नॉलेजग्राम विद्यालय में कक्षा एक से शुरू होगी कोडिंग की पढ़ाई, विद्यालय में कॅरियर काउंसिलिंग के साथ डीएमआईटी सेल की स्थापना की गई

पटना : नॉलेजग्राम विद्यालय में कक्षा एक से कोडिंग की पढ़ाई शुरू होगी। विद्यालय में कॅरियर काउंसिलिंग के साथ डीएमआईटी सेल की स्थापना की गई है। यह जानकारी मंगलवार को निदेशक सीबी सिंह ने दी। कोडिंग के विषय में एक कंपनी के पूर्वी भारत के प्रमुख मोहम्मद खालिद ने विस्तृत जानकारी दी। बताया कि विद्यालय पूरे बिहार में प्रतिवर्ष नि शुल्क कोडिंग ओलंपियाड का आयोजन कराएगा।

निदेशक ने कहा कि बिहार की उर्वरा मेधाभूमि जहां से समस्त संसार के संचालक उत्पन्न होने चाहिए, वहां बेरोजगारों की तथा पथभ्रमित लोगों की पूरी फौज़ मिलती है, इसी के मद्देनजर नॉलेजग्राम को विकसित किया गया ताकि सही मेधा को सही स्थान मिल सके।

उन्होंने कहा कि बिहार में विद्यार्थियों को अपने विषय अथवा करियर चुनने की आज़ादी आज भी नहीं है। सदियों से बच्चों की मेधा पर अभिभावकों की इच्छा भारी पड़ती रही है। कई बार सहपाठियों का दबाव (Peer Pressure) में आकर विद्यार्थियों का अपने जीवन की मूलधार से कहीं दूर चले जाना नितान्त स्वाभाविक है जबकि ईश्वर ने प्रत्येक व्यक्ति को अलग अलग क्षमताएं दी हैं और प्रत्येक व्यक्ति में इतनी क्षमता ज़रूर होती है कि वह संसार को एक नया आयाम देकर जाए।

कहा कि उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए नॉलेजग्राम ने कैरियर काउंसलिंग के साथ साथ डी एम आई टी (DMIT) की सेल का निर्माण किया है, जिसका उद्घाटन आज ही हो रहा है। DMIT सेल के द्वारा हम बच्चों को उनकी मंजिल तक पहुंचाएंगे। फिंगरप्रिंट के द्वारा प्रत्येक बच्चे की गुह्य प्रतिभा को बाहर निकालकर उसे पल्लवित, पोषित और पूर्णविकसित करेंगे। ज्ञातव्य हो कि यद्यपि अमेरिकी पैटेंट की यह सेवा बहुत महंगी है, किंतु इसकी महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए और अभिभावकों को वित्तीय बोझ से बचाने के लिए विद्यालय प्रबंधन ने इसे प्रत्येक बच्चे के लिए निशुल्क कर दिया है।

आजके समय में Artificial Intelligence (अजीव बुद्धिमत्ता) से दूर रहना घातक सिद्ध होगा। इसकी ट्रेनिंग पर भारत सरकार लगातार ज़ोर दे रही है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसे कक्षा 6 से लागू भी करने जा रही है।

समय की धार को भांपते हुए नॉलेजग्राम ने कक्षा 1 से ही कोडिंग की शिक्षा की शुरुवात का निर्णय लिया है, जिसका उद्घाटन भी आज ही हुआ है। टेकी युओलो (Techie Yuolo) कंपनी के पूर्वी भारत के प्रमुख श्री मोहम्मद खालिद ने इसके संदर्भ में आप सबको अवगत कराया है। विद्यालय पूरे बिहार के लिए एक निशुल्क कोडिंग ओलंपियाड का आयोजन भी प्रतिवर्ष कराएगा और पुरस्कार देकर विजयी विद्यार्थियों को सम्मानित भी करेगा।

पटना में पहली बार लांच हुआ दुबई की विश्वविख्यात डेजर्ट ब्रांड डेज़र्टिनो, लीजिए अब इसके प्रॉडक्ट का मजा

