महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

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महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

टेस्ट संन्यास के बाद रोहित शर्मा ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से की मुलाकात, क्या नए सफर की होने वाली है शुरूआत

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टी-20 फॉर्मेट के बाद हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले चुके क्रिकेटर रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके सरकारी आवास 'वर्षा' में मुलाकात की है। बता दें कि रोहित शर्मा ने बीते 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर खेल जगत को चौंका दिया। फडणवीस ने रोहित के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं।

देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा का मेरे सरकारी निवास 'वर्षा' में स्वागत कर, उनसे मिलकर और बातचीत करके खुशी हुई। मैंने उन्हें टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर शुभकामनाएं दीं और उनके करियर के अगले अध्याय के लिए भी सफलता की कामना की!

क्या है मुलाकात की वजह?

हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस मुलाकात के पीछे कोई विशेष कारण था या यह केवल एक औपचारिक भेंट थी। लेकिन, जिस तरह से यह मुलाकात हुई है, उससे खेल प्रेमियों और राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर तेज हो गई है। दरअसल, संन्यास लेने के बाद क्रिकेटर्स का पॉलिटिक्स जॉइन करना कोई नई बात नहीं है। पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से लेकर विनोद कांबली और नवजोत सिंह सिद्धू तक ऐशे तमाम खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राजनीति को अपनी दूसरी पारी बनाई है।

हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से लिया था संन्यास

रोहित ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया था। रोहित ने पिछले साल टी20 विश्व कप में खिताबी जीत के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय से भी संन्यास ले लिया था और वह अब बस वनडे क्रिकेट में ही भारत के लिए खेलते नजर आएंगे। रोहित ने सात मई को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की जानकारी दी थी। रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले यह फैसला लिया था।

सुनियोजित थी नागपुर हिंसा, "छावा" फिल्म ने लोगों की भावनाएं भड़काई, बोले सीएम देवेंद्र फडणवीस


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औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को तनाव हो गया। दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों में आग लगा दी। घरों पर भी पथराव किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर में हुई हिंसक झड़पों को एक पूर्व-नियोजित हमला बताया। उन्होंने कहा कि "छावा" फिल्म के रिलीज होने से लोगों की भावनाएं भड़क गईं, क्योंकि इस फिल्म में औरंगजेब द्वारा संभाजी महाराज पर किए गए क्रूर अत्याचारों को दिखाया गया है।

हिंसा सोची-समझी साजिश- फडणवीस

नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को बड़ा हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन लोगों ने प्रतीकात्मक तौर पर कब्र की चादर जलाई। इसके बाद यह अफवाह फैलाई गई कि उस पर धार्मिक चिह्न था, जिससे माहौल गर्म हो गया और हिंसा भड़क उठी। यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी।

पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं- फडणवीस

मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब 80 से 100 लोगों की भीड़ हिंसा में शामिल थी, जिन्होंने पथराव किया और पुलिस अधिकारियों पर हमले किए। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, वहीं तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों पर भी हमला किया गया। हिंसा में कुछ घरों को भी निशाना बनाया गया और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से वार किया गया। सीएम ने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। सीएम ने कहा कि पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया- फडणवीस

सीएम ने बताया कि इस घटना के बाद 11 पुलिस थानों के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। हिंसा वाली जगह से एक ट्राली भरकर पत्थर, कई शस्त्र मिले हैं। खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया है। उन्हें जलाने की कोशिश की गई है।

कौन है महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे? जिनसे सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मांगा इस्तीफा


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महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। बीड़ जिले में संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ी कुछ तस्वीरें वायरल होने के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। मुंडे से अलग रह रही उनकी पहली पत्नी करुणा मुंडे ने दावा किया था कि वह सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा दे देंगे। सूत्रों के अनुसार, आज वो इस्तीफ़ा दे देंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है। धनंजय मुंडे एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता हैं। 

मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने की संभावना है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार रात देवगिरी बंगले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। फडणवीस मीडिया से बचते हुए अजित पवार के आवास पर पहुंचे। इस बैठक में सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल और धनंजय मुंडे भी उपस्थित थे। यहां करीब डेढ़ से दो घंटे तक चर्चा हुई। इन सभी नेताओं के बीच बैठक चल रही थी। 

संतोष देशमुख हत्या का मुख्य आरोपी वाल्मीकि कराड मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी था। खुद धनंजय मुंडे भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वाल्मीकि कराड उनका बेहद करीबी है। अब हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है।

इससे पहले धनंजय मुंडे की पत्नी करुणा शर्मा मुंडे ने रविवार को दावा किया था कि धनंजय मुंडे बजट सत्र से पहले इस्तीफा देंगे। यहां तक कि करुणा मुंडे ने ये भी कहा था दो दिन पहले ही अजित पवार ने उनका इस्तीफा ले लिया है। उन्होंने ये भी कहा था कि धनंजय मुंडे इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अजित पवार ने जबरन उनका इस्तीफा लिखवा लिया।

महायुति में कोई मतभेद नहीःदेवेंद्र फडणवीस का ‘शीत युद्ध’ से इनकार, शिंदे बोले- सब ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से विवाद की खबरों का खंडन किया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने डिप्टी एकनाथ शिंदे के साथ 'शीत युद्ध' की अटकलों को खारिज कर दिया। वहीं, शिंदे ने कहा, सब कुछ ठंडा ठंडा है, कूल कूल है। दरअसल, फडणवीस सोमवार से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से डिप्टी सीएम शिंदे और अजित पवार के साथ रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान शिंदे और अजीत पवार भी एक दूसरे के ऊपर चुटकी लेते दिखाई दिए।

सोमवार यानी आज से महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले सीएम फडणवीस ने कैबिनेट बैठक और पारंपरिक चाय पार्टी का आयोजन किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजीत पवार एक साथ नजर आए। वहीं, तीनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

फडणवीस ने कहा, 'कोई युद्ध नहीं है। जो लोग हम दोनों को जानते हैं, वे याद रखेंगे कि जब हम साथ होते हैं तो हम क्या करते हैं।' उन्होंने शिंदे के विद्रोह से पहले उनकी बैठकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिसने अविभाजित शिवसेना को विभाजित कर दिया और 2022 में एमवीए सरकार को बाहर कर दिया। फडणवीस ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति के सभी सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।

इस पर शिंदे ने मीडिया से कहा- आप जितनी भी मेहनत से संघर्ष का हवाला देकर ब्रेकिंग न्यूज बनाने की कोशिश करें, हमारा गठबंधन टूटने वाला नहीं है। इतनी तेज गर्मी में कोल्ड वार कैसे हो सकता है? सब कुछ ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है। इस पर शिंदे के बगल में बैठे फडणवीस मुस्कुराने लगे।बता दें कि शिंदे विधानसभा चुनावों से पहले सीएम थे। तब फडणवीस और पवार उनके डिप्टी थे।

मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों ने शिवसेना नेता संजय राउत के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि शिंदे ने सुबह 4 बजे पुणे में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर फडणवीस के खिलाफ शिकायत की थी। शिंदे ने कहा कि शाह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के नेता हैं। पवार ने कहा कि यह सुबह 10 बजे की शिष्टाचार मुलाकात थी। फडणवीस ने कहा कि वह भी बैठक में मौजूद थे।

रायपुर की सड़कों पर नशे में गाड़ी चलाते मिले ये 23 लोग, पुलिस ने जब्त की गाड़ी, ड्राइविंग लाइसेंस भी होगा निलंबित

रायपुर-  अटल नगर नवा रायपुर में कल देर रात ड्रंक एंड ड्राइव वाहन चालकों के विरूद्ध पुलिस ने विशेष अभियान चलाया. यातायात पुलिस व थाना तेलीबांधा, मंदिर हसौद और राखी स्टॉफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 23 शराबी वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वाहनों को जब्त किया. 

बता दे कि शहर की यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन में ड्रंक एंड ड्राइव वाहन चालक सबसे बड़ी बाधा है. नशे की हालत में होने के कारण स्वयं तथा दूसरे वाहन चालक के जान के लिए जोखिम भरा होता है. ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ रायपुर पुलिस लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करती है।

इसी क्रम 22 फरवरी को पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह के आदेशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर डॉ प्रशांत शुक्ला के मार्गदर्शन में रायपुर पुलिस ने शहर के श्रीराम मंदिर के पास, फुण्डहर चौक एवं एयरपोर्ट टर्निग नवा रायपुर में बेरिकेटिंग कर चेकिंग अभियान चलाया. 23 नशेड़ी वाहन चालकों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम की धारा 185 के तहत कार्रवाई करते हुए प्रकरण निराकरण के लिए कोर्ट भेजा गया. इसके साथ सभी वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबन के लिए परिवहन कार्यालय भेजा जाएगा.


ये लोग मिले नशे की हालत में

शनिवार रात अभियान के दौरान मुकेश कुमार (Mukesh Kumar), रंजन मिश्रा (Ranjan Mishra), श्याम अवस्थी (Shyam Awasthi), गौरव राघव (Gaurav Raghav), जगत राम (Jagat Ram), पराग तिवारी (Parag Tiwari), अनीज कुमार (Aneej Kumar), ब्रिशांक कुमार (Brishank Kumar), दीपेश सोनी (Dipesh Soni), धनंजय जायसवाल (Dhananjay Jaiswal), पूनाराम (Poonaram), ललित कुमार (Lalit Kumar), बब्बन मांझी (Babban Manjhi), संजू कुमार (Sanju Kumar), नवीन गेड़ाम (Naveen Gedam), अभिषेक सिंह (Abhishek Singh), अर्जुन बरई (Arjun Barai), देवेंद्र कुमार (Devendra Kumar), आकाश सोनकर (Akash Sonkar), नितेश मंदानी (Nitesh Mandani), अमितेश खत्री (Amitesh Khatri), स्वरित टंडन (Swarit Tandon) और मोती महिलांगे (Moti Mahilange) नशे में वाहन चलाते पकड़े गए.

