*त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी 20 सीटों पर आगे, टिपरा मोथा दे सकती है टक्कर

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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के लिए डाले गए वोटों की गिनती गुरुवार (2 मार्च) सुबह 8 बजे से जारी है। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि राज्य में फिर से बीजेपी के सिर सेहरा सजेगा या एकबार फिर से लेफ्ट का राज लौट आएगा। त्रिपुरा में पहली बार चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा पार्टी के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। कहा जा रहा है कि टिपरा मोथा आदिवासी बाहुल्य इलाकों में अपनी छाप छोड़ सकती है।

त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव की मतणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन विपक्षी वाम-कांग्रेस गठबंधन से आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा 20 सीटों पर आगे चल रही है, इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 1 सीट पर आगे है, कांग्रेस 5 सीटों पर आगे चल रही है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 10 सीटों पर आगे चल रही है। त्रिपुरा में टिपरा मोथा ने बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाया है। पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा द्वारा बनाई गई नयी पार्टी टिपरा मोथा 13 सीट पर आगे है।

Bharatiya Janata Party 0 20 20

Communist Party of India (Marxist) 0 10 10

Independent 0 1 1

Indian National Congress 0 5 5

Indigenous People's Front of Tripura 0 1 1

Tipra Motha Party 0 13 13

Total 0 50 50

नागालैंड में बीजेपी ने एक सीट जीता, 4 पर आगे

#nagaland_election_result

नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी 14 सीटों पर आगे चल रही है, बीजेपी ने एक सीट जीती है और 4 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस तीन सीट पर आगे चल ही है जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एक-एक सीट पर आगे चल रही है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 2-2 सीट से आगे चल रही है।

Bharatiya Janata Party 1 4 5

Independent 0 2 2

Janata Dal (United) 0 1 1

Lok Janshakti Party(Ram Vilas) 0 2 2

National People's Party 0 1 1

Nationalist Congress Party 0 3 3

Nationalist Democratic Progressive Party 0 14 14

Republican Party of India (Athawale) 0 3 3

G-20: विदेश मंत्रियों की बैठक को पीएम मोदी ने किया संबोधित, वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत पहुंचे G20 विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ये बैठक एकता, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता का संकेत देता है। बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में विकास का एक संतुलन बनाना होगा।वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, अपनी जी20 अध्यक्षता के लिए भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम चुनी है। यह उद्देश्य की एकता और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता को दर्शाता है। मैं आशा करता हूं कि आज की बैठक सामान्य और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी।

संकट में बहुपक्षतावाद

पीएम ने वैश्विक संकट के बारे में बात करते हुए कहा कि हम सभी को यह स्वीकार करना चाहिए कि बहुपक्षवाद आज संकट में है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाई गई वैश्विक शासन की संरचना प्रतिस्पर्धात्मक हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने के लिए थी और दूसरी साझा हित के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए थी।

विकासशील देशों को भुगतना पड़ा दुखद परिणाम

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक शासन की संरचना को दो कार्यों के लिए बनाया गया था- प्रतिस्पर्धी हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने, और सामान्य हितों के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए। पीएम मोदी ने कहा कि वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्धों के पिछले कुछ वर्षों के अनुभव से स्पष्ट है कि वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा है। हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि इस असफलता का दुखद परिणाम विकासशील देशों को सबसे अधिक भुगतना पड़ रहा है। 

भारत ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सालों की प्रगति के बाद आज हम सतत विकास लक्ष्यों की ओर पीछे जाने के जोखिम में हैं। कई विकासशील देश अपने लोगों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए अस्थिर ऋण से जूझ रहे हैं। वे अमीर देशों के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से भी सबसे अधिक प्रभावित हैं। यही कारण है कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की है

बता दें कि जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक आज दिल्ली में हो रही है। बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना बाएबॉक की आगवानी की। वे बैठक में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचीं हैं। गुरुवार (दो मार्च) को बैठक में शामिल होने के लिए साऊदी अरब, चीन, इंडोनेशिया, स्पेन और क्रोएशिया के विदेश मंत्री भारत पहुंचे हैं।

रुझानों में त्रिपुरा-नगालैंड में बीजेपी को बहुमत, मेघालय में एनपीपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर

#tripura_meghalaya_nagaland_election_results

उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आज कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को 60 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे, जबकि मेघालय और नगालैंड में 59-59 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव हुए थे।

 

त्रिपुरा में वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों के बाद दोपहर बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य में भाजपा सरकार बरकरार रहेगी या फिर नई सरकार का गठन होगा। त्रिपुरा के चुनावी रुझानों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है। शुरुआती रुझान में त्रिपुरा में BJP 38 सीटों पर आगे हैं। भाजपा रुझानों में बहुमत हासिल कर लिया। वहीं लेफ्ट को 18 तो टीएमपी को 13 सीटों पर बढ़त मिल रही है। 

नागालैंड में वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है। राजधानी कोहिमा में उपायुक्त कार्यालय में बनाए गए मतगणना केंद्र के बाहर प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ देखी गई।नागालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन एकतरफा जीत की तरफ बढ़ती दिख रही है। 60 में से 26 सीटों पर सत्तारूढ़ गठबंधन जीत की ओर से बढ़ती दिख रही है।

मेघालय में 60 में से 59 सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है।चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए 13 मतगणना केंद्र स्थापित किए हैं और राज्य भर में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं। सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को तीन स्तरों तक सुरक्षा के साथ मजबूत किया गया है।मेघालय में बीजेपी को झटका लगता दिख रहा है। शुरुआती रुझानों में भाजपा काफी पीछे दिख रही है।

मणिशंकर अय्यर की बेटी के एनजीओ पर केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, एफसीआरए लाइसेंस किया गया सस्पेंड

#the_centre_suspended_the_fcra_license_of_public_policy_think_tank_cpr 

केंद्र सरकार ने बड़ा कार्रवाई करते हुए ‘पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक’ सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) लाइसेंस निलंबित कर दिया है।पिछले साल सितंबर में सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया पर इनकम टैक्स सर्वे के बाद लाइसेंस की जांच चल रही थी। बता दें कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर दिल्ली स्थित इस एनजीओ की अध्यक्ष और सीईओ हैं।

सीपीआर पिछले साल सितंबर में आयकर सर्वेक्षण और ऑक्सफैम इंडिया के बाद जांच के दायरे में था। पिछले साल सिंतबर में हुई आईटी की छापेमारी के बाद सूत्रों की ओर से दावा किया गया था कि सीपीआर ने राजनीति दलों के लिए करोड़ो रुपए का चंदा इकट्ठा किया है। इस दौरान पता चला था कि इसी चंदे के नाम पर करोड़ो रुपए की टैक्स चोरी की गई थी।

इससे पहले ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद एनजीओ ने गृह मंत्रालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में एफसीआरए मानदंडों का पालन नहीं करने का हवाला देते हुए सीपीआर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। एफसीआरए के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ सीपीआर विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा।

*भारत की ब्रिटेन को दो टूक, एस जयशंकर ने कहा-बीबीसी को भी मानना होगा हमारे देश का कानून*

#indiabluntanswertobritainbbcwillhavetofollowthelawsof_india 

जी20 सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने यहां बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बीबीसी के भारत स्थित कार्यालयों में आयकर विभाग के सर्वेक्षणों का मुद्दा उठाया। जिसका डॉ. जयशंकर ने दो टूक जवाब दिया।भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें साफ किया है कि भारत में जो भी संस्था काम करेगी, उसे देश का कानून मानना ही होगा, चाहे वह कोई भी हो।

बीबीसी दफ्तरों की हुई थी तलाशी

बता दें कि, बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों की इनकम टैक्स के अधिकारियों ने तलाशी ली थी। 14 फरवरी को शुरू हुआ सर्वे अभियान तीन दिनों तक चला था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि बीबीसी ने इंटरनैशल टैक्स में घपला किया है। बीबीसी पर इस कार्रवाई का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा था। तब ब्रिटेन की सरकार और विपक्षी लेबर पार्टी ने बीबीसी का बचाव करते हुए इनकम टैक्स सर्वे पर चिंता जाहिर की थी। 

पहले डॉक्युमेंट्री को लेकर मचा था बवाल

इनकम टैक्स सर्वे से पहले बीबीसी ने 2002 गुजरात दंगों पर एक डॉक्युमेंट्री रिलीज की थी। बीजेपी ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्चार करार दिया। India: The Modi Question नाम से जारी इस डॉक्युमेंट्री पर भारत में पाबंदी लगा दी गई। विपक्षी दलों और कई संस्थाओं ने भारत सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और वहां भी सुनवाई हुई। तभी 14 फरवरी को बीबीसी के ऑफिसों में इनकम टैक्स सर्वे शुरू हो गया।

