अंबेडकर की प्रतिमा पर असामाजिक तत्वों ने पोती मिट्टी, मचा बवाल

रायगढ़- चक्रधर नगर थाने और कलेक्ट्रेट करीब अंबेडकर चौक में बाबा साहेब की प्रतिमा पर बीती रात किसी अज्ञात ने मिट्टी पोत दी. इसे मामले को लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है. इसकी जानकारी आज जैसे-जैसे भीम आर्मी, सर्व समाज और कांग्रेसी नेताओं को मिली, तो वहां सैकड़ों में भीड़ एकट्ठी हो गई और नारेबाजी करते हुए अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़ गए. चेहरे पर मिट्टी पोतने की जानकारी मिलने के बाद चक्रधर नगर थाने की टीम भी मौके पर पहुंची. साथ ही साथ रायगढ़ एसडीएम महेश शर्मा तथा नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला सहित अन्य थाना प्रभारी भी स्थिति को भांपते हुए प्रतिमा स्थल पर पहुंचे और सभी ने मिलकर नाराज लोगों को समझाने की कोशिश की।

इस दौरान रायगढ़ महापौर जीवर्धन चैहान, रायगढ़ जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला, भीम आर्मी के पदाधिकारी मौजूद रहे. उन सभी ने कहा कि संविधान के निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के चेहरे पर जिस ढंग से मिट्टी पोतकर अपमानित किया गया है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है. उन्होंने आगे कहा कि जिला न्यायालय, कलेक्ट्रेट और थाने से लगे चौक में प्रतिमा के साथ ऐसा घटिया कृत्य होना कई सवालों को खड़ा करता है. सभी ने मिलकर प्रशासन से मांग की है कि ऐसा करने वाले आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. अज्ञात आरोपी को ढूंढकर गिरफ्तार किया जाए. वहीं मौके पर पहुंचे नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला ने कहा कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है. चूंकि मौके पर CCTV फुटेज उपलब्ध नहीं है, इसलिए आसपास के CCTV कैमरों को खंगाला जाएगा। जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

रायगढ़ SDM महेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि नाराज लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है और घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को इसकी जांच के लिये कहा गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति तनाव पूर्ण है और समझाईश देकर मामला शांत कराया जा रहा है. अंबेडकर चौक पर लगी भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के चेहरे पर लगाई गई मिट्टी को धोने के लिये नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची थी. लेकिन वहां मौजूद भीम आर्मी, जिला कांग्रेस व सर्व समाज के सदस्यों ने भारी नारेबाजी करते हुए इसका भी विरोध कर कर्मचारियों को वापिस भेज दिया. वहीं महापौर का कहना है कि बाबा साहेब उनके भगवान है और सर्व समाज के लोग उनका शरीर दूध से धोकर साफ करेंगे. वे चाहते हैं कि प्रशासन इस जगह के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी में रखें, ताकि दोबारा इस प्रकार की हरकत दोबारा न हो।

पूर्व CM अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर निकाली गई सद्भावना रैली, अमित-रेणु जोगी समेत सैकड़ों समर्थकों ने मूर्ती विवाद को लेकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर आज उनके पुत्र अमित जोगी ने सद्भावना रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने अजीत जोगी के मूर्ति हटाने के विवाद को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्व. अजीत जोगी की मूर्ती जहां पर लगाई गई थी, उनकी मूर्ती को उसी जगह वापिस ससम्मान लगाने की मांग की है.

यह रैली गौरेला के जोगी निवास से पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की समाधि स्थल तक निकाली गई. जिसमें अमित जोगी, उनकी मां रेणु जोगी, पत्नी ऋचा जोगी सहित बड़ी संख्या में सहित तमाम जोगी समर्थकों ने भी शामिल होकर प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी.

अमित जोगी ने कहा कि नगरपालिका गौरेला में लगे CCTV में आरोपियों को मूर्ति लाते हुए देखा जा सकता है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम दिया गया है. वहीं स्व. अजीत जोगी की मूर्ति उसी जगह विधिवत लगाए जाने को लेकर प्रशासन को दिया 30 दिनों का समय दिया गया है.