सैफ पर हमले के बाद सरकार पर हमलावर विपक्ष, फडणवीस बोले- मुंबई सुरक्षित नहीं, यह कहना गलत है

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अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में हुए हमले के बाद विपक्ष हमलावर है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सैफ अली खान पर जानलेवा हमले के बाद मुंबई को असुरक्षित कहा जा रहा है। कांग्रेस-उद्धव शिवसेना समेत तमाम पार्टी नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए नागरिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया है और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षियों को जवाब दिया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर उनके घर में घुसकर हमला करना एक गंभीर घटना है, लेकिन इसके कारण मुंबई को असुरक्षित कहना गलत होगा। पुलिस कार्रवाई कर रही है और सरकार देश की वित्तीय राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किस प्रकार की मंशा से यह हमला हुआ है सभी चीजें जल्द ही सामने आएंगी। फडणवीस ने मीडिया से कहा, मुझे लगता है कि मुंबई देश के बड़े शहरों में सबसे सुरक्षित है। यह सच है कि कभी-कभी कुछ घटनाएं होती हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेकिन यह कहना कि ऐसी घटनाओं के कारण मुंबई असुरक्षित है, सही नहीं है। ऐसी टिप्पणियों के कारण मुंबई की छवि खराब होती है। शहर को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार निश्चित रूप से प्रयास करेगी।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में उनके घर में घुसकर चाकू से हमला होना दिखाता है कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही ।. यह घटना दर्शाती है कि राज्य में मशहूर हस्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं। मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं।

कोई भी सुरक्षित नहीं- संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी सुरक्षित नहीं है। आम लोगों की तो बात ही छोड़िए, यहां तक कि जिन मशहूर हस्तियों के पास अपनी सुरक्षा है, वे भी सुरक्षित नहीं हैं। राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में पुलिस को ज्यादातर राजनेताओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है। उन्होंने कहा कि कानून का कोई डर नहीं है। सरकार पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।

कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांगा जवाब

कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इस निर्लज्ज हमले से बेहद स्तब्ध हूं। मुंबई में क्या चल रहा है? बांद्रा में ऐसा होना चिंता का विषय है। ऐसे में आम आदमी कैसे सुरक्षा की उम्मीद कर सकता है? आए दिन हम मुंबई और एमएमआर में बंदूक हिंसा, डकैती, चाकूबाजी की घटनाओं के बारे में सुनते हैं और सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। हमें जवाब चाहिए।

फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

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भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री चुना जाना: बीजेपी के लिए एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (CM) के रूप में *देवेंद्र फडणवीस* को चुनने का निर्णय कई रणनीतिक और राजनीतिक कारणों से लिया गया है। यहां वे मुख्य कारण हैं, जो उनके चयन को प्रभावित करते हैं:

1.*सिद्ध नेतृत्व और अनुभव*

देवेंद्र फडणवीस पहले भी 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और उनके कार्यकाल को प्रशासन और अवसंरचना विकास के कई पहलों के लिए सराहा गया था। उनकी नेतृत्व क्षमता और राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे के प्रति गहरी समझ ने उन्हें बीजेपी के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बना दिया। उनका अनुभव पार्टी के लिए निरंतरता की प्रतीक था।

2. *मजबूत चुनावी समर्थन*

फडणवीस को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूत समर्थन प्राप्त है, खासकर विदर्भ (उनका गृह क्षेत्र) में, जो बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी क्षेत्र है। उनकी लोकप्रियता, विशेष रूप से युवाओं में, और एक विकासशील नेता के रूप में उनकी छवि ने उन्हें बीजेपी के लिए आकर्षक उम्मीदवार बना दिया, ताकि राज्य में पार्टी का प्रभाव बनाए रखा जा सके।

3. *स्थिरता और रणनीतिक गठबंधन*

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति अक्सर उतार-चढ़ाव वाली रही है, और 2019 विधानसभा चुनावों के बाद एक जटिल शक्ति-साझाकरण व्यवस्था की आवश्यकता थी। जबकि शिवसेना पहले बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर असहमति के कारण गठबंधन टूट गया। इसके बाद बीजेपी को छोटे दलों जैसे एनसीपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के साथ मिलकर सरकार बनाने की आवश्यकता पड़ी। इस स्थिति में, फडणवीस का नेतृत्व राज्य में स्थिरता बनाए रखने और गठबंधन सरकार की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना गया।

4. *पार्टी के मूल वोट बैंक को आकर्षित करना*

फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में चयन बीजेपी के प्रयासों के साथ मेल खाता था, जो अपने पारंपरिक वोट बैंक को बनाए रखना चाहती थी, जिसमें शहरी मध्यवर्ग, व्यवसायी समुदाय और मराठा और ओबीसी समुदाय शामिल हैं। महाराष्ट्र के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों में ब्राह्मण समुदाय की भूमिका को देखते हुए फडणवीस का चयन बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण था, ताकि वह जातीय समीकरणों को संतुलित कर सके और व्यापक समर्थन सुनिश्चित कर सके।

5. *महाराष्ट्र के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण*

फडणवीस को एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है, जिनके पास महाराष्ट्र के भविष्य के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण है, खासकर अवसंरचना, औद्योगिक विकास और कृषि सुधारों के क्षेत्रों में। मुंबई मेट्रो, मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट और समृद्धि महामार्ग (एक्सप्रेसवे) जैसी मेगा परियोजनाओं के लिए उनका उत्साह उन्हें शहरी और ग्रामीण विकास दोनों के लिए एक पहचाना हुआ चेहरा बनाता है। अवसंरचना और विकास पर उनका जोर बीजेपी के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे के अनुरूप था।
फडणवीस को बीजेपी के प्रति निष्ठावान और मजबूत संगठनात्मक पृष्ठभूमि वाला नेता माना जाता है। पार्टी और उसके विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें पार्टी नेतृत्व के लिए एक स्थिर विकल्प बना दिया, खासकर उस राज्य में जहां बीजेपी को गठबंधन की गतिशीलताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करनी थी। पार्टी के भीतर संघर्षों को सुलझाने और पार्टी कार्यों को संभालने में उनकी दक्षता ने उन्हें बीजेपी के लिए एक भरोसेमंद नेता बना दिया।

