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Mar 17 2023, 09:55

धनबाद में नगर बस सेवा ठप, 14 करोड़ के वाहन कबाड़ में तब्दील

धनबाद : 14 करोड़ की लागत से खरीदी गई 70 में 62 बसों को आज कोई कौड़ी के भाव भी खरीदने को तैयार नहीं. कोयलांचल की सड़कों पर ये बसें बमुश्किल 10-15 दिन ही चली होंगी. बरटांड़ सरकारी बस स्टैंड में वर्षों से खड़ी इन बसों के कीमती पार्ट पुर्जे अब गायब भी हो चुके हैं. लापरवाही धनबाद नगर निगम की है जिसे ‘नगर बस’ चलाने का जिम्मा दिया गया था.अभी सिर्फ 8 बसें चला रहे अलग अलग एनजीओ

धनबाद कोयलांचल की बढ़ती आबादी के मद्देनजर 12 साल पूर्व नगर बस सेवा के परिचालन के लिए 70 बसों की खरीद की गई. नगर बस सेवा की शुरुआत 9 दिसंबर 2011 को हुई. 

जेएनयूआरएम योजना के तहत 12 करोड़ की लागत से 70 बसों को आनन-फानन में खरीदा गया. प्रथम चरण में 20 और उसके बाद 50 बसों को सड़कों पर उतारा गया. परिचालन के लिए जिम्मेवारी भी सौंपी गयी. परंतु धीरे-धीरे सभी ने हाथ खड़े कर दिये. अभी सिर्फ 8 बसें अलग अलग एनजीओ द्वारा संचालित हो रही हैं. कम्पेक्टर स्टेशन के वाहन भी पड़े हैं बेकार

शेष 62 बसें राज्य पथ परिवहन के बरटांड़ बस स्टैंड में सड़ रही हैं. 

मंहगे पार्ट पुर्जे चोरी हो चुके हैं. अब लोग इनका उपयोग शौच के लिए करते हैं. सफाई एजेंसी ए टू जेड के कीमती वाहन भी बरटाड में जंग खा रहे हैं. बंद कम्पेक्टर स्टेशन के वाहन भी बेकार पड़े हैं. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए खरीदे गए 55 ठेला बर्बाद हो चुके हैं. लेकिन इन बेकार हो चुके वाहनों की नीलामी कराना भी निगम के अधिकारी जरूरी नहीं समझते हैं.पर्यटन विभाग व पूर्व सैनिकों को मिली थी जिम्मेवारी. ज्ञात हो कि धनबाद में नगर बस सेवा की शुरुआत 9 अगस्त 2011 को गोल्फ ग्राउंड से हुई थी. 

उद्घाटन तत्कालीन मेयर इंदु सिंह ने किया था. राज्य सरकार ने इन बसों के परिचालन की जिम्मेदारी झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) और भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ को दी. जेटीडीसी को परिचालन और सैनिक संघ को मैन पावर का प्रबंध करने की जिम्मेदारी थी. लेकिन 10 दिन बाद ही सैनिकों ने हाथ खड़े कर दिए और बस सेवा बंद हो गई. इसके बाद भी कई बार कोशिश की गई, पर सब बेकार साबित हुआ.

 8 बसों से हर माह सिर्फ 1550 रुपये की कमाई

अभी सड़कों पर सिर्फ 8 बसे चल रही हैं. इसमें से 3 से 150, 2 से 250 और 3 से 200 रुपया हर माह निगम की आमदनी होती है. वाहन का मेंटनेंस संचालक को करना होता है, लेकिन संचालक इसमें भी लापरवाही बरतते हैं, जिस कारण ये 8 बसें भी इस साल कभी भी कबाड़ में चली जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

  मार्च में नई बसें भी सड़क पर नहीं उतरी

70 बसों को कबाड़ में पहुंचाने के बाद निगम के अधिकारी मार्च 2023 में 40 नई सीएनजी पर चलने वाली बसे उतारने वाले है. लेकिन अभी तक इसकी भी कोई सुगबुहाट नहीं है. ज्ञात हो कि पिछले साल नगर निगम में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में 120 नई बसों को चलाने का फैसला लिया गया था. जिसमें 12 इलेक्ट्रिक और 108 सीएनजी बसें है. इसपर अगले 10 साल में 548 करोड़ रुपया खर्च करना है.

 नीलामी का अभी कोई निर्णय नहीं : प्रकाश कुमार

सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार का कहना है कि पुरानी बसें जितनी चलने लायक हैं, चल रही हैं. बेकार हो चुकी बसों की नीलामी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. सड़क पर नई बसों का परिचालन कब शुरू होगा, अभी बताना मुश्किल है. प्रक्रिया चल रही है.

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Mar 16 2023, 14:57

दुर्दशा :धनबाद शहर में प्रदूषण का मापांक पीएम 2.5 है, यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानक से 10 से 12.5 गुना अधिक

धनबाद : बदलते मौसम, निर्माण कार्यों और गाड़ियों की वजह से धनबाद शहर की हवा सांसों के लिए खतरनाक हो गयी है. शहर की हृदय-स्थली लुबी सर्कुलर रोड की स्थिति बेहद चिंताजनक है.

यहां बुधवार दोपहर वायु गुणवत्ता सूचकांक 147 रिकाॅर्ड किया गया. वहीं पीएम 2.5 का स्तर 126.4 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था. लुबी सर्कुलर रोड में नगर निगम कार्यालय के सामने वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए स्थापित रियल टाइम मॉनिटरिंग डिसप्ले मॉनिटर पर बुधवार शाम 6.05 बजे पीएम 2.5 का स्तर 100.4 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. रात 7.50 बजे इसका स्तर फिर बढ़कर 100.6 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर हो गया.

धनबाद शहर में पीएम 2.5 का यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानक से 10 से 12.5 गुना तक अधिक बताया जा रहा है. एकतरफ धनबाद की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में दिख रही है, तो दूसरी तरफ स्विट्जरलैंड की संस्था आइक्यू एयर की ताजा जारी वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2022 में धनबाद प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर है. यह धनबाइट्स के लिए काफी राहत की बात है.

धनबाद में प्रदूषण की मुख्य वजह पीएम 10

आइक्यू एयर की ताजा रिपोर्ट में दुनिया भर के 100 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों को शामिल किया गया है. सूची में भारत के 61 शहर शामिल हैं. आइक्यू ने इस रिपोर्ट में पीएम 2.5 से प्रदूषित शहरों को शामिल किया है. धनबाद इन प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर है. दरअसल, यहां प्रदूषण की मुख्य वजह पीएम 10 है. पीएम 10 यहां बड़े पैमाने पर होने वाली खनन गतिविधियों के कारण बढ़ता है. धनबाद के कोल बीयरिंग क्षेत्रों में पीएम 10 का औसत स्तर हमेशा 225 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर बना रहता है. यह तय मानक 100 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से काफी अधिक है. हालांकि अब पीएम 2.5 को लेकर भी धनबाद को सचेत होने की आवश्यकता है, क्योंकि शहर की हवा में पीएम 2.5 के स्तर में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है.

गंभीर बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा

आइआइटी आइएसएम में एनवायरमेंटल साइंस विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो गुरदीप सिंह कहते हैं, 'पीएम 2.5 प्रदूषक कणों की उस श्रेणी को संदर्भित करता है, जिसका आकार 2.5 माइक्रोन के करीब होता है. यह मुख्य रूप से वाहनों से निकलने वाले धुआं, आग, बिजली संयंत्रों और औद्योगिक प्रक्रियाओं के कारण बढ़ता है. पीएम 2.5 के बढ़ने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ये कण आसानी से सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर गले में खराश, जलन और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके साथ ही आंखों में जलन, आंखों से पानी आना, खांसी और त्वचा संबंधित समस्याओं का खतरा सबसे अधिक होता है.

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Mar 16 2023, 14:30

आईआईटी आईएसएम में सात वर्षों के बाद चर्चित खेल उत्सव पराक्रम का होगा आयोजन


धनबाद : आइआइटी आइएसएम धनबाद में लगभग सात वर्षों बाद चर्चित खेल उत्सव पराक्रम होने जा रहा है। यह पूर्वी भारत का सबसे बड़ा स्पोटर्स फेस्ट है। तीन दिवसीय यह खेल उत्सव 17 मार्च यानि शुक्रवार से शुरू हो रहा है और 19 मार्च तक चलेगा।

सुबह साढ़े छह बजे से आयोजन शुरू होगा। आइआइटी आइएसएम धनबाद इसकी मेजबानी कर रहा है।