अमित जोगी ने कहा कि आज हम शान्ति पूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अगर नियत समय पर उसी जगह मूर्ति नहीं लगाई गई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.

वहीं प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने शहर में चाक चौबंद व्यवस्था की थी. गौरेला जोगी निवास से कलेक्टर कार्यालय तक जगह-जगह प्रशासन ने बेरिकेडिंग की थी. सुरक्षा के मद्देनजर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद पर अमित जोगी की दो टूक, कहा- “या तो मेरी अर्थी उठेगी या प्रतिमा लगेगी”, CM साय बोले –

रायपुर/गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने दो टूक कहा है कि, “या तो मेरी अर्थी उठेगी या अजीत जोगी की प्रतिमा फिर से उसी स्थान पर स्थापित होगी।”

अमित जोगी के मुताबिक जहां से प्रतिमा हटाई गई, वह निजी ज़मीन है और वहां नगरपालिका या राज्य शासन का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्य किसी के इशारे पर किया गया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

अमित जोगी ने कहा “मूर्ति जिस तरह रातों-रात चोरी हुई, उसी तरह वापस उसी जगह पर मूर्ति लगनी चाहिए। मैंने डिप्टी सीएम से बात की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी अप्रिय घटनाएं हुई हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। हमें न्याय चाहिए।”


मूर्ति स्थापना को लेकर प्रशासन-समर्थक विवाद जारी

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि प्रतिमा बिना सभी आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं को पूरा किए बिना स्थापित नहीं की जा सकती। इसके चलते जोगी समर्थकों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच तीखी बहस हो रही है। अमित जोगी अभी धरने पर बैठे हैं, जहां उनके समर्थकों और प्रशासन के बीच झड़प भी हुई।

मौके पर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार, CEO सुरेंद्र वैद्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

प्रतीमा हटाने के पहले और बाद की तस्वीर

जोगी समर्थकों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में प्रतिमा को वहीं स्थापित करवाएंगे। वे आरोपियों को सीसीटीवी फुटेज के बावजूद नहीं पकड़ने को शर्मनाक बता रहे हैं वहीं, SDM पेंड्रारोड नियमों का हवाला देते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन समर्थकों की नारेबाजी तेज हो रही है और वे प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं।

CM साय बोले – रेणु जोगी से हुई मुलाकात, प्रशासन की रिपोर्ट का इंतजार

वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान भी सामने आया है। सीएम ने साय ने कहा कि “रेणु जोगी (अजीत जोगी की पत्नी) ने कल मुझसे मुलाक़ात की थी। जो मामला सामने आया है, उसकी जानकारी प्रशासन से मंगाई गई है। जानकारी के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”

अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का CCTV फुटेज आया सामने

ज्योतिपुर चौक में स्थापित स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एक मोबाइल दुकान में लगे कैमरे में यह घटना साफ तौर पर रिकॉर्ड हुई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि आधी रात के बाद एक बड़ा वाहन मूर्ति को हटाता है। हैरानी की बात यह है कि उस वक्त घटनास्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा, जिससे यह संदेह और गहराता है कि पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई।

गौरतलब है कि इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है, बल्कि अजीत जोगी समर्थकों में भारी नाराज़गी भी देखी जा रही है। समर्थकों का कहना है कि अजीत जोगी की राजनीतिक और सामाजिक विरासत का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या अजीत जोगी की प्रतिमा वापस उसी स्थान पर लगेगी, और इस विवाद का क्या निष्कर्ष निकलता है।

गोण्डा में जनसुनवाई का डिजिटल नवाचार: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे सभी SDM

गोण्डा। जनपद गोण्डा में जनशिकायतों के त्वरित, पारदर्शी और उत्तरदायित्वपूर्ण निस्तारण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा एक नवाचारपूर्ण व्यवस्था की शुरुआत की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत अब प्रत्येक कार्यदिवस पर जनसुनवाई के दौरान प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक जनपद की सभी तहसीलों के उपजिलाधिकारी (SDM) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय से सीधे रूप से जुड़े रहेंगे।

