*त्रिपुरा में भाजपा वापसी को तैयार, 60 में से 33 सीटों पर बढ़त*

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त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती जारी है। 4 घंटे से ज्यादा की काउंटिंग पूरी हो चुकी है। तीनों राज्यों की सभी सीटों पर रुझान सामने आ रहे हैं। भाजपा त्रिपुरा में सत्ता में वापसी के लिए तैयार है। 60 सीटों वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के निशान को पार कर गई है। भाजपा फिलहाल 33 सीटों पर आगे चल रही है।इसके साथ ही बीजेपी खेमे में जश्न शुरू हो गया है।यहां पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बना रही है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, त्रिपुरा में बीजेपी ने एक सीट पर जीत दर्ज कर ली है और 32 सीटों पर आगे, सीपीआईएम-कांग्रेस गठबंधन 15, टिपरा मोथा 111 सीटों पर आगे है।

Bharatiya Janata Party 1 32 33

Communist Party of India (Marxist) 0 11 11

Indian National Congress 0 4 4

Indigenous People's Front of Tripura 1 0 1

Tipra Motha Party 0 11 11

अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, सेबी को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर भारतीय अरबपति गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों की जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, यानी सेबी इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

6 सदस्यों वाली कमेटी का गठन

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच करने के लिए एक 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। रिटायर्ड जज एएम सप्रे इस कमेटी के हेड होंगे। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल होंगे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने गुरुवार को यह आदेश दिया।

सेबी को 2 महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को भी जांच करने का निर्देश दिया कि क्या सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है? क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ है? सेबी को 2 महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कमेटी बनाने से मार्केट रेगुलेटर सेबी की स्वतंत्रता और इसकी जांच प्रोसेस में कोई बाधा नहीं आएगी।

कोर्ट में दायर याचिकाओं में मांग की गई थी अडानी मामले में जांच हो। इसके साथ ही इन याचिकाओं में कहा गया था कि अडानी के शेयर गिरने और निवेशकों को हुए नुकसान के मामले में हिंडनबर्ग के मालिक की जांच हो। सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच होने की बात भी इन याचिकाओं में कही गई थी।

क्या है मामला?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। डनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी विदेश में शेल कंपनियों को मैनेज करते हैं। इनके जरिए भारत में अडाणी ग्रुप की लिस्टेड और प्राइवेट कंपनियों में अरबों डॉलर ट्रांसफर किए गए। इसने अडाणी ग्रुप को कानूनों से बचने में मदद की।इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था।

पीएम मोदी आज करेंगे 8वें रायसीना संवाद का उद्घाटन, चीफ गेस्ट इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी पहुंचीं भारत

#pmmodiraisinadialogue2023_inauguration

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में 8वें रायसीना संवाद का उद्घाटन करेंगे।रायसीना संवाद में इटली की प्रधानमंत्री जिर्योजियो मिलोनी चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगी। संवाद की चीफ गेस्ट इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी दिल्ली पहुंच गई हैं। मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। अक्टूबर 2022 में प्राइम मिनिस्टर बनने के बाद वो पहली बार भारत आई हैं।

इस साल 100 से ज्यादा देश होंगे शामिल

रायसीना संवाद का कार्यक्रम 2 से 4 मार्च तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे करेंगे। इस साल इसकी थीम 'उकसावा, अनिश्चितता, संकट और तूफान में जलता दीया' है। 3 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 100 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। भारत जी-20 समिट की मेजबानी कर रहा है, ऐसे में इस साल रायसीना डायलॉग और ज्यादा अहम हो जाता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत की जी-20 में अध्यक्षता के बीच इसका आयोजन उल्लेखनीय है। इसमें 2,500 से अधिक लोग भाग लेंगे। इसके अलावा डिजिटल माध्यम से यह करोड़ों लोगों तक पहुंचेगा। 

क्या है रायसीना संवाद ?

