उच्च शिक्षा निदेशक प्रो ब्रह्मदेव ने दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "भारतीय संस्कृति में राजनीतिक चिंतन" विषय का किया शुभारंभ
फूलपुर ( आजमगढ़ ) । फूलपुर तहसील के अम्बारी स्थित गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "भारतीय संस्कृति में राजनीतिक चिंतन" का शुभारंभ हुआ ।
गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो ब्रह्मदेव द्वारा किया गया । गोष्ठी के प्रारंभ में महाविद्यालय के गोष्ठी के संयोजक डा नंदलाल चौरसिया ने विस्तार से बताया कि भारतीय राजनीतिक चिंतन बहुत पहले से है । पाश्चात्य राजनीतिक चिंतन आधुनिक चिंतन हैं ।
प्रोफ़ेसर अजीत राय ने अपने वक्तव्य में भारतीय संस्कृति की उस गौरवशाली परंपरा को याद करते हुए बताया कि पश्चिम की धरती बहुरंगी विपुलता को प्रस्तुति प्रस्तुत करती हैं , लेकिन हमारी धरती राजधर्म को प्रस्तुत करती है ।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन ,दौरे जहां हमारा" उन्होंने मैक्स मूलर से लेकर मैक्स तक की राजनीतिक विचारधाराओं के माध्यम से बताया कि प्राचीन भारत में राजनीतिक चिंतन पाश्चात्य से श्रेष्ठ है।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक प्रो जय सिंह ने संस्कृति और परंपरा का उल्लेख करते हुए गोष्टी को आगे बढ़ाया ।
वही महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा राम नारायण राम ने बताया कि हमें अपने इस परंपरा में आम जन की जन समस्याओं को समाप्त कर आगे बढ़ने के लिए संकल्प होना चाहिए।
इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो ब्रह्मदेव ने अपनी प्राचीन भारतीय चिंतन की परंपरा को रेखांकित किया । आज पूरी भारतीय राजनीतिक चिंतन पाश्चात्य राजनीतिक चिंतन से श्रेष्ठ रहा है । हम अपने विद्वानों को भूल जाते है ,और विदेशियों को याद रखते है , जो अच्छा नहीं है। उन्होंने बताया कि हमे मधुमक्खी की तरह ज्ञान को इकट्ठा करना चाहिए, एवम अपनी संस्कृति को बचाए रखना चाहिए ।
इस अवसर पर संगोष्ठी में राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व समन्वयक प्रो राकेश यादव ,डॉ प्रवीण कुमार यादव, पूजा पल्लवी , डा अनूप पांडेय , पप्पू गिरी, मुलायम यादव , ओमप्रकाश चौरसिया ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा यादवेंद्र कुमार आर्य ने एवं संचालन समारोहक डा उदयभान यादव ने किया।
Mar 27 2023, 18:33