सीरिया में भूकम्प के कहर के बीच मलबे में दबी एक मां ने बच्ची को दिया जन्म, 30 घंटे बाद गर्भनाल सहित सुरक्षित निकाली गई नवजात


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 तुर्किये और सीरिया में भूकंप के चलते अब तक 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 30 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना भी मिल रही है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। मेडिकल टीम भी मौजूद है।

सीरिया में मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। उत्तरी सीरिया में एक घर के मलबे से एक नवजात शिशु को जीवित निकाला गया। इस दौरान नवजात अपनी मां की गर्भनाल से बंधा हुआ था। बता दें कि उसकी मां की सोमवार को आए भूकंप के दौरान मौत हो गई थी। इसकी जानकारी परिवार के एक रिश्तेदार ने दी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदयारिस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने तुरंत गर्भनाल को काट दिया और बच्ची रोने लगी, उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है।

खलील के अनुसार, उनकी भाभी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

गर्भनाल के साथ बरामद हुई बच्ची

सुवाड़ी ने मंगलवार को एएफपी को बताया, जब हम खुदाई कर रहे थे तो हमें एक आवाज सुनाई दी। हमने धूल साफ की और बच्चे को गर्भनाल (बरकरार) के साथ पाया, इसलिए हमने उसे काट दिया और मेरे चचेरे भाई उसे अस्पताल ले गए। रेस्क्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फुटेज में दिख रहा है कि एक व्यक्ति चार मंजिला इमारत के मलबे से धूल से ढके एक छोटे बच्चे को पकड़ कर दौड़ता हुआ आ रहा है।

एक दूसरा आदमी उप-शून्य तापमान में नवजात शिशु को गर्म करने की कोशिश करने के लिए कंबल लेकर दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि तीसरा व्यक्ति उसे अस्पताल ले जाने के लिए कार के लिए चिल्लाता है।

परिवार के अन्य सदस्यों की हुई मौत

बच्ची को पास के शहर अफरीन में इलाज के लिए ले जाया गया, जबकि परिवार के सदस्यों ने उसके पिता अब्दुल्ला, मां अफरा, चार भाई-बहनों और एक चाची के शवों को बरामद किया।

मंगलवार को आयोजित एक संयुक्त अंतिम संस्कार से पहले उनके शवों को एक रिश्तेदार के घर पर रखा गया था।

एएफपी के एक संवाददाता ने बताया कि जिंदयारिस में करीब 50 परिवारों में से एक परिवार का घर भूकंप से तबाह हो गया था।

अधिकारियों ने कहा कि पूरे सीरिया में 1,600 से अधिक लोग मारे गए, जबकि तुर्की में 3,400 से अधिक लोग मारे गए हैं। विद्रोहियों के कब्जे वाले कस्बों और शहरों में लगभग 800 लोग मारे गए हैं।

बच्ची के शरीर पर थे चोटों के निशान

अफरीन के अस्पताल में एक इनक्यूबेटर के अंदर, नवजात को एक ड्रिप से जोड़ा गया था, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे और उसकी बाईं मुट्ठी के चारों ओर एक पट्टी बंधी हुई थी। कड़कड़ाती ठंड के कारण उसका माथा और उंगलियां अभी भी नीली थीं।

मारूफ ने एएफपी को बताया, वह अब स्थिर है। उन्होंने एएफपी को बताया कि नवजात के पूरे शरीर पर चोट के कई निशान थे।

कड़ी ठंड के कारण उसे हाइपोथर्मिया भी था। हमें उसे गर्म रखना था और कैल्शियम देना था। जिंदयारिस को तुर्की और उसके सीरियाई विद्रोही प्रतिनिधियों ने 2018 में आक्रामक तरीके से जब्त कर लिया था, जिसने कुर्द बलों को अफ्रिन क्षेत्र से खदेड़ दिया था।

आरबीआई ने फिर दिया झटका, लगातार छठी बार बढ़ाया रेपो रेट, महंगा होगा लोन

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रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा किया है।रिजर्व बैंक ने अब रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है। जिसके बाद रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो गया है। आरबीआ गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की बैठक खत्म होने के बाद पॉलिसी का ऐलान किया।

महंगाई पर नियंत्रण के लिए ये कठिन फैसले जरूरी थे- आरबीआई गवर्नर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एमपीसी की बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी दी। इससे पहले तीन दिनों तक आरबीआई की एमपीसी की अहम बैठक चली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, पिछले तीन वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने दुनिया भर में मौद्रिक नीति की परीक्षा ली है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि बीते तीन वर्षो के दौरान वैश्विक परिस्थितियों के कारण दुनिया भर के बैंकों को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लेना पड़ा है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए ये कठिन फैसले जरूरी थे।

एमपीसी के 6 में से 4 सदस्‍य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद कहा कि एमपीसी के 6 में से 4 सदस्‍य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी पर रहने की उम्‍मीद है। वहीं, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी होने की संभवना है।बकौल दास, अप्रैल-जून 2023 में यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 7.1 फीसदी से बढ़कर 7.8 फीसदी पर पहुंच जाएगी. इसके अलावा जुलाई-सिंतबर में 5.9 फीसदी के मुकाबले 6.2 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर में 6 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 में इसके 5.8 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है।

लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ा

बता दें कि आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है। इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। वहीं, रेपो रेट में सितंबर 2022 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया गया था।

क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वह रेट होता है, जिस रेट पर भारतीय रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है। उसे रिप्रोडक्शन रेट या रेपो रेट कहते हैं।

*राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, बीजेपी सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र*

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बजट सत्र के दौरान आज फिर हंगामे के आसार है। मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में जोरदार बहस हुई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में सरकार को अदानी के मुद्दे पर घेरा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना जवाब देंगे। इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस मामले में पत्र लिखा है।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ दिया ये नोटिस

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार हनन नोटिस में आरोप लगाया गया है कि पीएम मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के दिए बयान नियमों के विरुद्ध हैं क्योंकि उन्होंने इसके लिए अध्यक्ष और पीएम को नोटिस नहीं दिया था। निशिकांत दुबे ने आगे कहा, ये बयान भटकाने वाले, असंसदीय, शालीनता से परे और छवि बिगाड़ने वाले हैं। राहुल ने आरोपों को साबित करने वाले कोई डॉक्यूमेंट या लिखित सबूत नहीं दिए। ये सीधे तौर पर सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला है क्योंकि सदन का अपमान हुआ है। 

राहुल गांधी के खिलाफ जल्द कारवाई करने की मांग

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिए पत्र में राहुल गांधी पर सदन के नियम 223 के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने स्पीकर से राहुल गांधी के खिलाफ जल्द कारवाई करने की मांग की है। 

राहुल गांधी ने लगाया था ये आरोप

बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए प्रधानमंत्री पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि नियम है जिसके पास हवाई अड्डों का पूर्व अनुभव नहीं है वह हवाई अड्डों के विकास में शामिल नहीं हो सकता है। भारत सरकार ने यह नियम बदला है। इस नियम को बदल दिया गया और अडानी को छह हवाई अड्डे दिए गए। राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बाद भारत का सबसे ज्यादा प्रोफिट में चलने वाले एयरपोर्ट को ईडी का दबाव बनाकर अदाणी के हाथों में दे दिया है।

केसीआर की बेटी का पूर्व सीए गिरफ्तार, दिल्ली शराब घोटाला मामले में कार्रवाई

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सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली के एक्साइज पॉलिसी केस में हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचि बाबू गोरंटला को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने दावा किया है कि 'साउथ ग्रुप' के नाम से जानी जाने वाली एक लॉबी की मिलीभगत और रिश्वत लेकर दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते हुए अनियमितताएं की गईं।सीबीआई ने कहा कि के कविता के पूर्व ऑडिटर बुची बाबू ने मामले में 'साउथ ग्रुप' का प्रतिनिधित्व किया। एजेंसी ने कहा कि सहयोगी नहीं करने के कारण उसे मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी प्रतिक्रिया टालमटोल वाली पाई गई।

सीबीआई ने आरोप लगाया गया है कि अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में बुची बाबू की कथित भूमिका की वजह से हैदराबाद स्थित थोक और खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया। 

बता दें कि इस मामले में सीबीआई तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता से भी पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई की एक टीम ने 12 दिसंबर 2022 को हैदराबाद में इस सिलसिले में सात घंटे से अधिक समय तक कविता से पूछताछ की थी।प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि के कविता साउथ कार्टेल का हिस्सा थीं, जिसे शराब नीति मामले में रिश्वत से फायदा हुआ था।

केन्द्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस ग्रुप में तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति की कविता, आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के सारथ रेड्डी शामिल हैं। एजेंसियों ने दावा किया है कि इसके तहत लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था और शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था

*राहुल गांधी के आरोपों से बौखलाई बीजेपी का पलटवार, रविशंकर प्रसाद ने याद दिलाई मां और बहनोई के बेल की बात*

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मंगलवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखे हमले किए। राहुल गांधी ने अडानी को लेकर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मोदी सरकार पर हमले को लेकर बीजेपी ने भी कड़ा पलटवार किया है। बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के हर सवाल का जवाब दिया है। 

कांग्रेस सभी बड़े घोटालों में शामिल-रविशंकर प्रसाद

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की आदिवासी, योग्य राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण था।लेकिन आज उन्होंने जिस बेशर्मी से बेबुनियाद आरोप लगाया, यह सब गलत है। बीजेपी नेता ने कहा कि मुझे उन्हें याद दिलाने की आवश्यकता है कि वह, उनकी मां और उनके बहनोई जमानत पर हैं। एक बैंकर ने आपकी बहन से गिफ्ट खरीदा। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि राजीव गांधी ट्रस्ट, नेशनल हेराल्ड और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले क्या हैं? प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस और उसके नेता उन सभी बड़े घोटालों में शामिल थे, जिन्होंने भारत की छवि को धूमिल किया।

गांधी परिवार की सच्चाई बताना जरूरी-रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर हमला तेज करते हुए कहा कि,आज राहुल गांधी के परिवार की सच्चाई बताना भी जरूरी है। ये वाड्रा डीएलएफ घोटाले में क्या हुआ। आपको डीएलएफ से कैसे 65 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण मिल गया। और जमीन भी मिल गई। आपने सस्ती जमीन ली और महंगे दामों में बेच दी। 

आपकी सरकार डील और कमीशन पर चलती थी-रविशंकर

बीजेपी नेता ने आगे कहा कि,आपके पिता के नाम से चलने वाले ट्रस्ट को चीन से जाकिर नायक और मेहुल चौकसी से पैसा मिला। आप और आपके परिवार पर बीकानेर, डीएलएफ आदर्श घोटाला, कोयला जैसे एक दर्जन से ज्यादा घोटाला के आऱोप रहे हैं।उन्होंने आगे कहा, आपको भारत में समान बनने से परेशानी होती है। उसका कारण स्वाभविक है। आपकी सरकार डील और कमीशन पर चलती थी। अब बंद हो गया इसलिए आपको परेशानी है। नीरव मोदी के इवेंट में आप जाते थे। आज भागे हुए लोगो से वसूली हो रही है। हमने कानून को भी सख्त किया। हम आपसे उम्मीद कर रहे थे कि आप गम्भीर बात करेगे। पर आपने लफ़ाज़ी की।

*”अग्निवीर योजना को सेना पर थोपा जा रहा, ये डोभाल और आरएसएस की स्कीम”,लोकसभा में बोले राहुल*

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में अपनी बात रखी। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, करीब 3600 किमी यात्रा में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। राहुल ने कहा कि आज पैदल यात्रा करने की परंपरा खत्म हो गई है। शुरुआत में चलते वक्त हम लोगों की आवाज सुन रहे थे, मगर हमारे दिल में यह भी था कि हम भी अपनी बात रखें। हमने हजारों लोगों से बात की, बुजुर्गों से और महिलाओं से बात की। इस प्रकार से यात्रा हमसे बात करने लगी।

राहुल गांधी ने कहा, लोग हमारे पास आते थे और कहते थे कि हमारे पास काम नहीं है।युवा हमारे पास आते थे और कहते थे कि हमारे पास नौकरी नहीं है। किसान आते थे कहते थे कि तूफान आता है, बारिश आती है, सबकुछ बर्बाद हो जाता है फिर भी प्रधानमंत्री किसान बीमा की रकम उन्हें नहीं मिलती है। जमीन छीन ली जाती है।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, वनवासियों ने उनसे कहा कि जो ट्राइबल बिल में उन्हें दिया जाता था, वो छीन लिया गया है। बेरोजगारी, महंगाई और किसान के मुख्य मुद्दे थे। किसान बिल, एमएसपी, बीज और अग्निवीर की भी बात सामने आई।

अग्निवीर योजना को सेना पर थोपा जा रहा

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सेना के अफसरों और पूर्व सैनिकों ने बताया कि अग्निवीर योजना सेना की योजना नहीं है। राहुल गांधी ने बताया कि अग्निवीर योजना आरएसएस, गृह मंत्रालय से आई है न कि सेना से। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना को सेना पर थोपा जा रहा है। सेवानिवृत्त अधिकारियों को लगता है कि अग्निवीर योजना सेना से नहीं आई और एनएसए अजीत डोभाल ने सेना पर इस योजना को लागू किया। सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि लोगों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और फिर समाज में वापस जाने के लिए कहा जा रहा है, इससे हिंसा भड़केगी।

अपने पुराने 'दोस्त' भारत का शुक्रिया कर रहा तबाही झेलता तुर्की, 5000 के करीब पहुंचा मौतों का आंकड़ा, राहत बचाव के लिए भारत से कई टीम रवाना

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भूकंप से अाई तबाही झेल रहे तुर्की ने 'दोस्त' भारत का शुक्रिया किया है। भारत ने राहत कार्य के लिए टीम को तुर्की भेजा है। सोमवार सुबह तुर्की और सीरिया में भूकंप आ गया था। आंकड़े बताते हैं कि अब तक 4600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 26 हजार से अधिक लोग घायल हैं। भारत के अलावा अमेरिका समेत कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने ट्वीट किया, 'तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द 'दोस्त' है...। हमारे यहां एक कहावत है 'Dost kara gunde belli olur'(जरूरत के समय जो काम आता है, वह सच्चा दोस्त होता है।)' इससे पहले विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन तुर्की दूतावास पहुंचे और घटना पर दुख जाहिर किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी तुर्की को दिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को जानकारी दी थी, 'पीएम मोदी के निर्देश के साथ प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की। यह निर्णय लिया गया कि तुर्किए गणराज्य की सरकार के समन्वय से, राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ के खोज और बचाव दलों एवं चिकित्सा दलों को तुरंत भेजा जाएगा।'

ये टीमें हुईं रवाना

पीएमओ के मुताबिक, राहत और बचाव कार्य के लिए डॉग स्क्वॉड, जरूरी उपकरण, 100 कर्मियों वाली NDRF की दो टीमें भेजी गई थीं। विज्ञप्ति में बताया गया था, 'आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों वाली चिकित्सा टीमें भी तैयार की जा रही हैं। तुर्किए गणराज्य सरकार, अंकारा स्थित भारतीय दूतावास तथा इस्तांबुल स्थित महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय के समन्वय से राहत सामग्री भेजी जाएगी।'

एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि दिल्ली के पास स्थित गाजियाबाद और कोलकाता से दो दलों के कुल 101 कर्मियों को उपकरणों के साथ भारतीय वायु सेना के जी-17 विमान में तुर्की के लिए रवाना किया गया। अधिकारी ने बताया कि यह भूकंप प्रभावित तुर्किये और पड़ोसी क्षेत्रों के लिए सोमवार को भारत सरकार द्वारा घोषित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ये दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने में मदद करेंगे और स्थानीय अधिकारियों को हर संभव सहायता मुहैया कराएंगे।

खराब मौसम, बारिश और जमा देने वाली कड़ाके की सर्दी के बीच तुर्की और सीरिया में घंटे में 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक, शहर के शहर मलबे में तब्दील

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तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद 36 घंटे में 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक आए। इनमें से तीन की तीव्रता तो 6 से 7.5 तक थी। तुर्की और सीरिया में आए इन शक्तिशाली भूकंपों ने शहरों को मलबों में तब्दील कर दिया है। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से आ रहे वीडियों में हर तरफ मलबे में तब्दील इमारतें, लाशों के ढेर और तड़पते लोग नजर आ रहे हैं।

तुर्की और सीरिया में अब तक भूकंप से 4300 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। तुर्की में 5600 से ज्यादा इमारतें जमींदोज हो गईं। ऐसी ही तबाही सीरिया में भी देखने को मिली। तुर्की और सीरिया में रेस्क्यू टीमें मलबों में दबी जिंदगियों को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं, लेकिन ठंड, बारिश और बर्फबारी ने इन टीमों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। तुर्की के कई इलाकों में स्नो स्टोर्म की भी आशंका जताई जा रही है।

पिछले 36 घंटे में 109 ऑफ्टरशॉक

तुर्की में सोमवार सुबह 04:17 बजे 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए। यह तुर्की में 100 साल में सबसे तीव्रता वाला भूकंप बताया जा रहा है।

तुर्की में 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक करीब 109 ऑफ्टरशॉक आए। भूकंप के 9 घंटे बाद आए आफ्टरशॉक की तीव्रता को 7.5 थी। दुनिया भर में आए भूकंपों के सांख्यिकीय विश्लेषण के आधार पर तुर्की में पहले भूकंप के बाद सिर्फ 6.8 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक आने की आशंका थी। आम तौर पर सभी बड़े भूकंप के बाद कई झटके महसूस किए जाते हैं। लेकिन तुर्की में जो ऑफ्टरशॉक्स आए, उनमें कुछ की तीव्रता काफी अधिक थी। यहां तक कि एक आफ्टरशॉक की तीव्रता तो 7.5 थी, यानी पहले भूकंप के लगभग बराबर। हालांकि, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के भूकंप वैज्ञानिक सुसान हफ का कहना है कि इसमें चौंकने वाली बात नहीं है। कई बार आफ्टरशॉक मूल भूकंप से भी ज्यादा तीव्रता के आते हैं।

इमारतों में सोते ही रह गए लोग

तुर्की और सीरिया के कई शहर भूकंप की चपेट में आए। भूकंप के कंपन इतनी तेज थे कि इमारतें भरभराकर ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। तुर्की और सीरिया में अब तक 5600 इमारतों के गिरने की खबर है। भूकंप सुबह 4 बजे आया, उस वक्त ज्यादातर लोग अपने घरों पर सो रहे थे। ऐसे में जब भूकंप आया और इमारतें गिरीं, उन्हें जान बचाने का कोई मौका ही नहीं मिला। पलभर में इमारतें ढह गईं और घरों पर सोते लोग मलबे में दब गए।

खराब मौसम के चलते रेस्क्यू में दिक्कत

तुर्की और सीरिया में रेस्क्यू अभियान जोरों पर है। भारत ने तुर्की में अपनी रेस्क्यू टीम भेजी है। उधर, अमेरिका समेत नाटो के सभी 40 देश भी तुर्की की मदद के लिए आगे आए हैं। रेस्क्यू टीमें मलबों में जिंदगियों की तलाश में जुटी हैं। हालांकि, खराब मौसम और ठंड के चलते रेस्क्यू में काफी परेशानी हो रही है।

तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मौसम और आपदा का दायरा रेस्क्यू टीमों के लिए चुनौतियां पैदा कर रही हैं। खराब मौसम के चलते रेस्क्यू टीम के हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इतना ही नहीं हाल ही में तुर्की और सीरिया के कई इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इसके चलते तापमान में भी गिरावट आई है।

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दी के मौसम ने रेस्क्यू टीमों के लिए परिस्थितियों को काफी कठिन कर दिया है। हर तरफ सिर्फ बर्फ और बारिश नजर आ रही है। तुर्की में ठंड काफी बढ़ गई है, ऐसे में रेस्क्यू वर्कर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़कों पर न निकलें लोग- तुर्की प्रशासन

तुर्की प्रशासन ने लोगों से सड़कों को खाली रखने की अपील की है, ताकि रेस्क्यू टीमें आसानी से भूकंप प्रभावित इलाकों में पहुंच सकें। तुर्की डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने कहा कि जरूरी न हो तो सड़कों पर न निकलें। जिससे इमरजेंसी वाहनों को भूकंप प्रभावित इलाकों में पहुंचने में दिक्कत न हो। इतना ही नहीं भूकंप प्रभावित इलाके में 300,000 लाख कंबल, 24,712 बेड, 19,722 टेंट भेजे गए हैं।

राहुल गांधी ने बताया पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या है रिश्ता? पूछा- हर जगह उन्हें ही क्यों मिल जाता है बिजनेस

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संसद के बजट सत्र के 6वें दिन लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार को जमकर कोसा। महंगाई, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, गरीबी और अडाणी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर खूब निशाना साधा।

कौन सा जादू हुआ कि नौ साल में नंबर दो पर पहुंच गए- -राहुल गांधी

मंगलवार को संसद में राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा समय में मुल्क में हर तरफ अडानी का नाम ही छाया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से लेकर केरल और हिमाचल प्रदेश तक...हम हर जगह अडानी का नाम सुन रहे हैं। पूरे देश में सिर्फ "अडानी", "अडानी" हो रहा है। लोग मुझते पूछते हैं कि अडानी किसी भी कारोबार में एंट्री ले लेते हैं और वह उसमें कभी फेल नहीं होते। राहुल गांधी ने कहा कि 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडानी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए।लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई?और इनका भारत के पीएम के साथ क्या रिश्ता है?

मोदी-अदानी के रिश्ते पर बोले राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि कई साल पहले रिश्ता शुरू हुआ जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। एक व्यक्ति पीएम मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था, वह पीएम के प्रति वफादार था और उसने मोदी की मदद की। असली जादू तब शुरू हुआ जब 2014 में पीएम मोदी दिल्ली पहुंचे। एक नियम है जिसके पास हवाई अड्डों का पूर्व अनुभव नहीं है वह हवाई अड्डों के विकास में शामिल नहीं हो सकता है। भारत सरकार ने यह नियम बदला है। इस नियम को बदल दिया गया और अडानी को छह हवाई अड्डे दिए गए।

राहुल ने पूछा-अडानी को हर जगह बिजनेस क्यों मिल जाता है?

राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बाद भारत का सबसे ज्यादा प्रोफिट में चलने वाले एयरपोर्ट को ईडी का दबाव बनाकर अदाणी के हाथों में दे दिया है। अदानी हिंदुस्तान के 24 फीसदी एयरपोर्ट ट्रैफिक को अपने यहां से निकालते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि आज जिस सड़क पर चलो और पूछो कि किसने बनाई है तो अडानी का नाम आएगा। हिमाचल का सेब अडानी का है। राहुल गांधी ने कहा, पीएम ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अडानी को लोन दे देता है। पीएम इजरायल जाते हैं और पीछे से जादू से जहाजों का मैंटिनेंस, ऑर्म और हथियार का बिजनेस अडानी को मिल जाते हैं।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी-अदाणी की तस्वीरें दिखाईं

राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी की साथ की तस्वीरें दिखाईं। जिसपर स्पीकर नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि पोस्टरबाजी बंद कीजिए नहीं तो सत्ता पक्ष के लोग भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अदाणी की साथ वाली तस्वीर दिखाएंगे।

तुर्की में पांचवीं बार महसूस किए गए भूकंप के झटके, मौत का आंकड़ा 5000 के करीब

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तुर्की में रह-रहकर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। सोमवार को एक के बाद एक करके तीन शक्तिशाली भूकंप आने के बाद मंगलवार को दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.4 थी। इससे पहले मंगलवार सुबह 5,9 तीव्रता का भूकंप आया था। बीते 24 घंटे में यह पांचवीं बार है, जब तुर्किये में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की वेबसाइट के मुताबिक मंगलवार को भी भूकंप का बड़ा झटका तुर्की में महसूस किया गया है। वेबसाइट के अनुसार, यह झटका सुबह करीब पौने नौ बजे दर्ज किया गया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.5 रही।

वहीं तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 5000 के करीब पहुंच गई है। अकेले तुर्की में 3,381 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं सीरिया में भूकंप से हुई तबाही से अभी तक 1444 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

डब्ल्यूएचओ को 20 हजार से अधिक मौत की आशंका

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि सीरिया की सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी तुर्की में एक शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो सकती है। यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी, कैथरीन स्मॉलवुड ने एएफपी को बताया, दुर्भाग्य से, जो कि मरने वालों या घायल होने वालों की संख्या की शुरुआती रिपोर्ट आने वाले सप्ताह में काफी बढ़ जाएगी। आशंका है कि सोमवार भोर से पहले आए भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मंगलवार को भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। बचावकर्मी बड़ी सावधानी से कंक्रीट के पत्थर और लोहे की छड़ों को हटा रहे हैं, ताकि मलबे में यदि कोई भी जीवित बचा हो तो उसे सुरक्षित निकाला जा सके।

भारत से एनडीआरएफ की दूसरी टीम तुर्की रवाना

तुर्की-सीरिया में हुई तबाही के बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने एनडीआरएफ की दो टीमें डॉग स्कवाडय के साथ तुर्की रवाना की हैं। इसके अलावा मेडिकल सप्लाई भी भेजी गई है। एनडीआरएफ की एक टीम राहत साम्रगी के साथ तुर्की पहुंच गई है। इसके साथ ही भारत से एनडीआरएफ की दूसरी टीम तुर्की के लिए रवाना हो गई। कोलकाता एनडीआरएफ की इस टीम में 50 सदस्य हैं। इससे पहले जो टीम तुर्की पहुंची, उसमें 51 सदस्य थे। इसके अलावा भारतीय सेना ने अपनी मेडिकल टीम को तुर्की भेजा है। इस टीम में 89 सदस्य हैं। तुर्की में प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना फील्ड हॉस्पिटल की सविधा मुहैया कराएगी। इनमें आर्थोपेडिक सर्जिकल टीम, जनरल सर्जिकल स्पेशलिस्ट टीम, मेडिकल स्पेशलिस्ट टीमों के अलावा अन्य मेडिकल टीमों को शामिल किया गया है। ये टीम 30 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा स्थापित करने के लिए एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, कार्डिएक मॉनिटर और संबंधित उपकरणों से लैस है।