*जेल में बंद अतीक अहमद को सता रहा एनकाउंटर का डर, खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा*

#atiq_ahmed_filed_a_petition_in_supreme_court_regarding_his_security 

गुजरात के साबरमती जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद ने अपनी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा है कि उसे यूपी में दर्ज मामले की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर ना भेजा जाए, उसकी सुरक्षा और जान को खतरा है।

अतीक अहमद के वकील हनीफ खान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका की गई है। याचिका में अहमदाबाद जेल से यूपी की जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया गया है। कहा गया है कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है। अगर, यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए। दरअसल, योगी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौड़ का एक बयान हाल ही में सामने आया था, जिसमें जेपीएस राठौड़ ने विकास दुबे की ओर इशारा करते हुए कहा था कि गाड़ी पलट सकती है।

इधर, प्रयागराज में जफर खालिद अहमद की अवैध संपत्ति पर पीडीए का बुलडोजर चला। जफर, बाहुबली अतीक अहमद का बेहद करीबी माना जाता है। अतीक का पूरा परिवार जफर के घर पर ही रहता था। बताया जा रहा है कि इस मकान का नक्शा पास नहीं है। इस अवैध निर्माण को पीडीए द्वारा पहले ही नोटिस दिया गया था और आज अवैध बने मकान के निमार्ण की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है। हालांकि, इसे उमेश पाल हत्‍याकांड से जोड़कर देखा जा रहा है।

बता दें कि 18 साल पहले प्रयागराज में हुए पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्‍याकांड के मामले में ही अतीक अहमद गुजरात की जेल में बंद है। राजू पाल केस के अहम गवाह उमेश पाल पर शुक्रवार को हमलावरों ने गोलियां बरसाई थीं। इस हमले में उमेश पाल के एक गनर की भी मौत हो गई थी।उमेश पाल की हत्‍या से जुड़े कुछ सीसीटीवी फुटेज वायरल हुए थे। इनमें सात हमलावरों की शिनाख्‍त हुई थी। इनमें से शूटर अरबाज को एनकाउंटर में मारा जा चुका है। अतीक अहमद के बेटे असद, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान, साबिर और शाहरुख उर्फ पिंटू की तलाश में दबिश दी जा रही है। इनके अलावा घटना के वक्‍त शूटरों की क्रेटा कार चला रहा सदाकत खान पकड़ा जा चुका है।

मेघालय में मतगणना से पहले सीएम संगमा से मिले हिमंत विश्व शर्मा, समझें मुलाकात के मायने

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पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में किसके हाथ बाजी लगेगी यह 2 मार्च यानी गुरूवाक को साफ हो जाएगा। इससे पहले मंगलवार की रात गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की अगुआई वाली नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अलायंस के मुखिया हिमंत बिस्व सरमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी के मुखिया कोनराड संगमा से मुलाकात की। ये मुलाकात तब हुई है जब तमाम एग्जिट पोल्स के अनुसार, नागालैंड और त्रिपुरा में जहां एनडीए की सरकार बनने की अधिक संभावना है, वही मेघालय में बीजेपी काफी पिछड़ती नजर आ रही है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने गुवाहाटी पहुंचकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से मुलाकात की है। खबर है कि दोनों नेताओं की मुलाकात गुवाहाटी के एक होटल में मंगलवार रात को हुई। खबर है कि हिमंत बिस्व सरमा उनसे मिलने के लिए होटल आए थे।

बता दें कि चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स में मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा बनने तथा संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के अनुमान जताए गाए हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस हालात में एकबार फिर सत्ता में काबिज होने के लिए बीजेपी एक्टिव हो गई है। 

बता दें कि एनपीपी के नीत मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन (एमडीए) के हिस्से के रूप में भाजपा और एनपीपी मेघालय में पिछले पांच वर्षों से सरकार चला रही हैं, लेकिन दोनों दलों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा था। चुनाव से पहले इन दोनों दलों ने अलग रास्ते चुन लिए और दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा।

भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट मामलाःसात आतंकियों को फांसी की सजा, एक को उम्रकैद