इस अभिनव प्रणाली की शुरुआत आज मंगलवार, 13 मई 2025 से की गई, जिसके अंतर्गत जिलाधिकारी कार्यालय में जनसुनवाई हेतु उपस्थित शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को तत्काल संबंधित उपजिलाधिकारी से संवाद स्थापित कर सुना गया एवं उनका प्राथमिक स्तर पर ही त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया गया।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि यह व्यवस्था अब नियमित रूप से प्रत्येक कार्यदिवस पर लागू रहेगी। शिकायतकर्ता की समस्या यदि किसी विशेष तहसील से संबंधित होती है, तो जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित SDM से संवाद स्थापित कर, उनकी उपस्थिति में ही शिकायत का परीक्षण एवं प्राथमिक निस्तारण करती हैं।

इस प्रक्रिया से जहां एक ओर शिकायतकर्ता को तत्काल राहत प्राप्त हो रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता में भी वृद्धि हो रही है।जिलाधिकारी ने कहा कि यह पहल शासन की जनहितकारी मंशा के अनुरूप आमजन को प्रभावी, तकनीक-सक्षम और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

सहकारिता विभाग में बंपर घोटाला: PCF मुख्यालय तक पहुंची जांच


बस्ती मंडल में धान खरीद के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट, EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत धान खरीद घोटाले ने बड़ा रूप ले लिया है। बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर ज़िलों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत हुए करोड़ों के गबन का दायरा अब जिला स्तर से बढ़कर मुख्यालय तक पहुंच चुका है।

क्या है घोटाले का मॉडल ?

जांच में सामने आया है कि धान खरीदा ही नहीं गया, लेकिन कागजों में पूरी प्रक्रिया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान दर्शा दिया गया। किसानों के नाम पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के भुगतान किया गया। ढुलाई, मजदूरी और अन्य खर्चों के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाए गए।

4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया। 37 क्रय केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज पाया गया। जांच में कई लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, और SDM, ADM स्तर के अधिकारी लापरवाही के घेरे में आए हैं।

कई अफसरों पर गिरी गाज, मुख्यालय भी चपेट में

सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

SIT और EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

एसआईटी और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की जांच में यह घोटाला महज एक वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध और सिस्टम फेलियर के रूप में सामने आया है। इसमें सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। अब जांच की आंच PCF मुख्यालय के अफसरों तक पहुंच चुकी है। अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने स्पष्ट किया है कि-

"कार्रवाई किसी भी स्तर पर रोकी नहीं जाएगी।" PCF मुख्यालय के कई अधिकारियों पर शासन स्तर से कठोर कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।

Thanks Given to Prime Minister Modi for Caste Census by Suheldev Bharatiya Samaj Party in Budhanpur Tehsil
Under the leadership of District Vice President ,Ramashankar Rajbhar of the Suheldev Bharatiya Samaj Party (SBSP), a letter of gratitude addressed to Prime Minister Narendra Modi regarding the government's decision to conduct a caste census was submitted through the Sub-Divisional Magistrate (SDM) of Budhanpur Tehsil. Ramashankar Rajbhar stated that the party's national president, Om Prakash Rajbhar, had instructed all party members and workers to submit a letter of thanks to the Prime Minister through their respective SDMs. Following this directive, all party workers gathered at 12 PM and submitted the letter to SDM S.N. Tripathi.There was great enthusiasm among the party workers. SDM S.N. Tripathi confirmed that the SBSP representatives had handed over a letter of gratitude for the Prime Minister, which would be forwarded to him promptly.On this occasion, several people including Tejai Rajbhar, Ramchandra Rajbhar, Gajraj, Laxmi, Rajmati, Archana, Anita, Radhika, and Sanjay were present.
प्रशासनिक लापरवाही से बिहारी दंपती के नाम चढ़ीं 459 शासकीय और निजी जमीनें, असली मालिक लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर…

महासमुन्द-  जमीनों के कार्यों को जल्दी और पारदर्शिता के साथ हो, जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े, इसके लिए सरकार ने सभी के रजिस्ट्री ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. इसके लिए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए निर्देशित भी किया गया. लेकिन इस बीच महासमुंद के पिथौरा से बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां 459 शासकीय और निजी जमीनें एक बिहार से आकर फुटपाथ पर फल बेंचने वाले साधारण दंपत्ती के नाम पर चढ़ा दी गईं हैं.

