मेरा स्वाभिमान ट्रष्ट के द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडर की जयंती

प्रखंड बगहा एक के पारस नगर स्थित दलित बस्ती में “मेरा स्वाभिमान ट्रस्ट ” के सदस्यों द्वारा संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ . भीम राव अंबेडकर की जंयती शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

इस मौके पर ट्रस्ट का अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने बाबा साहेब डॉ . भीम राव अंबेडकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर भारत मां के वो सपूत थे जिन्होंने लगातार गरीब, वंचित, शोषित और पीड़ितों के समाज को झकझोरा जिस तरह से समाज जाती प्रथा , ऊँच नीच ,छुआछूत जैसे कुप्रथाओं में बंटा हुआ था उसे मिटाकर समरसता लाने का प्रयास किया ।

इस मौके पर ट्रस्ट का अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने बताया कि दलित बस्ती के सौ से ज्यादा परिवारों को, स्वास्थ्य लाभ योजना के तहत 1 साल से 18 साल तक के बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया जहां 2 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा और 1.5 लाख तक का दुघर्टना बीमा सहायता प्रदान करने की दिशा में काम किया जाएगा। ताकि गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवार को सहायता दिलवाई जा सके ।

मौके पर महामंत्री उमेश अग्रवाल,संयोजक जितेन्द्र कुमार,कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार,मंत्री नितिन शाह,मंत्री राजीव कुमार,प्रभारी विनय यादव तथा वार्ड प्रमुख उपेन्द्र कुमार,सह वार्ड प्रमुख दुर्गेश कुमार सहित अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही।

बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर जिला प्रशासन द्वारा दी गयी श्रद्धांजलि, किया गया नमन।

भारतीय संविधान के जनक, समाज सुधारक, बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की 132 वी जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें श्रंद्धाजलि दी गयी और उन्हें नमन किया गया। 

इस मौके पर समाहरणालय, बेतिया अवस्थित उनके प्रतिमा पर जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय, उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, सहायक समाहर्त्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्त्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय सहित अन्य अधिकारियों द्वारा पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रंद्धाजलि दी गयी। 

इस अवसर पर एसडीएम, बेतिया, श्री विनोद कुमार, एएसडीएम, बेतिया, श्री अनिल कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, श्री सुजीत कुमार सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जिलाधिकारी द्वारा अम्बेडकर के पूरे जीवनकाल में उनके द्वारा दी गयी सीख का वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहब ने भारत की प्रगति में अमिट योगदान दिया है। उनके योगदान से सभी को प्रेरणा लेते हुए समाज में अपना योगदान देना चाहिए।

दो अलग अलग रिहायशी घरों से अजगर और कोबरा सांप का रेस्क्यू कर वीटीआर जंगल मे छोड़ा गया


गर्मी और पतझड़ के मौसम से परेशान होकर जंगली जीवो ने रिहायशी इलाके का रुख करना शुरू कर दिया है । वन विभाग के स्नैक कैचर एक्सपर्ट शंकर ने अपने दूसरे सहयोगियों के साथ वाल्मीकिनगर परिक्षेत्र के भेरियानी और नवका टोला से क्रमशः गुलाब राम और उदयभान सिंह के घर में घुस आए सांपो का रेस्क्यू किया ।

रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिली कि भेरियानी और नवका टोला स्थित आवास में सांप घुस आया है त्वरित रूप से स्नैक कैचर एक्सपर्ट शंकर को उक्त स्थल पर भेजा ।

रेंजर ने आगे बताया कि दोनों सांपों को रेस्क्यू के बाद वीटीआर के जटाशंकर जंगल कक्ष संख्या 2 में रिलीज कर दिया गया । बतातें चलें कि भीषण गर्मी और जंगल मे लगने वाली आग के वजह से इन सरीसृपों को भोजन की तलाश में रिहायशी इलाके का रुख करना पड़ रहा है ।

आवारा कुत्तों से बचाकर ग्रामीणों ने जंगल से भटके हिरन को वन विभाग के सुपुर्द किया

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटककर रिहायशी इलाके में पहुंचे हिरन को ग्रामीणों ने कुत्तों के झुंड से बचाकर वन विभाग को सौंप दिया।

बगहा वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटककर रिहायशी इलाके में पहुंचे हिरन को ग्रामीणों ने कुत्तों के झुंड से बचाकर वन विभाग को सौंप दिया। दरअसल शुक्रवार की चार पांच कुत्तो ने नर हिरण का पीछा किया। जिसके बाद हिरण भाग कर ठकराहा बाजार स्थित यासीन मिया के झोपड़ी में गुस गया।

कुते भी हिरण का पीछा करते घर मे घुस गए। यह देख स्थानीय आजाद व शहनवाज ने कुत्तों को भगाया और हिरण को पकड़ कर सुरक्षित रस्सी से बाध दिया। इन ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना सहित वन विभाग को दिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हिरन को अपने कब्जे में ले लिया।

ग्रामीणों का कहना है की कुत्तों से जान बचाने के क्रम में हिरण मामूली रूप से जख्मी हो गया था लिहाजा ग्रामीणों ने पशु स्वास्थ्य केंद्र ठकराहा के कर्मी को बुलाकर उपचार कराया। मदनपुर रेंज के प्रभारी कुंदन कुमार वनरक्षी विजय कुमार पासवान सहित कुल पांच लोग पहुचकर हिरन को अपने कब्जे में लेकर मदनपुर कार्यालय ले गए।

कुंदन कुमार ने बताया कि ग्रामीणों से सूचना मिली कि ठकराहा बाजार में एक हिरन को कुत्तो के झुंड से बचाकर सुरक्षित रखा गया है। जिसको टीम लेकर कार्यालय गई है और उसका उपचार कराने के बाद जंगल मे छोड़ दिया जाएगा।

हवाई अड्डा में घुसे मगरमच्छ का रेस्क्यू गंडक नदी में छोड़ा गया


बगहा ।

वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा में विचित्र स्थिति उस वक़्त उतपन्न हो गई जब मगरमच्छ को हवाई अड्डा परिसर में चहलकदमी करते देखा गया । बतादें की हवाई अड्डा से सटे दो एक आवासीय घर बने हुए है और ठीक हवाई अड्डा के तार फेंसिंग के बगल से गांव जाने के लिए सड़क मार्ग हैं जिसपर लोगों की आवाजाही लगी रहती है ।

इसी मार्ग से गुजरने वाले किसी मुसाफिर की नज़र हवाई अड्डा के अंदर मगरमच्छ को चहलकदमी करते देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी । रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम एक्सपर्ट शंकर और फोरेस्ट गार्ड के अगुवाई में उक्त स्थल पर भेज दिया । रेस्क्यू कर्मी शंकर और फोरेस्ट गार्ड चुलभट्टा जंगल इंचार्ज सोनू कुमार सहित दूसरे सहयोगी के साथ हवाई अड्डा पहुंचकर मगरमच्छ का रेस्क्यू शुरू कर दिया लेकिन मगरमच्छ को पकड़ना इतना आसान नहीं था ।

रेस्क्यू टीम को काफी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता मिली । रेंजर ने बताया कि रेस्क्यू के बाद मगरमच्छ को वीटीआर के चुलभट्टा के समीप गंडक नदी में सफलतापूर्वक रिलीज़ कर दिया गया ।

जानकारी के लिए बतादूँ की वाल्मीकिनगर का हवाई अड्डा गंडक नदी से कुछ ही फर्लांग की दूरी पर स्थित है । हालांकि गंडक नदी और हवाई अड्डा समेत रिहायशी इलाके के बीच वीटीआर का घना जंगल है जिसके रास्ते अक्सर ये जीव चहलकदमी करते हुए इन क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं ।

समरसता खिचड़ी कार्यक्रम का आयोजन कर एबीवीपी ने मनाया बाबा साहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर की जयंती

बेतिया : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् नगर इकाई बेतिया के कार्यकर्ताओं के द्वारा नगर के बरवत सेना में समरसता खिचड़ी कार्यक्रम का आयोजन कर बाबा साहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाई गयी।  

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला संयोजक अभिजीत राय ने कहा कि आज ही के दिन भीमराव रामजी आम्बेडकर का जन्म हुआ था। बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्त, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधारक थे। 

उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के साथ सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। 

वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे। 

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल झा एवं सुशांत सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम को करने का मुख्य उद्देश्य बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना है। बाबा साहेब कहते थे कि हम सबसे पहले भारतीय हैं। बाबासाहेब जी के विचार, उनका व्यक्तित्व हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। 

नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ ने कहा कि जीवन पर्यन्त सामाजिक समरसता के लिए कार्य करने वाले बाबा साहेब ने हमें सर्व समावेशी संविधान दिया जिससे हर वर्ग का कल्याण सम्भव हो। ऐसे महामानव को इस अवसर पर कोटि-कोटि नमन करते हैं। 

नगर सह मंत्री प्रशांत मिश्रा एवं अभिषेक गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

मौके पर विशाल दीक्षित, लवकुश कुशवाहा, रोहित राय, अभयानन्द दीक्षित,अमन शर्मा, नितेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

धूमधाम व उल्लास के साथ मनाई गई संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती।


गौनाहा,संवाददाता:-भारतीय संविधान के निर्माता डाॅ भीमराव आंबेडकर की जयंती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई गौनाहा द्वारा समरसता दिवस मनाई गई।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य राजा श्रॉफ, प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश पासवान द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। और इसके बाद समरसता खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया।

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि

प्रखंड प्रमुख श्री जयप्रकाश पासवान व बीडीसी अवध बिहारी खोजवार ने कहा कि देश को एक मजबूत संविधान देने के साथ साथ बाबासाहेब ने देश को नई दिशा देने का काम किया।

दीपक कुमार व श्याम पटेल साथ मे नैतिक ने कहा कि बाबासाहेब ने जिस तरह समाज मे फैले जातिवाद और भेदभाव को मिटाने के लिए जितने प्रयास किये,आज उसी का परिणाम है कि आज हम सब एक समाजिक समरसता के भाव से समाज मे रहते है। हम सभी युवा को उनके विचारों का अनुसरण करते हुए समाज को एक सूत्र में बांधे रखना चाहिए।

अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजा श्रॉफ ने मिडिया को जन्मकारी देते हुये कहा कि हम सबसे पहले और अंत में भारतीय है।

इसी विचार के साथ समाज मे प्रत्येक वर्ग के लोग को रहना चाहिए। मनीष शर्मा व जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि जोड़ने का कार्य परिषद के कार्यकर्ता करते हैं और यह प्रयास हमेसा जारी रहेगा। कार्यक्रम में भार तंजु देवी जी के साथ साथ श्याम कुमार,प्रमोद कुमार, राजकुमार,सोनू कुमार जिगर गुप्ता मौजूद रहे।

भारतरत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जयंती के अवसर पर समरसता दिवस मनाई गई।

इस मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक सुजीत मिश्रा नगर मंत्री प्रियेश गौतम  नगर सह मंत्री रवि पटेल एवं शिक्षक मुनीलाल यादव ने बाबा साहेब आंबेडकर के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और पढ़ने व बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण किया ।

इस अवसर पर विभाग संयोजक सुजीत मिश्रा कहा कि आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान की ताकत के वजह से भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बनने में अपनी अग्रणी भूमिका बना पाया है। इतना ही नहीं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महिला सशक्तिकरण का जो काम किया था।

 वह अपने आपमें अदभूत और अकल्पनीय था। उस दौर में महिलाओं के सम्मान के लिए खड़ा होने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कारण आज समाज के अंदर में सभी वर्ग की महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़कर के भारत का नाम रोशन कर रही है।

वही नगर मंत्री प्रियेश गौतम सह मंत्री रवि पटेल शिक्षक मुन्नीलाल लाल यादव ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जाति विशेष से ऊपर उठकर के समस्त धर्म की महिलाओं के अधिकार दिलाने के लिए जो काम किया है। 

वह आज के युग में उन्हें महान बनाता है। लेकिन उसके बाद भी भीमराव अंबेडकर ने किसी के प्रति कोई मन में विष नहीं बल्कि समाज को अमृत देने का काम किया। वह अमृत आज का भारतीय संविधान है।जिसमें देश के हर एक नागरिक को उसके अधिकारों एवं अभिव्यक्ति संकलित है। 

इस अवसर पर लालमन साह आदित्य , मोनिका, पूजा , निशा राधा, शिवांश कान्हा तृषा सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं आम लोग उपस्तिथ रहे।

संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर ने सबको समान रूप से दिलाया था पानी पीने का अधिकार : सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन

बेतिया : आज दिनांक 14 अप्रैल 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत के संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 132 वी जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। 

इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमित कुमार लोहिया ,डॉ शाहनवाज अली, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता नवीदु चतुर्वेदी, डॉ महबूब उर रहमान एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहां की आज ही के दिन आज से 132 वर्ष 14 अप्रैल 1891 ई को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जन्म हुआ था। उनका सारा जीवन सामाजिक उत्थान के लिए रहा। 

