*दिल्ली-यूपी-बिहार समेत मैदानी राज्यों में चढ़ने लगा पारा, आईएमडी ने जारी की चेतावनी, सोमवार तक 3 डिग्री और बढ़ेगा तापमान*

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अब सर्दियों की विदाई होने वाली है। ठंडी तेज हवाओं के चलने का सिलसिला अब थम चुका है। अब बस सुबह शाम थोड़ी ठंड महसूस हो रही है और दिन में गर्मी का एहसास होने लगा है।दिल्ली-बिहार-यूपी-एमपी सहित मैदानी राज्यों में अब धीरे-धीरे तापमान में रोज बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में अगले दो-तीन दिनों तक कोई खास बदलाव तो नहीं दिखेगा लेकिन उसके बाद तापमान बढ़ने से गर्मी बढ़ने लगेगी। 

सोमवार तक 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है तापमान

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और सोमवार तक इसके और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने इसकी भविष्यवाणी की है।मौसम विभाग के अनुसार, सप्ताहांत में अधिकतम तापमान बढ़कर 31 डिग्री सेल्सियस और सोमवार तक इसकी 32 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद है।इससे पहले बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि न्यूनतम तापमान 10.9 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, हवा में नमी का स्तर 33 से 79 प्रतिशत रहा।

न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि की संभावना

मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि की उम्मीद है। शनिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। न्यूनतम तापमान 21 फरवरी तक बढ़कर 14 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी ने शुक्रवार को जारी एक अपडेट में कहा कि अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री की वृद्धि होने की आशंका है।

पहाड़ी राज्यों में बारिश-बर्फबारी

मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ी राज्यों जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आज और कल हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इसके अलावा अंडमान निकोबार और कुछ दक्षिणी राज्यों में भी अगले 5 दिनों तक हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं, पंजाब और हरियाणा के अधिकतर स्थानों पर शनिवार, 18 फरवरी को न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

अमेरिकी उद्योगपति सोरोस पर विदेश मंत्री का जोरदार हमला, बताया- बुजुर्ग, अमीर और गलत राय रखने वाला खतरनाक शख्स, पीएम मोदी पर टिप्पणी का जवाब

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भारतीय लोकतंत्र पर बयानबाजी करने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सोरोस न्यूयॉर्क में बैठे एक बूढे, अमीर और गलत विचारों वाले व्यक्ति हैं, जो अभी भी ये सोचते हैं कि पूरी दुनिया को उनके हिसाब से काम करना चाहिए। बता दें कि हाल ही में अमेरिकी उद्योगपति सोरोस पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर सवाल उठाया और उनके नेतृत्व में लोकतंत्र को कमजोर होने का खतरा बताया था।

सोरोस को करारा जवाब

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कुछ साल पहले, उन्होंने हम पर आरोप लगाया था कि हम करोड़ों मुस्लिमों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि जाहिर तौर पर नहीं हुआ। मैं कह सकता है कि मिस्टर सोरोस एक बुजुर्ग, अमीर और गलत राय रखने वाले व्यक्ति हैं, जो कि अभी भी न्यूयॉर्क में बैठे हैं और सोचते हैं कि उनके विचारों से फैसला होना चाहिए कि पूरी दुनिया कैसे चलेगी। 

एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कहा, अब अगर मैं सिर्फ बूढ़े, अमीर और मनमौजी विचारों पर ही रुक जाता, तो मैं इसे दूर कर देता, लेकिन वह बूढ़ा, अमीर, मतलबी और खतरनाक है। उन्होंने कहा कि असल में क्या होता है न कि ऐसे लोग जब किसी संसाधन में निवेश करते हैं तो उससे एक नेरेटिव तैयार होता है। डॉ एस जयशंकर ने कहा कि उस तरह के लोग सोचते हैं कि उनकी पसंद का कोई शख्स सत्ता में आया तब तो चुनावी प्रक्रिय सही है। लेकिन यदि चुनाव का नतीजा उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं है तो वो कहना शुरू करेंगे कि पूरी चुनावी प्रक्रिया में दोष है। और उससे भी बड़ी बात यह है कि खुला समाज की आड़ ले इस तरह की वकालत करते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, सोरोस मानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक नहीं है। 

