बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कही ये बात

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है. पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने भी रतन के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा और उन्होंने उद्योग जगत में कई स्टैंडर्ड भी स्थापित किए.

मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा, “देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन सभी देशवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है. उनके निधन से देश ने एक अपना अमूल्य रत्न को खो दिया है. भारत की विकास यात्रा में उनका योगदान चिरस्मरणीय रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाट ने उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई नई और प्रभावी पहल के साथ ही ढेरों श्रेष्ठ मानकों को स्थापित किया.

अपने काम से वह प्रेरणादायी रहेः भागवत

रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा, “समाज के हितों के अनुकूल हर तरह के कामों में उनका निरंतर सहयोग और सहभागिता बनी रही. देश की एकात्मता और सुरक्षा की बात हो या विकास के कोई पहलू हो या फिर अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों के हित का मामला हो रतन टाटा अपने विशिष्ट सोच और काम से प्रेरणादायी बने रहे. अनेक ऊचांइयों को छू लेने के बाद भी उनकी सहजता और विनम्रता की शैली हमारे लिए हमेशा अनुकरणीय रहेगी.” उन्होंने कहा कि उनकी पावन स्मृतियों को विनम्र अभिवादन करते हुए हम भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं.

वयोवृद्ध उद्योगपति रतन टाटा का कल बुधवार देर रात मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 साल के थे. पद्म विभूषण रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया.

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

रतन का पार्थिव शरीर आज गुरुवार को सुबह 10 बजे से साढ़े तीन बजे तक दक्षिण मुंबई में नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. सूत्रों की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की ओर से अमित शाह रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. अमित शाह उद्योगपति के अंतिम संस्कार के लिए इसलिए मुंबई जाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने लाओस के लिए रवाना हो रहे हैं.

महाराष्ट्र में आज राजकीय शोक

दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आज राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हवाले से मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्र ध्वज गुरुवार (10 अक्टूबर) को शोक के प्रतीक के रूप में आधा झुका रहेगा. आज कोई मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.

आजमगढ़:संजय जोशी बन सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

आजमगढ़:: RSS के वरिष्ठ नेता संजय जोशी पर दिल भरा प्यार मिलने वाला है । भारतीय जनता पार्टी और R S S के पदाधिकारियों ने जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर चर्चा काफी जोर शोर से चल रहा है।

कुछ दिनो से सोशल मीडिया और बड़े -बड़े राष्ट्रीय मीडिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अनेकों प्रकार से दिखाया जा रहा है ।लंबे समय से संजय जोशी जी से जुड़े आशुतोष मिश्रा ने बताया कि संजय विनायक जोशी करोडों कार्यकर्ताओं के दिल पर राज करने वाले और गरीबों के मसीहा हैं जिन्होंने अपना जीवन संघ को समर्पित किया।जोशी जी अपना जीवन समान रूप से व्यतीत करते है।

कतिपय बड़े -बड़े मीडिया वाले लोग जोशी को ले कर भ्रामक/गलत न्यूज़ चला रहे हैं ।अभी किसी प्रकार की सुरक्षा जोशी के पास नहीं हैं ।पहले जैसे थे वैसे आज भी है ,और कार्यकर्ताओं का मिलना जुलना व उनका कुशलक्षेम जानना उनकी पुरानी पद्यति है वह आज भी वैसे ही अनवरत चल रहा है ।

अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्यों ने सौंपा गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का पत्रक

गोरखपुर। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा पूरे देश में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने और गौ हत्या बंद करने के चलाए जा रहे अभियान के क्रम में रविवार को गोरखपुर के सहारा स्टेट कॉलोनी में संघ की शाखा में पहुंचे RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को, शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ो शिष्यों ने, एक पत्रक सौंपा। इस दौरान उनसे लोगों ने उसने विनम्र अनुरोध किया कि, इस विषय पर संघ गंभीरता से विचार करते हुए, गौ माता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए, उन्हें राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना संकल्प ले।

इसके साथ ही केंद्रीय सरकार को इसके लिए कानून बनाने के लिए प्रेरित करें। शंकराचार्य भगवान के शिष्यों ने इस दौरान दत्तात्रेय होसबोले का स्वागत भी किया। उन्हें गोरक्षभूमि पर गीता और शंकराचार्य भगवान की तरफ से प्रसाद स्वरूप भेजी गई साल भी भेंट किया गया।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय ने कहा कि, सर्वविदित है कि भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता में गौ माता को सर्व पूजनीय और धार्मिक रूप से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उनके लिए वेदों में "गांवो विश्वस्य मातर:" की उक्ति का प्रयोग भी किया गया है। जिसका अर्थ यह है कि गाय विश्व की माता है। ऐसा हमारी सभ्यता में सदियों से रचा बसा रहा है। लेकिन यह देखने को मिला कि भारत देश में स्वतंत्रता के बाद से अनेकों सरकारें तो बनी लेकिन किसी ने गौ संवर्धन एवं रक्षा हेतु कोई भी कार्य नहीं किया। जबकि गायों की रक्षा और गौ हत्या निषेध कानून की मांग लंबे समय से हिंदू धर्माचार्य करते आ रहे हैं।

