योगी सरकार ने खोला पिटाराः बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश, जानें जनता को क्या-क्या मिला

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योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को पेश किया।इस बजट में समाज के सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है।सुरेश खन्ना ने 06 लाख 90 हजार 242 करोड 43 लाख रुपये का बजट सदन में रखा।वित्त मंत्री ने इस दौरान कहा कियह ‘नए उत्तर प्रदेश’ का विकासोन्मुखी बजट है।

यूपी के बजट से जुड़े बड़े ऐलान

-वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भाषण के दौरान कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के लिए ₹550 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के ल‍िए 200 करोड़ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इसके अलावा पांच लाख रोजगार सृजन करने के लिए राज्य में बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। इसके तहत पूर्वाचल एक्सप्रेस वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 6 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का फैसला किया गया है

-इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से नई उप्र सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 के तहत करीब ₹5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है, जिससे करीब 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1,00,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।

-अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की बेटियों की शादी अनुदान योजना के लिए ₹150 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत प्रति लाभार्थी को ₹15 हजार तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ₹1,050 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वित्त मंत्री ने बजट भाषण में स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए 12 हजार 650 करोड़ खर्च करने का एलान किया है। सरकार ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का भी लक्ष्य तय किया है। 14 नए मेडिकल कॉलेज के लिए 2191 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

-वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए ₹5,332 करोड़ 50 लाख, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए ₹2,220 करोड़ 20 लाख और लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए ₹3,400 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं। साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास के लिए ₹2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

-ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वृद्धावस्था और किसान पेंशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में ₹7,248 करोड़ का बजट प्राविधान प्रस्तावित है। इसके साथ ही दिव्यांग पेंशन योजना के तहत दिव्यांग भरण पोषण अनुदान के लिए 1,120 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वाराणसी और गोरखपुर में मेटो के लिए 100 करोड़ के बजट का ऐलान किया गया है। झांसी चित्रकुट लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 235 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

-कॉलेजों के संचालन के लिए 2 हजार 491 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर 12 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-वित्त मंत्र ने कहा कि उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7200 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप्स के लिये सीड फण्ड हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।

बेटी को पापा ने भेजी दूल्हे की फोटो, लड़की ने लड़के को कर दिया अपनी कंपनी में जॉब ऑफर अब वाट्सएप पर जमकर हो रहा वायरल


 इन दिनों माता-पिता के लिए अपने बच्चों को दूल्हे और दुल्हन की प्रोफाइल लिंक शेयर करना काफी आम हो गया है। एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमें एक लड़की ने पिता द्वारा भेजे गए मैट्रिमोनियल मैच को जॉब ऑफर कर दिया। वह प्लेटफॉर्म है, जहां मेल खाने वाले दो लोग आपस में बातचीत करते हैं और फिर शादी के लिए राजी होने पर रिश्ता आगे बढ़ाते हैं। यही कारण है कि कई पैरेंट्स विवाह योग्य उम्र तक पहुंचने पर अपने बेटे और बेटियों का वैवाहिक वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। उनका लक्ष्य अपने बच्चों के लिए जीवन साथी खोजना है। इन दिनों माता-पिता के लिए अपने बच्चों को दूल्हे और दुल्हन की प्रोफाइल लिंक शेयर करना काफी आम हो गया है। एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक लड़की ने पिता द्वारा भेजे गए

मैट्रिमोनियल मैच को जॉब ऑफर कर दिया।

बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप 'साल्ट' की को-फाउंडर उदिता पाल को उनके पिता ने एक मैचमेकर की एक प्रोफाइल भेजी थी। लेकिन लड़की ने रिश्ते को आगे बढ़ाने के बजाय उस शख्स को अपनी कंपनी में नौकरी की पेशकश की। इसके बाद लड़की ने अपने पिता को इस बारे में बताया और फिर व्हाट्सऐप का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पिता ने एक मैसेज में लिखा, आप वैवाहिक साइटों से लोगों को काम पर नहीं रख सकते। अब उसके पिता को क्या कहें?

