विश्व गौरैया दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने गौरैया के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं विभिन्न देशों की सरकारों से अपील की
बेतिया : आज दिनांक 20 मार्च 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व गौरैया दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर व पश्चिमी चंपारण कला मंच की समन्वयक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि आज हमें 13वां विश्व गौरैया दिवस मनाने का अवसर मिला है. ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि विलुप्त हो रही गौरैया को संरक्षण दिया जा सके।
कहा कि विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। गौरैया दुनिया के कई देशों में पाई जाती है। लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। बढ़ते प्रदूषण समेत कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और उनका अस्तित्व खतरे में है. स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के सहयोग से गौरेया जैसे पक्षियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है, इस दिशा में सत्याग्रह फाउण्डेशन, सरकारे एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सकारात्मक कार्य कर रहा है।
विश्व गौरैया दिवस नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ फ्रांस के इकोसेज एक्शन फाउंडेशन की एक पहल है। समाज की शुरुआत प्रसिद्ध पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने की थी। उन्हें 2008 में टाइम पत्रिका द्वारा "पर्यावरण के नायकों" में शामिल किया गया था। वर्ष 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। इसके बाद यह दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन गौरैया के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को गौरैया पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाता है। विभिन्न सर्वेक्षण गोरिया (गौरैया) जैसे पक्षियों की संख्या दर्शाते है।
गौरैया की संख्या लगातार घट रही है। स्टडी के मुताबिक इसकी संख्या में 60 फीसदी की कमी आई है। विश्व गौरैया दिवस मनाने का एक उद्देश्य हमारे युवाओं और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को गौरैया से प्यार करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस मौके पर डॉ. एजाज अहमद, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल, बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थियों, डॉ. शाहनवाज अली व डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से कहा कि विलुप्त हो रही गौरैया को बचाने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र एवं विश्व की अनेक सरकारों द्वारा गौरैया के संरक्षण के लिए विश्वव्यापी अभियान को संयुक्त रूप से तेज करने की आवश्यकता है, ताकि लुप्तप्राय पक्षियों जैसे गौरैया (गोरिया) को सुरक्षा प्रदान की जा सके। यह तभी संभव होगा जब हम सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समरसता स्थापित कर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हों। साथ ही हम सभी को मिलकर इस दिशा में सकारात्मक तरीके से काम करना चाहिए।
Mar 20 2023, 17:01