पहलगाम हमला, टैरिफ, ट्रंप और अमेरिका...मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो चुके हैं। आरएसएस आज अपना शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। पूरा कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने पर नागपुर में विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश के लोगों से स्वदेशी की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का भी जिक्र किया। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया।

पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?

मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना के बाद ही हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला है। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।

ट्रंप की टैरिफ पर क्या बोले भागवत?

भागवत ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ अपने भले के लिए अपनाया होगा, लेकिन इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भागवत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का होना जरूरी है, लेकिन यह मजबूरी का कारण नहीं होना चाहिए।

नेपाल हिंसा पर कही ये बात

नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि असंतोष को इस तरह के हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है। ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। भागवत ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में बाहरी स्वार्थी देश अपने खेल खेल सकते हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है।

संघ के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का किया जारी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज अपना शताब्दी समारोह मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विशेष कार्यक्रम में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आरएसएस के राष्ट्र के प्रति योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन एक स्मारक डाक टिकट और सिक्के को जारी किया।

भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौरवशाली 100 वर्षों की यात्रा के उपलक्ष्य में, भारत सरकार की ओर से विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया गया। 100 रुपये के इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अंकित है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि अंकित है, जबकि स्वयंसेवकों को भक्ति और समर्पण भाव से उनके समक्ष नतमस्तक दिखाया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो एक अत्यंत गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण है। इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।

संघ अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के दौरान कहा, आज महानवमी है। आज देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं। कल विजयादशमी का महापर्व है- अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत है। विजयदशमी भारतीय संस्कृति के इस विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है। ऐसे महान पर्व पर 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना ये कोई संयोग नहीं था। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनरुत्थान था। जिसमें राष्ट्र चेतना, समय समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है।

आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं, अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था। जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं। अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा- राष्ट्र निर्माण।

हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा-पीएम मोदी

हर स्वयंसेवक ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संघ की विचारधार में कोई भी हिंदू छोटा या बड़ा नहीं है। हर आपदा के बाद स्वयंसेवक आगे आए, कोरोना काल में लोगों की मदद की। संघ ने एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की बात कही। हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा है।

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी के आरोपों पर श्रवण कुमार का पलटवार, कहा- जनता खारिज करेगी आरोप*
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तेजस्वी के आरोपों की rss के प्रभाव में है पर श्रवण कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी उस धातु के बने हुए हैं दुनिया का प्रभावशाली से प्रभावशाली व्यक्ति और दुनिया का सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति और कोई भी दुनिया का शक्तिशाली संगठन नीतीश कुमार जी को प्रभावित नहीं कर सकता है नीतीश कुमार की अपनी सोच है अपना विजन है बिहार के तरक्की और बिहार में अमन शांति प्रेम भाईचारा कायम किया है और लोग यह समझते थे कि अब बिहार सुधरने वाला नहीं है बिहार को सुधारा नहीं जा सकता है लोग हताश और निराश थे हो गए थे बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था नीतीश कुमार जी ने 20 वर्षों में बिहारी कहलानी स्वाभिमान का विषय बनाया नीतीश कुमार जी ने बिहार की तरक्की के रास्ते पर ले गए विकास के रास्ते पर ले गए देश का पहला राज्य बिहार है जहां हर घर में सबसे पहले बिजली पहुंचाई देश का पहला राज्य है जहां 41000 से ज्यादा लड़कियों को पुलिस में भर्ती किया डीएसपी बनाया है दरोगा बनाया है सिपाही बनाया है देश का पहला राज्य है जहां स्वयं सहायता समूह जो ग्रामीण विकास के तहत आता है यह 10 लाख 38000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बनाया है एक करोड़ 37 लाख परिवार को उसमें शामिल किया गया एक करोड़ 35 लाख हमारी जीविका दीदी आज आत्मनिर्भर है बिहार कई राज्यों से छोटा राज्य है देश का पहला राज्य बिहार है जहां 120000 शिक्षक बहाल कीया जाता है इतनी बहाली किसी दूसरे राज्य में नहीं हुए हैं देश का पहला राज्य है बिहार है जहां महिलाओं को क्लास वन से लेकर 5 क्लास तक शिक्षक की नियुक्ति में 50% आरक्षण और क्लास 6 से ऊपर 35% आरक्षण है और सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% का आरक्षण है यह नीतीश कुमार जी ने बिहार में साबित किया है देश इसी रास्ते पर चलना पड़ेगा देश की तरक्की इसी में होगी देश में अमन भाईचारा इसी रास्ता से आ सकता है नीतीश कुमार जी ना किसी के गोद में खेलते हैं ना किसी के गोद में खिलाते हैं न्याय के साथ विकास कर सकते हैं तेजस्वी पर निशाना साधते हुए के जिनके माता-पिता के राज में बिहारी कहलाना अपमान का विषय था आज सौभाग्य विषय बना है तो नीतीश कुमार जी के ऊपर के पार्टी के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं इनका आरोप लगाना मैं समझता हूं जनता खारिज करेगी 2025 का चुनाव आने वाला है और 25 के चुनाव में जनता बताएगी कि नीतीश कुमार जी के साथ जनता है जो लोग अलग-अलग बात बोलते हैं बिहार के स्वाभिमान को गिराने का बिहार को नीचे करने का काम करते हैं ।निशांत के चुनाव लड़ने के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा नालंदा या हरनौत के कहां अच्छा नौजवान है पढ़ा लिखा है विवेक है बुद्धि है ऐसे लोग बिहार के बारे में सोचते रहते हैं और बिहार के बारे में कोई सोचता है कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन यह निर्णय हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी के विवेक पर है उन पर निर्भर के क्या निर्णय लेता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आदिवासी समाज के प्रमुख नेता अरविंद नेताम ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट की। यह भेंट केवल सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रदेश में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने के लिहाज से भी विशेष मायने रखती है। श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस मंच पर मतांतरण, जनजातीय जीवन, विकास, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर उन्होंने अपने विचार रखें, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और वैचारिक गहराई में वृद्धि हुई।