पटना : स्वाद, गुणवत्ता, स्वच्छता और स्वास्थय से भरपूर व्यंजनों की जब बात आती है तो बस एक ही नाम गूंजता है और वो है डेज्रर्टिनों। सुनील चेलानी जिन्होंने 13 साल की उम्र मे एक आईसक्रीम पार्लर में 60 रुपये प्रतिदिन के वेतन पर काम किया और अपने भाई को चार्टड अकाउंटेंट बनाया। 

भावेश चेलानी ने 10 साल डेलॉइट और एरिक्स जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया और फिर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में दुबई में कुछ साल काम करने के बाद भारत वापस आकर उन्होने अपने के सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया। 

सुनील चेलानी ने 10 साल आइसक्रीम पार्लर में काम करके मिल्क शेक और थिक शेक फील्ड में अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसी रेसिपी तैयार किया जिसका अंदाजा किसी को नही था। वे हमेशा मानते थे कि थिक शेक आइसक्रीम के बगैर भी बन सकता है। पर उनकी बात को भारत के बड़े-बड़े सलाहकार भी समझ नहीं पाए। तब अपने भाई भावेश चेलानी के साथ मिलकर इटली गए और वहां विशेषज्ञों की सलाह से एक ऐसी इंटरनेशनल रेसिपी को तैयार किया जो अपने आप में बेमिशाल है। 

2015 तक सुनील ने अपने इस बिजनेश को संतुष्टि शेक्स एंड मोर के नाम से गुजरात मे कुछ स्टोर्स में शुरु किए और उसके बाद भावेश चेलानी के इस बिजनेश से जुड़ने के बाद दोनो साथ मिलकर एक ग्यारह कर इसे दुनिया के अन्य देशों में ले जाने का बीड़ा उठाया। उन्होने अपनी फैक्ट्री को इटालियन तकनीक से सुज्जति किया और एक ऐसे कंसेप्ट को जन्म दिया जो आज दुनिया भर में फ्रेंचाइजी इंडस्ट्री में मशहूर है। 

डेजर्टिनो में 150 से भी ज्यादा थिक शेक, मिल्क शेक, स्विश वैफ्लस, आईसक्रीम और ऐसी कई वेराइटीज मिलती है जो स्वाद और स्वास्थय से भरपूर है और युवाक पीढ़ी को बेहद पसंद है। 

संतुष्टि और डेजर्टिनो के देश-विदेश में 50 से ज्यादा आउटलेट्स और और आगे 2025 तक इसे 500 तक करने का विजन लेकर आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में राजधानी पटना में ट्रेंडप्रो वेंचर्स के आयुष बगड़िया और राजीव सिंह ने इस ब्रांड को लांच किया है। बिहार और झारखंड मिलाकर 50 से ज्यादा आउटलेट्स आनेवाले2-3 साल मे खुलने वाले है।

अपनी कुंडलियों को जगाकर अपनी सभी बीमारियां दूर करें : मोनिका सिंघल

पटना : आज बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स सभागार में मारवाड़ी महिला समिति, पटना, वनबंधु परिषद महिला समिति, पटना एवं राधारानी ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में चंडीगढ़ से पधारी प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल ने खचाखच भरे सभागार में लोगों को जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से बताया। 

कार्यक्रम के प्रारंभ मोनिका सिंघल जी का स्वागत चुनड़ी ओढ़ाकर अध्यक्ष केसरी अग्रवाल ने किया। इसके बाद स्वागत गान दो छोटी छोटी राज नंदिनी बंसल एवं ऋषिका बच्चियों ने गाया। कार्यक्रम में बिनोद बंसल, पी के अग्रवाल, नीलम अग्रवाल, राधेश्याम बंसल, एम पी जैन, गीता जैन, नीना मोटानी, राजेश बजाज, सीता बंसल, मीना अग्रवाल, मिसी अग्रवाल, रामलाल खेतान, नीलम केजरीवाल, गणेश खेतरीवाल, राजेश कुमार सिकरिया, नंद लाल अग्रवाल, .आशा भूटिया, मिली बंसल,सहित पटना के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल ने बताया कि आज लोग दौड़ रहे हैं, उनके पास फुर्सत ही नहीं है। वे जितना कर रहे हैं उतनी ही टेंशन बढ़ रही है। इसी का इलाज ढूंढ़ने के लिए स्माइल निकला है। हम सोचते हैं कि ब्रह्मांड इतना बड़ा और हमारे चारों तरफ है लेकिन हमारे ऋषि-मुनियों ने हमारे अंदर भी इतना बड़ा ब्रह्मांड खोजा था। इससे लोगों को जोड़ने की हमारी पूरी कोशिश है। स्माइल में हजारों-लाखों लोग जुड़े हुए हैं। उन लोगों ने सेशन अटेंड कर पल भर में अपनी परेशानियां और माइग्रेन, आर्थराइटिस, ब्लड प्रेशर, शुगर और कैंसर जैसी बीमारियां दूर की हैं। इंसान खुद ही उनको हील करता है। 

