आजमगढ़ ::सपा के दसों विधायकों और सांसद धर्मेंद्र यादव ने SIR में हो रही समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मिला

उपेन्द्र कुमार पांडेय 

 आजमगढ़। SIR से हो रही समस्याओं के संबंध में दसों विधायकों संग सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने डीएम रविन्द्र कुमार से मुलाकात कर अवगत कराया है। जिसके बाद मीडिया से रूबरू हुए सांसद धर्मेंद्र यादव भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि SIR को लेकर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्लॉक स्तर पर अधिकारी भेदभाव कर रहे है तो कई जगहों पर मतदाताओं के नाम काटे जा रहे है। यह भाजपा का चुनाव जीतने का हथकंडा है। लेकिन जनता इसका जवाब 2027 में देगी। दो दिन पहले पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ का तंज की खेसारी लाल यादव के जैसे ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव का होगा हस्र के सवाल पर सपा सांसद धर्मेंद्र ने निरहुआ को बड़बोला की उपाधि से नवाजते हुए ब्रह्मा को चुनौती देने वाला कह कर जवाब देने से टाल दिया। इस दौरान सपा प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, विधायक संग्राम यादव, विधायक अखिलेश यादव, विधायक डॉक्टर एच एन पटेल, प्रवक्ता विवेक सिंह सहित बड़ी संख्या में समाजवादी मौजूद रहे।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर बैठक

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दिनांक 21.11.2025 से शुरु होनेवाले आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर बैठक आज दिनांक 20.11.2025 को उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी। समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में आयोजित बैठक में उपविकास आयुक्त रांची श्री सौरभ कुमार भुवनिया, अपर समाहर्ता श्री रामनारायण सिंह, पीडी आईटीडीए श्री संजय कुमार भगत, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर श्री उत्कर्ष कुमार, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी श्रीमती मोनी कुमारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री राम गोपाल पांडेय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सुरभि सिंह सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे। साथ ही जिला के सभी प्रख्ंाड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

बैठक में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा बताया गया कि इस अभियान के तहत राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आवेदन, समस्याएँ एवं शिकायतें पंचायतवार शिविर लगाकर प्राप्त की जाएंगी और उनके त्वरित निष्पादन की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को सीधे लोगों के द्वार तक पहुँचाना, पारदर्शिता बढ़ाना और लाभुकों को योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि शिविर स्थल, व्यवस्थाएँ, काउंटर की संख्या, दस्तावेज सत्यापन, तकनीकी सुविधा तथा जनसंपर्क से संबंधित सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएँ, ताकि कोई भी लाभुक बिना किसी परेशानी के शिविर में अपनी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर सके।

पंचायत स्तर पर आयोजित शिविर में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का निर्देश

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले सभी शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को समयपूर्व आमंत्रित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण लाभुक योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और क्षेत्र स्तर पर सेवा सुनिश्चित कराने के लिए सभी विभागों द्वारा समन्वित प्रयास आवश्यक है।

आवेदन प्राप्त करने और निष्पादन में लापरवाही हुई तो होगी सख्त कार्रवाई

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि शिविरों में प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के आवेदनों एवं शिकायतों का समुचित एवं समयबद्ध निष्पादन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आवेदन प्राप्त करने या निष्पादन में किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो संबंधित पदाधिकारी/कर्मी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिनांक 21.11.2025 को निम्न पंचायतों में होगा शिविर का आयोजन

चतरा पंचायत, अनगड़ा

खुखरा पंचायत, बेड़ो

कांची पंचायत, बुण्डू

छापर पंचायत, बुढ़मू

पण्डरी पंचायत, चान्हो

गड़गांव पंचायत, ईटकी

उरुगुटू एवं उपरकोनकी पंचायत, कांके

हुल्सु पंचायत, लापुंग

बंझीला पंचायत, माण्डर

नारो पंचायत, नगड़ी

हरदाग पंचायत, नामकुम

जयडीहा पंचायत, ओरमांझी

राहे पंचायत, राहे

तारुप पंचायत, रातू

हलमाद पंचायत, सिल्ली

बारेन्दा पंचायत, सोनाहातू

अमलेशा पंचायत, तमाड़

वार्ड-1, सीएमपीडीआई स्कूल के सामने मार्केट के समीप

वार्ड-2, एदलहातू जोगो पहाड़

IITF 2025 में झारखंड की धूम: देश के 70% तसर सिल्क का उत्पादन कर बना 'तसर राजधानी', पवेलियन में महिलाएं दे रहीं लाइव डेमो

नई दिल्ली: भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में झारखंड पवेलियन इस वर्ष तसर सिल्क के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान के कारण विशेष रूप से सुर्खियों में है। झारखंड देश के कुल तसर उत्पादन का 70 प्रतिशत योगदान अकेले देता है, जिससे यह 'देश की तसर राजधानी' के रूप में स्थापित हो गया है।

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तसर से तरक्की का सफर

झारखंड का तसर उद्योग आज कच्चे रेशम के उत्पादन को बढ़ाने, संपूर्ण तसर इकोसिस्टम का निर्माण करने और स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करने के विज़न के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उत्पादन में वृद्धि: 2001 में जहाँ 90 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन होता था, वह बढ़कर 2024-25 में 1,363 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है।

बुनियादी ढाँचा: राज्य में आज 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 पूर्ण-सुविधायुक्त परियोजना केंद्र संचालित हो रहे हैं।

महिलाओं के नेतृत्व में सशक्तिकरण

इस अभूतपूर्व सफलता के केंद्र में झारखंड की महिलाएँ हैं, जिनकी तसर उत्पादन के 50-60 प्रतिशत कार्यों में सक्रिय भागीदारी है। कोकून प्रसंस्करण से लेकर यार्न उत्पादन (जो पूरी तरह महिला कर्मियों द्वारा किया जाता है) तक, महिलाएं इस अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

उद्योग विभाग और रेशम निदेशालय, झारक्राफ्ट, और JSLPS के सहयोग से, महिलाओं को प्रशिक्षण, रोजगार और बाजार तक पहुँच उपलब्ध कराई जा रही है। कॉमन फ़ैसिलिटी सेंटर (CFC) में 30-60 महिलाएँ एक साथ उत्पादन और कौशल विकास से जुड़कर स्वरोजगार की दिशा में बढ़ रही हैं।

पैवेलियन में लाइव डेमो आकर्षण का केंद्र

पवेलियन का मुख्य आकर्षण वह लाइव डेमो है, जहाँ प्रशिक्षित महिला कारीगर तसर कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया (कोकून उबालने से लेकर धागा तैयार करने तक) का प्रत्यक्ष प्रदर्शन कर रही हैं। इसके साथ ही, "तम्सुम" उसी धागे से करघे पर कपड़ा बुनने की कला प्रस्तुत करती हैं।

यह अनोखा प्रदर्शन न केवल तसर उद्योग की समृद्ध विरासत, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा स्थापित स्थायी आजीविका के मजबूत आधार को भी उजागर करता है।

झारखंड पुलिस अकादमी में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना प्रबंधन पर विशेष व्याख्यान आयोजित

हजारीबाग- झारखंड पुलिस अकादमी में सड़क दुर्घटना एवं उसके प्रभावी प्रबंधन पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें एच.ज़ेड.बी. आरोग्यम अस्पताल के कंसल्टेंट क्रेनियोमैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ अमित कुमार को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। व्याख्यान के दौरान डॉक्टर अमित कुमार ने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों, उनकी रोकथाम के उपायों, प्रारम्भिक उपचार तथा दुर्घटना प्रबंधन की संपूर्ण प्रक्रिया पर विस्तृत और व्यावहारिक जानकारी साझा की। उन्होंने तेज गति, यातायात नियमों की अनदेखी, नशीले पदार्थों के सेवन के बाद वाहन संचालन और मोबाइल फोन के उपयोग को सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का प्रमुख कारण बताया। सुरक्षित ड्राइविंग, हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य उपयोग तथा सड़क पर सतर्कता को उन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय बताया। डॉक्टर अमित कुमार ने दुर्घटना के तुरंत बाद उठाए जाने वाले कदमों पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए स्वर्णिम घड़ी (गोल्डन ऑवर) के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद प्रारम्भिक एक घंटे में दी गई सही और समय पर सहायता किसी भी घायल व्यक्ति की जान बचाने में अत्यंत निर्णायक होती है। उन्होंने घायल की श्वास और नाड़ी की जाँच, उसे सुरक्षित स्थिति में रखने तथा निकटतम अस्पताल से तुरंत संपर्क करने जैसे कदमों को अत्यंत आवश्यक बताया। प्रशिक्षणरत अधिकारियों ने इस व्याख्यान को बेहद उपयोगी बताया और डॉक्टर से अनेक विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में झारखंड पुलिस अकादमी ने डॉक्टर अमित कुमार के ज्ञानवर्धक और सार्थक योगदान के लिए उने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आरोग्यम अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर रजत चक्रवर्ती ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल जागरूकता का विषय नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का संकल्प है। उन्होंने बताया कि अस्पताल उपचार देने के साथ-साथ समाज को दुर्घटनाओं से बचाने और लोगों को प्रशिक्षित करने की दिशा में भी निरंतर प्रतिबद्ध है। श्री चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस अकादमी जैसे संस्थानों में इस प्रकार के व्याख्यान अस्पताल के सामाजिक दायित्व का प्रतीक हैं और आगे भी अस्पताल ऐसी जनहितकारी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहेगा।

