*मनीष सिसोदिया की बढ़ी हैं मुश्किलें, जासूसी मामले में केस चलाने की गृहमंत्रालय ने दी मंजूरी, जानें क्या है पूरा मामला*
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शराब नीति पर घिरे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, गृहमंत्रालय ने फीड बैक यूनिट मामले में केस चलाने के निर्देश दिये हैं। गृहमंत्रालय के आदेश के बाद सीबीआई अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) के मामले में मुकदमा दर्ज करेगी। सीबीआई ने गृह मंत्रालय से मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।
फीडबैक यूनिट पर राजनीतिक जासूसी का आरोप
सीबीआई ने 12 जनवरी, 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी मांगी थी। ऐसे आरोप लगाए गए थे कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2016 में "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) बनाई थी और इसका इस्तेमाल राजनीतिक जासूसी के लिए होता था।सीबीआई अफसरों के मुताबिक, एफबीयू के लिए 1 करोड़ रुपए का सिक्रेट फंड भी आवंटित किया गया था।इसके बाद, सीबीआई के अनुरोध को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया था।
एफबीयू पर आप और सिसोदिया के निजी हित में काम करने का आरोप
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि फीडबैक यूनिट एफबीयू द्वारा तैयार की गई 60% रिपोर्ट्स सतर्कता विभाग से संबंधित मामलों से संबंधित थीं, जबकि 40% राजनीतिक खुफिया जानकारी के बारे में थीं। एजेंसी ने दावा किया कि इकाई दिल्ली सरकार के हित में नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और सिसोदिया के निजी हित में काम कर रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यह भी दावा किया कि यूनिट की रिपोर्ट के आधार पर किसी लोक सेवक या विभाग के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई।
क्या है फीडबैक यूनिट केस?
बता दें कि, 2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ महीनों के भीतर आम आदमी पार्टी की सरकार ने कथित तौर पर सतर्कता विभाग को मजबूत करने के लिए एक "फीडबैक यूनिट" (एफबीयू) बनाई थी। दरअसल आप सरकार, एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) को खो चुकी थी। एसीबी को दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर के अधीन कर दिया गया था। एसीबी का काम सरकारी विभागों और बाबुओं पर निगरानी रखना था ताकि भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की जा सके। उस वक्त मुकेश कुमार मीना को एसीबी का मुखिया बनाया गया और वो तत्कालीन एलजी नजीब जंग को रिपोर्ट कर रहे थे।केजरीवाल सरकार के हाथ से जब इतना बड़ा हथियार छिन गया तो आम आदमी पार्टी की सरकार ने सतर्कता विभाग फीड बैक यूनिट के गठन का फैसला किया।इसका मकसद दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सरकारी संस्थान, स्वायत्त संस्थान, और दूसरे विभागों पर निगरानी रखना था। 29 सितंबर 2015 को एफबीयू का गठन किया गया था।
Feb 22 2023, 11:36