*तुर्की में त्राहीमामः विनाशकारी भूकंप के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी, अब तक 8 हजार के करीब मौतें*

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तुर्की और सीरिया में भूकंप से आई तबाही के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। हर तरफ चीख-पुकार और मलबों के बीच अपनों को खोजते मायूस चेहरे नजर आ रहे हैं। विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हजार के करीब पहुंच गया है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं।

अभी और बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं है। अधिकारियों को आशंका है कि भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में अब भी जुटे हैं। कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेस्क्यू में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे

तुर्किये और सीरिया में मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू के काम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जुटे हुए हैं। तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसी तरह अमेरिका, चीन समेत कई देशों से दोनों देशों को मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम कम पड़ गई है।

एक्सपर्टस का दावा भूकंप के चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया

इस बीच एक्सपर्टस ने बताया है कि यह भूकंप इतना ताकतवर था कि इसके चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने इस बारे में डिटेल जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।