फोटो --बैठक करते हुए जिलाधिकारी मीरजापुर

जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री डैशबोर्ड विकास कार्यो से सम्बन्धित बैठक कर की समीक्षा 

एक करोड़ से अधिक लागत वाली निर्माणाधीन परियोजनाओ, पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की भी समीक्षा कर ली जानकारी

55 मदो, योजनाओ मे जनपद को ए श्रेणी प्राप्त, बी, सी व डी0 श्रेणी वाले अधिकारी अगले माह प्रगति मे सुधार लाते हुए ए श्रेणी लाना करें अन्यथा होगी कड़ी कार्यवाही -जिलाधिकारी

मीरजापुर। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता मे कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जिला अनुश्रवण पुस्तिका विकास कार्यो से सम्बन्धित, एक करोड़ से अधिक लागत वाली निर्माणाधीन परियोजनाओ की समीक्षा, पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की समीक्षा बैठक आहूत की गई। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जिला अनुश्रवण पुस्तिका विकास कार्यो से सम्बन्धित समीक्षा के दौरान 55 मदो, योजनाओं में जनपद को ए श्रेणी प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी बी व सी, डी श्रेणी वाले अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि अगले माह योजनाओं में व्यक्तिगत रूचि लेते हुए ए श्रेणी लाना सुनिश्चित करे अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्ट्रेट, विकास भवन व सभी खण्ड विकास अधिकारी कार्यालयों में हेल्पडेस्क दो दिवसों में स्थापित करते हुए सूचना उपलब्ध कराए। अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा छात्र वृत्ति व निशुल्क प्रतिपूर्ति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को निर्देशित करते कहा कि आवेदन के सापेक्ष अग्रसारित आवेदनों की शत प्रतिशत कराते हुए स्वीकृति हेतु भेजे। सैम व मैम बच्चों की समीक्षा मे जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि जनपद को कुपोषण से मुक्त कराना हम सभी का दायित्व है एवं सभी लोग अपनी सहभागिता से जनपद को कुपोषण मुक्त कराने मे अपना योगदान दे। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सैम व मैम बच्चों केन्द्रवार सूची उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा प्रायः यह देखा की कि अपनी बिना अनुमति मुख्यालय से बाहर चले जाते है जिससे शासन द्वारा मांगी जाने वाली सूचना का प्रेषण समय से नही पाता है अतएव सभी अधिकारी मुख्यालय से पूर्व अनुमति अवश्य ले जिस अधिकारी के द्वारा बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ेगा उस पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। जिन मदो, योजनाओं में ए श्रेणी प्राप्त है यथा- पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना ए, सोलर स्ट्रीट लाइट बीकेएस ग्राम उन्नति योजना ए, एकीकृत बागवानी विकास मिशन ए, पर ड्राप मोर क्राप माइक्रो इरिगेशन ए, खराब ट्रांसफार्मर की शिकायतें ए, दैनिक विद्युत आपूर्ति घंटे ग्रामीण ए, दैनिक विद्युत आपूर्ति घंटे शहरी ए, विद्युत बिल में सुधार हेतु आवेदन ए, कृषि रक्षा रसायन डीबीटी ए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ए, पीएम कुसुम ए, बीज डीबीटी ए, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ए, मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण ए, मनरेगा ए, भवन निर्माण ए, सड़क निर्माण ए, एंबुलेंस 108 ए, एंबुलेंस 102 ए, बायोमेडिकल उपकरण रखरखाव कार्यक्रम ए, मोबाइल मेडिकल यूनिट ए, दुग्ध मूल्य भुगतान की स्थिति ए, सहकारी दुग्ध समितियां ए, दिव्यांग पेंशन ए, दिव्यांग पेंशन आधार सीडिंग ए, जल जीवन मिशन हर घर जल ए, व्यक्तिगत शौचालय निर्माण ए, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 ए, सामाजिक वनीकरण ए, आपरेश कायाकल्य ए, पीएम पोषण विद्यालय निरीक्षण ए, अंडा उत्पादन ए, निराश्रित गोवंश का संरक्षण ए, पशु टीकाकरण ए, पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान ए, संरक्षित निराश्रित गोवंश की सुपुर्दगी की ए, शादी अनुदान योजना ए, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ए, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ए, मत्स्य उत्पादन ए, निराश्रित महिला पेंशन का आधार सीडिंग ए, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन ए, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना ए, प्रोजेक्ट अलंकार ए, सड़को का अनुरक्षण ए, कन्या विवाह सहायता योजना ए, मातृत्व शिशु एवं बालिका मद्द योजना ए, ओडीओपी वित्त पोषण योजना ए, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान ए, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ए, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना ए, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ए, वृद्धावस्था पेंशन का आधार सीडिंग ए, जिला सहकारी बैंक अल्पकालीन ऋण वितरण एवं वसूली ए श्रेणी प्राप्त हुआ हैं। एक करोड़ से अधिक लगात वाली समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया निर्माणाधीन परियोजनाओं की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाए यदि निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो सम्बन्धित के ठेकेदार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन परियोजना मे धनराशि है उन्हें समय से पूर्ण कराते हुए हैण्डओवर की कार्यवाही करें तथा जिन परियोजनाओं में बजट का अभाव है उनमे अपने मुख्यालय को पत्राचार कर बजट अवमुक्त कराए। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओ को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसी परियोजनाएं जिनके निर्माण मे विलम्ब हो रहा है उनमें शासन को पत्राचार करते हुए समय सीमा बढ़वाया जाए। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित करते हुए कहा कि जो योजना पूर्ण होने वाली है या पूर्ण चुकी है अभी हैण्डओवर नहीं हुआ है उन सभी योजनाओं में विद्युत कनेक्शन है अथवा नहीं या झटपट पोर्टल पर आवेदन किया गया है कि नहीं की सूचना जिला अर्थ संख्या अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराए। तत्पश्चात पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की बिन्दुवार विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। बैठक मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ सीएल वर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए धर्मजीत सिंह, उपायुक्त एनआरएलएम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

खाद भण्डार कम्पिल का लाइसेन्स निलम्बित,दुकान एवं उर्वरक स्टाक सीज

बिकी पर रोक जॉच हेतु नमूने लिए 

फर्रुखाबाद l जनपद में पर्याप्त मात्रा मे उर्वरक उपलब्ध कटिया रोड कम्पिल स्थित महादेव खाद भण्डार से स्थानीय कृषकों बलवीर, उदयवीर, पप्पू एवं सुनील निवासी गंगपुर शाहपुर द्वारा डी०ए०पी० लेकर फसल की बुवाई करायी गयी। कृषकों द्वारा डी०ए०पी० की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत होने पर इसकी लिखित शिकायत तहसील कायमगंज में की गयी। कृषकों द्वारा की गयी शिकायत के कम में जिला कृषि अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर स्थानीय शिकायतकर्ता कृषकों की उपस्थिति में उर्वरक प्रतिष्ठान की जाँच की गयी। प्रथम दृष्टया स्थिति सन्देहास्पद होने के कारण जिला कृषि अधिकारी द्वारा दुकान में उपलब्ध डी०ए०पी० स्टाक 45 बोरी एवं कृषक के पास रखी डी०ए०पी० की बोरी से जॉच हेतु नमूना लिया गया।

