India

Aug 02 2024, 19:59

तुर्की सरकार ने इंस्टाग्राम पर लगाया बैन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

#turkey_blocked_instagram 

तुर्की ने अचानक ही पूरे देश में इंस्टाग्राम पर रोक लगा दी है। देश के सूचना प्रौद्योगिकी नियामक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के वजह को लेकर तुर्की की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा यह प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इंस्टाग्राम पर यह प्रतिबंध हमास के बड़े नेता इस्माइल हनीया की मौत की वजह से लगाया गया है।

माना जा रहा है कि इंस्टाग्राम ने इस्माइल हनीया की मौत वाले शोक संदेश को ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद तुर्की की सरकार ने ये कदम उठाया है। दरअसल, तुर्की के संचार अधिकारी फहरेटिन अल्तुन की बुधवार को इंस्टाग्राम की आलोचना करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म ने हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या पर शोक संदेशों को ब्लॉक कर दिया है।

अल्तुन ने एक्स पर कहा,यह सेंसरशिप है, पूरी तरह से।उन्होंने कहा कि इंस्टाग्राम ने अपने इस कदम के लिए कोई नीतिगत उल्लंघन का हवाला नहीं दिया है। हम इन प्लेटफॉर्म के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना जारी रखेंगे, जिन्होंने बार-बार दिखाया है कि वे शोषण और अन्याय की वैश्विक व्यवस्था की सेवा करते हैं। हम हर अवसर पर और हर मंच पर अपने फलस्तीनी भाइयों के साथ खड़े रहेंगे। फलस्तीन जल्द या बाद में आजाद होगा। इजरायल और उसके समर्थक इसे रोक नहीं पाएंगे।

मीडिया रिपोर्सट्स के मुताबिक इंस्टाग्राम पर लगाए गए बैन की वजह से 5 करोड़ यूजर्स प्रभावित हुए है। तुर्की की कुल आबादी लगभग 8.5 करोड़ है। ऐसे में तुर्की की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करता है।

हालांकि तुर्किये में ऐसा में पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी सोशल मीडिया ऐप या बेवसाइट को बैन किया गया है। इससे पहले भी तुर्किये विकीपीडिया को बैन कर चुका है। उसने साल 2017 से 2020 के बीच विकीपीडिया को उग्रवाद और राष्ट्रपति से जुड़े आर्टिकल के चलते बैन कर दिया था।

India

Sep 20 2023, 13:33

कम नहीं हो रहा तुर्की का “पाक” प्रेम, एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिर उठाया कश्मीर मुद्दा

#turkeypresidentreceptayyiperdoganraiseskashmirissuein_unga

A

अपने दोस्त पाकिस्तान को खुश करने के लिए तुर्की ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है।तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए। इससे क्षेत्र में स्थिरता आएगी। 

राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। एर्दोगन ने मंगलवार को महासभा की आम बहस में विश्व नेताओं को दिए संबोधन में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और सहयोग के जरिये कश्मीर में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति की स्थापना कर दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तुर्किये इस दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा।’‘

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की उठाई मांग

हालांकि, एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बड़े बदलावों की वकालत करने लिए भारत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि भारत यूएनएससी में एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस बीच अर्दोआन ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों पर निशाना साधा और कहा कि वह चाहते हैं कि यूएनएससी के 15 अस्थायी सदस्यों को भी सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाए। एर्दोगन ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इन 20 देशों (पांच स्थायी सदस्यों+15 अस्थायी सदस्यों) को यूएनएससी में बदल-बदलकर स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। क्योंकि दुनिया इन पांच स्थायी सदस्यों से बड़ी है। हमारा कहना सिर्फ इतना है कि दुनिया महज अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस तक सीमित नहीं है।"

एर्दोगन कश्मीर को बता चुके हैं एक ज्वलंत मुद्दा

बता दें कि कश्मीर को लेकर एर्दोगन का यह बयान उनके पुराने बयानों की अपेक्षा काफी हल्का है। साल 2020 में एर्दोगन ने कश्मीर को एक ज्वलंत मुद्दा बताया था। इसके साथ उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को लेकर भारत की आलोचना भी की थी। वहीं पिछले साल उन्होंने जोर देकर कहा था कि संयुक्त राष्ट्र रिजोल्यूशन अपनाए जाने के बावजूद, कश्मीर अभी भी घिरा हुआ है और 80 लाख लोग फंसे हुए हैं।हालांकि, भारत ने अर्दोआन के बयानों की निंदा की थी और देश की स्वायत्ता का सम्मान करने की मांग की थी।

FirstReporter

Jun 14 2023, 12:34

Story of Yezidi survivor from lSlS

Rosita is a Yezidi survivor from lSlS who was kidnapped when she was 8 yrs.

