राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का 5 सुनहरी बाग, जन्मदिन पर नए घर में गृह प्रवेश

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज अपने सरकारी आवास 5 सुनहरी बाग में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने आज सुबह अपने जन्मदिन पर इस घर में गृह प्रवेश किया। यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आवंटित किया गया है। इससे पहले वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में रह रहे थे। साल 2023 में राहुल ने 12, तुगलक लेन बंगला खाली कर दिया था, जहां वे 12 साल से रह रहे थे। सांसदी जाने के बाद बंगला खाली करना पड़ा।

राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे

संसदीय आवास समिति ने उन्हें 5 सुनहरी बाग रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग बंगले का ऑप्शन दिया था। इसमें से राहुल ने सुनहरी बाग को चुना। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

इस बंगले में क्या है खास?

राहुल को जो बंगला मिला है वह लुटियंस जोन में है। यहां देश के कई बड़े राजनेताओं, मंत्रियों और जजों के बंगले होते हैं। यह बंगला पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों या आयोग के प्रमुखों को आवंटित होता रहा है। यह हाई सिक्योरिटी एरिया है। बंगले का क्षेत्रफल 2000 से 3000 वर्ग मीटर के करीब है। बंगले में 4 से 5 बड़े बेडरूम और ऑफिस शामिल हैं। मीटिंग हॉल, प्राइवेट लॉन, सुरक्षा कर्मी कक्ष, स्टाफ क्वार्टर और कार पार्किंग भी है। इसमें बड़ी बैठकें, मीडिया कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है, जो विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी की जरूरतों के मुताबिक है।

लोकसभा सदस्यता जाने पर छोड़ा था तुगलक रोड वाला बंगला

23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। 27 मार्च 2023 को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

अरविंद केजरीवाल की बढ़े वाली है मुसीबत, सीएम आवास रिनोवेशन की होगी जांच, CVC ने दिए आदेश

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ने वाली है। दरअसल, सेंट्र्रल विजिलेंस कमिशन यानी सीवीसी ने दिल्ली के सीएम आवास के नवीनीकरण और लग्जरी चीजों की खरीद के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा कराए गए खर्च की जांच करने का आदेश दिया है। सीवीसी ने 13 फरवरी को जांच के आदेश जारी किए हैं। आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्यूडी) की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया। बता दें कि सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला 2015 से अक्टूबर 2024 तक, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों पर पद से इस्तीफा देने के बाद इसे खाली कर दिया था।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आवास पर किए गए खर्च की शिकायत की थी।विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भी इसे लेकर पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास पर अवैध निर्माण और नियमों के घोर उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। साथ उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से आग्रह किया था कि संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण को बिना देरी के हटाया जाए।

एलजी को लिखे अपने पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक धन का उपयोग करके अपने आधिकारिक आवास को शीश महल में बदल दिया, जो पूरी तरह से अवैध और अनैतिक था। ऐसे में संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण को बिना देरी के हटाया जाए। इस शिकायत पर ही कार्रवाई करते हुए ये आदेश जारी किए गए हैं।

वहीं, 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले में रिनोवेशन को लेकर सें सीपीडब्यूडी की रिपोर्ट में कहा गया कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में बने बंगले के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि बंगले के रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। भाजपा ने बंगले को केजरीवाल का शीशमहल नाम दिया है।

आज है अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस, जानें इसका महत्व और इतिहास


नयी दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देशों को अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा उद्देश्यों की दिशा में मिलकर काम करने के लिए एक आह्वान के रूप में कार्य करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देशों को अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा उद्देश्यों की दिशा में मिलकर काम करने के लिए एक आह्वान के रूप में कार्य करता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2005 को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस घोषित किया। हर साल, नागरिकों के बीच सहयोग और एकता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन विविधता में एकता का जश्न मनाता है और हमें गरीबी उन्मूलन के लिए नई पहल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

इसके पीछे का इतिहास 

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसकी नींव 2000 में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित की गई थी। 

विश्व नेताओं के नेतृत्व में इस ऐतिहासिक दस्तावेज ने "एकजुटता" को 21वीं सदी के लिए एक आधार और प्रोत्साहन के रूप में माना। इसने माना कि वैश्वीकरण ने अवसर प्रदान किए, लेकिन इसके लाभ और भार असमान रूप से फैले हुए थे, जिससे काफी संख्या में लोग पीछे छूट गए। 

इसलिए, घोषणापत्र में एक संयुक्त वैश्विक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया गया, जहां जो लोग पीड़ित हैं या जिनकी सबसे कम मदद की जाती है, वे उन व्यक्तियों से सहायता के हकदार हैं जिन्हें सबसे अधिक लाभ मिलता है। इस साझा जिम्मेदारी के विचार के परिणामस्वरूप 2002 में विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की।

क्या है इस दिन का महत्व?