उर्वरक विक्रेता का लाइसेन्स तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए विकी रोक लगा दी गयी है. साथ ही दुकान में मौजूद उर्वरक स्टाक को सीज करते हुए दुकान को भी सील कर दिया गया है। ग्रहित किये गये नमूनें की गुणवत्ता जॉच होने तक दुकान सील रहेगी एवं दुकान में उपलब्ध उर्वरक स्टाक को सीज करते हुए रिकू नामक व्यक्ति को सील सुरक्षा हेतु सुपुर्द कर दिया गया है। उर्वरक नमूनें का परीक्षण परिणाम अमानक पाये जाने पर विकेत्ता के विरूद्ध एफ०आई०आर दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी।

जिला कृषि अधिकारी द्वारा अवगत कराया कि जनपद में गत वर्ष की तुलना में डेढ गुना डी०ए०पी० उर्वरक का वितरण किया जा चुका है l पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है एवं जनपद में रेलवे रैक एवं रोड मार्ग से लगातार उर्वरकों की आपूर्ति हो रही है। किसान विकी केन्द्र पर खतौनी एवं आधार अवश्य लेकर जायें। कृषक मि‌ट्टी की जाँच के आधार पर संतुलित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करें। जनपद में उर्वरकों की आवश्यकतानुसार समुचित उर्वरक उपलब्ध है, कोई कमी नहीं है और न ही कमी होने दी जायेगी। माह नबम्बर के लक्ष्य के सापेक्ष यूरिया 22672 के सापेक्ष 29181 मै०टन (129 प्रतिशत), डी०ए०पी० 11682 के सापेक्ष 21150 मै०टन (181 प्रतिशत), पोटास 3060 के सापेक्ष 10506 गै०टन (340 प्रतिशत), एवं एन०पी०के० 15791 के सापेक्ष 27330 मै० टन (173 प्रतिशत), तथा सुपर फास्फेट 10509 के सापेक्ष 18716 मै०टन (178 प्रतिशत), उपलब्ध है। जनपद की सभी सहकारी समितियों पर तेजी से यूरिया की आपूर्ति करायी जा रही है। आगामी समय में उर्वरकों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।

जी.बी.पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का शुभारम्भ।

सूक्ष्म-स्तर के जनगणना आँकड़े स्थानीय विकास आवश्यकताओ को समझने तथा साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में होते है अत्यन्त महत्वपूर्ण।

आँकड़ो का सही उपयोग प्रदेश और देश के विकास को दिशा देने के साथ शोधकर्ताओ को नई दृष्टि प्रदान करता है-शीतल वर्मा।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।जी.बी.पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज द्वारा जनगणना निदेशालय उत्तर प्रदेश के सहयोग और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के वित्त-पोषण से समावेशी एवं सतत विकास के लिए बड़े पैमाने के जनगणना एवं सामाजिक-आर्थिक आँकड़ो का महत्व विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का भी विधिवत उद्घाटन किया गया।भारत की जनगणना विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक गणना है जो जनसंख्या सामाजिक-आर्थिक स्थिति आवास प्रवासन साक्षरता लिंग अनुपात और कमजोर वर्गों से सम्बंधित विश्वसनीय आँकड़े उपलब्ध कराती है। नवस्थापित सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का उद्देश्य विश्वविद्यालयो शिक्षण संस्थानो शोधकर्ताओ विद्यार्थियो और डेटा-प्रयोगकर्ताओ को सूक्ष्म-स्तरीय जनगणना माइक्रोडेटा तक सुरक्षित और सुगम पहुँच प्रदान करना है। यह सुविधा विकासोन्मुख नीतियों के निर्माण योजनाओ के निगरानी एवं मूल्यांकन भू-स्थानिक विश्लेषण तथा शैक्षिक एवं शोध क्षमता-वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगी।उच्च गुणवत्ता वाले माइक्रोडेटा की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह वर्कस्टेशन क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर डेटा-संचालित निर्णय प्रक्रिया को सुदृढ़ करेगा।कार्यशाला में भारत की सांख्यिकीय प्रणाली के प्रमुख डेटा स्रोतों-जनगणना जन्म- मृत्यु पंजीकरण जीवनांक सर्वेक्षण राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की गई।विशेषज्ञो ने डेटा-आधारित शासन सामाजिक क्षेत्र में नीति-निर्माण तकनीकी नवाचार भू-स्थानिक विश्लेषण तथा सार्वजनिक डेटा के जिम्मेदार उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर व्याख्यान दिए। शोधकर्ताओ छात्रो एवं नीति-निर्माताओ की विश्लेषणात्मक क्षमता को मजबूत करने हेतु क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया गया।कार्यशाला में अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान इलाहाबाद विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय गृह मंत्रालय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय तथा देश के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानो के विशेषज्ञो शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।प्रतिभागियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए और तकनीकी सत्रो में सक्रिय रूप से शामिल हुए।शीतल वर्मा निदेशक(जनगणना)उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर जनगणना जन्म-मृत्यु पंजीकरण और जीवनांक सर्वेक्षण के आँकड़ो की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूक्ष्म-स्तर के जनगणना आँकड़े स्थानीय विकास आवश्यकताओं को समझने लक्षित हस्तक्षेपो की पहचान करने तथा साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि इन आँकड़ो का सही उपयोग न केवल प्रदेश और देश के विकास को दिशा देता है बल्कि शोधकर्ताओ को नई दृष्टि प्रदान करता है जैसा कि पूर्व अनुभवों से प्रमाणित है।देश के विभिन्न अग्रणी संस्थानो के विशेषज्ञो ने इस पहल को लंबे समय से अपेक्षित उपलब्धि बताते हुए उन्नत शोध सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा। अपने उद्घाटन सम्बोधन में प्रो. टी.वी. शेखर ने लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया पर व्याख्या दिए एवं प्रो.लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने वर्कस्टेशन को उच्च-गुणवत्ता एवं नीति-प्रासंगिक अनुसंधान के लिए एक परिवर्तनकारी संसाधन बताया।उन्होने बड़े पैमाने के डेटा के महत्व उनके संग्रह एवं विश्लेषण की तकनीकों तथा नीति-निर्माण में उनकी उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डाला।संस्थान की निदेशक डॉ.अर्चना सिंह ने कहा कि यह वर्कस्टेशन और कार्यशाला न केवल संस्था के शोध वातावरण को समृद्ध करेगी बल्कि प्रयागराज और आसपास के जनपदो के विश्वविद्यालयो महाविद्यालयो शोधकर्ताओ विद्यार्थियों तथा डेटा उपयोगकर्ताओं को भी व्यापक लाभ प्रदान करेगी।उन्होने बताया कि इससे विश्वसनीय सूक्ष्म आँकड़ो तक पहुंच सुगम होगी शोध व प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी और सबूत- आधारित नीति-निर्माण को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा।उन्होने सभी विशेषज्ञो प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थानो के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.माणिक कुमार एवं डॉ.मो.जुएल राणा ने कहा कि यह सुविधा संस्थान के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को उल्लेखनीय रूप से सशक्त बनाएगी और क्षेत्रीय स्तर पर डेटा-उन्मुख अनुसंधान को नई गति देगी।

बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के दमदार प्रयासों से क्षेत्र की सूरत बदलने को तैयार

आधा दर्जन सड़के एक बड़ा पुल और कई महत्वपूर्ण मार्गो को मिली हरी झंडी

मुख्यमन्त्री से विशेष भेंट का बड़ा असर, डॉ.वाचस्पति ने दिलाई ऐतिहासिक स्वीकृतियाँ अब बारा में विकास की रफ्तार होगी दोगुनी