जानकारी के मुताबिक, बिहार से छत्तीसगढ़ आए आरती देवी गुप्ता और उनके पति मुकेश गुप्ता पिथौरा के ठेले पर फल बेंचते हैं और परिवार इसी से उनका परिवार चलता है. लेकिन 28 जनवरी 2024 को इनका जीवन अचानक चर्चा में आ गया, जब पता चला कि पिथौरा के करीब 459 अलग-अलग खसरा के बी1 रिकॉर्ड में करोड़ों की सरकारी व निजी जमीन आरती देवी गुप्ता के नाम दर्ज हो गई है. 

बिहारी दंपत्ती के घर रोज पहुंचते हैं जमीनों के असली मालिक

मुकेश गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर केवल 3 डिसमिल आवासीय जमीन है. लेकिन अब उन्हें बताया जा रहा है कि उनके नाम पर करोड़ो के कई जमीनें चढ़ चुकी हैं. उन्होंने आगे कहा कि जमीनों के असली मालिक रोज हमें खोजते हुए घर आ जाते हैं. हमें सरकारी दफ्तरों में बार-बार बुलाया जा रहा है. हम खुद पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, ताकि ये खसरे हटवाए जा सकें.

जमीन के असली मालिक हो रहे परेशान

बता दें, इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा खामियाजा जमीनों के असली मालिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी जमीनें बी1 में गलत नाम से दर्ज हो चुकी हैं. कई लोग अपनी जमीन पर लोन नहीं ले पा रहे हैं. खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रहे हैं. दर्जनों की संख्या में प्रभावित परिवार अब राजस्व न्यायालय और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है.

जानबूझकर करते हैं ऐसी गलती-

जमीन संबंधित कार्यों के जानकार का दावा है कि ऐसी गलती जानबूझकर की जाती है. पटवारी भोले-भाले लोगों के नाम पर जमीन चढ़ा देते हैं ताकि भविष्य में उससे पैसे वसूले जा सकें. जब असली मालिक दौड़-धूप करता है, तब उससे पैसे लेकर ‘सुधार’ किया जाता है. इस तरह के त्रुटि होना तत्कालीन पटवारी के कार्य प्रणाली संदेहास्पद है और प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

त्रुटि में किया जाएगा सुधार: SDM ओंकारेश्वर सिंह

पिथौरा एस डी एम ओंकारेश्वर सिंह ने इस मामले में कहा कि त्रुटी हुए समस्त दस्तावेजो की जांच कराई जाएगी. जांच के आधार पर धारा 115 के तहत कार्रवाई कर त्रुटी सुधार भी किया जायेगा.

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में EOW की बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारियों को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में EOW ने एक दिन पहले यानी बीते शुक्रवार 26 अप्रैल को 16 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया था.

बता दें कि EOW की छापेमारी के दौरान SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के करीब 16 अधिकारियों के घरों पर दबिश दी गई। यह कार्रवाई नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी की गई। अधिकारियों के ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेज और उपकरण मामले में जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। EOW इस पूरे मामले की गहरी जांच कर रही है और गिरफ्तार किए गए अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

इनके ठिकानों पर की गई EOW की रेड

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं।

भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला : जाने वो सभी नाम जिनके यहां आज पड़ी रेड

रायपुर- भारतमाला प्रोजेक्ट में 220 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े में शुक्रवार सुबह से ईओडब्ल्यू की रेड जारी है. टीम ने सुबह नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग सहित प्रदेश के अन्य जिलों में करीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की और इस फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है.

अब इस मामले में ईओडब्यू की वो एफआईआर भी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक EOW ने इस फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक 30/2025 दर्ज किया है. तमाम आरोपियों के खिलाफ धारा 7C भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत 420, 467,468,471 और 120B दर्ज कर ली गई है. जानकारी के अनुसार, ईओडब्ल्यू ने तत्कालिक अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू और तत्कालिक तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के रायपुर स्थित घरों के साथ करीबन 17 से 20 अधिकारी-कर्मचारियों के ठिकानों पर रेड डाली है.

इनके ठिकानों पर जारी है EOW की रेड कार्रवाई:

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं.

अंबेडकर की प्रतिमा पर असामाजिक तत्वों ने पोती मिट्टी, मचा बवाल

रायगढ़- चक्रधर नगर थाने और कलेक्ट्रेट करीब अंबेडकर चौक में बाबा साहेब की प्रतिमा पर बीती रात किसी अज्ञात ने मिट्टी पोत दी. इसे मामले को लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है. इसकी जानकारी आज जैसे-जैसे भीम आर्मी, सर्व समाज और कांग्रेसी नेताओं को मिली, तो वहां सैकड़ों में भीड़ एकट्ठी हो गई और नारेबाजी करते हुए अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़ गए. चेहरे पर मिट्टी पोतने की जानकारी मिलने के बाद चक्रधर नगर थाने की टीम भी मौके पर पहुंची. साथ ही साथ रायगढ़ एसडीएम महेश शर्मा तथा नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला सहित अन्य थाना प्रभारी भी स्थिति को भांपते हुए प्रतिमा स्थल पर पहुंचे और सभी ने मिलकर नाराज लोगों को समझाने की कोशिश की।

इस दौरान रायगढ़ महापौर जीवर्धन चैहान, रायगढ़ जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला, भीम आर्मी के पदाधिकारी मौजूद रहे. उन सभी ने कहा कि संविधान के निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के चेहरे पर जिस ढंग से मिट्टी पोतकर अपमानित किया गया है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है. उन्होंने आगे कहा कि जिला न्यायालय, कलेक्ट्रेट और थाने से लगे चौक में प्रतिमा के साथ ऐसा घटिया कृत्य होना कई सवालों को खड़ा करता है. सभी ने मिलकर प्रशासन से मांग की है कि ऐसा करने वाले आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. अज्ञात आरोपी को ढूंढकर गिरफ्तार किया जाए. वहीं मौके पर पहुंचे नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला ने कहा कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है. चूंकि मौके पर CCTV फुटेज उपलब्ध नहीं है, इसलिए आसपास के CCTV कैमरों को खंगाला जाएगा। जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

रायगढ़ SDM महेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि नाराज लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है और घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को इसकी जांच के लिये कहा गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति तनाव पूर्ण है और समझाईश देकर मामला शांत कराया जा रहा है. अंबेडकर चौक पर लगी भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के चेहरे पर लगाई गई मिट्टी को धोने के लिये नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची थी. लेकिन वहां मौजूद भीम आर्मी, जिला कांग्रेस व सर्व समाज के सदस्यों ने भारी नारेबाजी करते हुए इसका भी विरोध कर कर्मचारियों को वापिस भेज दिया. वहीं महापौर का कहना है कि बाबा साहेब उनके भगवान है और सर्व समाज के लोग उनका शरीर दूध से धोकर साफ करेंगे. वे चाहते हैं कि प्रशासन इस जगह के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी में रखें, ताकि दोबारा इस प्रकार की हरकत दोबारा न हो।

पूर्व CM अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर निकाली गई सद्भावना रैली, अमित-रेणु जोगी समेत सैकड़ों समर्थकों ने मूर्ती विवाद को लेकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर आज उनके पुत्र अमित जोगी ने सद्भावना रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने अजीत जोगी के मूर्ति हटाने के विवाद को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्व. अजीत जोगी की मूर्ती जहां पर लगाई गई थी, उनकी मूर्ती को उसी जगह वापिस ससम्मान लगाने की मांग की है.

यह रैली गौरेला के जोगी निवास से पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की समाधि स्थल तक निकाली गई. जिसमें अमित जोगी, उनकी मां रेणु जोगी, पत्नी ऋचा जोगी सहित बड़ी संख्या में सहित तमाम जोगी समर्थकों ने भी शामिल होकर प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी.

अमित जोगी ने कहा कि नगरपालिका गौरेला में लगे CCTV में आरोपियों को मूर्ति लाते हुए देखा जा सकता है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम दिया गया है. वहीं स्व. अजीत जोगी की मूर्ति उसी जगह विधिवत लगाए जाने को लेकर प्रशासन को दिया 30 दिनों का समय दिया गया है.