उन्होंने कहा कि सब लोग समझते हैं कि भगवान मंदिर में हैं, मस्जिद में है और गुरुद्वारे में है लेकिन हमारे भीतर भी एक भगवान है जो हर पल हमारी श्वांस चला रहा है। हम सो जाते हैं तब भी जिंदा रहते हैं। इसका मतलब वह शक्ति हमारे भीतर हमेशा रहती है पर हमारे पास उसका पासवर्ड नहीं है। उससे डरते हैं और उसे मानते हैं। लेकिन हम जिसे जानते हैं, उसे मानते नहीं और जिसे मानते हैं उसे जानते नहीं। 

मैं कहती हूं कि जो हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों साल पहले जो खोजा था, आज पूरी दुनिया के साइंटिस्ट उस पर खोज कर रहे हैं और अब भी वहां तक नहीं पहुंचे हैं। हमारे आर्यभट्ट ने जीरो को खोजा था। उन्होंने बिना लैबोरेट्री, बिना रॉकेट के बता दिया था कि पृश्वी और सूरज की दूरी कितनी है।

मोनिका जी ने बताया कि मेडिकल साइंस तरक्की कर रही है, इसका मतलब मरीज कम हो जाने चाहिए लेकिन मरीज तो बढ़ते ही जा रहे हैं। यह कैसी तरक्की है, जिसमें मेडिकल साइंस भी बढ़ रहा है, इलाज भी बढ़ रहा है और मरीज भी बढ़ रहे हैं। शुगर, ब्लड प्रेशर एक बार शरीर में आ गये तो उसकी आजीवन दवा खा रहे हैं। हार्ट की प्राब्लम आ गई तो पूरी जिंदगी दवा खाते रहिए। इसका कारण यही है कि हम उस शक्ति को भूल गए हैं जो हर वक्त हमारे अंदर रहती है। हम उसी शक्ति से लोगों को जोड़ने आए हैं। आज का कार्यक्रम है रू-ब-रू। इसका मतलब है कि जो रूह हमारे लिए रात-दिन काम कर रही है, उससे हम मिलेंगे। इसमें हम 20, 25 साल से जो जिस भी रोग से पीड़ित हैं, उसे दावे के साथ उसी समय ठीक करेंगे।

उन्होंने बताया कि रामायण और महाभारत में जितनी चीजें हैं, वे सब प्रमाणित हैं लेकिन इंसान इतना दौड़ रहा है और उसे लग रहा है कि खुशी बाहर से आएगी। एक घर उसके पास है और वह सोचता है कि दूसरा घर बना लेगा तो खुशी और बढ़ जाएगी। इसके बाद भी खुशी आ नहीं रही है, क्योंकि हमारा सत्य स्वरूप है सत, चित, आनंद, जिससे हम दूर हैं। हम अपने भीतर के साइंस को नहीं मान रहे हैं। साइंस एंड स्प्रीचुएलिटी वर्क हैंड एंड हैंड लेकिन हमने उसे अंधविश्वास मानकर छोड़ दिया है, जबकि वह सुपर साइंस है। सारा विश्व यह जानने में लगा है ह्वाट इज सीक्रेट बिहाइंड द यूनिवर्स। क्वांटम फिजिक्स, जिसे हमारे ऋषि-मुनि बहुत साल पहले जानते थे। 

