सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की मांग, चंपारण सत्याग्रह के गवाह रहे ऐतिहासिक राज इंटर कॉलेज के छात्रावास को पुनः संचालित करें सरकार
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बेतिया : चंपारण सत्याग्रह पर महात्मा गांधी के आगमन की 107वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति दूत सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी झारखंड , डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ. शाहनवाज अली एवं अल बायन के संपादक डॉ. सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि चंपारण सत्याग्रह में 10 अप्रैल का विशेष महत्व है।
मोहनदास करमचंद गांधी 10 अप्रैल 1917 को चंपारण आने के लिए कोलकाता से पटना पहुंचे थे। जहां उन्होंने देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरुल हक, राजकुमार शुक्ला और अन्य गणमान्य लोगों से मुलाकात की थी।
15 अप्रैल, 1917 को पटना से मुजफ्फरपुर होते हुए मोतिहारी दिन में तीन बजे ट्रेन से पहुंचे थे और वकील गोरख प्रसाद के घर ठहरे हुए थे.
चंपारण दौरे के दौरान 18 अप्रैल को अंग्रेजों के चंद्रहिया से जिला छोड़ने के आदेश के खिलाफ ब्रिटिश कोर्ट मे ऐतिहासिक बयान दिए थे।
प्रांतीय संघ की कार्यकारिणी ने गांधीजी के जिला छोड़ने के आदेश का विरोध किया और 20 अप्रैल 2017 को ब्रिटिश सरकार ने गांधीजी के खिलाफ मामला उठाने का आदेश दिया। इस दौरान उन्हें सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया, जो चंपारण में सत्याग्रह की पहली जीत थी।
महात्मा गांधी ने 22 अप्रैल 1917 को शाम 5:00 बजे बेतिया के ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला पहुंचकर सत्याग्रह कार्यालय की शुरुआत की। बेतिया पहुंचने पर महात्मा गांधी ने पीर मोहम्मद मुनीश, बाबा खेनर राव, शेर मोहम्मद, शीतल राय, अकलू देवन और अन्य गणमान्य लोगों से मुलाकात की।
याद रहे कि 16 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला और 17 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक राज हाई स्कूल छात्रावास,10,000 से अधिक किसानों, मजदूरों और आम लोगों ने चंपारण जांच समिति के सामने नील के अभिशाप और अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराया था.
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज देश भारतीयों की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष बना रहा है।
इस मौके पर वक्ताओं ने सरकारों से मांग की कि ऐतिहासिक राज हाई स्कूल के ऐतिहासिक छात्रावास को फिर से चालू किया जाए, जहां चंपारण जांच समिति के समक्ष 10 हजार से अधिक किसानों व मजदूरों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को जानने की जरूरत है।
Apr 11 2023, 16:36