जनजातीय समाज की आवाज को मिली प्रमुखता

श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों और विचारकों के समक्ष उन्होंने छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से जनजातीय अंचलों से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती के साथ रखा। उन्होंने कहा कि मतांतरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक समरसता, शिक्षा और जागरूकता बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि "जनजातीय समाज की प्राचीन परंपराएं, आस्थाएं और जीवनशैली भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें बचाए रखना हमारा दायित्व है।" इस भेंट के दौरान श्री नेताम ने मुख्यमंत्री से इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सामाजिक संगठनों, सरकार और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से समाज को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन, ग्राम आधारित विकास, और युवाओं के सशक्तिकरण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री साय ने जताई प्रसन्नता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री नेताम को संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर बधाई देते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी और जननेता को राष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “जनजातीय समाज के उत्थान और संरक्षण की दिशा में सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। समाज के वरिष्ठजनों और जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।”

सामाजिक समरसता को मिलेगा बल

इस मुलाकात में डॉ. प्रीति नेताम एवं युवा समाज नेता विनोद नागवंशी भी उपस्थित थे। इन दोनों ने भी इस अवसर को एक सकारात्मक सामाजिक संवाद का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों और संवादों से समाज में जागरूकता आती है और विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समन्वय बढ़ता है।

भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर साधा निशाना, कहा – आरएसएस झूठ की फैक्ट्री

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि RSS झूठ की फैक्ट्री है. अरविंद नेताम उम्र दराज व्यक्ति हैं. उनके विचार और पार्टी बदलते रहते हैं. वैचारिक रूप से व्यक्ति की पहचान होती है. जिस व्यक्ति का कोई विचार ना हो उसका जीवन व्यर्थ है. नेताम जी RSS कार्यालय से लौटे हैं. RSS कार्यालय से सुनकर आए होंगे, क्योंकि वह झूठ बोलने की फैक्ट्री है. वहां से लगातार झूठ फैलाए जा रहे हैं. भाखड़ा नांगल बांध बना और बिजली उत्पादन को लेकर भ्रम फैलाया. गणेश प्रतिमा तक को दूध पिला देते हैं.

छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बैन हटने के मामले में बीजेपी नेताओं ने बयान दिया कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है. इस बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि किसी व्यवसायी, राइस मिलर, खदान वाले से पूछिए. अभी ट्रांसफर शुरू हुआ है उनसे पूछिए. युक्तियुक्तकरण जिनका हो रहा है उससे पूछिए? तब भ्रष्टाचार की बात निकालकर सामने आएगी.