कहा कि 50 वर्ष पहले बर्कले यूनिवर्सिटी के डॉ. अलवारिस ने डिफाइन किया कि 1 के पीछे 22 जीरो लगाओ एटम इतनी बार बनता और बिगड़ता है। 50 साल पहले शोध करके उन्होंने एक एटॉमिक बम बनाया। एटॉमिक बम की शक्ति जानने के लिए हिरोशिमा पर वह बम गिरा। अब हम देखते हैं कि कितना बड़ा विस्फोट होता है। एक के पीछे 22 जीरो को हिन्दू संस्कृति में सहस्र कोटि कहते हैं। हमारे वेदांत और उपनिषद में यह बात है कि जब हम परमात्मा के आगे एक बार शीश झुकाते हैं तो 1 के पीछे 22 जीरो लगते हैं। भारत को इसीलिए विश्व गुरु बोला जाता है, लेकिन इसे हम भूल चुके हैं। 

आज का युवा जितनी मेहनत कर रहा है, उतने घर बिखर रहे हैं। हमने कहा महिला सशक्तीकरण होना चाहिए और सारी औरतें काम करने निकल गईं। यह अच्छी बात है। हमारे यहां जितनी नारियां देखेंगे वह सहस्र कला संपन्न थीं। वह मन को एंपावर करती थीं। अब मन को कोई एंपावर नहीं कर रहा है। लोग मन का गुलाम बनकर घूम रहे हैं। सारी दुनिया को जीतने वाला सिकंदर भी मन के आगे हार गया था। 

मोनिका जी ने बताया कि हमारा इंटेलीजेंस और एजुकेशन डिपार्टमेंट आईक्यू पर काम कर रहे हैं। फिर आज आईआईटी का टॉपर सुसाइड क्यों कर रहा है, क्योंकि यह डिसबैलेंस हो रहा है। एक बढ़िया से बढ़िया बंगले में भी लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। हमारा इलाज करने का तरीका है, अवचेतन मन (अनकांसस माइंड) को सबकांसस माइंड (चेतन मन) से मिलाना। यही हमारा इलाज कर रहा है, क्योंकि इंसान के अलावा पूरी दुनिया में कोई भी प्राणी डॉक्टर के पास जाता है क्या? इसका मतलब मैं मेडिकल साइंस के अगेंस्ट नहीं हूं। हम अपने शरीर को हम पूरी जिंदगी यूज तो कर लेते हैं लेकिन इसका मैकेनिज्म ही नहीं पता है। हमारी आंख देख रही है और उसे कोई और शक्ति मदद कर रही है। उसी शक्ति से मनुष्य को मिलाना है। आज लोग भारतीय संस्कृति से दूर हो रहे हैं। 

एक उदाहरण बताती हूं। आज यंग एज में ही यूटरस की सर्जरी हो रही है। अगर आज की महिलाएं सिंदूर लगातीं तो यह नौबत नहीं आती। क्योंकि सिंदूर में मर्करी, लेड व टर्मरिक होता है और जहां महिलाएं सिंदूर लगाती हैं वहां हमारी पिट्यूटरी ग्लैंड होती है। अगर इस ग्लैंड पर ये तीनों चीजें एक साथ लगाई जाती है तो यूटरस में हार्मोन रिलीज होते रहते हैं और यूटरस को लुब्रिकेटेड रखते हैं। इससे रिप्रोडक्टिव सिस्टम एक्टिव रहता है। पहले की महिलाएं 10-10 बच्चे पैदा कर लेती थीं, आज एक बच्चे को भी लाने के लिए बहुत बड़ा इलाज चलता है। वेंटीलेटर तो आज की जरूरत ही बन गए हैं।

राज्य में एक भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर का मछली बाजार न होना सरकार की घोर लापरवाही : ऋषिकेश कश्यप

पटना : केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा मछली उत्पादन एवं वितरण पर काफी जोर दिया जा रहा है। परन्तु बहुत हद तक सरकारी दावें फाइलों की शोभा बढा रहें है। राज्य में एक भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर का मछली बाजार न होना सरकार की घोर लापरवाही है। 