वर्तमान समय में गौ हत्या निषेध कानून की मांग व्यापक रूप से चारों शंकराचार्य पीठें, पांचो वैष्णवाकार्य पीठेँ और 13 अखाड़ों द्वारा, हिंदुओं के परंपरागत और सार्वभौमिक प्रतिदिन होने के कारण लगातार किया जा रहा है। जो हिंदू जनमानस और वेदों की आज्ञा के अनुरूप है।

इसी क्रम में वर्तमान में पूरे भारत देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में गौ ध्वज को ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 द्वारा फहराकर, गौ हत्या निषेध कानून की मांग की जा रही है। जिसके तहत वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर, राष्ट्र माता की श्रेणी में रखने की मांग है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जो कि भारत देश में, सनातन हिंदू गौरव को नए उदीयमान सूर्य की भांति लेकर चल रहा है, उससे अपेक्षा वर्तमान दशा में और भी बढ़ जाती है। संघ वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर राष्ट्र माता का दर्जा देने हेतु एक प्रभावी संकल्पित प्रयास करें जिससे, एक केंद्रीय कानून गौ हत्या निषेध का बन सके और सनातन का उत्थान हो। ऐसा ही सभी हिंदू राष्ट्रीय सेवक संघ से अपेक्षा लगाए बैठे हैं। उसी क्रम में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी को हम सभी शंकराचार्य भगवान के शिष्यगण मिलकर पत्रक सौंपने का कार्य किए हैं। जिसपर निर्णय और विचार करने का उनसे अनुरोध भी किया गया है।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्यगणों में मुन्ना सिंह, सुनील पांडेय, मयंक मिश्रा, अवधेश सिंह, मुकेश पाण्डेय, अष्टभुजा सिंह, राजकुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार भार्गव, अभय शाही, धीरज सिंह, धर्मेंद्र दिवेदी, आशुतोष शुक्ला, अनिवेश सिंह, राहुल चतुर्वेदी, प्रमोद गौड़, आमोद गौंड, सौरभ गुप्ता, हेमंत त्रिपाठी, विनय पांडेय आदि मौजूद रहे।

साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!

RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें।



मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!
RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी

रिपोर्टर जयंत कुमार रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
विधानसभा में केजरीवाल का बीजेपी पर हमला: बीजेपी सत्ता में आने के लिए दिल्ली की जनता को कर रही है परेशान

दिल्ली विधानसभा के सत्र की गुरुवार से शुरुआत हो गई है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल का सदन में ये पहला दिन है. सदन में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. कहा, मुझे जेल भेजने के पीछे बीजेपी का मकसद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करना था. ये लोग 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर हैं. इसलिए यहां की जनता को परेशान करके सत्ता में आना चाहते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं. ईश्वर और देश के करोड़ों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं.मैं हमेशा कहता हूं मोदी जी बहुत ताकतवर हैं. उनके पास अथाह पैसा है लेकिन मोदी जी भगवान नहीं हैं. मैं आज मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक रोड का इंस्पेक्शन करने गया था. मुझे बताया गया कि पहले वहां की सड़कें बहुत अच्छी थीं जो अब खराब हैं. मुझे उम्मीद है कि सड़कें ठीक होंगी.

मैंने बीजेपी के एक नेता से पूछा कि गिरफ्तार करके क्या मिला?

आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने सदन बड़ा दावा किया. उन्होंने तीन चार दिन पहले मैं बीजेपी के एक बड़े नेता से मिला और उनसे पूछा कि मुझे गिरफ्तार करके क्या मिला. उन्होंने कहा कि आपके पीछे दिल्ली को ठप कर दिया.मैं सोच में पड़ गया कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों के कामों को रोककर कामों को ठप्प करके कोई कैसे खुश हो सकता है?

केजरीवाल ने कहा कि27 साल से बीजेपी दिल्ली की सत्ता से बाहर है. लोग इन्हें वोट नहीं देते. इसी बात के लिए लोगों को परेशान कर रहे हैं. अरे आपके पास केंद्र सरकार है. मनीष सिसोदिया ने 700 स्कूल बनाए. 500 मोहल्ला क्लिनिक बनाए, आप 7000 बना दो. दिल्ली सरकार को बदनाम करके वोट लेना चाहते हो? जनता सब समझती है वो बेवकूफ नहीं है. जनता चुप रहती है और मतदान के दिन बोलती है.

अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा

‘आप’ नेता ने कहा कि दिल्ली बीजेपी के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये लाकर दिल्ली के काम कर दो. मेरे पीछे (जेल जाने के बाद) दिल्ली की सड़कों की रिपेयरिंग रोक दी, काम रोक दिया. अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा.

स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो

अरविंद केजरीवाल ने कहा, मेरे जेल जाने के बाद बस मार्शल हटा दिए. पेंशन बंद करवा दी गई. तीर्थयात्रा बंद करवा दी गई. आप (बीजेपी) लोग भी तीर्थयात्रा करके आए. कभी थोड़ा भगवान के सामने हाथ जोड़कर शांति से सोचा करो कि क्या कर रहे हो. स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि केजरीवाल कुछ भी हो सकता है लेकिन बेईमान नहीं हो सकता है. ये केजरीवाल को बेईमान साबित करना चाहते थे. ये सबको जेल में डाल देते हैं. मैं चैलेंज करता हूं कि दो लोगों को तुम्हारी पार्टी से जेल में डाल दिया ना तो तुम्हारी पार्टी भी टूट जाएगी. हमारे तो 5 नेताओं को जेल में डाला फिर भी हमारी पार्टी नहीं टूटी.

अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है

केजरीवाल ने कहा कि आरएसएस वाले नहीं कहते कि केजरीवाल भ्रष्ट है. मेरे जेल जाने से दिल्ली के 2 करोड़ लोगों का नुकसान हुआ है. थोड़ा भगवान से डरो, मैनें जेल में गीता और रामायण बहुत पढ़ी. अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है. सौरभ भारद्वाज बता रहा था कि मेरे जेल जाने के बाद पेड़ भी काटे गए.

उन्होंने कहा कि लोगों के सामने साफ है कि केजरीवाल कट्टर ईमानदार है. हमारी पार्टी के सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया लेकिन हम नहीं टूटे. ये लोग चाहते थे कि मुझे जमानत न मिले. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया, जबकि किसी ने इस्तीफा मांगा भी नहीं था.

केजरीवाल ने कहा, ये (बीजेपी) कहते हैं कि जेल जाने से नुकसान हुआ. जेल जाने से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नहीं दिल्ली का नुकसान हुआ. अब दिल्ली की जनता जवाब देगी कि किसको चुनना है. जब इतिहास लिखा जाएगा तो बीजेपी के कारनामे भी लिखे जाएंगे और हमारे भी.

जीवन में ऐसे 3 मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया

केजरीवाल ने कहा, मेरे जीवन में ऐसे तीन मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया. 2006 में आयकर विभाग की नौकरी से इस्तीफा दिया. 2013 में जब हम सत्ता में आए तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. मुझे कुर्सी का लालच नहीं है. अब फिर से बिना मांगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मुझे RSS के एक नेता मिले. उन्होंने बताया कि 75 साल का नियम लागू रहेगा लेकिन वो (पीएम मोदी) मान नहीं रहे हैं. सत्ता छोड़ा इतना आसान नहीं है.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि 75 साल पर रिटायरमेंट का रूल बनाया. आडवाणी जी से लेकर कई नेताओं को रिटायर कर दिया. जब खुद की बारी आई तो कहते हैं कि उन पर ये लागू नहीं होता. आज जब RSS के कार्यकर्ता घर-घर जाते हैं तो उनसे ये सवाल पूछा जाता है. मैं यही कहूंगा कि दिल्ली बहुत खूबसूरत है. हम सबको मिलकर इसको बनाना है. बस काम नहीं रोकना, चुनाव के टाइम पर ही राजनीति करनी है.

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर एस एस मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी,पूछे ये 5 सवाल।

नई दिल्ली: - दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर उनसे 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में लिखा है, ''देश की मोदी सरकार, देश और देश की राजनीति को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वो बहुत ही खतरनाक है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और हमारा देश खत्म हो जाएगा".

अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को 75 साल की उम्र में रिटायर किया गया, वो वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि पीएम मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हजार रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और बाद में उसी नेता के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस नेता को जिसे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. क्या आपने या किसी RSS कार्यकर्ता ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी. सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''

केजरीवाल ये भी लिखते हैं कि 'ED-CBI का इस्तेमाल करके सरकार गिरानी और बेईमानी से सत्ता हासिल करना क्या RSS को मंज़ूर है? आज हर भारतवासी के मन मे ये सवाल कौंध रहे.'' उन्होंने कहा कि तिरंगा आसमान में गर्व से लहराए, ये सुनिश्चित करना हम सब की जिम्मेदारी है।

मोहन भागवत को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पूछा है जिस तरह मोदी जी लालच देकर ईडी, सीबीआई को डरा धमकाकर नेताओं को जेल भेज रहे हैं, पार्टी को तोड़ रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने पार्टी में शामिल कर दिया, जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन के बाद उनको बीजेपी में शामिल करा दिया, मैं पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?

'बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखाएगा'

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है. यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो. मैं पूछना चाहता हूं क्या आप बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं? क्या आपने मोदी जी से यह सब करने के लिए बोला? क्या आपने ऐसा करने से उनको रोका कभी? 

जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. आरएसएस बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया की मां को आंख दिखाने लगा? जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया, आज वह बेटा पलट कर मां को आंख दिखाना चालू कर दिया. इस पर आपके दिल पर क्या गुजरी? क्या आपको दुख नहीं हुआ?

बीजेपी-RSS की चुप्पी की वजह क्या?

बता दें कि तीन दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर सार्वजनिक रूप से अरविंद केजरीवाल ने यही सवाल मोहन भागवत से पूछे थे. सोमवार तक उसका कोई जवाब नहीं आने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह में प्रेस वार्ता कर फिर दोहराया था कि आखिर क्या कारण है. न RSS न बीजेपी का कोई नेता इन सवालों का जवाब दे रहे हैं.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर कहा - हमने दिखा दिया की ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार बनाई जा सकती है

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया. जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए.

जनता अदालत को संबोधित करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया. केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा. तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई.

ईमानदारी से सरकार बनाई

अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी. केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया.

इस्तीफा देने की बताई वजह

अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था. मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है.

जनता की अदालत में आया”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा. मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं.