A 70 yrs old Sunni bought her and her with his 5 sons in turn.

lSlS kiIIed her father for refusing to convert to lsIam.

Her mother suicided in captivity.

Today she celebrates 1 yr of her freedom.

Rosita was moved between Iraq and Syria where she was sold dozens of times and Yezidis are welcoming her back after being rescued from lSlS.

Her father was kiIIed after refusing to convert.

She was moved with her mother to Tal Afar, then Mosul and Raqqa.

They were returned to iraq and she was separated from her mother.

Her mother was taken as sIave and suicided because couldn’t bear her lose of daughter and husband

Rosita: "I was afraid to reveal I’m Yezidi, and, I would be subjected to more abuse by lSlS women in Alhull camp"

Later, Rusita reunited with her relatives in Iraq after 8 years.

ISlS killed her father and uncles for refusing to convert to lsIam.

Rosita was welcomed in Lalish which is the most holy place of Yezidis.

After 9 years there are still 2707 Yezidis are In lSlS captivity in Iraq, Syria and Turkey.

There is no action to rescue them.

At least 150 Yezidi women suicided in lsIamic state captivity and refused ensIavement under sharia law.

7000 Yezidis were kidnapped and ensIaved.

19 Yezidis were burned in 2015 in Mosul.

50 Yezidis were beheaded by lSlS in 2017

India

Feb 11 2023, 12:03

*तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 24000 पार, मदद के लिए दुनिया के 70 से अधिक देश आए आगे *

#deathtollinturkeysyriaearthquakecrosses_24,000

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है।भूकंप प्रभावितों को रेस्क्यू करने का काम जारी है। जैसे-जैसे इमारतों का मलबा हटाया जा रहा है, मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। अब तक इन विनाशकारी भूकंप ने 24,000 से ज्यादा जिंदगियां लील ली है।एक दिन पहले तक मृतकों का जो आंकड़ा 22 हजार पर था, वो अब बढ़कर 24 हजार को भी पार कर गया है। 

तुर्की में 20 हजार से ज्यादा मौतें

तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई तबाही के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं। भूकंप के छह दिन बाद भी मृतकों की संख्या में लगाम नहीं लगा है। जान गंवाने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। तुर्का में अब तक 20,213 लोगों की जान जा चुकी है और 80 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। कई जगह अस्थाई कब्रिस्तान बनाकर शवों को दफनाने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

सीरिया में कितनों की गई जान

वहीं, सीरिया में 4,467 लोगों की जान गई है और 5 हजार से ज्यादा जख्मी हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी बीएनओ ने यह जानकारी दी है। मृतकों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि जगह कम पड़ रही है। सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी होने की आशंका है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रेस्क्यू ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ-साथ मरने वालों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। इस वक्त हजारों लोग भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल में भर्ती हैं।अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

World

Feb 08 2023, 12:06

*तुर्की में त्राहीमामः विनाशकारी भूकंप के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी, अब तक 8 हजार के करीब मौतें*

#turkeysyriaearthquakes 

तुर्की और सीरिया में भूकंप से आई तबाही के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। हर तरफ चीख-पुकार और मलबों के बीच अपनों को खोजते मायूस चेहरे नजर आ रहे हैं। विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हजार के करीब पहुंच गया है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं।

अभी और बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं है। अधिकारियों को आशंका है कि भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में अब भी जुटे हैं। कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेस्क्यू में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे

तुर्किये और सीरिया में मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू के काम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जुटे हुए हैं। तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसी तरह अमेरिका, चीन समेत कई देशों से दोनों देशों को मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम कम पड़ गई है।

एक्सपर्टस का दावा भूकंप के चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया

इस बीच एक्सपर्टस ने बताया है कि यह भूकंप इतना ताकतवर था कि इसके चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने इस बारे में डिटेल जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।

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Aug 02 2024, 19:59

तुर्की सरकार ने इंस्टाग्राम पर लगाया बैन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

#turkey_blocked_instagram 

तुर्की ने अचानक ही पूरे देश में इंस्टाग्राम पर रोक लगा दी है। देश के सूचना प्रौद्योगिकी नियामक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के वजह को लेकर तुर्की की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा यह प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इंस्टाग्राम पर यह प्रतिबंध हमास के बड़े नेता इस्माइल हनीया की मौत की वजह से लगाया गया है।

माना जा रहा है कि इंस्टाग्राम ने इस्माइल हनीया की मौत वाले शोक संदेश को ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद तुर्की की सरकार ने ये कदम उठाया है। दरअसल, तुर्की के संचार अधिकारी फहरेटिन अल्तुन की बुधवार को इंस्टाग्राम की आलोचना करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म ने हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या पर शोक संदेशों को ब्लॉक कर दिया है।

अल्तुन ने एक्स पर कहा,यह सेंसरशिप है, पूरी तरह से।उन्होंने कहा कि इंस्टाग्राम ने अपने इस कदम के लिए कोई नीतिगत उल्लंघन का हवाला नहीं दिया है। हम इन प्लेटफॉर्म के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना जारी रखेंगे, जिन्होंने बार-बार दिखाया है कि वे शोषण और अन्याय की वैश्विक व्यवस्था की सेवा करते हैं। हम हर अवसर पर और हर मंच पर अपने फलस्तीनी भाइयों के साथ खड़े रहेंगे। फलस्तीन जल्द या बाद में आजाद होगा। इजरायल और उसके समर्थक इसे रोक नहीं पाएंगे।

मीडिया रिपोर्सट्स के मुताबिक इंस्टाग्राम पर लगाए गए बैन की वजह से 5 करोड़ यूजर्स प्रभावित हुए है। तुर्की की कुल आबादी लगभग 8.5 करोड़ है। ऐसे में तुर्की की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करता है।

हालांकि तुर्किये में ऐसा में पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी सोशल मीडिया ऐप या बेवसाइट को बैन किया गया है। इससे पहले भी तुर्किये विकीपीडिया को बैन कर चुका है। उसने साल 2017 से 2020 के बीच विकीपीडिया को उग्रवाद और राष्ट्रपति से जुड़े आर्टिकल के चलते बैन कर दिया था।

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Sep 20 2023, 13:33

कम नहीं हो रहा तुर्की का “पाक” प्रेम, एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिर उठाया कश्मीर मुद्दा

#turkeypresidentreceptayyiperdoganraiseskashmirissuein_unga

A

अपने दोस्त पाकिस्तान को खुश करने के लिए तुर्की ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है।तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए। इससे क्षेत्र में स्थिरता आएगी। 

राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। एर्दोगन ने मंगलवार को महासभा की आम बहस में विश्व नेताओं को दिए संबोधन में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और सहयोग के जरिये कश्मीर में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति की स्थापना कर दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तुर्किये इस दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा।’‘

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की उठाई मांग

हालांकि, एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बड़े बदलावों की वकालत करने लिए भारत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि भारत यूएनएससी में एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस बीच अर्दोआन ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों पर निशाना साधा और कहा कि वह चाहते हैं कि यूएनएससी के 15 अस्थायी सदस्यों को भी सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाए। एर्दोगन ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इन 20 देशों (पांच स्थायी सदस्यों+15 अस्थायी सदस्यों) को यूएनएससी में बदल-बदलकर स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। क्योंकि दुनिया इन पांच स्थायी सदस्यों से बड़ी है। हमारा कहना सिर्फ इतना है कि दुनिया महज अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस तक सीमित नहीं है।"

एर्दोगन कश्मीर को बता चुके हैं एक ज्वलंत मुद्दा

बता दें कि कश्मीर को लेकर एर्दोगन का यह बयान उनके पुराने बयानों की अपेक्षा काफी हल्का है। साल 2020 में एर्दोगन ने कश्मीर को एक ज्वलंत मुद्दा बताया था। इसके साथ उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को लेकर भारत की आलोचना भी की थी। वहीं पिछले साल उन्होंने जोर देकर कहा था कि संयुक्त राष्ट्र रिजोल्यूशन अपनाए जाने के बावजूद, कश्मीर अभी भी घिरा हुआ है और 80 लाख लोग फंसे हुए हैं।हालांकि, भारत ने अर्दोआन के बयानों की निंदा की थी और देश की स्वायत्ता का सम्मान करने की मांग की थी।

FirstReporter

Jun 14 2023, 12:34

Story of Yezidi survivor from lSlS

Rosita is a Yezidi survivor from lSlS who was kidnapped when she was 8 yrs.