रायसीना संवाद की शुरुआत साल 2016 में हुई। दुनिया के अलग-अलग देशों के लोगों का एक मंच है जहां वैश्विक हालात और चुनौतियों पर एक सार्थक चर्चा के उद्देश्य से रायसीना डायलॉग की शुरुआत की गई। इस मीटिंग का आयोजन भारत का विदेश मंत्रालय और रिसर्च फाउंडेशन करता है। इसमें दुनियाभर के सैकड़ों देशों से आए हुए अधिकारी और नेता भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर बात करते हैं। इसमें देशों के पॉलिसी मेकर्स से लेकर राजनेता और पत्रकारी भी शामिल होते हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है।

पिछले साल 90 देश शामिल हुए

पिछले साल रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। पिछले साल रायसीना डायलॉग 25 अप्रैल से 27 अप्रैल 2022 हुआ था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। पिछले साल इसकी थीम 'टेरा नोवा: इम्पैसियनड, इंपेशेंट, एंड इम्पेरिल्ड' थी। वहीं, 2021 में कोरोना के चलते इसे वर्चुअल आयोजित किया गया था।

अब जेएनयू नहीं बनेगा “जंग” का मैदान! छात्रों के लिए धरना-प्रदर्शन पड़ने वाला है भारी, लागू हुए नए नियम

#jnunewrulesrs20000finefor_dharna

अगर आप दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र हैं और वहां होने वाली राजनीति पर सक्रियता से शामिल होते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल, जेएनयू में छात्रों को अब धरना-प्रदर्शन करना महंगा पड़ सकता है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने प्रोटेस्ट करने वाले छात्रों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी छात्रों का एडमिशन रद्द करने की भी तैयारी है।यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से इस संबंध में नए नियमों की जानकारी दी है।

10 पेज की एडवाइजरी जारी

जेएनयू के नए नियमों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 10 पेज की एडवाइजरी जारी की है। जिसे ‘अनुशासन और आचरण के नियम’ का नाम दिया गया है। जिसमें 17 अलग-अलग मामलों में सम्मिलित पाए जाने पर भी कार्रवाई की बात कही गई है। इसमें जुआ, छात्रावास के कमरों पर अनधिकृत कब्जा, अपमानजनक भाषा का उपयोग और जालसाजी जैसे मामले शामिल हैं. नियमों में इस बात का भी उल्लेख है कि शिकायतों की एक प्रति माता-पिता को भेजी जाएगी।  

तीन फरवरी से लागू होंगे नए नियम

ये सभी नियम तीन फरवरी से लागू माने जाएंगे। प्रावधान के मुताबिक इस तरह के मामलों की प्रॉक्टोरियल जांच और बयानों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। ये नए नियम विश्वविद्यालय के सभी छात्रों पर लागू होंगे, जिनमें पार्ट टाइम छात्र भी शामिल हैं, चाहे इन नियमों के शुरू होने से पहले या बाद में प्रवेश दिया गया हो। 

बता दें कि ये नियम विश्वविद्यालय में बीबीसी की एक विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद लागू किए गए हैं। यह मामला काफी दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बना था। इसे लेकर कैंपस में झड़प भी हुई ।

*त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी 20 सीटों पर आगे, टिपरा मोथा दे सकती है टक्कर

# tripura_election_result

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के लिए डाले गए वोटों की गिनती गुरुवार (2 मार्च) सुबह 8 बजे से जारी है। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि राज्य में फिर से बीजेपी के सिर सेहरा सजेगा या एकबार फिर से लेफ्ट का राज लौट आएगा। त्रिपुरा में पहली बार चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा पार्टी के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। कहा जा रहा है कि टिपरा मोथा आदिवासी बाहुल्य इलाकों में अपनी छाप छोड़ सकती है।

त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव की मतणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन विपक्षी वाम-कांग्रेस गठबंधन से आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा 20 सीटों पर आगे चल रही है, इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 1 सीट पर आगे है, कांग्रेस 5 सीटों पर आगे चल रही है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 10 सीटों पर आगे चल रही है। त्रिपुरा में टिपरा मोथा ने बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाया है। पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा द्वारा बनाई गई नयी पार्टी टिपरा मोथा 13 सीट पर आगे है।

Bharatiya Janata Party 0 20 20

Communist Party of India (Marxist) 0 10 10

Independent 0 1 1

Indian National Congress 0 5 5

Indigenous People's Front of Tripura 0 1 1

Tipra Motha Party 0 13 13

Total 0 50 50

नागालैंड में बीजेपी ने एक सीट जीता, 4 पर आगे

#nagaland_election_result

नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी 14 सीटों पर आगे चल रही है, बीजेपी ने एक सीट जीती है और 4 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस तीन सीट पर आगे चल ही है जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एक-एक सीट पर आगे चल रही है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 2-2 सीट से आगे चल रही है।

Bharatiya Janata Party 1 4 5

Independent 0 2 2

Janata Dal (United) 0 1 1

Lok Janshakti Party(Ram Vilas) 0 2 2

National People's Party 0 1 1

Nationalist Congress Party 0 3 3

Nationalist Democratic Progressive Party 0 14 14

Republican Party of India (Athawale) 0 3 3

G-20: विदेश मंत्रियों की बैठक को पीएम मोदी ने किया संबोधित, वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा

#g_20_foreign_ministers_meet_in_delhi_today

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत पहुंचे G20 विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ये बैठक एकता, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता का संकेत देता है। बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में विकास का एक संतुलन बनाना होगा।वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, अपनी जी20 अध्यक्षता के लिए भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम चुनी है। यह उद्देश्य की एकता और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता को दर्शाता है। मैं आशा करता हूं कि आज की बैठक सामान्य और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी।

संकट में बहुपक्षतावाद

पीएम ने वैश्विक संकट के बारे में बात करते हुए कहा कि हम सभी को यह स्वीकार करना चाहिए कि बहुपक्षवाद आज संकट में है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाई गई वैश्विक शासन की संरचना प्रतिस्पर्धात्मक हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने के लिए थी और दूसरी साझा हित के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए थी।

विकासशील देशों को भुगतना पड़ा दुखद परिणाम

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक शासन की संरचना को दो कार्यों के लिए बनाया गया था- प्रतिस्पर्धी हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने, और सामान्य हितों के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए। पीएम मोदी ने कहा कि वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्धों के पिछले कुछ वर्षों के अनुभव से स्पष्ट है कि वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा है। हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि इस असफलता का दुखद परिणाम विकासशील देशों को सबसे अधिक भुगतना पड़ रहा है। 

भारत ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सालों की प्रगति के बाद आज हम सतत विकास लक्ष्यों की ओर पीछे जाने के जोखिम में हैं। कई विकासशील देश अपने लोगों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए अस्थिर ऋण से जूझ रहे हैं। वे अमीर देशों के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से भी सबसे अधिक प्रभावित हैं। यही कारण है कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की है

बता दें कि जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक आज दिल्ली में हो रही है। बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना बाएबॉक की आगवानी की। वे बैठक में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचीं हैं। गुरुवार (दो मार्च) को बैठक में शामिल होने के लिए साऊदी अरब, चीन, इंडोनेशिया, स्पेन और क्रोएशिया के विदेश मंत्री भारत पहुंचे हैं।

रुझानों में त्रिपुरा-नगालैंड में बीजेपी को बहुमत, मेघालय में एनपीपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर

#tripura_meghalaya_nagaland_election_results

उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आज कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को 60 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे, जबकि मेघालय और नगालैंड में 59-59 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव हुए थे।

 

त्रिपुरा में वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों के बाद दोपहर बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य में भाजपा सरकार बरकरार रहेगी या फिर नई सरकार का गठन होगा। त्रिपुरा के चुनावी रुझानों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है। शुरुआती रुझान में त्रिपुरा में BJP 38 सीटों पर आगे हैं। भाजपा रुझानों में बहुमत हासिल कर लिया। वहीं लेफ्ट को 18 तो टीएमपी को 13 सीटों पर बढ़त मिल रही है। 

