई है।

दुमका के सिविल सर्जन डॉ0 बच्चा प्रसाद सिंह ने घटनास्थल की जांच के बाद कहा कि जांच के दौरान कई जरूरी जानकारियां जुटाई गयी है। मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमारी पूरी नजर इस मामले में है। मामला संदिग्ध है लेकिन जांच के बाद ही कुछ साफ हो पायेगा।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका: ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन को धारदार बनाने की तैयारी, सीएम व राज्यपाल का पुतला दहन की तैयारी

दुमका :- ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन को धारदार बनाने के लिए रविवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संथाल परगना का गठन किया गया। इससे पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष माधव चंद्र महतो ने तत्काल प्रभाव से पुरानी केंद्रीय कमेटी को भंग कर देने की घोषणा की। 

केंद्रीय अध्यक्ष माधव चंद्र महतो की अध्यक्षता में शहर के बंदरजोरी में संगठन की हुई बैठक में संगठन को मजबूत बनाने और नए लोगों को संगठन में भागीदारी देने के लिए कई निर्णय लिए गए जिसमें तत्काल प्रभाव से केंद्रीय कमेटी को भंग कर देने का निर्णय भी शामिल है।  

संगठन ने नए कमेटी का खाका तैयार करते हुए 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। नई कमेटी में पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल को केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौपीं गयी। 

साथ ही अध्यक्ष की ओर से श्री मंडल को कमेटी गठन का दायित्व भी सौंपा गया। जिला के संगठन के लिए जयप्रकाश यादव को अध्यक्ष और जयकांत कुमार को प्रधान महासचिव की जिम्मेवारी दी गयी। 

ओबीसी छात्रों को संगठित करने के लिए ओबीसी छात्र मोर्चा का गठन किया गया जिसमें अध्यक्ष आशीष कुमार, उपाध्यक्ष अमित कुमार मधुकर , मृत्युंजय यादव व पांडव कुमार मरीक और महासचिव कपिलदेव मंडल को चुना गया।

अध्यक्ष माधव चंद्र महतो ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा दुमका जिला में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है। सरकार द्वारा राज्यपाल के पास एसटी एससी ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने का विधायक भेजा जाता है। राजभवन द्वारा उसे वापस कर दिया जाता है। वहीं कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने वाला विधेयक को राज्यपाल पारित कर देते हैं। 

उन्होंने कहा कि देश एक है संविधान एक है लेकिन अलग-अलग प्रांतों में दोरंगी नीति सही नहीं है। उन्होंने कहा कि ओबीसी ही ओबीसी की बात करेगा और ओबीसी ही राज करेगा। जिला आरक्षण रोस्टर में ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण देने के विरोध में उसके नोटिफिकेशन की प्रतियां जलाई जाएंगी और गाँव गाँव में राज्यपाल और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा। हर पंचायत मुख्यालय में धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

उसके बाद दसों प्रखंड मुख्यालय में एक साथ धरना प्रदर्शन के बाद जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद भी सरकार मांग पूरा नहीं करती है तो जेल भरो अभियान की शुरुआत किया जाएगा। इसके पूर्व 15 दिनों के अंदर सभी कमेटी को अंतिम रूप दिया जाएगा। मौके पर असीम कुमार मंडल, डॉ अमरेंद्र यादव, सुधीर कुमार मंडल, रंजीत जयसवाल, वरुण यादव, दिवाकर महतो, शिव नारायण दर्वे, जयप्रकाश यादव, अजीत कुमार मांझी, लालमोहन राय, दयामय माजी, जयकांत कुमार, चंद्रशेखर यादव, सुरेंद्र यादव विजय कापरी, सीताराम मंडल, श्यामसुंदर मोदी, महादेव यादव, पवित्र कुमार मंडल, मनोज कुमार पंडित, संजय जयसवाल, जितेंद्र कुमार, दशरथ मांझी, कंचन यादव, बिहारी यादव जितेंद्र प्रसाद साह, बालेश्वर सिंह, जितेश कुमार दास, अरुण पंजियारा, कपिल देव मंडल, अमरनाथ साह, संतोष यादव, दिव्येंदु सील, जनसंघ मंडल जनार्दन पंडित सहित अन्य मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : स्टोर रूम में लगी आग, दवाइयां व अन्य जरूरतमंद सामान जलकर राख, सवालों के घेरे में विभाग