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत विधान सभा बारा के लिए यह सप्ताह ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है।क्षेत्र के लोकप्रिय और जन-जन के प्रिय बारा विधायक डॉ.वाचस्पति की अथक मेहनत मजबूत इच्छाशक्ति और विकास को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अब बड़े परिणाम के रूप में सामने आने लगी है। कुछ दिनों पूर्व जब बारा विधायक डॉ.वाचस्पति ने राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर बारा क्षेत्र की सड़को और आवागमन को लेकर गम्भीर समस्याओं को विस्तार से बताया तो मुख्यमंत्री ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए इन सभी मुद्दो को प्राथमिकता पर लिया।बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के प्रयासों का ही परिणाम है कि रूम इंटर कॉलेज तरसु का पूरा मार्ग बंधवा से देवखरिया मार्ग जारी से नेवढ़िया मार्ग कमला पंप से राम नेवाज तक का सम्पूर्ण मार्ग तथा प्रतापपुर बुंदेला नाले पर पुल एवं मार्ग—इन सभी पर टेंडर की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इन पर कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। 

यह सड़के वर्षो से बदहाल स्थिति में थी और क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई थी।लेकिन अब स्थिति बदलने जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बारा क्षेत्र की आधा दर्जन सड़कों के साथ-साथ प्रतापपुर में बुंदेला नाले पर बनने वाला यह पुल क्षेत्र की कनेक्टिविटी और विकास के नए द्वार खोलेगा। गांवों से शहर तक की दूरी कम होगी स्कूल अस्पताल और बाज़ारो तक पहुंच आसान होगी और बरसात के दिनो में लोगों को होने वाली भारी परेशानी खत्म हो जाएगी।इसी के साथ एक और बड़ी स्वीकृति मिली है विधायक मीडिया प्रभारी नीरज केसरवानी ने बताया कि वर्षो से उपेक्षा झेल रहे और टूट-फ़ूट की हालत में पड़े नीबी से लालापुर मार्ग का टेंडर भी जारी हो चुका है।

यह उपलब्धि केवल और केवल बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। उनके द्वारा उठाई गई समस्याओ को न सिर्फ सुना गया, बल्कि तत्काल प्रभाव से स्वीकृति भी दे दी गई।क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि विधायक डॉ. वाचस्पति बारा के विकास के लिए दिन-रात काम करते हैं और यही वजह है कि आज कई महत्वपूर्ण परियोजनाओ को नया जीवन मिला है।स्थानीय जनता इस बात को खुले दिल से मानती है कि बारा के विकास की जो मजबूत नींव आज डाली जा रही है वह बारा विधायक डॉ.वाचस्पति की सक्रिय सोच दूरदर्शिता और जनहित के प्रति उनकी निष्ठा का परिणाम है।

विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार निषाद (श्यामू)ने कहा कि अब जब इतने बड़े स्तर पर सड़क और पुल निर्माण शुरू होने जा रहा है तो निश्चित ही आने वाले महीनों में बारा क्षेत्र का नक्शा बदला हुआ दिखाई देगा।लोगो की वर्षो पुरानी मांगें पूरी होंगी और क्षेत्र विकास की नई ऊँचाइयों को स्पर्श करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत भारत ने छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों के साथ सफल रूफटॉप, कृषि और ग्रामीण सौर मॉडल साझा किए

नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में यूएनएफसीसीसी सीओपी 30 के दौरान आयोजित आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म के उच्च-स्तरीय मंत्रालयी लीडरशिप सत्र को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 'द्वीपों को एकजुट करने, कार्रवाई प्रेरित करने - ऊर्जा सुरक्षा के लिए नेतृत्व' विषय पर आधारित था । इसमें लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (एसआईडीएस), अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के सदस्य देशों और सहयोगी संगठनों के मंत्री तथा वरिष्ठ प्रतिनिधि ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और लचीलेपन के लिए सामूहिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने हेतु एक साथ आए।

सत्र की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि एसआईडीएस को विशिष्ट आयातित निर्बलताओं-जीवाश्म ईंधन पर अत्यधिक निर्भरता, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न व्यवधान और कमज़ोर अवसंरचना- का सामना करना पड़ रहा है। आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य मानकीकृत खरीद, मिश्रित वित्त, स्थानीय क्षमता निर्माण और सौर प्रौद्योगिकियों तक सुव्यवस्थित पहुंच के माध्यम से सौर ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाने के लिए एक परिवर्तनकारी डिजिटल और वित्तीय इको-सिस्टम का निर्माण करना है।

श्री यादव ने सत्र को संबोधित करते हुए, आईएसए के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के मार्ग को आगे बढ़ाने में एसआईडीएस की सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। अपने भाषण की शुरुआत आशावाद के साथ करते हुए, श्री यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की तेज प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा, "आज, भारत ने 500 गीगावाट की संस्थापित बिजली क्षमता को पार कर लिया है - और इसमें से आधे से अधिक स्वच्छ ऊर्जा है। भारत अपने एनडीसी लक्ष्य से पांच साल पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंच चुका है।"

श्री यादव ने बताया कि भारत अब वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक और सौर ऊर्जा में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और परिमाण, गति और आम लोगों की शक्ति में उनके विश्वास के कारण संभव हुआ है।" श्री यादव ने जमीनी स्तर की कहानियां साझा करते हुए, प्रधानमंत्री सूर्य घर रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के बारे में बताया और इस योजना से लाभान्वित एक स्कूल शिक्षक के अनुभव का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कोई लाभार्थी जो पहले हर महीने भय के साथ बिजली के बिल की प्रतीक्षा करता था, अब वह धूप का इंतजार करता है, जो अब उसकी आय का स्रोत बन गया है।

श्री यादव ने बल देकर कहा कि भारत में 20 लाख से अधिक परिवारों ने रूफटॉप सोलर को अपनाया है और इसे "हर घर के लिए आजादी" और "हर छत पर एक छोटा पावर प्लांट" बताया। कृषि के लिए सौर ऊर्जा के बारे में उन्होंने कहा, "कृषि के लिए सौर ऊर्जा हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई सुबह है। अब वे सूरज की रोशनी में काम करते हैं और चैन की नींद सोते हैं।" सौर पंप और सौर ऊर्जा से चलने वाले फीडर सभी कृषि आवश्यकताओं के लिए दिन के समय सौर ऊर्जा से चलने वाली स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करके खेती को अधिक विश्वसनीय और सम्मानजनक बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब न तो डीजल की प्रतीक्षा है और न कोई तनाव है।

उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से सुदूर और वन क्षेत्रों में प्रकाश फैलाने की पहलों और ऊर्जा भंडारण में भारत के प्रमुख प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया, "भारत विश्व की कुछ सबसे बड़ी 'सौर और बैटरी' परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, जिनमें लद्दाख में एक परियोजना भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा संग्रहीत करेगी।" उन्होंने कहा कि एसआईडीएस के लिए, ऐसे मॉडल डीजल आयात को कम करने, ऊर्जा लागत में कटौती करने और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

श्री यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "आईएसए एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में उभरा है। 124 से अधिक देश अब अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा हैं। आईएसए को- प्रशांत महासागर के द्वीपों से लेकर अफ़्रीका के सवाना और दक्षिण अमेरिका के पहाड़ों तक" एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि आईएसए सौर परियोजनाओं के डिज़ाइन में तेज़ी ला रहा है, वित्त जुटा रहा है, स्थानीय रोजगार पैदा कर रहा है और स्वच्छ, विश्वसनीय बिजली के लिए सौर ऊर्जा को पहली पसंद बना रहा है।

श्री यादव ने साझा वैश्विक कार्रवाई की अपील करते हुए अपने भाषण का समापन किया और कहा, "सौर ऊर्जा तकनीकी तरीकों से कहीं अधिक अपना प्रकाश फैला रही है। यह आशा और सशक्तिकरण है। यह स्वतंत्रता है। यह गरिमा है। यह शांति है।"

सभा को संबोधित करते हुए, छोटे द्वीपीय देशों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रतिभागियों ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति की सराहना की। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाओं को उजागर करने में एसआईडीएस मंच के समर्थन में भी अपने विचार व्यक्त किए। यह स्वीकार किया गया कि जलवायु-अनुकूल प्रणालियां न केवल जलवायु-सहिष्णु हैं बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्राथमिकता भी हैं। यह परिकल्पना की गई थी कि यह मंच दृश्यता अध्ययन संचालित करने, घरेलू कार्यबल को कुशल बनाने और जलवायु वित्त को जोखिम मुक्त करने के जरिए जलवायु अनुकूलता को बढ़ाने में मदद करेगा।

आजमगढ़ ::सपा के दसों विधायकों और सांसद धर्मेंद्र यादव ने SIR में हो रही समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मिला

उपेन्द्र कुमार पांडेय 

 आजमगढ़। SIR से हो रही समस्याओं के संबंध में दसों विधायकों संग सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने डीएम रविन्द्र कुमार से मुलाकात कर अवगत कराया है। जिसके बाद मीडिया से रूबरू हुए सांसद धर्मेंद्र यादव भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि SIR को लेकर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्लॉक स्तर पर अधिकारी भेदभाव कर रहे है तो कई जगहों पर मतदाताओं के नाम काटे जा रहे है। यह भाजपा का चुनाव जीतने का हथकंडा है। लेकिन जनता इसका जवाब 2027 में देगी। दो दिन पहले पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ का तंज की खेसारी लाल यादव के जैसे ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव का होगा हस्र के सवाल पर सपा सांसद धर्मेंद्र ने निरहुआ को बड़बोला की उपाधि से नवाजते हुए ब्रह्मा को चुनौती देने वाला कह कर जवाब देने से टाल दिया। इस दौरान सपा प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, विधायक संग्राम यादव, विधायक अखिलेश यादव, विधायक डॉक्टर एच एन पटेल, प्रवक्ता विवेक सिंह सहित बड़ी संख्या में समाजवादी मौजूद रहे।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर बैठक

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दिनांक 21.11.2025 से शुरु होनेवाले आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर बैठक आज दिनांक 20.11.2025 को उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी। समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में आयोजित बैठक में उपविकास आयुक्त रांची श्री सौरभ कुमार भुवनिया, अपर समाहर्ता श्री रामनारायण सिंह, पीडी आईटीडीए श्री संजय कुमार भगत, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर श्री उत्कर्ष कुमार, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी श्रीमती मोनी कुमारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री राम गोपाल पांडेय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सुरभि सिंह सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे। साथ ही जिला के सभी प्रख्ंाड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

बैठक में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा बताया गया कि इस अभियान के तहत राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आवेदन, समस्याएँ एवं शिकायतें पंचायतवार शिविर लगाकर प्राप्त की जाएंगी और उनके त्वरित निष्पादन की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को सीधे लोगों के द्वार तक पहुँचाना, पारदर्शिता बढ़ाना और लाभुकों को योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि शिविर स्थल, व्यवस्थाएँ, काउंटर की संख्या, दस्तावेज सत्यापन, तकनीकी सुविधा तथा जनसंपर्क से संबंधित सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएँ, ताकि कोई भी लाभुक बिना किसी परेशानी के शिविर में अपनी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर सके।

पंचायत स्तर पर आयोजित शिविर में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का निर्देश

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले सभी शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को समयपूर्व आमंत्रित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण लाभुक योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और क्षेत्र स्तर पर सेवा सुनिश्चित कराने के लिए सभी विभागों द्वारा समन्वित प्रयास आवश्यक है।

आवेदन प्राप्त करने और निष्पादन में लापरवाही हुई तो होगी सख्त कार्रवाई

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि शिविरों में प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के आवेदनों एवं शिकायतों का समुचित एवं समयबद्ध निष्पादन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आवेदन प्राप्त करने या निष्पादन में किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो संबंधित पदाधिकारी/कर्मी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिनांक 21.11.2025 को निम्न पंचायतों में होगा शिविर का आयोजन

चतरा पंचायत, अनगड़ा

खुखरा पंचायत, बेड़ो

कांची पंचायत, बुण्डू

छापर पंचायत, बुढ़मू

पण्डरी पंचायत, चान्हो

गड़गांव पंचायत, ईटकी

उरुगुटू एवं उपरकोनकी पंचायत, कांके

हुल्सु पंचायत, लापुंग

बंझीला पंचायत, माण्डर

नारो पंचायत, नगड़ी

हरदाग पंचायत, नामकुम

जयडीहा पंचायत, ओरमांझी

राहे पंचायत, राहे

तारुप पंचायत, रातू

हलमाद पंचायत, सिल्ली

बारेन्दा पंचायत, सोनाहातू

अमलेशा पंचायत, तमाड़

वार्ड-1, सीएमपीडीआई स्कूल के सामने मार्केट के समीप

वार्ड-2, एदलहातू जोगो पहाड़

IITF 2025 में झारखंड की धूम: देश के 70% तसर सिल्क का उत्पादन कर बना 'तसर राजधानी', पवेलियन में महिलाएं दे रहीं लाइव डेमो

नई दिल्ली: भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में झारखंड पवेलियन इस वर्ष तसर सिल्क के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान के कारण विशेष रूप से सुर्खियों में है। झारखंड देश के कुल तसर उत्पादन का 70 प्रतिशत योगदान अकेले देता है, जिससे यह 'देश की तसर राजधानी' के रूप में स्थापित हो गया है।

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तसर से तरक्की का सफर

झारखंड का तसर उद्योग आज कच्चे रेशम के उत्पादन को बढ़ाने, संपूर्ण तसर इकोसिस्टम का निर्माण करने और स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करने के विज़न के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उत्पादन में वृद्धि: 2001 में जहाँ 90 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन होता था, वह बढ़कर 2024-25 में 1,363 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है।

बुनियादी ढाँचा: राज्य में आज 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 पूर्ण-सुविधायुक्त परियोजना केंद्र संचालित हो रहे हैं।

महिलाओं के नेतृत्व में सशक्तिकरण

इस अभूतपूर्व सफलता के केंद्र में झारखंड की महिलाएँ हैं, जिनकी तसर उत्पादन के 50-60 प्रतिशत कार्यों में सक्रिय भागीदारी है। कोकून प्रसंस्करण से लेकर यार्न उत्पादन (जो पूरी तरह महिला कर्मियों द्वारा किया जाता है) तक, महिलाएं इस अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

उद्योग विभाग और रेशम निदेशालय, झारक्राफ्ट, और JSLPS के सहयोग से, महिलाओं को प्रशिक्षण, रोजगार और बाजार तक पहुँच उपलब्ध कराई जा रही है। कॉमन फ़ैसिलिटी सेंटर (CFC) में 30-60 महिलाएँ एक साथ उत्पादन और कौशल विकास से जुड़कर स्वरोजगार की दिशा में बढ़ रही हैं।

पैवेलियन में लाइव डेमो आकर्षण का केंद्र

पवेलियन का मुख्य आकर्षण वह लाइव डेमो है, जहाँ प्रशिक्षित महिला कारीगर तसर कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया (कोकून उबालने से लेकर धागा तैयार करने तक) का प्रत्यक्ष प्रदर्शन कर रही हैं। इसके साथ ही, "तम्सुम" उसी धागे से करघे पर कपड़ा बुनने की कला प्रस्तुत करती हैं।

यह अनोखा प्रदर्शन न केवल तसर उद्योग की समृद्ध विरासत, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा स्थापित स्थायी आजीविका के मजबूत आधार को भी उजागर करता है।

झारखंड पुलिस अकादमी में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना प्रबंधन पर विशेष व्याख्यान आयोजित

हजारीबाग- झारखंड पुलिस अकादमी में सड़क दुर्घटना एवं उसके प्रभावी प्रबंधन पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें एच.ज़ेड.बी. आरोग्यम अस्पताल के कंसल्टेंट क्रेनियोमैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ अमित कुमार को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। व्याख्यान के दौरान डॉक्टर अमित कुमार ने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों, उनकी रोकथाम के उपायों, प्रारम्भिक उपचार तथा दुर्घटना प्रबंधन की संपूर्ण प्रक्रिया पर विस्तृत और व्यावहारिक जानकारी साझा की। उन्होंने तेज गति, यातायात नियमों की अनदेखी, नशीले पदार्थों के सेवन के बाद वाहन संचालन और मोबाइल फोन के उपयोग को सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का प्रमुख कारण बताया। सुरक्षित ड्राइविंग, हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य उपयोग तथा सड़क पर सतर्कता को उन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय बताया। डॉक्टर अमित कुमार ने दुर्घटना के तुरंत बाद उठाए जाने वाले कदमों पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए स्वर्णिम घड़ी (गोल्डन ऑवर) के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद प्रारम्भिक एक घंटे में दी गई सही और समय पर सहायता किसी भी घायल व्यक्ति की जान बचाने में अत्यंत निर्णायक होती है। उन्होंने घायल की श्वास और नाड़ी की जाँच, उसे सुरक्षित स्थिति में रखने तथा निकटतम अस्पताल से तुरंत संपर्क करने जैसे कदमों को अत्यंत आवश्यक बताया। प्रशिक्षणरत अधिकारियों ने इस व्याख्यान को बेहद उपयोगी बताया और डॉक्टर से अनेक विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में झारखंड पुलिस अकादमी ने डॉक्टर अमित कुमार के ज्ञानवर्धक और सार्थक योगदान के लिए उने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आरोग्यम अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर रजत चक्रवर्ती ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल जागरूकता का विषय नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का संकल्प है। उन्होंने बताया कि अस्पताल उपचार देने के साथ-साथ समाज को दुर्घटनाओं से बचाने और लोगों को प्रशिक्षित करने की दिशा में भी निरंतर प्रतिबद्ध है। श्री चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस अकादमी जैसे संस्थानों में इस प्रकार के व्याख्यान अस्पताल के सामाजिक दायित्व का प्रतीक हैं और आगे भी अस्पताल ऐसी जनहितकारी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहेगा।