अमित जोगी ने कहा कि आज हम शान्ति पूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अगर नियत समय पर उसी जगह मूर्ति नहीं लगाई गई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.

वहीं प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने शहर में चाक चौबंद व्यवस्था की थी. गौरेला जोगी निवास से कलेक्टर कार्यालय तक जगह-जगह प्रशासन ने बेरिकेडिंग की थी. सुरक्षा के मद्देनजर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद पर अमित जोगी की दो टूक, कहा- “या तो मेरी अर्थी उठेगी या प्रतिमा लगेगी”, CM साय बोले –

रायपुर/गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने दो टूक कहा है कि, “या तो मेरी अर्थी उठेगी या अजीत जोगी की प्रतिमा फिर से उसी स्थान पर स्थापित होगी।”

अमित जोगी के मुताबिक जहां से प्रतिमा हटाई गई, वह निजी ज़मीन है और वहां नगरपालिका या राज्य शासन का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्य किसी के इशारे पर किया गया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

अमित जोगी ने कहा “मूर्ति जिस तरह रातों-रात चोरी हुई, उसी तरह वापस उसी जगह पर मूर्ति लगनी चाहिए। मैंने डिप्टी सीएम से बात की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी अप्रिय घटनाएं हुई हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। हमें न्याय चाहिए।”


मूर्ति स्थापना को लेकर प्रशासन-समर्थक विवाद जारी

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि प्रतिमा बिना सभी आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं को पूरा किए बिना स्थापित नहीं की जा सकती। इसके चलते जोगी समर्थकों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच तीखी बहस हो रही है। अमित जोगी अभी धरने पर बैठे हैं, जहां उनके समर्थकों और प्रशासन के बीच झड़प भी हुई।

मौके पर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार, CEO सुरेंद्र वैद्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

प्रतीमा हटाने के पहले और बाद की तस्वीर

जोगी समर्थकों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में प्रतिमा को वहीं स्थापित करवाएंगे। वे आरोपियों को सीसीटीवी फुटेज के बावजूद नहीं पकड़ने को शर्मनाक बता रहे हैं वहीं, SDM पेंड्रारोड नियमों का हवाला देते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन समर्थकों की नारेबाजी तेज हो रही है और वे प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं।

CM साय बोले – रेणु जोगी से हुई मुलाकात, प्रशासन की रिपोर्ट का इंतजार

वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान भी सामने आया है। सीएम ने साय ने कहा कि “रेणु जोगी (अजीत जोगी की पत्नी) ने कल मुझसे मुलाक़ात की थी। जो मामला सामने आया है, उसकी जानकारी प्रशासन से मंगाई गई है। जानकारी के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”

अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का CCTV फुटेज आया सामने

ज्योतिपुर चौक में स्थापित स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एक मोबाइल दुकान में लगे कैमरे में यह घटना साफ तौर पर रिकॉर्ड हुई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि आधी रात के बाद एक बड़ा वाहन मूर्ति को हटाता है। हैरानी की बात यह है कि उस वक्त घटनास्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा, जिससे यह संदेह और गहराता है कि पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई।

गौरतलब है कि इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है, बल्कि अजीत जोगी समर्थकों में भारी नाराज़गी भी देखी जा रही है। समर्थकों का कहना है कि अजीत जोगी की राजनीतिक और सामाजिक विरासत का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या अजीत जोगी की प्रतिमा वापस उसी स्थान पर लगेगी, और इस विवाद का क्या निष्कर्ष निकलता है।

गोण्डा में जनसुनवाई का डिजिटल नवाचार: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे सभी SDM

गोण्डा। जनपद गोण्डा में जनशिकायतों के त्वरित, पारदर्शी और उत्तरदायित्वपूर्ण निस्तारण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा एक नवाचारपूर्ण व्यवस्था की शुरुआत की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत अब प्रत्येक कार्यदिवस पर जनसुनवाई के दौरान प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक जनपद की सभी तहसीलों के उपजिलाधिकारी (SDM) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय से सीधे रूप से जुड़े रहेंगे।

इस अभिनव प्रणाली की शुरुआत आज मंगलवार, 13 मई 2025 से की गई, जिसके अंतर्गत जिलाधिकारी कार्यालय में जनसुनवाई हेतु उपस्थित शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को तत्काल संबंधित उपजिलाधिकारी से संवाद स्थापित कर सुना गया एवं उनका प्राथमिक स्तर पर ही त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया गया।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि यह व्यवस्था अब नियमित रूप से प्रत्येक कार्यदिवस पर लागू रहेगी। शिकायतकर्ता की समस्या यदि किसी विशेष तहसील से संबंधित होती है, तो जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित SDM से संवाद स्थापित कर, उनकी उपस्थिति में ही शिकायत का परीक्षण एवं प्राथमिक निस्तारण करती हैं।

इस प्रक्रिया से जहां एक ओर शिकायतकर्ता को तत्काल राहत प्राप्त हो रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता में भी वृद्धि हो रही है।जिलाधिकारी ने कहा कि यह पहल शासन की जनहितकारी मंशा के अनुरूप आमजन को प्रभावी, तकनीक-सक्षम और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

सहकारिता विभाग में बंपर घोटाला: PCF मुख्यालय तक पहुंची जांच


बस्ती मंडल में धान खरीद के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट, EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत धान खरीद घोटाले ने बड़ा रूप ले लिया है। बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर ज़िलों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत हुए करोड़ों के गबन का दायरा अब जिला स्तर से बढ़कर मुख्यालय तक पहुंच चुका है।

क्या है घोटाले का मॉडल ?

जांच में सामने आया है कि धान खरीदा ही नहीं गया, लेकिन कागजों में पूरी प्रक्रिया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान दर्शा दिया गया। किसानों के नाम पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के भुगतान किया गया। ढुलाई, मजदूरी और अन्य खर्चों के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाए गए।

4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया। 37 क्रय केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज पाया गया। जांच में कई लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, और SDM, ADM स्तर के अधिकारी लापरवाही के घेरे में आए हैं।

कई अफसरों पर गिरी गाज, मुख्यालय भी चपेट में

सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

SIT और EOW की रिपोर्ट से खुली परतें

एसआईटी और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की जांच में यह घोटाला महज एक वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध और सिस्टम फेलियर के रूप में सामने आया है। इसमें सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। अब जांच की आंच PCF मुख्यालय के अफसरों तक पहुंच चुकी है। अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने स्पष्ट किया है कि-

"कार्रवाई किसी भी स्तर पर रोकी नहीं जाएगी।" PCF मुख्यालय के कई अधिकारियों पर शासन स्तर से कठोर कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।

Thanks Given to Prime Minister Modi for Caste Census by Suheldev Bharatiya Samaj Party in Budhanpur Tehsil
Under the leadership of District Vice President ,Ramashankar Rajbhar of the Suheldev Bharatiya Samaj Party (SBSP), a letter of gratitude addressed to Prime Minister Narendra Modi regarding the government's decision to conduct a caste census was submitted through the Sub-Divisional Magistrate (SDM) of Budhanpur Tehsil. Ramashankar Rajbhar stated that the party's national president, Om Prakash Rajbhar, had instructed all party members and workers to submit a letter of thanks to the Prime Minister through their respective SDMs. Following this directive, all party workers gathered at 12 PM and submitted the letter to SDM S.N. Tripathi.There was great enthusiasm among the party workers. SDM S.N. Tripathi confirmed that the SBSP representatives had handed over a letter of gratitude for the Prime Minister, which would be forwarded to him promptly.On this occasion, several people including Tejai Rajbhar, Ramchandra Rajbhar, Gajraj, Laxmi, Rajmati, Archana, Anita, Radhika, and Sanjay were present.
प्रशासनिक लापरवाही से बिहारी दंपती के नाम चढ़ीं 459 शासकीय और निजी जमीनें, असली मालिक लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर…

महासमुन्द-  जमीनों के कार्यों को जल्दी और पारदर्शिता के साथ हो, जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े, इसके लिए सरकार ने सभी के रजिस्ट्री ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. इसके लिए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए निर्देशित भी किया गया. लेकिन इस बीच महासमुंद के पिथौरा से बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां 459 शासकीय और निजी जमीनें एक बिहार से आकर फुटपाथ पर फल बेंचने वाले साधारण दंपत्ती के नाम पर चढ़ा दी गईं हैं.

