आजमगढ़: भगत सिंह गैरबराबरी का खात्मा चाहते थे - प्रो. जगमोहन सिंह ,संघ,बीजेपी असली आजादी 2014 से मानता है।
आजमगढ़।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजमगढ़ में रविवार को देर शाम तक पार्टी के बलिदान एवं संघर्षों के बेमिसाल 100 साल मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया।दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नेहरू हॉल में नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर "भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता" पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ।जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया। गोष्ठी के मुख्यवक्ता शहीद भगत सिंह के भांजे,शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पंजाब एग्रिकल्चर विश्विद्यालय लुधियाना में कंप्यूटर साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जगमोहन सिंह ने अपने संबोधन में बोले कि भगत सिंह के इंकलाब का बीज आजमगढ़ की माटी में जिंदा है।जिसे हमने शिब्ली मंजिल,राहुल जन्म स्थान पंदहा,निजामाबाद गुरुद्वारा में देखा।उन्होंने अपने मामा भगत सिंह के बारे में कहा कि वे 23 साल के जीवन में 350 किताबों का अध्ययन कर चुके थे।उनका कथन था कि नौजवान खूब अध्ययन करें जिससे वे हर सवाल का जवाब दे सकें।भगत सिंह की सोच में मुख्य पांच बातें थीं।वे धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति,महिलाओं की आजादी और समाज से हर तरह की गैर बराबरी को खत्म करके पूंजीवादी का खात्मा चाहते थे।प्रो जगमोहन ने कहा कि संघ और बीजेपी गांधी,नेहरू को कमतर करके अपने को ऊंचा करना चाहते हैं।जहां भगत सिंह गैरबराबरबी खत्म कर समाज को एक सूत्र में जोड़ना चाहते थे।वहीं बीजेपी की सरकार नफरत और गैरबराबरी को बढ़ा रही है।उन्होंने बल देकर कहा कि समाज के साथ चलने वाली ताकतें समाजवादी और समाज को बांटने वाली ताकतें फासिस्टवादी हैं।आजमगढ़ का जिक्र करते हुए प्रो ने कहा कि यह मेरी यात्रा कोई तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि क्रांति यात्रा रही।उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जन्म स्थान तक आज भी सड़क नहीं है।इसी स्थान से निकलकर राहुल जी ने दुनियां का भ्रमण किया।भारत नौजवान सभा के सौ साल पर भगत सिंग को याद किया जाना इस मिट्टी की उर्वरता को दर्शाता है। भाकपा राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे।यदि भगत सिंह को फांसी नहीं दी गई होती तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते।भगत सिंह का प्रिय नारा था,इंकलाब जिंदाबाद।इसका मतलब सामाजिक परिवर्तन है और ये परिवर्तन एक सतत प्रकिया है।आज जो है,वह कल नहीं रहेगा,यही कार्लमार्क्स का सिद्धांत है।अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति पाने के लिए भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन की मुख्य भूमिका 1920 से शुरू हो चुकी थी।हमे भगत सिंह की चेतना को आगे बढ़ाते हुए आमजन को एकजुट करके जनता की बदहाली को रोकना है। जौनपुर से आए अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबों को पढ़ना होगा।भगत सिंह की जेल डायरी में 'मै नास्तिक क्यों हूं ' जिसमें एक समग्र दर्शन है।शुरुवात में विषय परिवर्तन वामपंथी चिंतक और भाकपा माले के वरिष्ट नेता जय प्रकाश नारायण ने विस्तृत तरीके से किया। इस गोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी से आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ समाजवादियों की धरती रही है।यहां के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का पुरजोर विरोध करते हुए समाजवादी विचारधारा की मशाल जलाए रखे हैं।हम सब मिलकर आने वाले दिनों में कार्पोरेट परस्त और किसान,मजदूर विरोधी बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सरकार से हटाएंगे।आजमगढ़ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।भाकपा के इस सौ साल के निमित्त कार्यक्रम में भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ट नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर इम्तेयाज बेग,रामाज्ञा यादव,गंगादीन,दयाशंकर राय,गुलाब मौर्य, बालेदीन यादव,राम अवध यादव, हरिगेन,गोपाल,रामावतार सिंह,प्रकाश सेठ,सुनील कुमार यादव,राम टहल,संजय कुमार,राजनाथ राज,अशोक कुमार यादव,रमेश कुमार आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
पराजय की निराशा से बाहर निकलकर सार्थक चर्चा करें, शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को पीएम मोदी की खरी-खरी

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संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी सोमवार से शुरुआत हो रही है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष को खरी-खरी सुनाई। शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के लिए संसद परिसर से संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को हंगामे को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले। वो नारे नहीं, नीति पर जोर दे। सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, संसद का सत्र सिर्फ एक एक प्रथा नहीं हैं, ये राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम ये शीतकालीन सत्र करेगा, ये मेरा विश्वास है। भारत में लोकतंत्र को जिया है, लोकतंत्र के उमंग और उत्साह को समय समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता रहता है। बीते दिनों बिहार चुनाव में भी मतदान में जो तेजी आई है, वो लोकतंत्र की ताकत है। माता-बहनों की भागीदारी बढ़ना एक नई आशा और विश्वास पैदा कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती और इसके भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है डेमोक्रेसी कैन डिलीवर।