दुमका :- जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराने अस्पताल के स्टोर रूम में शनिवार को अचानक आग लग गई। आगलगी की इस घटना में स्टोर रूम में रखी कई दवाइयां, कागजात एवं अन्य सामान जलकर राख हो गया। 

हालांकि बाद में मौके पर पहुँची अग्निशामक की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। स्टोर रूम में आग कैसी लगी, फिलहाल वजह अब तक पता नही चल पाया है लेकिन स्थानीय लोगों ने आगलगी की इस घटना पर सवाल उठाया है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक आगलगी की यह घटना कही ना कही विभागीय लापरवाही की वजह से घटी है हालांकि पुलिस के मुताबिक जांच के बाद ही आग लगने की वजह साफ हो पायेगा। 

बता दे कि करीब छह महीने पहले पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बासुकिनाथ स्थित नए भवन में शिफ्ट किया गया था।पूरे मामले में बासुकिनाथ नगर पंचायत की अध्यक्ष पूनम देवी ने कहा कि स्टोर रूम और उसके आसपास अलग अलग जगह पर आग लगी है जो सवाल खड़ा करता है। 

उन्होंने कहा कि यह घटना विभागीय लापरवाही की वजह से हुई है। इन दवाओं से कई मरीजों की जान बच सकती थी। सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन मण्डल में कहा कि आग खुद लगी है या फिर किसी ने जानबूझकर लगाया है इसकी पूरी तरह से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

कई दवाएं एक्सपायरी थी। मरीज दवा के लिए भटकते रहते है और इन दवाओं को मरीजों को देने की बजाय स्टोर रूम में रखा गया था और फिर आग लग जाती है जो कही ना कही किसी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। वही एएसआई योगेंद्र शर्मा ने कहा कि आग लगने की सूचना मिलते ही वो दल बल के साथ मौके पर पहुँचे। आग पर काबू तो पा लिया गया है लेकिन आग कैसे लगी यह जांच का विषय है। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : ईद पर आपसी सदभाव व शांति का संदेश, एक-दूसरे से गले मिल दी मुबारकवाद, देखे तस्वीरें..

दुमका :- झारखंड की उपराजधानी दुमका में शांति, सदभाव और आपसी भाईचारे का संदेश देने वाला ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर शहर के अलग अलग ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई।

शहर के तमाम ईदगाह व मस्जिद में सुबह से ही नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय में काफी उत्साह दिखा। 

शहर के जामा मस्जिद सहित डंगालपाड़ा स्थित गरीब नवाज मस्जिद, न्यू डंगालपाड़ा के मदनी मस्जिद, लखीकुंडी के नूरी मस्जिद एवं जुलेखा मस्जिद, जरुआडीह के नूरानी मस्जिद, राखाबनी मस्जिद, खिजुरिया मस्जिद, नूरपाड़ा स्थित मदीना मस्जिद, नावाडीह स्थित तेलिया चक मस्जिद, दुधानी ईदगाह, श्रीअमड़ा स्थित ईदगाह में अलग-अलग समय पर मुस्लिम भाईयों ने ईद की नमाज अदा कर अल्लाह ताला से अमन-चैन की दुआ मांगी। 

इसके बाद मुस्लिम भाईयों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी और देश मे आपसी सदभाव और भाईचारे का संदेश दिया। महीने भर बाद रोजेदारों के घरों में सेवई व विभिन्न प्रकार के पकवान बनाये गए थे। नमाज अदा करने के बाद विभिन्न समुदाय के लोग ईद की बधाई देने रोजेदारों के घर पहुंचे और सेवई समेत विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ उठाया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : ईद पर आपसी सदभाव व शांति का संदेश, एक-दूसरे से गले मिल दी मुबारकवाद, देखे तस्वीरें..
दुमका :- झारखंड की उपराजधानी दुमका में शांति, सदभाव और आपसी भाईचारे का संदेश देने वाला ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर शहर के अलग अलग ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई। देखें तस्बीरों में ईद के अवसर पर लोगों की उत्साह...
दुमका : ईद पर आपसी सदभाव व शांति का संदेश, एक-दूसरे से गले मिल दी मुबारकवाद, देखे तस्वीरें..