व्हाट्सऐप चैट पर पिता ने बेटी को लिखी ऐसी बात

उन्होंने आगे लिखा, मैंने आपका मैसेज देखा। आपने उसे एक इंटरव्यू का लिंक दिया और उसका बायोडाटा मांगा। इसके बाद उदिता पाल ने अपने पिता को जवाब दिया कि उस व्यक्ति के पास फिनटेक का 7 वर्ष का अनुभव है, जोकि बहुत अच्छा है। लड़की के पिता को वह व्यक्ति एक अच्छा मैच लग रहा था क्योंकि साल्ट एक फिनटेक प्लेटफॉर्म है जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की सुविधा देता है। उदिता ने आगे लिखा, '7 साल का फिनटेक अनुभव बहुत अच्छा है और हम उन्हें काम पर रख रहे हैं। मुझे खेद है।

उदिता ने अब बातचीत का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया है। इस पोस्ट पर अभी तक 14,000 से अधिक लाइक्स और 1,200 से ज्यादा रीट्वीट हो चुके हैं। क्या उदिता के लिए उस व्यक्ति को काम पर रखना सही था या नहीं? यह आप तय करें।

काम की खबर, अगर बैंक नहीं बदल रहा आपके कटे-फटे नोट तो 14440 पर कीजिए मिस्ड काल


 कोई भी बैंक कटे-फटे नोट बदलने में आनाकानी नहीं कर सकता है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आइबीआइ) ने निर्देश जारी किया है कि यदि कोई बैंक नोट नहीं बदलता है तो आप आरबीआइ के टोल फ्री नंबर 14440 पर मिस्ड काल कर सकते हैं। आरबीआइ संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करेगा। बैंक में अक्सर देखा जाता है कि बैंक में धनराशि जमा करने आने वाले कटे-फटे नोट लेकर भी आते हैं।

बैंक में उनसे नोट जमा करने से इन्कार कर दिया जाता है। किसी कारणवश जमा भी कर लिए जाते हैं तो रकम निकालने वाले को वह नोट थमा दिए जाते हैं। आरबीआइ की गाइड लाइन है कि बैंक में आने वाले प्रत्येक नोट की जांच करे और कटे फटे नोट अलग कर दें। उन्हें निकासी करने वाले को नहीं दिया जाए।

नोट बदलने मे आनाकानी करने पर मिस्ड काल करने पर आरबीआइ के अधिकारी संबंधित कालर से जानकारी लेंगे और संबंधित बैंक को नोट बदलने का निर्देश देंगे। जिला अग्रणी बैंक (एलडीएम)प्रबंधक विशाल दीक्षित ने बताया कि कटे-फटे नोट बदलने को लेकर आरबीआइ गंभीर है।

आरबीआइ की गाइड लाइन 

 कोई नोट चार टूकड़े में हैं, नोट का एक टूकड़ा गायब है और नोट पर नंबर अंकित है। ऐसे नोट को बैंक द्वारा बदला जाएगा। काफी पुराने व मुड़े नोट को बैंक द्वारा बदला जाएगा। पांच टुकड़े वाले नोट, जले हुए नोट जिसके नंबर दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे नोट वाले को बैंक आरबीआइ के नजदीकी आफिस भेज देगा। वहां नोट की जांच होगी और नोट सही होने पर बैंक को जमा करने को कहेगा।

एयर इंडिया के फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, अमेरिका से दिल्ली आ रहे विमान को स्वीडन के स्टॉकहोम में उतारा गया

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अमेरिका के नेवार्क से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट की स्वीडन के स्टॉकहोम में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। बताया जाता है कि एयर इंडिया के बोइंग- 777 विमान के एक इंजन में ऑयल लीक होने के कारण ये फैसला किया गया।इस विमान में 300 पैसेंजर सवार थे और सभी यात्री सुरक्षित हैं।

तेल रिसाव के बाद बंद किया था इंजन

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया के विमान के एक इंजन में तेल रिसाव के कारण नेवॉर्क से दिल्ली जा रहे इस विमान को स्टॉकहोम एयरपोर्ट के लिए डायवर्ट कर दिया गया था। इस बोइंग 777-300 ईआर विमान के एक इंजन में तेल का रिसाव हुआ था। तेल रिसाव के बाद विमान का इंजन बंद कर दिया गया और विमान को स्टॉकहोम में सुरक्षित उतरा गया। अधिकारी ने बताया कि जमीनी निरीक्षण के दौरान इंजन दो के ड्रेन मास्ट से तेल निकलता देखा गया।

