*पुरानी पेंशन बन्द करने पर शिक्षक कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस, फिर बहाल करने की मांग*
आजमगढ़- राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन 1 अप्रैल 2005 को समाप्त करने के विरोध में शिक्षक एवं कर्मचारी शनिवार को काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया और पुरानी पेंशन बन्द करने को लेकर काला दिवस मनाया। पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग शिक्षक कर्मचारियों ने किया। अटेवा के बैनर तले काफी दिनों से शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की मांग की जा रही है।
अटेवा के जिलाध्यक्ष सुभाष चंद यादव एवं फूलपुर ब्लाक अध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों में 1 जनवरी 2004 तथा उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरियों में 1 अप्रैल 2005 से शिक्षकों कर्मचारियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था एनपीएस लागू कर दी गई। जो ना तो शिक्षकों कर्मचारियों के हित में है और ना ही प्रदेश एवं देश के हित में है। उत्तर प्रदेश के लगभग 13. 37 लाख युवा शिक्षक कर्मचारी एवं अधिकारी इस नई पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत आते हैं।
देश भर में सीधे तौर पर 3:30 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं। नई पेंशन व्यवस्था को लेकर प्रदेश एवं देश देशभर के शिक्षक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इन संस्थाओं की परिसंपत्तियों एवं उनमें कार्यरत कर्मचारी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इनको निजी हाथों में सौंपना उचित नहीं है। निजीकरण से जनता का शोषण तथा प्राइवेट कंपनियों का लाभ होता है जो एक लोक कल्याणकारी राज्य की संकल्पना के खिलाफ है। अटेवा के जिला उपाध्यक्ष सीपी यादव एवं अटेवा जिलामंत्री राम जी बर्मा ने बताया की फूलपुर तहसील के फूलपुर और पवई ब्लाक के सभी शिक्षक साथियों पुरानी पेंशन को बंद करने पर आज ब्लैक डे मनाते काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया है और पुरानी पेंशन बहाली की मांग किया है।
इस अवसर पर दीपक यादव, रामपाल यादव, महेन्द्र, बिक्रम यादव, विवेक, राजेश चौरसिया,नूर आलम, तालिब,सुधीर राय, रबिंद यादव, अर्चना,मायावती, मीनू बर्मा, दीपा यादव, बिकास मिश्र, मालती आदि रहे।
Apr 02 2023, 10:13