अगर मैं बेईमान होता तो हजारों करोड़ खा जाता, लोगों के लिए चीजें मुफ्त करता ? मैं आज आप लोगों से पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है ? केजरीवाल ने जनता से कहा, जिन-जिन लोगों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोदी जी ने षड्यंत्र रचा, वो हाथ खड़े करें.

RSS से पूछा सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, आरएसएस वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं, देश भक्त हैं, मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI को धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों को जेल भेज रहे हैं और पार्टी तोड़ रहे हैं सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है. जिन नेताओं को मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला कुछ दिनों बाद पार्टी में शामिल करा लिया, क्या आप इससे सहमत हो ?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, पार्टी भ्रष्ट ना हो ये देखना आपका काम है, कभी आपने मोदी जी को ऐसा करने से रोका.

लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया कि बीजेपी को RSS की जरूरत नहीं है, क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखा रहा है? क्या आपको दुख नहीं हुआ? आज मैं मोहन भागवत जी और RSS के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पर रिटायरमेंट होगा, आडवाणी जी जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया, कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता ? क्या वो अलग हैं?

मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में डाला”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 75 सालों में शिक्षा का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, लेकिन 75 साल बाद एक ऐसा शख्स आया मनीष सिसोदिया, जिसने ऐसे स्कूल बनाए जहां सब को अच्छी शिक्षा मिलती हैं. मनीष सिसोदिया को मोदी जी ने 2 साल जेल में डाल दिया, ये दो साल मनीष सिसोदिया के नहीं देश के खराब हुए हैं. क्या आप इस तरह की हरकतों से सहमत हैं? मुझे उम्मीद है कि आप जवाब देंगे. RSS के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि चिंतन जरूर करना.

केजरीवाल ईमानदार लगे तो वोट देना”

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ये आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है. उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं तो वोट देना वर्ना मत देना. ये झाड़ू ईमानदारी का प्रतीक है, झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है', वैदिक जीवन अपनाने का भी किया आह्वान, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, वेद और भारत एक ही है

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को लोगों से वैदिक जीवन अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि 'सनातन धर्म' के पुनर्जागरण का वक़्त आ गया है तथा दुनिया का दृष्टिकोण भी इसके प्रति बदल रहा है। उन्होंने कहा कि वेद भौतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान की धरोहर हैं और सम्पूर्ण ब्रह्मांड के मूल सिद्धांतों को समाहित करते हैं। भागवत के अनुसार, ऋषियों ने 'विश्व कल्याण' के उद्देश्य से वेदों की रचना की थी।

भागवत ने कहा, "यही वजह है कि मैं कहता हूं कि वेद और भारत एक ही हैं। हमारे पास वेदों का अपार ज्ञान है। हमें इसका अध्ययन करना चाहिए, इसे अपने जीवन में लागू करना चाहिए तथा जितने ज्यादा लोगों तक संभव हो, इसे पहुंचाना चाहिए ताकि वे भी इसके ज्ञान का लाभ उठा सकें।" RSS प्रमुख भागवत यह बातें श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा रचित वेदों के हिंदी भाष्य के तीसरे संस्करण के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म के उदय का वक़्त आ चुका है, और हम इस परिवर्तन के साक्षी हैं। योगी अरविंद ने इसकी भविष्यवाणी की थी, और अब हम देख रहे हैं कि विश्व का दृष्टिकोण भी इस दिशा में बदल रहा है।"

भागवत ने आगे कहा कि श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा लिखित वेदों के हिंदी भाष्य का प्रकाशन इस परिवर्तन की दिशा का संकेत है। उन्होंने कहा कि वेदों से धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है क्योंकि वेद सम्पूर्ण मानवता को एकता की तरफ ले जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन और पाप-पुण्य की लड़ाई अस्थायी है। उन्होंने कहा, "धर्म सभी को एक साथ लाता है, सबको गले लगाता है, तथा उन्हें उन्नति की ओर ले जाता है। इसलिए धर्म जीवन का आधार है। जीवन की धारणा धर्म पर ही आधारित होती है। यदि शरीर, मस्तिष्क, बुद्धि और आत्मा में सामंजस्य है, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। किन्तु अगर यह संतुलन बिगड़ता है, तो व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है और यदि यह खत्म हो जाता है, तो व्यक्ति का अंत हो जाता है। धर्म संतुलन प्रदान करता है और मुक्ति की राह दिखाता है।"

भागवत ने कहा कि वेदों में सम्पूर्ण ज्ञान समाहित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "हो सकता है कि वेदों में सीटी स्कैन का सीधा उल्लेख न हो, किन्तु वे 'सिटी स्कैन' जैसे विज्ञान के मूल सिद्धांतों को जानते हैं। आधुनिक विज्ञान के आने से हजारों वर्ष पहले ही वेदों में बताया गया था कि पृथ्वी सूर्य से कितनी दूरी पर है और सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लगता है। वेदों में गणित के गहन ज्ञान का भी वर्णन प्राप्त होता है।"

बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कही ये बात

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है. पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने भी रतन के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा और उन्होंने उद्योग जगत में कई स्टैंडर्ड भी स्थापित किए.

मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा, “देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन सभी देशवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है. उनके निधन से देश ने एक अपना अमूल्य रत्न को खो दिया है. भारत की विकास यात्रा में उनका योगदान चिरस्मरणीय रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाट ने उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई नई और प्रभावी पहल के साथ ही ढेरों श्रेष्ठ मानकों को स्थापित किया.