संयुक्त राष्ट्र इस दिवस को इस उद्देश्य से मनाता है कि गरीबी से लड़ने के लिए एकजुटता की संस्कृति और साझा करने की भावना को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास, मानवाधिकार और शांति को बढ़ावा देने के लिए विश्व के देशों और लोगों को एक साथ लाना है।

यह दिन यह जानकारी फैलाता है कि वैश्विक साझेदारी भी वैश्विक सहयोग और एकजुटता की नींव पर ही बनाई जा सकती है, जैसे संयुक्त राष्ट्र का सतत विकास एजेंडा लोगों और ग्रह पर केंद्रित है, जो लोगों को गरीबी, भुखमरी और बीमारी से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित वैश्विक साझेदारी द्वारा समर्थित है।

2005 अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस की हुई स्थापना

साल 2005 में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस की आधिकारिक घोषणा हुई। यह एक वार्षिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया एक-दूसरे को ऊपर उठाने, व्यक्तिगत सफलता को बढ़ावा देने के साथ-साथ पूरे मानव परिवार की समृद्धि के लिए समग्र प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है।

दुनिया में फिर दिखा भारत का दमः विश्व ध्यान दिवस के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी देशों ने लगाई मुहर

#ungaunanimouslyadoptsresolutioncosponsoredbyindiadeclaringdec21worldmeditation_day

वैश्विक स्तर पर एक बार फिर भारत का कद बढ़ा है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के एक सह-प्रायोजित प्रस्ताव पर एकमत से मुहर लगी है। प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया गया है। सभी देशों ने प्रस्ताव को स्वीकारते हुए एकमत से वोटिंग की। अब पूरी दुनिया में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा।

भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व ध्यान दिवस’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। इन्हीं देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को लेकर सभी जानकारियां साथी देशों के सामने रखीं। लिक्टेन्सटाइन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, बल्गेरिया, बुरुंडी, द डॉमिनिकन रिपब्लिक, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया की तरफ से सह-प्रायोजित किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन! मुझे खुशी है कि भारत ने कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाए जाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व ‘‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम’’ पर आधारित है।

21 दिसंबर शीत संक्रांति

यूएन में भारत के राजदूत ने कहा कि 21 दिसंबर शीत संक्रांति का दिन है और भारतीय परंपरा के अनुसार यह दिन 'उत्तरायण' की शुरुआत का दिन है, जो कि साल के शुभ दिनों में से है, खासकर आंतरिक विचारों और ध्यान लगाने के लिए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद ध्यान दिवस

विश्व ध्यान दिवस के साथ एक खास बात यह जुड़ी है कि यह 21 जून को पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद मनाया जाएगा। विश्व ध्यान दिवस से उलट योग दिवस ग्रीष्म संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस तथ्य का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि 2014 में भी भारत ने नेतृत्व करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब एक दशक बाद विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में आम लोगों के लिए योग को उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का वैश्विक आंदोलन बन गया है।

भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में फिलिस्तीन का किया समर्थन, इजराइल के खिलाफ दिया वोट

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भारत ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रुख को बरकरार रखा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में इजराइल के खिलाफ लाए गए एक प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें पूर्वी यरुशलम सहित 1967 से कब्जाए गए फिलिस्तीनी क्षेत्र से इजराइल से वापस जाने का आह्वान किया गया है तथा पश्चिम एशिया में व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने के आह्वान को दोहराया गया है।

यह प्रस्ताव "फिलिस्तीन के सवाल का शांतिपूर्ण समाधान" शीर्षक से पेश किया गया था, जिसे सेनेगल ने प्रस्तावित किया। इसे 157 देशों का समर्थन मिला, जबकि 8 देशों - इजराइल, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, अर्जेंटीना और हंगरी ने इसका विरोध किया। कई देशों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें यूक्रेन, जॉर्जिया और चेकिया शामिल हैं। 

यूएन में पेश हुए इस प्रस्ताव में मांग की गई कि इजराइल 1967 से कब्जाई गए फिलिस्तीन के क्षेत्र, जिसमें पूर्वी यरुशलम का हिस्सा भी शामिल है को खाली करे। प्रस्ताव में फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों, खासकर उनके आत्मनिर्णय के अधिकारों और स्वतंत्र शासन का समर्थन किया गया। इस प्रस्ताव के तहत यूएन महासभा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इजराइल-फलस्तीन के बीच दो शासन से जुड़े हल (टू स्टेट सॉल्यूशन) का समर्थन किया। इसके तहत दोनों देशों के 1967 से पहले वाली सीमा के आधार पर शांति-सुरक्षा के साथ रहने की वकालत की जाती है।

प्रस्ताव में गाजा पट्टी में जनसांख्यिकीय या क्षेत्रीय परिवर्तन के किसी भी प्रयास को अस्वीकार कर दिया गया, जिसमें गाजा के क्षेत्र को सीमित करने वाली कोई भी कार्रवाई शामिल है। प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया कि गाजा पट्टी 1967 में कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा है और यह ‘द्वि-राष्ट्र समाधान के दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जिसमें गाजा पट्टी फिलिस्तीन का हिस्सा होगी।’

संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से इजराइल से फिलिस्तीनी क्षेत्रों को छोड़ने की मांग करता रहा है। यह विवाद दशकों पुराना है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच विभाजन का कारण बना हुआ है। हालांकि, अमेरिका जैसे देश इस तरह के प्रस्तावों का विरोध करते रहे हैं और इजराइल का समर्थन करते हैं।

बिना खांसी-बलगम के सीने में दर्द: फेफड़ों में फंगस का खतरा,हर साल 3 लाख लोगों की लेता है जान ये संक्रमण, न करें अनदेखा



 

फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां अक्सर खांसी और बलगम के साथ आती हैं, लेकिन अगर आपको बिना खांसी या बलगम के भी सीने में दर्द महसूस हो रहा है, तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। 

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन (Fungal Infection in Lungs) एक ऐसी स्थिति है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। हर साल यह समस्या लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण

सीने में दर्द

बिना खांसी और बलगम के यदि लगातार सीने में दर्द बना रहे, तो यह फेफड़ों में फंगस का शुरुआती संकेत हो सकता है।

सांस लेने में कठिनाई

फंगस इंफेक्शन से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे सांस फूलने या घुटन जैसी समस्या हो सकती है।

थकान और कमजोरी

यदि बिना मेहनत के अत्यधिक थकावट या कमजोरी महसूस हो रही हो, तो यह इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।

वजन कम होना

फेफड़ों के इंफेक्शन में अक्सर व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है।

हल्का बुखार

लगातार हल्का बुखार रहना और इसका दवा से ठीक न होना फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन कैसे फैलता है?

फंगल इंफेक्शन मुख्यतः एस्परजिलस (Aspergillus) नामक फंगस के कारण होता है। यह फंगस वातावरण में मौजूद धूल, मिट्टी और सड़े-गले पौधों में पाया जाता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

जोखिम कौन-कौन झेल सकते हैं?

इम्यूनिटी कमजोर होना: HIV, कैंसर या डायबिटीज के मरीज।

लंबे समय तक दवाओं का सेवन: स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स।

अस्पताल में लंबा समय बिताना।

हर साल लाखों मौतों का कारण

फेफड़ों का फंगल इंफेक्शन एक गंभीर समस्या है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 3 लाख लोग इस संक्रमण से जान गंवाते हैं।

न करें इन संकेतों को नजरअंदाज

यदि आपको उपरोक्त लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती स्टेज पर सही इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

बचाव के उपाय

स्वच्छता बनाए रखें: धूल और गंदगी से बचें।

इम्यूनिटी मजबूत करें: पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम।

डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।

मास्क का उपयोग करें: धूल और प्रदूषण से बचाव के लिए।

इस बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। जागरूक रहें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

రంగుమారుతున్న తుంగభద్ర జలం

ఆంధ్ర, కర్ణాటక, తెలంగాణ రాష్ట్రాల జీవనాడి అయిన తుంగభద్ర(Tungabhadra) జలాశయంలో నీరు రోజురోజుకు రంగుమారుతోంది. దీంతో రైతులు ఆందోళన చెందుతున్నారు. ఖరీఫ్‏లో అల్పపీడనం వల్ల ఇబ్బందులు ఎదుర్కొన్న రైతులు ఈ కలుషిత నీటి వల్ల రబీ పంటలో కూడా దెబ్బతింటాయేమోనని ఆందోళన చెందుతున్నారు.

ఆంధ్ర, కర్ణాటక, తెలంగాణ రాష్ట్రాల జీవనాడి అయిన తుంగభద్ర(Tungabhadra) జలాశయంలో నీరు రోజురోజుకు రంగుమారుతోంది. దీంతో రైతులు ఆందోళన చెందుతున్నారు. ఖరీఫ్‏లో అల్పపీడనం వల్ల ఇబ్బందులు ఎదుర్కొన్న రైతులు ఈ కలుషిత నీటి వల్ల రబీ పంటలో కూడా దెబ్బతింటాయేమోనని ఆందోళన చెందుతున్నారు. కొప్పాళ, విజయనగర, బళ్లారి, రాయచూరు(Koppal, Vijayanagara, Bellary, Raichur) జిల్లాలకు కూడా ఈ జలాశయం నుంచి తాగునీరు అందుతుంది.

కలుషిత నీటి వల్ల ఎక్కడ అనారోగ్యానికి గురవుతామోనని ప్రజలు ఆందోళన చెందుతున్నారు. రైతు సంఘ నాయకులు సింధిగేరి గోవిందప్ప మాట్లాడుతూ జలాశయానికి పైభాగంలో ఉండే హరప్పనహళ్లి, హగరి బొమ్మనళ్లి, తదితర ప్రాంతాల్లోని కర్మాగారాలు వ్యర్థ పదార్థాలను జలాశయంలోకి వదులుతుండటం వల్ల నీరు కలుషితమై పచ్చరంగులోకి మారుతున్నాయన్నారు.

