खरगे को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज, कहा- धूप में उन्हें छतरी नसीब नहीं हुई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक से कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। बेलगावी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अपमान के बहाने कांग्रेस पर तंज कसा। पीएम ने कहा कि खरगे सिर्फ नाम के कांग्रेस अध्यक्ष हैं, सबको पता है कि रिमोट कंट्रोल।

पीएम मोदी ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे का मैं बहुत सम्मान करता हूं। अभी कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा था। वो सबसे सीनियर हैं। धूप थी, लेकिन धूप में छतरी का सौभाग्य खड़गे जी को नसीब नहीं हुआ। छाता किसी और के लिए लगा था। ये देख कर जनता समझ रही है कि रिमोट कंट्रोल किसके हाथ में है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, कांग्रेस कर्नाटक का अपमान करती है। कर्नाटक के नेताओं का कांग्रेस अपमान करती है। इतनी बड़ी रकम पल भर में ट्रांसफर हुई और कोई बिचौलिया नहीं, कोई कट-कमीशन नहीं, कोई करप्शन नहीं। कांग्रेस ने अगर 16 हजार करोड़ रुपये का सोचा होता तो 12-13 हजार करोड़ रुपया कहीं गायब हो गया होता, लेकिन ये मोदी की सरकार है, पाई-पाई आपकी है। आपके लिए है।' प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के बेलगावी में पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त के रूप में 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 16,800 करोड़ से अधिक की राशि जारी की।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कमल के आकार के टर्मिनल वाले शिवमोगा हवाईअड्डे का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी शिवमोगा में दो रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें शिवमोगा-शिकारीपुरा-रानेबेन्नूर नई रेलवे लाइन और कोटेगंगुरु रेलवे कोचिंग डिपो शामिल हैं। यह बेंगलुरु-मुंबई मेनलाइन के साथ मलनाड क्षेत्र को एडवांस कनेक्टिविटी देगी।

5 मार्च को ही होगी परीक्षा नीट पीजी की परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की स्थगित करने की मांग वाली याचिका

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मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली नीट पीजी की परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जिसके बाद अब नीट पीजी की परीक्षा 5 मार्च को हीआयोजित की जाएगी।

याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, लाखों छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। कुछ छात्रों की मांग पर इसे स्थगित करना सही नहीं होगा।

बता दें की मेडिकल प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के उम्मीदवार और डॉक्टर एसोसिएशन लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।छात्रों के एक समूह ने इंटर्नशिप से जुड़ी दिक्कत का हवाला देते हुए परीक्षा 3 महीना टालने की मांग की थी। नीट पीजी 2023 के लिए आवेदन किए कुछ उम्मीदवारों की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि एग्जाम को मई या जून के अंत तक के लिए टाल दिया जाए। 

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि छात्रों की इंटर्नशिप चल रही है जिसमें वे दिन के 12 घंटे काम करते हैं। ऐसे में उन्हें पढ़ाई के लिए यानी नीट पीजी परीक्षा के एंट्रेंस के लिए तैयारी करने का मौका नहीं मिल रहा है।इसलिए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी जानी चाहिए।

सीबीआई की रिमांड में भेजे गए दिल्ली के डिप्टी सीएम, चार मार्च तक रहेंगे कस्टडी में

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सीबीआई ने सोमवार को दिल्‍ली के डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश क‍िया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने स‍िसोदिया की 5 द‍िन की र‍िमांड की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।कोर्ट ने सीबीआई को डिप्टी सीएम सिसोदिया की 4 मार्च तक की रिमांड दे दी है। बता दें कि आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने कल उन्हें गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने सिसोदिया को रिमांड पर लेने के लिए कई दलीलें दी।सीबीआई ने कहा, पूछताछ करने के लिए रिमांड की जरूरत है। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया कमीशन के परसेंट में बदलाव पर जवाब नहीं दे पाए। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर से ये आंकड़े मिले, जिससे पता लगा कि उसमें 5 परसेंट, 12 परसेंट के किकबैक के बारे में पता लगा। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के नोट भी सीबीआई को एक कंप्यूटर से मिले। सीबीआई ने आगे बताया कि अचानक से कमीशन 5 से बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया गया। पॉलिसी अगर ठीक थी तो आगे बढ़ना था। दो पब्लिक सर्वेंट को हमने एक्यूज बनाया है। इंडो स्पिरिट को मनीष के कहने पर फायदा पहुंचाया गया है। 

सीबीआई की ओर से मनीष सिसोदिया की रिमांड मांगे जाने का उनके वकील दयान कृष्णा ने विरोध किया। साथ उन्होंने कहा कि रिमांड लेने की कोई वजह नहीं है और जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप तथ्यहीन हैं। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद कमीशन बढ़ाया गया था। एलजी के जानकारी में सबकुछ हुआ। शराब नीति में पारदर्शिता बरती गई। मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णा ने कहा कि सिसोदिया हर नोटिस पर सीबीआई के सामने पेश हुए।कोर्ट में सिसोदिया की तरफ से तीन वकील मौजूद रहे। सुनवाई पूरी होने के बाद रॉउज एवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई की रिमांड की मांग पर फैसला कुछ देर के लिए सुरक्षित रखा लिया।

कोर्ट में पेश किए गए मनीष सिसोदिया, सीबीआई ने मांगी 5 दिन की रिमांड

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सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को राउज एवन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीई ने विशेष अदालत से सिसोदिया की पांच दिनों की कस्टडी मांगी है। इसपर जज ने सीबीआई से पूछा की उन्हें रिमांड क्यों चाहिए, जवाब में अभियोजन ने कहा कि तथ्यों को जुटाकर मामले में प्रभावी जांच के मकसद से इसकी मांग की गई है।

सीबीआई ने कहा मनीष सिसोदिया इस मामले में सीधा-सीधा कोई जवाब नही दे रहे।सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया कमीशन के परसेंट में बदलाव पर जवाब नहीं दे पाए।सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर से ये आंकड़े मिले, जिससे पता लगा कि उसमें 5 परसेंट, 12 परसेंट के किकबैक के बारे में पता लगा। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के नोट भी सीबीआई को एक कंप्यूटर से मिले। सीबीआई ने आगे बताया कि अचानक से कमीशन 5 से बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया गया। पॉलिसी अगर ठीक थी तो आगे बढ़ना था। दो पब्लिक सर्वेंट को हमने एक्यूज बनाया है। इंडो स्पिरिट को मनीष के कहने पर फायदा पहुंचाया गया है।

वहीं मनीष सिसोदिया के वकील ने ने रिमांड की मांग का विरोध किया। वकील ने कहा कि सीबीआई के पास पुख्ता आधार नहीं है। एलजी की मंजूरी से कमीशन को बढ़ाया गया।आरोप को कबूलने का दबाव बनाया गया। जांच में सहयोग किया तो गिरफ्तारी क्यों की।सिसोदिया के वकील ने कहा कि जांच के दौरान तीन नोटिस दिए गए थे, जिसमें से दो पूछताछ में शामिल हुए लेकिन आरोप लगाया कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं। सीबीआई जैसा चाहती है वैसा जवाब न दो तो सीबीआई रिमांड चाहती है।

पीएम मोदी ने किया शिवमोगा एयरपोर्ट का उद्घाटनस कहा- जल्द ही लोग मेड इन इंडिया प्लेन में उड़ान भरेंगे

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देश की सियासत के लिए 2023 बेहद अहम है। इस साल देश के कई महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव होने हैं, जो 2024 में होने वाला आम चुनावों की दशा-दिशा तय करेंगे। ऐसे में केन्द्र की मोदी सरकार की इन राज्यों पर नजरें इनायत है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक को बड़ी सौगात दी। कर्नाटक में शिवमोग्गा एयरपोर्ट को करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कमल के आकार के टर्मिनल वाले शिवमोगा हवाईअड्डे का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। इस मौके पर कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा बी मौजूद थे।

गाड़ी हो या सरकार, डबल इंजन लगते हैं स्पीड बढ़ जाती है-पीएम मोदी

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह केवल एक एयरपोर्ट नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के जवानों की नई उड़ान है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कर्नाटक का विकास प्रगति पथ पर दौड़ रहा है। गाड़ी हो या सरकार जब डबल इंजन लगते हैं तो उसकी स्पीड बढ़ जाती है। बीजेपी की डबल इंजन सरकार एक और बड़ा बदलाव लेकर आई है। पहले जब कर्नाटक के विकास के चर्चा होती थी तो यह बड़े शहरों के आसपास वहीं तक सीमित रहती थी। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने इसे गांवों तक पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रही है। शिवमोगा का विकास इसी सोच का परिणामा है।