इंडिया गठबंधन की हार पर पीएम मोदी का तंज

वहीं, पीएम मोदी ने बिहार चुनाव में इंडिया गठबंधन की हार को लेकर भी तंज कसा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है। लेकिन मेरा सभी दलों से आग्रह है कि शीतकालीन सत्र में पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए और शीतकालीन सत्र विजय का अहंकार में भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए।

ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए-पीएम मोदी

मेरी एक चिंता रही है लंबे समय से सदन में जो पहली बार चुनकर आए हैं, या जो युवा हैं, वैसे सभी दलों के सभी सांसद बहुत परेशान हैं, उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है और न ही अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताने का मौका नहीं मिल रहा है। कोई भी दल हो हमें किसी को भी हमारी नई पीढ़ी के नौजवान सांसदों को, उन्हें अवसर देना चाहिए। इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि हम इन चीजों को गंभीरता से लें, ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसे करना है करता रहे, यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। नारे के लिए पूरा देश पड़ा है, जहां हारे वहां बोल चुके और जहां हारने जा रहे हैं, वहां भी बोल लेना। यहां नारे नहीं नीति पर बात होनी चाहिए।

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

भारत ने साउथ अफ्रीका को हराया, विराट-कुलदीप और हर्षित ने रांची में दिलाई जीत

साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हारने वाली टीम इंडिया ने वनडे सीरीज में जोरदार आगाज करते हुए पहले मैच में जीत दर्ज कर ली. रांची में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया ने विराट कोहली के शानदार और रिकॉर्डतोड़ शतक की मदद से 349 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया. इसके बाद हर्षित राणा के पहले ओवर और कुलदीप यादव के बीच के ओवर में किए करिश्मे से साउथ अफ्रीका को 332 रन पर रोक दिया. इस तरह भारत ने 17 रन से जीत दर्ज करते हुए 3 मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली.

कोहली का शतक, रोहित-राहुल भी चमके

रांची के JSCA क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग की और शहर की खुशनुमा दोपहर में फैंस के लिए ये कदम अच्छा साबित हुआ. रांची के दर्शकों को विराट कोहली और रोहित शर्मा की बेहतरीन साझेदारी देखने का मौका मिला. एक महीने पहले सिडनी में कमाल की मैच जिताऊ पार्टनरशिप करने वाले दोनों दिग्गजों ने यहां भी शतकीय साझेदारी की और 136 रन जोड़े. रोहित (57) ने जहां अर्धशतक जमाया तो वहीं विराट ने शतक जड़कर ही दम लिया.

कोहली ने वनडे करियर का 52वां शतक जमाया और इस तरह सचिन तेंदुलकर के एक फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. तेंदुलकर ने टेस्ट में 51 शतक लगाए थे. वहीं रांची के मैदान पर कोहली का ये तीसरा शतक था. उन्होंने सिर्फ 120 गेंदों में 135 रन ठोके, जिसमें 11 चौके और 7 छक्के थे. वहीं कप्तान केएल राहुल (60) ने भी अर्धशतक जमाया, जबकि रवींद्र जडेजा (32) ने भी तेज पारी खेली. साउथ अफ्रीका के लिए कॉर्बिन बॉश समेत 4 तेज गेंदबाजों ने 2-2 विकेट लिए.

हर्षित-कुलदीप ने 3-3 गेंदों में किया खेल

टीम इंडिया की पारी के बाद ये साफ था कि साउथ अफ्रीका के लिए भी रन बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. मगर दूसरे ही ओवर में हर्षित राणा (3/65) ने कहर बरपा दिया. अपने ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने रायन रिकल्टन को बोल्ड किया और तीसरी गेंद पर क्विंटन डिकॉक को आउट कर दिया. दोनों ही खाता नहीं खोल सके. फिर अर्शदीप सिंह (2/64) ने तीसरी सफलता दिलाते हुए कप्तान एडन मार्करम को पवेलियन लौटाया. सिर्फ 11 रन पर ही 3 विकेट गिर गए थे लेकिन इसके बावजूद साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने हमला जारी रखा और अहम साझेदारी करते हुए भारत को आसानी से आगे नहीं आने दिया.

खास तौर पर मैथ्यू ब्रीत्जकी (72) और मार्को यानसन (70) की 97 रन की तूफानी साझेदारी ने टीम इंडिया को मुश्किल में डाल दिया था. मगर यहीं पर 34वें ओवर में कुलदीप यादव (4/68) ने तीन गेंदों के अंदर इन दोनों को पवेलियन लौटाते हुए टीम इंडिया की वापसी करवा दी. हालांकि इसके बाद भी साउथ अफ्रीका ने आसानी से हथियार नहीं डाले. कॉर्बिन बॉश (67) ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 40 गेंदों में अर्धशतक जमा दिया. आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका को 18 रन की जरूरत थी लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा ने दूसरी गेंद पर बॉश को आउट करते हुए साउथ अफ्रीका की उम्मीदों को खत्म किया.

*नदियाँ जीवन दायिनी हैं इन्हें बचाइये,गोमती मित्रों के साथ आईये*
सुल्तानपुर,गोमती मित्र मंडल द्वारा हर रविवार आयोजित होने वाला साप्ताहिक श्रमदान रविवार 30 नवंबर को आम जनता को नदियों को बचाने के संदेश के साथ संपन्न किया गया,प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं से नदियों को बचाने व उसमें अनावश्यक वस्तुओं को प्रवाहित करने से बचने का संदेश दिया। तो मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने गोमती मित्रों से घर-घर जाकर लोगों को विशेष कर महिलाओं से नदियों को बचाने की इस मुहीम में शामिल होने का अनुरोध करने को कहा। प्रातः ०६:०० बजे से शुरू हुये श्रमदान में गोमती मित्रों ने तट परिसर के साथ-साथ नदी के अंदर से कलश,मूर्तियां, मैले कपड़े,कांच के टुकड़े,तस्वीरों के फ्रेम आदि लगभग एक कुंतल कचरा बाहर निकाला। उपस्थित लोगों का कचरा देखने के बाद यही कहना था कि अगर नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी नदियों को केवल तस्वीरों में ही देख पाएगी श्रमदान में प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,सेनजीत कसौधन दाऊ,मुन्ना सोनी,मुन्ना पाठक,संत कुमार प्रधान,अजय प्रताप सिंह,आलोक तिवारी,राम क्विंचल मौर्या,अरुण,आयुष सोनी आदि उपस्थित रहे।
*संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि*
सुल्तानपुर,संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला व्यवस्था प्रमुख,बाल कल्याण समिति के मंत्री एवं अध्यक्ष,वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता,प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं श्री कसौधन वैश्य महासभा के चौधरी रहे, राजेंद्र लोहिया का बुधवार सुबह निधन हो गया।संघ के विभाग कार्यालय पर उनके सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
संघ-विचार परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व.लोहिया से जुड़े संस्मरण साझा किए। भोलानाथ अग्रवाल ने कहा कि वह एक समर्पित निष्ठावान आदर्श स्वयंसेवक थे।कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि उनका समर्पण सराहनीय रहा और वो संघ शाखा के नियमित सहभागी रहे।श्रीनाथ भार्गव ने उन्हें मृदुभाषी,सरल,अनुशासित एवं उत्तम व्यवहार का धनी बताया। डा हृदयराम यादव बोले कि उनका कार्य व्यवहार एवं जीवन सर्वसमाज के लिए अनुकरणीय है। सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने चित्र पर पुष्पार्चन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विचार परिवार के विभिन्न दायित्वों के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न* सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न*


सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के लिए आयोजित तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता एकता और शौर्य रविवार को उत्साह के साथ संपन्न हुई। पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह के निर्देशन में हुए इस आयोजन में रिक्रूट्स ने एथलेटिक्स, कोर्ट गेम्स और टीम खेलों में दमखम दिखाया।एसपी ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और रिक्रूट्स को खेलों के माध्यम से टीम भावना, अनुशासन और निर्णय क्षमता को मजबूत करने का संदेश दिया। तीन दिनों तक चले इस आयोजन में 1600 मीटर दौड़, रिले, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, रस्साकसी और चेस जैसे मुकाबलों में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया।खेलों के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक सहित क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक, प्रभारी आरटीसी और समस्त आरटीसी स्टाफ मौजूद रहा। अधिकारियों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनके प्रदर्शन की सराहना की।बैडमिंटन में टोली नंबर 02 के मनोज सिंह चेस्ट 47 व अशोक धाकड़ चेस्ट 46 विजेता रहे, जबकि टोली 09 के रितिक चंदेल चेस्ट 255 व साहिल यादव चेस्ट 261 उपविजेता बने।टेबल टेनिस में टोली नंबर 01 से साहिल यादव चेस्ट 261 और रितिक चंदेल चेस्ट 255 विजेता रहे, वहीं टोली 02 के शशांक कुमार चेस्ट 157 व सतेन्द्र कुमार चेस्ट 175 उपविजेता रहे।
बोधगया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह: 27 देशों के 20,000 से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे

बोधगया, बिहार। विश्व की बौद्ध आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाले बोधगया में इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। भारत पहली बार 20वें अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह की मेजबानी कर रहा है, जो 2 से 12 दिसंबर तक महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित हो रहा है। महाबोधि इंटरनेशनल त्रिपिटक के फाउंडर प्रेसिडेंट संगा सेना और कोषाध्यक्ष भिखूनी शाक्य अहमद हिना के अनुसार, यह समारोह अब तक के सभी आयोजनों से अधिक व्यापक, भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है। आयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है।

उद्घाटन में शामिल होंगे अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

समारोह का शुभारंभ 2 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन द्वारा किया जाएगा। दोनों नेता बोधगया पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं, 8 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले विशेष पूजा में भाग लेंगे और 12 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे। आयोजकों ने बताया कि महाबोधि मंदिर परिसर और कालचक्र मैदान में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और व्यवस्थाएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं।

