अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

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अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

श्रीशंकर जी इण्टर कॉलेज पुष्पनगर के पूर्व छात्र एवं सन्तकबीर नगर के मेहदावल विधायक का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
एस के यादव
मार्टीनगंज (आजमगढ़)  तहसील क्षेत्रांतर्गत पुष्पनगर स्थित श्री शंकर जी इंटर कालेज के पूर्व छात्र व निषाद पार्टी के मेंहदावल संतकबीरनगर विधायक अनिल त्रिपाठी के विधायक बनने के बाद कालेज में प्रथम आगमन पर उनका विद्यालय प्रबंध समिति तथा क्षेत्रीय जनों द्वारा करतल ध्वनि के बीच उन्हें बुके देकर व माल्यार्पण कर व अंगवस्त्रम देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया तत्पश्चात विधायक ने अपने कराम्बुज से कालेज के संस्थापक स्व0बाबूलाल साहू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कुछ ही क्षणों में कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला का फीता काटकर अवलोकन किया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समक्ष दीप प्रज्जवलित किया कार्यक्रम में उपस्थित समस्त आगंतुकों पूर्व शिक्षकों वर्तमान शिक्षकों , पूर्व छात्रों वर्तमान छात्रों को विधायक ने अपने हाथों माल्यार्पण कर सभी को अंगवस्त्रम ,नववर्ष की डायरी भेंट कर लोगों का दिल जीत लिया। कालेज के मेधावी छात्रों के लिए आयोजित सम्मान समारोह का शुभारम्भ किया और बोर्ड परीक्षा 2025में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को विधायक ने स्मृति चिन्ह,मेडल, प्रशस्ति पत्र व नकद धनराशि देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक घनश्याम जायसवाल, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ उमादत्त मिश्र, कृष्ण नाथ मिश्र, प्रधानाचार्य भगौती प्रसाद गुप्ता,डा 0अशोक गुप्त, अच्छेलाल यादव,विनय कुमार शुक्ल,नसीम अहमद, डा फहीम अहमद खान ,जमशेद अहमद, रविन्द्र नाथ यादव, प्रमोद कुमार चतुर्वेदी,संतोष कुमार यादव,दुर्गेश कुमार अस्थाना, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, हरनारायण बर्नवाल भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ लालगंज,संजय सिंह,भानुप्रताप सिंह, सत्यनारायण बरनवाल, सुशील जायसवाल, इमरान अहमद,मोहन स्वरूप सहित विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।
*शीतलहर से राहत हेतु जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय*

शीतलहर से निपटने को जिला प्रशासन सतर्क, 14 विभागों की जिम्मेदारियां तय

ठंड के प्रकोप के बीच गोण्डा प्रशासन अलर्ट, राहत कार्यों के लिए SOP लागू

शीतलहर राहत अभियान तेज, रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश

जनहित सर्वोपरि: शीतलहर से सुरक्षा हेतु सभी विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश

गोण्डा 29 दिसम्बर 2025 — जनपद में लगातार बढ़ती ठंड, शीतलहर एवं कोहरे के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय, वृद्ध, बच्चों एवं पशुओं को शीतलहर से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा का सामना न करना पड़े और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से संचालित हों।

जारी आदेश के अनुसार पुलिस विभाग को रात्रि गश्त सघन करने, खुले में सो रहे व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने तथा अलाव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकास एवं पंचायत राज विभाग को ग्राम पंचायत स्तर पर शीतलहर से प्रभावित संवेदनशील व्यक्तियों की सूची तैयार करने, पंचायत व सामुदायिक भवनों को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में उपयोग करने, अलाव हेतु लकड़ी व ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चिकित्सा विभाग को शीतजनित रोगों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, 24×7 एम्बुलेंस सेवा, वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी तथा कंट्रोल रूम की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पशुपालन विभाग को पशुओं को ठंड से बचाने, पशु अस्पतालों में दवाओं व टीकों की उपलब्धता तथा गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्थानीय निकायों को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, जल निकासी, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रैन बसेरों का संचालन, अलाव व्यवस्था एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग को खाद्यान्न की सुचारु आपूर्ति, ईंधन की उपलब्धता तथा वितरण केंद्रों पर अलाव व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को प्रमुख मार्गों, संपर्क सड़कों एवं पुलों की सतत निगरानी, आवश्यकता पड़ने पर त्वरित मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाने तथा मार्ग परिवर्तन की स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग को संभावित फॉल्ट वाले क्षेत्रों की पहचान, ट्रांसफार्मरों की जांच तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में शीघ्र सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शिक्षा, परिवहन, कृषि, सूचना एवं राजस्व/आपदा प्रबंधन विभाग को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ठंड से बचाव हेतु निर्धारित दायित्वों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि शीतलहर से राहत संबंधी कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखते हुए शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित सर्वोपरि रहेगा।