अपने काम से वह प्रेरणादायी रहेः भागवत

रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा, “समाज के हितों के अनुकूल हर तरह के कामों में उनका निरंतर सहयोग और सहभागिता बनी रही. देश की एकात्मता और सुरक्षा की बात हो या विकास के कोई पहलू हो या फिर अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों के हित का मामला हो रतन टाटा अपने विशिष्ट सोच और काम से प्रेरणादायी बने रहे. अनेक ऊचांइयों को छू लेने के बाद भी उनकी सहजता और विनम्रता की शैली हमारे लिए हमेशा अनुकरणीय रहेगी.” उन्होंने कहा कि उनकी पावन स्मृतियों को विनम्र अभिवादन करते हुए हम भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं.

वयोवृद्ध उद्योगपति रतन टाटा का कल बुधवार देर रात मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 साल के थे. पद्म विभूषण रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया.

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

रतन का पार्थिव शरीर आज गुरुवार को सुबह 10 बजे से साढ़े तीन बजे तक दक्षिण मुंबई में नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. सूत्रों की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की ओर से अमित शाह रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. अमित शाह उद्योगपति के अंतिम संस्कार के लिए इसलिए मुंबई जाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने लाओस के लिए रवाना हो रहे हैं.

महाराष्ट्र में आज राजकीय शोक

दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आज राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हवाले से मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्र ध्वज गुरुवार (10 अक्टूबर) को शोक के प्रतीक के रूप में आधा झुका रहेगा. आज कोई मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.

आजमगढ़:संजय जोशी बन सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

आजमगढ़:: RSS के वरिष्ठ नेता संजय जोशी पर दिल भरा प्यार मिलने वाला है । भारतीय जनता पार्टी और R S S के पदाधिकारियों ने जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर चर्चा काफी जोर शोर से चल रहा है।

कुछ दिनो से सोशल मीडिया और बड़े -बड़े राष्ट्रीय मीडिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अनेकों प्रकार से दिखाया जा रहा है ।लंबे समय से संजय जोशी जी से जुड़े आशुतोष मिश्रा ने बताया कि संजय विनायक जोशी करोडों कार्यकर्ताओं के दिल पर राज करने वाले और गरीबों के मसीहा हैं जिन्होंने अपना जीवन संघ को समर्पित किया।जोशी जी अपना जीवन समान रूप से व्यतीत करते है।

कतिपय बड़े -बड़े मीडिया वाले लोग जोशी को ले कर भ्रामक/गलत न्यूज़ चला रहे हैं ।अभी किसी प्रकार की सुरक्षा जोशी के पास नहीं हैं ।पहले जैसे थे वैसे आज भी है ,और कार्यकर्ताओं का मिलना जुलना व उनका कुशलक्षेम जानना उनकी पुरानी पद्यति है वह आज भी वैसे ही अनवरत चल रहा है ।

अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्यों ने सौंपा गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का पत्रक

गोरखपुर। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा पूरे देश में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने और गौ हत्या बंद करने के चलाए जा रहे अभियान के क्रम में रविवार को गोरखपुर के सहारा स्टेट कॉलोनी में संघ की शाखा में पहुंचे RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को, शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ो शिष्यों ने, एक पत्रक सौंपा। इस दौरान उनसे लोगों ने उसने विनम्र अनुरोध किया कि, इस विषय पर संघ गंभीरता से विचार करते हुए, गौ माता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए, उन्हें राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना संकल्प ले।

इसके साथ ही केंद्रीय सरकार को इसके लिए कानून बनाने के लिए प्रेरित करें। शंकराचार्य भगवान के शिष्यों ने इस दौरान दत्तात्रेय होसबोले का स्वागत भी किया। उन्हें गोरक्षभूमि पर गीता और शंकराचार्य भगवान की तरफ से प्रसाद स्वरूप भेजी गई साल भी भेंट किया गया।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय ने कहा कि, सर्वविदित है कि भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता में गौ माता को सर्व पूजनीय और धार्मिक रूप से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उनके लिए वेदों में "गांवो विश्वस्य मातर:" की उक्ति का प्रयोग भी किया गया है। जिसका अर्थ यह है कि गाय विश्व की माता है। ऐसा हमारी सभ्यता में सदियों से रचा बसा रहा है। लेकिन यह देखने को मिला कि भारत देश में स्वतंत्रता के बाद से अनेकों सरकारें तो बनी लेकिन किसी ने गौ संवर्धन एवं रक्षा हेतु कोई भी कार्य नहीं किया। जबकि गायों की रक्षा और गौ हत्या निषेध कानून की मांग लंबे समय से हिंदू धर्माचार्य करते आ रहे हैं।

वर्तमान समय में गौ हत्या निषेध कानून की मांग व्यापक रूप से चारों शंकराचार्य पीठें, पांचो वैष्णवाकार्य पीठेँ और 13 अखाड़ों द्वारा, हिंदुओं के परंपरागत और सार्वभौमिक प्रतिदिन होने के कारण लगातार किया जा रहा है। जो हिंदू जनमानस और वेदों की आज्ञा के अनुरूप है।