उक्त बातें आज मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार राजधानी के हर वार्ड में एक मछली बाजार विकसित करे। इसके अलावा बाजार समिति में एक विशेष आधुनिक मछली बाजार का निर्माण हो जहां पर मछली की बिक्री एवं भंडारण आदि की व्यवस्था हो। यहां से राज्यभर के खुदरा मछली विक्रेता मछली ले जाकर अपने शहर में बिक्री कर सके। इसके अलावा राज्य के कोने-कोने के मछली उत्पादकों को राजधानी में एक मछली बाजार उपलब्ध हो सके।

कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत 10 करोड़ से अधिक मछली बाजार के लिए आवंटित है। लेकिन राज्य सरकार इस मामले को लेकर टाल-मटोल करना चाह रही है। ऐसे में मछुआ समुदाय अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा है।

सम्मेलन में उपस्थित संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द मछली बाजार का निर्माण करें ताकि गरीब मछुआरों को इसका लाभ मिल सकें नही तो राजधानी में संघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा। 

इस अवसर पर श्री मदन कुमार, निदेशक, मत्स्य क्रय-विक्रय संघ, पटना एवं जय शंकर, मीडिया प्रभारी उपस्थित थे।

अपने अंदर के गुरु को जगाकर जीवन में फैलाएं उजाला : मोनिका सिंघल

पटना : हम हर समय खुश एवं आनंद क्यों नहीं रह सकते। हम पूरा जीवन खुशी ढूंढ़ने में हीं लगा देते हैं। अपने अंदर गुरु को जगाकर हम जीवन में उजाला फैला सकते है। उक्त बातें चंडीगढ़ से पधारी प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल ने पत्रकारों से बात करते हुए कही। 

आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल मारवाड़ी महिला समिति, पटना, वनबंधु परिषद महिला समिति, पटना एवं राधारानी ग्रुप द्वारा कल आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना पधारी हैं।

मोनिका जी ने बताया कि सभी के मन में होता हैं कि हम हर समय खुश एवं आनंद क्यों नहीं रह सकते। हम पूरा जीवन खुशी ढूंढ़ने में हीं लगा देते हैं। स्माइल संस्था के के द्वारा हमें सिखाया जाता है और उदासी में भी हम अपने आप मे खुशी पैदा करें। गुरु की वाणी से और वचनों को रोज सुने। अपने अंदर के गुरु जो परम गुरु परमात्मा का अंश है रोज उससे मिलें।

उन्होंने कहा कि ध्यान का ज्ञान जिसमे बहुत सारी तकनीक सिखाये जाते है जो की हमे अपने जीवन के हर दिन में कैसे करना है आसान तरीके से बताया जाता है। जीवन का उद्देश्य, जीवन जीने की कला, जीवन जीने का उचित ढंग सिखाया जाता है। जीवन को उत्सव बना कर साधना द्वारा मन तन धन संबंधों को कुबेर के जैसा भर दिया जाता है। फिर अपने आपको अपने मन को तन को साधना सिखाया जाता है। ध्यान द्वारा प्राणायाम द्वारा और विचारों पर काबू पाना मैन को साफ करना सिखाया जाता है। 

कहा कि अपने आप को मौन साधना से अपने चक्र से और एलिमेंट से जुड़कर जप, ध्यान, और प्रकृति से एकाकार होना बताया जाता है। हवन यज्ञ से जुड़कर कुण्डलिनी शक्ति को जागरण का अनुभव स्वयं की विस्मृति चिदाकाश से महाकाश का अनुभव और अखंड समाधि की अवस्था का अनुभव गुरु के सान्निध्य में कराया जाता है। जीते जी मृत्यु के भय से मुक्ति को अनुभव कराया जाता है। ये अनुभव अविस्मरणीय है। 

उन्होंने कहा कि जो शिवा की समाधि में गुरु के साथ होते है। सब जानना चाहते है कि गुरु क्या है कौन है, क्यूं जरुरी है। अनुभव का ज्ञान सबसे जरूरी है यह मोनिकाजी हमेशा बताती हैं। आप सब के अंदर वही ज्योत वही गुरु विराजित है जो गुरु के अंदर है। बस उसे जगाने की और अपने आप को अंधकार से प्रकाश में लाने भर की जरूरत है। 