जानकारी के मुताबिक, बिहार से छत्तीसगढ़ आए आरती देवी गुप्ता और उनके पति मुकेश गुप्ता पिथौरा के ठेले पर फल बेंचते हैं और परिवार इसी से उनका परिवार चलता है. लेकिन 28 जनवरी 2024 को इनका जीवन अचानक चर्चा में आ गया, जब पता चला कि पिथौरा के करीब 459 अलग-अलग खसरा के बी1 रिकॉर्ड में करोड़ों की सरकारी व निजी जमीन आरती देवी गुप्ता के नाम दर्ज हो गई है. 

बिहारी दंपत्ती के घर रोज पहुंचते हैं जमीनों के असली मालिक

मुकेश गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर केवल 3 डिसमिल आवासीय जमीन है. लेकिन अब उन्हें बताया जा रहा है कि उनके नाम पर करोड़ो के कई जमीनें चढ़ चुकी हैं. उन्होंने आगे कहा कि जमीनों के असली मालिक रोज हमें खोजते हुए घर आ जाते हैं. हमें सरकारी दफ्तरों में बार-बार बुलाया जा रहा है. हम खुद पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, ताकि ये खसरे हटवाए जा सकें.

जमीन के असली मालिक हो रहे परेशान

बता दें, इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा खामियाजा जमीनों के असली मालिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी जमीनें बी1 में गलत नाम से दर्ज हो चुकी हैं. कई लोग अपनी जमीन पर लोन नहीं ले पा रहे हैं. खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रहे हैं. दर्जनों की संख्या में प्रभावित परिवार अब राजस्व न्यायालय और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है.

जानबूझकर करते हैं ऐसी गलती-

जमीन संबंधित कार्यों के जानकार का दावा है कि ऐसी गलती जानबूझकर की जाती है. पटवारी भोले-भाले लोगों के नाम पर जमीन चढ़ा देते हैं ताकि भविष्य में उससे पैसे वसूले जा सकें. जब असली मालिक दौड़-धूप करता है, तब उससे पैसे लेकर ‘सुधार’ किया जाता है. इस तरह के त्रुटि होना तत्कालीन पटवारी के कार्य प्रणाली संदेहास्पद है और प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

त्रुटि में किया जाएगा सुधार: SDM ओंकारेश्वर सिंह

पिथौरा एस डी एम ओंकारेश्वर सिंह ने इस मामले में कहा कि त्रुटी हुए समस्त दस्तावेजो की जांच कराई जाएगी. जांच के आधार पर धारा 115 के तहत कार्रवाई कर त्रुटी सुधार भी किया जायेगा.

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में EOW की बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारियों को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में EOW ने एक दिन पहले यानी बीते शुक्रवार 26 अप्रैल को 16 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया था.

बता दें कि EOW की छापेमारी के दौरान SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के करीब 16 अधिकारियों के घरों पर दबिश दी गई। यह कार्रवाई नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी की गई। अधिकारियों के ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेज और उपकरण मामले में जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। EOW इस पूरे मामले की गहरी जांच कर रही है और गिरफ्तार किए गए अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

इनके ठिकानों पर की गई EOW की रेड

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं।

भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला : जाने वो सभी नाम जिनके यहां आज पड़ी रेड

रायपुर- भारतमाला प्रोजेक्ट में 220 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े में शुक्रवार सुबह से ईओडब्ल्यू की रेड जारी है. टीम ने सुबह नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग सहित प्रदेश के अन्य जिलों में करीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की और इस फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है.

अब इस मामले में ईओडब्यू की वो एफआईआर भी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक EOW ने इस फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक 30/2025 दर्ज किया है. तमाम आरोपियों के खिलाफ धारा 7C भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत 420, 467,468,471 और 120B दर्ज कर ली गई है. जानकारी के अनुसार, ईओडब्ल्यू ने तत्कालिक अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू और तत्कालिक तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के रायपुर स्थित घरों के साथ करीबन 17 से 20 अधिकारी-कर्मचारियों के ठिकानों पर रेड डाली है.

इनके ठिकानों पर जारी है EOW की रेड कार्रवाई:

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं.