पासपोर्ट के लिए परेशान महबूबा मुफ्ती, मां को ले जाता चाहती हैं मक्का, विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखकर मांगी मदद

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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की अपील की है।महबूबा का कहना है कि वो पिछले तीन सालों से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हज पर जाने के लिए उन्होंने 3 साल पहले आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक पासपोर्ट रिन्यू का काम पूरा नहीं हो पाया है।

पीडीपी चीफ ने पासपोर्ट के मामले में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर दखल की मांग की है।अपने खत में महबूबा मुफ्ती ने बताया कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को तीर्थ यात्रा पर मक्का ले जाने के लिए पिछले तीन साल से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका और उनकी बेटी का पासपोर्ट रिन्यूअल एप्लीकेशन पिछले 3 साल से पेंडिंग है। महबूबा ने लिखा कि अपनी मां के साथ हज के लिए जाना चाहती हैं, लेकिन पासपोर्ट जारी करने में लगातार देरी से परेशानी हो रही है।

महबूबा ने पत्र में कहा, मैं आपको इस विषय के बारे में लिख रही हूं जो अनवाश्यक रूप से पिछले तीन सालों से खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा, मेरी मां (गुलशन नजीर) और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। जम्मू कश्मीर सीआईडी ने यह रिपोर्ट दी थी कि मेरी 80 वर्षीय मां और मुझे पासपोर्ट जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा। जम्मू कश्मीर में यह नियम हो गया है कि राष्ट्र हित का बहाना बनाकर पत्रकारों, छात्रों सहित हजारों लोगों और अन्य के पासपोर्ट आवेदन मनमाने तरीके से खारिज कर दिए जाएं।

20 फरवरी को लिखे पत्र में मुफ्ती ने कहा है कि इस मामले में जम्मू उच्च न्यायालय का भी रुख किया। तीन साल तक मामला खिंचने के बाद अदालत ने श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर सीआईडी के प्रतिनिधि जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे भारत के पासपोर्ट प्राधिकरण से संपर्क करने को कहा गया। उन्होंने लिखा है कि वह 2021 से कई बार भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दुर्भाग्य से, मुझे अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मेरा पासपोर्ट जारी करने में अत्यधिक और जानबूझकर देरी मेरे मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक सामान्य कश्मीरी किस स्थिति से गुजरता है।

नाम और निशान जाने के बाद उद्धव को एक और झटका, संसद में शिवसेना को आवंटित ऑफिस भी गया हाथ से

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उद्धव ठाकरे के दिन इन दिनों बहुत ही खराब चल रहे हैं। उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न पर दावा गंवाने के बाद अब संसद भवन में पार्टी का ऑफिस भी हाथ से निकल गया है।दरअसल संसद भवन में शिवसेना को आवंटित कार्यालय भी एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है। लोकसभा

दरअसल, चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर संसद भवन में शिवसेना संसदीय दल का दफ्तर उनको देने का अनुरोध किया था। लोकसभा सचिवालय ने इसे मान लिया और दफ्तर शिदे गुट को अलॉट कर दिया है।लोकसभा सचिवालय ने अपने आदेश में कहा है कि संसद भवन का कमरा नंबर 128 शिव सेना संसदीय पार्टी को बतौर कार्यालय आवंटित किया जाता है। 

इससे पहले सोमवार को एकनाथ शिंदे ने कहा था कि, हम किसी भी पार्टी की संपत्ति पर कोई दावा नहीं करेंगे, क्योंकि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के उत्तराधिकारी हैं और हमें कोई लालच नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मुझे शिवसेना की संपत्ति या धन का कोई लालच नहीं है। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसने हमेशा दूसरों को कुछ दिया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था। उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न धनुष एवं तीर आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट की याचिका स्वीकार, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

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शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव चिह्न् ‘तीर-कमान’ को एकनाथ शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है।कोर्ट ने कहा कि वह कल यानी बुधवार दोपहर 3.30 बजे इस मामले पर सुनवाई करेगा। 

ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के सामने कहा, अगर निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो वे चिह्न और बैंक खाते अपने कब्जे में ले लेंगे। सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग का आदेश सिर्फ विधान सभा के 33 सदस्यों पर आधारित है। इसे संविधान पीठ के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल शिंदे गुट को देने का फैसला किया था, जिसके बाद उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह आवंटित किया था, क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट के पास 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त है।

पीएम मोदी के खिलाफ खड़ा हो पाएगा महा विपक्ष?