गौरतलब है कि मोनिका जी ने अपनी विशेष साधनाओं, ध्यान, अनुभवो, विपासना, मौन, कठिन परिश्रम, आत्म साक्षात्कार के बाद जो निचोड निकाला वो बड़े प्रेम और सरलता से स्माइल नाम की संस्था बनाकर उसी में सब कुछ बॉट रही है। मोनिका जी स्वयं हर शहर में जाकर आमने सामने सभी को ध्यान, ज्ञान, और आत्मा का अनुभव रूबरू में करवाती है। जीवन से रोग और नकारात्मकता दूर भगाने के तरीके बड़े ही आसान तरीके से समझाती है।

स्मृति जुपिटर के द्वारा आयोजित द्वितीय चरण की स्कॉलरशिप परीक्षा में छात्रें और अभिभावकों का हुजुम उमड़ा

पटना: ज्ञात हो कि स्मृति जुपिटर संस्थान द्वारा 10वीं एवं 12वीं के छात्रें के लिए बिहार के पुरे स्कुल और कोचिंग में स्कॉलरशिप टेस्ट का आयोजन किया था, जिसमें चयनित छात्रें को द्वितीय चरण की प्रवेश परीक्षा के लिए संस्थान में बुलाया गया था, परीक्षा देकर छात्र-छात्रयें कॉफी उत्साहित थे एवं बिहार के हर क्षेत्र से अभिभावक अपने बच्चों के साथ सुबह से ही पहुँचने शुरू हो गये थे। इस प्रथम फेज में सफल छात्रें को संस्थान के द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

इस प्रवेश परीक्षा का परिणाम फोन के द्वारा दि जायेगी। जिसके आधार पर छात्रें को सम्मानित करने के लिए दिनांक 02 अप्रैल को सेमिनार का आयोजन किया जायेगा।

सभी सफल छात्रें को सम्मान समारोह में लैपटॉप, टैब, मोबाइल फोन इत्यादी देकर सम्मानित किया जायेगा। संस्थान के इस प्रयास को अभिभावकों ने खुब सराहा तथा भविष्य में भी ऐसे आयोजन करने का अनुरोध किया। परीक्षा दो पालियों में सम्पन्न हुआ।

संस्था के प्रबंध निदेशक श्री जे- रॉय ने बच्चों को पुरस्कृत किया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। सभी सफल छात्रें को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप एवं उनके रैक के आधार पर उन्हें रहने-खाने का प्रबंध दिया जायेगा।

जो छात्र यह परीक्षा नहीं दे पायें हैं उनके लिए एक और मौका 26 मार्च को दिया गया है 26 मार्च को स्मृति जुपिटर संस्थान में आकर यह परीक्षा दे सकते है।

इस बार 10वीं का जो छात्र परीक्षा दे रहें है उनके लिए फाउन्डेशन बैच की शुरूआत 06 अप्रैल को एवं 12वीं का परीक्षा देने वाले एवं 12वीं पास के लिए 15 अप्रैल से टारगेट बैच शुरू होगी।

बिहार तैलिक साहू समाज की हुई बैठक, शिक्षाविद डॉ. यूपी गुप्ता को अध्यक्ष पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार किया गया घोषित

पटना : N.I.H.E.R गुलजारबाग पटना के प्रांगण में बिहार के तैलिक साहू समाज की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश साहू समाज के अध्यक्ष पद के भावी उम्मीदवार डॉ.उमेश प्रसाद गुप्ता [डॉ. यू.पी.गुप्ता] ने कियाI जबकि मंच संचालन भावी महामंत्री उम्मीदवार नरेश साह ने कियाI

बैठक में बिहार के सभी जिलों के साहू समाज के प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लियाI मौके पर डॉ. सुनील कुमार (सर्जन), कंचन गुप्ता, चंदेश्वर साह (मुखिया), कृष्णा प्रसाद, सुजीत कुमार साह और कई गणमान्य वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। 

इस बैठक में समाज के पदाधिकारियों के चुनाव संबंध पर चर्चा की गई। जिसमें सभी ने एक सुर में सर्व सम्मत्ति से अध्यक्ष पद के लिए जानेमाने शिक्षाविद् एवं सर्वाधिक लोकप्रिय उम्मीदवार डॉ. यू.पी. गुप्ता को जिताने का फैसला लिया गयाI