कार्यक्रम में दिखेगी प्रतिभाओं की झलक

खेल उत्सव में आइआइटी बाॅम्‍बे, आइआइटी दिल्ली समेत पूर्वी भारत के लगभग 23 कालेज के एक हजार आइआइटीयंंस दमखम दिखाएंगे। पूर्वी भारत के सबसे बड़े खेल उत्सव पराक्रम में रोमांचक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही खेल भावना भी देखने को मिलेगी। पराक्रम में सर्वश्रेष्ठ एथलीट शामिल होंगे। पहली बार पराक्रम खेल उत्सव में ई-स्पोटर्स भी डेब्यू कर रहा है। यह वर्चुअल इवेंट 18 और 19 मार्च को होगा। इसमें वर्चुअल बैटल ग्राउंड पर खिलाड़ी प्रतिभा दिखाते नजर आएंगे।

इवेंट में कई नामी-गिरामी हस्‍ती होंगे शामिल

पराक्रम के आयोजकों में से एक ऋतिक राज ने बताया कि प्रधानमंत्री के अभियान लोकल फार वोकल थीम को मुख्य आधार बनाया गया है। पिछले कई दिनों से आइआइटी के इस खेल उत्सव को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अपने वीडियो मैसेज से प्रोत्साहित कर रहे हैं।

इसमें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, नेशनल टेबल टेनिस विजेता सुतरिथा मुखर्जी, भारतीय पारा बैडमिंटन प्लेयर मनोज सरकार, भारतीय हाकी खिलाड़ी अशोक कुमार ध्यानचंद, अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर पूर्णिमा पांडेय, गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट सुगंधा कुमारी, स्वप्ना बर्मन, करिश्मा यादव, सौरव घोषाल आदि प्रमुख तौर पर शामिल हैं।

प्रतिस्‍पर्धा के लिए यह एक आदर्श मंच

स्पोटर्स फेस्ट के कनवीनर प्रो सौमित चटर्जी ने बताया कि यह खेल उत्सव देश के मेधावी छात्रों की खेल भावना को सामने लाता है। यह सभी खेल प्रेमियों को प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। छात्र अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करने के लिए प्रत्येक खेल में भाग लेते हैं। हमारी टीम छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है।

विजेताओं को मिलेगा लाखों का पुरस्‍कार

उन्‍होंने आगे कहा, छात्रों के बीच खेल भावना को प्रोत्साहित करते हुए हमारा उद्देश्य सभी प्रमुख खेलों और खेलों के लिए मंच प्रदान करना है। देश में आयोजित सबसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में से एक होने के नाते, खेल और खेल का यह भव्य त्योहार सीमाओं और बाधाओं को तोड़ने वाला है। यह तीन दिवसीय उत्सव उतना नगद पुरस्कार और अवसर प्रदान करता है। लगभग 12 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

इन खेलों का होगा आयोजन

एथलेटिक्स, बास्केटबाल, वालीबाल, बैडमिंटन, लान टेनिस, टेबल टेनिस, कराटे, फुटबाल, क्रिकेट, स्क्वैश, हाकी, वेटलिफ्टिंग, कबड्डी, शतरंज आदि खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, अनौपचारिक खेल गतिविधियां और अन्य मनोरंजक कार्यक्रम होंगे।

संगीत एवं नृत्य कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र होगा। आइआइटी आइएसएम के संगीत क्लब मंथन की ओर से द लास्ट स्टेज का आयोजन होगा। पराक्रम के अंतिम दिन आइआइटी आइएसएम धनबाद के वी द क्रू एक शानदार कार्यक्रम का प्रदर्शन करेगा।

कुछ प्रमुख कार्यक्रम

पौधारोपण, 17 मार्च : आइआइटी आइएसएम परिसर में अनन्य पहल फाउंडेशन के सहयोग से पौधारोपण।

ई-स्पोटर्स बैटलग्राउंड, 18-19 मार्च : शाम चार बजे।

वी द क्रू स्ट्रीट डांस कार्निवल, 18 मार्च : ओपन एयर थियेटर, शाम चार बजे।

ईडीएम नाइट, 19 मार्च : भारत का पहला वी-डीजे शान का लाइव कार्यक्रम जिमखाना ग्राउंड में रात आठ बजे।

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Mar 16 2023, 14:29

धनबाद: तोपचांची पुलिस और गोमो जीआरपी को परेशान करने वाले गोवा का अंतर प्रांतीय ठग डिसिल्वा को बिहार के गया से किया गिरफ्तार

धनबाद : वह फराटे दार अंग्रेजी बोलता है. पुलिस वालों को ही ठगता है. वह अग्रेजी बोलता है. पुलिस ने जब कढ़ाई की तो वह हिंदी बोलने लगा. इसके पहले कहता रहा कि उसे हिंदी आती ही नहीं है. लेकिन जब पुलिस ने अपना रौद्र रूप दिखाया तो सब कुछ उगल दिया.

जी हां,धनबाद के तोपचांची पुलिस और गोमो जीआरपी को परेशान करने वाला गोवा का अंतर प्रांतीय ठग डिसिल्वा को बिहार के गया पुलिस ने जेल भेज दिया है. झूठी शिकायत कर सहानुभूति से पुलिस अधिकारियों से पैसा ठगने वाला आखिरकार गया पुलिस के चंगुल में फंस गया.

पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. जानकारी के अनुसार बिहार के गया जिले के सिविल लाइंस थाना में रविवार को गया और बैग चोरी होने की शिकायत पुलिस से की. शिकायत पर पुलिस जांच करने घटनास्थल पर गई.

लोगों ने घटना से इनकार किया. सीसीटीवी फुटेज जांच में डिसिल्वा को एक व्यक्ति से बात करते हुए देखा गया. पुलिस ने उस व्यक्ति को खोज कर पूछताछ की तो उसने बताया कि डिसिल्वा ने ट्रेन में बैग चोरी होने की बात बताई. उसके अनुरोध पर उसे कुछ आर्थिक मदद की. पुलिस को शक होने पर डिसिल्वा से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पिछले साल सासाराम टाउन थाना तथा दिल्ली के थानों में झूठी प्राथमिकी दर्ज करवा कर सहानुभूति से पुलिस को ठग चुका है.

7 मार्च को वह धनबाद के भूली थाने में जाकर झूठी शिकायत की थी. उसके झांसे में आकर पुलिसकर्मियों ने उसे आर्थिक मदद की थी. हरिहरपुर थाना में भी झूठी शिकायत कर पुलिस को भरमाने का प्रयास किया. लेकिन हरिहरपुर थाना पुलिस को ठग नहीं पाया. पुलिस सूत्रों के अनुसार लूट की झूठी शिकायत दर्ज कर पुलिस कर्मियों को ठगने का वह काम करता था ,लेकिन बिहार के गया पुलिस को ठग नहीं पाया और उसे जेल जाना पड़ा. उसकी करनी से हरिहरपुर पुलिस को घंटों परेशान रहना पड़ा था. उसके बाद पुलिस को यह बता कर वह गया कि वह कोलकाता जा रहा है लेकिन कोलकाता नहीं जाकर वह बिहार के गया पहुंच गया और वहां पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

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Mar 16 2023, 14:28

मामूली सी बात पर खाया जहर इलाज के दौरान हुई मौत

धनबाद : बलियापुर के परघा, सुफलडीह में निर्मल रवानी उर्फ साजन रवानी के 15 वर्षीय पुत्र समीर कुमार रवानी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पोस्टमार्टम के बाद आज उसका शव घर पहुंचा तो पूरे गांव में मातम पसर गया. उसका दाहसंस्कार सिंदरी के डोमगढ़ घाट पर किया गया.

मृतक ने बीते मंगलवार बीती रात मामूली सी बात पर जहर खा ली थी. पता चलने पर घरवालों ने उसे एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. मृतक पुटकी थाना क्षेत्र के धोबनी गांव का निवासी है. परघा, सुफलडीह उसका मामा घर है. पिछले कुछ दिनों से सपरिवार यहां घर बनाकर रह रहा था. वो दो भाईयों में बड़ा था.