फोटो --बैठक करते हुए जिलाधिकारी मीरजापुर

जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री डैशबोर्ड विकास कार्यो से सम्बन्धित बैठक कर की समीक्षा 

एक करोड़ से अधिक लागत वाली निर्माणाधीन परियोजनाओ, पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की भी समीक्षा कर ली जानकारी

55 मदो, योजनाओ मे जनपद को ए श्रेणी प्राप्त, बी, सी व डी0 श्रेणी वाले अधिकारी अगले माह प्रगति मे सुधार लाते हुए ए श्रेणी लाना करें अन्यथा होगी कड़ी कार्यवाही -जिलाधिकारी

मीरजापुर। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता मे कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जिला अनुश्रवण पुस्तिका विकास कार्यो से सम्बन्धित, एक करोड़ से अधिक लागत वाली निर्माणाधीन परियोजनाओ की समीक्षा, पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की समीक्षा बैठक आहूत की गई। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जिला अनुश्रवण पुस्तिका विकास कार्यो से सम्बन्धित समीक्षा के दौरान 55 मदो, योजनाओं में जनपद को ए श्रेणी प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी बी व सी, डी श्रेणी वाले अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि अगले माह योजनाओं में व्यक्तिगत रूचि लेते हुए ए श्रेणी लाना सुनिश्चित करे अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्ट्रेट, विकास भवन व सभी खण्ड विकास अधिकारी कार्यालयों में हेल्पडेस्क दो दिवसों में स्थापित करते हुए सूचना उपलब्ध कराए। अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा छात्र वृत्ति व निशुल्क प्रतिपूर्ति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को निर्देशित करते कहा कि आवेदन के सापेक्ष अग्रसारित आवेदनों की शत प्रतिशत कराते हुए स्वीकृति हेतु भेजे। सैम व मैम बच्चों की समीक्षा मे जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि जनपद को कुपोषण से मुक्त कराना हम सभी का दायित्व है एवं सभी लोग अपनी सहभागिता से जनपद को कुपोषण मुक्त कराने मे अपना योगदान दे। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सैम व मैम बच्चों केन्द्रवार सूची उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा प्रायः यह देखा की कि अपनी बिना अनुमति मुख्यालय से बाहर चले जाते है जिससे शासन द्वारा मांगी जाने वाली सूचना का प्रेषण समय से नही पाता है अतएव सभी अधिकारी मुख्यालय से पूर्व अनुमति अवश्य ले जिस अधिकारी के द्वारा बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ेगा उस पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। जिन मदो, योजनाओं में ए श्रेणी प्राप्त है यथा- पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना ए, सोलर स्ट्रीट लाइट बीकेएस ग्राम उन्नति योजना ए, एकीकृत बागवानी विकास मिशन ए, पर ड्राप मोर क्राप माइक्रो इरिगेशन ए, खराब ट्रांसफार्मर की शिकायतें ए, दैनिक विद्युत आपूर्ति घंटे ग्रामीण ए, दैनिक विद्युत आपूर्ति घंटे शहरी ए, विद्युत बिल में सुधार हेतु आवेदन ए, कृषि रक्षा रसायन डीबीटी ए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ए, पीएम कुसुम ए, बीज डीबीटी ए, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ए, मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण ए, मनरेगा ए, भवन निर्माण ए, सड़क निर्माण ए, एंबुलेंस 108 ए, एंबुलेंस 102 ए, बायोमेडिकल उपकरण रखरखाव कार्यक्रम ए, मोबाइल मेडिकल यूनिट ए, दुग्ध मूल्य भुगतान की स्थिति ए, सहकारी दुग्ध समितियां ए, दिव्यांग पेंशन ए, दिव्यांग पेंशन आधार सीडिंग ए, जल जीवन मिशन हर घर जल ए, व्यक्तिगत शौचालय निर्माण ए, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 ए, सामाजिक वनीकरण ए, आपरेश कायाकल्य ए, पीएम पोषण विद्यालय निरीक्षण ए, अंडा उत्पादन ए, निराश्रित गोवंश का संरक्षण ए, पशु टीकाकरण ए, पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान ए, संरक्षित निराश्रित गोवंश की सुपुर्दगी की ए, शादी अनुदान योजना ए, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ए, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ए, मत्स्य उत्पादन ए, निराश्रित महिला पेंशन का आधार सीडिंग ए, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन ए, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना ए, प्रोजेक्ट अलंकार ए, सड़को का अनुरक्षण ए, कन्या विवाह सहायता योजना ए, मातृत्व शिशु एवं बालिका मद्द योजना ए, ओडीओपी वित्त पोषण योजना ए, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान ए, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ए, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना ए, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ए, वृद्धावस्था पेंशन का आधार सीडिंग ए, जिला सहकारी बैंक अल्पकालीन ऋण वितरण एवं वसूली ए श्रेणी प्राप्त हुआ हैं। एक करोड़ से अधिक लगात वाली समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया निर्माणाधीन परियोजनाओं की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाए यदि निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो सम्बन्धित के ठेकेदार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन परियोजना मे धनराशि है उन्हें समय से पूर्ण कराते हुए हैण्डओवर की कार्यवाही करें तथा जिन परियोजनाओं में बजट का अभाव है उनमे अपने मुख्यालय को पत्राचार कर बजट अवमुक्त कराए। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओ को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसी परियोजनाएं जिनके निर्माण मे विलम्ब हो रहा है उनमें शासन को पत्राचार करते हुए समय सीमा बढ़वाया जाए। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित करते हुए कहा कि जो योजना पूर्ण होने वाली है या पूर्ण चुकी है अभी हैण्डओवर नहीं हुआ है उन सभी योजनाओं में विद्युत कनेक्शन है अथवा नहीं या झटपट पोर्टल पर आवेदन किया गया है कि नहीं की सूचना जिला अर्थ संख्या अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराए। तत्पश्चात पूर्वांचल विकास निधि, क्रिटिकल गैप्स योजना, त्वरित आर्थिक विकास योजना, आकांक्षत्मक विकास खण्ड, वन ट्रिलियन डाॅलर की बिन्दुवार विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। बैठक मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ सीएल वर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए धर्मजीत सिंह, उपायुक्त एनआरएलएम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

खाद भण्डार कम्पिल का लाइसेन्स निलम्बित,दुकान एवं उर्वरक स्टाक सीज

बिकी पर रोक जॉच हेतु नमूने लिए 

फर्रुखाबाद l जनपद में पर्याप्त मात्रा मे उर्वरक उपलब्ध कटिया रोड कम्पिल स्थित महादेव खाद भण्डार से स्थानीय कृषकों बलवीर, उदयवीर, पप्पू एवं सुनील निवासी गंगपुर शाहपुर द्वारा डी०ए०पी० लेकर फसल की बुवाई करायी गयी। कृषकों द्वारा डी०ए०पी० की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत होने पर इसकी लिखित शिकायत तहसील कायमगंज में की गयी। कृषकों द्वारा की गयी शिकायत के कम में जिला कृषि अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर स्थानीय शिकायतकर्ता कृषकों की उपस्थिति में उर्वरक प्रतिष्ठान की जाँच की गयी। प्रथम दृष्टया स्थिति सन्देहास्पद होने के कारण जिला कृषि अधिकारी द्वारा दुकान में उपलब्ध डी०ए०पी० स्टाक 45 बोरी एवं कृषक के पास रखी डी०ए०पी० की बोरी से जॉच हेतु नमूना लिया गया।