वहीं प्रदेश अध्यक्ष व भावी उम्मीदवार शिक्षविद डॉ. यू.पी.गुप्ता जी ने कहा कि हम बिहार तैलिक साहू सभा से सुपर-50 की शुरुआत कर शिक्षा का हब बनायेंगे तथा सभी राजनीति करने वाले साहू समाज के नेताओं का ईमानदारी पूर्वक वकालत करेंगेI 

कंचन गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के सम्मान की लडाई लड़ेंगें I 50% महिलाओं की आबादी है उसे भी नेता बनाने का काम करेंगेंI नरेश साव ने कहा कि संगठन की लडाई पूरी ईमानदारी से लड़ेंगेंI कृष्णा प्रसाद ने कहा कि संगठन को साढ़े आठ हज़ार पंचायत तक विस्तार करेंगेI

बैठक में राजन कुमार गुप्ता, अमर कान्त प्रसाद, ललन साह, अधिवक्ता मिथिलेश गुप्ता, डॉ. अंजनी कुमारी, रुक्मणी कुमारी, इन्दु देवी, राकेश कुमार, चंदेश्वर साह (जे.पी.सेनानी), देवेन्द्र देव , नवीन कुमार, विनोद प्रसाद, शम्भू कुमार, भीमसेन गुप्ता, पुरुषोत्तम जैन, हीरालाल साहू, निवास प्रसाद गुप्ता, शशीकांत, बद्रीनाथ ,शम्भू कुमार गुप्ता ,अवधेश प्रसाद गुप्ता, प्रमोद आनंद, परमानंद प्रसाद, अमिताभ गुप्त, मायानन्द प्रसाद, चम्पा देवी, मनिश्वर गुप्ता विजय साव संतोष कुमार गुप्ता रामेश्वर साव एवं समाज के अन्य वरीष्ठ एवं बुद्धीजीवी लोगों ने उपस्थित होकर सभा के सफल आयोजन के सहभागी बने।

पटना के बिहटा में शिक्षक का बेटा लापता, फिरौती का मैसेज आने के बाद अपहरण की शिकायत दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

बिहार में फिर एकबार अपहरण की एक घटना ने सबको चौंका दिया है। राजधानी पटना से सटे बिहटा में एक व्यक्ति ने अपने पुत्र के अपहरण की शिकायत थाने में दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि एक शिक्षक ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका बेटा गुरुवार शाम से लापता है। उसके ही फोन से अब फिरौती का मैसेज भेजा गया है। उसके बाद से बेटे का फोन लगातार बंद आ रहा है।

बिहटा थाना क्षेत्र के कन्हौली गांव निवासी राजकिशोर पंडित ने ये शिकायत दर्ज कराई है। वो श्रीरामपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि उनका इकलौता बेटा तुषार जो कक्षा 6 का छात्र है वो गुरुवार की शाम से लापता है। अपने घर से वो करीब साढ़े 6 बजे निकला लेकिन लौटकर वापस नहीं आया। उसकी बात अंतिम बार अपनी मां से हुई थी। इसके बाद उसका फोन बंद आने लगा।

शिक्षक ने बताया कि उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी गयी। मैसेज और कॉल के जरिए रकम मांगी गयी और साथ में ये भी चेतावनी दी गयी कि अगर वो इसकी जानकारी पुलिस को देंगे ते बच्चे को जान से मार दिया जाएगा। पिता ने बताया कि उनके बेटे के ही फोन से फिरौती मांगी गयी और बाद में फोन बंद आने लगा। वहीं मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच में जुट गयी है।

(बीएमएसआईसीएल) कार्यालय के समक्ष भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम कर रहे कार्यकर्ता को पुलिस ने वहाँ से हटाया

बिहार राज्य चिकित्सा सेवा और आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम का आयोजन आज आरटीआई कार्यकर्ता ने (बीएमएसआईसीएल) कार्यालय के समक्ष किया ,पुलिस ने नाट्य कर रहे आरटीआई कार्यकर्ताओ को वहाँ से हटाया 

आरटीआई एक्टिविस्ट त्रिभुवन प्रसाद यादव ने कहाँ की जो एक नाट्य मंडली के द्वारा जन - जागरण का अभियान पिछले दो दिनों से चल रहा है और यह कार्यक्रम इनका तानाशाही है 