दुमका :- झारखंड की उपराजधानी दुमका में शांति, सदभाव और आपसी भाईचारे का संदेश देने वाला ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर शहर के अलग अलग ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई।

शहर के तमाम ईदगाह व मस्जिद में सुबह से ही नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय में काफी उत्साह दिखा। 

शहर के जामा मस्जिद सहित डंगालपाड़ा स्थित गरीब नवाज मस्जिद, न्यू डंगालपाड़ा के मदनी मस्जिद, लखीकुंडी के नूरी मस्जिद एवं जुलेखा मस्जिद, जरुआडीह के नूरानी मस्जिद, राखाबनी मस्जिद, खिजुरिया मस्जिद, नूरपाड़ा स्थित मदीना मस्जिद, नावाडीह स्थित तेलिया चक मस्जिद, दुधानी ईदगाह, श्रीअमड़ा स्थित ईदगाह में अलग-अलग समय पर मुस्लिम भाईयों ने ईद की नमाज अदा कर अल्लाह ताला से अमन-चैन की दुआ मांगी। 

इसके बाद मुस्लिम भाईयों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी और देश मे आपसी सदभाव और भाईचारे का संदेश दिया। महीने भर बाद रोजेदारों के घरों में सेवई व विभिन्न प्रकार के पकवान बनाये गए थे। नमाज अदा करने के बाद विभिन्न समुदाय के लोग ईद की बधाई देने रोजेदारों के घर पहुंचे और सेवई समेत विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ उठाया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : मुखिया सुरेश मुर्मू हत्याकांड का 72 घंटे के अंदर खुलासा, हत्या की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप


 

दुमका : दुमका पुलिस ने मुखिया सुरेश मुर्मू हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया है।

हँसडीहा थाना क्षेत्र अंतर्गत बढ़ैत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की हत्या वर्चस्व की लड़ाई में बीते 15 अप्रैल को अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। 

हत्या का आरोप हँसडीहा पंचायत की मुखिया आशा हेम्ब्रम और उसकी मां तालको सोरेन पर लगा है। दोनों ने सुरेश मुर्मू की हत्या के लिए अपराधियों को पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी। मुखिया आशा हेम्ब्रम और उसकी मां सहित रोहित कुमार, संतोष प्रसाद यादव और राहुल कुमार वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अन्य अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से यूएसए मेड एक पिस्टल, कारतूस, दो मोटरसाइकिल सहित छह मोबाइल बरामद किया है।

बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अम्बर लकड़ा ने कहा कि मुखिया आशा हेम्ब्रम का मुखिया सुरेश मुर्मू के साथ पूर्व से विवाद चला आ रहा था। जाहेर थान के सौंदर्यीकरण व चारदीवारी के ठेकेदारी के साथ ही अपनी मां तालको सोरेन की पंचायत चुनाव में हार से आशा हेम्ब्रम नाराज थी। जालवे गांव में गोतिया से जमीन विवाद के मामले में विपक्षी पार्टी को मुखिया सुरेश मुर्मू मदद कर रहे थे। आशा हेम्ब्रम के कई समर्थक भी सुरेश मुर्मू स जुड़ गए थे जिससे आशा हेम्ब्रम को लग रहा था कि क्षेत्र में उसका वर्चस्व कम हो रहा है। 

एसपी ने कहा कि आशा हेम्ब्रम ने सुरेश मुर्मू की हत्या की साजिश रची और फिर हँसडीहा चौक के राहुल कुमार वर्मा और उसके साथियों को पांच लाख रुपये की सुपारी दी जिसमे एक लाख रुपये एडवांस भी दिया गया। राहुल वर्मा ने उस एक लाख रुपये से हथियार खरीदा और अन्य साथियों को दिया। 