उर्वरक विक्रेता का लाइसेन्स तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए विकी रोक लगा दी गयी है. साथ ही दुकान में मौजूद उर्वरक स्टाक को सीज करते हुए दुकान को भी सील कर दिया गया है। ग्रहित किये गये नमूनें की गुणवत्ता जॉच होने तक दुकान सील रहेगी एवं दुकान में उपलब्ध उर्वरक स्टाक को सीज करते हुए रिकू नामक व्यक्ति को सील सुरक्षा हेतु सुपुर्द कर दिया गया है। उर्वरक नमूनें का परीक्षण परिणाम अमानक पाये जाने पर विकेत्ता के विरूद्ध एफ०आई०आर दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी।

जिला कृषि अधिकारी द्वारा अवगत कराया कि जनपद में गत वर्ष की तुलना में डेढ गुना डी०ए०पी० उर्वरक का वितरण किया जा चुका है l पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है एवं जनपद में रेलवे रैक एवं रोड मार्ग से लगातार उर्वरकों की आपूर्ति हो रही है। किसान विकी केन्द्र पर खतौनी एवं आधार अवश्य लेकर जायें। कृषक मि‌ट्टी की जाँच के आधार पर संतुलित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करें। जनपद में उर्वरकों की आवश्यकतानुसार समुचित उर्वरक उपलब्ध है, कोई कमी नहीं है और न ही कमी होने दी जायेगी। माह नबम्बर के लक्ष्य के सापेक्ष यूरिया 22672 के सापेक्ष 29181 मै०टन (129 प्रतिशत), डी०ए०पी० 11682 के सापेक्ष 21150 मै०टन (181 प्रतिशत), पोटास 3060 के सापेक्ष 10506 गै०टन (340 प्रतिशत), एवं एन०पी०के० 15791 के सापेक्ष 27330 मै० टन (173 प्रतिशत), तथा सुपर फास्फेट 10509 के सापेक्ष 18716 मै०टन (178 प्रतिशत), उपलब्ध है। जनपद की सभी सहकारी समितियों पर तेजी से यूरिया की आपूर्ति करायी जा रही है। आगामी समय में उर्वरकों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।

जी.बी.पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का शुभारम्भ।

सूक्ष्म-स्तर के जनगणना आँकड़े स्थानीय विकास आवश्यकताओ को समझने तथा साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में होते है अत्यन्त महत्वपूर्ण।

आँकड़ो का सही उपयोग प्रदेश और देश के विकास को दिशा देने के साथ शोधकर्ताओ को नई दृष्टि प्रदान करता है-शीतल वर्मा।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।जी.बी.पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज द्वारा जनगणना निदेशालय उत्तर प्रदेश के सहयोग और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के वित्त-पोषण से समावेशी एवं सतत विकास के लिए बड़े पैमाने के जनगणना एवं सामाजिक-आर्थिक आँकड़ो का महत्व विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का भी विधिवत उद्घाटन किया गया।भारत की जनगणना विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक गणना है जो जनसंख्या सामाजिक-आर्थिक स्थिति आवास प्रवासन साक्षरता लिंग अनुपात और कमजोर वर्गों से सम्बंधित विश्वसनीय आँकड़े उपलब्ध कराती है। नवस्थापित सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का उद्देश्य विश्वविद्यालयो शिक्षण संस्थानो शोधकर्ताओ विद्यार्थियो और डेटा-प्रयोगकर्ताओ को सूक्ष्म-स्तरीय जनगणना माइक्रोडेटा तक सुरक्षित और सुगम पहुँच प्रदान करना है। यह सुविधा विकासोन्मुख नीतियों के निर्माण योजनाओ के निगरानी एवं मूल्यांकन भू-स्थानिक विश्लेषण तथा शैक्षिक एवं शोध क्षमता-वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगी।उच्च गुणवत्ता वाले माइक्रोडेटा की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह वर्कस्टेशन क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर डेटा-संचालित निर्णय प्रक्रिया को सुदृढ़ करेगा।कार्यशाला में भारत की सांख्यिकीय प्रणाली के प्रमुख डेटा स्रोतों-जनगणना जन्म- मृत्यु पंजीकरण जीवनांक सर्वेक्षण राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की गई।विशेषज्ञो ने डेटा-आधारित शासन सामाजिक क्षेत्र में नीति-निर्माण तकनीकी नवाचार भू-स्थानिक विश्लेषण तथा सार्वजनिक डेटा के जिम्मेदार उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर व्याख्यान दिए। शोधकर्ताओ छात्रो एवं नीति-निर्माताओ की विश्लेषणात्मक क्षमता को मजबूत करने हेतु क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया गया।कार्यशाला में अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान इलाहाबाद विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय गृह मंत्रालय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय तथा देश के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानो के विशेषज्ञो शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।प्रतिभागियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए और तकनीकी सत्रो में सक्रिय रूप से शामिल हुए।शीतल वर्मा निदेशक(जनगणना)उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर जनगणना जन्म-मृत्यु पंजीकरण और जीवनांक सर्वेक्षण के आँकड़ो की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूक्ष्म-स्तर के जनगणना आँकड़े स्थानीय विकास आवश्यकताओं को समझने लक्षित हस्तक्षेपो की पहचान करने तथा साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि इन आँकड़ो का सही उपयोग न केवल प्रदेश और देश के विकास को दिशा देता है बल्कि शोधकर्ताओ को नई दृष्टि प्रदान करता है जैसा कि पूर्व अनुभवों से प्रमाणित है।देश के विभिन्न अग्रणी संस्थानो के विशेषज्ञो ने इस पहल को लंबे समय से अपेक्षित उपलब्धि बताते हुए उन्नत शोध सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा। अपने उद्घाटन सम्बोधन में प्रो. टी.वी. शेखर ने लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया पर व्याख्या दिए एवं प्रो.लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने वर्कस्टेशन को उच्च-गुणवत्ता एवं नीति-प्रासंगिक अनुसंधान के लिए एक परिवर्तनकारी संसाधन बताया।उन्होने बड़े पैमाने के डेटा के महत्व उनके संग्रह एवं विश्लेषण की तकनीकों तथा नीति-निर्माण में उनकी उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डाला।संस्थान की निदेशक डॉ.अर्चना सिंह ने कहा कि यह वर्कस्टेशन और कार्यशाला न केवल संस्था के शोध वातावरण को समृद्ध करेगी बल्कि प्रयागराज और आसपास के जनपदो के विश्वविद्यालयो महाविद्यालयो शोधकर्ताओ विद्यार्थियों तथा डेटा उपयोगकर्ताओं को भी व्यापक लाभ प्रदान करेगी।उन्होने बताया कि इससे विश्वसनीय सूक्ष्म आँकड़ो तक पहुंच सुगम होगी शोध व प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी और सबूत- आधारित नीति-निर्माण को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा।उन्होने सभी विशेषज्ञो प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थानो के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.माणिक कुमार एवं डॉ.मो.जुएल राणा ने कहा कि यह सुविधा संस्थान के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को उल्लेखनीय रूप से सशक्त बनाएगी और क्षेत्रीय स्तर पर डेटा-उन्मुख अनुसंधान को नई गति देगी।

बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के दमदार प्रयासों से क्षेत्र की सूरत बदलने को तैयार

आधा दर्जन सड़के एक बड़ा पुल और कई महत्वपूर्ण मार्गो को मिली हरी झंडी

मुख्यमन्त्री से विशेष भेंट का बड़ा असर, डॉ.वाचस्पति ने दिलाई ऐतिहासिक स्वीकृतियाँ अब बारा में विकास की रफ्तार होगी दोगुनी

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत विधान सभा बारा के लिए यह सप्ताह ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है।क्षेत्र के लोकप्रिय और जन-जन के प्रिय बारा विधायक डॉ.वाचस्पति की अथक मेहनत मजबूत इच्छाशक्ति और विकास को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अब बड़े परिणाम के रूप में सामने आने लगी है। कुछ दिनों पूर्व जब बारा विधायक डॉ.वाचस्पति ने राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर बारा क्षेत्र की सड़को और आवागमन को लेकर गम्भीर समस्याओं को विस्तार से बताया तो मुख्यमंत्री ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए इन सभी मुद्दो को प्राथमिकता पर लिया।बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के प्रयासों का ही परिणाम है कि रूम इंटर कॉलेज तरसु का पूरा मार्ग बंधवा से देवखरिया मार्ग जारी से नेवढ़िया मार्ग कमला पंप से राम नेवाज तक का सम्पूर्ण मार्ग तथा प्रतापपुर बुंदेला नाले पर पुल एवं मार्ग—इन सभी पर टेंडर की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इन पर कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। 

यह सड़के वर्षो से बदहाल स्थिति में थी और क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई थी।लेकिन अब स्थिति बदलने जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बारा क्षेत्र की आधा दर्जन सड़कों के साथ-साथ प्रतापपुर में बुंदेला नाले पर बनने वाला यह पुल क्षेत्र की कनेक्टिविटी और विकास के नए द्वार खोलेगा। गांवों से शहर तक की दूरी कम होगी स्कूल अस्पताल और बाज़ारो तक पहुंच आसान होगी और बरसात के दिनो में लोगों को होने वाली भारी परेशानी खत्म हो जाएगी।इसी के साथ एक और बड़ी स्वीकृति मिली है विधायक मीडिया प्रभारी नीरज केसरवानी ने बताया कि वर्षो से उपेक्षा झेल रहे और टूट-फ़ूट की हालत में पड़े नीबी से लालापुर मार्ग का टेंडर भी जारी हो चुका है।

यह उपलब्धि केवल और केवल बारा विधायक डॉ.वाचस्पति के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। उनके द्वारा उठाई गई समस्याओ को न सिर्फ सुना गया, बल्कि तत्काल प्रभाव से स्वीकृति भी दे दी गई।क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि विधायक डॉ. वाचस्पति बारा के विकास के लिए दिन-रात काम करते हैं और यही वजह है कि आज कई महत्वपूर्ण परियोजनाओ को नया जीवन मिला है।स्थानीय जनता इस बात को खुले दिल से मानती है कि बारा के विकास की जो मजबूत नींव आज डाली जा रही है वह बारा विधायक डॉ.वाचस्पति की सक्रिय सोच दूरदर्शिता और जनहित के प्रति उनकी निष्ठा का परिणाम है।

विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार निषाद (श्यामू)ने कहा कि अब जब इतने बड़े स्तर पर सड़क और पुल निर्माण शुरू होने जा रहा है तो निश्चित ही आने वाले महीनों में बारा क्षेत्र का नक्शा बदला हुआ दिखाई देगा।लोगो की वर्षो पुरानी मांगें पूरी होंगी और क्षेत्र विकास की नई ऊँचाइयों को स्पर्श करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत भारत ने छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों के साथ सफल रूफटॉप, कृषि और ग्रामीण सौर मॉडल साझा किए

नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में यूएनएफसीसीसी सीओपी 30 के दौरान आयोजित आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म के उच्च-स्तरीय मंत्रालयी लीडरशिप सत्र को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 'द्वीपों को एकजुट करने, कार्रवाई प्रेरित करने - ऊर्जा सुरक्षा के लिए नेतृत्व' विषय पर आधारित था । इसमें लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (एसआईडीएस), अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के सदस्य देशों और सहयोगी संगठनों के मंत्री तथा वरिष्ठ प्रतिनिधि ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और लचीलेपन के लिए सामूहिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने हेतु एक साथ आए।

सत्र की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि एसआईडीएस को विशिष्ट आयातित निर्बलताओं-जीवाश्म ईंधन पर अत्यधिक निर्भरता, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न व्यवधान और कमज़ोर अवसंरचना- का सामना करना पड़ रहा है। आईएसए एसआईडीएस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य मानकीकृत खरीद, मिश्रित वित्त, स्थानीय क्षमता निर्माण और सौर प्रौद्योगिकियों तक सुव्यवस्थित पहुंच के माध्यम से सौर ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाने के लिए एक परिवर्तनकारी डिजिटल और वित्तीय इको-सिस्टम का निर्माण करना है।

श्री यादव ने सत्र को संबोधित करते हुए, आईएसए के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के मार्ग को आगे बढ़ाने में एसआईडीएस की सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। अपने भाषण की शुरुआत आशावाद के साथ करते हुए, श्री यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की तेज प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा, "आज, भारत ने 500 गीगावाट की संस्थापित बिजली क्षमता को पार कर लिया है - और इसमें से आधे से अधिक स्वच्छ ऊर्जा है। भारत अपने एनडीसी लक्ष्य से पांच साल पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंच चुका है।"

श्री यादव ने बताया कि भारत अब वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक और सौर ऊर्जा में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और परिमाण, गति और आम लोगों की शक्ति में उनके विश्वास के कारण संभव हुआ है।" श्री यादव ने जमीनी स्तर की कहानियां साझा करते हुए, प्रधानमंत्री सूर्य घर रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के बारे में बताया और इस योजना से लाभान्वित एक स्कूल शिक्षक के अनुभव का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कोई लाभार्थी जो पहले हर महीने भय के साथ बिजली के बिल की प्रतीक्षा करता था, अब वह धूप का इंतजार करता है, जो अब उसकी आय का स्रोत बन गया है।

श्री यादव ने बल देकर कहा कि भारत में 20 लाख से अधिक परिवारों ने रूफटॉप सोलर को अपनाया है और इसे "हर घर के लिए आजादी" और "हर छत पर एक छोटा पावर प्लांट" बताया। कृषि के लिए सौर ऊर्जा के बारे में उन्होंने कहा, "कृषि के लिए सौर ऊर्जा हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई सुबह है। अब वे सूरज की रोशनी में काम करते हैं और चैन की नींद सोते हैं।" सौर पंप और सौर ऊर्जा से चलने वाले फीडर सभी कृषि आवश्यकताओं के लिए दिन के समय सौर ऊर्जा से चलने वाली स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करके खेती को अधिक विश्वसनीय और सम्मानजनक बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब न तो डीजल की प्रतीक्षा है और न कोई तनाव है।

उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से सुदूर और वन क्षेत्रों में प्रकाश फैलाने की पहलों और ऊर्जा भंडारण में भारत के प्रमुख प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया, "भारत विश्व की कुछ सबसे बड़ी 'सौर और बैटरी' परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, जिनमें लद्दाख में एक परियोजना भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा संग्रहीत करेगी।" उन्होंने कहा कि एसआईडीएस के लिए, ऐसे मॉडल डीजल आयात को कम करने, ऊर्जा लागत में कटौती करने और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

श्री यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "आईएसए एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में उभरा है। 124 से अधिक देश अब अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा हैं। आईएसए को- प्रशांत महासागर के द्वीपों से लेकर अफ़्रीका के सवाना और दक्षिण अमेरिका के पहाड़ों तक" एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि आईएसए सौर परियोजनाओं के डिज़ाइन में तेज़ी ला रहा है, वित्त जुटा रहा है, स्थानीय रोजगार पैदा कर रहा है और स्वच्छ, विश्वसनीय बिजली के लिए सौर ऊर्जा को पहली पसंद बना रहा है।

श्री यादव ने साझा वैश्विक कार्रवाई की अपील करते हुए अपने भाषण का समापन किया और कहा, "सौर ऊर्जा तकनीकी तरीकों से कहीं अधिक अपना प्रकाश फैला रही है। यह आशा और सशक्तिकरण है। यह स्वतंत्रता है। यह गरिमा है। यह शांति है।"

सभा को संबोधित करते हुए, छोटे द्वीपीय देशों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रतिभागियों ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति की सराहना की। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाओं को उजागर करने में एसआईडीएस मंच के समर्थन में भी अपने विचार व्यक्त किए। यह स्वीकार किया गया कि जलवायु-अनुकूल प्रणालियां न केवल जलवायु-सहिष्णु हैं बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्राथमिकता भी हैं। यह परिकल्पना की गई थी कि यह मंच दृश्यता अध्ययन संचालित करने, घरेलू कार्यबल को कुशल बनाने और जलवायु वित्त को जोखिम मुक्त करने के जरिए जलवायु अनुकूलता को बढ़ाने में मदद करेगा।