जयशंकर ने आगे कहा कि जब मैं अपने स्वयं के लोकतंत्र को देखता हूं, तो आज मैं एक मतदाता हूं। ये अभूतपूर्व है। चुनावी परिणाम जो निर्णायक हैं, चुनावी प्रक्रिया जिस पर सवाल नहीं उठाया जाता है। हम उन देशों में से नहीं हैं जहां चुनाव के बाद कोई अदालत में मध्यस्थता करने जाता है।

कांग्रेस ने भी जॉर्ज सोरोस पर साधा निशाना

मोदी सरकार के मंत्रियों ने सोरोस की भारतीय लोकतंत्र को लेकर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की है। वहीं, विपक्ष ने भी सोरोस पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी शनिवार को इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा, PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं हैं हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।

जॉर्ज सोरेस ने पीएम मोदी को लेकर की थी टिप्पणी

दरअसल, जॉर्ज सोरोस ने हाल ही में अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, मोदी इस मुद्दे पर शांत हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे। सोरोस म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के दरवाजा खोल देगा। उन्होंने कहा था, मुझे उम्मीद है कि भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा।

*निक्की यादव मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा, साजिश में शामिल थे साहिल के घरवाले, पिता-दो भाई और दो दोस्त गिरफ्तार*

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दिल्ली में 24 वर्षीय निक्की यादव की हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक निक्की यादव और साहिल ने अक्टूबर 2020 मे ही नोएडा के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। ये बात साहिल के परिवार को मालूम था, लेकिन साहिल के परिवार को ये शादी मंजूर नहीं थी। इसके बाद साहिल की शादी किसी दूसरी लड़की से तय कर दी गई थी और निक्की यादव की हत्या की साजिश रची गई जिसमें साहिल का परिवार भी शामिल था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साहिल के पिता विरेन्द्र सिंह, भाई अशीष और नवीन, दोस्त लोकेश और अमर को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने गिरफ्तार पांचों आरोपियों को शुक्रवार रात 10:00 बजे कोर्ट में पेश किया, जहां पांचों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनको साहिल की पहली शादी के बारे में पता था, लेकिन रिश्तेदारी में बदनामी के डर से वह चुप रहे।

बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ के दौरान साहिल ने साल 2020 में निक्की से शादी का खुलासा किया। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की एक टीम शुक्रवार रात को ही ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-1 स्थित आर्य समाज मंदिर पहुंच गई। यहां से पुलिस ने साहिल और निक्की की शादी का सर्टिफिकेट बरामद कर लिया है। विशेष आयुक्त के अनुसार, निक्की यादव उसकी पत्नी थी, लिव-इन पार्टनर नहीं। पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ के दौरान, साहिल गहलोत ने जांचकर्ताओं को बताया कि निक्की यादव और उसकी शादी 1 अक्टूबर, 2020 को हुई थी। 

साहिल का परिवार इस शादी से नाखुश था इसलिए वो निक्की को रास्ते से हटाना चाहते थे। साहिल के परिवार ने दिसंबर 2022 मे उसका रिश्ता तय कर दिया और लकड़ी वालो से बात छिपाई की साहिल पहले से शादीशुदा है। परिवार के लोगों की मदद से साहिल ने निक्की की हत्या की साजिश रची थी। साहिल का पूरा परिवार और दोस्त हत्या की सबूतों से छेड़छाड़ में साहिल की मदद कर रहे थे

पुलिस के अनुसार, जब साहिल गहलोत निक्की यादव को उक्त महिला से अपनी शादी के लिए राजी नहीं कर सका तो उसने उसे मारने की साजिश रची और अन्य लोगों को भी इसमें शामिल कर लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, इसके बाद साहिल गहलोत ने अपनी साजिश को अंजाम दिया और उसकी हत्या कर दी और अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों को उसी दिन यानी 10 फरवरी को इसके बारे में सूचित किया और फिर वे सभी विवाह समारोह में शामिल हुए। पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी में आपराधिक साजिश रचने, सबूत नष्ट करने और अपराधी को शरण देने सहित कई अन्य आरोप जोड़े गए हैं।

*पार्टी का नाम-निशान खोने के बाद नाराज उद्धव ने बुलाई अहम बैठक, कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट का रूख*

#uddhavthackeraycalledimportantmeeting_today 

चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के पिता की बनाई पार्टी अब उनके पास नहीं रही है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण मिल गया है। चुनाव आयोग के फैसले से जहां शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है वहीं उद्धव ठाकरे गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। आयोग के फैसले से चोट खाए उद्धव ठाकरे को अब सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते है। चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने धड़े के नेताओं की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य के कदम पर चर्चा हो सकती है। 

आगे की रणनीति तय करेंगे उद्धव

आज उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में आगे की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने अपने समर्थक सांसदों, विधायकों और नेताओं को हाजिर होने को कहा है। आज दोपहर एक बजे उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले में यह बैठक बुलाई गई है। जो सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद हैं, वे इस बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई रवाना हो चुके हैं।

फैसले से बेहद नाराज हैं उद्धव

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया था कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। उद्धव चुनाव आयोग के इस फैसले से बेहद खफा हैं। उन्होंने कहा-ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। 

चुनाव आयोग के फैसले का आधार

बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया है। साल 1966 में बाल ठाकरे द्वारा बनाई थी। छह महीने पहले एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब तीन सदस्यों वाले आयोग ने एकनाथ शिंद के पक्ष में फैसला सुनाया है। एकनाथ शिंदे के पास पार्टी के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का और 18 लोकसभा सांसदों में से 13 का समर्थन है। संख्या बल के आधार पर ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 40 विधायक शिंदे गुट का समर्थन कर रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को मिले कुल 47,82,440 वोटों में से 36,57,327 वोटों, जो कि कुल वोटों का 76 फीसदी हैं, इनका समर्थन शिंदे गुट के पास है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 11,25,113 वोट पाने वाले 15 विधायकों का ही समर्थन है।

*चुनाव से पहले बीजेपी की चिंता! नड्डा का सांसदों को सख्त निर्देश, कहा-धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी से बचें*

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इस साल कई राज्यों मे विधानसभा चुनाव होने को हैं, वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। इससे पहले बीजेपी को अपने नेताओं की बयानबाजियां चिंतित करने लगी है। चुनाव से पहले पार्टी धार्मिक और विवादास्पद मुद्दों को लेकर अपनी छवि साफ करना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी सांसदों को सख्त निर्देश दिया है।सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में पार्टी सांसदों को यह निर्देश दिया कि वे धार्मिक और विवादास्पद मुद्दों पर बयान न दें। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर अगर जरूरत पड़ी, तो पार्टी की ओर से अधिकृत प्रवक्ता ही बयान देंगे।

धार्मिक मामले जिनके विषय हैं, वही इसे देखेंगे-नड्डा

पार्टी सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि विवादित और धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी उचित नहीं है। धार्मिक मामले जिनके विषय हैं, वही इसे देखेंगे। राजनीतिक लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में एक व्यवस्था है और व्यवस्था के मुताबिक ऐसे मुद्दों पर पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता ही बयान देते हैं। पार्टी सांसदों की बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को दोहराते हुए सांसदों को फिर से यह याद दिलाया कि, हमारा थीम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। सभी को इसी थीम पर काम करना है। 

बागेश्वर धाम को लेकर भी बोले नड्डा

नड्डा ने बैठक में हाल ही में सुर्खियों में आए बागेश्वर धाम का जिक्र करते हुए कहा कि जिन सांसदों की आस्था बागेश्वर धाम में हैं वे वहां जाएं, लेकिन इस पर बेवजह बयानबाजी न करें। बीजेपी अध्यक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सनातन धर्म से जुड़े मामले हो या धर्म से जुड़े धार्मिक मामले, यह जिनका विषय है उन्हीं को इस पर बोलना चाहिए। 

जनता के बीच जाने का निर्देश

जेपी नड्डा ने ऑनलाइन बैठक के दौरान कहा कि बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जनता के बीच जाएं, प्रेस कांफ्रेंस करें, जिससे केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंच सके। नड्डा ने कहा कि सांसद स्थानीय संगठन के साथ मिलकर बूथ और शक्ति केंद्र मजबूत करें। नड्डा ने ये भी कहा कि सांसद, खेल स्पर्धा समेत अन्य कार्यक्रम पूरा करें।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सीएम योगी ने किया महादेव का रुद्राभिषेक, विश्व-कल्याण की कामना


गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है। देवों के देव महादेव जनमानस में सर्वमान्य रूप से पूजे जाते हैं। पर्व व त्योहार हमारी परंपरा और राष्ट्रीयता को मजबूत करने के प्रेरणास्पद अवसर हैं।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर गोरखनाथ मंदिर परिसर में विधि-विधान से देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक कर विश्व-कल्याण की कामना की। इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी।इस मौके पर महायोगी गुरु गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ कालीबाड़ी के महंत सहित बड़ी संख्या में संस्कृत विद्यालय के पार्टी आदि मौजूद है।

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल, अब शिंदे गुट की पार्टी होगी शिवसेना, चुनाव चिन्ह भी मिला

डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल हो गया है। इससे उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम दे दिया है। वहीं, धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है। चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी जीत मिली है।

निर्वाचन आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित किया गया शिवसेना का संविधान उसे नहीं दिया गया था। चुनाव आयोग के कहने पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने 1999 में पार्टी के संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को जगह देने के लिए बदलाव किया था, जिसे नए संशोधन में हटा दिया गया था। चुनाव आयोग ने यह भी देखा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिसे 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से बदल दिया गया, जिससे पार्टी एक जागीर में तब्दील हो गई।

जिस बात का डर था वही हुआ: आनंद दुबे 

चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जिस बात का डर था वही हुआ। उन्होंने चुनाव आयोग को 'बीजेपी का एजेंट' करार देते हुए कहा कि वह अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही कहती आ रही है कि उन्हें चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, बहस अभी जारी है, आपने आनन-फानन में कैसे फैसला सुना दिया कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की पार्टी है।

EC के फैसले पर राउत की आई प्रतिक्रिया

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है। हम कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे और जनता के दरबार में भी जाएंगे। हम फिर से शिवसेना खड़ी करेंगे। आपने निशान हथियाया है, विचार कैसे हथियाएंगे। अगर धनुष बाण राम की बजाए रावण को मिले, तो इसका मतलब क्या? इसका मतलब है असत्यमेव जयते। राउत ने कहा, "कहां तक खरीद-बिक्री हुई है, यह साफ हो गया है। आज चुनाव आयोग ने अपना विश्वास खो दिया है। देश की सभी स्वायत्त संस्थाओं को गुलाम बनाने की कोशिश शुरू है। इस फैसले को जरूर चुनौती देंगे। 40 लोगों ने पैसे के जोर पर धनुष बाण का चिन्ह खरीदा है।"

शिंदे के बगावत के बाद दो गुटों में बंट गई थी शिवसेना

गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था, तब शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी। शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे ने सीएम और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के पद पर शपथ ली थी। इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न धनुष और बाण को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की गूंज अब ब्रिटेन में, रामी रेंजर ने कहा- पीएम मोदी की सफलता नहीं आ रही रास

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले की गूंज अब ब्रिटेन में सुनाई पड़ रही है। ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाए गए डॉक्यूमेंट्री को लेकर बयान जारी किया है। 

रेंजर ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का अपमान करती है और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दो बार चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करती है। साथ ही यह डॉक्यूमेंट्री न्यायपालिका और संसद का भी अपमान करने का काम करती है। गौरतलब है कि न्यायपालिका द्वारा गुजरात दंगों के मामले में पीएम मोदी को क्लीनचिट दिया गया था। 

रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में आगे लिखा बीबीसी न्यूज द्वारा भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया गया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री, भारतीय न्यायपालिका, भारतीय पुलिस का अपमान किया गया है। रेंजर ने इस बाबत आगे लिखा कि दंगों की निंदा करता हूं लेकिन बीबीसी द्वारा की गई पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं। रेंजर ने कहा कि दो महान देशों ब्रिटेन और भारत के रिश्तों के बीच बाधा नहीं डालनी चाहिए। हम एक दूसरे से बहुत कुछ साझा करते हैं और बाकियों की अपेक्षा भारत के काफी करीब हैं। मोदी और भारत की सफलता कई लोगों को रास नहीं आता है। 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री का भी मिला समर्थन

बता दें कि रामी रेंजर से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर चुके हैं। डॉक्यूमेंट्री विवाद पर ऋषि सुनक ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की ऐसी तस्वीर बनाए जाने से वह सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आर रही है और बदली नहीं हैं। हम इस तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे यह कहीं भी क्यों न हों। लेकिन मैं पीएम नरेंद्र मोदी की इस तरह की इमेज बनाने के खिलाफ हूं।

*सीएम योगी के घर के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा, बम की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचा बम स्क्वॉड

डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ आवास के बाहर बम मिलने की सूचना मिली है। इस बाबत बम स्क्वॉड को मौके पर बुला लिया गया है। पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री आवास के बाहर व इसके आसपास के इलाकों में छानबीन की जा रही है। 

मौके पर पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली मुख्यालय में फर्जी सूचना दी गई है। बता दें कि बम की सूचना मिलने के बाद से सीएम योगी के आवास के बाहर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट से दिल्ली बाहर, जानिए पहले स्थान पर कौन सा शहर

डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली का नाम अब तक सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में लिया जाता था, लेकिन अब दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का नाम बाहर हो गया है। अब देश का एक अन्य बड़ा शहर इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। देश की राजधानी दिल्ली दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर हो गया है। इसकी जानकारी खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दी। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में नहीं है। उन्होंने अपने ट्वीट में टॉप 10 शहरों की सूची भी शेयर की है।

अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट के जरिए दिल्लीवासी को बधाई दी है। अपने ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि लंबे समय बाद दिल्ली दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल नहीं हुई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें अब भी लंबा रास्ता तय करना है। हमें दुनिया के सबसे अधिक स्वच्छ शहरों में शामिल होना है।'

टॉप-10 शहरों की सूची में लाहौर टॉप पर

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहीं मुंबई दूसरा सबसे प्रदूषित और और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल दुनिया शीर्ष सबसे अधिक प्रदूषित 10 शहरों में तीसरे नंबर पर है। चौथे स्थान पर ताइवान का काओशियुंग, किरगिस्तान का शहर बिशकेक पांचवे, घाना का शहर अक्करा छठवें, पोलैंड का शहर कारको सातवें, कतर का शहर दोहा आठवें, कजाकिस्तान का अस्ताना 9वें और चिली के शहर सांतियागो 10वें नंबर पर है।

सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से इसलिए हटा दिल्ली का नाम

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 2016 के 135 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर 2022 में 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया है। यह 5 साल में 28 प्रतिशत कम है। पीएम 10 का स्तर भी 2016 के 291 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर 2022 में 211 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया जो 27 प्रतिशत कम है।