*कोलफील्ड में लगी भूमिगत आग के कारण और उसके नियंत्रण का अध्ययन नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) हैदराबाद टीम अध्ययन करेगी।*
कोलफील्ड में लगी भूमिगत आग के कारण और उसके नियंत्रण का अध्ययन नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर एनआरएससी) हैदराबाद टीम अध्ययन करेगी।
धनबाद:कोल फील्ड्स के क्षेत्र का 254 स्क्वायर किमी में फैला हुआ है। इस कोलफील्ड के झरिया में भूमिगत आग के कारण मौजूदा समय में क्या स्थिति है, इसको लेकर नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद (एनआरएससी) की टीम अध्ययन करेगी।
बीसीसीएल ने नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर को यह जिम्मेवारी सौंपते हुए एमओयू साइन कर हैदराबाद भेजा दिया है। अगले सप्ताह इस पर काम शुरू हो जाएगा।
बता दें कि 22 साल में झरिया की आग की रफ्तार में काफी कमी आई है। 2004 में 8.9 स्क्वायर किमी में आग फैली थी, जो 2021 की रिपोर्ट में 1.80 स्क्वायर किमी में आ कर सिमट गई।
सैटेलाइट के माध्यम से एरियल व्यू से होगी सर्वे
आग की सैटेलाइट के माध्यम से एरियल व्यू तैयार कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए बीसीसीएल 24 लाख सात हजार राशि खर्च करेगी। यह अध्ययन 2022-23 से लेकर 2024-25 तक के लिया किया जाएगा। इसके लिए 16 लोकेशन तय किया गया है, जो अधिक अग्नि प्रभावित खनन क्षेत्र के दायरे में आ रहा है।
2021 में अंतिम रिपोर्ट हुई थी तैयार
पिछला अध्ययन 2021 में किया गया था। इसमें 27 लोकेशन पर सरफेस आग को लेकर अध्ययन किया गया था। इसको लेकर अपनी रिपोर्ट में दिया है। आग का दायरा 1.80 स्क्वायर किमी पर सिमट गया है। पहले चरण में 2025 तक 81 क्षेत्र के लोगों को पांच साल में हटाने को लेकर काम किया जा रहा है। इसमें करीब 15 हजार परिवार है। भूमिगत आग के कारण कुल 1 लाख 4 हजार परिवार को शिफ्ट करना है।
आग की क्या है स्थिति
2004 में 8.9 स्क्वायर किमी, 67 लोकेशन पर अध्ययन किया गया
2012 में 3.2 स्क्वायर किमी , 32 लोकेशन पर अध्ययन किया गया
2018 में 3.26 स्क्वायर किमी, 34 लोकेशन पर अध्ययन किया गया
2021 में 1.80 स्क्वायर किमी 27 लोकेशन पर अध्ययन किया गया
बीसीसीएल तकनीकी निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद को झरिया भूमिगत आग की स्थिति पर अध्ययन करेगी। इसको लेकर तीन साल तक काम करेगी। कंपनी भूमिगत आग को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन गंभीर है।
Feb 25 2023, 18:36