*अधिकारियों द्वारा किया गया सैकड़ो धान क्रय केंद्रों की जाँच*
सुल्तानपुर,धान खरीद क्रय केंद्रों की जांच के लिए जिलाधिकारी कुमार हर्ष की ओर से पांचों उपजिलाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम ने सैकड़ो धान क्रय केंद्रों की जांच की। इस दौरान क्रय केंद्रों पर निर्धारित लक्ष्य बारह लाख क्विंटल की तुलना में 50% से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। जहां अफसरों ने किसानों की समस्याएं सुनीं।
जांच में अधिकारियों ने खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की। निरीक्षण में समय पर भुगतान, धान के त्वरित उठान, केंद्र पर कांटा,पावर फैन,ई पाॅस मशीन,बोरा,पावर डस्टर,नमी मापक यंत्र की व्यवस्था का जायजा लिया। जिले में खाद्य विभाग के 36,पीसीएफ के 31,यूपीएसएस के 21,पीसीयू के 18,मंडी समिति के एक व भारतीय खाद्य निगम के दो धान क्रय केंद्रों पर खरीद की जा रही है। शासन ने इस बार 12 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है,लक्ष्य के सापेक्ष करीब 6 लाख 12 हज़ार 160 क्विंटल धान की खरीद हुई है।
जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि क्रय किए गए 3,26,126 क्विंटल धान को राइस मिलों को भेजा गया। राइस मिलों ने 31,316.8 क्विंटल चावल भारतीय खाद्य निगम को दे दिया है। किसानों से क्रय किए गए धान का भुगतान भी कर दिया गया है। टीम डीएम को अपनी रिपोर्ट देगी।

सुल्तानपुर,धान खरीद क्रय केंद्रों की जांच के लिए जिलाधिकारी कुमार हर्ष की ओर से पांचों उपजिलाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम ने सैकड़ो धान क्रय केंद्रों की जांच की। इस दौरान क्रय केंद्रों पर निर्धारित लक्ष्य बारह लाख क्विंटल की तुलना में 50% से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। जहां अफसरों ने किसानों की समस्याएं सुनीं।
जांच में अधिकारियों ने खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की। निरीक्षण में समय पर भुगतान, धान के त्वरित उठान, केंद्र पर कांटा,पावर फैन,ई पाॅस मशीन,बोरा,पावर डस्टर,नमी मापक यंत्र की व्यवस्था का जायजा लिया। जिले में खाद्य विभाग के 36,पीसीएफ के 31,यूपीएसएस के 21,पीसीयू के 18,मंडी समिति के एक व भारतीय खाद्य निगम के दो धान क्रय केंद्रों पर खरीद की जा रही है। शासन ने इस बार 12 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है,लक्ष्य के सापेक्ष करीब 6 लाख 12 हज़ार 160 क्विंटल धान की खरीद हुई है।
जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि क्रय किए गए 3,26,126 क्विंटल धान को राइस मिलों को भेजा गया। राइस मिलों ने 31,316.8 क्विंटल चावल भारतीय खाद्य निगम को दे दिया है। किसानों से क्रय किए गए धान का भुगतान भी कर दिया गया है। टीम डीएम को अपनी रिपोर्ट देगी।

सुल्तानपुर,
यूपी में 7 आईएएस अधिकारियों का हुआ तबादला। सुल्तानपुर के मुख्य विकास अधिकारी आईएएस अंकुर कौशिक का हुआ ट्रासंफर। राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाये गए।
बिजनौर के अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनय कुमार सिंह बनाये गए सुल्तानपुर के मुख्य विकास अधिकारी।


सिद्धेश्वर पाण्डेय
संजय द्विवेदी प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या बिछड़े हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है।यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चों के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चो से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।प्रयागराज मण्डल में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2024–25 के दौरान रेल गाड़ियो एवं रेलवे परिक्षेत्र से कुल 621बच्चो को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।वही वर्ष 2025–26 में नवम्बर माह तक 441 बच्चो को रेस्क्यू कर उनके परिजनो सम्बंधित एनजीओ एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सुपुर्द किया गया है।रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर उप निरीक्षक कार्तिक मिश्रा ड्यूटी पर उपस्थित थे।इस दौरान एक व्यक्ति राहुल यादव एक नाबालिग बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर आया।पूछताछ के दौरान बच्चे ने अपना नाम गुड्डू उम्र लगभग 14 वर्ष निवासी घूरी सलेमपुर थाना हुसैनगंज उत्तर प्रदेश बताया तथा बताया कि वह घर से नाराज होकर चला आया था।मामले की गम्भीरता को देखते हुए बालक की सुरक्षा एवं कल्याण हेतु अग्रिम कार्रवाई करते हुए उसे चाइल्ड हेल्पलाइन प्रयागराज की सुपरवाइज़र को विधिवत एवं सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।रेलवे प्रशासन यात्रियो एवं आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय या भटकते हुए देखें तो तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला–2026 के दौरान श्रद्धालुओं की निर्बाध सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रयागराज मंडल द्वारा दिशावार ट्रेनो के सुव्यवस्थित एवं नियोजित संचालन की व्यापक व्यवस्था की गई है।यह व्यवस्था मंडल रेल प्रबन्धक/प्रयागराज मंडल रजनीश अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबन्धक हरिमोहन के नेतृत्व में लागू की जा रही है।इस योजना के अन्तर्गत प्रयागराज परिक्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों से अलग–अलग दिशाओं के लिए ट्रेनो का संचालन किया जाएगा जिससे यात्रियों को उनके गंतव्य की ओर सीधे एवं सहज रेल सुविधा उपलब्ध हो सके तथा किसी एक स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ का दबाव न बने।
गोण्डा ।विकासखण्ड पण्डरीकृपाल अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय खैरा कुम्भनगर में निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक उपस्थित पाए गए, परंतु पंजीकृत बच्चों की अपेक्षा उपस्थिति कम रही तथा कुछ बच्चे बिना निर्धारित यूनिफार्म के विद्यालय में पाए गए। इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि अभिभावकों से समन्वय स्थापित कर विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं एवं बच्चों को यूनिफार्म में विद्यालय भेजने हेतु अभिभावकों को प्रेरित करें।
गोण्डा ।विकासखण्ड पण्डरीकृपाल अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय खैरा कुम्भनगर में निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक उपस्थित पाए गए, परंतु पंजीकृत बच्चों की अपेक्षा उपस्थिति कम रही तथा कुछ बच्चे बिना निर्धारित यूनिफार्म के विद्यालय में पाए गए। इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि अभिभावकों से समन्वय स्थापित कर विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं एवं बच्चों को यूनिफार्म में विद्यालय भेजने हेतु अभिभावकों को प्रेरित करें।
सुल्तानपुर जनपद में ई रिक्शा चालकों की खूब चल रही मनमानी दिन में 10 से 15 रुपए तो वही रात में सैकड़ो रुपए से अधिक तक धन की कर रहे हैं राहगीरों से वसूली।27 वर्ष पहले 1997 में नगर पंचायत को तहसील का दर्जा मिला तब से लेकर आज तक कितनी सरकारे आयीं और कितनी चली गयी। बावजूद इसके नगर पंचायत को एक अदद फेयर बस स्टाप की ही सुविधा मिली लेकिन इसके अलावा अन्य जिलों जैसी एक और बस स्टेशन मयस्सर नहीं हो सकी।
रोडवेज की बसें सीधा बाइपास डकाही से बेदूपारा होते हुए आगे निकल जाती है। मजबूरी में लोगों को बाईपास जाना पड़ता है। ई-रिक्शा चालक दिन में 15 रुपये तो रात में 100 रुपये वसूली करते हैं। रात के समय बाईपास पर उतरने वाले यात्रियों को छिनैती का खतरा बना रहता है सो अलग से। जबकि लंभुआ तहसील मुख्यालय होने के बावजूद कस्बे में बस नहीं आती, वहीं इसके इतर चांदा व कोइरीपुर कस्बे में रोडवेज बसें जाती हैं।
ओमनगर की किरन कहती हैं कि बहुत पहले परिवहन निगम की बसें कस्बे में रुकती थीं, लेकिन अब फोरलेन से सीधे निकल जाती हैं। धर्मेन्द्र सिंह कहते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी रात में जाड़े के मौसम में होती है जब निगम की बसें बाईपास पर ही उतार कर चली जाती हैं। उस समय लोगों को परिवार लेकर तीन किलोमीटर लगभग पैदल चलकर आना जाना पड़ता है। शबाना कहती हैं कि इन सभी समस्या को लेकर यहां के जनप्रतिनिधि से भी लेकर अधिकारी तक उदासीन हैं फोरलेन के चालू हो जाने से समस्या और बढ गयी है।
3 min ago
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