7. *केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन*

फडणवीस को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मजबूत समर्थन प्राप्त है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से। उनके महाराष्ट्र में जटिल राजनीतिक स्थितियों को संभालने और गठबंधनों को प्रबंधित करने की क्षमता ने यह सुनिश्चित किया कि फडणवीस बीजेपी के लिए शीर्ष पद के लिए प्राथमिक उम्मीदवार बने रहें।

8. *राष्ट्रीय दृष्टिकोण*

राष्ट्रीय स्तर पर, फडणवीस का चयन बीजेपी के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश देने का तरीका था। महाराष्ट्र में एक प्रमुख नेता के रूप में, फडणवीस को ऐसे नेता के रूप में देखा गया जो राज्य में क्षेत्रीय दलों द्वारा उत्पन्न की गई चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, विशेष रूप से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा। उनका चयन पार्टी की व्यापक रणनीति के तहत किया गया था, जो महत्वपूर्ण राज्यों में अपनी स्थिति को मजबूत करना और मोदी-शाह की जोड़ी के तहत मजबूत क्षेत्रीय नेतृत्व को प्रस्तुत करना चाहती थी।

कुल मिलाकर, देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री चुने जाने का कारण उनका अनुभव, नेतृत्व क्षमता, चुनावी समर्थन, और बीजेपी के राजनीतिक और रणनीतिक लक्ष्यों के साथ उनका मेल था। उनका चयन पार्टी को एक जटिल राजनीतिक माहौल में स्थिरता बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ राज्य में अपनी शासन नीति जारी रखने में सहायक साबित हुआ।
देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के 'देरी' आरोप को किया खारिज, कहा- अधिकांश विभागों पर काम पूरा

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First press conference after oath

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार गठन में देरी हुई है। फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उनके डिप्टी के रूप में शपथ ली। इस तरह के पिछले उदाहरणों को सूचीबद्ध करते हुए, सीएम ने कहा कि 2004 में लगभग 12 से 13 दिनों की देरी हुई थी और 2009 में लगभग 9 दिनों की देरी हुई थी। "हमें यह समझना होगा कि जब गठबंधन सरकार होती है, तो कई निर्णय लेने होते हैं। गठबंधन सरकार में, बहुत बड़े पैमाने पर परामर्श किया जाना चाहिए। हमने वह परामर्श किया है, और हमने पोर्टफोलियो को भी लगभग अंतिम रूप दे दिया है; कुछ बचा हुआ है, हम उसे भी करेंगे," फडणवीस ने कहा।

महायुति सरकार भारतीय जनता पार्टी, शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन है। एनडीए समूह ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 235 सीटें जीतकर भारी जीत हासिल की। विपक्ष द्वारा सरकार गठन में देरी के लिए एनडीए की आलोचना करने के बाद फडणवीस की यह टिप्पणी आई है। विपक्ष ने कहा कि यह राज्य के लोगों और चुनावी प्रक्रिया का अपमान है।

'केवल भूमिकाएं बदली हैं'

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि जिस तरह से महायुति सरकार ने पिछले 2.5 वर्षों में राज्य के विकास के लिए काम किया है, वह उसी तरह काम करना जारी रखेगी। फडणवीस ने कहा कि वे अब नहीं रुकेंगे, उन्होंने कहा कि लक्ष्य और गति वही है, "केवल हमारी भूमिकाएं बदल गई हैं"। उन्होंने कहा, "हम महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए निर्णय लेंगे। हम अपने घोषणापत्र में बताए गए कार्यों को पूरा करना चाहते हैं।" विशेष रूप से, फडणवीस ने इस नई सरकार में शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के साथ कार्यालयों की अदला-बदली की।

महाराष्ट्र सरकार में शीर्ष कुर्सी कौन संभालेगा, इस पर कई दिनों तक चले सस्पेंस के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में फडणवीस के नाम की पुष्टि हुई। इस बीच, शिंदे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं, इस पर सवाल डी-डे तक जारी रहा। शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना ने पुष्टि की कि उसके प्रमुख फडणवीस के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 'स्थिर सरकार देंगे' यह कहते हुए कि लोग स्थिर सरकार चाहते हैं, फडणवीस ने कहा कि अगले पांच सालों में उनका प्रशासन यही प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि शिंदे और पवार दोनों उनके साथ हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि वे साथ रहेंगे और साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, "हम 'माझी लड़की बहन योजना' जारी रखेंगे।" फडणवीस ने आगे कहा कि चुनावों में लोगों का जनादेश उनकी उम्मीदों और प्यार को दर्शाता है, उन्होंने कहा कि वे उनकी उम्मीदों का दबाव महसूस कर रहे हैं।

सीएम ने बताया कि कैबिनेट 7 और 8 दिसंबर को एक विशेष सत्र आयोजित करेगी, जिसके बाद वे महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। उन्होंने कहा, "राज्यपाल 9 दिसंबर को अभिभाषण देंगे।" कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे के मामले में फडणवीस ने कहा कि किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इसका फैसला वह, शिंदे और अजित पवार मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि विभागों का फैसला अंतिम चरण में है। फडणवीस ने कहा, "पिछली सरकार में मंत्रियों के काम का आकलन किया जा रहा है और उसके आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।"

महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

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महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

टेस्ट संन्यास के बाद रोहित शर्मा ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से की मुलाकात, क्या नए सफर की होने वाली है शुरूआत

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टी-20 फॉर्मेट के बाद हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले चुके क्रिकेटर रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके सरकारी आवास 'वर्षा' में मुलाकात की है। बता दें कि रोहित शर्मा ने बीते 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर खेल जगत को चौंका दिया। फडणवीस ने रोहित के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं।

देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा का मेरे सरकारी निवास 'वर्षा' में स्वागत कर, उनसे मिलकर और बातचीत करके खुशी हुई। मैंने उन्हें टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर शुभकामनाएं दीं और उनके करियर के अगले अध्याय के लिए भी सफलता की कामना की!

