भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।
व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-
4 दिसंबर
• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।
• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।
5 दिसंबर
• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।
• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।
• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।
• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।
• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।
• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।
• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।
• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।
कई घेरों की सुरक्षा
पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।
दौरे से पहले सुरक्षा जांच
व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।





सिद्धेश्वर पाण्डेय
सुल्तानपुर में आज आजाद समाज सेवा समिति का 30 वाँ वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शहीद खुदीराम बोस की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में भारत समाचार के मुख्य संपादक ब्रजेश मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में, जबकि वरिष्ठ साहित्यकार कमल नयन पाण्डेय मुख्य के रूप में शामिल हुए। वहीं संस्था के संस्थापक सदस्य एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इस दौरान सैकड़ों गरीब निराश्रितों को कंबल, गरीब स्कूली बच्चियों को सायकिल के साथ साथ गरीब महिलाओं के जीविकोपार्जन के लिए सिलाई मशीन का वितरण किया गया। दरअसल नगर के तिकोनिया पार्क में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे भारत समाचार के मुख्य संपादक ब्रजेश मिश्रा सहित तमाम लोगों ने अमर शहीद खुदीराम बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। संस्था के संस्थापक सदस्य और राजसभा सांसद संजय सिंह सहित तमाम समाजसेवी और कई राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं मंच से संबोधन के दौरान भारत समाचार के चीफ एडिटर ब्रजेश मिश्रा ने संस्था के कार्य की सराहना की । साथ ही युवाओं को मोबाइल का प्रयोग कम से कम करने का अनुरोध किया।
वहीं संस्था के अध्यक्ष अशोक सिंह की माने तो लगातार 1994 से लोगों की सेवा की जा रही है। रक्तदान हो या लावारिसों की सेवा, गरीब निराश्रितों की मदद तो अन्य सामाजिक कार्य, कभी भी इसके लिए सरकारी सहायता नहीं ली गई। आपसी सहयोग के जरिए लगातार 1994 से लोगों की मदद की जा रही है। इनकी टीम में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो अब तक 50- 50 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज ये आयोजन किया गया जिसमें जिले के विभिन्न इलाकों से आए करीब एक हजार गरीब निराश्रितों को कंबल, 100 गरीब बच्चियों को सायकिल और गरीब महिलाओं के जीविकोपार्जन के लिए 100 सिलाई मशीन का वितरण किया गया।
सुल्तानपुर,भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री के नेतृत्व में प्रदेश चेयरमैन सुधीर यश हलवासीय की अध्यक्षता में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से किया मुलाकात GST से संबंधित पेनल्टी एवं ब्याज माफी योजना को प्रदेश-व्यापी रूप से लागू करने हेतु किया अनुरोध अनुरोध दिया मांग पत्र* मांग पत्र में के माध्यम से वित्त मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री सुरेश खन्ना जी से मांग किया गया है कि भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से हम रवीन्द्र त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री, आपके समक्ष व्यापार समुदाय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता प्रस्तुत करना चाहता हूँ। मान्यवर, यह सर्वविदित है कि उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 से संबंधित GST पेनल्टी एवं ब्याज को मूल कर राशि जमा करने की शर्त पर माफ करके व्यापारियों को उल्लेखनीय राहत प्रदान की है। इस निर्णय ने वहाँ के छोटे, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों को विशेष रूप से लाभान्वित किया और आर्थिक गतिविधियों में नई ऊर्जा का संचार किया। जबकि राहत देने के मामले में पूरे देश में आपसे ज्यादा आगे अब तक आपसे आगे अब तक कोई नहीं रहा है देश का हर प्रदेश आपकी औद्योगिक व्यापारिक नीतियों की प्रेरणा लेता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी वर्ष 2025 में विभिन्न जिलों में GST-संबंधित ब्याज एवं पेनल्टी माफी योजनाएँ लागू की थीं, जिनसे हजारों व्यापारियों को व्यावहारिक राहत मिली, अनुपालन दर में सुधार हुआ और राजस्व का मूल घटक राज्य को प्राप्त हुआ। इन पहलों ने प्रदेश के व्यापारियों में सरकार की नीतियों के प्रति विश्वास को और सुदृढ़ किया। वर्तमान समय में प्रदेश के अनेक व्यापारी, विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं कुटीर उद्यम, पुराने कर वर्षों की तकनीकी त्रुटियों, डिजिटल चुनौतियों और ब्याज-पेनल्टी के अत्यधिक बोझ के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। अधिकांश व्यापारी अपनी मूल कर देनदारी का भुगतान करने के लिए इच्छुक हैं, परंतु दंडात्मक शुल्क उनकी आर्थिक क्षमता के प्रतिकूल सिद्ध हो रहा है। यदि राज्य-स्तर पर पेनल्टी एवं ब्याज माफी योजना पुनः लागू की जाती है, तो: व्यापारियों को कर जमा करने की जटिलताओं एवं दंडात्मक बोझ से राहत मिलेगी, MSME, कुटीर एवं स्थानीय उद्योगों को स्थिरता प्राप्त होगी, रोजगार सृजन को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन मिलेगा, तथा प्रदेश की आर्थिक गतिविधियाँ अधिक सशक्त रूप से गति प्राप्त करेंगी। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, व्यापार समुदाय की ओर से विनम्र अनुरोध है कि पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं तथा वर्तमान उत्तराखंड मॉडल को आधार मानते हुए संपूर्ण उत्तर प्रदेश में एक समान GST पेनल्टी एवं ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने पर सकारात्मक विचार किया जाए। हमें विश्वास है कि आपके संवेदनशील नेतृत्व में यह निर्णय व्यापार जगत को राहत प्रदान करने के साथ-साथ प्रदेश के समग्र औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को भी गति देगा। प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि सचल दल के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए की छोटी-छोटी कर्मियों पर गाड़ियों को रोककर व्यापारियों को परेशान ना किया जाए और अनायास गाड़ियों को रोकर अवैधतस्यीली का प्रयास न किया जाए। मांग पत्र देने वालों में जनपद सुल्तानपुर के भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष राकेश अग्रहरी उन्नाव जिला अध्यक्ष अखिलेश अवस्थी प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र अग्रहरी सुल्तानपुर जिला मीडिया प्रभारी जयप्रकाश मिश्र शामिल रहे।




कोयलसा, आज़मगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलसा में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद मरीज का टांका टूट गया, लेकिन डॉक्टर समय पर देखने नहीं पहुंचे, जिसके बाद नाराज़ परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मिली जानकारी के अनुसार अंजना सिंह पत्नी रमेश सिंह की नसबंदी का ऑपरेशन हाल ही में कोयलसा सीएचसी में किया गया था। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही टांका टूट गया, जिसके चलते मरीज को काफी परेशानी होने लगी। परिजन तत्काल डॉक्टरों को दिखाने अस्पताल पहुंचे, लेकिन सुबह 10:30 बजे तक कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था, जिस पर भारी आक्रोश जताते हुए लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस घटना की जानकारी जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) तक पहुँची तो उन्होंने मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में ऐसी लापरवाही मरीजों की जान जोखिम में डाल सकती है और जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही जरूरी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और लापरवाही अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन प्रशासन चुप रहता है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। परिजनों ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
12 sec ago
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