దీని వల్ల ఇటు రైతులు నష్టపోయే పరిస్థితి ఉందన్నారు. అలాగే వేసవి సమయంలో కర్ణాటక, ఆంధ్ర, తెలంగాణ రాష్ట్రాల ప్రజలు తాగునీటికి ఇబ్బందిపడే అవకాశం ఉందన్నారు. అధికారులు స్పందించి జలాశయంలో నీరు కలుషితం కాకుండా చూడాలని కోరారు. లేకపోతే జలాశయం ఎదుటనే నిరసనలు చేపడతామని హెచ్చరించారు.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर किया पलटवार: 'यह सबसे बड़ा पाखंड है'

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UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan

भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर पर दिए गए बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कड़ी आलोचना करते हुए इसे "सबसे बड़ा पाखंड" बताया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने वाले शहबाज शरीफ के जवाब में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल किया।

यूएनजीए में एक सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा कि आतंकवाद, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा वाले सैन्य द्वारा संचालित देश ने "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस" किया है।

"आज सुबह इस सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना घटी। मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रहा हूँ। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी, मुंबई, बाजारों और तीर्थस्थलों पर हमला किया है। यह सूची लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है। धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है," भारतीय राजनयिक ने कहा। असली सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर लालच करता है और वास्तव में, जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है, जो भारत का अविभाज्य और अभिन्न अंग है," भाविका मंगलनंदन ने कहा।

पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए भारत ने कहा कि पड़ोसी देश को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद "अनिवार्य रूप से परिणामों को आमंत्रित करेगा" यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों को लगातार सताता है, असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है। हम एक ऐसे देश के बारे में बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की। 

उन्होंने कहा, "एक ऐसा देश जिसकी छाप दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर है, जिसकी नीतियों के कारण कई समाजों के लोग इसे अपना घर बनाने के लिए आकर्षित होते हैं।" कश्मीर पर शरीफ की टिप्पणी को "अस्वीकार्य" बताते हुए राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान सच्चाई को और झूठ से बदलने की कोशिश करेगा। भाविका मंगलनंदन ने कहा, "दोहराव से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।" पाकिस्तान लगातार कई संयुक्त राष्ट्र मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाता रहा है, तब भी जब उसे अपने बयानों पर कोई समर्थन नहीं मिला। हालांकि, भारत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश का अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे।

 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?

 शुक्रवार को यूएनजीए के 79वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया और अनुच्छेद 370 और हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी का जिक्र किया। अपने 20 मिनट से अधिक के भाषण में उन्होंने भारत से "स्थायी शांति सुनिश्चित करने" के लिए अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और "कश्मीरी लोगों की इच्छाओं" के अनुसार जम्मू और कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने को भी कहा। 

शरीफ ने फिलिस्तीनियों और कश्मीरियों के बीच समानता दर्शाते हुए कहा, "इसी तरह, फिलिस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और दावा किया कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना एक परेशान करने वाली वैश्विक घटना है। उन्होंने कहा, "इस्लामोफोबिया की सबसे खतरनाक अभिव्यक्ति भारत में हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडा है। यह आक्रामक रूप से 200 मिलियन मुसलमानों को अधीन करने और भारत की इस्लामी विरासत को मिटाने की कोशिश करता है।"

नेतन्‍याहू के यूएनजीए संबोधन में लगे “शर्म करो” के नारे, फिर भी जंग से पीछे हटने से इनकार

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इजराइल अभी थमने वाला नहीं है। अमेरिका और यूरोप जैसे देश लगातार इजरायल पर सीजफायर का दबाव बना रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे। उन्‍होंने बाइडेन को सीजफायर प्‍लान को रिजेक्‍ट कर दिया है।हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच जारी जंग के चलते अमेरिका, फ्रांस ने 21 दिनों का सीजफायर प्लान बनाया था। इस प्लान को मानने से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ इनकार कर दिया है। नेतन्याहू का कहना है कि किसी भी हालत में इस जंग को नहीं रोका जाएगा और हिजबुल्लाह पर उनकी ओर से बमबारी जारी रहेगी।

न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका-फ्रांस के 21 दिनों के सीजफायर प्लान को मानने से साफ इनकार कर दिया है। जैसे ही इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने विश्व नेताओं को संबोधित करना शुरू किया, कई प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा छोड़ना शुरू कर दिया। दर्शकों ने 'शर्म करो, शर्म करो' चिल्लाना शुरू कर दिया।

इस दौरान नेतन्याहू ने कहा, "जब मैंने इस मंच पर कई वक्ताओं द्वारा अपने देश पर लगाए गए झूठ और बदनामी को सुना, तो मैंने यहां आने और रिकॉर्ड स्थापित करने का फैसला किया।" इज़रायली पीएम ने ईरान को चेतावनी भी दी कि अगर उसने उनके देश पर हमला करने की हिम्मत की, तो "हम जवाबी हमला करेंगे।" उन्होंने कहा कि ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां इजरायली एजेंसियां नहीं पहुंच सकतीं।

नेतन्याहू का कहना है कि किसी भी हालत में इस जंग को नहीं रोका जाएगा और हिजबुल्लाह पर उनकी ओर से बमबारी होती रहेगी। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को पूरा नहीं कर लेते, उनमें से मुख्य है उत्तर में रहने वालों की सुरक्षित उनके घरों में वापसी।

बता दें कि, अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगी देशों ने 21 दिनों के संघर्ष विराम का संयुक्त आह्वान किया है। लेबनान के विदेश मंत्री ने संघर्ष विराम प्रयासों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश इजरायल की ओर से ‘लेबनान के सीमावर्ती गांवों में मचाई जा रही सुनियोजित तबाही’ की निंदा करता है। इस बीच इजरायली वाहनों, टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को लेबनान से सटी देश की उत्तरी सीमा पर जाते हुए देखा गया है। कमांडरों ने रिजर्व सैनिकों को बुलाने का आदेश जारी किया है।

राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का 5 सुनहरी बाग, जन्मदिन पर नए घर में गृह प्रवेश

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज अपने सरकारी आवास 5 सुनहरी बाग में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने आज सुबह अपने जन्मदिन पर इस घर में गृह प्रवेश किया। यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आवंटित किया गया है। इससे पहले वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में रह रहे थे। साल 2023 में राहुल ने 12, तुगलक लेन बंगला खाली कर दिया था, जहां वे 12 साल से रह रहे थे। सांसदी जाने के बाद बंगला खाली करना पड़ा।

राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे

संसदीय आवास समिति ने उन्हें 5 सुनहरी बाग रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग बंगले का ऑप्शन दिया था। इसमें से राहुल ने सुनहरी बाग को चुना। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

इस बंगले में क्या है खास?

राहुल को जो बंगला मिला है वह लुटियंस जोन में है। यहां देश के कई बड़े राजनेताओं, मंत्रियों और जजों के बंगले होते हैं। यह बंगला पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों या आयोग के प्रमुखों को आवंटित होता रहा है। यह हाई सिक्योरिटी एरिया है। बंगले का क्षेत्रफल 2000 से 3000 वर्ग मीटर के करीब है। बंगले में 4 से 5 बड़े बेडरूम और ऑफिस शामिल हैं। मीटिंग हॉल, प्राइवेट लॉन, सुरक्षा कर्मी कक्ष, स्टाफ क्वार्टर और कार पार्किंग भी है। इसमें बड़ी बैठकें, मीडिया कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है, जो विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी की जरूरतों के मुताबिक है।

लोकसभा सदस्यता जाने पर छोड़ा था तुगलक रोड वाला बंगला

23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। 27 मार्च 2023 को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

अरविंद केजरीवाल की बढ़े वाली है मुसीबत, सीएम आवास रिनोवेशन की होगी जांच, CVC ने दिए आदेश

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ने वाली है। दरअसल, सेंट्र्रल विजिलेंस कमिशन यानी सीवीसी ने दिल्ली के सीएम आवास के नवीनीकरण और लग्जरी चीजों की खरीद के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा कराए गए खर्च की जांच करने का आदेश दिया है। सीवीसी ने 13 फरवरी को जांच के आदेश जारी किए हैं। आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्यूडी) की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया। बता दें कि सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला 2015 से अक्टूबर 2024 तक, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों पर पद से इस्तीफा देने के बाद इसे खाली कर दिया था।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आवास पर किए गए खर्च की शिकायत की थी।विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भी इसे लेकर पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास पर अवैध निर्माण और नियमों के घोर उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। साथ उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से आग्रह किया था कि संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण को बिना देरी के हटाया जाए।

एलजी को लिखे अपने पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक धन का उपयोग करके अपने आधिकारिक आवास को शीश महल में बदल दिया, जो पूरी तरह से अवैध और अनैतिक था। ऐसे में संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण को बिना देरी के हटाया जाए। इस शिकायत पर ही कार्रवाई करते हुए ये आदेश जारी किए गए हैं।

वहीं, 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले में रिनोवेशन को लेकर सें सीपीडब्यूडी की रिपोर्ट में कहा गया कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में बने बंगले के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि बंगले के रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। भाजपा ने बंगले को केजरीवाल का शीशमहल नाम दिया है।

आज है अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस, जानें इसका महत्व और इतिहास


नयी दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देशों को अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा उद्देश्यों की दिशा में मिलकर काम करने के लिए एक आह्वान के रूप में कार्य करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देशों को अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा उद्देश्यों की दिशा में मिलकर काम करने के लिए एक आह्वान के रूप में कार्य करता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2005 को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस घोषित किया। हर साल, नागरिकों के बीच सहयोग और एकता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन विविधता में एकता का जश्न मनाता है और हमें गरीबी उन्मूलन के लिए नई पहल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

इसके पीछे का इतिहास 

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसकी नींव 2000 में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित की गई थी। 

विश्व नेताओं के नेतृत्व में इस ऐतिहासिक दस्तावेज ने "एकजुटता" को 21वीं सदी के लिए एक आधार और प्रोत्साहन के रूप में माना। इसने माना कि वैश्वीकरण ने अवसर प्रदान किए, लेकिन इसके लाभ और भार असमान रूप से फैले हुए थे, जिससे काफी संख्या में लोग पीछे छूट गए। 

इसलिए, घोषणापत्र में एक संयुक्त वैश्विक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया गया, जहां जो लोग पीड़ित हैं या जिनकी सबसे कम मदद की जाती है, वे उन व्यक्तियों से सहायता के हकदार हैं जिन्हें सबसे अधिक लाभ मिलता है। इस साझा जिम्मेदारी के विचार के परिणामस्वरूप 2002 में विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की।

क्या है इस दिन का महत्व?