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Mar 16 2023, 14:26

तत्कालीन बिहार की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली धनबाद को।कोयले के प्रचुर भंडार के कारण पूरे देश में मिली पहचान

धनबाद : राज्य पुनर्निर्माण आयोग की सिफारिश पर धनबाद जिला 24.10.1956 को बनाया गया था। धनबाद के तत्कालीन जिले में दो अनुमंडल होते थे, अर्थात् धनबाद सदर एवं बाघमारा। 01.04.1991 को चास के नाम से जाना जाने वाला बाघमारा अनुमंडल बोकारो जिले का हिस्सा बन गया।

झारखंड में एक बड़ा कोयला क्षेत्र है। झरिया 19.4 बिलियन टन कोकिंग कोल के अनुमानित भंडार वाले भारत में सबसे बड़े कोयला भंडार का प्रतिनिधित्व करता है।भारत के सबसे अमीर कोयला खानों में से एक के लिए प्रसिद्ध है जिसमें कोकिंग कोयला की अच्छी गुणवत्ता की सबसे बड़ी जमा है। यह टिस्को और आईआईएससीओ की गुणवत्ता खनन और वॉशरी के लिए भी मान्यता प्राप्त गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया हैं । लगभग 350 साल पुराना झारखंड का ऐतिहासिक झरिया शहर काले हीरे की नगरी और आग के ऊपर बसे शहर के रूप में देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है। झरिया की और कई बातें इस शहर को खास और मशहूर बनाता है।

आज इसके बारे में आपको विस्तार से अवगत कराते हैं। इस ऐतिहासिक शहर की और अधिक जानकारी पाकर आपका भी मन बाग- बाग हो जाएगा। आग के ऊपर बसा काले हीरे की नगरी झरिया अभी भी आबाद है। लेकिन इस ऐतिहासिक शहर में जमीनी आग के कारण चारों ओर से खतरा मंडरा रहा है। झरिया लगभग 77 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झरिया की आबादी पांच लाख 41 हजार है। वर्तमान समय में झरिया धनबाद नगर निगम के अधीन है। झरिया अंचल में 34 से 53 नंबर तक वार्ड हैं। जबकि विधानसभा में एक वार्ड कम 52 तक ही है।

मतदाताओं की संख्या अभी लगभग तीन लाख 25 हजार है। कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह अभी झरिया की विधायक है। पांच लाख से अधिक की आबादी वाले आग के ऊपर बसे कोयले की इस नगरी के बारे में कई खास जानकारी पाकर आप भी कह उठेंगे वाह झरिया।झरिया की जमीन के नीचे उच्च कोटि के कोकिंग कोल का है भंडार।

झरिया में सबसे उच्च कोटि के कोकिंग कोल का अथाह भंडार यहां की जमीन के नीचे है। 1900 के पहले निजी खान मालिकों ने यहां से कोयला निकालना शुरु किया। कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया जब भारत में कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण 1971 – 72 में किया जा रहा था। यह राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी के सरकार राज में हुआ था ।होने के बाद से भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की ओर से यहां कोयले का खनन किया जा रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की ही खदानें व परियोजनाएं हैं। 90 प्रतिशत भूमिगत खदानें बंद हो चुकी हैं। अब आउटसोर्सिंग परियोजना के माध्यम से कोयला खनन किया जा रहा है। झरिया में बीसीसीएल के अलावा स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड सेल और निजी कंपनी टाटा स्टील की ओर से भी यहां की खदानों से कोयले का खनन किया जा रहा है। यह कोयला देश के विभिन्न बिजली संयंत्रों और स्टील कंपनियों को मालगाड़ी से भेजा जाता है। कोयला खान विशेषज्ञों का कहना है कि झरिया में अभी भी इतना कोयले का भंडार है कि दशकों तक इसे निकालने के बाद भी यह समाप्त नहीं होगा।

दशकों तक राजाओं ने झरिया में किया राज

झरिया राजाओं का शहर रहा। झरिया राजा परिवार के लोग दशकों तक यहां शासन किए। 350 वर्ष पूर्व रीवा राजघराना के चार भाई अपने शासन का विस्तार करने के लिए झरिया पहुंचे थे।

एक शताब्दी से आग के ऊपर बसा है झरिया

आज भी आग के ऊपर झरिया बसा है। एक शताब्दी से भी अधिक समय से यहां की जमीन में लगी आग आज भी धधक रही है। वर्ष 1916 में पहली बार झरिया के भौंरा कोलियरी की कोयला खान में आग लगी थी। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी आग लग गई। लगातार ऑक्सीजन मिलने के कारण आग धधकती चली गई। एक शताब्दी के बाद भी अरबों-खरबों रुपये खर्च करने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। आज भी झरिया के दर्जनों इलाके में आग लगी है।