कि पुलिस हमारी बातों को रखने नहीं दे रही है हम जहां सड़क पर बैठकर के दो बात रखे पर प्रशासन अपने तानाशाह रचैया के कारण हमे भागना चाहती है ।

आरटीआई एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष त्रिभुवन प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है 

वह स्वयं संज्ञान लेने का काम करे और ऐसे भ्रस्टाचार मे लिप्त अधिकारियों को पहले सेवा से मुक्त करे एवं और जो करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है उस राशि को रिकवरी करवाने का काम करे ,,क्युकी सुप्रिम कोर्ट 2014 मे स्पष्ट आदेश मे कहाँ है कि जो दोषी पदाधिकारी है जो दोषी कंपनी है उसके ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की जाएँ ।

जेपी के सपनों को हम मरने नहीं देंगेः उपेंद्र कुशवाहा

पटना : राष्ट्रीय लोक जनता दल जेपी के सपनों और विचारों को साथ लेकर बिहार में समतामूलक, भय व भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने के लिए संकल्पित है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को शेखोदेवरा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद लोगों से यह बात कही. श्री कुशवाहा विरासत बचाओ नमन यात्रा के क्रम में जेपी के स्मारक पर पहुंचे और उन्हें नमन कर बिहार को अंधेरे और अराजकता में ढकेलने की साजिश के खिलाफ खड़े होने के संकल्प को दोहराया. पार्टी नेता फजल इमाम मल्लिक ने यहां यह जानकारी दी है. 

मल्लिक ने बताया कि विरासत बचाओ नमन यात्रा के दूसरे चरण के तीसरे दिन श्री कुशवाहा ने जमुई से अपनी यात्रा की शुरुआत की और सिकंदरा-अलीगंज होते हुए शेखोदेवरा पहुंचे. जहां जेपी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि लोकनायक ने जिन सपनों को देखा था, उनके नाम पर सत्ता में आए लोग उन सपनों को खत्म करने में लगे हैं लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे.

श्री कुशवाहा ने सिकंदरा और दरखा में जनसभाओं को संबोधित किया और लोगों से कहा कि पड़ोसी को विरासत सौंपने की श्री नीतीश कुमार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय लोक जनता दल लव-कुश, अतिपिछड़ा और महादलित समाज के हितों की रक्षा करेगा और इस तरह की हर कोशिश को नाकाम करेगा. हम आपको इस साजिश से आगाह करने आए हैं और आपसे ताकत मांग रहे हैं ताकि बिहार फिर से बर्बादी का मंजर न देखे. दरखा में शहीद मुखिया जयप्रकाश महतो को उन्होंने श्रद्धांजलि दी.

मल्लिक ने बताया कि श्री कुशवाहा बाद में रोह, रूपों, नावादा, नादरीगंज और राजगीर होते हुए गया जिले के गहलौर घाटी पहुंचे और पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर जनसभा को संबोधित किया. वहां से वे माफा, तुलिचक, टेउसा, डिहुरी, बुधगेरे और लखनपुर होते हुए गया पहुंचे. 

मल्लिक के मुताबिक उन्होंने यात्रा के क्रम में कई नुक्कड़ सभाओं को संबोधित कर लोगों से संवाद किया. रात्रि विश्राम बोध गया में किया. दूसरे चरण की यात्रा में श्री कुशवाहा अब तक करीब दस जिलों में तीन दर्जन से ज्यादा सभाओं को संबोधित कर चुके हैं. 

मल्लिक ने बताया कि यात्रा के दौरान जदयू से जुड़े सैंकड़ों नेताओं ने रालोजद की सदस्यता ग्रहण की है.

शनिवार को श्री कुशवाहा बोध गया से अपनी यात्रा को आगे बढ़ाएंगे और कुजापी, गोह, दाउदनगर, डेहरी होते हुए सासाराम पहुंचेंगे. डेहरी में वे अब्दुल कयूम अंसारी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और सासाराम में शहीद निशांत सिंह के स्मारक पर माल्यार्पण के बाद सभा को संबोधित करेंगे.