27 देशों से आएंगे 20,000 से अधिक भिक्षु और श्रद्धालु

इस वैश्विक धार्मिक आयोजन में थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, अमेरिका सहित 27 देशों से 20,000 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सहभागी 12 दिनों तक पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे त्रिपिटक—बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों का संग्रह—का संयुक्त पाठ करेंगे। इस सामूहिक पाठ का उद्देश्य विश्व शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश देना है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं में प्रशासन की कड़ी तैयारियाँ

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में आगंतुकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, आवागमन, आवास और भोजन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। शहर के होटल, धर्मशालाएँ और आश्रय स्थल पहले से ही पूर्ण रूप से बुक हो चुके हैं। महाबोधि मंदिर परिसर को विशेष सजावट से सुसज्जित किया गया है, जहाँ दैनिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और धार्मिक विमर्श भी आयोजित होंगे।

बोधगया फिर बना वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र

जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, वही बोधगया एक बार फिर वैश्विक केंद्र में है। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला यह आयोजन बौद्ध समुदाय के लिए यादगार अवसर बन गया है।

एनटीपीसी पर भारी आरोप: ओवरलोड व खुले ट्रकों ने बिगाड़ा जनजीवन, प्रशासन मूकदर्शक!

औरंगाबाद (संवाददाता) — नबीनगर प्रखंड के माधे गांव के समाजसेवी आदित्य सिंह उर्फ़ मुन्ना सिंह ने एनटीपीसी और इसके ठेकेदार संस्थानों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि एनटीपीसी से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ओवरलोडेड और बिना ढंके ट्रक निकल रहे हैं, जिनसे उड़ने वाली फ्लाई ऐश ने स्थानीय लोगों का जीना दूभर कर दिया है।

समाजसेवी के मुताबिक, ये ट्रक नरारी थाना क्षेत्र और नबीनगर रोड से होकर गुजरते समय रास्ते भर राख गिराते चलते हैं। इससे सड़कें फिसलनभरी हो जाती हैं और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके, प्रशासन की भूमिका सिर्फ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित दिख रही है। मुन्ना सिंह ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत देने के बाद भी प्रशासन की कार्रवाई “नाम मात्र की” होती है और कुछ ही दिनों में परिस्थितियाँ पहले जैसी हो जाती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “जब ओवरलोडिंग कानूनन अपराध है, तो ऐसे ट्रकों को चालान कैसे जारी कर दिए जाते हैं?

क्या इसके पीछे मिलीभगत नहीं है हाल ही में छापेमारी के दौरान कुछ ओवरलोडेड राख लदे ट्रकों के पकड़े जाने की सूचना सामने आई है। समाजसेवी ने अधिकारियों को इसकी सराहना करते हुए कहा कि वे इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण जनता को रोजाना प्रदूषण, दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। समाजसेवी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा,

“जब कमजोर व्यक्ति अन्याय से लड़ते-लड़ते थक जाता है, तब प्रकृति स्वयं न्याय करती है।”

उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

निकलने ही वाली थी बारात, दूल्हे ने कर लिया सुसाइड… फंदे से लटका मिला शव, ये थी वजह

झारखंड की राजधानी रांची के एक इलाके में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब बारात निकलने से कुछ ही घंटों पहले दूल्हे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. देखते ही देखते ही कुछ ही मिनटों पर खुशियां मातम और चीख-पुकार में तब्दील हो गई. पीड़ित पिता ने बेटे की पूर्व प्रेमिका और कुछ अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, यह पूरा मामला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले न्यू मधुकम इलाके का है. यहां रहने वाले उदित पांडेय के बेटे नीतेश पांडेय की शादी लातेहार जिले में तय हुई थी. नीतेश भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजर के पद पर तैनात थे. शनिवार को उनकी बारात निकलनी थी, लेकिन इससे एक घंटे पहले ही उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फंदे पर झूलते बेटे को देखते ही परिवार की चीख-पुकार निकल गई. घर में चारों तरफ छाई खुशियां अचानक मातम में बदल गईं.

टीचर संग प्रेम संबंध में था नीतेश

जानकारी के अनुसार, साल 2017 में नीतेश बिहार में टीचर के पद पर तैनात एक युवती के साथ प्रेम संबंध में था. दोनों के बीच धीरे-धीरे प्यार बढ़ता चला गया. इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का वादा भी किया. हालांकि, इस बीच नितेश अपने वादे से मुकर गया और परिवार की मर्जी से शादी करने के लिए तैयार हो गया. इस बात की जानकारी होते ही प्रेमिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

तिलक कार्यक्रम में युवक को उठा ले गई थी पुलिस

प्रेमिका ने सुखदेवनगर थाने में प्रेमी नितेश पांडे के खिलाफ यौन शोषण सहित कई गंभीर धाराओं में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच में जुट गई. 25 नवंबर को नितेश का तिलक कार्यक्रम चल रहा था, तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई. वह उसे लेकर थाने ले आई. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान पैसे लेकर पुलिस ने नितेश को छोड़ दिया था. इसके बाद शादी के अन्य मांगलिक कार्यक्रम जारी रहे.

शनिवार को नितेश की बारात निकलनी थी कि इससे पहले ही उनसे सुसाइड कर लिया. घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस और पूर्व प्रेमिका के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.

