सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने उल-फ़ित्र पर दिया विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक एकता का दिया संदेश
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बेतिया : आज ईद उल फितर पर विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक एकता का संदेश देते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच के संयोजक शाहीन परवीन, मदर ताहिरा चैरिटेबल वेलफेयर ट्रस्ट की निर्देशक एस एस सबा एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के बाद एक ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है।
ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र अरबी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। अरबी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। सामाजिक सद्भावना का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।
पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है। पहली ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनायी थी। ईद उल फित्र के अवसर पर पूरे महीने अल्लाह के मोमिन बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं रोज़ा रखते हैं और क़ुआन करीम कुरान की तिलावत करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं जिसका अज्र या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है जिसे उत्सव के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमान बडे हर्ष उल्लास से मनाते हैं।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि
ईद उल-फितर का सबसे अहम मक्सद एक और है कि इसमें ग़रीबों को फितरा देना वाजिब है जिससे वो लोग जो ग़रीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें ।नये कपडे पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें ।फित्रा वाजिब है उनके ऊपर जो 52.50 तोला चाँदी या 7.50 तोला सोने का मालिक हो ।अपने और अपनी नाबालिग़ औलाद का सद्कये फित्र अदा करे जो कि ईद उल फितर की नमाज़ से पहले करना होता है।
ईद भाई चारे व आपसी मेल का तयौहार है ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते हैं।
उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है।
Apr 22 2023, 20:43