जल्द ही लोग मेड इन इंडिया प्लेन में उड़ान भरेंगे-पीएम मोदी

बीजेपी सरकार ने एक और बड़ा काम किया. हमने यह तय किया कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सके। हमने इसके लिए योजना शुरू की। शिवमोग्गा का एयरपोर्ट भी इसका गवाह बनेगा। पीएम ने कहा कि अभी ये विमान भले ही विदेशों से मंगा रहे हैं लेकिन वो दिन दूर नहीं जब लोग भारत के मेड इन इंडिया प्लेन में उड़ान भरेंगे। आज भारत में हवाई यात्रा का जो विस्तार हुआ उसके पीछे भाजपा सरकार की नीतियां और निर्णय हैं।

छोटे शहर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ें, कांग्रेस की ये सोच नहीं थी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा, छोटे शहर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ें, ऐसी सोच कांग्रेस की थी ही नहीं। 2014 से पहले देश में सिर्फ बड़े शहरों में ही एयरपोर्ट पर फोकस था। आज देश के अनेक छोटे शहरों के पास आधुनिक हवाई अड्डे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा सरकार के काम करने की रफ़्तार क्या है।" अच्छी कनेक्टिविटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर इस पूरे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनाने जा रहा है।

पीएम मोदी ने आज अपनी कर्नाटक यात्रा के दौरान दो रेलवे परियोजनाओं, शिकारीपुरा-रानीबेन्नूर नई रेलवे लाइन और कोटेगंगुरु रेलवे कोचिंग डिपो की आधारशिला भी रखा। शिवमोगा-शिकारीपुरा-रानीबेन्नूर नई रेलवे लाइन 990 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी। इससे बेंगलुरु-मुंबई मेनलाइन के साथ मलनाड क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

थोड़ी देर में राउज ऐवेन्यू कोर्ट में होगी सिसोदिया की पेशी, आप का प्रदर्शन जारी

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सीबीआई कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया को कोर्ट के लिए लेकर निकल गई है। उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में जज एमके नागपाल की अदालत में पेश किया जाएगा। पहले सिसोदिया को 2 बजे कोर्ट में पेश किया जाना था। लेकिन उनकी पेशी के समय को बढ़ा दिया गया।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।सीबीआई द्वारा दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी के करीब 70 नेताओं को पुलिस ने अब तक हिरासत में लिया है। पार्टी दफ्तर में मौजूद कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी कर रहे हैं।इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।

दिल्ली पुलिस ने आप के प्रोटेस्ट कॉल के बाद हाईअलर्ट जारी किया है।आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राजधानी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया। शराब घोटाले के सिलसिले में कल 8 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की “नामकरण आयोग” के गठन की मांग वाली याचिका, कहा- क्या चाहते हैं देश जलता रहे?

#supreme_court_dismisses_pil_for_setting_up_renaming_commission

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में करीब 1000 जगहों का नाम बदलने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, आप क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? आप भूतकाल के लिए वर्तमान को बदलने की मांग कर रहे हैं। देश में पहले ही बहुत से मुद्दे हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने मामले पर सुनवाई की।

दरअसल, बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बदले गए 1000 स्थानों की पहचान करके नाम बदलने के लिए गृह मंत्रालय को आयोग बनाने का निर्देश देने की मांग याचिका में की थी।याचिका में यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट पुरातत्व विभाग को पुराने नामों को प्रकाशित करने के लिए निर्देश दे।

सुनवाई के दौरान जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि कहा कि क्या देश में और समस्याएं नहीं हैं, जो हम पुरानी चीजों के पीछे पड़े हुए हैं? इस पर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने दलील दी कि क्या जगहों और सड़कों का नाम ऐसे लोगों पर होना चाहिए जिन्होंने देश को लूटा? उन्होंने कहा कि सिर्फ गजनी और गोरी के नाम से इतिहास क्यों शुरू होता है? औरंगजेब का भारत से क्या रिश्ता है? हमारे यहां गजनी, गोरी और लोधी के नाम पर सड़के हैं लेकिन पांडव के नाम पर नहीं।

इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि यह इतिहास का एक तथ्य है, क्या आप इसे खारिज कर सकते हैं? हम पर विदेशी आक्रमणकारियों का शासन रहा है। हम पर कई बार आक्रमण हुए हैं और इतिहास ने अपना हिस्सा लिया है। आप क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या हमने अपने देश की अन्य समस्याओं के बारे में नहीं सुना? क्या हमें पीछे की बजाय आगे नहीं बढ़ना चाहिए? ऐतिहासिक तथ्य आप कैसे याचिका दायर कर सकते हैं?

जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि तार्किक निहितार्थों को देखें। डाक विभाग और सभी को बदलाव करना होगा। आप अतीत को चुनिंदा रूप से देख रहे हैं। भारत आज एक धर्मनिरपेक्ष देश है। आपका मुद्दा एक विशेष समुदाय पर उठाया जा रहा है, जिसे बर्बर कहा जाता है। क्या आप देश को उबाल में रखना चाहते हैं और आप एक धर्मनिरपेक्ष मंच का निर्देशन करते हैं?

वुहान की लैब से ही निकला था कोरोना वायरस, अमेरिका की नई रिपोर्ट में खुलासा

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कोरोना वायरस चीन के वुहान से निकला था, जिसने धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। दुनियाभर में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर शुरू से ही चीन पर उंगली उठती रही है। इस तरह के भी आरोप लगे कि चीन ने इसे जानबूझकर लीक किया था।हालांकि हर बार चीन इसका खंडन करता रहा है।अब इसे लेकर अमेरिका की एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।अमेरिकी ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट ने पुष्टि कर दी है कि ये वायरस वुहान लैब से ही निकला था।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के ऊर्जा विभाग के अध्ययन में कहा गया है कि संभवतः वायरस चीन की लैब से ही निकला है। हालांकि इसमें कहा गया कि ये एक हथियार प्रोग्राम का हिस्सा नहीं था। यानी कि इस वायरस का इस्तेमाल एक हथियार को बनाने में नहीं किया जा रहा था।रिपोर्ट के अनुसार, नई खुफिया जानकारी के बाद ऊर्जा विभाग ने निष्कर्ष निकाला कि चीन में एक अचानक लैब रिसाव के कारण कोरोना वायरस फैला और इसने भारी तबाही मचाई। इससे पहले ऊर्जा विभाग इसे लेकर तय नहीं कर पा रहा था कि वायरस वाकई चीन की लैब से निकला है। लेकिन डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलीजेंस अवरिल हेन्स के 2021 के एक दस्तावेज से स्थिति बदल गई। इसकी मदद से ऊर्जा विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि वायरस की उत्पत्ति चीन में ही हुई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 वायरस संभवत एक चीनी प्रयोगशाला में दुर्घटना के माध्यम से फैला था।

बता दें कि 2019 के आखिर में पहली बार कोरोना वायरस की पुष्टि चीनी शहर वुहान में हुई थी। इसके बाद 2020 की शुरुआत में लगभग यह पूरी दुनिया में फैल गया था। डब्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण दुनिया में अब तक 70 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कारण ही पूरी दुनिया में सप्लाई चेन बाधित हुई है।इसके बाद से ही इसकी उत्पत्ति के लिए चीन को शक की नजरों से देखा जाता है।

“आप” के लिए कितने “खास” थे सिसोदिया, जेल जाने के बाद केजरीवाल की कितना बढ़ेगी परेशानी?

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई के शिकंजे में हैं। सीबीआई ने सिसोदिया को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के आरोपों की जांच करते हुए गिरफ़्तार किया है। अब इस हालात में एक बड़ा सवाल ये है कि सीबीआई की इस कार्रवाई से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी आम आदमी पार्टी और पार्टी की सियासत पर क्या असर पड़ेगा?

बजट कौन पेश करेगा?

डिप्टी-सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ा सवाल है, बजट कौन पेश करेगा? मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से दिल्ली सरकार की ओर से अगले माह में पेश होने वाले बजट पर असर पड़ सकता है। 2015 मेंआप की सरकार बनने के बाद से ही सिसोदिया हर साल बजट पेश करते आ रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल के लिए फौरी तौर पर दिल्ली सरकार का बजट निर्धारित तरीके से पेश करना बड़ा चैलेंज हो सकता है। पिछले दिनों ही जब सीबीआई ने सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था तो उन्होंने बजट के नाम पर सीबीआई से कुछ दिनों की मोहलत भी मांगी थी। चूंकि कई विभाग सिसोदिया के पास ही है ऐसे में बजट बनाना और कल्याणकारी योजनाओं को उसमें शामिल करना पूरी दिल्ली सरकार के लिए आसान नहीं होगा। इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई को आप सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं।

आप सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पड़ सकता है असर

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि सिसोदिया अहम मंत्रालयों को संभाल रहे हैं। सत्येंद्र जैन की गिरफ़्तारी के बाद से सिसोदिया दिल्ली सरकार के 33 में से 18 विभागों की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे। इनमें शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और लोक कल्याण से लेकर गृह जैसे अहम मंत्रालय शामिल हैं। दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, कुल 33 विभाग में से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सेवा, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास सहित 18 मौजूदा डिप्टी-सीएम के पास हैं। वह बाकी विभागों के प्रभारी भी हैं, जो खास तौर पर किसी मंत्री को नहीं दिए गए हैं। ऐसे में अगर वे लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रहते हैं तो आप सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर असर पड़ सकता है। 

सिसोदिया के कामों का बंटवारा एक बड़ी चुनौती

सिसोदिया सीएम के सबसे खास, नजदीकी और मंझे हुए सियासी चेहरा माने जाते हैं। तभी तो 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी सिसोदिया के कंधों पर थी। अब केजरीवाल के लिए सरकार का काम चलाना एक समस्या बन सकती है। पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती सिसोदिया को दिए गए काम के बंटवारे की होगी। नियमों के मुताबिक़, दिल्ली सरकार में एक वक़्त में अधिकतम सात मंत्री रह सकते हैं जिनमें मुख्यमंत्री पद भी शामिल है।इस समय दिल्ली सरकार के दो शीर्ष मंत्री सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जेल में हैं। ऐसे में सरकार चलाने का दारोमदार अरविंद केजरीवाल, कैलाश गहलोत, राज कुमार आनंद, गोपाल राय और इमरान हुसैन पर है। वैसे, गहलोत छह पोर्टफोलियो देख रहे हैं, जिसमें परिवहन और राजस्व शामिल हैं। आनंद के पास चार, राय के पास तीन और हुसैन के पास केवल दो हैं।

पार्टी की सियासत पर होगा असर

सिसोदिया को ऐसे समय पर गिरफ़्तार किया गया है जब अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव भी करीब है। ऐसे में पार्टी के चुनावी प्लान को भी सिसोदिया के जेल में होने से झटका लग सकता है। केजरीवाल थर्ड फ्रंट की कोशिश करते दिखे हैं। लेकिन अब उन्हें सरकार पर ज्यादा ध्यान देना होगा। 2023 में ही कई राज्यों में चुनाव होने हैं। केजरीवाल आगामी हफ्तों में कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, एमपी जाने वाले हैं, लेकिन इस स्थिति में चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया, कहा- स्कीम पूरी तरह सही, हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं

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केंद्र सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उसे इस योजना में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती। योजना पूरी तरह से सही है।कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसके बाद ही फैसले का इंतजार किया जा रहा था।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने अग्निपथ योजना पर सुनवाई की।कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, इस स्कीम को लाने का मकसद हमारी सेनाओं को बेहतर तरीके से तैयार करने का है और ये देश हित में है। वहीं, जो लोग पुरानी नीति के आधार पर ही नियुक्ति की मांग कर रहे थे कोर्ट ने उनकी मांग को भी ये कहते हुए खारिज किया कि मांग जायज नहीं है।

दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में अग्नीपथ स्कीम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर की थी। आज दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दायक याचिकाओं पर फैसला सुनाया।

सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पिछले साल 14 जून को शुरू की गई. योजना की लॉन्चिंग के बाद कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। कई जगह आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। वहीं, कई लोगों ने योजना को रद्द करवाने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया। अग्निपथ योजना के नियमों के मुताबिक, 17.5 साल से 21 साल की उम्र के लोग सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद नियुक्त होने वाले 25 फीसदी को परमानेंट नौकरी दी जाएगी।