कहा कि उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य समाज के उपेक्षित वर्ग अल्पसंख्यकों एवं दलितों के मानव अधिकारों के लिए जारूकता पैदा करना था। भारत रत्न बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर ने सत्याग्रह के माध्यम से निश्चय किया कि समाज का उपेक्षित वर्ग अल्पसंख्यक एवं अछूत समाज समान रूप से पानी पीकर रहेगा।

दुनिया का इतिहास भेदभाव-जुल्म एवं इसके विरुद्ध संघर्ष का इतिहास है. अधिकांशतः ये भेदभाव या जुल्म किसी शासक या सरकारों द्वारा जनता पर किए गए हैं । जनता ने इस भेदभाव, जुल्म के विरुद्ध संघर्ष भी किया है। लेकिन दुनिया में कई हिस्से ऐसे हैं, जहां सिर्फ सरकारों एवं शासकों ने नहीं, पूरे के पूरे समुदाय ने दूसरे समुदाय पर अत्याचार किए हैं। भारत में जातिवादी व्यवस्था द्वारा दलितों-पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों को संस्थागत रूप से संसाधनों से वंचित किया गया. एक वर्ग को अछूत एवं अल्पसंख्यक घोषित किया गया, उन पर जुल्म ढाए गए.

मध्यकालीन भारत एवं ब्रिटिश राज में भारतीय समाज सुधारकों के प्रयासों से अछूतों को शिक्षा एवं सम्पत्ति का अधिकार मिलने से उनके अंदर अधिकारों के लिए चेतना पैदा हुई , जिससे वे अपने मानवीय अधिकारों की मांग करने लगे. इसी मांग का परिणाम था सन् 1927 में महाड़ का आंदोलन. यह आंदोलन ऐसा है जिसे भारतीय इतिहास में लम्बे समय तक याद रखा रखा जायेगा. यह आंदोलन इसलिए शुरू हुआ क्योंकि अछूतों एवं समाज के उपेक्षित वर्ग को सार्वजनिक स्थान से पानी पीने की मनाही थी.

1920 के दशक में डा.आंबेडकर लंदन से बैरिस्टर बनकर वापस लौटे थे. वे 1926 में बम्बई विधान परिषद के सदस्य भी बने थे. इस समय तक उन्होंने सामाजिक कार्यों और राजनीति में सक्रिय भागीदारी शुरू कर दी थी।

बाबा साहेब ने अपने समाज को बताया कि सार्वजनिक स्थान से पानी पीने का अधिकार एक मूलभूत अधिकार है. 1923 में बम्बई विधान परिषद ने एक प्रस्ताव पास किया कि सरकार के द्वारा बनाये गए एवं पोषित तालाबों से अछूतों को भी पानी पीने की इजाजत है. 1924 में महाड़ नगर परिषद ने इसे लागू करने के लिए एक प्रस्ताव भी पास किया. फिर भी अछूतों को स्थानीय सवर्ण के विरोध के कारण पानी पीने की इजाजत नहीं थी. बाबा साहेब का उद्देश्य दलितों में उनके मानव अधिकारों के लिए जारूकता पैदा करना था. उन्होंने यह निश्चय किया कि हमारा अछूत समाज इस तालाब से पानी पीकर रहेगा.

इसके लिए दो महीने पहले एक सम्मेलन बुलाया गया. लोगों में जागृति पैदा करने के लिए सत्याग्रह आरंभ की गई ।लोगों को गांव-गांव भेजा गया कि 20 मार्च, 1927 को हम इस तालाब से पानी पीयेंगे. लोगो को इकठ्ठा किया गया. एक पंडाल लगाया गया. जिसमें अच्छी-खासी भीड़ इकठ्ठी हुई. काफी दूर-दूर से लोग आये. लगभग 10,000 से अधिक लोगों ने सबके लिए जल सत्याग्रह में हिस्सा लिया। उस पंडाल के लिए जमीन एक मुसलमान परिवार ने दी थी. सवर्ण लोगों ने मुसलमानों पर दबाब भी डाला कि ऐसे सत्याग्रह के लिए जमीन न दें, फिर भी उन्होंने अपनी जमीन दी.