वन माफिया बेलगाम: कर्नलगंज में सागौन के सौ से अधिक प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान, जिम्मेदार बने तमाशबीन

कर्नलगंज (गोंडा)।

जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और कथित मिलीभगत के चलते वन माफिया बेखौफ होकर सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। हरियाली की रक्षा और अवैध कटान रोकने की जिम्मेदारी जिन विभागों पर है, वही आंखें मूंदे बैठे हैं। ताजा मामला जनपद गोंडा के कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पारा के मजरा तिवारी पुरवा का है, जहां खुलेआम सागौन के अनगिनत कीमती और संरक्षित पेड़ों को काट दिया गया, जबकि जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने रहे।

गांव के सामने स्थित सागौन के एक बाग में वर्षों से सौ से अधिक पेड़ लगे थे। वन माफियाओं की नजर इस बाग पर पड़ी और बाग स्वामी से सांठगांठ कर लाखों रुपये में सौदा तय कर लिया गया। सोमवार की भोर करीब चार बजे अत्याधुनिक मशीनों के साथ माफिया मौके पर पहुंचे और पेड़ों पर आरा चलाना शुरू कर दिया।

एक ओर मशीनों से सागौन के पेड़ों को काटकर बोटों में तब्दील किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मजदूर उन्हें तेजी से ट्रॉली में लोड कर रहे थे। कुछ ही समय में सागौन के बोटों से भरी ट्रॉली मौके से रवाना हो गई, मानो पूरी कार्रवाई पहले से तय और सुरक्षित हो।

सूचना मिलने पर हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर घटना को कैमरे में कैद किया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारी आने वाले नहीं हैं, इसलिए उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। यह बयान अपने आप में व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है और यह दर्शाता है कि माफियाओं को कानून का कोई भय नहीं रह गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी इस तरह की अवैध कटान होती रही है, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतों के बाद केवल आश्वासन ही मिले। नतीजतन, हरियाली तेजी से उजड़ रही है और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। सागौन जैसे बहुमूल्य और संरक्षित वृक्षों की कटान न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी सीधा खिलवाड़ है।

मामले में उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा, वन विभाग के एसडीओ सुदर्शन और प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज नरेंद्र प्रताप राय का कहना है कि सागौन के बाग की कटान की उन्हें कोई सूचना नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा मामला सामने आया है तो जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि जांच वास्तव में होती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाता है।

वीर बाल दिवस कार्यक्रम का माननीय प्राधनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर भारत मंडपम नयी दिल्ली से सीधा प्रसारण*
सुल्तानपुर,शासन के निर्देश के अनुपालन में जिलाधिकारी कुमार हर्ष के कुशल निर्देशन में ‘‘वीर बाल दिवस‘‘ कार्यक्रम गजेन्द्र कुमार तिवारी जिला विकास अधिकारी व अशोक कुमार सिंह परियोजना निदेशक की सह अध्यक्षता में प्रेरणा सभागार विकास भवन, सुलतानपुर में आयोजित किया गया। वीर बाल दिवस कार्यक्रम का माननीय प्राधनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर भारत मंडपम नयी दिल्ली से सीधा प्रसारण किया गया। जिसमें प्रेरणा सभागार में उपस्थित बच्चों ने भी कार्यक्रम के माध्यम से वीर बाल दिवस की महत्ता को समझा। जिला विकास अधिकारी द्वारा कार्यक्रम में वीर बाल दिवस के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 26 दिसम्बर को मनाया जाता है। वीर बाल दिवस केवल एक तारीख नहीं बल्कि यह उन नन्हें कंधों की साहस की गाथा हैं। परियोजना निदेशक द्वारा प्रसारण के पश्चात आज के कार्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए कहा गया कि यह दिन सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह जी के दो छोटे साहिबजादो-साहिबजादा जोरवर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी के महान बलिदान को समर्पित है। वीर बाल दिवस साहस, आत्मसम्मान एवं संकल्प की भावना के प्रति हमें जागरूक करता है। भारत सरकार द्वारा इस दिन को मनाने का निर्णय इसलिए लिया गया कि देश का हर बच्चा जान सकें कि भारत की आजादी और संस्कृति की रक्षा के लिए नन्हें बच्चों ने भी अपना खून बहाया हैं। तद्पश्चात् परियोजना निदेशक द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत विशेष अभियान के अन्तर्गत उपस्थित लोगांे को शपथ दिलायी गयी। वी0पी0 वर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी, सुलतानपुर द्वारा वीर बाल दिवस आयोजन के बारे में बताया गया कि प्रत्येक वर्ष वीर बाल दिवस 26 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जो भारत के भविष्य की नींव रखने वाले बच्चों अनुकरणी साहस, दृणता और क्षमता को सम्मानित करने के लिए समर्पित हैं। इसलिए इस दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में पूरा देश मनाता हैं। आज हम उन महान साहिबजादो और उनकी दादी माता गुजरी देवी जी को कोटि-कोटि नमन करते हैं। हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि हम भी उनके पदचिन्हों पर चलेगें और देश की सेवा के लिए तत्पर रहेंगे। वीर बाल दिवस हमंे यह सिखाता है कि कठिनाईयां चाहे कितनी भी बडी क्यों न हो, हमें अपने सिद्वातों से पीछे नहीं हटना चाहिए, अपनी संस्कृति और पहचान पर गर्व करना चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों, इण्टर काॅलेजों व महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं ने वीर बाल कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। जिसमें 60 छात्र/छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र व उपहार दिया गया। इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रसाद सिंह, जिला प्रशिक्षक आयुक्त (स्काउट) बेसिक शिक्षा परिषद, राजेन्द्र कुमार ब्लाॅक स्काउट मास्टर, कांती सिंह प्रधानाध्यापक, मनीषी त्रिपाठी कार्यालय-जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ आॅगनबाडी कार्यकत्री एवं विद्यालय की छात्र/छात्राओं के साथ उनके अभिभावक सम्बन्धित विद्यालय के अध्यापक साहित अन्य जनमानस उपस्थित रहें।
युवती से छेड़छाड़ के आरोपियों की तलाश तेज

*चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए करनैलगंज कोतवाली पुलिस जांच में जुटी

गोंडा।जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र में एक 22 वर्षीय युवती से छेड़छाड़ और चाकू से हमला करने के मामले में 24 घंटे बाद भी चार आरोपी फरार हैं,जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तलाश तेज कर दिया है।पुलिस के अनुसार युवती अपने मुहल्ले से कुछ दूरी पर शौच के लिए गयी थी।वहां उसे अकेला पाकर रफीक अहमद,शहीद अहमद,नसीम,हसीन और र‌हीस ने जबरन पकड़ लिया और घसीटते हुए उसके साथ छेड़छाड़ की।जब पीड़िता ने विरोध किया और गाली गलौज की तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट किया और उसे अपने घर ले गये थे वहां उन्होंने पीड़िता के मुंह में कपड़ा ठूंसकर अश्लील हरकतें किया था,उसके बाद पीड़िता द्वारा दुबारा विरोध करने पर आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया था जिससे युवती के बाएं हाथ पर कट लग गया था।घायलावस्था में पीड़िता को परिजन किसी तरह कोतवाली ले गये थे जिसका एक वीडियो शोसल मीडिया पर वायरल हुआ था।चिकित्सकीय परीक्षण में भी धारदार हथियार से हमला किये जाने की पुष्टि हुई है।इस मामले में शहीद अहमद,नसीम, हसीन और रहीस सहित चार आरोपियों के विरुद्ध छेड़छाड़, मारपीट,अश्लील हरकत और चाकू से हमला करने सहित 11 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।पुलिस मामले में कुछ अज्ञात आरोपियों की भूमिका के बारे में भी जांच कर रही है।करनैलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप राय ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है।पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा चुका है और उसका बयान भी कोर्ट में दर्ज कराया जा रहा है।उन्होंने आश्वस्त किया कि घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

संगठित हिंदू ही समर्थ एवं विकसित भारत का आधार : प्रदीप जोशी

जौनपुर। बदलापुर खंड के सरोखनपुर मंडल में हिंदू सम्मेलन का आयोजन हर्ष और उल्लास के साथ किया गया। इस हिंदू सम्मेलन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप जोशी जी ने कहा कि भारत को शक्तिशाली और समर्थवान बनाने के लिए हिंदू समाज का संगठन एवं जागरण वर्तमान समय की आवश्यकता है। हिंदू समाज के जागरण के इस कार्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1925 में प्रारंभ किया। इस वर्ष 2025 में संघ के स्थापना के सौ वर्ष पूरे हुए है और इसी क्रम में संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत हिंदू सम्मेलन का आयोजन पूरे देश भर में आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता ने कहा कि भारत की गौरवशाली एवं वैभवशाली ज्ञान एवं संस्कृति परंपरा रही है। भारत वर्ष के अंदर महापुरुषों की एक लंबी परम्परा रही है, जिन्होंने समय समय पर हिंदू समाज का जागरण एवं संगठन का कार्य किया है ।