वहीं, मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की एक फ्लाइट के यात्रियों और एयरलाइन स्टाफ के बीच मंगलवार देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट के चार घंटे से ज्यादा लेट होने पर तीखी बहस हो गई थी। दिल्ली-मुंबई फ्लाइट में सवार एक यात्री ने एएनआई को बताया कि फ्लाइट AI-805 का टाइम रात 8 बजे का था लेकिन इसे तीन बार बदला गया। रात करीब 12.30 बजे फ्लाइट ने उड़ान भरी।

‘यूपी में का बा’ फेम सिंगर नेहा सिंह राठौड़ को पुलिस की नोटिस, जानें क्या है मामला

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'यूपी में का बा' गाने के बाद सुर्खियों में आईं नेहा सिंह राठौर एक बार फिर से चर्चाओं में हैं।वजह तो इस बार भी उनका गाना ही है, लेकिन मामला थोड़ा अलग है। दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस ने सिंगर नेहा सिंह राठौर को नोटिस जारी किया है। मंगलवार को जारी नोटिस में नेहा सिंह पर अपने वीडियो के जरिए जनता के बीच नफरत फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। 

तीन दिन में देनें होंगे सात सवालों के जवाब

पुलिस ने नेहा सिंह राठौर को ये नोटिस कानपुर के अग्निकांड को मुद्दा बनाते हुए गाए गये गाने को लेकर भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि नेहा ने 'का बा सीजन-2' वीडियो के जरिये समाज में तनाव और वैमनस्य फैलाने का काम किया है। इस नोटिस में उनसे 7 सवाल किए गए हैं, जिनका स्पष्टीकरण तीन दिन में देने के लिए कहा गया है। पुलिस ने कहा है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुए, तो उनपर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस में किए गए हैं ये सवाल

नोटिस में पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उनके वीडियो के बारे में कई बिंदुओं पर विवरण मांगा। पुलिस ने पूछा कि क्या इस वीडियो में वही हैं, और अगर हां, तो क्या वीडियो उन्होंने ही अपलोड किए थे। पुलिस ने यह भी पूछा है कि जिस यूट्यूब चैनल और ट्विटर अकाउंट से वीडियो शेयर किया गया वह उनका है या नहीं? पुलिस ने यह भी पूछा है कि क्या वीडियो के बोल उन्होंने खुद लिखे हैं और अगर हां, तो क्या वह उनके विचार हैं। अगर उन्होंने गीत नहीं लिखे हैं, तो क्या गीतकार ने आपसे अनुमति ली थी?

गाने के बोल को लेकर पुलिस ने थमाया नोटिस

दरअसल, कानपुर में मां बेटी की जलकर मौत हो गई थी।इस मामले में नेहा सिंह राठौर ने 5 दिन पहले ही ‘यूपी में का बा सीजन 2’ गाया था। जिसे उनके ट्विटर और यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। गाने के बोल थे, ‘यूपी में का बा बाबा की डीएम तो बड़ी रंगबाज बा, कानपुर देहात में ले आई राम राज बा।’

मुझे जान बूझ कर टारगेट करते हैं -नेहा सिंह

वहीं लोकगायिका नेहा सिंह ने कानपुर देहात पुलिस के नोटिस पर कहा कि, का बा सीजन 2 मैंने गाया उसके बाद मुझे नोटिस भेजा गया है। जैसा नोटिस आया है वैसा ही जवाब दिया जाएगा। मैं इनको नहीं यह लोग मुझे जान बूझ कर टारगेट करते हैं। लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूं। सरकार से सवाल करना अब गलत हो गया है। आम आदमी जो सत्ता में है उसी से सवाल करेगा। बीजेपी सत्ता में है तो उसी से सवाल किया जायेगा। ऐसे टोली भरकर मुझे नोटिस देने आए , पहले मेरे ससुराल अंबेडकर पहुंचे फिर दिल्ली मेरे घर आए। लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूं। ना मैं किसी के साथ और ना किसी के विपक्ष हूं।

*मनीष सिसोदिया की बढ़ी हैं मुश्किलें, जासूसी मामले में केस चलाने की गृहमंत्रालय ने दी मंजूरी, जानें क्या है पूरा मामला*

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शराब नीति पर घिरे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, गृहमंत्रालय ने फीड बैक यूनिट मामले में केस चलाने के निर्देश दिये हैं। गृहमंत्रालय के आदेश के बाद सीबीआई अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) के मामले में मुकदमा दर्ज करेगी। सीबीआई ने गृह मंत्रालय से मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।

फीडबैक यूनिट पर राजनीतिक जासूसी का आरोप

सीबीआई ने 12 जनवरी, 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी मांगी थी। ऐसे आरोप लगाए गए थे कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2016 में "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) बनाई थी और इसका इस्तेमाल राजनीतिक जासूसी के लिए होता था।सीबीआई अफसरों के मुताबिक, एफबीयू के लिए 1 करोड़ रुपए का सिक्रेट फंड भी आवंटित किया गया था।इसके बाद, सीबीआई के अनुरोध को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया था। 

एफबीयू पर आप और सिसोदिया के निजी हित में काम करने का आरोप

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि फीडबैक यूनिट एफबीयू द्वारा तैयार की गई 60% रिपोर्ट्स सतर्कता विभाग से संबंधित मामलों से संबंधित थीं, जबकि 40% राजनीतिक खुफिया जानकारी के बारे में थीं। एजेंसी ने दावा किया कि इकाई दिल्ली सरकार के हित में नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और सिसोदिया के निजी हित में काम कर रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यह भी दावा किया कि यूनिट की रिपोर्ट के आधार पर किसी लोक सेवक या विभाग के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई।

क्या है फीडबैक यूनिट केस?

बता दें कि, 2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ महीनों के भीतर आम आदमी पार्टी की सरकार ने कथित तौर पर सतर्कता विभाग को मजबूत करने के लिए एक "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) बनाई थी। दरअसल आप सरकार, एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) को खो चुकी थी। एसीबी को दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर के अधीन कर दिया गया था। एसीबी का काम सरकारी विभागों और बाबुओं पर निगरानी रखना था ताकि भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की जा सके। उस वक्त मुकेश कुमार मीना को एसीबी का मुखिया बनाया गया और वो तत्कालीन एलजी नजीब जंग को रिपोर्ट कर रहे थे।केजरीवाल सरकार के हाथ से जब इतना बड़ा हथियार छिन गया तो आम आदमी पार्टी की सरकार ने सतर्कता विभाग फीड बैक यूनिट के गठन का फैसला किया।इसका मकसद दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सरकारी संस्थान, स्वायत्त संस्थान, और दूसरे विभागों पर निगरानी रखना था। 29 सितंबर 2015 को एफबीयू का गठन किया गया था।

दिल्ली को मिलेगा नया मेयर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मतदान आज

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आज दिल्ली को नया मेयर मिलने की पूरी उम्मीद है। दिल्ली नगर निगम का चुनाव परिणाम आने के ढ़ाई महीने के बाद आज मेयर का चुनाव होने की पूरी उम्मीद है। तीन बार टल जाने के बाद आज आखिरकार दिल्ली मेयर पद के लिए आज चुनाव होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव को लेकर रास्ता साफ हुआ है। ।जिसके बाद उम्मीद है कि दिल्ली को आज को नया मेयर मिल जाएगा

एमसीडी चुनाव के बाद चौथी बार पार्षद और अन्य सदस्यों की बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मेयर और डिप्टी मेयर समेत स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होगा। कोर्ट के आदेश के बाद सभी 274 पार्षद और सदस्य मेयर चुनने के लिए मतदान करेंगे। एमसीडी सदन में मेयर का चुनाव सुबह 11 बजे से होगा, जिसमें 250 पार्षद, दिल्ली के 10 सांसद और 14 विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम के लिए चुनाव नवंबर-दिसंबर 2022 में हुआ था। एमसीडी चुनाव परिणाम भी सात दिसंबर को आ गए थे। उसके बाद नवनिर्वाचित पार्षदों, नामित विधायकों, दिल्ली के लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसदों को वोटिंग के जरिए नए मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव करना था। इसको लेकर आज से पहले तीन और बैठकें हुई थीं। इन बैठकों का आयोजन 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को हुआ था। तीनों मेयर चुनाव कराने के मकसद से आहूत एमसीडी सदन की बैठक आप-बीजेपी पार्षदों व नेताओं के हंगामों की वजह से बेनतीजा साबित हुईं। तीनों बार पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने बैठक को स्थगित कर दिया। दिल्ली एमसीडी के मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों की वोटिंग हंगामे की मुख्य वजह थी। बीजेपी का कहना था कि मनोनीत सदस्यों को एमसीडी मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार है जबकि आप का कहना था कि मनोनीत सदस्यों का वोट करना संविधान के खिलाफ है।

जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश जारी किए।सुनवाई करते हुए 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर मेयर का चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे।साथ ही कहा था कि इस चुनाव में नामित सदस्य यानी एल्डरमैन वोट नहीं डाल सकेंगे, क्योंकि उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है।सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है। क्योंकि वह लगातार एल्डरमैन द्वारा वोटिंग का विरोध कर रही थी।

सात दिसंबर को घोषित एमसीडी चुनाव के नतीजों में भाजपा को 104, आप को 134 और कांग्रेस को नौ सीटें मिली थीं। तीन निर्दलीय भी चुने गए थे। बाद में एक निर्दलीय उम्मीदवार आप में शामिल हो गया और दूसरा भाजपा में शामिल हो गया। लिहाजा, अब सदन में सिर्फ एक निर्दलीय उम्मीदवार है।

दिल्ली में फिर सियासी हलचल तेज, मेयर चुनाव के लिए आज तीसरी बार तैयारी

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दिल्ली में नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया मेयर नहीं मिला है। हंगामे, हाथापाई और धरना प्रदर्शन के बीच दिल्ली नगर निगम मेयर पद का चुनाव दो बार पहले ही टल चुका है। आज तीसरी बार दिल्ली के मेयर को चुनने के लिए नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक बुलाई गई है। ऐसे में अहम सवाल यही है कि क्या आज मेयर चुना जाएगा या नहीं?

6 जनवरी और 24 जनवरी को टल चुका है चुनाव

दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act) 1957 के तहत मेयर और डेप्युटी मेयर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि ऐसा नहीं हो सका है। यह चुनाव दो बार टाला जा चुका है। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए आज तीसरी बार मीटिंग हो रही है।इससे पहले दो बार 6 जनवरी और 24 जनवरी को सदन में हंगामे के चलते चुनाव नहीं हो पाया था।भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दिया था।

आप की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच टक्कर

भाजपा ने मेयर पद के लिए रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं आप की ओर से शैली ओबरॉय महापौर पद की दौड़ में शामिल हैं। उप महापौर के लिए आप और भाजपा ने क्रमश: आले मोहम्मद इकबाल और कमल बागरी को मैदान में उतारा है। सोमवार को महापौर और उप महापौर के साथ एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होना है।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव बीते साल दिसंबर में हुआ था। दिल्ली में नगर निगम के लिए चार दिसंबर को वोट डाले गए थे और सात दिसंबर को रिजल्ट आए थे। आम आदमी पार्टी 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि 15 सालों से एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं।

इंदिरा गांधी ने मेरे पिता को पद से हटाया”, बोले एस जयशंकर, जानें- पूरा किस्सा

#jaishankarsaysindiragandhiremovedmyfatherfromhis_secretaryship

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया है कि उनके ब्यूरोक्रेट पिता को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सचिव पद से हटा दिया था। साथ उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने भी उनके पिता की जगह उनसे जूनियर आदमी को नियुक्त कर दिया था।

समाचार एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में उन्होंने बताया,मेरे पिता भी नौकरशाह थे। वह सचिव बने थे, पर उन्हें उस पद से हटा दिया गया था। साल 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनी गई थीं, तब वही पहले सेक्रेट्री थे, जिनको उन्होंने हटाया था।

