आदिवासी समाज के उत्पीड़न को लेकर शुरू किया अनिश्चितकाल धरना, दूसरे दिन भी रहा जारी

मीरजापुर। भाकपा माले एवं खेत मजदूर सभा के तत्वावधान में भट्ठा मजदूर करीमन व सोना वनवासी के अपहरणकर्ता बब्लू पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तथा
दलित युवक जितेन्द्र की हत्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को दूसरे भी अनवरत जारी रहा है। इस दौरान भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के राज में दलितों, गरीबों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत चरमोत्कर्ष पर है। मोदी-शाह की नाक के नीचे देश के मुख्य न्यायाधीश को भरी कोर्ट में जूता फेंक कर अपमानित किया गया और सरकार मौन है। प्रदेश की डबल इंजन की सरकार में मिर्जापुर में दबंग अपराधी पुलिस गठजोड़ इतना मजबूत है कि आम जनता की आवाज को एकदम अनसुना कर दिया जा रहा है। भट्टा मजदूर करीमन व सोना वनवासी के अपहरणकर्ता बबलू पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, दलित युवक जितेंद्र की हत्या की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर भाकपा माले व अखिल भारतीय खेत-मजदूर सभा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन करके जिला व पुलिस प्रशासन को ज्ञापन दिया, किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा जगह-जगह दबंगों व राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से गरीबों की पुस्तैनी जमीन से वेदखली व घरों से बुल्डोज करने का अभियान चल रहा है। जीरा भारती ने कहा गरीबों को घरों से बेघर करना एक प्रकार से उनका वोट का अधिकार छीन कर नागरिकता से भी बचित करने का भाजपा का दूरगामी एजेंडा है। योगी सरकार जहां गरीबों को झोपड़ी देने को तैयार नही है वहीं किसानों से जमीन लेकर अडानी कंपनी को मुक्त में जमीनें दान कर रही है। उन्होंने कहा अभी जनपद में बाढ़ से किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई। घर की जमा पूंजी भी चली गई। सरकार का कोई नुमाइंदा किसानों का हाल-चाल भी जानने नहीं गया। रबी की बुआई का काम शुरू हो गया है सरकारी खाद व बीज सोसाइटियों पर उपलब्ध नहीं है। गांव में मनरेगा भी ठप्प है। इसलिए भाकपा माले, किसान महासभा तथा खेग्रामस ने जिला प्रशासन को अपने धरना, प्रदर्शन द्वारा पूर्व में दिए गए ज्ञापनों पर हुई कार्रवाई का जवाब जानने तथा अपनी अन्य मांगों को लेकर 16 अक्टूबर से जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू की हैं। इस दौरान बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों का उचित मुबावजा देने, अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी करो, गरीब के कब्जे में घर व जमीन को विनियमित करने, किसी भी तरह के हस्तक्षेप व बुल्डोजर पर रोक लगाने, बकाया बिजली बिल माफ करने, दो सौ युनिट मुफ्त बिजली देने बिजली निजीकरण पर रोक लगाने, किसानों व गरीबों के सरकारी, माइक्रो फाइनेंस व अन्य सभी कर्ज माफ करने सहित हरदी कला गांव में वन विभाग व राजस्व विभाग में विवाद की वजह से पीढ़ियों से बसे लोगों के जीवन व कृषि कार्य में लगातार बाधा आ रही है के विवाद का शीघ्र निराकरण किया जाए व उजाड़ने की कार्यवाही पर रोक लगाया जाने की मांग की गई। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं बुजुर्ग बच्चों सहित डटे रहे हैं। इस दौरान सुरेश बियार, मंजू कोल, पार्वती गोंड, विनोद भारती, हरिशंकर विश्वकर्मा, चिंता बियार, भक्त प्रसाद श्रीवास्तव, इत्यादि मौजूद रहे हैं।
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