अग्नि व भू धंसान इलाके में दशकों से हजारों लोग रहते आ रहे हैं। केंद्र सरकार के झरिया मास्टर प्लान के तहत अभी तक इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पूरी तरह से पुनर्वास नहीं किया जा सका है। लोग जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं। आग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।

ऊपर मकान नीचे दुकान यही है झरिया बाजार की पहचान

लगभग साढ़े पांच लाख की आबादी वाले झरिया कोयलांचल का मुख्य प्राचीन बाजार झरिया शहर में स्थित है। शुरू में इस प्राचीन शहर के बाजार को कोलकाता के बाजार के रूप में बसाया गया था। मात्र एक किलोमीटर के अंदर ही झरिया का मुख्य बाजार स्थित है। यहां लगभग पांच हजार हर तरह की दुकानें हैं। हर तरह के सामान इस बाजार में मिलते हैं। झरिया के बाजार की खासियत यह है कि ऊपर मकान और नीचे दुकान है। ऐसा लगभग एक शताब्दी से चलता आ रहा है। एक समय झरिया बाजार में झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल के लोग भी खरीदारी करने आते थे। लेकिन तीन दशक पहले यहां के मुख्य बाजार अनाज व फल मंडी को धनबाद स्थानांतरित कर दिए जाने के कारण इसकी रौनक कुछ फीकी हो गई है। इसके अलावा झरिया बाजार के आसपास छोटे-छोटे बाजार हो गए हैं ।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी आए थे झरिया

देश में चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तीन बार झरिया की धरती पर पांव रखे थे। उनके साथ देशबंधु चितरंजन दास व अन्य स्वतंत्र सेनानी भी थे। गया में कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी यहां के निजी कोयला खान मालिक, उद्योगपति, समाजसेवी रामजश अगरवाला के घर आर्थिक सहयोग के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उद्योगपति रामजश अग्रवाला ने महात्मा गांधी को ब्लैंक चेक देकर झरिया का नाम रोशन किया था।

इलियास और गयास अहमद ने साहित्य में झरिया को दिलाई पहचान

झरिया शहर के गद्दी मोहल्ला में रहने वाले गयास अहमद गद्दी और इनके भाई इलियास अहमद गद्दी ने साहित्य के क्षेत्र में झरिया को प्रसिद्धि दिलाई। दोनों सहोदर भाई साहित्य के क्षेत्र में ऐसा नाम किए हैं कि आज भी देश-विदेश के लोग झरिया को साहित्य की उर्वरा भूमि के रूप में जानते हैं। गयास अहमद गद्दी ने अपनी उर्दू कहानियों से देश और विदेश में प्रसिद्धि पाई। इनकी कहानियां परिंदा पकड़ने वाली गाड़ी व अन्य देश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। वहिं इलियास अहमद गद्दी ने फायर एरिया उर्दू उपन्यास लिखा। इसके लिए इलियास को साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। दोनों भाई अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन दोनों की रचनाएं आज भी जीवित हैं। दोनों साहित्यकारों के परिवार वाले आज भी झरिया में ही रह रहे हैं।

झरिया की आग को देखने आते हैं हर साल दर्जनों विदेशी

आग के ऊपर बसे काले हीरे की नगरी झरिया को देखने के लिए हर साल दर्जनों विदेशी यहां आते हैं।

झरिया की मिठाई मेसु हर जगह है मशहूर

बेसन और चीनी से बनी झरिया की मिठाई मेसु हर जगह मशहूर है। लगभग 75 वर्षों से इसे झरिया में बनाया जा रहा है। यह मात्र 120 रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है। झरिया की मेसु मिठाई की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि झरिया बाजार में इसके 50 थोक और पांच सौ खुदरा की दुकानें हैं। थोक मेसु बेचने वाले गोलघर के महेश गुप्ता और सुरेश गुप्ता ने बताया कि दादा देवनारायण साव ने इस मिठाई को बेचने की शुरुआत की थी। इसके बाद पिता मुंशी साव इसे बेचने का कार्य किया। अभी हम दोनों भाई थोक में इसका कारोबार करते हैं। झरिया की यह मिठाई इतनी प्रसिद्ध है कि इसकी डिमांड झारखंड और बिहार के कई जिलों में है। झरिया में हर दिन लगभग 20 क्विंटल मेसु की बिक्री होती है। संदेश के रूप में भी इसे ज्यादातर लोग ले जाते हैं।