मुख्य वक्ता ने कहा कि संघ समाज के अंदर परिवर्तन के लिए पांच आयाम पर कार्य करने का आग्रह कर रहा हैं। संघ पांच बातें सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी भाव का जागरण और नागरिक कर्तव्यों के बोध के लिए समाज का जागरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों से हिंदू समाज की जय होगी और विश्व का कल्याण होगा, जिसमें सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

इस अवसर पर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे संत दयाशंकर महराज ने कहा कि सर्व हिंदू समाज का संगठन अति आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि सीमा सिंह ने कहा कि भारतीय समाज में मातृशक्ति का विशेष स्थान रहा है। महारानी अबक्का, अहिल्याबाई होलकर, रानी लक्ष्मीबाई जैसी अनेक वीरांगनाएं हुई जिन्होंने समाज का नेतृत्व रहा। इस अवसर पर विशिष्ट लल्लन राम सरोज जी ने कहा कि हिंदू समाज एक विविधताओं से भरा एकात्म समाज है। इस अवसर जौनपुर विभाग के विभाग प्रचारक आदित्य जी, सह विभाग प्रचारक प्रेम प्रकाश जी, विभाग कार्यवाह डॉ नितेश जी, जिला प्रचारक राजेंद्र जी उपस्थित रहे।

नवकुंभ का वार्षिकोत्सव एवं राष्ट्रीय कवि सम्मेलन संपन्न

श्रावस्ती। जनपद के गांव खड़इला मौजा कमलाभारी श्रावस्ती उत्तर प्रदेश की धरती पर विगत 25 दिसंबर 2025 को साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक राष्ट्रीय संस्था नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान जनपद बहराइच श्रावस्ती इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।उक्त समारोह नवकुंभ के 5वें वार्षिकोत्सव के रूप में मनाया गया जिसका आयोजन साहित्य प्रेमी गजलकार भाई अकरम खान ने किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक त्रिपाठी ने किया तथा मुख्य अतिथि के रूप में श्रवण कुमार दुबे उपस्थित थे। नवकुंभ साहित्य सेवा संस्थान के जनपद बहराइच श्रावस्ती इकाई द्वारा आयोजित कौमी एकता मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का खूबसूरत संचालन प्रमोद साधक एवं संयोजन इकाई अध्यक्ष कला गुरु, सचिव रामकरण मौर्य तथा सहयोग संस्था उपाध्यक्ष प्रीतम श्रावस्तवी ने किया। उपस्थित साहित्यकारों में जे पी मधुकर, राजकिशोर पांडे राही, बलरामपुर से रामकरण मौर्य, श्रावस्ती से शिवकुमार विश्वकर्मा कला गुरु, माहिर अली, अजित शुक्ला नूतन, मनोज तन्हा, तमन्ना दिलकश,आदर्श त्रिपाठी, प्रदीप रस्तोगी भीनगा,मौलवी शब्बीर,लखीमपुर से संस्था के राष्ट्रीय सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर,सिसवारा से महेश मिश्रा मानव एवं सशस्त्र सीमा बल 62 वीं वाहिनी भिनगा के कमांडेंट सहायक अपने सैनिकों के साथ उपस्थित रहे।सफल आयोजन हेतु राष्ट्रीय कमेटी के पदाधिकारियों ने मुंबई से सभी आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी। अंत में आयोजक अकरम खान ने उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा हत्याकांड पर CM धामी ने जताया गहरा शोक

* मुख्यमंत्री ने परिवार को दिलाया कड़ी कार्रवाई का भरोसा

देहरादून, उत्तराखंड। त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले ने न्याय की मांग को तेज कर दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मृतक के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बात कर गहरा शोक व्यक्त किया और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री के अनुसार, इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं और उस पर इनाम भी घोषित किया गया है।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड एक शांतिप्रिय राज्य है, जहां देश-विदेश से छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। इस तरह की घटना न केवल राज्य बल्कि पूरे समाज के लिए पीड़ादायक है। उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

धामी ने यह भी बताया कि उन्होंने त्रिपुरा के CM डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस घटना पर चर्चा की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर हर संभव मदद की जाएगी।

एंजेल चकमा का अंतिम संस्कार 27 दिसंबर को त्रिपुरा में किया गया। घटना के बाद छात्र संगठनों और आम लोगों में भारी आक्रोश है, और सभी आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग जोर पकड़ रही है।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

#supremecourthasstayedorderinthearavallicase

अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

श्रीशंकर जी इण्टर कॉलेज पुष्पनगर के पूर्व छात्र एवं सन्तकबीर नगर के मेहदावल विधायक का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
एस के यादव
मार्टीनगंज (आजमगढ़)  तहसील क्षेत्रांतर्गत पुष्पनगर स्थित श्री शंकर जी इंटर कालेज के पूर्व छात्र व निषाद पार्टी के मेंहदावल संतकबीरनगर विधायक अनिल त्रिपाठी के विधायक बनने के बाद कालेज में प्रथम आगमन पर उनका विद्यालय प्रबंध समिति तथा क्षेत्रीय जनों द्वारा करतल ध्वनि के बीच उन्हें बुके देकर व माल्यार्पण कर व अंगवस्त्रम देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया तत्पश्चात विधायक ने अपने कराम्बुज से कालेज के संस्थापक स्व0बाबूलाल साहू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कुछ ही क्षणों में कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला का फीता काटकर अवलोकन किया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समक्ष दीप प्रज्जवलित किया कार्यक्रम में उपस्थित समस्त आगंतुकों पूर्व शिक्षकों वर्तमान शिक्षकों , पूर्व छात्रों वर्तमान छात्रों को विधायक ने अपने हाथों माल्यार्पण कर सभी को अंगवस्त्रम ,नववर्ष की डायरी भेंट कर लोगों का दिल जीत लिया। कालेज के मेधावी छात्रों के लिए आयोजित सम्मान समारोह का शुभारम्भ किया और बोर्ड परीक्षा 2025में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को विधायक ने स्मृति चिन्ह,मेडल, प्रशस्ति पत्र व नकद धनराशि देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक घनश्याम जायसवाल, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ उमादत्त मिश्र, कृष्ण नाथ मिश्र, प्रधानाचार्य भगौती प्रसाद गुप्ता,डा 0अशोक गुप्त, अच्छेलाल यादव,विनय कुमार शुक्ल,नसीम अहमद, डा फहीम अहमद खान ,जमशेद अहमद, रविन्द्र नाथ यादव, प्रमोद कुमार चतुर्वेदी,संतोष कुमार यादव,दुर्गेश कुमार अस्थाना, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, हरनारायण बर्नवाल भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ लालगंज,संजय सिंह,भानुप्रताप सिंह, सत्यनारायण बरनवाल, सुशील जायसवाल, इमरान अहमद,मोहन स्वरूप सहित विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।
*शीतलहर से राहत हेतु जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय*

शीतलहर से निपटने को जिला प्रशासन सतर्क, 14 विभागों की जिम्मेदारियां तय

ठंड के प्रकोप के बीच गोण्डा प्रशासन अलर्ट, राहत कार्यों के लिए SOP लागू

शीतलहर राहत अभियान तेज, रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश

जनहित सर्वोपरि: शीतलहर से सुरक्षा हेतु सभी विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश

गोण्डा 29 दिसम्बर 2025 — जनपद में लगातार बढ़ती ठंड, शीतलहर एवं कोहरे के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय, वृद्ध, बच्चों एवं पशुओं को शीतलहर से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा का सामना न करना पड़े और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से संचालित हों।

जारी आदेश के अनुसार पुलिस विभाग को रात्रि गश्त सघन करने, खुले में सो रहे व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने तथा अलाव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकास एवं पंचायत राज विभाग को ग्राम पंचायत स्तर पर शीतलहर से प्रभावित संवेदनशील व्यक्तियों की सूची तैयार करने, पंचायत व सामुदायिक भवनों को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में उपयोग करने, अलाव हेतु लकड़ी व ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चिकित्सा विभाग को शीतजनित रोगों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, 24×7 एम्बुलेंस सेवा, वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी तथा कंट्रोल रूम की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पशुपालन विभाग को पशुओं को ठंड से बचाने, पशु अस्पतालों में दवाओं व टीकों की उपलब्धता तथा गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्थानीय निकायों को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, जल निकासी, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रैन बसेरों का संचालन, अलाव व्यवस्था एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग को खाद्यान्न की सुचारु आपूर्ति, ईंधन की उपलब्धता तथा वितरण केंद्रों पर अलाव व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को प्रमुख मार्गों, संपर्क सड़कों एवं पुलों की सतत निगरानी, आवश्यकता पड़ने पर त्वरित मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाने तथा मार्ग परिवर्तन की स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग को संभावित फॉल्ट वाले क्षेत्रों की पहचान, ट्रांसफार्मरों की जांच तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में शीघ्र सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शिक्षा, परिवहन, कृषि, सूचना एवं राजस्व/आपदा प्रबंधन विभाग को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ठंड से बचाव हेतु निर्धारित दायित्वों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि शीतलहर से राहत संबंधी कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखते हुए शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित सर्वोपरि रहेगा।

वन माफिया बेलगाम: कर्नलगंज में सागौन के सौ से अधिक प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान, जिम्मेदार बने तमाशबीन

कर्नलगंज (गोंडा)।

जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और कथित मिलीभगत के चलते वन माफिया बेखौफ होकर सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। हरियाली की रक्षा और अवैध कटान रोकने की जिम्मेदारी जिन विभागों पर है, वही आंखें मूंदे बैठे हैं। ताजा मामला जनपद गोंडा के कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पारा के मजरा तिवारी पुरवा का है, जहां खुलेआम सागौन के अनगिनत कीमती और संरक्षित पेड़ों को काट दिया गया, जबकि जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने रहे।

गांव के सामने स्थित सागौन के एक बाग में वर्षों से सौ से अधिक पेड़ लगे थे। वन माफियाओं की नजर इस बाग पर पड़ी और बाग स्वामी से सांठगांठ कर लाखों रुपये में सौदा तय कर लिया गया। सोमवार की भोर करीब चार बजे अत्याधुनिक मशीनों के साथ माफिया मौके पर पहुंचे और पेड़ों पर आरा चलाना शुरू कर दिया।

एक ओर मशीनों से सागौन के पेड़ों को काटकर बोटों में तब्दील किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मजदूर उन्हें तेजी से ट्रॉली में लोड कर रहे थे। कुछ ही समय में सागौन के बोटों से भरी ट्रॉली मौके से रवाना हो गई, मानो पूरी कार्रवाई पहले से तय और सुरक्षित हो।

सूचना मिलने पर हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर घटना को कैमरे में कैद किया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारी आने वाले नहीं हैं, इसलिए उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। यह बयान अपने आप में व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है और यह दर्शाता है कि माफियाओं को कानून का कोई भय नहीं रह गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी इस तरह की अवैध कटान होती रही है, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतों के बाद केवल आश्वासन ही मिले। नतीजतन, हरियाली तेजी से उजड़ रही है और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। सागौन जैसे बहुमूल्य और संरक्षित वृक्षों की कटान न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी सीधा खिलवाड़ है।

मामले में उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा, वन विभाग के एसडीओ सुदर्शन और प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज नरेंद्र प्रताप राय का कहना है कि सागौन के बाग की कटान की उन्हें कोई सूचना नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा मामला सामने आया है तो जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि जांच वास्तव में होती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाता है।

वीर बाल दिवस कार्यक्रम का माननीय प्राधनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर भारत मंडपम नयी दिल्ली से सीधा प्रसारण*
सुल्तानपुर,शासन के निर्देश के अनुपालन में जिलाधिकारी कुमार हर्ष के कुशल निर्देशन में ‘‘वीर बाल दिवस‘‘ कार्यक्रम गजेन्द्र कुमार तिवारी जिला विकास अधिकारी व अशोक कुमार सिंह परियोजना निदेशक की सह अध्यक्षता में प्रेरणा सभागार विकास भवन, सुलतानपुर में आयोजित किया गया। वीर बाल दिवस कार्यक्रम का माननीय प्राधनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर भारत मंडपम नयी दिल्ली से सीधा प्रसारण किया गया। जिसमें प्रेरणा सभागार में उपस्थित बच्चों ने भी कार्यक्रम के माध्यम से वीर बाल दिवस की महत्ता को समझा। जिला विकास अधिकारी द्वारा कार्यक्रम में वीर बाल दिवस के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 26 दिसम्बर को मनाया जाता है। वीर बाल दिवस केवल एक तारीख नहीं बल्कि यह उन नन्हें कंधों की साहस की गाथा हैं। परियोजना निदेशक द्वारा प्रसारण के पश्चात आज के कार्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए कहा गया कि यह दिन सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह जी के दो छोटे साहिबजादो-साहिबजादा जोरवर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी के महान बलिदान को समर्पित है। वीर बाल दिवस साहस, आत्मसम्मान एवं संकल्प की भावना के प्रति हमें जागरूक करता है। भारत सरकार द्वारा इस दिन को मनाने का निर्णय इसलिए लिया गया कि देश का हर बच्चा जान सकें कि भारत की आजादी और संस्कृति की रक्षा के लिए नन्हें बच्चों ने भी अपना खून बहाया हैं। तद्पश्चात् परियोजना निदेशक द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत विशेष अभियान के अन्तर्गत उपस्थित लोगांे को शपथ दिलायी गयी। वी0पी0 वर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी, सुलतानपुर द्वारा वीर बाल दिवस आयोजन के बारे में बताया गया कि प्रत्येक वर्ष वीर बाल दिवस 26 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जो भारत के भविष्य की नींव रखने वाले बच्चों अनुकरणी साहस, दृणता और क्षमता को सम्मानित करने के लिए समर्पित हैं। इसलिए इस दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में पूरा देश मनाता हैं। आज हम उन महान साहिबजादो और उनकी दादी माता गुजरी देवी जी को कोटि-कोटि नमन करते हैं। हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि हम भी उनके पदचिन्हों पर चलेगें और देश की सेवा के लिए तत्पर रहेंगे। वीर बाल दिवस हमंे यह सिखाता है कि कठिनाईयां चाहे कितनी भी बडी क्यों न हो, हमें अपने सिद्वातों से पीछे नहीं हटना चाहिए, अपनी संस्कृति और पहचान पर गर्व करना चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों, इण्टर काॅलेजों व महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं ने वीर बाल कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। जिसमें 60 छात्र/छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र व उपहार दिया गया। इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रसाद सिंह, जिला प्रशिक्षक आयुक्त (स्काउट) बेसिक शिक्षा परिषद, राजेन्द्र कुमार ब्लाॅक स्काउट मास्टर, कांती सिंह प्रधानाध्यापक, मनीषी त्रिपाठी कार्यालय-जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ आॅगनबाडी कार्यकत्री एवं विद्यालय की छात्र/छात्राओं के साथ उनके अभिभावक सम्बन्धित विद्यालय के अध्यापक साहित अन्य जनमानस उपस्थित रहें।
युवती से छेड़छाड़ के आरोपियों की तलाश तेज

*चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए करनैलगंज कोतवाली पुलिस जांच में जुटी

गोंडा।जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र में एक 22 वर्षीय युवती से छेड़छाड़ और चाकू से हमला करने के मामले में 24 घंटे बाद भी चार आरोपी फरार हैं,जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तलाश तेज कर दिया है।पुलिस के अनुसार युवती अपने मुहल्ले से कुछ दूरी पर शौच के लिए गयी थी।वहां उसे अकेला पाकर रफीक अहमद,शहीद अहमद,नसीम,हसीन और र‌हीस ने जबरन पकड़ लिया और घसीटते हुए उसके साथ छेड़छाड़ की।जब पीड़िता ने विरोध किया और गाली गलौज की तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट किया और उसे अपने घर ले गये थे वहां उन्होंने पीड़िता के मुंह में कपड़ा ठूंसकर अश्लील हरकतें किया था,उसके बाद पीड़िता द्वारा दुबारा विरोध करने पर आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया था जिससे युवती के बाएं हाथ पर कट लग गया था।घायलावस्था में पीड़िता को परिजन किसी तरह कोतवाली ले गये थे जिसका एक वीडियो शोसल मीडिया पर वायरल हुआ था।चिकित्सकीय परीक्षण में भी धारदार हथियार से हमला किये जाने की पुष्टि हुई है।इस मामले में शहीद अहमद,नसीम, हसीन और रहीस सहित चार आरोपियों के विरुद्ध छेड़छाड़, मारपीट,अश्लील हरकत और चाकू से हमला करने सहित 11 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।पुलिस मामले में कुछ अज्ञात आरोपियों की भूमिका के बारे में भी जांच कर रही है।करनैलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप राय ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है।पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा चुका है और उसका बयान भी कोर्ट में दर्ज कराया जा रहा है।उन्होंने आश्वस्त किया कि घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

संगठित हिंदू ही समर्थ एवं विकसित भारत का आधार : प्रदीप जोशी

जौनपुर। बदलापुर खंड के सरोखनपुर मंडल में हिंदू सम्मेलन का आयोजन हर्ष और उल्लास के साथ किया गया। इस हिंदू सम्मेलन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप जोशी जी ने कहा कि भारत को शक्तिशाली और समर्थवान बनाने के लिए हिंदू समाज का संगठन एवं जागरण वर्तमान समय की आवश्यकता है। हिंदू समाज के जागरण के इस कार्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1925 में प्रारंभ किया। इस वर्ष 2025 में संघ के स्थापना के सौ वर्ष पूरे हुए है और इसी क्रम में संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत हिंदू सम्मेलन का आयोजन पूरे देश भर में आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता ने कहा कि भारत की गौरवशाली एवं वैभवशाली ज्ञान एवं संस्कृति परंपरा रही है। भारत वर्ष के अंदर महापुरुषों की एक लंबी परम्परा रही है, जिन्होंने समय समय पर हिंदू समाज का जागरण एवं संगठन का कार्य किया है ।

मुख्य वक्ता ने कहा कि संघ समाज के अंदर परिवर्तन के लिए पांच आयाम पर कार्य करने का आग्रह कर रहा हैं। संघ पांच बातें सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी भाव का जागरण और नागरिक कर्तव्यों के बोध के लिए समाज का जागरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों से हिंदू समाज की जय होगी और विश्व का कल्याण होगा, जिसमें सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

इस अवसर पर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे संत दयाशंकर महराज ने कहा कि सर्व हिंदू समाज का संगठन अति आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि सीमा सिंह ने कहा कि भारतीय समाज में मातृशक्ति का विशेष स्थान रहा है। महारानी अबक्का, अहिल्याबाई होलकर, रानी लक्ष्मीबाई जैसी अनेक वीरांगनाएं हुई जिन्होंने समाज का नेतृत्व रहा। इस अवसर पर विशिष्ट लल्लन राम सरोज जी ने कहा कि हिंदू समाज एक विविधताओं से भरा एकात्म समाज है। इस अवसर जौनपुर विभाग के विभाग प्रचारक आदित्य जी, सह विभाग प्रचारक प्रेम प्रकाश जी, विभाग कार्यवाह डॉ नितेश जी, जिला प्रचारक राजेंद्र जी उपस्थित रहे।

नवकुंभ का वार्षिकोत्सव एवं राष्ट्रीय कवि सम्मेलन संपन्न

श्रावस्ती। जनपद के गांव खड़इला मौजा कमलाभारी श्रावस्ती उत्तर प्रदेश की धरती पर विगत 25 दिसंबर 2025 को साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक राष्ट्रीय संस्था नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान जनपद बहराइच श्रावस्ती इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।उक्त समारोह नवकुंभ के 5वें वार्षिकोत्सव के रूप में मनाया गया जिसका आयोजन साहित्य प्रेमी गजलकार भाई अकरम खान ने किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक त्रिपाठी ने किया तथा मुख्य अतिथि के रूप में श्रवण कुमार दुबे उपस्थित थे। नवकुंभ साहित्य सेवा संस्थान के जनपद बहराइच श्रावस्ती इकाई द्वारा आयोजित कौमी एकता मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का खूबसूरत संचालन प्रमोद साधक एवं संयोजन इकाई अध्यक्ष कला गुरु, सचिव रामकरण मौर्य तथा सहयोग संस्था उपाध्यक्ष प्रीतम श्रावस्तवी ने किया। उपस्थित साहित्यकारों में जे पी मधुकर, राजकिशोर पांडे राही, बलरामपुर से रामकरण मौर्य, श्रावस्ती से शिवकुमार विश्वकर्मा कला गुरु, माहिर अली, अजित शुक्ला नूतन, मनोज तन्हा, तमन्ना दिलकश,आदर्श त्रिपाठी, प्रदीप रस्तोगी भीनगा,मौलवी शब्बीर,लखीमपुर से संस्था के राष्ट्रीय सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर,सिसवारा से महेश मिश्रा मानव एवं सशस्त्र सीमा बल 62 वीं वाहिनी भिनगा के कमांडेंट सहायक अपने सैनिकों के साथ उपस्थित रहे।सफल आयोजन हेतु राष्ट्रीय कमेटी के पदाधिकारियों ने मुंबई से सभी आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी। अंत में आयोजक अकरम खान ने उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा हत्याकांड पर CM धामी ने जताया गहरा शोक

* मुख्यमंत्री ने परिवार को दिलाया कड़ी कार्रवाई का भरोसा

देहरादून, उत्तराखंड। त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले ने न्याय की मांग को तेज कर दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मृतक के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बात कर गहरा शोक व्यक्त किया और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री के अनुसार, इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं और उस पर इनाम भी घोषित किया गया है।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड एक शांतिप्रिय राज्य है, जहां देश-विदेश से छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। इस तरह की घटना न केवल राज्य बल्कि पूरे समाज के लिए पीड़ादायक है। उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

धामी ने यह भी बताया कि उन्होंने त्रिपुरा के CM डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस घटना पर चर्चा की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर हर संभव मदद की जाएगी।

एंजेल चकमा का अंतिम संस्कार 27 दिसंबर को त्रिपुरा में किया गया। घटना के बाद छात्र संगठनों और आम लोगों में भारी आक्रोश है, और सभी आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग जोर पकड़ रही है।