आर्ट & क्राफ्ट प्रतियोगिता का सफल आयोजन
श्री दिगम्बर जैन विद्यालय पानी टंकी जैन मुहल्ला में आज सी सीए के अन्तर्गत आज क्लास LKG से क्लास V के छात्रों के बीच किसमिस के अन्तर्गत आर्ट & क्राफ्ट प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया जिसमें छात्रों के साथ शिक्षिकाओं ने सभी छात्रों का सहयोग कर इस प्रतियोगिता में चार चाँद लगाये . बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ सेन्टा क्लोज , चरनी , क्रसमस ट्री आदि क्राफ्ट बनाये । जिसमें क्लास 3A की क्लास शिक्षिका ऋतु जैन की पूरी कक्षा ने सफल प्रयास किया और निर्णायक मेंटोर एकता जैन एवं सुप्रिया गौरव ने उन्हे प्रथम पुस्स्कार हेतु नामित किया । ऋतु जैन ने कहा मेरी सफलता में मेरी क्लास के छात्र दिव्यांशु , शिवम , अंश , रियांश , अदीफा एवं श्रेया ने बहुत मेहनत की । साथ ही क्लास U KG की शिक्षका सोनल कुमारी को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ । उन्होंने भी अपने क्लास के सभी छात्रों को धन्यवाद दिया । क्लास 6th से क्लास 9th तक के छात्रों में GK कांपटीशन का आयोजिन किया गया जिसमें वसंत कुमार ने छात्रों से अनेक प्रश्न पूछे और सभी बच्चों ने पूरी तत्परता के साथ उत्तर दिये । विद्यालय सुपरवाइजर मुरारी सिंह इंचार्ज अभिषेक जैन ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में प्रतिस्पर्धा को जन्म देते हैं । मौके पर मानसी जैन, व्रजेश कुमार, विनय गिरी, कुनाल शर्मा, सोनाली सिंह, सोनल जैन, ऋचा जैन, कोमल वर्णवाल, पूजा कुमारी, सोनल कुमारी, संजना सिंह, जूही सिंह, सौम्या जैन, ममता जैन, प्रतीक्षा सिंह, सूरज प्रकाश , राहुल कुमार,सतीश सिन्हा , मयंक सिंह, शुभम दारूका, आयुष सिंह आदि मौजूद रहे ।
नवादा :- डीएम रवि प्रकाश की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई
आज जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई ।



जिला पदाधिकारी द्वारा बिंदुवार समीक्षा की गई। उन्होंने सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि लगातार केंद्रों का निरीक्षण करें । डीपीओ आईसीडीएस द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र है। जिसमें 1067 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है । उन्होंने बताया कि 0 से 1 वर्ष वाले बच्चों का मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में 10409 लाभुकों को पंजीकृत किया गया है, जबकि 01 से 02 वर्ष वाले बच्चों का 165 लाभुकों का पंजीकृत किया गया है । जिला पदाधिकारी ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को कहा कि केंद्र की जांच उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। केंद्रों में पोषाहार का वितरण बच्चों का पठन-पाठन टीएचआर का वितरण ससमय पर एवं सही मानक के अनुरूप किया जा रहा है कि नहीं यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है । जिला पदाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण एवं पेयजल के लिए चापाकल अथवा नल-जल का कनेक्शन लेना निश्चित रूप से सुनिश्चित करें ।


उन्होंने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अवश्य करें तथा सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे । उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वेट मशीन की उपलब्धता का अनुश्रवण महिला पर्यवेक्षकों को करने का निर्देश दिया । जिलाधिकारी ने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भेजना सुनिश्चित करें । आज इस बैठक में डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती निरुपमा शंकर के साथ-साथ सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर उपस्थित थे ।


नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- आंगनबाडी़ केन्द्रों की जांच करना पहली प्राथमिकता : डीएम, बैठक कर आईसीडीएस की योजनाओं का किया समीक्षा
नवादा जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की समीक्षा की गई ।



जिला पदाधिकारी द्वारा बिंदुवार समीक्षा की गई। उन्होंने सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि लगातार केंद्रों का निरीक्षण करें। डीपीओ आईसीडीएस द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र है, जिसमें 1067 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है। उन्होंने बताया कि शून्य से एक वर्ष वाले बच्चों का मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में 10409 लाभुकों को पंजीकृत किया गया है, जबकि एक से 2 वर्ष वाले बच्चों का 165 लाभुकों का पंजीकृत किया गया है। जिला पदाधिकारी ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को कहा कि केंद्र की जांच उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।



केंद्रों में पोषाहार का वितरण, बच्चों का पठन-पाठन, टीएचआर का वितरण ससमय पर एवं सही मानक के अनुरूप किया जा रहा है कि नहीं यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण एवं पेयजल के लिए चापाकल अथवा नल-जल का कनेक्शन लेना निश्चित रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अवश्य करें तथा सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करें ।



उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वेट मशीन की उपलब्धता का अनुश्रवण महिला पर्यवेक्षकों को करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भेजना सुनिश्चित करें। मौके पर डीपीओ आईसीडीएस निरुपमा शंकर के अलावा सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर मौजूद थे ।



नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
राज्य के मजदूरों का पलायन रोकने के लिए लगायेंगे उद्योग : मंत्री


धनबाद: झारखंड से मजदूरों का पलायन रोकने व राज्य में उद्योग फले- फूले, इस दिशा में भी काम करेंगे. यह कहना है श्रम नियोजन प्रशिक्षण, कौशल विकास व उद्योग मंत्री संजय यादव का. वह गुरुवार को पार्कलेन कौआबांध में मीडिया से बात कर रहे थे. 

उन्होंने कहा : यदि झारखंड में उद्योग चलेंगे, तो यहां के मजदूरों को पलायन नहीं होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मजदूरों को अधिक से अधिक सुविधा देने तथा झारखंड में उद्योगों का जाल बिछाने की दिशा में प्रयासरत हैं. मैंने अपने विभागों के सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि कार्यालय में बिचौलिया और दलालों को बैठने नहीं दें. पार्कलेन रिजॉर्ट कौआबांध पहुंचने पर राकेश यादव व संतोष कुमार की अगुवाई में मंत्री का स्वागत किया गया. यादव महासभा के बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. स्वागत करने वालों में कांग्रेस नेता सुंदर प्रसाद यादव, सुरेश प्रसाद यादव, आरएन सिंह, लालमुनी यादव, महेंद्र यादव, मुमताज कुरैशी, मजहर आलम, मानस रंजन, शंकर यादव, बसंत यादव, शशि शेखर, बालेश्वर यादव, शिवजी सिंह यादव, चंद्रदेव यादव, राकेश कुमार, राजेश्वर यादव, संजय यादव आदि शामिल थे.

मंत्री संजय यादव से मिला इनमोसा का प्रतिनिधिमंडल

बीसीसीएल इनमोसा केंद्रीय कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को झारखंड सरकार के उद्योग श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री संजय प्रसाद यादव से धनबाद के पार्कलेन रिसॉर्ट में मिला. इनमोसा के उप महामंत्री कुश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुके देकर मंत्री श्री यादव का स्वागत किया और इनमोसा व सुपरवाइजरी स्टाफ की विभिन्न समस्याओं तथा उनके निष्पादन पर चर्चा की. इसके बाद मंत्री श्री यादव ने मांगों पर विस्तार चर्चा के लिए उन्हें रांची आमंत्रित किया. मौके पर इनमोसा के उप महामंत्री कुश कुमार सिंह, अजित सिंह, विजय यादव, अशोक कनौजिया, रवि भूषण नरेंद्र कुमार, एमपी चौहान व जयनंदन पासवान

बैग पॉलिटिक्सः बीजेपी सांसद ने प्रियंका गांधी को दिया 1984 लिखा बैग, जानें क्या है सियासी मतलब?

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संसद के शीतकालीन सत्र में इस बार बैग पर खूब सियासत देखने को मिली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी सत्र के दौरान लगातार नए-नए बैग लेकर संसद पहुंच रही थीं। पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाने के लिए एक बैग पर उसके समर्थन का नारा लिख संसद पहुंची। उसके बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के समर्थन जताते हुए स्लोगन लिखे बैग के साथ संसद पहुंची। इस बीच बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को एक बैग दिया है। भाजपा ने इस बैग जरिए प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को घेरने की कोशिश की है।

संसद परिसर के अंदर प्रियंका गांधी को बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने एक बैग गिफ्ट किया जिसमें 1984 लिखा हुआ था। आज संसद सत्र का आखिरी दिन था। सभी सांसदों की तरह वायनाड सांसद प्रियंका गांधी भी संसद परिसर के अंदर थीं। जैसे ही वह संसद के गलियारे में पहुंचीं, पीछे से भुवनेश्वर सीट से बीजेपी सांसद अपराजिता सांरगी पहुंचीं। उन्होंने आगे चल रहीं प्रिंयका को एक बैग थमाया। उस बैग में खून से 1984 लिखा हुआ था। पहले तो प्रिंयका इसे लेने में हिचकिचाईं, फिर इसे लेकर छिपा लिया।

अपराजिता ने कहा कि वह संसद में नए-नए बैग लेकर आती हैं तो मैंने भी सोचा कि उन्हें एक बैग गिफ्ट करूं।प्रियंका जी को बैग्स का इतना शौक है,इसलिए मैंने उन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों का यह बैग दिया। पहले तो उन्होंने लेने में झिझक दिखाई,लेकिन फिर उन्होंने इसे ले लिया और छिपा लिया। उन्होंने आगे कहा कि हम उन्हें उनकी पार्टी की ओर से की गई ऐतिहासिक गलती की याद दिलाना चाहते थे।

बता दें कि साल 1984 में कांग्रेस के ही राज में सिख दंगे हुए थे,जिसे लेकर अक्सर बीजेपी उसे कटघरे में खड़ी करती रहती है। भाजपा ने इस बैग के जरिए सिख दंगों को याद दिलाने की कोशिश की।

प्रियंका गांधी के दो अलग-अलग बैग, उसपर लिखे 'फिलिस्तीन' और 'बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े रहो' जैसे मैसेज पर भारतीय जनता पार्टी खूब हमलावर है। माना जा रहा है कि यह बीजेपी की ओर से प्रियंका गांधी को कथित बैग पॉलिटिक्स का जवाब था। हालांकि, इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फिलस्तीन लिखा बैग संसद परिसर में लेकर जाने पर प्रियंका गांधी पर कटाक्ष किया था। आदित्यनाथ ने विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कहा था कि कांग्रेस की एक नेता संसद में फिलिस्तीन का बैग लेकर घूम रही थीं और हम उप्र के नौजवानों को इजराइल भेज रहे हैं।

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राज्य महिला आयोग की अध्यक्षता में पंचायतीराज संस्थाओं में प्रॉक्सी उपस्थिति को रोकने के लिए राज्य स्तरीय सेमिनार आयोजित
लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा योजित रिट के पारित आदेश के क्रम में गठित एडवाइजरी कमेटी द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं में प्रॉक्सी उपस्थिति को रोकने के लिए आज होटल रेग्नंत निराला नगर लखनऊ में विचार-विमर्श, चिंतन एवं कार्यवाही हेतु राज्य स्तरीय सेमिनार/संगोष्ठी आयोजित किया गया। इस 2 दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार एवं संगोष्ठी का उद्घाटन बबिता सिंह चौहान, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग, उप्र, बी. चन्द्रकला, सचिव पंचायती राज, उप्र, रामित मौर्या, निदेशक पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार डा एन.वी. माधुरी, असोसिएट प्रोफेसर, हैदराबाद विश्वविद्यालय, अटल कुमार राय, निदेशक, पंचायती राज, उप्र, अमितोष श्रीवास्तव, मुख्य लेखा अधिकारी, पंचायतीराज, उप्र, आर.एस. चौधरी, संयुक्त निदेशक, पंचायतीराज, उ0प्र0, अभय कुमार शाही, संयुक्त निदेशक/नोडल, पंचायती राज, उ0प्र0, द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। आयोजित कार्यक्रम में ममता वर्मा, संयुक्त सचिव, पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार, वी.के. भसीन, भूतपूर्व लॉ सचिव एवं समिति सदस्य, डॉ0 अनीता ब्रैंडन, यू.एन.एफ.पी.ए. द्वारा ऑनलाइन रूप से प्रतिभाग किया गया। प्रदेश के त्रि-स्तरीय पंचायतों के 40 महिला प्रतिनिधियों के साथ समीपवर्ती राज्य झारखण्ड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से उपस्थित निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

कार्यशाला में महिला आयोग व सहयोगी संस्थाओं सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (ब्3) व यूनीसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ प्रॉक्सी प्रथाओं, आई.ई.सी. अभियान के विचार सृजन, लिंग भेदभाव और पंचायतों से ‘प्रधान पति’ की प्रॉक्सी प्रथाओं को समाप्त करने हेतु सलाहकार समिति द्वारा उक्त प्रथाओं को कम व समाप्त करने हेतु पंचायत स्तर पर कौन-कौन से कानूनी उपाय किए जाने चाहिए, पर खुली चर्चा की गयी। साथ ही उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 23.10.2024 के प्रस्तर 20 एवं 28 एवं जनहित याचिका संख्या-2080/2024 में पारित आदेश दिनांक 24.10.2024 के क्रम में उप्र पंचायतीराज अधिनियम 1947 की धारा 15 के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्य, धारा 95 (1)(छ) के प्राविधानुसार प्रधान को पद से हटाया जाना, ग्राम प्रधान को स्वयं के आयकर रिर्टन दाखिल करने की जानकारी तथा महिला ग्राम प्रधान को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के संबंध में विशेष रूप से जानकारी दी गयी है। इस अवसर पर पंचायतीराज विभाग, उप्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ मिशन शक्ति अन्तर्गत महिलाओं के क्षमता संवर्द्धन हेतु विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ कार्यक्रम का समापन उद्बोधन व धन्यवाद ज्ञापन निदेशक, पंचायतीराज द्वारा किया गया। सेमिनार/संगोष्ठी के द्वितीय दिवस दिनांक 20.12.2024 को समिति के सदस्यों द्वारा लखनऊ जनपद के विकास खण्ड- माल की ग्राम पंचायत- अटारी का क्षेत्र भ्रमण किया जायेगा, जिसमें सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा ग्राम पंचायत में हितधारकों के साथ बैठक कर वार्तालाप की जायेगी।
*हाइजीन कॉर्नर से सीखेंगे बच्चे स्वच्छता के गुण*

गोरखपुर। रेकिट एवं प्लान इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्यालय में स्वच्छता शिक्षा कार्यक्रम के तहत कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय अलहदादपुर नगर क्षेत्र, गोरखपुर के प्रांगण में हाइजीन कॉर्नर स्थापित किया गया। मुख्य अतिथि संजय कुमार मीना मुख्य विकास अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री रमेंद्र कुमार सिंह द्वारा विधिवत हाइजीन कॉर्नर का उद्घाटन किया गया। उसके पश्चात विद्यालय के बच्चों के द्वारा स्वागत गान, हाथों की सफाई एवं स्वच्छता विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाल संसद के बच्चों द्वारा हाथ धोने की विधियों के बारे में जानकारी दी गई एवं हाथ धोने का प्रदर्शन कराया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों से कहा कि अपने हाथों को नियमित साबुन से धोएं एवं अपने परिवार के भी सभी सदस्यों को भी हाथ धोने की विधि के बारे में बताएं।

मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना ने बच्चों से कहा कि अपने स्वच्छता पर ध्यान दें, एक स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है इसलिए स्वछता हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है एवं उपस्थित सभी बच्चों के बीच डिटॉल साबुन वितरण किया गया। विद्यालय के बच्चों द्वारा सोप बैंक बनाया गया हैं मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं डीसी निर्माण द्वारा सोप बैंक में साबुन दान किया गया।

संस्था के डिस्ट्रिक्ट लीड रंजीत कुमार ने बताया कि जनपद गोरखपुर के चयनित 10 विद्यालयों एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रांगण में हाइजीन कॉर्नर स्थापित किया गया जो बहुत ही सुंदर है तथा विद्यालय के लिए बहुत उपयोगी है। हाइजीन कार्नर के साथ डिटॉल ऐंटीसेप्टिक लिक्विड, डिटॉल साबुन, डिटॉल सैनिटाइजर, डिटॉल हैडवाश एवं वजन नापने की मशीन प्रदान किया गया है यह सभी बच्चों में स्वच्छता के गुण विकसित करने में सहायक है। सोप बैंक में एस०एम०सी० सदस्य, स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे अपने जन्मदिवस पर स्वेच्छा से साबुन को दान करेंगे जो स्वच्छता हेतु सामुदायिक सहयोग को प्रदर्शित करेगा तथा अन्य लोगों में भी सहयोग करने हेतु प्रेरित करेगा। मौके पर बेसिक शिक्षा परिषद से जिला समन्वयक (निर्माण) रमेश चंद्र, कृष्ण कुमार पांडेय स्कूल कोऑर्डिनेटर, प्रधानाध्यापिका सरिता दुबे, सहायक अध्यापिका सूक्ष्मा ओझा उपस्थित थी।

छत्तीसगढ़ में डेयरी और वन उपज विकास के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर

रायपुर-    छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।

उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

'फिलिस्तीन' लिखा बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी, क्यों मचा इसपर बवाल


डेस्क: कांग्रेस का एक बार फिर फिलीस्तीन प्रेम दिखाई दिया है। प्रियंका गांधी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें उनके बैग पर “Palestine” लिखा हुआ है। कांग्रेस सांसद ये बैग लेकर संसद पहुंची थी। अब इस बैग पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी ने प्रियंका गांधी पर हमला किया है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि प्रियंका मुस्लिम वोट के तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आई हैं।

इस बैग के जरिए एक बार फिर प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के समर्थन में नजर आई हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं कि प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है। हाल ही में भारत में आए फिलिस्तीन के राजदूत Abed Elrazeg Abu Jazer से उन्होंने मुलाकात की थी। फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रियंका को वायनाड लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी थी।

इस साल अक्टूबर में हमास और इजराइल के बीच शुरू हुई जंग को एक साल पूरे होने पर भी प्रियंका गांधी ने इजराइल पर निशाना साधा था। गाजा में बढ़ती मौतों के बीच प्रियंका ने इजराइल पर हमला बोला था। कांग्रेस सांसद ने कहा था, ''गाजा में 7,000 लोगों की हत्या के बाद भी और हिंसा का सिलसिला नहीं रुका है। इन 7,000 लोगों में से 3,000 मासूम बच्चे थे।'' वायनाड में चुनाव लड़ते समय भी लगातार प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया है।
अयोध्या जिला प्रशासन ने जारी की ठंड से बचाव के लिए एडवायजरी

अयोध्या ।अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) ने विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया गया है कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा माह दिसम्बर 2024 से माह फरवरी 2025 के मध्य सामान्य से कम तापमान होने का पूर्वानुमान जारी किये गये है। तद्क्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा शीतलहर से बचाव हेतु शमन, तैयारी और प्रतिक्रिया के उचित उपाय किये जाने हेतु दिशा-निर्देश/ एडवाइ‌जरी निर्गत की गयी है। इस संबंध में उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ द्वारा शीतलहर से बचाव हेतु "क्या करें, क्या न करें आदि का जन समुदाय में विस्तृत प्रचार-प्रसार कराये जाने की अपेक्षा की गयी है, जिसका विवरण निम्नवत् हैः-

शीतलहरी से बचाव हेतु एडवाइजरी

शीतलहर से पहले

रेडियो सुनें, टीवी देखें, स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ें ताकि यह पता चल सके कि क्या शीतलहर होने वाली है।

पर्याप्त सर्दियों के कपडे पहनें। कपडों की कई परतें अधिक सहायक होती है।

आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें।

शीतलहर के दौरान फ्लू, नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती हैं या बढ़ जाती हैं। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

शीतलहर के दौरान

मौसम की जानकारी और आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें और सलाह के अनुसार कार्य करें।

जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें

भारी कपडों की एक परत के बजाय ढीले फिटिंग, हल्के, विंडप्रूफ गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें। टाइट कपडे ब्लड सर्कुलेशन को कम करते हैं।

अपने आप को सूखा रखें, अपने सिर, गर्दन, हाथों और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से कवर करें क्योंकि शरीर के इन अंगों के माध्यम से शरीर को ठंडक लगने का खतरा अधिक रहता है।

दस्ताने पहनें क्योंकि दस्ताने ठंडक से गर्मी और इन्सुलेशन प्रदान करते है क्योकि उंगलियां अपनी गर्मी साझा करती है और ठंड के लिए कम सतह क्षेत्र को उजागर करती है।

ठंडक से बचने के लिए टोपी और मफलर का प्रयोग करें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।

पर्याप्त इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।

नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिएं, क्योंकि गर्म पेय पदार्थ ठंडक से लडने के लिए शरीर को गर्मी प्रदान करता है।

बुजुर्ग लोगों और बच्चों की देखभाल करें और अकेले रहने वाले पडोसियों का ख्याल रखें।

गर्मी उत्पन्न करने के लिये बंद कमरे के अन्दर कोयला /अंगीठी न जलायें क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न हो सकती है जो बहुत जहरीली होती है और कमरे में मौजूद लोगों की जान जा सकती है।

हाइ‌पोथर्मिया के मामले में_

क्या करें

व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और उसके गीले कपडे बदले।

व्यक्ति के शरीर को त्वचा से त्वचा के संपर्क में लाकर गर्म रखें, तौलिये या चादर की परतों से सुखाये।

शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दें। शराब न दें।

स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सीय सहायता लें।

क्या न करें

लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें।

शराब न पीएं क्योंकि यह शरीर के तापमान को कम करती है, और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती है

ठंडे से प्रभावित अंग की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है।

कपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है-घर के अंदर शरण लें।

प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दे जब तक कि पूरी तरह से सचेत न हो जाए।

कृषि

क्या करें और क्या न करें

शीत लहर और पाला फसलों को नुकसान पहुंचाते है, जिसमें उनमें काला रतुआ, सफेद रतुआ, पछेती-तुषार आदि रोग उत्पन्न होते हैं। शीत लहर के कारण अंकुरण, वृद्धि, पुष्यन, उपज और भंडारण अवधि में विभिन्न प्रकार के शारीरिक व्यवधान का कारण बनती है। क्या करें

ठंड से होने वाली बीमारी के लिए उपचारात्मक उपाय अपनायें जैसे बेहतर जड़ विकास को सक्रिय करने के लिए बोर्डो

मिश्रण या कॉपर ऑक्सी क्लोराइड, फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) का छिडकाव करें।

शीत लहर के दौरान जहां भी संभव हो हल्की और बार-बार सतही सिंचाई करें।

बागवानी और बगीचों में इंटरक्रॉपिंग (अन्तर फसल) खेती का उपयोग करें।

टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की मिश्रित फसल, के साथ सरसों/अरहर जैसी लंबी फसलें ठंडी हवाओं (ठंड के खिलाफ आश्रय) के खिलाफ आवश्यक आश्रय प्रदान करेगी।

सर्दियों के दौरान युवा फलदार पौधों को प्लास्टिक द्वारा ढककर अथवा पुआल या सरकंडा घास आदि के छप्पर (झुग्गिया) बनाकर विकिरण अवशोषण (Absorption) को बढाया जा सकता है।

जैविक मल्चिंग (तापीय इन्सुलेशन के लिए)।

विंड ब्रेक/शेल्टर बेल्ट लगाना (हवा की गति को कम करने के लिए)।

पशुपालन/पशुधन_

करें और क्या न करें

शीत लहर के दौरान, जानवरों और पशुधन को जीविका के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऊर्जा की यकता बढ़ जाती है। भैसों / मवेशियों के लिए इस मौसम के दौरान जानवरों में तापमान में अत्यधिक भिन्नता पशुओं की प्रजनन प्रभावित कर सकती है।

क्या करें, क्या न करें

ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क से बचने के लिए रात के दौरान सभी तरफ से जानवरों के आवास को ढक दें।

पशुधन आहार पद्धति और आहार पूरकों में सुधार करें। उच्च गुणवत्ता वाले चारे या चरागाहों का उपयोग।

वसायुक्त खुराक प्रदान करें आहार सेवन, खिलाने और चबाने के व्यवहार पर अनुपात केंद्रित करें।

सर्दियों के दौरान पशुओं के नीचे सूखा भूसा जैसी कुछ बिछावान सामग्री डालें।

पशुओं को ठंड के समय में गुड़ व कैल्शियम टॉनिक पिलाएं पशुओं को ठंड के मौसम में जूट की बोरी अथवा घर में पड़ा पुराना कंबल उढाएं ।

प्रेगनेंट पशुओं को ठंड लगने की ज्यादा संभावना होती है उनके पास अलाव जलाकर रखें लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि

अलाव से पशुओं से कोई नुकसान ना पहुंचे। शीतलहर के दौरान पशुओं को खुले स्थानों में न बांधे व घूमने न दें।

शीत लहर के दौरान पशुमेले से बचें। जानवरों को ठंडा चारा और ठंडा पानी देने से बचें पशु आश्रय में नमी और धुएं से बचें।

मृत पशुओं के शवों को पशुओं के नियमित चरने वाले मार्गों पर नहीं फेंका जाना चाहिए।

यातायात हेतु निर्देश

गन्ना तथा भूसा ढोने वाले गाडियों जैसे-ट्रॉली, ट्रक, बैलगाड़ी पर क्षमता से अधिक गन्ना न लादें।

सर्दियों में गाड़ियों में फॉग लाईट का इस्तेमाल करें।

गाडियों आगे व पीछे रेडियम पट्टी का प्रयोग करें।

भार ढोने वाले वाहन के चालक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस को रास्ता दें।

वाहन में हमेशा प्राथमिक उपचार किट अवश्य रखें।

शॉल व कम्बल ओढ़कर वाहन न चलायें।

दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बहुत आवश्यक होने पर ही घर से वाहन लेकर बाहर निकलें, दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपडे, दस्ताने, चश्मा, हेलमेट पहन कर निकलें।

दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी में वाहन को धीमें चलायें इससे खुद के साथ-साथ दुसरों को भी सुरक्षित रख सकते है। जनपद अयोध्या में लगभग 150 स्थान अलाव जलाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है तथा 14 रैनबसेरा कियासील है। समस्त रैनबसेरों में व्यक्तियों के ठहरने की उचित व्यवस्था है, जिसमें रजाई ग‌द्दा कम्बल, बेड, पेयजल, शौचालय, प्रकाश आदि की व्यवस्था की गयी है।

आर्ट & क्राफ्ट प्रतियोगिता का सफल आयोजन
श्री दिगम्बर जैन विद्यालय पानी टंकी जैन मुहल्ला में आज सी सीए के अन्तर्गत आज क्लास LKG से क्लास V के छात्रों के बीच किसमिस के अन्तर्गत आर्ट & क्राफ्ट प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया जिसमें छात्रों के साथ शिक्षिकाओं ने सभी छात्रों का सहयोग कर इस प्रतियोगिता में चार चाँद लगाये . बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ सेन्टा क्लोज , चरनी , क्रसमस ट्री आदि क्राफ्ट बनाये । जिसमें क्लास 3A की क्लास शिक्षिका ऋतु जैन की पूरी कक्षा ने सफल प्रयास किया और निर्णायक मेंटोर एकता जैन एवं सुप्रिया गौरव ने उन्हे प्रथम पुस्स्कार हेतु नामित किया । ऋतु जैन ने कहा मेरी सफलता में मेरी क्लास के छात्र दिव्यांशु , शिवम , अंश , रियांश , अदीफा एवं श्रेया ने बहुत मेहनत की । साथ ही क्लास U KG की शिक्षका सोनल कुमारी को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ । उन्होंने भी अपने क्लास के सभी छात्रों को धन्यवाद दिया । क्लास 6th से क्लास 9th तक के छात्रों में GK कांपटीशन का आयोजिन किया गया जिसमें वसंत कुमार ने छात्रों से अनेक प्रश्न पूछे और सभी बच्चों ने पूरी तत्परता के साथ उत्तर दिये । विद्यालय सुपरवाइजर मुरारी सिंह इंचार्ज अभिषेक जैन ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में प्रतिस्पर्धा को जन्म देते हैं । मौके पर मानसी जैन, व्रजेश कुमार, विनय गिरी, कुनाल शर्मा, सोनाली सिंह, सोनल जैन, ऋचा जैन, कोमल वर्णवाल, पूजा कुमारी, सोनल कुमारी, संजना सिंह, जूही सिंह, सौम्या जैन, ममता जैन, प्रतीक्षा सिंह, सूरज प्रकाश , राहुल कुमार,सतीश सिन्हा , मयंक सिंह, शुभम दारूका, आयुष सिंह आदि मौजूद रहे ।
नवादा :- डीएम रवि प्रकाश की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई
आज जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई ।



जिला पदाधिकारी द्वारा बिंदुवार समीक्षा की गई। उन्होंने सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि लगातार केंद्रों का निरीक्षण करें । डीपीओ आईसीडीएस द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र है। जिसमें 1067 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है । उन्होंने बताया कि 0 से 1 वर्ष वाले बच्चों का मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में 10409 लाभुकों को पंजीकृत किया गया है, जबकि 01 से 02 वर्ष वाले बच्चों का 165 लाभुकों का पंजीकृत किया गया है । जिला पदाधिकारी ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को कहा कि केंद्र की जांच उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। केंद्रों में पोषाहार का वितरण बच्चों का पठन-पाठन टीएचआर का वितरण ससमय पर एवं सही मानक के अनुरूप किया जा रहा है कि नहीं यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है । जिला पदाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण एवं पेयजल के लिए चापाकल अथवा नल-जल का कनेक्शन लेना निश्चित रूप से सुनिश्चित करें ।


उन्होंने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अवश्य करें तथा सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे । उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वेट मशीन की उपलब्धता का अनुश्रवण महिला पर्यवेक्षकों को करने का निर्देश दिया । जिलाधिकारी ने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भेजना सुनिश्चित करें । आज इस बैठक में डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती निरुपमा शंकर के साथ-साथ सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर उपस्थित थे ।


नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- आंगनबाडी़ केन्द्रों की जांच करना पहली प्राथमिकता : डीएम, बैठक कर आईसीडीएस की योजनाओं का किया समीक्षा
नवादा जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की समीक्षा की गई ।



जिला पदाधिकारी द्वारा बिंदुवार समीक्षा की गई। उन्होंने सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि लगातार केंद्रों का निरीक्षण करें। डीपीओ आईसीडीएस द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र है, जिसमें 1067 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है। उन्होंने बताया कि शून्य से एक वर्ष वाले बच्चों का मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में 10409 लाभुकों को पंजीकृत किया गया है, जबकि एक से 2 वर्ष वाले बच्चों का 165 लाभुकों का पंजीकृत किया गया है। जिला पदाधिकारी ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को कहा कि केंद्र की जांच उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।



केंद्रों में पोषाहार का वितरण, बच्चों का पठन-पाठन, टीएचआर का वितरण ससमय पर एवं सही मानक के अनुरूप किया जा रहा है कि नहीं यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण एवं पेयजल के लिए चापाकल अथवा नल-जल का कनेक्शन लेना निश्चित रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अवश्य करें तथा सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करें ।



उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वेट मशीन की उपलब्धता का अनुश्रवण महिला पर्यवेक्षकों को करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भेजना सुनिश्चित करें। मौके पर डीपीओ आईसीडीएस निरुपमा शंकर के अलावा सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर मौजूद थे ।



नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
राज्य के मजदूरों का पलायन रोकने के लिए लगायेंगे उद्योग : मंत्री


धनबाद: झारखंड से मजदूरों का पलायन रोकने व राज्य में उद्योग फले- फूले, इस दिशा में भी काम करेंगे. यह कहना है श्रम नियोजन प्रशिक्षण, कौशल विकास व उद्योग मंत्री संजय यादव का. वह गुरुवार को पार्कलेन कौआबांध में मीडिया से बात कर रहे थे. 

उन्होंने कहा : यदि झारखंड में उद्योग चलेंगे, तो यहां के मजदूरों को पलायन नहीं होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मजदूरों को अधिक से अधिक सुविधा देने तथा झारखंड में उद्योगों का जाल बिछाने की दिशा में प्रयासरत हैं. मैंने अपने विभागों के सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि कार्यालय में बिचौलिया और दलालों को बैठने नहीं दें. पार्कलेन रिजॉर्ट कौआबांध पहुंचने पर राकेश यादव व संतोष कुमार की अगुवाई में मंत्री का स्वागत किया गया. यादव महासभा के बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. स्वागत करने वालों में कांग्रेस नेता सुंदर प्रसाद यादव, सुरेश प्रसाद यादव, आरएन सिंह, लालमुनी यादव, महेंद्र यादव, मुमताज कुरैशी, मजहर आलम, मानस रंजन, शंकर यादव, बसंत यादव, शशि शेखर, बालेश्वर यादव, शिवजी सिंह यादव, चंद्रदेव यादव, राकेश कुमार, राजेश्वर यादव, संजय यादव आदि शामिल थे.

मंत्री संजय यादव से मिला इनमोसा का प्रतिनिधिमंडल

बीसीसीएल इनमोसा केंद्रीय कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को झारखंड सरकार के उद्योग श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री संजय प्रसाद यादव से धनबाद के पार्कलेन रिसॉर्ट में मिला. इनमोसा के उप महामंत्री कुश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुके देकर मंत्री श्री यादव का स्वागत किया और इनमोसा व सुपरवाइजरी स्टाफ की विभिन्न समस्याओं तथा उनके निष्पादन पर चर्चा की. इसके बाद मंत्री श्री यादव ने मांगों पर विस्तार चर्चा के लिए उन्हें रांची आमंत्रित किया. मौके पर इनमोसा के उप महामंत्री कुश कुमार सिंह, अजित सिंह, विजय यादव, अशोक कनौजिया, रवि भूषण नरेंद्र कुमार, एमपी चौहान व जयनंदन पासवान

बैग पॉलिटिक्सः बीजेपी सांसद ने प्रियंका गांधी को दिया 1984 लिखा बैग, जानें क्या है सियासी मतलब?

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संसद के शीतकालीन सत्र में इस बार बैग पर खूब सियासत देखने को मिली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी सत्र के दौरान लगातार नए-नए बैग लेकर संसद पहुंच रही थीं। पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाने के लिए एक बैग पर उसके समर्थन का नारा लिख संसद पहुंची। उसके बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के समर्थन जताते हुए स्लोगन लिखे बैग के साथ संसद पहुंची। इस बीच बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को एक बैग दिया है। भाजपा ने इस बैग जरिए प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को घेरने की कोशिश की है।

संसद परिसर के अंदर प्रियंका गांधी को बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने एक बैग गिफ्ट किया जिसमें 1984 लिखा हुआ था। आज संसद सत्र का आखिरी दिन था। सभी सांसदों की तरह वायनाड सांसद प्रियंका गांधी भी संसद परिसर के अंदर थीं। जैसे ही वह संसद के गलियारे में पहुंचीं, पीछे से भुवनेश्वर सीट से बीजेपी सांसद अपराजिता सांरगी पहुंचीं। उन्होंने आगे चल रहीं प्रिंयका को एक बैग थमाया। उस बैग में खून से 1984 लिखा हुआ था। पहले तो प्रिंयका इसे लेने में हिचकिचाईं, फिर इसे लेकर छिपा लिया।

अपराजिता ने कहा कि वह संसद में नए-नए बैग लेकर आती हैं तो मैंने भी सोचा कि उन्हें एक बैग गिफ्ट करूं।प्रियंका जी को बैग्स का इतना शौक है,इसलिए मैंने उन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों का यह बैग दिया। पहले तो उन्होंने लेने में झिझक दिखाई,लेकिन फिर उन्होंने इसे ले लिया और छिपा लिया। उन्होंने आगे कहा कि हम उन्हें उनकी पार्टी की ओर से की गई ऐतिहासिक गलती की याद दिलाना चाहते थे।

बता दें कि साल 1984 में कांग्रेस के ही राज में सिख दंगे हुए थे,जिसे लेकर अक्सर बीजेपी उसे कटघरे में खड़ी करती रहती है। भाजपा ने इस बैग के जरिए सिख दंगों को याद दिलाने की कोशिश की।

प्रियंका गांधी के दो अलग-अलग बैग, उसपर लिखे 'फिलिस्तीन' और 'बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े रहो' जैसे मैसेज पर भारतीय जनता पार्टी खूब हमलावर है। माना जा रहा है कि यह बीजेपी की ओर से प्रियंका गांधी को कथित बैग पॉलिटिक्स का जवाब था। हालांकि, इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फिलस्तीन लिखा बैग संसद परिसर में लेकर जाने पर प्रियंका गांधी पर कटाक्ष किया था। आदित्यनाथ ने विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कहा था कि कांग्रेस की एक नेता संसद में फिलिस्तीन का बैग लेकर घूम रही थीं और हम उप्र के नौजवानों को इजराइल भेज रहे हैं।

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राज्य महिला आयोग की अध्यक्षता में पंचायतीराज संस्थाओं में प्रॉक्सी उपस्थिति को रोकने के लिए राज्य स्तरीय सेमिनार आयोजित
लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा योजित रिट के पारित आदेश के क्रम में गठित एडवाइजरी कमेटी द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं में प्रॉक्सी उपस्थिति को रोकने के लिए आज होटल रेग्नंत निराला नगर लखनऊ में विचार-विमर्श, चिंतन एवं कार्यवाही हेतु राज्य स्तरीय सेमिनार/संगोष्ठी आयोजित किया गया। इस 2 दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार एवं संगोष्ठी का उद्घाटन बबिता सिंह चौहान, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग, उप्र, बी. चन्द्रकला, सचिव पंचायती राज, उप्र, रामित मौर्या, निदेशक पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार डा एन.वी. माधुरी, असोसिएट प्रोफेसर, हैदराबाद विश्वविद्यालय, अटल कुमार राय, निदेशक, पंचायती राज, उप्र, अमितोष श्रीवास्तव, मुख्य लेखा अधिकारी, पंचायतीराज, उप्र, आर.एस. चौधरी, संयुक्त निदेशक, पंचायतीराज, उ0प्र0, अभय कुमार शाही, संयुक्त निदेशक/नोडल, पंचायती राज, उ0प्र0, द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। आयोजित कार्यक्रम में ममता वर्मा, संयुक्त सचिव, पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार, वी.के. भसीन, भूतपूर्व लॉ सचिव एवं समिति सदस्य, डॉ0 अनीता ब्रैंडन, यू.एन.एफ.पी.ए. द्वारा ऑनलाइन रूप से प्रतिभाग किया गया। प्रदेश के त्रि-स्तरीय पंचायतों के 40 महिला प्रतिनिधियों के साथ समीपवर्ती राज्य झारखण्ड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से उपस्थित निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

कार्यशाला में महिला आयोग व सहयोगी संस्थाओं सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज (ब्3) व यूनीसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ प्रॉक्सी प्रथाओं, आई.ई.सी. अभियान के विचार सृजन, लिंग भेदभाव और पंचायतों से ‘प्रधान पति’ की प्रॉक्सी प्रथाओं को समाप्त करने हेतु सलाहकार समिति द्वारा उक्त प्रथाओं को कम व समाप्त करने हेतु पंचायत स्तर पर कौन-कौन से कानूनी उपाय किए जाने चाहिए, पर खुली चर्चा की गयी। साथ ही उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 23.10.2024 के प्रस्तर 20 एवं 28 एवं जनहित याचिका संख्या-2080/2024 में पारित आदेश दिनांक 24.10.2024 के क्रम में उप्र पंचायतीराज अधिनियम 1947 की धारा 15 के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्य, धारा 95 (1)(छ) के प्राविधानुसार प्रधान को पद से हटाया जाना, ग्राम प्रधान को स्वयं के आयकर रिर्टन दाखिल करने की जानकारी तथा महिला ग्राम प्रधान को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के संबंध में विशेष रूप से जानकारी दी गयी है। इस अवसर पर पंचायतीराज विभाग, उप्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ मिशन शक्ति अन्तर्गत महिलाओं के क्षमता संवर्द्धन हेतु विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ कार्यक्रम का समापन उद्बोधन व धन्यवाद ज्ञापन निदेशक, पंचायतीराज द्वारा किया गया। सेमिनार/संगोष्ठी के द्वितीय दिवस दिनांक 20.12.2024 को समिति के सदस्यों द्वारा लखनऊ जनपद के विकास खण्ड- माल की ग्राम पंचायत- अटारी का क्षेत्र भ्रमण किया जायेगा, जिसमें सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा ग्राम पंचायत में हितधारकों के साथ बैठक कर वार्तालाप की जायेगी।
*हाइजीन कॉर्नर से सीखेंगे बच्चे स्वच्छता के गुण*

गोरखपुर। रेकिट एवं प्लान इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्यालय में स्वच्छता शिक्षा कार्यक्रम के तहत कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय अलहदादपुर नगर क्षेत्र, गोरखपुर के प्रांगण में हाइजीन कॉर्नर स्थापित किया गया। मुख्य अतिथि संजय कुमार मीना मुख्य विकास अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री रमेंद्र कुमार सिंह द्वारा विधिवत हाइजीन कॉर्नर का उद्घाटन किया गया। उसके पश्चात विद्यालय के बच्चों के द्वारा स्वागत गान, हाथों की सफाई एवं स्वच्छता विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाल संसद के बच्चों द्वारा हाथ धोने की विधियों के बारे में जानकारी दी गई एवं हाथ धोने का प्रदर्शन कराया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों से कहा कि अपने हाथों को नियमित साबुन से धोएं एवं अपने परिवार के भी सभी सदस्यों को भी हाथ धोने की विधि के बारे में बताएं।

मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना ने बच्चों से कहा कि अपने स्वच्छता पर ध्यान दें, एक स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है इसलिए स्वछता हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है एवं उपस्थित सभी बच्चों के बीच डिटॉल साबुन वितरण किया गया। विद्यालय के बच्चों द्वारा सोप बैंक बनाया गया हैं मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं डीसी निर्माण द्वारा सोप बैंक में साबुन दान किया गया।

संस्था के डिस्ट्रिक्ट लीड रंजीत कुमार ने बताया कि जनपद गोरखपुर के चयनित 10 विद्यालयों एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रांगण में हाइजीन कॉर्नर स्थापित किया गया जो बहुत ही सुंदर है तथा विद्यालय के लिए बहुत उपयोगी है। हाइजीन कार्नर के साथ डिटॉल ऐंटीसेप्टिक लिक्विड, डिटॉल साबुन, डिटॉल सैनिटाइजर, डिटॉल हैडवाश एवं वजन नापने की मशीन प्रदान किया गया है यह सभी बच्चों में स्वच्छता के गुण विकसित करने में सहायक है। सोप बैंक में एस०एम०सी० सदस्य, स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे अपने जन्मदिवस पर स्वेच्छा से साबुन को दान करेंगे जो स्वच्छता हेतु सामुदायिक सहयोग को प्रदर्शित करेगा तथा अन्य लोगों में भी सहयोग करने हेतु प्रेरित करेगा। मौके पर बेसिक शिक्षा परिषद से जिला समन्वयक (निर्माण) रमेश चंद्र, कृष्ण कुमार पांडेय स्कूल कोऑर्डिनेटर, प्रधानाध्यापिका सरिता दुबे, सहायक अध्यापिका सूक्ष्मा ओझा उपस्थित थी।

छत्तीसगढ़ में डेयरी और वन उपज विकास के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर

रायपुर-    छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।

उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

'फिलिस्तीन' लिखा बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी, क्यों मचा इसपर बवाल


डेस्क: कांग्रेस का एक बार फिर फिलीस्तीन प्रेम दिखाई दिया है। प्रियंका गांधी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें उनके बैग पर “Palestine” लिखा हुआ है। कांग्रेस सांसद ये बैग लेकर संसद पहुंची थी। अब इस बैग पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी ने प्रियंका गांधी पर हमला किया है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि प्रियंका मुस्लिम वोट के तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आई हैं।

इस बैग के जरिए एक बार फिर प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के समर्थन में नजर आई हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं कि प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है। हाल ही में भारत में आए फिलिस्तीन के राजदूत Abed Elrazeg Abu Jazer से उन्होंने मुलाकात की थी। फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रियंका को वायनाड लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी थी।

इस साल अक्टूबर में हमास और इजराइल के बीच शुरू हुई जंग को एक साल पूरे होने पर भी प्रियंका गांधी ने इजराइल पर निशाना साधा था। गाजा में बढ़ती मौतों के बीच प्रियंका ने इजराइल पर हमला बोला था। कांग्रेस सांसद ने कहा था, ''गाजा में 7,000 लोगों की हत्या के बाद भी और हिंसा का सिलसिला नहीं रुका है। इन 7,000 लोगों में से 3,000 मासूम बच्चे थे।'' वायनाड में चुनाव लड़ते समय भी लगातार प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया है।
अयोध्या जिला प्रशासन ने जारी की ठंड से बचाव के लिए एडवायजरी

अयोध्या ।अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) ने विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया गया है कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा माह दिसम्बर 2024 से माह फरवरी 2025 के मध्य सामान्य से कम तापमान होने का पूर्वानुमान जारी किये गये है। तद्क्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा शीतलहर से बचाव हेतु शमन, तैयारी और प्रतिक्रिया के उचित उपाय किये जाने हेतु दिशा-निर्देश/ एडवाइ‌जरी निर्गत की गयी है। इस संबंध में उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ द्वारा शीतलहर से बचाव हेतु "क्या करें, क्या न करें आदि का जन समुदाय में विस्तृत प्रचार-प्रसार कराये जाने की अपेक्षा की गयी है, जिसका विवरण निम्नवत् हैः-

शीतलहरी से बचाव हेतु एडवाइजरी

शीतलहर से पहले

रेडियो सुनें, टीवी देखें, स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ें ताकि यह पता चल सके कि क्या शीतलहर होने वाली है।

पर्याप्त सर्दियों के कपडे पहनें। कपडों की कई परतें अधिक सहायक होती है।

आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें।

शीतलहर के दौरान फ्लू, नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती हैं या बढ़ जाती हैं। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

शीतलहर के दौरान

मौसम की जानकारी और आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें और सलाह के अनुसार कार्य करें।

जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें

भारी कपडों की एक परत के बजाय ढीले फिटिंग, हल्के, विंडप्रूफ गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें। टाइट कपडे ब्लड सर्कुलेशन को कम करते हैं।

अपने आप को सूखा रखें, अपने सिर, गर्दन, हाथों और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से कवर करें क्योंकि शरीर के इन अंगों के माध्यम से शरीर को ठंडक लगने का खतरा अधिक रहता है।

दस्ताने पहनें क्योंकि दस्ताने ठंडक से गर्मी और इन्सुलेशन प्रदान करते है क्योकि उंगलियां अपनी गर्मी साझा करती है और ठंड के लिए कम सतह क्षेत्र को उजागर करती है।

ठंडक से बचने के लिए टोपी और मफलर का प्रयोग करें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।

पर्याप्त इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।

नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिएं, क्योंकि गर्म पेय पदार्थ ठंडक से लडने के लिए शरीर को गर्मी प्रदान करता है।

बुजुर्ग लोगों और बच्चों की देखभाल करें और अकेले रहने वाले पडोसियों का ख्याल रखें।

गर्मी उत्पन्न करने के लिये बंद कमरे के अन्दर कोयला /अंगीठी न जलायें क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न हो सकती है जो बहुत जहरीली होती है और कमरे में मौजूद लोगों की जान जा सकती है।

हाइ‌पोथर्मिया के मामले में_

क्या करें

व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और उसके गीले कपडे बदले।

व्यक्ति के शरीर को त्वचा से त्वचा के संपर्क में लाकर गर्म रखें, तौलिये या चादर की परतों से सुखाये।

शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दें। शराब न दें।

स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सीय सहायता लें।

क्या न करें

लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें।

शराब न पीएं क्योंकि यह शरीर के तापमान को कम करती है, और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती है

ठंडे से प्रभावित अंग की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है।

कपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है-घर के अंदर शरण लें।

प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दे जब तक कि पूरी तरह से सचेत न हो जाए।

कृषि

क्या करें और क्या न करें

शीत लहर और पाला फसलों को नुकसान पहुंचाते है, जिसमें उनमें काला रतुआ, सफेद रतुआ, पछेती-तुषार आदि रोग उत्पन्न होते हैं। शीत लहर के कारण अंकुरण, वृद्धि, पुष्यन, उपज और भंडारण अवधि में विभिन्न प्रकार के शारीरिक व्यवधान का कारण बनती है। क्या करें

ठंड से होने वाली बीमारी के लिए उपचारात्मक उपाय अपनायें जैसे बेहतर जड़ विकास को सक्रिय करने के लिए बोर्डो

मिश्रण या कॉपर ऑक्सी क्लोराइड, फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) का छिडकाव करें।

शीत लहर के दौरान जहां भी संभव हो हल्की और बार-बार सतही सिंचाई करें।

बागवानी और बगीचों में इंटरक्रॉपिंग (अन्तर फसल) खेती का उपयोग करें।

टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की मिश्रित फसल, के साथ सरसों/अरहर जैसी लंबी फसलें ठंडी हवाओं (ठंड के खिलाफ आश्रय) के खिलाफ आवश्यक आश्रय प्रदान करेगी।

सर्दियों के दौरान युवा फलदार पौधों को प्लास्टिक द्वारा ढककर अथवा पुआल या सरकंडा घास आदि के छप्पर (झुग्गिया) बनाकर विकिरण अवशोषण (Absorption) को बढाया जा सकता है।

जैविक मल्चिंग (तापीय इन्सुलेशन के लिए)।

विंड ब्रेक/शेल्टर बेल्ट लगाना (हवा की गति को कम करने के लिए)।

पशुपालन/पशुधन_

करें और क्या न करें

शीत लहर के दौरान, जानवरों और पशुधन को जीविका के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऊर्जा की यकता बढ़ जाती है। भैसों / मवेशियों के लिए इस मौसम के दौरान जानवरों में तापमान में अत्यधिक भिन्नता पशुओं की प्रजनन प्रभावित कर सकती है।

क्या करें, क्या न करें

ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क से बचने के लिए रात के दौरान सभी तरफ से जानवरों के आवास को ढक दें।

पशुधन आहार पद्धति और आहार पूरकों में सुधार करें। उच्च गुणवत्ता वाले चारे या चरागाहों का उपयोग।

वसायुक्त खुराक प्रदान करें आहार सेवन, खिलाने और चबाने के व्यवहार पर अनुपात केंद्रित करें।

सर्दियों के दौरान पशुओं के नीचे सूखा भूसा जैसी कुछ बिछावान सामग्री डालें।

पशुओं को ठंड के समय में गुड़ व कैल्शियम टॉनिक पिलाएं पशुओं को ठंड के मौसम में जूट की बोरी अथवा घर में पड़ा पुराना कंबल उढाएं ।

प्रेगनेंट पशुओं को ठंड लगने की ज्यादा संभावना होती है उनके पास अलाव जलाकर रखें लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि

अलाव से पशुओं से कोई नुकसान ना पहुंचे। शीतलहर के दौरान पशुओं को खुले स्थानों में न बांधे व घूमने न दें।

शीत लहर के दौरान पशुमेले से बचें। जानवरों को ठंडा चारा और ठंडा पानी देने से बचें पशु आश्रय में नमी और धुएं से बचें।

मृत पशुओं के शवों को पशुओं के नियमित चरने वाले मार्गों पर नहीं फेंका जाना चाहिए।

यातायात हेतु निर्देश

गन्ना तथा भूसा ढोने वाले गाडियों जैसे-ट्रॉली, ट्रक, बैलगाड़ी पर क्षमता से अधिक गन्ना न लादें।

सर्दियों में गाड़ियों में फॉग लाईट का इस्तेमाल करें।

गाडियों आगे व पीछे रेडियम पट्टी का प्रयोग करें।

भार ढोने वाले वाहन के चालक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस को रास्ता दें।

वाहन में हमेशा प्राथमिक उपचार किट अवश्य रखें।

शॉल व कम्बल ओढ़कर वाहन न चलायें।

दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बहुत आवश्यक होने पर ही घर से वाहन लेकर बाहर निकलें, दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपडे, दस्ताने, चश्मा, हेलमेट पहन कर निकलें।

दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी में वाहन को धीमें चलायें इससे खुद के साथ-साथ दुसरों को भी सुरक्षित रख सकते है। जनपद अयोध्या में लगभग 150 स्थान अलाव जलाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है तथा 14 रैनबसेरा कियासील है। समस्त रैनबसेरों में व्यक्तियों के ठहरने की उचित व्यवस्था है, जिसमें रजाई ग‌द्दा कम्बल, बेड, पेयजल, शौचालय, प्रकाश आदि की व्यवस्था की गयी है।