झरिया मे ही बना था फिल्म कला पत्थर*

साल 1979 में रिलीज हुई काला पत्थर एक एक्शन फिल्म थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर मुख्य भूमिका में थे। काला पत्थर यश चोपड़ा द्वारा अभिनीत थी और चासनाला खनन आपदा पर आधारित थी। वास्तविक घटना 27 दिसंबर 1975 को झारखंड के धनबाद के पास चासनाला में एक कोयला खदान में हुई थी।

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Mar 16 2023, 09:55

धनबाद: एक करोड़ की रंगदारी के लिए गोविंदपुर में कोयला कारोबारी के घर फायरिंग, प्रिंस खान ने ली जिम्मेदारी

धनबाद : गोविंदपुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर में कोयला कारोबारी बंटी सिंह चौधरी (25 वर्ष) के घर पर मंगलवार रात 10 बजे अज्ञात अपराधियों ने ताबड़तोड़ सात राउंड फायरिंग कर दहशत फैला दी.

दो गोलियां घर के गेट पर लगीं, जबकि पांच राउंड हवाई फायरिंग की गयी. बंटी चौधरी अपराधियों के निशाने पर थे. घटना में घरवालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, हालांकि पूरा परिवार काफी डरा-सहमा है.

कतरास में कोयला का कारोबार करते हैं बंटी चौधरी

बंटी के पिता सच्चिदानंद सिंह चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि अपराधी दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आये थे. गोलीबारी की आवाज सुनकर उन लोगों को ऐसा लगा कि कोई बरात जा रही है और खुशी में पटाखे फोड़े जा रहे हैं. जब गोली उनके गेट पर लगी, तब जाकर अपराधियों द्वारा फायरिंग किये जाने का एहसास हुआ. बंटी चौधरी कतरास इलाके में कोयला का कारोबार करते हैं और उनके एक सहयोगी पर पिछले दिनों फायरिंग की घटना हो चुकी है.

झारखंड में एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी का छापा, हजारीबाग के कोयला कारोबारी के घर मिले 3 करोड़ रुपये

सोशल मीडिया पर प्रिंस खान ने पोस्ट किया ऑडियो

इस घटना को कतरास की घटना से जोड़ कर देखा जा रहा है. इस बीच, वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान ने घटना को लेकर सोशल मीडिया में एक ऑडियो पोस्ट किया है. इसमें बंटी सिंह चौधरी से एक करोड़ रुपये नकद देने तथा 200 रुपये प्रति टन रंगदारी की मांग की गयी है. उसने एक पत्र भी जारी किया है. उसमें लिखा है कि आज धमकी देने के लिए गेट पर गोली मारी गयी है. रंगदारी नहीं देने पर हत्या कर दी जायेगी.

कुछ देर पहले धनबाद से लौटे थे बंटी

सच्चिदानंद सिंह चौधरी ने बताया कि उनका पुत्र बंटी सिंह चौधरी घटना से आधा घंटे पहले धनबाद से लौटा था. संयोग से किसी प्रकार के जानमाल की क्षति नहीं हुई. सूचना मिलते ही गोविंदपुर थाना प्रभारी उमेश प्रसाद सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की तहकीकात शुरू कर दी. पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय वन अमर कुमार पांडेय भी मौके पर पहुंचे. बताया जाता है कि सच्चिदानंद सिंह चौधरी ने दो-तीन दिन पूर्व ही नये घर में प्रवेश किया था.

dhanbad

Mar 16 2023, 09:54

धनबाद :आद्रा डिवीजन की जीएम ने महुदा रेलवे परिसर का निरीक्षण किया

महुदा : आज महुदा रेलवे परिसर का दौरा करने आई आद्रा डिवीजन की जीएम श्रीमती अर्चना जोशी और चिल्ड्रेन गार्डन (महुदा) का उद्घाटन फीता काट कर किया। उनका भव्य स्वागत धनबाद जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती शारदा सिंह ने किया। महुदा रेलवे स्टेशन की समस्याओं को लेकर आद्रा डिवीजन की जीएम श्रीमती अर्चना जोशी को ज्ञापन सौंपा।

NH-32 के चौड़ीकरण के कारण मुचिरायडीह रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने से छः पंचायत के 30,000 लोगों को काफी परेशानी होती हैं।

• छात्र-छात्राओं, मजदूर को जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी पार कर जाना पड़ता है।

• महुदा स्टेशन में पर परिचालित एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से महुदा एवं आस-पास के लगभग 1.5 लाख की सुविधा से वंचित हैं।

महुदा स्टेशन के पूर्व की ओर पदुगोडा में अंडर पास का निर्माण।

• महुदा स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, फुड कोर्ट इत्यादि की सुविधा होनी चाहिए।

• महुदा स्टेशन के समीप अवस्थित महुदा रेलवे ग्राउंड का उन्नयन करते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक स्टेडियम का निर्माण कराया जाय। जिससे स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभा का विकास हो।

• 18627/18628 हावड़ा रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन कोp प्रतिदिन चलाया जाय।

GM अर्चना जोशी जी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सारी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

मौके पर महुदा रेलवे की यूनियन कमिटी सदस्य, पत्रकार बंधु सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

dhanbad

Mar 16 2023, 09:53

भौंरा ओपी पुलिस ने अवैध लोहा लदा पिकअप वैन किया जब्त, तस्कर फरार..

धनबाद : झरिया के भौंरा ओपी पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, गुप्त सूचना के आधार पर एक पिकअप वैन का पीछा करते हुए धर दबोचा है, उस पिकअप वैन का नंबर है JH 02 BK 6953, जिसपर गैस कटर और अवैध लोहा लदा था ,जिसे भौंरा ओपी पुलिस ने पिकअप वैन को जब्त कर लिया है..

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भौरा पुलिस ने पिकअप वैन का पीछे करके धर दबोचा है, पीछे से पुलिस को आता देख चोरों ने पिकअप वैन को छोड़कर फरार हो गए, वहीं भौरा पुलिस ने पिकअप वैन को जब्त कर थाने ले आई और जांच में जुट गई है.

dhanbad

Mar 14 2023, 10:21

टुण्डी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने विधानसभा में उठाया पंडुकी व राजगंज को प्रखंड बनाये जाने का मुद्दा



  


 धनबाद: टुण्डी विधायक एवं झामुमो के सचेतक पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने शून्यकाल के दौरान विधानसभा में धनबाद

जिलान्तर्गत गोविन्दपुर प्रखण्ड के तिलैया, मरचो, बिराजपुर, आसनबनी-1, कुलबेडा,

खरनी, उदयपुर, बड़ा पिछाड़ी, दामकारा बरवा, जयनगर, कंचनपुर, पंडुकी, भितिया,

जियलगढा, आसनबनी-2, जमडीहा को मिला कर नया प्रखण्ड पंडुकी तथा बाघमारा

प्रखण्ड के टुंडी विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाले पंचायतों को मिला कर नया प्रखण्ड राजगंज बनाये जाने की मांग रखी। 

श्री महतो ने अपने तारांकित प्रश्न संख्या 33 के संबंध में यह जानना चाहा कि क्या यह बात सही है कि धनबाद जिला अंतर्गत तोपचांची प्रखण्ड के ग्राम+पो. रामाकुण्डा निवासी जानकी गोसाई के पुत्र प्रदीप गोसाई

का निधन दिनांक 08.09.2022 को बज्रपात से हो गया था,और 

क्या यह बात सही है कि बज्रपात से निधन होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आश्रित परिजनों को सरकारी सहयोग एवं मुआवजा राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है; क्या यह बात सही है कि स्व. प्रदीप गोसाई परिवार के एक मात्र धनोपार्जन करने वाले व्यक्ति थे, उनके निधन के उपरांत आश्रित

परिजनों को सरकारी सहयोग एवं मुआवजा राशि नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति अति दयनीय हो गयी है;

यदि उपर्युक्त खण्डों के उत्तर

स्वीकारात्मक है, तो क्या सरकार स्व. प्रदीप गोसाई के आश्रित परिजनों को सरकारी सहयोग

एवं मुआवजा राशि उपलब्ध कराने का विचार रखती है, हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों ? इस प्रश्न के आलोक में बन्ना गुप्ता, मंत्री, आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि उपायुक्त धनबाद के पत्रांक-779 दिनांक-09.03.2023 से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार स्व. प्रदीप गोसाई के आश्रित / परिजन को राज्य आपदा मोचन निधि से

अनुग्रह अनुदान की राशि 4,00,000/- चार लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है।