कंधार हाईजैक कांड में रिहा आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, एनआईए ने जब्त की संपत्ति
#thepropertyofterroristzargar_attached
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है।एनआईए ने श्रीनगर में स्थित आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लट्राम की संपत्ति को कुर्क कर लिया है। 1999 में कंधार हाईजैक कांड में विमान यात्रियों के बदले जिन आतंकियों को रिहा किया गया था, उनमें जरगर भी शामिल था।
एनआईए ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन के चीफ कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ लटराम की श्रीनगर स्थित प्रॉपर्टी कुर्क कर ली है। एनआईए ने गृह मंत्रालय के आदेश पर यह बड़ी कार्रवाई की है। श्रीनगर में गनाई मोहल्ला के जामा मस्जिद इलाके में नौहट्टा स्थित जरगर के दो घरों को यूएपीए के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है।
यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित
पिछले साल अप्रैल में लट्राम को यूएपीए के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। इसी फैसले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को उसकी संपत्ति कुर्क करने का अधिकार मिला। पिछले साल गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि मुश्ताक जरगर अपने संपर्कों अल-कायदा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों से करीबी के कारण न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में शांति के लिए खतरा है और केंद्र सरकार का मानना है कि वह आतंकवाद में शामिल है। अब एनआईए ने उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
रिहाई के बाद से पाकिस्तान में सक्रिय
बता दें कि 24 दिसंबर 1999 में नेपाल की राजधानी काठमांडू से भारत की राजधानी दिल्ली के लिए उड़ी इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया। इसमें 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे। प्लेन हाईजैक के बदले आतंकियों ने भारत की जेल में बंद तीन आतंकियों मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लट्राम को छोड़ने का सौदा किया था। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लट्राम अपनी रिहाई के बाद से पाकिस्तान में सक्रिय है और जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकवाद को पनाह दे रहा है।
कौन है मुश्ताक जरगर ?
मुश्ताक जरगर 1989 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी शामिल था। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़े होने के दौरान जरगर ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। वो हत्याओं और जघन्य अपराधों में शामिल रहा था. वह हत्याओं सहित अन्य जघन्य अपराधों में भी शामिल था। 1990 के दशक की शुरुआत में खूंखार माने जाने वाले जरगर ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से संबंध तोड़ अपना खुद का अलग आतंकी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन बना लिया था। 90 के दशक में मुश्ताक की गिनती खूंखार आतंकियों में होने लगी थी। 1989 में वो तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद की किडनैपिंग में अपनी भूमिका के चलते सुर्खियों में आया था।
Mar 02 2023, 17:34