नकटी गांव में ग्रामीणों के हो रहे प्रदर्शन पर भूपेश बघेल ने कहा कि गांव वालों का समर्थन कांग्रेस पार्टी ने किया है. सरकार को इनको व्यवस्थापित करना चाहिए या फिर विधायकों के लिए दूसरी जगह खोजनी चाहिए. ऐसे किसी गांव को हटा देंगे तो थोड़ी ना बात बनेगी. बोध घाट परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री और सीएम साय की मुलाकात पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा, बोधघाट परियोजना पेयजल, सिंचाई, निस्तारीकरण के लिए बनाया जा रहा था. अब उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है. अंतर यही है. बोधघाट जब बनाया जा रहा था तो अरविंद नेताम शुरू से विरोध कर रहे थे. अरविंद नेताम अगर विरोध नहीं करते तो बोधघाट बन गया होता.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

RSS मुख्यालय में अरविंद नेताम को अतिथि बनाए जाने पर चरणदास महंत की तीखी प्रतिक्रिया, बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई हलचल देखने को मिली है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया. मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं.

महंत ने संकेत दिए कि नेताम के राजनीतिक फैसलों को लेकर स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा, “अरविंद नेताम अगर पार्टी छोड़कर चले भी गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्होंने पहले भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में लौट आए. ऐसे नेताओं को बीजेपी में नहीं जाना चाहिए. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे भाजपा में न जाएं.”

आदिवासी मुद्दों की लड़ाई और RSS से जुड़ाव पर सवाल

महंत ने आगे कहा, "नेताम साहब आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं. इसलिए अगर वे आरएसएस में शिक्षा या अन्य किसी उद्देश्य से गए हैं तो इस पर भी उनसे बात करूंगा."

ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान

डॉ. महंत ने भाजपा के “ऑपरेशन सिंदूर” अभियान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक हद तक सही था, क्योंकि हमारे शहीदों की पत्नियों को न्याय दिलाना ज़रूरी था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि ‘मेरे रगों में खून नहीं, गरम सिंदूर दौड़ रहा है’ यह हास्यास्पद है. “

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर भाजपा को सिंदूर से इतना ही प्रेम है, तो अपने मंत्रियों से कहे कि वे रोज़ सिंदूर लगाकर आएं. इसमें क्या तकलीफ है?”

कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फूंकेगी एमपी के मंत्री शाह का पुतला, थाने में भी की शिकायत

रायपुर-  भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान देशभर में विरोध हो रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस आज शाम 4 बजे प्रदेशभर में मंत्री शाह का पुतला दहन करने जा रही है. इसका आदेश पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जारी जिला अध्यक्षों को जारी किया है. वहीं कर्नल सोफिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर आक्रोशित कांग्रेस ने सिविल लाइन थाने में शिकायत भी की है.

AICC सचिव विकास उपाध्याय ने सिविल लाइन थाने में ज्ञापन सौंपा और भाजपा के मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी मंत्री विजय शाह ने देश की बेटी, बहन कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. इस मंत्री का विवादास्पद बयान पहली बार का नहीं है. ऐसे कई बयान हैं, जिससे मंत्री विजय शाह विवादों से घिरे रहे.

मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करें पीएम मोदी : विकास उपाध्याय

विकास उपाध्याय ने कहा, मंत्री विजय शाह बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन के ऊपर भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी करके बच निकले थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रवैये को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहती है कि यदि वे अपने भाजपा मंत्रीमंडल का सम्मान बरकरार रखना चाहते हैं तो तत्काल मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करें। बता दें कि कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जून खड़गे ने भी एक्स पर पोस्ट कर मंत्री विजय शाह के बयान का विरोध किया था और पीएम मोदी से विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की थी.

खरगे ने कहा कि भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने हमारी वीर बेटी कर्नल सोफिया क़ुरैशी के बारे में बेहद अपमानजनक, शर्मनाक और ओछी टिप्पणी की है. पहलगाम के आतंकी देश को बांटना चाहते थे, पर आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश एकजुट था. उन्होंने कहा, BJP-RSS की मानसिकता महिला विरोधी रही है. पहले पहलगाम में शहीद नौसेना ऑफिसर की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया, फिर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी को तंग किया. अब भाजपा के मंत्री हमारी वीरांगना सोफिया क़ुरैशी के लिए ऐसी अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं.

पहलगाम हमला, टैरिफ, ट्रंप और अमेरिका...मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो चुके हैं। आरएसएस आज अपना शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। पूरा कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने पर नागपुर में विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश के लोगों से स्वदेशी की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का भी जिक्र किया। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया।

पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?

मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना के बाद ही हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला है। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।

ट्रंप की टैरिफ पर क्या बोले भागवत?

भागवत ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ अपने भले के लिए अपनाया होगा, लेकिन इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भागवत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का होना जरूरी है, लेकिन यह मजबूरी का कारण नहीं होना चाहिए।

नेपाल हिंसा पर कही ये बात

नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि असंतोष को इस तरह के हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है। ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। भागवत ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में बाहरी स्वार्थी देश अपने खेल खेल सकते हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है।

संघ के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का किया जारी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज अपना शताब्दी समारोह मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विशेष कार्यक्रम में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आरएसएस के राष्ट्र के प्रति योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन एक स्मारक डाक टिकट और सिक्के को जारी किया।

भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौरवशाली 100 वर्षों की यात्रा के उपलक्ष्य में, भारत सरकार की ओर से विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया गया। 100 रुपये के इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अंकित है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि अंकित है, जबकि स्वयंसेवकों को भक्ति और समर्पण भाव से उनके समक्ष नतमस्तक दिखाया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो एक अत्यंत गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण है। इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।

संघ अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के दौरान कहा, आज महानवमी है। आज देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं। कल विजयादशमी का महापर्व है- अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत है। विजयदशमी भारतीय संस्कृति के इस विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है। ऐसे महान पर्व पर 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना ये कोई संयोग नहीं था। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनरुत्थान था। जिसमें राष्ट्र चेतना, समय समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है।

आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं, अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था। जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं। अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा- राष्ट्र निर्माण।

हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा-पीएम मोदी

हर स्वयंसेवक ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संघ की विचारधार में कोई भी हिंदू छोटा या बड़ा नहीं है। हर आपदा के बाद स्वयंसेवक आगे आए, कोरोना काल में लोगों की मदद की। संघ ने एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की बात कही। हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा है।

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी के आरोपों पर श्रवण कुमार का पलटवार, कहा- जनता खारिज करेगी आरोप*
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तेजस्वी के आरोपों की rss के प्रभाव में है पर श्रवण कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी उस धातु के बने हुए हैं दुनिया का प्रभावशाली से प्रभावशाली व्यक्ति और दुनिया का सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति और कोई भी दुनिया का शक्तिशाली संगठन नीतीश कुमार जी को प्रभावित नहीं कर सकता है नीतीश कुमार की अपनी सोच है अपना विजन है बिहार के तरक्की और बिहार में अमन शांति प्रेम भाईचारा कायम किया है और लोग यह समझते थे कि अब बिहार सुधरने वाला नहीं है बिहार को सुधारा नहीं जा सकता है लोग हताश और निराश थे हो गए थे बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था नीतीश कुमार जी ने 20 वर्षों में बिहारी कहलानी स्वाभिमान का विषय बनाया नीतीश कुमार जी ने बिहार की तरक्की के रास्ते पर ले गए विकास के रास्ते पर ले गए देश का पहला राज्य बिहार है जहां हर घर में सबसे पहले बिजली पहुंचाई देश का पहला राज्य है जहां 41000 से ज्यादा लड़कियों को पुलिस में भर्ती किया डीएसपी बनाया है दरोगा बनाया है सिपाही बनाया है देश का पहला राज्य है जहां स्वयं सहायता समूह जो ग्रामीण विकास के तहत आता है यह 10 लाख 38000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बनाया है एक करोड़ 37 लाख परिवार को उसमें शामिल किया गया एक करोड़ 35 लाख हमारी जीविका दीदी आज आत्मनिर्भर है बिहार कई राज्यों से छोटा राज्य है देश का पहला राज्य बिहार है जहां 120000 शिक्षक बहाल कीया जाता है इतनी बहाली किसी दूसरे राज्य में नहीं हुए हैं देश का पहला राज्य है बिहार है जहां महिलाओं को क्लास वन से लेकर 5 क्लास तक शिक्षक की नियुक्ति में 50% आरक्षण और क्लास 6 से ऊपर 35% आरक्षण है और सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% का आरक्षण है यह नीतीश कुमार जी ने बिहार में साबित किया है देश इसी रास्ते पर चलना पड़ेगा देश की तरक्की इसी में होगी देश में अमन भाईचारा इसी रास्ता से आ सकता है नीतीश कुमार जी ना किसी के गोद में खेलते हैं ना किसी के गोद में खिलाते हैं न्याय के साथ विकास कर सकते हैं तेजस्वी पर निशाना साधते हुए के जिनके माता-पिता के राज में बिहारी कहलाना अपमान का विषय था आज सौभाग्य विषय बना है तो नीतीश कुमार जी के ऊपर के पार्टी के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं इनका आरोप लगाना मैं समझता हूं जनता खारिज करेगी 2025 का चुनाव आने वाला है और 25 के चुनाव में जनता बताएगी कि नीतीश कुमार जी के साथ जनता है जो लोग अलग-अलग बात बोलते हैं बिहार के स्वाभिमान को गिराने का बिहार को नीचे करने का काम करते हैं ।निशांत के चुनाव लड़ने के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा नालंदा या हरनौत के कहां अच्छा नौजवान है पढ़ा लिखा है विवेक है बुद्धि है ऐसे लोग बिहार के बारे में सोचते रहते हैं और बिहार के बारे में कोई सोचता है कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन यह निर्णय हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी के विवेक पर है उन पर निर्भर के क्या निर्णय लेता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आदिवासी समाज के प्रमुख नेता अरविंद नेताम ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट की। यह भेंट केवल सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रदेश में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने के लिहाज से भी विशेष मायने रखती है। श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस मंच पर मतांतरण, जनजातीय जीवन, विकास, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर उन्होंने अपने विचार रखें, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और वैचारिक गहराई में वृद्धि हुई।

जनजातीय समाज की आवाज को मिली प्रमुखता

श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों और विचारकों के समक्ष उन्होंने छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से जनजातीय अंचलों से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती के साथ रखा। उन्होंने कहा कि मतांतरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक समरसता, शिक्षा और जागरूकता बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि "जनजातीय समाज की प्राचीन परंपराएं, आस्थाएं और जीवनशैली भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें बचाए रखना हमारा दायित्व है।" इस भेंट के दौरान श्री नेताम ने मुख्यमंत्री से इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सामाजिक संगठनों, सरकार और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से समाज को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन, ग्राम आधारित विकास, और युवाओं के सशक्तिकरण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री साय ने जताई प्रसन्नता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री नेताम को संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर बधाई देते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी और जननेता को राष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “जनजातीय समाज के उत्थान और संरक्षण की दिशा में सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। समाज के वरिष्ठजनों और जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।”

सामाजिक समरसता को मिलेगा बल

इस मुलाकात में डॉ. प्रीति नेताम एवं युवा समाज नेता विनोद नागवंशी भी उपस्थित थे। इन दोनों ने भी इस अवसर को एक सकारात्मक सामाजिक संवाद का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों और संवादों से समाज में जागरूकता आती है और विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समन्वय बढ़ता है।

भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर साधा निशाना, कहा – आरएसएस झूठ की फैक्ट्री

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि RSS झूठ की फैक्ट्री है. अरविंद नेताम उम्र दराज व्यक्ति हैं. उनके विचार और पार्टी बदलते रहते हैं. वैचारिक रूप से व्यक्ति की पहचान होती है. जिस व्यक्ति का कोई विचार ना हो उसका जीवन व्यर्थ है. नेताम जी RSS कार्यालय से लौटे हैं. RSS कार्यालय से सुनकर आए होंगे, क्योंकि वह झूठ बोलने की फैक्ट्री है. वहां से लगातार झूठ फैलाए जा रहे हैं. भाखड़ा नांगल बांध बना और बिजली उत्पादन को लेकर भ्रम फैलाया. गणेश प्रतिमा तक को दूध पिला देते हैं.

छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बैन हटने के मामले में बीजेपी नेताओं ने बयान दिया कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है. इस बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि किसी व्यवसायी, राइस मिलर, खदान वाले से पूछिए. अभी ट्रांसफर शुरू हुआ है उनसे पूछिए. युक्तियुक्तकरण जिनका हो रहा है उससे पूछिए? तब भ्रष्टाचार की बात निकालकर सामने आएगी.

नकटी गांव में ग्रामीणों के हो रहे प्रदर्शन पर भूपेश बघेल ने कहा कि गांव वालों का समर्थन कांग्रेस पार्टी ने किया है. सरकार को इनको व्यवस्थापित करना चाहिए या फिर विधायकों के लिए दूसरी जगह खोजनी चाहिए. ऐसे किसी गांव को हटा देंगे तो थोड़ी ना बात बनेगी. बोध घाट परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री और सीएम साय की मुलाकात पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा, बोधघाट परियोजना पेयजल, सिंचाई, निस्तारीकरण के लिए बनाया जा रहा था. अब उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है. अंतर यही है. बोधघाट जब बनाया जा रहा था तो अरविंद नेताम शुरू से विरोध कर रहे थे. अरविंद नेताम अगर विरोध नहीं करते तो बोधघाट बन गया होता.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

RSS मुख्यालय में अरविंद नेताम को अतिथि बनाए जाने पर चरणदास महंत की तीखी प्रतिक्रिया, बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई हलचल देखने को मिली है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया. मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं.

महंत ने संकेत दिए कि नेताम के राजनीतिक फैसलों को लेकर स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा, “अरविंद नेताम अगर पार्टी छोड़कर चले भी गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्होंने पहले भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में लौट आए. ऐसे नेताओं को बीजेपी में नहीं जाना चाहिए. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे भाजपा में न जाएं.”

आदिवासी मुद्दों की लड़ाई और RSS से जुड़ाव पर सवाल

महंत ने आगे कहा, "नेताम साहब आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं. इसलिए अगर वे आरएसएस में शिक्षा या अन्य किसी उद्देश्य से गए हैं तो इस पर भी उनसे बात करूंगा."

ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान

डॉ. महंत ने भाजपा के “ऑपरेशन सिंदूर” अभियान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक हद तक सही था, क्योंकि हमारे शहीदों की पत्नियों को न्याय दिलाना ज़रूरी था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि ‘मेरे रगों में खून नहीं, गरम सिंदूर दौड़ रहा है’ यह हास्यास्पद है. “

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर भाजपा को सिंदूर से इतना ही प्रेम है, तो अपने मंत्रियों से कहे कि वे रोज़ सिंदूर लगाकर आएं. इसमें क्या तकलीफ है?”

कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फूंकेगी एमपी के मंत्री शाह का पुतला, थाने में भी की शिकायत

रायपुर-  भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान देशभर में विरोध हो रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस आज शाम 4 बजे प्रदेशभर में मंत्री शाह का पुतला दहन करने जा रही है. इसका आदेश पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जारी जिला अध्यक्षों को जारी किया है. वहीं कर्नल सोफिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर आक्रोशित कांग्रेस ने सिविल लाइन थाने में शिकायत भी की है.

AICC सचिव विकास उपाध्याय ने सिविल लाइन थाने में ज्ञापन सौंपा और भाजपा के मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी मंत्री विजय शाह ने देश की बेटी, बहन कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. इस मंत्री का विवादास्पद बयान पहली बार का नहीं है. ऐसे कई बयान हैं, जिससे मंत्री विजय शाह विवादों से घिरे रहे.

मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करें पीएम मोदी : विकास उपाध्याय

विकास उपाध्याय ने कहा, मंत्री विजय शाह बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन के ऊपर भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी करके बच निकले थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रवैये को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहती है कि यदि वे अपने भाजपा मंत्रीमंडल का सम्मान बरकरार रखना चाहते हैं तो तत्काल मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करें। बता दें कि कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जून खड़गे ने भी एक्स पर पोस्ट कर मंत्री विजय शाह के बयान का विरोध किया था और पीएम मोदी से विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की थी.

खरगे ने कहा कि भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने हमारी वीर बेटी कर्नल सोफिया क़ुरैशी के बारे में बेहद अपमानजनक, शर्मनाक और ओछी टिप्पणी की है. पहलगाम के आतंकी देश को बांटना चाहते थे, पर आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश एकजुट था. उन्होंने कहा, BJP-RSS की मानसिकता महिला विरोधी रही है. पहले पहलगाम में शहीद नौसेना ऑफिसर की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया, फिर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी को तंग किया. अब भाजपा के मंत्री हमारी वीरांगना सोफिया क़ुरैशी के लिए ऐसी अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं.