India

Apr 26 2023, 18:17

सिंगापुर में भारतीय मूल के शख्स को दी गई फांसी की सजा, 1 किलो गांजे की तस्करी का था आरोप

#singaporehangsindianoriginmanpossessionover1kg_cannabis

एक किलो भांग की तस्करी करने के आरोप में सिंगापुर ने भारतीय मूल के एक शख्स को फांसी पर लटका दिया। संयुक्त राष्ट्र की अपील और अंतरराष्ट्रीय अपील को खारिज करते हुए सिंगापुर ने बुधवार को एक किलोग्राम भांग की तस्करी की साजिश रचने के दोषी कैदी को फांसी दे दी।

फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से तंगाराजू का परिवार लगातार सिंगापुर के राष्ट्रपति से उसे क्षमा करने की अपील कर रहा था, लेकिन उनकी अपील पर कोई विचार नहीं किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने फांसी पर पुनर्विचार की अपील की थी, लेकिन सिंगापुर ने इसे खारिज करते हुए भारतीय मूल के 46 वर्षीय तंगाराजू सुप्पैया को मौत की सजा दे दी। तंगाराजू पर 1 किलो से अधिक गांजे की तस्करी का आरोप लगाया गया था।समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि तंगाराजू को चांगी जेल परिसर में मृत्युदंड दिया गया।

यूएन ने जताई आपत्ति

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा अपील के बावजूद आरोपी को फांसी दे दी गई। जिसपर जिनेवा स्थित ग्लोबल कमीशन ऑन ड्रग पॉलिसी के सदस्य ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन ने सोमवार को अपने ब्लॉग पर लिखा कि गिरफ्तारी के समय तंगाराजू ड्रग्स के आस-पास भी नहीं था और हो सकता है कि सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दे।

2018 में सुनाई गई थी मौत की सजा

फांसी से पहले सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने कहा था कि तंगाराजू का अपराध साबित हो गया था। उसने दो मोबाइल फोन नंबर इस्तेमाल कर ड्रग्स की डिलीवरी की थी। बता दें कि तंगाराजू सुप्पैया को तस्करी के मामले में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था और 9 अक्टूबर साल 2018 में कोर्ट ने उसे इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। तंगाराजू के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे कोई कानूनी सहायता नहीं दी और न ही उसे तमिल ट्रांसलेटर दिया, जबकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। ऐसे में उसकी बात को सुना ही नहीं गया।

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Apr 26 2023, 18:17

सिंगापुर में भारतीय मूल के शख्स को दी गई फांसी की सजा, 1 किलो गांजे की तस्करी का था आरोप

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एक किलो भांग की तस्करी करने के आरोप में सिंगापुर ने भारतीय मूल के एक शख्स को फांसी पर लटका दिया। संयुक्त राष्ट्र की अपील और अंतरराष्ट्रीय अपील को खारिज करते हुए सिंगापुर ने बुधवार को एक किलोग्राम भांग की तस्करी की साजिश रचने के दोषी कैदी को फांसी दे दी।

फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से तंगाराजू का परिवार लगातार सिंगापुर के राष्ट्रपति से उसे क्षमा करने की अपील कर रहा था, लेकिन उनकी अपील पर कोई विचार नहीं किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने फांसी पर पुनर्विचार की अपील की थी, लेकिन सिंगापुर ने इसे खारिज करते हुए भारतीय मूल के 46 वर्षीय तंगाराजू सुप्पैया को मौत की सजा दे दी। तंगाराजू पर 1 किलो से अधिक गांजे की तस्करी का आरोप लगाया गया था।समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि तंगाराजू को चांगी जेल परिसर में मृत्युदंड दिया गया।

यूएन ने जताई आपत्ति

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा अपील के बावजूद आरोपी को फांसी दे दी गई। जिसपर जिनेवा स्थित ग्लोबल कमीशन ऑन ड्रग पॉलिसी के सदस्य ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन ने सोमवार को अपने ब्लॉग पर लिखा कि गिरफ्तारी के समय तंगाराजू ड्रग्स के आस-पास भी नहीं था और हो सकता है कि सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दे।

2018 में सुनाई गई थी मौत की सजा

फांसी से पहले सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने कहा था कि तंगाराजू का अपराध साबित हो गया था। उसने दो मोबाइल फोन नंबर इस्तेमाल कर ड्रग्स की डिलीवरी की थी। बता दें कि तंगाराजू सुप्पैया को तस्करी के मामले में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था और 9 अक्टूबर साल 2018 में कोर्ट ने उसे इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। तंगाराजू के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे कोई कानूनी सहायता नहीं दी और न ही उसे तमिल ट्रांसलेटर दिया, जबकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। ऐसे में उसकी बात को सुना ही नहीं गया।