#bhopal_ujjain_passenger_train_blast_case 

भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने आठ में से सात आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है। वहीं, एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 24 फरवरी को एनएआई कोर्ट ने इन आतंकियों को दोषी ठहराया गया था। इससे पहले, लखनऊ की अदालत ने ट्रेन ब्लास्ट मामले में सभी आठों आरोपियों को दोषी करार दिया है।

एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस आतंकी मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, अतीक मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद सैय्यद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं मोहम्मद आतिफ उर्फ आसिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बता दें कि ट्रेन बम ब्लास्ट केस में कुल 9 आतंकी दोषी ठहराए गए थे। इनमें एक आतंकी सैफुल्ला लखनऊ के काकोरी में मुठभेड़ में मारा गया था।

7 मार्च 2017 की सुबह हुआ था धमाका

बता दें कि, भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में सात मार्च 2017 की सुबह 9:38 बजे बम विस्फोट हुआ था। उस वक्त ट्रेन मध्यप्रदेश के जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास पहुंची थी। इसमें 8 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 14 मार्च 2017 को केंद्र की मोदी सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी था।

पुष्पक एक्सप्रेस में बम लगाना चाहते थे आरोपी

घटना के करीब 20 दिन बाद, जांच एजेंसी ने उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जिन्होंने खुलासा किया कि उनका टारगेट लखनऊ-भोपाल पुष्पक एक्सप्रेस था।गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो, आतिफ मुजफ्फर और सैयद मीर हुसैन ने एनआईए को बताया था कि उन्होंने पुष्पक एक्सप्रेस में विस्फोटक से भरे बैग के साथ यात्रा की थी, लेकिन भारी भीड़ और 'सतर्क यात्रियों' के कारण वो बम प्लांट नहीं कर पाए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रेन में बम लगाने में नाकाम रहने के बाद वे 7 मार्च की सुबह भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतर गए। तीसरे गिरफ्तार आतिफ और मोहम्मद दानिश ने आखिरी समय में उज्जैन के लिए रवाना होने वाली यात्री ट्रेन में विस्फोटक रखने का फैसला किया था।

आईएसआईएस के इशारे पर धमाके की रची साजिश

आतंकी सैय्यद मीर हुसैन, मोहम्मद दानिश और आतिफ मुजफ्फर भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। इन्हें घटना के बाद मध्यप्रदेश की पिपरिया पुलिस ने पकड़ा था। इन तीनों के इनपुट पर कानपुर से फैसल खां, इमरान और इटावा से फकरे आलम को पकड़ा गया था। वहीं, गौस मोहम्मद खान लखनऊ जेल में है। एटीएस अफसरों के मुताबिक, ये सभी आईएसआईएस से जुड़े थे। आईएसआईएस के कहने पर मोहम्मद फैसल, मोहम्मद दानिश, आतिफ, सैफुल्ला और अजहर ने पैसेंजर ट्रेन में धमाका करने की साजिया रची थी।

सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना लेंगी सिसोदिया-सत्येंद्र की जगह, केजरीवाल ने एलजी को भेजे नाम

#arvind_kejriwal_sent_names_of_saurabh_bhardwaj_and_atishi_to_delhi_lg 

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने 20 फरवरी को अपना इस्तीफा सीएम अरविंद केजरीवाल को सौंपा जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस बीच खबर आ रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल को मंत्री पद के लिए 2 नए नाम भेजे हैं।बताया जा रहा है कि एलजी को भेजे गए पत्र में केजरीवाल ने सौरभ भारद्वाज और आतिशी का नाम है। हालाँकि, इस दावे की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी बुधवार को सूत्रों के हवाले से दी है।

एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, सौरभ भारद्वाज ने भी कहा था कि, सीएम ने इस्ताफा मंजूर कर लिया है। उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि दिल्ली का काम रुक जाए और लोग इसका परिणाम भुगते। दो नए लोगों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। इस स्थिति को प्रैक्टिकली सुलझाना होगा। जब सत्येंद्र जैन नहीं थे, तब सिसोदिया जी ने उनका काम संभाला। अब उन्हें एक साजिश के तहत जेल भेजा गया है, इसलिए पार्टी ने यह निर्णय लिया ताकी काम जारी रहे।

बता दें कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने सोमवार दोपहर को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। इस दौरान जाँच एजेंसी ने सीबीआई के स्पेशल जज एमके नागपाल से सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी माँगी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 4 मार्च तक की रिमांड पर भेज दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिसोदिया को गिरफ्तारी से राहत देने से कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनको हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी।