एसएससी माध्यम नियुक्ति मामला : एक और मामले की जांच सीबीआई को
कोलकाता. राज्य में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से हुई नियुक्तियों की जांच सीबीआई कर रही है. इसी बीच, हाइकोर्ट में एसएससी के माध्यम से नियुक्ति में और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है और हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने उक्त मामले की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को सौंप दिया है. उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआई राज्य के दो मंत्री पार्थ चटर्जी और परेश चंद्र अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है.
अब एक बार फिर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को एक भर्ती मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. आरोप है कि पैनल में नाम नीचे होने के बावजूद सिद्दिकी गाजी नामक शख्स को एसएससी के माध्यम से नौकरी मिल गई. बुधवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा की एकल पीठ पर मामले की सुनवाई हुई और न्यायाधीश ने आरोपी शिक्षक को नौकरी से बर्खास्त करने और इसके साथ ही पूरे मामले की सीबीआई जांच करने का भी आदेश दिया.
हालांकि, इसके पहले एसएससी के माध्यम से नियुक्ति से संबंधित मामलों की सुनवाई न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की पीठ पर होती थी, लेकिन कोर्ट ने रूटीन बदली के तहत अब एसएससी संबंधी मामलों की सुनवाई न्यायाधीश राजशेखर मंथा की पीठ में शिफ्ट कर दी है. बताया गया है कि मेरिट लिस्ट में जिस अभ्यर्थी का नाम 200 नंबर पर था, उसे नियुक्ति ही नहीं मिली. जबकि 275 नंबर पर रहने वाले अभ्यर्थी सिद्दिकी गाजी को शिक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया गया.
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि जिन अभ्यर्थियों का पैनल में नाम था, लेकिन उनकी नियुक्ति नहीं हुई, उनके लिए 3500 पदों का सृजन किया गया है. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि एक रोग को छिपाने के लिए, कहीं दूसरा रोग तो नहीं फैलाया जा रहा. हालांकि, न्यायाधीश ने नये पदों पर नियुक्तियों के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया.
Jun 09 2022, 16:52