संयुक्त राष्ट्र इस दिवस को इस उद्देश्य से मनाता है कि गरीबी से लड़ने के लिए एकजुटता की संस्कृति और साझा करने की भावना को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास, मानवाधिकार और शांति को बढ़ावा देने के लिए विश्व के देशों और लोगों को एक साथ लाना है।

यह दिन यह जानकारी फैलाता है कि वैश्विक साझेदारी भी वैश्विक सहयोग और एकजुटता की नींव पर ही बनाई जा सकती है, जैसे संयुक्त राष्ट्र का सतत विकास एजेंडा लोगों और ग्रह पर केंद्रित है, जो लोगों को गरीबी, भुखमरी और बीमारी से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित वैश्विक साझेदारी द्वारा समर्थित है।

2005 अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस की हुई स्थापना

साल 2005 में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस की आधिकारिक घोषणा हुई। यह एक वार्षिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया एक-दूसरे को ऊपर उठाने, व्यक्तिगत सफलता को बढ़ावा देने के साथ-साथ पूरे मानव परिवार की समृद्धि के लिए समग्र प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है।

दुनिया में फिर दिखा भारत का दमः विश्व ध्यान दिवस के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी देशों ने लगाई मुहर

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वैश्विक स्तर पर एक बार फिर भारत का कद बढ़ा है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के एक सह-प्रायोजित प्रस्ताव पर एकमत से मुहर लगी है। प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया गया है। सभी देशों ने प्रस्ताव को स्वीकारते हुए एकमत से वोटिंग की। अब पूरी दुनिया में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा।

भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व ध्यान दिवस’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। इन्हीं देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को लेकर सभी जानकारियां साथी देशों के सामने रखीं। लिक्टेन्सटाइन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, बल्गेरिया, बुरुंडी, द डॉमिनिकन रिपब्लिक, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया की तरफ से सह-प्रायोजित किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन! मुझे खुशी है कि भारत ने कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाए जाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व ‘‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम’’ पर आधारित है।

21 दिसंबर शीत संक्रांति

यूएन में भारत के राजदूत ने कहा कि 21 दिसंबर शीत संक्रांति का दिन है और भारतीय परंपरा के अनुसार यह दिन 'उत्तरायण' की शुरुआत का दिन है, जो कि साल के शुभ दिनों में से है, खासकर आंतरिक विचारों और ध्यान लगाने के लिए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद ध्यान दिवस

विश्व ध्यान दिवस के साथ एक खास बात यह जुड़ी है कि यह 21 जून को पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद मनाया जाएगा। विश्व ध्यान दिवस से उलट योग दिवस ग्रीष्म संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस तथ्य का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि 2014 में भी भारत ने नेतृत्व करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब एक दशक बाद विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में आम लोगों के लिए योग को उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का वैश्विक आंदोलन बन गया है।

भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में फिलिस्तीन का किया समर्थन, इजराइल के खिलाफ दिया वोट

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भारत ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रुख को बरकरार रखा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में इजराइल के खिलाफ लाए गए एक प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें पूर्वी यरुशलम सहित 1967 से कब्जाए गए फिलिस्तीनी क्षेत्र से इजराइल से वापस जाने का आह्वान किया गया है तथा पश्चिम एशिया में व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने के आह्वान को दोहराया गया है।

यह प्रस्ताव "फिलिस्तीन के सवाल का शांतिपूर्ण समाधान" शीर्षक से पेश किया गया था, जिसे सेनेगल ने प्रस्तावित किया। इसे 157 देशों का समर्थन मिला, जबकि 8 देशों - इजराइल, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, अर्जेंटीना और हंगरी ने इसका विरोध किया। कई देशों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें यूक्रेन, जॉर्जिया और चेकिया शामिल हैं। 

यूएन में पेश हुए इस प्रस्ताव में मांग की गई कि इजराइल 1967 से कब्जाई गए फिलिस्तीन के क्षेत्र, जिसमें पूर्वी यरुशलम का हिस्सा भी शामिल है को खाली करे। प्रस्ताव में फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों, खासकर उनके आत्मनिर्णय के अधिकारों और स्वतंत्र शासन का समर्थन किया गया। इस प्रस्ताव के तहत यूएन महासभा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इजराइल-फलस्तीन के बीच दो शासन से जुड़े हल (टू स्टेट सॉल्यूशन) का समर्थन किया। इसके तहत दोनों देशों के 1967 से पहले वाली सीमा के आधार पर शांति-सुरक्षा के साथ रहने की वकालत की जाती है।

प्रस्ताव में गाजा पट्टी में जनसांख्यिकीय या क्षेत्रीय परिवर्तन के किसी भी प्रयास को अस्वीकार कर दिया गया, जिसमें गाजा के क्षेत्र को सीमित करने वाली कोई भी कार्रवाई शामिल है। प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया कि गाजा पट्टी 1967 में कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा है और यह ‘द्वि-राष्ट्र समाधान के दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जिसमें गाजा पट्टी फिलिस्तीन का हिस्सा होगी।’

संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से इजराइल से फिलिस्तीनी क्षेत्रों को छोड़ने की मांग करता रहा है। यह विवाद दशकों पुराना है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच विभाजन का कारण बना हुआ है। हालांकि, अमेरिका जैसे देश इस तरह के प्रस्तावों का विरोध करते रहे हैं और इजराइल का समर्थन करते हैं।

बिना खांसी-बलगम के सीने में दर्द: फेफड़ों में फंगस का खतरा,हर साल 3 लाख लोगों की लेता है जान ये संक्रमण, न करें अनदेखा



 

फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां अक्सर खांसी और बलगम के साथ आती हैं, लेकिन अगर आपको बिना खांसी या बलगम के भी सीने में दर्द महसूस हो रहा है, तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। 

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन (Fungal Infection in Lungs) एक ऐसी स्थिति है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। हर साल यह समस्या लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण

सीने में दर्द

बिना खांसी और बलगम के यदि लगातार सीने में दर्द बना रहे, तो यह फेफड़ों में फंगस का शुरुआती संकेत हो सकता है।

सांस लेने में कठिनाई

फंगस इंफेक्शन से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे सांस फूलने या घुटन जैसी समस्या हो सकती है।

थकान और कमजोरी

यदि बिना मेहनत के अत्यधिक थकावट या कमजोरी महसूस हो रही हो, तो यह इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।

वजन कम होना

फेफड़ों के इंफेक्शन में अक्सर व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है।

हल्का बुखार

लगातार हल्का बुखार रहना और इसका दवा से ठीक न होना फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन कैसे फैलता है?

फंगल इंफेक्शन मुख्यतः एस्परजिलस (Aspergillus) नामक फंगस के कारण होता है। यह फंगस वातावरण में मौजूद धूल, मिट्टी और सड़े-गले पौधों में पाया जाता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

जोखिम कौन-कौन झेल सकते हैं?

इम्यूनिटी कमजोर होना: HIV, कैंसर या डायबिटीज के मरीज।

लंबे समय तक दवाओं का सेवन: स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स।

अस्पताल में लंबा समय बिताना।

हर साल लाखों मौतों का कारण

फेफड़ों का फंगल इंफेक्शन एक गंभीर समस्या है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 3 लाख लोग इस संक्रमण से जान गंवाते हैं।

न करें इन संकेतों को नजरअंदाज

यदि आपको उपरोक्त लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती स्टेज पर सही इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

बचाव के उपाय

स्वच्छता बनाए रखें: धूल और गंदगी से बचें।

इम्यूनिटी मजबूत करें: पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम।

डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।

मास्क का उपयोग करें: धूल और प्रदूषण से बचाव के लिए।

इस बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। जागरूक रहें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

రంగుమారుతున్న తుంగభద్ర జలం

ఆంధ్ర, కర్ణాటక, తెలంగాణ రాష్ట్రాల జీవనాడి అయిన తుంగభద్ర(Tungabhadra) జలాశయంలో నీరు రోజురోజుకు రంగుమారుతోంది. దీంతో రైతులు ఆందోళన చెందుతున్నారు. ఖరీఫ్‏లో అల్పపీడనం వల్ల ఇబ్బందులు ఎదుర్కొన్న రైతులు ఈ కలుషిత నీటి వల్ల రబీ పంటలో కూడా దెబ్బతింటాయేమోనని ఆందోళన చెందుతున్నారు.

ఆంధ్ర, కర్ణాటక, తెలంగాణ రాష్ట్రాల జీవనాడి అయిన తుంగభద్ర(Tungabhadra) జలాశయంలో నీరు రోజురోజుకు రంగుమారుతోంది. దీంతో రైతులు ఆందోళన చెందుతున్నారు. ఖరీఫ్‏లో అల్పపీడనం వల్ల ఇబ్బందులు ఎదుర్కొన్న రైతులు ఈ కలుషిత నీటి వల్ల రబీ పంటలో కూడా దెబ్బతింటాయేమోనని ఆందోళన చెందుతున్నారు. కొప్పాళ, విజయనగర, బళ్లారి, రాయచూరు(Koppal, Vijayanagara, Bellary, Raichur) జిల్లాలకు కూడా ఈ జలాశయం నుంచి తాగునీరు అందుతుంది.

కలుషిత నీటి వల్ల ఎక్కడ అనారోగ్యానికి గురవుతామోనని ప్రజలు ఆందోళన చెందుతున్నారు. రైతు సంఘ నాయకులు సింధిగేరి గోవిందప్ప మాట్లాడుతూ జలాశయానికి పైభాగంలో ఉండే హరప్పనహళ్లి, హగరి బొమ్మనళ్లి, తదితర ప్రాంతాల్లోని కర్మాగారాలు వ్యర్థ పదార్థాలను జలాశయంలోకి వదులుతుండటం వల్ల నీరు కలుషితమై పచ్చరంగులోకి మారుతున్నాయన్నారు.

దీని వల్ల ఇటు రైతులు నష్టపోయే పరిస్థితి ఉందన్నారు. అలాగే వేసవి సమయంలో కర్ణాటక, ఆంధ్ర, తెలంగాణ రాష్ట్రాల ప్రజలు తాగునీటికి ఇబ్బందిపడే అవకాశం ఉందన్నారు. అధికారులు స్పందించి జలాశయంలో నీరు కలుషితం కాకుండా చూడాలని కోరారు. లేకపోతే జలాశయం ఎదుటనే నిరసనలు చేపడతామని హెచ్చరించారు.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर किया पलटवार: 'यह सबसे बड़ा पाखंड है'

#pakistangetsslammedatunformakingcommentson_kashmir

UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan

भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर पर दिए गए बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कड़ी आलोचना करते हुए इसे "सबसे बड़ा पाखंड" बताया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने वाले शहबाज शरीफ के जवाब में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल किया।

यूएनजीए में एक सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा कि आतंकवाद, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा वाले सैन्य द्वारा संचालित देश ने "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस" किया है।

"आज सुबह इस सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना घटी। मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रहा हूँ। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी, मुंबई, बाजारों और तीर्थस्थलों पर हमला किया है। यह सूची लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है। धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है," भारतीय राजनयिक ने कहा। असली सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर लालच करता है और वास्तव में, जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है, जो भारत का अविभाज्य और अभिन्न अंग है," भाविका मंगलनंदन ने कहा।

पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए भारत ने कहा कि पड़ोसी देश को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद "अनिवार्य रूप से परिणामों को आमंत्रित करेगा" यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों को लगातार सताता है, असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है। हम एक ऐसे देश के बारे में बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की। 

उन्होंने कहा, "एक ऐसा देश जिसकी छाप दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर है, जिसकी नीतियों के कारण कई समाजों के लोग इसे अपना घर बनाने के लिए आकर्षित होते हैं।" कश्मीर पर शरीफ की टिप्पणी को "अस्वीकार्य" बताते हुए राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान सच्चाई को और झूठ से बदलने की कोशिश करेगा। भाविका मंगलनंदन ने कहा, "दोहराव से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।" पाकिस्तान लगातार कई संयुक्त राष्ट्र मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाता रहा है, तब भी जब उसे अपने बयानों पर कोई समर्थन नहीं मिला। हालांकि, भारत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश का अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे।

 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?

 शुक्रवार को यूएनजीए के 79वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया और अनुच्छेद 370 और हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी का जिक्र किया। अपने 20 मिनट से अधिक के भाषण में उन्होंने भारत से "स्थायी शांति सुनिश्चित करने" के लिए अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और "कश्मीरी लोगों की इच्छाओं" के अनुसार जम्मू और कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने को भी कहा। 

शरीफ ने फिलिस्तीनियों और कश्मीरियों के बीच समानता दर्शाते हुए कहा, "इसी तरह, फिलिस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और दावा किया कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना एक परेशान करने वाली वैश्विक घटना है। उन्होंने कहा, "इस्लामोफोबिया की सबसे खतरनाक अभिव्यक्ति भारत में हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडा है। यह आक्रामक रूप से 200 मिलियन मुसलमानों को अधीन करने और भारत की इस्लामी विरासत को मिटाने की कोशिश करता है।"

नेतन्‍याहू के यूएनजीए संबोधन में लगे “शर्म करो” के नारे, फिर भी जंग से पीछे हटने से इनकार

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इजराइल अभी थमने वाला नहीं है। अमेरिका और यूरोप जैसे देश लगातार इजरायल पर सीजफायर का दबाव बना रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे। उन्‍होंने बाइडेन को सीजफायर प्‍लान को रिजेक्‍ट कर दिया है।हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच जारी जंग के चलते अमेरिका, फ्रांस ने 21 दिनों का सीजफायर प्लान बनाया था। इस प्लान को मानने से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ इनकार कर दिया है। नेतन्याहू का कहना है कि किसी भी हालत में इस जंग को नहीं रोका जाएगा और हिजबुल्लाह पर उनकी ओर से बमबारी जारी रहेगी।

न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका-फ्रांस के 21 दिनों के सीजफायर प्लान को मानने से साफ इनकार कर दिया है। जैसे ही इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने विश्व नेताओं को संबोधित करना शुरू किया, कई प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा छोड़ना शुरू कर दिया। दर्शकों ने 'शर्म करो, शर्म करो' चिल्लाना शुरू कर दिया।

इस दौरान नेतन्याहू ने कहा, "जब मैंने इस मंच पर कई वक्ताओं द्वारा अपने देश पर लगाए गए झूठ और बदनामी को सुना, तो मैंने यहां आने और रिकॉर्ड स्थापित करने का फैसला किया।" इज़रायली पीएम ने ईरान को चेतावनी भी दी कि अगर उसने उनके देश पर हमला करने की हिम्मत की, तो "हम जवाबी हमला करेंगे।" उन्होंने कहा कि ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां इजरायली एजेंसियां नहीं पहुंच सकतीं।

नेतन्याहू का कहना है कि किसी भी हालत में इस जंग को नहीं रोका जाएगा और हिजबुल्लाह पर उनकी ओर से बमबारी होती रहेगी। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को पूरा नहीं कर लेते, उनमें से मुख्य है उत्तर में रहने वालों की सुरक्षित उनके घरों में वापसी।

बता दें कि, अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगी देशों ने 21 दिनों के संघर्ष विराम का संयुक्त आह्वान किया है। लेबनान के विदेश मंत्री ने संघर्ष विराम प्रयासों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश इजरायल की ओर से ‘लेबनान के सीमावर्ती गांवों में मचाई जा रही सुनियोजित तबाही’ की निंदा करता है। इस बीच इजरायली वाहनों, टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को लेबनान से सटी देश की उत्तरी सीमा पर जाते हुए देखा गया है। कमांडरों ने रिजर्व सैनिकों को बुलाने का आदेश जारी किया है।