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लोकसभा चुनाव 2024 में अभी एक साल से ज्यादा का वक्त बचा है। हालांकि सियासी एजेंडा सेट किया जाने लगा है। एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिखरे हुए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार को पता है 2024 में बिना विपक्षी एकता के बीजेपी के खिलाफ दाल गलने वाली नहीं है। कांग्रेस भी इस बात से असहमत नहीं है कि, अकेले नरेन्द्र मोदी सरकार से लड़ा जा सकता। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या इस हालात में नीतीश कुमार का निमंत्रण और कांग्रेस का डर विपक्ष को एक साथ ला पाएगा?

नीतीश ने कांग्रेस को एक तरह से चुनौती ही दै। नीतीश ने कांग्रेस को साफ कहा कि अब आप तय कीजिए 2024 में क्या रणनीति होगी? विपक्षी एकता को किस तरह से मजबूत करना चाहिए? यदि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो जाए तो 2024 में भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट कर रह जाएगी। इतना काफी नहीं था, नीतीश ने लगे हाथों ये भी कह दिया कि हम तो इंतजार कर रहे हैं, कांग्रेस के एक्टिव होने का। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने विपक्षी एकता के लिए जाकर दिल्ली में संदेश दे दिया था। अब हम लोग कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।

नीतीश जिस बात को लेकर कांग्रेस को आगाह कर रहे हैं, ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इससे अनजान है। इस बात का सबूत सलमान खुर्शीद और केसी वेणुगोपाल के बयान से मिलता है।दरअसल जब बिहार के सीएम बीजेपी को 100 से कम सीटों पर समेटने की रणनीति बता रहे थे, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद सामने बैठे थे। इस दौरान सलमान खुर्शीद नीतीश कुमार की बातें सुनते रहे। सहमति जताते रहे। उसके अलावा जब बोलने के लिए खड़े हुए तो साफ कह दिया कि नीतीश कुमार जी जो आप सोचते हैं। वो हम यानी कांग्रेस भी सोच रही है। 

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस विपक्षी एकता के लिए गंभीर है। वेणुगोपाल ने कहा, विपक्षी एकता के लिए हमारा प्रयास बहुत ईमानदार है। भले ही हमारे पास बहुत सारे अनुभव हैं, जिन्होंने हमें चोट पहुंचाई है, लेकिन हम इस तानाशाही सरकार को हटाने के लिए सब कुछ भूलने को तैयार हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा के विरोध में पड़ने वाले वोटों को बिखरने से रोकने के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता सबसे अहम मानक है।

अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अगर कांग्रेस भी वही सोच रही है, जो नीतीश कह रहे हैं, तो समस्या कहा है? बिहार में सियासी बदलाव के बाद से नीतीश कुमार मिशन-2024 के लिए सियासी ताना-बाना बुन रहे हैं। मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता को अमलीजामा पहनाने के लिए नीतीश ने पिछले साल सितंबर में दिल्ली का दौरा भी किया था। इस दौरान उन्होंने कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की, ताकि 2024 के आम चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी मोर्चे को एक साथ जोड़ने की संभावना तलाशी जा सके। इस कड़ी में नीतीश, राहुल गांधी से लेकर शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और ओम प्रकाश चौटाला सहित करीब एक दर्जन विपक्षी नेता से मिले थे।

तब से अभी तक कांग्रेस ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। उसके बाद से वो खुद भी ठंडे पड़ गये थे। हालांकि एक बार फिर नीतीश एक्टिव हुए हैं। तो देखना होगा उनकी सक्रियता कांग्रेस को किस हद तक राजी कर पाती है, और मोदी सरकार के खिलाफ महाविपक्ष खड़ा हो पाता है भी या नहीं?

इंदौर में दिल दहला देने वाली घटना, एक छात्र ने प्राचार्य पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, प्रिंसिपल की हालत गंभीर

इंदौर के बीएम कॉलेज की प्राचार्य को छात्र ने पेट्रोल डालकर जला दिया, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा कॉलेज के फॉर्मेसी डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल हैं। सोमवार 20 फरवरी को शाम के समय यह घटना हुई। प्राचार्य कॉलेज से काम खत्म करके अपने घर के लिए निकल रहीं थी। जैसे ही वे कार में बैठीं, छात्र ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कोई कुछ समय पाता इतनी देर में प्रिंसिपल को आग ने घेर लिया। कॉलेज के ही छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने प्रोफेसर शर्मा को आग लगाई। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां पर उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रिंसिपल 80 प्रतिशत तक जली हैं और छात्र भी आग की चपेट में आकर 20 प्रतिशत तक जला है। बताया जा रहा है कि आशुतोष परीक्षा में फेल किए जाने से नाराज था और उसने यह वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आशुतोष को हिरासत में ले लिया है।

पहले भी वारदात कर चुका है छात्र

सिमरोल थाने के टीआई आरएनएल भदौरिया ने बताया कि छात्र पहले भी कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। उस पर चाकूबाजी की वारदात करने का भी एक मामला है। उसने कॉलेज के प्रोफेसर विजय पटेल भी चाकू से हमला किया था। पुलिस टीम कॉलेज से साक्ष्य जुटा रही है और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है।

राज्यसभा में हंगामा करने वाले आप और कांग्रेस सांसदों पर होगी कार्रवाई! सभापति जगदीप धनखड़ ने लगाया विशेषाधिकार हनन का आरोप

#breach_of_privilege_by_12_opposition_mps_in_rajya_sabha

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय बजट सत्र के दौरान 12 सांसदों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है।जगदीप धनखड़ ने संसदीय समिति से कांग्रेस और आप के 12 सांसदों द्वारा सदन के वेल में बार-बार घुसने, नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया है। सभापति ने इन सांसदों पर विशेषाधिकार हनन की जांच करने की सिफारिश की है।राज्यसभा की बुलेटिन के मुताबिक, 12 सांसदों में नौ कांग्रेस से और तीन आम आदमी पार्टी से हैं।

इन सांसदों के खिलाफ शिकायत

इन 12 सदस्यों में से कांग्रेस की ओर से सांसद शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशम और रंजीत रंजन शामिल हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक शामिल हैं।अगर कमेटी के सामने इनके ब्रीच आफ प्रिविलेज के आरोप साबित हो जाते हैं तो यह 12 सांसद बजट सेशन के दूसरे हिस्से के लिए सस्पेंड भी हो सकते हैं।

दरअसल, इस महीने की शुरुआत में समाप्त हुए बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा को बार-बार स्थगित किया गया था।बजट सत्र के दौरान कांग्रेस और आप के 12 सांसदों पर बार-बार हंगामा करने, नारेबाजी करने, कार्यवाही को बाधित करने के आरोप लगे हैं।

क्या है विशेषाधिकार हनन?

18 फरवरी के बुलेटिन में राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि सभापति ने घोर अव्यवस्थित आचरण से उत्पन्न होने वाले विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक प्रश्न का उल्लेख किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि बार-बार सदन के वेल में घुसने, बार-बार नारे लगाकर जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने, सभापति को सदन की बैठकों को बार-बार स्थगित करने के लिए मजबूर करने का आरोप है। इसी तरह के व्यवहार को विशेषाधिकार हनन कहा जाता है। वह काम जो सदन के, उसकी समितियों के या उसके सदस्‍यों के काम में किसी प्रकार की बाधा डाले।

लाइव कंसर्ट के दौरान सोनू निगम पर हमला, उद्धव गुट के विधायक के बेटे का नाम आ रहा सामने

#singer_sonu_nigam_attacked

मशहूर सिंगर सोनू निगम पर हमले की खबर है। मुंबई में बीती रात एक म्यूजिक इवेंट के दौरान सिंगर सोनू निगम और उनकी टीम के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई है।सोनू को तो ज्यादा चोट नहीं आई, लेकिन सोनू के गुरु गुलाम मुस्तफा खान के बेटे और उनके करीबी रब्बानी खान और उनके बॉडीगार्ड को चोटें आईं हैं। आरोप है कि उद्धव ठाकरे गुट के विधायक प्रकाश फटेरपेकर के बेटे ने सोनू के साथ धक्का-मुक्की की है।

चेंबूर इलाके में एक ईवेंट का आयोजन कराया था। इस इवेंट में सोनू निगम गा रहे थे। बताया जा रहा है कि जब सोनू निगम स्टेज से नीचे आ रहे थे, तो विधायक के बेटे ने सोनू निगम के बॉडीगार्ड को धक्का मारा और फिर सोनू को भी धक्का मारा। इस धक्का-मुक्की में सोनू निगम के उस्ताद के बेटे रब्बानी खान स्टेज से नीचे गिर गए और उन्हें काफी चोटें भी आई हैं।सोनू निगम ने इस संबंध में चेंबूर पुलिस स्टेशन में आधी रात को शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने विधायक प्रकाश फाटेरपेकर के बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

इस घटना के बाद सोनू निगम ने कहा कि संगीत समारोह के बाद मैं मंच से नीचे आ रहा था तभी एक आदमी ने मुझे पकड़ लिया। फिर उसने हरि और रब्बानी को धक्का दिया जो मुझे बचाने आए थे। फिर मैं सीढ़ियों पर गिर गया। सोनू ने कहा, रब्बानी की आज मौत हो सकती थी। उसे किस तरह से धक्का दिया गया था आप वीडियो में देख सकते हैं, मैं भी गिरने वाला था।

डीसीपी हेमराज सिंह राजपूत ने कहा कि लाइव कंटर्स के बाद सोनू निगम स्टेज से नीचे आ रहे थे तभी एक शख्स ने उन्हें जकड़ लिया। विरोध करने पर उसने सोनू निगम और उनके साथ चल रहे दो लोगों को धक्का दे दिया जिनमें से एक बुरी तरह घायल हो गया। आरोपी का नाम स्वप्निल फाटरपेकर है। पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि मिली जानकारी के मुताबिक हमला जानबूझकर नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, सोनू निगम के साथ बातचीत के अनुसार, घटना जानबूझकर नहीं लगती थी, यह एक शख्स ने की थी। इसके बाद वॉलंटियर्स ने सिचुएशन को कंट्रोल किया। एफआईआर में सिर्फ एक नाम है यह सिर्फ एक मामला है, जहां गायक को आरोपी ने फोटो खिंचवाने के इरादे से पकड़ा था।

गैंगस्टरों आपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ एनआईए का बड़ा एक्शन, सात राज्यों में 70 से ज्यादा ठिकानों पर छापा

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) गैंगस्टर और उनके आपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ एक बार फिर से एक्शन में है। इस बार एनआईए की टीम ने सात राज्यों में 70 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा है।एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में 70 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर तलाशी अभियान चलाया है।

जानकारी के मुताबिक, एनआईए की यह छापेमारी लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर और तमाम राज्यों में फैले उनके सिंडिकेट को लेकर की जा रही है।यूपी में जिन जगहों पर छापेमारी चल रही है उसमें लखनऊ, पीलीभीत और प्रतापगढ़ भी शामिल है। गुजरात के गांधीधाम में लॉरेंस बिश्नोई के साथी कुलविंदर के यहां भी एनआईए छापेमारी की है।हरियाणा के नारनौल में एनआईए ने अलसुबह गैंगस्टर सुरेंदर उर्फ चीकू के ठिकानों पर रेड की। एनआईए ने गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू के गांव मोहनपुर स्थित निवास के अलावा नारनौल की सेक्टर 1 में रह रहे उसके रिश्तेदार के यहां भी रेड मारी है।

एनआईए की ओर से इससे पहले पिछले साल के आखिर में भी दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में एक साथ छापेमारी हुई थी।एनआईए सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टर-टेरर फंडिंग मामले में एजेंसी अब तक तीन बार की छापेमारी कर चुकी है।

तुर्की-सीरिया से लौटे रेस्क्यू टीम से पीएम मोदी ने की बात, कहा- तिरंगा लेकर हम जहां पहुंचते हैं, वहां एक आश्वासन मिल जाता है

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तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में रेस्क्यू के लिए भारत ने एनडीआरएफ की टीमें भेजी थीं। सोमवार को तुर्की और सीरिया से बचाव दल लौट आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तुर्की और सीरिया में बचाव कार्य में शामिल हुए एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के लोगों से बात की। पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान ऑपरेशन दोस्त की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति ने हमें 'वसुधैव कुटुम्बकम' सिखाया है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। जब परिवार का कोई सदस्य संकट में हो तो उसकी मदद करना भारत का कर्तव्य है।

भारत के लिए मानवता सर्वोपरि-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने तुर्की और सीरिया में 'ऑपरेशन दोस्त' में शामिल कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि आपने मानवता की महान सेवा की है, भारत को गौरवान्वित किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए मानवता सर्वोपरि है। पीएम ने कहा कि भूकंप के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। यह हमारे बचाव और राहत दलों की तैयारियों का प्रतिबिंब है।

तिरंगा लेकर हम जहां पहुंचते हैं, वहां एक आश्वासन मिल जाता है-पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि तिरंगा लेकर हम जहां भी पहुंचते हैं, वहां एक आश्वासन मिल जाता है कि अब भारत की टीमें आ चुकी हैं, तो हालात ठीक होने शुरू हो जाएंगे। तिरंगे की यही भूमिका हमने कुछ समय पहले यूक्रेन में देखी।

मैंने लोगों को बचाने में आने वाली दिक्कतों को देखा है-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि हम सभी ने वो तस्वीरें देखी हैं जहां एक मां माथे पर चूम कर आपको आशीर्वाद दे रही थी। 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था, तब मैंने वॉलंटियर के तौर पर काम किया था और मैंने लोगों को बचाने में आने वाली दिक्कतों को देखा है। मैं आपको सलाम करता हूं। जब कोई दूसरों की मदद करता है तो वह निःस्वार्थ होता है। ये न केवल व्यक्तियों पर बल्कि राष्ट्रों पर भी लागू होता है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने आत्मनिर्भर और निस्वार्थ दोनों के रूप में अपनी पहचान मजबूत की है।

अब तक 46 हजार से अधिक लोगों की गई जान

दरअसल, तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में अब तक 46,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। तुर्की में तीन लाख से अधिक अपार्टमेंट अब नष्ट हो गए हैं और कई अभी भी लापता हैं।तुर्की के दक्षिण-पूर्वी कहमनमारस प्रांत में 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद 40 से अधिक आफ्टरशॉक्स तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में आए। भूकंप इतना भयानक था कि इमारतों के मलबे के नीचे हजारों को दफन कर गया।

दिल्ली से देवघर जा रही इंडिगो की फ्लाइट में बम की सूचना से मचा हड़कंप, लखनऊ में कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग

 दिल्ली से देवघर जा रही इंडिगो की फ्लाइट में बम की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया। सुरक्षा को देखते हुए तुरंत फ्लाइट की लखनऊ के एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग कराई गई। इंडिगो के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि दिल्ली से देवगढ़ जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6ई 6191 को बम की धमकी मिली। इसके तुरंत बाद फ्लाइट को लखनऊ डायवर्ट किया गया।

अधिकारियों के अनुसार, सभी आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। इसके बाद विमान को टेकऑफ़ के लिए मंजूरी दे दी गई। जांच में सुरक्षा एजेंसियों के नियमों का पालन कर रहे हैं।

एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि इंडिगो की फ्लाइट 6ई 6191 को उड़ान के दौरान बम की धमकी मिली। आनन फानन में फ्लाइट को लखनऊ की तरफ डायवर्ट किया गया। जांच में सुरक्षा एजेंसियों के नियमों का पालन कर रहे हैं। वहीं मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।