सम्मेलन में बाबा साहेब आंबेडकर ने अछूतों समाज के उपेक्षित वर्ग के समक्ष ओजस्वी भाषण दिया कि हमें गंदा नहीं रहना है, साफ़ कपड़े पहने , मरे हुए जानवर का मांस नहीं खाना है. हम भी इन्सान हैं और दूसरे इंसानों की तरह हमें भी सम्मान के साथ रहने का अधिकार है।

बाबा साहेब ने अपने भाषण में आगे कहा कि, ‘यह समाज की पुनर्संरचना का प्रयास है, सामंतवादी समाज एवं उसकी असमानता को मिटाने का प्रयास है. स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित नए समाज को बनाने का प्रयास है.’ भाषण के बाद डा. अंबेडकर हज़ारों अनुयायियों के साथ चावदार तालाब गए, और वहां पानी पीया.

यह सत्याग्रह पूर्णतया शांतिपूर्ण था, लेकिन अपने उद्देश्यों में बड़ा था, क्योंकि यह सदियों से स्थापित जातिवादी वर्चस्व को चुनौती दे रहा था. इस आंदोलन की प्रतिष्ठा बहुत है. इसीलिए 20 मार्च को प्रतिवर्ष मानव गरिमा दिवस या अस्पृश्यता निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है. आगे चलकर यह आंदोलन दलितों की मुक्ति संघर्ष का आधार बना. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब भीमराव के आदर्श नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन है।

गंडक प्रोजेक्ट कॉलोनी निवासी शिक्षक के बेडरूम में निकला विशालकाय सांप, मची अफरातफरी

बगहा : गर्मी के बढ़ते ही जंगली जीवजंतुओं के रिहायशी इलाके में निकल आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बता दें,जलसंसाधन विभाग के गंडक प्रोजेक्ट स्थित ई टाइप कॉलोनी निवासी शिक्षक हरिनारायण प्रसाद के घर के बेडरूम में विशालकाय जंगली सांप निकल आया जिसे देखकर अफरातफरी मच गई। 

शिक्षक पुत्र वृजेश कुमार ने बताया कि सुबह 9 बजे बेडरूम के आंगन की तरफ का बंद दरवाजा खोलने गया तो छिटकनी की तरफ हाथ बढ़ाते दरवाजे की चौखट से लटके विशालकाय सांप पर नज़र पड़ी तो मेरे होश उड़ गए।

मैं बदहवास वहां से भागते हुए बाहर निकल आया । इतने में कॉलोनी निवासियों की भीड़ लग गई,स्थानीय लोगों ने वन विभाग के रेंजर को फोन कर इसकी सूचना दी। लेकिन स्नैक एक्सपर्ट के पहुंचने से पहले ही सांप आंखों से ओझल होकर कहीं गुम हो गया। स्नैक एक्सपर्ट शंकर कुमार ने स्थल पर पहुंचकर सांप को खोजा लेकिन सांप कहीं नहीं दिखा।

दरअसल आपने सांप की कई प्रजातियां देखी और उनके बारे में सुना भी होगा। लेकिन क्या आपने कभी रंग बदलने वाला सांप देखा है। इस सांप का नाम Copper Headed Trinket (कॉपर हेडेड ट्रिंकेट) है। इस प्रजाति का सांप पहली बार वाल्मिकी टाइगर रिजर्वके रिहायशी इलाके में दिखा है। 

सी एफ नेशामणि के ने जानकारी दी कि यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है और जहरीला नहीं होता है। उन्होंने बताया की सांप के पूरे शरीर पर काले रंग की पट्टी होती है और शरीर का रंग लाल-भूरा होता है। सांप का मुंह काफी हद तक कॉपर कलर का होता है। यह आमतौर पर कृन्तकों, पक्षियों, छोटे स्तनधारी, पक्षी, छिपकली और मेंढक को अपना शिकार बनाता है।

वहीं वाइल्ड लाइफ के सुब्रत बहेरा ने बताया की सांप के पास आने पर या जब इसे खतरा महसूस होता है तो यह अपने अगले हिस्से को फूला लेता है और मुंह को धरातल से ऊपर उठाकर फूंकार मारता है। इस तरह सांप अपना गुस्सा दिखाता है। यह सांप कभी भी अपना रंग बदल लेता है।

यह उत्तरपूर्वी भारत के कई इलाको, हिमालय तलहटी और उत्तराखंड के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी पाया जाता है। इसकी लंबाई जन्म के समय: 25-30 सेमी और औसत लंबाई: 150 सेमी तथा अधिकतम लंबाई: 230 सेमी होती है।