आजमगढ़: भगत सिंह गैरबराबरी का खात्मा चाहते थे - प्रो. जगमोहन सिंह ,संघ,बीजेपी असली आजादी 2014 से मानता है।
आजमगढ़।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजमगढ़ में रविवार को देर शाम तक पार्टी के बलिदान एवं संघर्षों के बेमिसाल 100 साल मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया।दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नेहरू हॉल में नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर "भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता" पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ।जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया। गोष्ठी के मुख्यवक्ता शहीद भगत सिंह के भांजे,शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पंजाब एग्रिकल्चर विश्विद्यालय लुधियाना में कंप्यूटर साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जगमोहन सिंह ने अपने संबोधन में बोले कि भगत सिंह के इंकलाब का बीज आजमगढ़ की माटी में जिंदा है।जिसे हमने शिब्ली मंजिल,राहुल जन्म स्थान पंदहा,निजामाबाद गुरुद्वारा में देखा।उन्होंने अपने मामा भगत सिंह के बारे में कहा कि वे 23 साल के जीवन में 350 किताबों का अध्ययन कर चुके थे।उनका कथन था कि नौजवान खूब अध्ययन करें जिससे वे हर सवाल का जवाब दे सकें।भगत सिंह की सोच में मुख्य पांच बातें थीं।वे धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति,महिलाओं की आजादी और समाज से हर तरह की गैर बराबरी को खत्म करके पूंजीवादी का खात्मा चाहते थे।प्रो जगमोहन ने कहा कि संघ और बीजेपी गांधी,नेहरू को कमतर करके अपने को ऊंचा करना चाहते हैं।जहां भगत सिंह गैरबराबरबी खत्म कर समाज को एक सूत्र में जोड़ना चाहते थे।वहीं बीजेपी की सरकार नफरत और गैरबराबरी को बढ़ा रही है।उन्होंने बल देकर कहा कि समाज के साथ चलने वाली ताकतें समाजवादी और समाज को बांटने वाली ताकतें फासिस्टवादी हैं।आजमगढ़ का जिक्र करते हुए प्रो ने कहा कि यह मेरी यात्रा कोई तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि क्रांति यात्रा रही।उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जन्म स्थान तक आज भी सड़क नहीं है।इसी स्थान से निकलकर राहुल जी ने दुनियां का भ्रमण किया।भारत नौजवान सभा के सौ साल पर भगत सिंग को याद किया जाना इस मिट्टी की उर्वरता को दर्शाता है। भाकपा राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे।यदि भगत सिंह को फांसी नहीं दी गई होती तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते।भगत सिंह का प्रिय नारा था,इंकलाब जिंदाबाद।इसका मतलब सामाजिक परिवर्तन है और ये परिवर्तन एक सतत प्रकिया है।आज जो है,वह कल नहीं रहेगा,यही कार्लमार्क्स का सिद्धांत है।अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति पाने के लिए भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन की मुख्य भूमिका 1920 से शुरू हो चुकी थी।हमे भगत सिंह की चेतना को आगे बढ़ाते हुए आमजन को एकजुट करके जनता की बदहाली को रोकना है। जौनपुर से आए अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबों को पढ़ना होगा।भगत सिंह की जेल डायरी में 'मै नास्तिक क्यों हूं ' जिसमें एक समग्र दर्शन है।शुरुवात में विषय परिवर्तन वामपंथी चिंतक और भाकपा माले के वरिष्ट नेता जय प्रकाश नारायण ने विस्तृत तरीके से किया। इस गोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी से आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ समाजवादियों की धरती रही है।यहां के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का पुरजोर विरोध करते हुए समाजवादी विचारधारा की मशाल जलाए रखे हैं।हम सब मिलकर आने वाले दिनों में कार्पोरेट परस्त और किसान,मजदूर विरोधी बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सरकार से हटाएंगे।आजमगढ़ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।भाकपा के इस सौ साल के निमित्त कार्यक्रम में भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ट नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर इम्तेयाज बेग,रामाज्ञा यादव,गंगादीन,दयाशंकर राय,गुलाब मौर्य, बालेदीन यादव,राम अवध यादव, हरिगेन,गोपाल,रामावतार सिंह,प्रकाश सेठ,सुनील कुमार यादव,राम टहल,संजय कुमार,राजनाथ राज,अशोक कुमार यादव,रमेश कुमार आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
पराजय की निराशा से बाहर निकलकर सार्थक चर्चा करें, शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को पीएम मोदी की खरी-खरी

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संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी सोमवार से शुरुआत हो रही है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष को खरी-खरी सुनाई। शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के लिए संसद परिसर से संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को हंगामे को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले। वो नारे नहीं, नीति पर जोर दे। सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, संसद का सत्र सिर्फ एक एक प्रथा नहीं हैं, ये राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम ये शीतकालीन सत्र करेगा, ये मेरा विश्वास है। भारत में लोकतंत्र को जिया है, लोकतंत्र के उमंग और उत्साह को समय समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता रहता है। बीते दिनों बिहार चुनाव में भी मतदान में जो तेजी आई है, वो लोकतंत्र की ताकत है। माता-बहनों की भागीदारी बढ़ना एक नई आशा और विश्वास पैदा कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती और इसके भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है डेमोक्रेसी कैन डिलीवर।

इंडिया गठबंधन की हार पर पीएम मोदी का तंज

वहीं, पीएम मोदी ने बिहार चुनाव में इंडिया गठबंधन की हार को लेकर भी तंज कसा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है। लेकिन मेरा सभी दलों से आग्रह है कि शीतकालीन सत्र में पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए और शीतकालीन सत्र विजय का अहंकार में भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए।

ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए-पीएम मोदी

मेरी एक चिंता रही है लंबे समय से सदन में जो पहली बार चुनकर आए हैं, या जो युवा हैं, वैसे सभी दलों के सभी सांसद बहुत परेशान हैं, उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है और न ही अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताने का मौका नहीं मिल रहा है। कोई भी दल हो हमें किसी को भी हमारी नई पीढ़ी के नौजवान सांसदों को, उन्हें अवसर देना चाहिए। इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि हम इन चीजों को गंभीरता से लें, ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसे करना है करता रहे, यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। नारे के लिए पूरा देश पड़ा है, जहां हारे वहां बोल चुके और जहां हारने जा रहे हैं, वहां भी बोल लेना। यहां नारे नहीं नीति पर बात होनी चाहिए।

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

भारत ने साउथ अफ्रीका को हराया, विराट-कुलदीप और हर्षित ने रांची में दिलाई जीत

साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हारने वाली टीम इंडिया ने वनडे सीरीज में जोरदार आगाज करते हुए पहले मैच में जीत दर्ज कर ली. रांची में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया ने विराट कोहली के शानदार और रिकॉर्डतोड़ शतक की मदद से 349 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया. इसके बाद हर्षित राणा के पहले ओवर और कुलदीप यादव के बीच के ओवर में किए करिश्मे से साउथ अफ्रीका को 332 रन पर रोक दिया. इस तरह भारत ने 17 रन से जीत दर्ज करते हुए 3 मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली.

कोहली का शतक, रोहित-राहुल भी चमके

रांची के JSCA क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग की और शहर की खुशनुमा दोपहर में फैंस के लिए ये कदम अच्छा साबित हुआ. रांची के दर्शकों को विराट कोहली और रोहित शर्मा की बेहतरीन साझेदारी देखने का मौका मिला. एक महीने पहले सिडनी में कमाल की मैच जिताऊ पार्टनरशिप करने वाले दोनों दिग्गजों ने यहां भी शतकीय साझेदारी की और 136 रन जोड़े. रोहित (57) ने जहां अर्धशतक जमाया तो वहीं विराट ने शतक जड़कर ही दम लिया.

कोहली ने वनडे करियर का 52वां शतक जमाया और इस तरह सचिन तेंदुलकर के एक फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. तेंदुलकर ने टेस्ट में 51 शतक लगाए थे. वहीं रांची के मैदान पर कोहली का ये तीसरा शतक था. उन्होंने सिर्फ 120 गेंदों में 135 रन ठोके, जिसमें 11 चौके और 7 छक्के थे. वहीं कप्तान केएल राहुल (60) ने भी अर्धशतक जमाया, जबकि रवींद्र जडेजा (32) ने भी तेज पारी खेली. साउथ अफ्रीका के लिए कॉर्बिन बॉश समेत 4 तेज गेंदबाजों ने 2-2 विकेट लिए.

हर्षित-कुलदीप ने 3-3 गेंदों में किया खेल

टीम इंडिया की पारी के बाद ये साफ था कि साउथ अफ्रीका के लिए भी रन बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. मगर दूसरे ही ओवर में हर्षित राणा (3/65) ने कहर बरपा दिया. अपने ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने रायन रिकल्टन को बोल्ड किया और तीसरी गेंद पर क्विंटन डिकॉक को आउट कर दिया. दोनों ही खाता नहीं खोल सके. फिर अर्शदीप सिंह (2/64) ने तीसरी सफलता दिलाते हुए कप्तान एडन मार्करम को पवेलियन लौटाया. सिर्फ 11 रन पर ही 3 विकेट गिर गए थे लेकिन इसके बावजूद साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने हमला जारी रखा और अहम साझेदारी करते हुए भारत को आसानी से आगे नहीं आने दिया.

खास तौर पर मैथ्यू ब्रीत्जकी (72) और मार्को यानसन (70) की 97 रन की तूफानी साझेदारी ने टीम इंडिया को मुश्किल में डाल दिया था. मगर यहीं पर 34वें ओवर में कुलदीप यादव (4/68) ने तीन गेंदों के अंदर इन दोनों को पवेलियन लौटाते हुए टीम इंडिया की वापसी करवा दी. हालांकि इसके बाद भी साउथ अफ्रीका ने आसानी से हथियार नहीं डाले. कॉर्बिन बॉश (67) ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 40 गेंदों में अर्धशतक जमा दिया. आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका को 18 रन की जरूरत थी लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा ने दूसरी गेंद पर बॉश को आउट करते हुए साउथ अफ्रीका की उम्मीदों को खत्म किया.

*नदियाँ जीवन दायिनी हैं इन्हें बचाइये,गोमती मित्रों के साथ आईये*
सुल्तानपुर,गोमती मित्र मंडल द्वारा हर रविवार आयोजित होने वाला साप्ताहिक श्रमदान रविवार 30 नवंबर को आम जनता को नदियों को बचाने के संदेश के साथ संपन्न किया गया,प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं से नदियों को बचाने व उसमें अनावश्यक वस्तुओं को प्रवाहित करने से बचने का संदेश दिया। तो मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने गोमती मित्रों से घर-घर जाकर लोगों को विशेष कर महिलाओं से नदियों को बचाने की इस मुहीम में शामिल होने का अनुरोध करने को कहा। प्रातः ०६:०० बजे से शुरू हुये श्रमदान में गोमती मित्रों ने तट परिसर के साथ-साथ नदी के अंदर से कलश,मूर्तियां, मैले कपड़े,कांच के टुकड़े,तस्वीरों के फ्रेम आदि लगभग एक कुंतल कचरा बाहर निकाला। उपस्थित लोगों का कचरा देखने के बाद यही कहना था कि अगर नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी नदियों को केवल तस्वीरों में ही देख पाएगी श्रमदान में प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,सेनजीत कसौधन दाऊ,मुन्ना सोनी,मुन्ना पाठक,संत कुमार प्रधान,अजय प्रताप सिंह,आलोक तिवारी,राम क्विंचल मौर्या,अरुण,आयुष सोनी आदि उपस्थित रहे।
*संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि*
सुल्तानपुर,संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला व्यवस्था प्रमुख,बाल कल्याण समिति के मंत्री एवं अध्यक्ष,वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता,प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं श्री कसौधन वैश्य महासभा के चौधरी रहे, राजेंद्र लोहिया का बुधवार सुबह निधन हो गया।संघ के विभाग कार्यालय पर उनके सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
संघ-विचार परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व.लोहिया से जुड़े संस्मरण साझा किए। भोलानाथ अग्रवाल ने कहा कि वह एक समर्पित निष्ठावान आदर्श स्वयंसेवक थे।कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि उनका समर्पण सराहनीय रहा और वो संघ शाखा के नियमित सहभागी रहे।श्रीनाथ भार्गव ने उन्हें मृदुभाषी,सरल,अनुशासित एवं उत्तम व्यवहार का धनी बताया। डा हृदयराम यादव बोले कि उनका कार्य व्यवहार एवं जीवन सर्वसमाज के लिए अनुकरणीय है। सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने चित्र पर पुष्पार्चन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विचार परिवार के विभिन्न दायित्वों के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न* सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न*


सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के लिए आयोजित तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता एकता और शौर्य रविवार को उत्साह के साथ संपन्न हुई। पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह के निर्देशन में हुए इस आयोजन में रिक्रूट्स ने एथलेटिक्स, कोर्ट गेम्स और टीम खेलों में दमखम दिखाया।एसपी ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और रिक्रूट्स को खेलों के माध्यम से टीम भावना, अनुशासन और निर्णय क्षमता को मजबूत करने का संदेश दिया। तीन दिनों तक चले इस आयोजन में 1600 मीटर दौड़, रिले, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, रस्साकसी और चेस जैसे मुकाबलों में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया।खेलों के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक सहित क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक, प्रभारी आरटीसी और समस्त आरटीसी स्टाफ मौजूद रहा। अधिकारियों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनके प्रदर्शन की सराहना की।बैडमिंटन में टोली नंबर 02 के मनोज सिंह चेस्ट 47 व अशोक धाकड़ चेस्ट 46 विजेता रहे, जबकि टोली 09 के रितिक चंदेल चेस्ट 255 व साहिल यादव चेस्ट 261 उपविजेता बने।टेबल टेनिस में टोली नंबर 01 से साहिल यादव चेस्ट 261 और रितिक चंदेल चेस्ट 255 विजेता रहे, वहीं टोली 02 के शशांक कुमार चेस्ट 157 व सतेन्द्र कुमार चेस्ट 175 उपविजेता रहे।
बोधगया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह: 27 देशों के 20,000 से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे

बोधगया, बिहार। विश्व की बौद्ध आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाले बोधगया में इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। भारत पहली बार 20वें अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह की मेजबानी कर रहा है, जो 2 से 12 दिसंबर तक महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित हो रहा है। महाबोधि इंटरनेशनल त्रिपिटक के फाउंडर प्रेसिडेंट संगा सेना और कोषाध्यक्ष भिखूनी शाक्य अहमद हिना के अनुसार, यह समारोह अब तक के सभी आयोजनों से अधिक व्यापक, भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है। आयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है।

उद्घाटन में शामिल होंगे अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

समारोह का शुभारंभ 2 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन द्वारा किया जाएगा। दोनों नेता बोधगया पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं, 8 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले विशेष पूजा में भाग लेंगे और 12 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे। आयोजकों ने बताया कि महाबोधि मंदिर परिसर और कालचक्र मैदान में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और व्यवस्थाएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं।

27 देशों से आएंगे 20,000 से अधिक भिक्षु और श्रद्धालु

इस वैश्विक धार्मिक आयोजन में थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, अमेरिका सहित 27 देशों से 20,000 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सहभागी 12 दिनों तक पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे त्रिपिटक—बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों का संग्रह—का संयुक्त पाठ करेंगे। इस सामूहिक पाठ का उद्देश्य विश्व शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश देना है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं में प्रशासन की कड़ी तैयारियाँ

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में आगंतुकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, आवागमन, आवास और भोजन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। शहर के होटल, धर्मशालाएँ और आश्रय स्थल पहले से ही पूर्ण रूप से बुक हो चुके हैं। महाबोधि मंदिर परिसर को विशेष सजावट से सुसज्जित किया गया है, जहाँ दैनिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और धार्मिक विमर्श भी आयोजित होंगे।

बोधगया फिर बना वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र

जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, वही बोधगया एक बार फिर वैश्विक केंद्र में है। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला यह आयोजन बौद्ध समुदाय के लिए यादगार अवसर बन गया है।

एनटीपीसी पर भारी आरोप: ओवरलोड व खुले ट्रकों ने बिगाड़ा जनजीवन, प्रशासन मूकदर्शक!

औरंगाबाद (संवाददाता) — नबीनगर प्रखंड के माधे गांव के समाजसेवी आदित्य सिंह उर्फ़ मुन्ना सिंह ने एनटीपीसी और इसके ठेकेदार संस्थानों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि एनटीपीसी से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ओवरलोडेड और बिना ढंके ट्रक निकल रहे हैं, जिनसे उड़ने वाली फ्लाई ऐश ने स्थानीय लोगों का जीना दूभर कर दिया है।

समाजसेवी के मुताबिक, ये ट्रक नरारी थाना क्षेत्र और नबीनगर रोड से होकर गुजरते समय रास्ते भर राख गिराते चलते हैं। इससे सड़कें फिसलनभरी हो जाती हैं और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके, प्रशासन की भूमिका सिर्फ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित दिख रही है। मुन्ना सिंह ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत देने के बाद भी प्रशासन की कार्रवाई “नाम मात्र की” होती है और कुछ ही दिनों में परिस्थितियाँ पहले जैसी हो जाती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “जब ओवरलोडिंग कानूनन अपराध है, तो ऐसे ट्रकों को चालान कैसे जारी कर दिए जाते हैं?

क्या इसके पीछे मिलीभगत नहीं है हाल ही में छापेमारी के दौरान कुछ ओवरलोडेड राख लदे ट्रकों के पकड़े जाने की सूचना सामने आई है। समाजसेवी ने अधिकारियों को इसकी सराहना करते हुए कहा कि वे इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण जनता को रोजाना प्रदूषण, दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। समाजसेवी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा,

“जब कमजोर व्यक्ति अन्याय से लड़ते-लड़ते थक जाता है, तब प्रकृति स्वयं न्याय करती है।”

उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

निकलने ही वाली थी बारात, दूल्हे ने कर लिया सुसाइड… फंदे से लटका मिला शव, ये थी वजह

झारखंड की राजधानी रांची के एक इलाके में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब बारात निकलने से कुछ ही घंटों पहले दूल्हे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. देखते ही देखते ही कुछ ही मिनटों पर खुशियां मातम और चीख-पुकार में तब्दील हो गई. पीड़ित पिता ने बेटे की पूर्व प्रेमिका और कुछ अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, यह पूरा मामला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले न्यू मधुकम इलाके का है. यहां रहने वाले उदित पांडेय के बेटे नीतेश पांडेय की शादी लातेहार जिले में तय हुई थी. नीतेश भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजर के पद पर तैनात थे. शनिवार को उनकी बारात निकलनी थी, लेकिन इससे एक घंटे पहले ही उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फंदे पर झूलते बेटे को देखते ही परिवार की चीख-पुकार निकल गई. घर में चारों तरफ छाई खुशियां अचानक मातम में बदल गईं.

टीचर संग प्रेम संबंध में था नीतेश

जानकारी के अनुसार, साल 2017 में नीतेश बिहार में टीचर के पद पर तैनात एक युवती के साथ प्रेम संबंध में था. दोनों के बीच धीरे-धीरे प्यार बढ़ता चला गया. इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का वादा भी किया. हालांकि, इस बीच नितेश अपने वादे से मुकर गया और परिवार की मर्जी से शादी करने के लिए तैयार हो गया. इस बात की जानकारी होते ही प्रेमिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

तिलक कार्यक्रम में युवक को उठा ले गई थी पुलिस

प्रेमिका ने सुखदेवनगर थाने में प्रेमी नितेश पांडे के खिलाफ यौन शोषण सहित कई गंभीर धाराओं में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच में जुट गई. 25 नवंबर को नितेश का तिलक कार्यक्रम चल रहा था, तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई. वह उसे लेकर थाने ले आई. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान पैसे लेकर पुलिस ने नितेश को छोड़ दिया था. इसके बाद शादी के अन्य मांगलिक कार्यक्रम जारी रहे.

शनिवार को नितेश की बारात निकलनी थी कि इससे पहले ही उनसे सुसाइड कर लिया. घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस और पूर्व प्रेमिका के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.