ভারতীয় কোস্ট গার্ডের উদ্যোগে বাংলাদেশ থেকে ভারতীয় জেলেদের প্রত্যাবর্তন
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Khabar kolkata News Desk: ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় বাংলাদেশে আটক ৪৭ জন ভারতীয় জেলে এবং তিনটি (০৩) ভারতীয় মাছ ধরার নৌকা (IFB) প্রত্যাবর্তনের অনুমোদন দিয়েছে। ০৯ ডিসেম্বর ২০২৫-এ পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য সরকারের সমন্বয়ে ভারতীয় কোস্ট গার্ড সফলভাবে এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়া সম্পন্ন করে। বঙ্গোপসাগরে আন্তর্জাতিক সামুদ্রিক সীমারেখা বরাবর এই আদান-প্রদান অনুষ্ঠিত হয়।
এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়াটি পারস্পরিক ব্যবস্থার অংশ হিসেবে সম্পন্ন হয়, যেখানে ভারত ও তার জলসীমায় অবৈধ মাছ ধরার অভিযোগে ভারতীয় কোস্ট গার্ড কর্তৃক আটক ৩২ জন বাংলাদেশি জেলে এবং একটি (০১) বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা ফেরত দেয়। ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া নিরাপদে ওই বাংলাদেশি জেলেদের Bangladesh Coast Guard-এর জাহাজ BCGS Kamaruzzaman ও Sadhin Bangla-এর কাছে হস্তান্তর করে।
প্রত্যাবর্তিত ভারতীয় জেলেদের তিনটি IFB-সহ ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া পশ্চিমবঙ্গের ফ্রেজারগঞ্জে নিয়ে আসে এবং ১০ ডিসেম্বর ২০২৫-এ ICGS Frazerganj-এর মাধ্যমে পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনের কাছে হস্তান্তর করে। জেলেদের ও তাদের নৌযানগুলোর এই পারস্পরিক বিনিময় ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় মানবিক দিক ও জেলে সম্প্রদায়ের জীবিকা-সংক্রান্ত বিষয় বিবেচনা করে সম্পন্ন করেছে। গত তিন মাসে ভারতীয় কোস্ট গার্ড ভারতীয় EEZ-এর ভিতরে অবৈধভাবে পরিচালনাকারী ছয়টি বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা আটক করেছে।
যদিও ভারতীয় কোস্ট গার্ড নিয়মিতভাবে IMBL-এ ভারতীয় মাছ ধরার নৌকাগুলিকে পথনির্দেশ করে থাকে, তবুও নৌকাগুলি অগভীর জলসীমা ব্যবহার করে সীমারেখা অতিক্রম করছে। গত এক বছরে IMBL-এ ভারতীয় কোস্ট গার্ডের ইউনিটগুলো ৩০০-র বেশি IFB-কে ভারতীয় জলসীমায় ফেরত পাঠিয়েছে। পাশাপাশি, জেলেদের IMBL অতিক্রম না করতে উদ্বুদ্ধ করতে স্থানীয় মৎস্য বিভাগ ও মেরিন পুলিশের প্রতিনিধিদের সমন্বয়ে উপকূলবর্তী বিভিন্ন জেলেপল্লিতে নিয়মিতভাবে কমিউনিটি ইন্টারঅ্যাকশন প্রোগ্রাম (CIP) আয়োজন করা হচ্ছে।
IMBL অতিক্রম করে বৈধ নথিপত্র ছাড়া বিদেশি জলসীমায় মাছ ধরা একটি গুরুতর অপরাধ এবং এর মারাত্মক পরিণতি রয়েছে। এ ধরনের লঙ্ঘন বিদেশি আইন-শৃঙ্খলা রক্ষাকারী সংস্থা বা সামুদ্রিক সংস্থার দ্বারা নৌকা/জেলেদের আটক হওয়ার কারণ হয়। এর ফলে জেলেদের এবং তাদের পরিবারের অযথা শারীরিক ও মানসিক কষ্টের সৃষ্টি হয়।
এই প্রসঙ্গে ভারতীয় কোস্ট গার্ড পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনকে স্থানীয় জেলে সম্প্রদায়কে IMBL অতিক্রমের আইনি ও নিরাপত্তাজনিত প্রভাব সম্পর্কে সচেতন করতে প্রয়োজনীয় নির্দেশ জারি করার অনুরোধ জানিয়েছে।
ছবি সৌজন্যে :- ইন্ডিয়ান কোস্ট গার্ড।





बुढ़नपुर : सिकहुला गांव स्थित गन्ना क्रय केंद्र इन दिनों भारी अव्यवस्थाओं का प्रतीक बन चुका है। यहां कई-कई दिनों से ट्रक न पहुंचने के कारण किसानों का गन्ना टालियों में ही सड़ने की कगार पर है। सूखते गन्ने को देखकर किसान बुरी तरह चिंतित और परेशान हैं, क्योंकि गन्ना उठान न होने से न सिर्फ लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो रही है, बल्कि आगामी गेंहू बुवाई का पूरा चक्र बिगड़ता जा रहा है।किसानों ने बताया कि यदि समय पर गन्ना उठान हो जाता तो तुरंत भुगतान भी मिल जाता और वे बिना रुकावट गेंहू की बुवाई कर पाते। लेकिन क्रय केंद्र की कार्यप्रणाली इतनी अस्त-व्यस्त है कि किसान रोज़ाना घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद खाली हाथ वापस लौट रहे हैं।काटा इंचार्ज पर गंभीर आरोप किसानों ने काटा इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हर टाली से लगभग 2 क्विंटल तक गन्ना कम काटा जा रहा है, जिससे किसानों को सीधी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। कई बार शिकायतें होने के बावजूद न तो अधिकारियों की तरफ से कोई जांच हुई और न ही व्यवस्था में सुधार आया। किसानों का कहना है कि शिकायतें अब पूरी तरह "बेअसर" हो चुकी हैं। किसानों में उबाल, चेताया—अभी नहीं सुधरी व्यवस्था तो होगा बड़ा आंदोलन गन्ना किसानों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। उनका कहना है कि अगर जल्द ट्रक की व्यवस्था नहीं की गई, टालियों का गन्ना नहीं उठाया गया और काटा प्रणाली में पारदर्शिता नहीं लाई गई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।इस मौके पर मौजूद किसानों में राजेंद्र सिंह, विनोद मिश्र, देवेंद्र यादव, राम आधार यादव, अजय यादव, गुंजन सिंह, शशिकांत यादव सहित कई अन्य किसान शामिल रहे, जिन्होंने एक सुर में कहा— “हमारी मेहनत सड़ रही है और अधिकारी मौन हैं, अब किसान चुप नहीं बैठेगा।” किसानों ने जिले के उच्च अधिकारियों से तुरंत हस्तक्षेप कर क्रय केंद्र की अव्यवस्थाओं को दूर कराने और गन्ना उठान सुचारु करने की मांग की है।
हजारीबाग: शीतकालीन सत्र के अवसर पर मंगलवार को हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद ने राज्य सरकार की लगातार बढ़ती विफलताओं के खिलाफ जोरदार आवाज़ उठाई। विधायक ने विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, सदन में हजारीबाग के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और व्यावसायिक प्रशिक्षकों के धरना स्थल पर पहुँचकर उनकी समस्याओं को मजबूती से उठाया।

केरेडारी: केरेडारी प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है! पाला लगातार गिर रहा है जिस कारण ठंड का प्रकोप चरम पर है! ऐसे में ठंड को देखते हुए बेंगवरी गांव के समाजसेवी लखन प्रजापति के द्वारा बेंगवरी गांव में शिविर लगा कर गरीब असहाय और बुजुर्ग महिला पुरुष समेत जरूरत मंद लोगों के बीच 500 शॉल और कंबल का वितरण किया गया! कंबल और शॉल लगभग सौ जरूरत मंद लोगों को दिया! इस अवसर पर समाजसेवी लखन प्रजापति ने कहा कि बीते एक दशक से हम गरीब असहाय लोगों के बीच 500 कंबल और शॉल का वितरण कर रहे हैं! क्योंकि मेरा मानना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है! वासुदेव प्रजापति, उमेश कुमार, जुगेश्वर प्रजापति, सुखदेव प्रजापति, शिवदेव महतो, उपस्थित थे

2 min ago
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