पिता बहुत ईमानदार थे, शायद समस्या इसी वजह से हुई हो-जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि उनके पिता भी बहुत ईमानदार व्यक्ति थे, हो सकता है कि समस्या इसी वजह से हुई हो, मुझे नहीं पता। लेकिन तथ्य यह था कि नौकरशाही में उन्होंने अपने करियर को एक तरह से रुकते हुए देखा था। उसके बाद वो फिर कभी सचिव नहीं बने। उन्हें राजीव गांधी काल के दौरान किसी जूनियर व्यक्ति को उनकी जगह पर कैबिनेट सचिव बना गया था। यह कुछ ऐसा था जिसे वो महसूस करते थे। हमने शायद ही कभी इसके बारे में बात की हो। इसलिए जब मेरे बड़े भाई सचिव बने तो उन्हें बहुत- बहुत गर्व हुआ।

राजनयिक से राजनेता के सफर के बारे में की बात

इस दौरान जयशंकर ने राजनयिक से राजनेता बनने पर भी चर्चा की। विदेश सचिव के बाद अचानक विदेश मंत्री बनाए जाने का फैसला सभी के साथ उनके लिए भी हैरान करने वाला था, उन्होंने खुद इसे स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कैसे नौकरशाही से वो राजनीति में आए। जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव थे और इससे पहले उन्होंने चीन और अमेरिका सहित प्रमुख देशों में राजदूत के पदों पर काम किया था। 2011 में चीन में मेरी उनसे पहली मुलाकात हुई थी। वो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वहां आए थे। सच कहूं तो उन्होंने मुझ पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था। 2011 तक मैंने कई मुख्यमंत्रियों को आते-जाते देखा था, लेकिन मैंने किसी को उनसे ज्यादा तैयार होकर आते नहीं देखा था। 2019 में जब मोदी सरकार की सत्ता में वापसी हुई तो पीएम मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में जगह दी और विदेश मंत्री बनाया।

*यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए कौन जिम्मेदार? रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इनपर उठाई अंगुली*

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यूक्रेन के खिलाफ जंग को एक साल पूरे होने से ठीक दो दिन पहले और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के ठीक एक दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया।अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने कहा कि वह ऐसे समय देश को संबोधित कर रहे हैं जो देश के लिए मुश्किलों भरा और अहम है। पूरी दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं। 

रूस ने जंग टालने की तमाम कोशिशें कीं-पुतिन

अपने संबोधन में पुतिन ने कहा- रूस ने शुरुआत में जंग को टालने के लिए तमाम डिप्लोमैटिक कोशिशें कीं, लेकिन नाटो और अमेरिका ने इन्हें कामयाब नहीं होने दिया। हम अब भी बातचीत चाहते हैं, लेकिन इसके लिए शर्तें मंजूर नहीं है। रूस के राष्ट्रपति ने आगे कहा, पश्चिम ताकतों की दखल की वजह से हम आगे बढ़े, जेलेंस्की को बात करने का मौका दिया गया था। 

नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया-पुतिन

नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया और उकसाने का काम किया है। यूक्रेन ने दुनिया को युद्ध में धकेला है। पुतिन ने कहा रूस ने सालों तक पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

अमेरिका ने यूक्रेन के मामले को वैश्विक बना दिया

पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम दिए जा रहे हैं। हमारे बॉर्डर पर इसकी वजह से खतरा मंडरा रहा है। रूस और यूक्रेन का मामला लोकल था। अमेरिका और उसके साथियों ने इसे दुनिया का मसला बना दिया। अमेरिका और उसके साथी महज अपना दबदबा बढ़ाने की साजिश के खातिर दूसरों को मोहरा बना रहे हैं। वेस्टर्न पावर ने ही जंग के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है, और वो ही इसे वापस बोतल में डाल सकते हैं। हम तो सिर्फ अपने देश और लोगों की हिफाजत करना चाहते हैं और यही कर भी रहे हैं।

हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी-पुतिन

पुतिन ने कहा कि डोनबास इलाके में शांति स्थापित करने के लिए हमने हरसंभव कोशिश की थी जो कि 2014 के बाद से ही संवेदनशील बना हुआ था लेकिन हमारी पीठ के पीछे अलग साजिश रची जा रही थी। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और डोनबास झूठ के सिंबल बन गए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में दावा किया कि यूक्रेन के लोग अपने पश्चिमी आकाओं के बंधक बन गए हैं। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया है।