नागालैंड में वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है। राजधानी कोहिमा में उपायुक्त कार्यालय में बनाए गए मतगणना केंद्र के बाहर प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ देखी गई।नागालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन एकतरफा जीत की तरफ बढ़ती दिख रही है। 60 में से 26 सीटों पर सत्तारूढ़ गठबंधन जीत की ओर से बढ़ती दिख रही है।

मेघालय में 60 में से 59 सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है।चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए 13 मतगणना केंद्र स्थापित किए हैं और राज्य भर में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं। सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को तीन स्तरों तक सुरक्षा के साथ मजबूत किया गया है।मेघालय में बीजेपी को झटका लगता दिख रहा है। शुरुआती रुझानों में भाजपा काफी पीछे दिख रही है।

मणिशंकर अय्यर की बेटी के एनजीओ पर केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, एफसीआरए लाइसेंस किया गया सस्पेंड

#the_centre_suspended_the_fcra_license_of_public_policy_think_tank_cpr 

केंद्र सरकार ने बड़ा कार्रवाई करते हुए ‘पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक’ सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) लाइसेंस निलंबित कर दिया है।पिछले साल सितंबर में सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया पर इनकम टैक्स सर्वे के बाद लाइसेंस की जांच चल रही थी। बता दें कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर दिल्ली स्थित इस एनजीओ की अध्यक्ष और सीईओ हैं।

सीपीआर पिछले साल सितंबर में आयकर सर्वेक्षण और ऑक्सफैम इंडिया के बाद जांच के दायरे में था। पिछले साल सिंतबर में हुई आईटी की छापेमारी के बाद सूत्रों की ओर से दावा किया गया था कि सीपीआर ने राजनीति दलों के लिए करोड़ो रुपए का चंदा इकट्ठा किया है। इस दौरान पता चला था कि इसी चंदे के नाम पर करोड़ो रुपए की टैक्स चोरी की गई थी।

इससे पहले ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद एनजीओ ने गृह मंत्रालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में एफसीआरए मानदंडों का पालन नहीं करने का हवाला देते हुए सीपीआर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। एफसीआरए के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ सीपीआर विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा।

*भारत की ब्रिटेन को दो टूक, एस जयशंकर ने कहा-बीबीसी को भी मानना होगा हमारे देश का कानून*

#indiabluntanswertobritainbbcwillhavetofollowthelawsof_india 

जी20 सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने यहां बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बीबीसी के भारत स्थित कार्यालयों में आयकर विभाग के सर्वेक्षणों का मुद्दा उठाया। जिसका डॉ. जयशंकर ने दो टूक जवाब दिया।भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें साफ किया है कि भारत में जो भी संस्था काम करेगी, उसे देश का कानून मानना ही होगा, चाहे वह कोई भी हो।

बीबीसी दफ्तरों की हुई थी तलाशी

बता दें कि, बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों की इनकम टैक्स के अधिकारियों ने तलाशी ली थी। 14 फरवरी को शुरू हुआ सर्वे अभियान तीन दिनों तक चला था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि बीबीसी ने इंटरनैशल टैक्स में घपला किया है। बीबीसी पर इस कार्रवाई का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा था। तब ब्रिटेन की सरकार और विपक्षी लेबर पार्टी ने बीबीसी का बचाव करते हुए इनकम टैक्स सर्वे पर चिंता जाहिर की थी। 

पहले डॉक्युमेंट्री को लेकर मचा था बवाल

इनकम टैक्स सर्वे से पहले बीबीसी ने 2002 गुजरात दंगों पर एक डॉक्युमेंट्री रिलीज की थी। बीजेपी ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्चार करार दिया। India: The Modi Question नाम से जारी इस डॉक्युमेंट्री पर भारत में पाबंदी लगा दी गई। विपक्षी दलों और कई संस्थाओं ने भारत सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और वहां भी सुनवाई हुई। तभी 14 फरवरी को बीबीसी के ऑफिसों में इनकम टैक्स सर्वे शुरू हो गया।