इसी क्रम में वर्तमान में पूरे भारत देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में गौ ध्वज को ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 द्वारा फहराकर, गौ हत्या निषेध कानून की मांग की जा रही है। जिसके तहत वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर, राष्ट्र माता की श्रेणी में रखने की मांग है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जो कि भारत देश में, सनातन हिंदू गौरव को नए उदीयमान सूर्य की भांति लेकर चल रहा है, उससे अपेक्षा वर्तमान दशा में और भी बढ़ जाती है। संघ वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर राष्ट्र माता का दर्जा देने हेतु एक प्रभावी संकल्पित प्रयास करें जिससे, एक केंद्रीय कानून गौ हत्या निषेध का बन सके और सनातन का उत्थान हो। ऐसा ही सभी हिंदू राष्ट्रीय सेवक संघ से अपेक्षा लगाए बैठे हैं। उसी क्रम में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी को हम सभी शंकराचार्य भगवान के शिष्यगण मिलकर पत्रक सौंपने का कार्य किए हैं। जिसपर निर्णय और विचार करने का उनसे अनुरोध भी किया गया है।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्यगणों में मुन्ना सिंह, सुनील पांडेय, मयंक मिश्रा, अवधेश सिंह, मुकेश पाण्डेय, अष्टभुजा सिंह, राजकुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार भार्गव, अभय शाही, धीरज सिंह, धर्मेंद्र दिवेदी, आशुतोष शुक्ला, अनिवेश सिंह, राहुल चतुर्वेदी, प्रमोद गौड़, आमोद गौंड, सौरभ गुप्ता, हेमंत त्रिपाठी, विनय पांडेय आदि मौजूद रहे।

साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!

RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें।



मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
साहिबगंज में CM हेमंत सोरेन का बड़ा बयान; RSS की तुलना चूहों से की, सियासी पारा हाई!
RSS है तभी आज भारत में सनातन धर्म के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं - अमर बावरी

रिपोर्टर जयंत कुमार रांची डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट के भोगनाडीह में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के समापन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम लोगो को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह हमारे समाज में घुसकर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है। झारखंड को डेमोग्राफी के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्हें देखना है तो जाकर पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी देखें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इतना कहना था कि झारखंड की राजनीतिक का सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर विश्व पटल पर अपनी पहचान बढ़ा रही है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण अपने पूर्वजों, वंशजो और आदिवासी समाज के अस्मिता को खतरे में डाल रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठियों इन्हें राज्य के अंदर दिख नहीं रही। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अस्मिता और परंपरा को स्थापित कर रही है। उसे हेमंत सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे है।
विधानसभा में केजरीवाल का बीजेपी पर हमला: बीजेपी सत्ता में आने के लिए दिल्ली की जनता को कर रही है परेशान

दिल्ली विधानसभा के सत्र की गुरुवार से शुरुआत हो गई है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल का सदन में ये पहला दिन है. सदन में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. कहा, मुझे जेल भेजने के पीछे बीजेपी का मकसद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करना था. ये लोग 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर हैं. इसलिए यहां की जनता को परेशान करके सत्ता में आना चाहते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं. ईश्वर और देश के करोड़ों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं.मैं हमेशा कहता हूं मोदी जी बहुत ताकतवर हैं. उनके पास अथाह पैसा है लेकिन मोदी जी भगवान नहीं हैं. मैं आज मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक रोड का इंस्पेक्शन करने गया था. मुझे बताया गया कि पहले वहां की सड़कें बहुत अच्छी थीं जो अब खराब हैं. मुझे उम्मीद है कि सड़कें ठीक होंगी.

मैंने बीजेपी के एक नेता से पूछा कि गिरफ्तार करके क्या मिला?

आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने सदन बड़ा दावा किया. उन्होंने तीन चार दिन पहले मैं बीजेपी के एक बड़े नेता से मिला और उनसे पूछा कि मुझे गिरफ्तार करके क्या मिला. उन्होंने कहा कि आपके पीछे दिल्ली को ठप कर दिया.मैं सोच में पड़ गया कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों के कामों को रोककर कामों को ठप्प करके कोई कैसे खुश हो सकता है?

केजरीवाल ने कहा कि27 साल से बीजेपी दिल्ली की सत्ता से बाहर है. लोग इन्हें वोट नहीं देते. इसी बात के लिए लोगों को परेशान कर रहे हैं. अरे आपके पास केंद्र सरकार है. मनीष सिसोदिया ने 700 स्कूल बनाए. 500 मोहल्ला क्लिनिक बनाए, आप 7000 बना दो. दिल्ली सरकार को बदनाम करके वोट लेना चाहते हो? जनता सब समझती है वो बेवकूफ नहीं है. जनता चुप रहती है और मतदान के दिन बोलती है.

अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा

‘आप’ नेता ने कहा कि दिल्ली बीजेपी के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये लाकर दिल्ली के काम कर दो. मेरे पीछे (जेल जाने के बाद) दिल्ली की सड़कों की रिपेयरिंग रोक दी, काम रोक दिया. अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा.

स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो

अरविंद केजरीवाल ने कहा, मेरे जेल जाने के बाद बस मार्शल हटा दिए. पेंशन बंद करवा दी गई. तीर्थयात्रा बंद करवा दी गई. आप (बीजेपी) लोग भी तीर्थयात्रा करके आए. कभी थोड़ा भगवान के सामने हाथ जोड़कर शांति से सोचा करो कि क्या कर रहे हो. स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि केजरीवाल कुछ भी हो सकता है लेकिन बेईमान नहीं हो सकता है. ये केजरीवाल को बेईमान साबित करना चाहते थे. ये सबको जेल में डाल देते हैं. मैं चैलेंज करता हूं कि दो लोगों को तुम्हारी पार्टी से जेल में डाल दिया ना तो तुम्हारी पार्टी भी टूट जाएगी. हमारे तो 5 नेताओं को जेल में डाला फिर भी हमारी पार्टी नहीं टूटी.

अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है

केजरीवाल ने कहा कि आरएसएस वाले नहीं कहते कि केजरीवाल भ्रष्ट है. मेरे जेल जाने से दिल्ली के 2 करोड़ लोगों का नुकसान हुआ है. थोड़ा भगवान से डरो, मैनें जेल में गीता और रामायण बहुत पढ़ी. अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है. सौरभ भारद्वाज बता रहा था कि मेरे जेल जाने के बाद पेड़ भी काटे गए.

उन्होंने कहा कि लोगों के सामने साफ है कि केजरीवाल कट्टर ईमानदार है. हमारी पार्टी के सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया लेकिन हम नहीं टूटे. ये लोग चाहते थे कि मुझे जमानत न मिले. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया, जबकि किसी ने इस्तीफा मांगा भी नहीं था.

केजरीवाल ने कहा, ये (बीजेपी) कहते हैं कि जेल जाने से नुकसान हुआ. जेल जाने से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नहीं दिल्ली का नुकसान हुआ. अब दिल्ली की जनता जवाब देगी कि किसको चुनना है. जब इतिहास लिखा जाएगा तो बीजेपी के कारनामे भी लिखे जाएंगे और हमारे भी.

जीवन में ऐसे 3 मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया

केजरीवाल ने कहा, मेरे जीवन में ऐसे तीन मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया. 2006 में आयकर विभाग की नौकरी से इस्तीफा दिया. 2013 में जब हम सत्ता में आए तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. मुझे कुर्सी का लालच नहीं है. अब फिर से बिना मांगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मुझे RSS के एक नेता मिले. उन्होंने बताया कि 75 साल का नियम लागू रहेगा लेकिन वो (पीएम मोदी) मान नहीं रहे हैं. सत्ता छोड़ा इतना आसान नहीं है.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि 75 साल पर रिटायरमेंट का रूल बनाया. आडवाणी जी से लेकर कई नेताओं को रिटायर कर दिया. जब खुद की बारी आई तो कहते हैं कि उन पर ये लागू नहीं होता. आज जब RSS के कार्यकर्ता घर-घर जाते हैं तो उनसे ये सवाल पूछा जाता है. मैं यही कहूंगा कि दिल्ली बहुत खूबसूरत है. हम सबको मिलकर इसको बनाना है. बस काम नहीं रोकना, चुनाव के टाइम पर ही राजनीति करनी है.

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर एस एस मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी,पूछे ये 5 सवाल।

नई दिल्ली: - दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर उनसे 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में लिखा है, ''देश की मोदी सरकार, देश और देश की राजनीति को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वो बहुत ही खतरनाक है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और हमारा देश खत्म हो जाएगा".

अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को 75 साल की उम्र में रिटायर किया गया, वो वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि पीएम मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हजार रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और बाद में उसी नेता के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस नेता को जिसे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. क्या आपने या किसी RSS कार्यकर्ता ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी. सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''

केजरीवाल ये भी लिखते हैं कि 'ED-CBI का इस्तेमाल करके सरकार गिरानी और बेईमानी से सत्ता हासिल करना क्या RSS को मंज़ूर है? आज हर भारतवासी के मन मे ये सवाल कौंध रहे.'' उन्होंने कहा कि तिरंगा आसमान में गर्व से लहराए, ये सुनिश्चित करना हम सब की जिम्मेदारी है।

मोहन भागवत को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पूछा है जिस तरह मोदी जी लालच देकर ईडी, सीबीआई को डरा धमकाकर नेताओं को जेल भेज रहे हैं, पार्टी को तोड़ रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने पार्टी में शामिल कर दिया, जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन के बाद उनको बीजेपी में शामिल करा दिया, मैं पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?

'बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखाएगा'

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है. यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो. मैं पूछना चाहता हूं क्या आप बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं? क्या आपने मोदी जी से यह सब करने के लिए बोला? क्या आपने ऐसा करने से उनको रोका कभी? 

जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. आरएसएस बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया की मां को आंख दिखाने लगा? जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया, आज वह बेटा पलट कर मां को आंख दिखाना चालू कर दिया. इस पर आपके दिल पर क्या गुजरी? क्या आपको दुख नहीं हुआ?

बीजेपी-RSS की चुप्पी की वजह क्या?

बता दें कि तीन दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर सार्वजनिक रूप से अरविंद केजरीवाल ने यही सवाल मोहन भागवत से पूछे थे. सोमवार तक उसका कोई जवाब नहीं आने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह में प्रेस वार्ता कर फिर दोहराया था कि आखिर क्या कारण है. न RSS न बीजेपी का कोई नेता इन सवालों का जवाब दे रहे हैं.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर कहा - हमने दिखा दिया की ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार बनाई जा सकती है

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया. जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए.

जनता अदालत को संबोधित करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया. केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा. तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई.

ईमानदारी से सरकार बनाई

अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी. केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया.

इस्तीफा देने की बताई वजह

अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था. मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है.

जनता की अदालत में आया”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा. मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं.

अगर मैं बेईमान होता तो हजारों करोड़ खा जाता, लोगों के लिए चीजें मुफ्त करता ? मैं आज आप लोगों से पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है ? केजरीवाल ने जनता से कहा, जिन-जिन लोगों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोदी जी ने षड्यंत्र रचा, वो हाथ खड़े करें.

RSS से पूछा सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, आरएसएस वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं, देश भक्त हैं, मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI को धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों को जेल भेज रहे हैं और पार्टी तोड़ रहे हैं सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है. जिन नेताओं को मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला कुछ दिनों बाद पार्टी में शामिल करा लिया, क्या आप इससे सहमत हो ?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, पार्टी भ्रष्ट ना हो ये देखना आपका काम है, कभी आपने मोदी जी को ऐसा करने से रोका.

लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया कि बीजेपी को RSS की जरूरत नहीं है, क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखा रहा है? क्या आपको दुख नहीं हुआ? आज मैं मोहन भागवत जी और RSS के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पर रिटायरमेंट होगा, आडवाणी जी जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया, कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता ? क्या वो अलग हैं?

मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में डाला”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 75 सालों में शिक्षा का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, लेकिन 75 साल बाद एक ऐसा शख्स आया मनीष सिसोदिया, जिसने ऐसे स्कूल बनाए जहां सब को अच्छी शिक्षा मिलती हैं. मनीष सिसोदिया को मोदी जी ने 2 साल जेल में डाल दिया, ये दो साल मनीष सिसोदिया के नहीं देश के खराब हुए हैं. क्या आप इस तरह की हरकतों से सहमत हैं? मुझे उम्मीद है कि आप जवाब देंगे. RSS के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि चिंतन जरूर करना.

केजरीवाल ईमानदार लगे तो वोट देना”

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ये आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है. उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं तो वोट देना वर्ना मत देना. ये झाड़ू ईमानदारी का प्रतीक है, झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है', वैदिक जीवन अपनाने का भी किया आह्वान, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, वेद और भारत एक ही है

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को लोगों से वैदिक जीवन अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि 'सनातन धर्म' के पुनर्जागरण का वक़्त आ गया है तथा दुनिया का दृष्टिकोण भी इसके प्रति बदल रहा है। उन्होंने कहा कि वेद भौतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान की धरोहर हैं और सम्पूर्ण ब्रह्मांड के मूल सिद्धांतों को समाहित करते हैं। भागवत के अनुसार, ऋषियों ने 'विश्व कल्याण' के उद्देश्य से वेदों की रचना की थी।

भागवत ने कहा, "यही वजह है कि मैं कहता हूं कि वेद और भारत एक ही हैं। हमारे पास वेदों का अपार ज्ञान है। हमें इसका अध्ययन करना चाहिए, इसे अपने जीवन में लागू करना चाहिए तथा जितने ज्यादा लोगों तक संभव हो, इसे पहुंचाना चाहिए ताकि वे भी इसके ज्ञान का लाभ उठा सकें।" RSS प्रमुख भागवत यह बातें श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा रचित वेदों के हिंदी भाष्य के तीसरे संस्करण के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म के उदय का वक़्त आ चुका है, और हम इस परिवर्तन के साक्षी हैं। योगी अरविंद ने इसकी भविष्यवाणी की थी, और अब हम देख रहे हैं कि विश्व का दृष्टिकोण भी इस दिशा में बदल रहा है।"

भागवत ने आगे कहा कि श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा लिखित वेदों के हिंदी भाष्य का प्रकाशन इस परिवर्तन की दिशा का संकेत है। उन्होंने कहा कि वेदों से धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है क्योंकि वेद सम्पूर्ण मानवता को एकता की तरफ ले जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन और पाप-पुण्य की लड़ाई अस्थायी है। उन्होंने कहा, "धर्म सभी को एक साथ लाता है, सबको गले लगाता है, तथा उन्हें उन्नति की ओर ले जाता है। इसलिए धर्म जीवन का आधार है। जीवन की धारणा धर्म पर ही आधारित होती है। यदि शरीर, मस्तिष्क, बुद्धि और आत्मा में सामंजस्य है, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। किन्तु अगर यह संतुलन बिगड़ता है, तो व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है और यदि यह खत्म हो जाता है, तो व्यक्ति का अंत हो जाता है। धर्म संतुलन प्रदान करता है और मुक्ति की राह दिखाता है।"

भागवत ने कहा कि वेदों में सम्पूर्ण ज्ञान समाहित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "हो सकता है कि वेदों में सीटी स्कैन का सीधा उल्लेख न हो, किन्तु वे 'सिटी स्कैन' जैसे विज्ञान के मूल सिद्धांतों को जानते हैं। आधुनिक विज्ञान के आने से हजारों वर्ष पहले ही वेदों में बताया गया था कि पृथ्वी सूर्य से कितनी दूरी पर है और सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लगता है। वेदों में गणित के गहन ज्ञान का भी वर्णन प्राप्त होता है।"