क्या है मुलाकात की वजह?

हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस मुलाकात के पीछे कोई विशेष कारण था या यह केवल एक औपचारिक भेंट थी। लेकिन, जिस तरह से यह मुलाकात हुई है, उससे खेल प्रेमियों और राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर तेज हो गई है। दरअसल, संन्यास लेने के बाद क्रिकेटर्स का पॉलिटिक्स जॉइन करना कोई नई बात नहीं है। पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से लेकर विनोद कांबली और नवजोत सिंह सिद्धू तक ऐशे तमाम खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राजनीति को अपनी दूसरी पारी बनाई है।

हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से लिया था संन्यास

रोहित ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया था। रोहित ने पिछले साल टी20 विश्व कप में खिताबी जीत के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय से भी संन्यास ले लिया था और वह अब बस वनडे क्रिकेट में ही भारत के लिए खेलते नजर आएंगे। रोहित ने सात मई को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की जानकारी दी थी। रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले यह फैसला लिया था।

सुनियोजित थी नागपुर हिंसा, "छावा" फिल्म ने लोगों की भावनाएं भड़काई, बोले सीएम देवेंद्र फडणवीस


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औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को तनाव हो गया। दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों में आग लगा दी। घरों पर भी पथराव किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर में हुई हिंसक झड़पों को एक पूर्व-नियोजित हमला बताया। उन्होंने कहा कि "छावा" फिल्म के रिलीज होने से लोगों की भावनाएं भड़क गईं, क्योंकि इस फिल्म में औरंगजेब द्वारा संभाजी महाराज पर किए गए क्रूर अत्याचारों को दिखाया गया है।

हिंसा सोची-समझी साजिश- फडणवीस

नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को बड़ा हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन लोगों ने प्रतीकात्मक तौर पर कब्र की चादर जलाई। इसके बाद यह अफवाह फैलाई गई कि उस पर धार्मिक चिह्न था, जिससे माहौल गर्म हो गया और हिंसा भड़क उठी। यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी।

पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं- फडणवीस

मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब 80 से 100 लोगों की भीड़ हिंसा में शामिल थी, जिन्होंने पथराव किया और पुलिस अधिकारियों पर हमले किए। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, वहीं तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों पर भी हमला किया गया। हिंसा में कुछ घरों को भी निशाना बनाया गया और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से वार किया गया। सीएम ने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। सीएम ने कहा कि पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया- फडणवीस

सीएम ने बताया कि इस घटना के बाद 11 पुलिस थानों के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। हिंसा वाली जगह से एक ट्राली भरकर पत्थर, कई शस्त्र मिले हैं। खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया है। उन्हें जलाने की कोशिश की गई है।

कौन है महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे? जिनसे सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मांगा इस्तीफा


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महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। बीड़ जिले में संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ी कुछ तस्वीरें वायरल होने के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। मुंडे से अलग रह रही उनकी पहली पत्नी करुणा मुंडे ने दावा किया था कि वह सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा दे देंगे। सूत्रों के अनुसार, आज वो इस्तीफ़ा दे देंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है। धनंजय मुंडे एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता हैं। 

मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने की संभावना है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार रात देवगिरी बंगले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। फडणवीस मीडिया से बचते हुए अजित पवार के आवास पर पहुंचे। इस बैठक में सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल और धनंजय मुंडे भी उपस्थित थे। यहां करीब डेढ़ से दो घंटे तक चर्चा हुई। इन सभी नेताओं के बीच बैठक चल रही थी। 

संतोष देशमुख हत्या का मुख्य आरोपी वाल्मीकि कराड मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी था। खुद धनंजय मुंडे भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वाल्मीकि कराड उनका बेहद करीबी है। अब हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है।

इससे पहले धनंजय मुंडे की पत्नी करुणा शर्मा मुंडे ने रविवार को दावा किया था कि धनंजय मुंडे बजट सत्र से पहले इस्तीफा देंगे। यहां तक कि करुणा मुंडे ने ये भी कहा था दो दिन पहले ही अजित पवार ने उनका इस्तीफा ले लिया है। उन्होंने ये भी कहा था कि धनंजय मुंडे इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अजित पवार ने जबरन उनका इस्तीफा लिखवा लिया।

महायुति में कोई मतभेद नहीःदेवेंद्र फडणवीस का ‘शीत युद्ध’ से इनकार, शिंदे बोले- सब ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से विवाद की खबरों का खंडन किया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने डिप्टी एकनाथ शिंदे के साथ 'शीत युद्ध' की अटकलों को खारिज कर दिया। वहीं, शिंदे ने कहा, सब कुछ ठंडा ठंडा है, कूल कूल है। दरअसल, फडणवीस सोमवार से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से डिप्टी सीएम शिंदे और अजित पवार के साथ रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान शिंदे और अजीत पवार भी एक दूसरे के ऊपर चुटकी लेते दिखाई दिए।

सोमवार यानी आज से महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले सीएम फडणवीस ने कैबिनेट बैठक और पारंपरिक चाय पार्टी का आयोजन किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजीत पवार एक साथ नजर आए। वहीं, तीनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

फडणवीस ने कहा, 'कोई युद्ध नहीं है। जो लोग हम दोनों को जानते हैं, वे याद रखेंगे कि जब हम साथ होते हैं तो हम क्या करते हैं।' उन्होंने शिंदे के विद्रोह से पहले उनकी बैठकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिसने अविभाजित शिवसेना को विभाजित कर दिया और 2022 में एमवीए सरकार को बाहर कर दिया। फडणवीस ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति के सभी सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।

इस पर शिंदे ने मीडिया से कहा- आप जितनी भी मेहनत से संघर्ष का हवाला देकर ब्रेकिंग न्यूज बनाने की कोशिश करें, हमारा गठबंधन टूटने वाला नहीं है। इतनी तेज गर्मी में कोल्ड वार कैसे हो सकता है? सब कुछ ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है। इस पर शिंदे के बगल में बैठे फडणवीस मुस्कुराने लगे।बता दें कि शिंदे विधानसभा चुनावों से पहले सीएम थे। तब फडणवीस और पवार उनके डिप्टी थे।

मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों ने शिवसेना नेता संजय राउत के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि शिंदे ने सुबह 4 बजे पुणे में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर फडणवीस के खिलाफ शिकायत की थी। शिंदे ने कहा कि शाह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के नेता हैं। पवार ने कहा कि यह सुबह 10 बजे की शिष्टाचार मुलाकात थी। फडणवीस ने कहा कि वह भी बैठक में मौजूद थे।

रायपुर की सड़कों पर नशे में गाड़ी चलाते मिले ये 23 लोग, पुलिस ने जब्त की गाड़ी, ड्राइविंग लाइसेंस भी होगा निलंबित

रायपुर-  अटल नगर नवा रायपुर में कल देर रात ड्रंक एंड ड्राइव वाहन चालकों के विरूद्ध पुलिस ने विशेष अभियान चलाया. यातायात पुलिस व थाना तेलीबांधा, मंदिर हसौद और राखी स्टॉफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 23 शराबी वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वाहनों को जब्त किया. 

बता दे कि शहर की यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन में ड्रंक एंड ड्राइव वाहन चालक सबसे बड़ी बाधा है. नशे की हालत में होने के कारण स्वयं तथा दूसरे वाहन चालक के जान के लिए जोखिम भरा होता है. ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ रायपुर पुलिस लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करती है।

इसी क्रम 22 फरवरी को पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह के आदेशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर डॉ प्रशांत शुक्ला के मार्गदर्शन में रायपुर पुलिस ने शहर के श्रीराम मंदिर के पास, फुण्डहर चौक एवं एयरपोर्ट टर्निग नवा रायपुर में बेरिकेटिंग कर चेकिंग अभियान चलाया. 23 नशेड़ी वाहन चालकों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम की धारा 185 के तहत कार्रवाई करते हुए प्रकरण निराकरण के लिए कोर्ट भेजा गया. इसके साथ सभी वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबन के लिए परिवहन कार्यालय भेजा जाएगा.


ये लोग मिले नशे की हालत में

शनिवार रात अभियान के दौरान मुकेश कुमार (Mukesh Kumar), रंजन मिश्रा (Ranjan Mishra), श्याम अवस्थी (Shyam Awasthi), गौरव राघव (Gaurav Raghav), जगत राम (Jagat Ram), पराग तिवारी (Parag Tiwari), अनीज कुमार (Aneej Kumar), ब्रिशांक कुमार (Brishank Kumar), दीपेश सोनी (Dipesh Soni), धनंजय जायसवाल (Dhananjay Jaiswal), पूनाराम (Poonaram), ललित कुमार (Lalit Kumar), बब्बन मांझी (Babban Manjhi), संजू कुमार (Sanju Kumar), नवीन गेड़ाम (Naveen Gedam), अभिषेक सिंह (Abhishek Singh), अर्जुन बरई (Arjun Barai), देवेंद्र कुमार (Devendra Kumar), आकाश सोनकर (Akash Sonkar), नितेश मंदानी (Nitesh Mandani), अमितेश खत्री (Amitesh Khatri), स्वरित टंडन (Swarit Tandon) और मोती महिलांगे (Moti Mahilange) नशे में वाहन चलाते पकड़े गए.

सैफ पर हमले के बाद सरकार पर हमलावर विपक्ष, फडणवीस बोले- मुंबई सुरक्षित नहीं, यह कहना गलत है

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अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में हुए हमले के बाद विपक्ष हमलावर है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सैफ अली खान पर जानलेवा हमले के बाद मुंबई को असुरक्षित कहा जा रहा है। कांग्रेस-उद्धव शिवसेना समेत तमाम पार्टी नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए नागरिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया है और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षियों को जवाब दिया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर उनके घर में घुसकर हमला करना एक गंभीर घटना है, लेकिन इसके कारण मुंबई को असुरक्षित कहना गलत होगा। पुलिस कार्रवाई कर रही है और सरकार देश की वित्तीय राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किस प्रकार की मंशा से यह हमला हुआ है सभी चीजें जल्द ही सामने आएंगी। फडणवीस ने मीडिया से कहा, मुझे लगता है कि मुंबई देश के बड़े शहरों में सबसे सुरक्षित है। यह सच है कि कभी-कभी कुछ घटनाएं होती हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेकिन यह कहना कि ऐसी घटनाओं के कारण मुंबई असुरक्षित है, सही नहीं है। ऐसी टिप्पणियों के कारण मुंबई की छवि खराब होती है। शहर को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार निश्चित रूप से प्रयास करेगी।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर मुंबई में उनके घर में घुसकर चाकू से हमला होना दिखाता है कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही ।. यह घटना दर्शाती है कि राज्य में मशहूर हस्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं। मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं।

कोई भी सुरक्षित नहीं- संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी सुरक्षित नहीं है। आम लोगों की तो बात ही छोड़िए, यहां तक कि जिन मशहूर हस्तियों के पास अपनी सुरक्षा है, वे भी सुरक्षित नहीं हैं। राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में पुलिस को ज्यादातर राजनेताओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है। उन्होंने कहा कि कानून का कोई डर नहीं है। सरकार पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।

कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांगा जवाब

कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इस निर्लज्ज हमले से बेहद स्तब्ध हूं। मुंबई में क्या चल रहा है? बांद्रा में ऐसा होना चिंता का विषय है। ऐसे में आम आदमी कैसे सुरक्षा की उम्मीद कर सकता है? आए दिन हम मुंबई और एमएमआर में बंदूक हिंसा, डकैती, चाकूबाजी की घटनाओं के बारे में सुनते हैं और सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। हमें जवाब चाहिए।

फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

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भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री चुना जाना: बीजेपी के लिए एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (CM) के रूप में *देवेंद्र फडणवीस* को चुनने का निर्णय कई रणनीतिक और राजनीतिक कारणों से लिया गया है। यहां वे मुख्य कारण हैं, जो उनके चयन को प्रभावित करते हैं:

1.*सिद्ध नेतृत्व और अनुभव*

देवेंद्र फडणवीस पहले भी 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और उनके कार्यकाल को प्रशासन और अवसंरचना विकास के कई पहलों के लिए सराहा गया था। उनकी नेतृत्व क्षमता और राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे के प्रति गहरी समझ ने उन्हें बीजेपी के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बना दिया। उनका अनुभव पार्टी के लिए निरंतरता की प्रतीक था।

2. *मजबूत चुनावी समर्थन*

फडणवीस को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूत समर्थन प्राप्त है, खासकर विदर्भ (उनका गृह क्षेत्र) में, जो बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी क्षेत्र है। उनकी लोकप्रियता, विशेष रूप से युवाओं में, और एक विकासशील नेता के रूप में उनकी छवि ने उन्हें बीजेपी के लिए आकर्षक उम्मीदवार बना दिया, ताकि राज्य में पार्टी का प्रभाव बनाए रखा जा सके।

3. *स्थिरता और रणनीतिक गठबंधन*

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति अक्सर उतार-चढ़ाव वाली रही है, और 2019 विधानसभा चुनावों के बाद एक जटिल शक्ति-साझाकरण व्यवस्था की आवश्यकता थी। जबकि शिवसेना पहले बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर असहमति के कारण गठबंधन टूट गया। इसके बाद बीजेपी को छोटे दलों जैसे एनसीपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के साथ मिलकर सरकार बनाने की आवश्यकता पड़ी। इस स्थिति में, फडणवीस का नेतृत्व राज्य में स्थिरता बनाए रखने और गठबंधन सरकार की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना गया।

4. *पार्टी के मूल वोट बैंक को आकर्षित करना*

फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में चयन बीजेपी के प्रयासों के साथ मेल खाता था, जो अपने पारंपरिक वोट बैंक को बनाए रखना चाहती थी, जिसमें शहरी मध्यवर्ग, व्यवसायी समुदाय और मराठा और ओबीसी समुदाय शामिल हैं। महाराष्ट्र के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों में ब्राह्मण समुदाय की भूमिका को देखते हुए फडणवीस का चयन बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण था, ताकि वह जातीय समीकरणों को संतुलित कर सके और व्यापक समर्थन सुनिश्चित कर सके।

5. *महाराष्ट्र के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण*

फडणवीस को एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है, जिनके पास महाराष्ट्र के भविष्य के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण है, खासकर अवसंरचना, औद्योगिक विकास और कृषि सुधारों के क्षेत्रों में। मुंबई मेट्रो, मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट और समृद्धि महामार्ग (एक्सप्रेसवे) जैसी मेगा परियोजनाओं के लिए उनका उत्साह उन्हें शहरी और ग्रामीण विकास दोनों के लिए एक पहचाना हुआ चेहरा बनाता है। अवसंरचना और विकास पर उनका जोर बीजेपी के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे के अनुरूप था।
फडणवीस को बीजेपी के प्रति निष्ठावान और मजबूत संगठनात्मक पृष्ठभूमि वाला नेता माना जाता है। पार्टी और उसके विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें पार्टी नेतृत्व के लिए एक स्थिर विकल्प बना दिया, खासकर उस राज्य में जहां बीजेपी को गठबंधन की गतिशीलताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करनी थी। पार्टी के भीतर संघर्षों को सुलझाने और पार्टी कार्यों को संभालने में उनकी दक्षता ने उन्हें बीजेपी के लिए एक भरोसेमंद नेता बना दिया।

7. *केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन*

फडणवीस को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मजबूत समर्थन प्राप्त है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से। उनके महाराष्ट्र में जटिल राजनीतिक स्थितियों को संभालने और गठबंधनों को प्रबंधित करने की क्षमता ने यह सुनिश्चित किया कि फडणवीस बीजेपी के लिए शीर्ष पद के लिए प्राथमिक उम्मीदवार बने रहें।

8. *राष्ट्रीय दृष्टिकोण*

राष्ट्रीय स्तर पर, फडणवीस का चयन बीजेपी के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश देने का तरीका था। महाराष्ट्र में एक प्रमुख नेता के रूप में, फडणवीस को ऐसे नेता के रूप में देखा गया जो राज्य में क्षेत्रीय दलों द्वारा उत्पन्न की गई चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, विशेष रूप से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा। उनका चयन पार्टी की व्यापक रणनीति के तहत किया गया था, जो महत्वपूर्ण राज्यों में अपनी स्थिति को मजबूत करना और मोदी-शाह की जोड़ी के तहत मजबूत क्षेत्रीय नेतृत्व को प्रस्तुत करना चाहती थी।

कुल मिलाकर, देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री चुने जाने का कारण उनका अनुभव, नेतृत्व क्षमता, चुनावी समर्थन, और बीजेपी के राजनीतिक और रणनीतिक लक्ष्यों के साथ उनका मेल था। उनका चयन पार्टी को एक जटिल राजनीतिक माहौल में स्थिरता बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ राज्य में अपनी शासन नीति जारी रखने में सहायक साबित हुआ।
देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के 'देरी' आरोप को किया खारिज, कहा- अधिकांश विभागों पर काम पूरा

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First press conference after oath

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार गठन में देरी हुई है। फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उनके डिप्टी के रूप में शपथ ली। इस तरह के पिछले उदाहरणों को सूचीबद्ध करते हुए, सीएम ने कहा कि 2004 में लगभग 12 से 13 दिनों की देरी हुई थी और 2009 में लगभग 9 दिनों की देरी हुई थी। "हमें यह समझना होगा कि जब गठबंधन सरकार होती है, तो कई निर्णय लेने होते हैं। गठबंधन सरकार में, बहुत बड़े पैमाने पर परामर्श किया जाना चाहिए। हमने वह परामर्श किया है, और हमने पोर्टफोलियो को भी लगभग अंतिम रूप दे दिया है; कुछ बचा हुआ है, हम उसे भी करेंगे," फडणवीस ने कहा।

महायुति सरकार भारतीय जनता पार्टी, शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन है। एनडीए समूह ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 235 सीटें जीतकर भारी जीत हासिल की। विपक्ष द्वारा सरकार गठन में देरी के लिए एनडीए की आलोचना करने के बाद फडणवीस की यह टिप्पणी आई है। विपक्ष ने कहा कि यह राज्य के लोगों और चुनावी प्रक्रिया का अपमान है।

'केवल भूमिकाएं बदली हैं'

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि जिस तरह से महायुति सरकार ने पिछले 2.5 वर्षों में राज्य के विकास के लिए काम किया है, वह उसी तरह काम करना जारी रखेगी। फडणवीस ने कहा कि वे अब नहीं रुकेंगे, उन्होंने कहा कि लक्ष्य और गति वही है, "केवल हमारी भूमिकाएं बदल गई हैं"। उन्होंने कहा, "हम महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए निर्णय लेंगे। हम अपने घोषणापत्र में बताए गए कार्यों को पूरा करना चाहते हैं।" विशेष रूप से, फडणवीस ने इस नई सरकार में शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के साथ कार्यालयों की अदला-बदली की।

महाराष्ट्र सरकार में शीर्ष कुर्सी कौन संभालेगा, इस पर कई दिनों तक चले सस्पेंस के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में फडणवीस के नाम की पुष्टि हुई। इस बीच, शिंदे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं, इस पर सवाल डी-डे तक जारी रहा। शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना ने पुष्टि की कि उसके प्रमुख फडणवीस के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 'स्थिर सरकार देंगे' यह कहते हुए कि लोग स्थिर सरकार चाहते हैं, फडणवीस ने कहा कि अगले पांच सालों में उनका प्रशासन यही प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि शिंदे और पवार दोनों उनके साथ हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि वे साथ रहेंगे और साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, "हम 'माझी लड़की बहन योजना' जारी रखेंगे।" फडणवीस ने आगे कहा कि चुनावों में लोगों का जनादेश उनकी उम्मीदों और प्यार को दर्शाता है, उन्होंने कहा कि वे उनकी उम्मीदों का दबाव महसूस कर रहे हैं।

सीएम ने बताया कि कैबिनेट 7 और 8 दिसंबर को एक विशेष सत्र आयोजित करेगी, जिसके बाद वे महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। उन्होंने कहा, "राज्यपाल 9 दिसंबर को अभिभाषण देंगे।" कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे के मामले में फडणवीस ने कहा कि किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इसका फैसला वह, शिंदे और अजित पवार मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि विभागों का फैसला अंतिम चरण में है। फडणवीस ने कहा, "पिछली सरकार में मंत्रियों के काम का आकलन किया जा रहा है और उसके आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।"