एसपी ने कहा कि मुखिया हत्याकांड के बाद एसडीपीओ शिवेंद्र के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। टीम ने 72 घंटे के अंदर मामले का पर्दापाश करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कहा कि एसआईटी ने सबसे पहले आरोपी संतोष यादव को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद संतोष ने सुरेश मुर्मू की हत्या की वजह बतायी। संतोष के निशानदेही पर पुलिस अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही। 

मौके पर हँसडीहा के पुनि सुशील कुमार, थाना प्रभारी सुगना मुंडा, जरमुंडी थाना प्रभारी दयानंद साह, जामा थाना प्रभारी जितेंद्र साहू, पुअनि अरविंद राय, सचिन कुमार मिश्रा, उत्तम कुमार पासवान, आनंद कुमार साहा, रविशंकर सिंह, आरक्षी अभिषेक मुर्मू सहित अन्य उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सड़क पर उतरे छात्र, नियोजन नीति के खिलाफ झारखण्ड बंद का जबरदस्त असर, वाहनों का लगा लंबा काफिला

 

दुमका :- हेमंत सरकार के 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ और 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति की मांग को लेकर अलग अलग छात्र संगठनों एवं आदिवासी व मूलवासी छात्रों द्वारा आज बुलाये गए झारखण्ड बंद का उपराजधानी दुमका में जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। 

छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में दुमका के मुख्य चौक चौराहों एवं सड़क पर तेज गर्मी व धूप की परवाह किये बगैर सुबह से ही पारंपरिक हथियारों के साथ सैकड़ो की संख्या में छात्र उतर चुके है और सड़क जाम करने के साथ आवागमन को पूरी तरह ठप करा दिया है। 

वाहनों की लंबी कतारें लग गयी है। दुमका के तमाम दुकानें और प्रतिष्ठानें स्वतः स्फूर्त बंद है। बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा हुआ है। यात्री परेशान है। एहतियात के तौर पर जगह जगह पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किए गए है। 

हालांकि अब तक शांतिपूर्ण बंदी की सूचना है। ढोल-मांदर और पारंपरिक हथियारों के साथ सड़क पर उतरे छात्रों ने 60:40 नाय चलतो और सीएम के खिलाफ नारेबाजी किया। 

छात्र सरकार से 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने की मांग कर रहे है। छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार 60:40 नियोजन नीति को लाकर यहाँ के आदिवासी मूलवासी छात्रों को गुमराह कर रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में वहाँ स्थानीय युवकों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है और दूसरे राज्यों के युवकों का आरक्षण का प्रतिशत भी कम है तो झारखण्ड में स्थानीय छात्रों और बेरोजगार युवकों के भविष्य के साथ क्यो खिलवाड़ किया जा रहा है।

उन्होने कहा कि झारखण्ड अलग राज्य बनने के 23 साल गुजर गए लेकिन सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने नियोजन नीति के नाम पर यहां के युवाओं को ठगने और गुमराह करने का काम किया। किसी सरकार ने स्पष्ट नियोजन नीति नहीं बनायी। 

श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि 60 प्रतिशत आरक्षण तो पूर्व से ही है लेकिन 40 प्रतिशत आरक्षण बाहरी लोगों को सरकार क्यो दे रही है। हेमंत सरकार एक तरफ झारखण्ड की खनिज संपदा को बाहर भेजने का काम कर रही है और दूसरी ओर बाहरी छात्रों को झारखण्ड में नौकरी देने का काम कर रही है जिसे यहाँ के आदिवासी मूलवासी छात्र बर्दाश्त नही करेंगे। 

छात्र नेता राजीव बास्की ने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखण्ड को चारागाह बना दिया है। कई बार हमने अपने हक व अधिकार के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ी लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही। कहा कि अगर सरकार ने 60:40 नियोजन नीति को वापस नही लिया तो आनेवाले समय मे आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)