A 70 yrs old Sunni bought her and her with his 5 sons in turn.

lSlS kiIIed her father for refusing to convert to lsIam.

Her mother suicided in captivity.

Today she celebrates 1 yr of her freedom.

Rosita was moved between Iraq and Syria where she was sold dozens of times and Yezidis are welcoming her back after being rescued from lSlS.

Her father was kiIIed after refusing to convert.

She was moved with her mother to Tal Afar, then Mosul and Raqqa.

They were returned to iraq and she was separated from her mother.

Her mother was taken as sIave and suicided because couldn’t bear her lose of daughter and husband

Rosita: "I was afraid to reveal I’m Yezidi, and, I would be subjected to more abuse by lSlS women in Alhull camp"

Later, Rusita reunited with her relatives in Iraq after 8 years.

ISlS killed her father and uncles for refusing to convert to lsIam.

Rosita was welcomed in Lalish which is the most holy place of Yezidis.

After 9 years there are still 2707 Yezidis are In lSlS captivity in Iraq, Syria and Turkey.

There is no action to rescue them.

At least 150 Yezidi women suicided in lsIamic state captivity and refused ensIavement under sharia law.

7000 Yezidis were kidnapped and ensIaved.

19 Yezidis were burned in 2015 in Mosul.

50 Yezidis were beheaded by lSlS in 2017

India

Feb 11 2023, 12:03

*तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 24000 पार, मदद के लिए दुनिया के 70 से अधिक देश आए आगे *

#deathtollinturkeysyriaearthquakecrosses_24,000

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है।भूकंप प्रभावितों को रेस्क्यू करने का काम जारी है। जैसे-जैसे इमारतों का मलबा हटाया जा रहा है, मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। अब तक इन विनाशकारी भूकंप ने 24,000 से ज्यादा जिंदगियां लील ली है।एक दिन पहले तक मृतकों का जो आंकड़ा 22 हजार पर था, वो अब बढ़कर 24 हजार को भी पार कर गया है। 

तुर्की में 20 हजार से ज्यादा मौतें

तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई तबाही के बाद हालात बदतर होते जा रहे हैं। भूकंप के छह दिन बाद भी मृतकों की संख्या में लगाम नहीं लगा है। जान गंवाने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। तुर्का में अब तक 20,213 लोगों की जान जा चुकी है और 80 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। कई जगह अस्थाई कब्रिस्तान बनाकर शवों को दफनाने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

सीरिया में कितनों की गई जान

वहीं, सीरिया में 4,467 लोगों की जान गई है और 5 हजार से ज्यादा जख्मी हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी बीएनओ ने यह जानकारी दी है। मृतकों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि जगह कम पड़ रही है। सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी होने की आशंका है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रेस्क्यू ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ-साथ मरने वालों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। इस वक्त हजारों लोग भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल में भर्ती हैं।अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

World

Feb 08 2023, 12:06

*तुर्की में त्राहीमामः विनाशकारी भूकंप के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी, अब तक 8 हजार के करीब मौतें*

#turkeysyriaearthquakes 

तुर्की और सीरिया में भूकंप से आई तबाही के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। हर तरफ चीख-पुकार और मलबों के बीच अपनों को खोजते मायूस चेहरे नजर आ रहे हैं। विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हजार के करीब पहुंच गया है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं।

अभी और बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं है। अधिकारियों को आशंका है कि भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में अब भी जुटे हैं। कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेस्क्यू में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे

तुर्किये और सीरिया में मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू के काम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जुटे हुए हैं। तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसी तरह अमेरिका, चीन समेत कई देशों से दोनों देशों को मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम कम पड़ गई है।

एक्सपर्टस का दावा भूकंप के चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया

इस बीच एक्सपर्टस ने बताया है कि यह भूकंप इतना ताकतवर था कि इसके चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने इस बारे में डिटेल जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।