ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

#rsschiefmohanbhagwatissuedstatementonoperationsindoor

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

#rsschiefbhagwatmeetspm_modi

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

#rsschiefmohanbhagwatreplyoncanmuslimsjoin_rss

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

NSUI ने दिल्ली में किया प्रदर्शन, पेपर लीक, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर उठाई आवाज, राष्ट्रीय सचिव ने कहा –

नई दिल्ली/रायपुर- देश में बढ़ती बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर नई दिल्ली में NSUI ने संसद घेराव आंदोलन किया, जिसमें छत्तीसगढ़ समेत देशभर के हजारों NSUI कार्यकर्ता शामिल हुए. इस आंदोलन में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए और आएसएस के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी. NSUI नेताओं ने भी NEP 2020, पेपर लीक की समस्या, बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा का भगवाकरण और UGC के नए नियमों के खिलाफ आवाज उठाया. प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी एवं दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा पर दिल्ली पुलिस ने गैर जमानती धाराएं लगाकर FIR दर्ज किया और दोनों नेताओं को पुलिस ने कल रात ही गिरफ्तार कर लिया, जिनकी आज जमानत पर रिहाई की गई.

राष्ट्रीय सचिव दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा ने रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल हमने छात्रों के हित पर देशव्यापी संसद घेराव आंदोलन दिल्ली की जंतर मंतर में किया था. हमारे नेता राहुल गांधी एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में इस आंदोलन को किया गया. जिस प्रकार केंद्र की मोदी सरकार छात्रों के साथ अन्याय कर रही है उन्हें शिक्षा से वंचित करने का कार्य कर रही है, इसे लेकर राहुल गांधी ने भी कहा कि अब विश्वविद्यालय में लोकतंत्र खत्म हो गया है. RSS की विचारधारा वाली केंद्र की सरकार लोगों को ना शिक्षा दे पा रही है, ना रोजगार. इन्हीं सभी बातों को हमारे नेताओं ने कार्यक्रम में दोहराया.

आने वाले समय में करेंगे उग्र आंदोलन : बग्गा

बग्गा ने कहा, आंदोलन में हजारों छात्रों की संख्या देखकर केंद्र की सरकार और दिल्ली पुलिस डर गई, जिस कारण पुलिस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी और मेरे ऊपर गैर जमानती धारा लगाकर हमारी आवाज को कुचलने का काम किया है. केंद्र की सरकार एवं दिल्ली पुलिस कितने भी मुकदमे दर्ज करना है कर लीजिए पर यह आंदोलन और यह आवाज नहीं रुकेगी. आने वाले समय में हम और उग्र तरीके के साथ आंदोलन करेंगे.

क्या औरंगजेब की कब्र हटानी चाहिए? विवाद के बीच आया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बयान

महाराष्ट्र के नागपुर में इस समय मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक के चलते अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस पीसी के दौरान सुनील आंबेकर से औरंगजेब को लेकर सवाल पूछा गया. उन से पूछा गया कि क्या अभी भी औरंगजेब प्रासंगिक है?

जहां इस वक्त औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सुनील आंबेकर से जब नागपुर में हुई हिंसा और औरंगजेब की कब्र को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए अच्छी नहीं है. पुलिस ने इस पर एक्शन लिया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. साथ ही मुगल बादशाह को लेकर उन्होंने कहा, औरंगजेब प्रासंगिक नहीं है.

संघ की तीन दिवसीय बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक 21 से 23 मार्च तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शुरू होने जा रही है, 19 मार्च को इस बैठक को लेकर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रचार प्रमुख ने 3 दिवसीय होने वाली बैठक को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा, बैठक में देश भर से प्रतिनिधि शामिल होंगे. संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी हिस्सा बनेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि बैठक की शुरुआत 21 मार्च को सुबह 9 बजे होगी और 23 तारीख की शाम तक बैठक होगी. यह संघ की रचना में सबसे महत्वपूर्ण बैठक है.

आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने ऐसा क्या कहा, भड़क गए संजय राउत

#rssbhaiyyajijoshivsubtsanjayraut

देश में इन दिनों भाषा को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भाषा को लेकर लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर है। स्टालिन तीन-भाषा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने महाराष्ट्र के मुंबई में बड़ा बयान दिया है। आरएसएस नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि मुंबई आने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है।

भैयाजी ने ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है। मुंबई के अलग-अलग भागों में अलग-अलग भाषा बोली जाती है। घाटकोपर परिसर के लोग गुजराती बोलते हैं, गिरगांव में हिंदी बोलने वाले कम मिलेंगे, वहां लोग मराठी बोलते हैं। इसलिए मुंबई आने वालों को मराठी भाषा सीखनी चाहिए ऐसा नहीं है।

ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भाजपा और आरएसएस को सुना दिया। उन्होंने भाजपा के मार्गदर्शक, पॉलिसी मेकर और आरएसएस के नेता भैयाजी जोशी का जिक्र करते हुए चैलेंज किया कि क्या ऐसी बातें आप लखनऊ जाकर कह सकते हैं?

राउत ने कहा, 'वह (भैयाजी) कल महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई आए थे। यहां आकर ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र की राजधानी की भाषा मराठी नहीं है। मराठी नहीं हो सकती। यहां कोई भी आकर मराठी के बिना रह सकते हैं, काम कर सकते हैं।' उद्धव सेना के वरिष्ठ नेता ने सवाल पूछते हुए कहा कि आपको (भैयाजी जोशी) इस प्रकार का बयान देने का अधिकार किसने दिया?

आरएसएस को राउत की चुनौती

शिवसेना नेता ने आगे तंज कसते हुए कहा कि क्या आप कोलकाता में जाकर बोल सकते हैं कि कलकत्ता की भाषा बंगाली नहीं है? क्या आप कोच्चि और त्रिवेंद्रम में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा मलयाली नहीं है। क्या आप लखनऊ जाकर योगी जी के सामने खड़े होकर बोल सकते हैं कि लखनऊ की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप पटना में जाकर नीतीश कुमार जी के सामने बोल सकते हो कि पटना की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप चेन्नई में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा तमिल या तेलुगु नहीं है? क्या पंजाब में जाकर बोल सकते हों कि यहां की भाषा पंजाबी नहीं है।

मुंबई को महाराष्ट्र से तोड़ने की कोशिश-राउत

राउत ने कहा कि आप की मंशा मुंबई को महाराष्ट्र से तोड़ने की है। हमने मराठी भाषा के लिए बलिदान दिया है। हमारे लोग शहीद हो गए। शिवाजी महाराज ने मराठा राज्य स्थापित किया क्योंकि उनकी भाषा मराठी थी।

ED की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन: भूपेश, महंत, बैज बोले– हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से क्या डरेंगे,केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ेगे

रायपुर-  छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने ED की कार्रवाई के खिलाफ राजधानी के राजीव गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन किया. दरअसल आज ईडी ने फिर महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को पूछताछ के लिए बुलाया था. वहीं ED दफ्तर से ठीक 100 मीटर की दूरी पर कांग्रेस ने राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन कर बड़ी सभा की, जिसमें कांग्रेस प्रदेश सह-प्रभारी, पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, गैदू समेत पूर्व मंत्री, विधायक, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ED की टीम ने रायपुर स्थित राजीव (कांग्रेस) भवन में दबिश दी थी और सुकमा, कोंटा में बनाए गए कांग्रेस भवन को लेकर महामंत्री गैदू से पूछताछ की थी. वहीं नोटिस थमाकर वापस लौट गई थी. पीसीसी चीफ को नोटिस थमाने और कांग्रेस के महामंत्री से दायरे से बाहर निजी सवाल करने का कांग्रेस ने विरोध जताया. सभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने ED और बीजेपी को घेरा. सभी ने केंद्र सरकार के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की बात कही. कांग्रेसी नेताओं ने कहा, हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से क्या डरेंगे.

RSS के 12 मंजिला 5 स्टार कार्यालय की जांच करें ED : भूपेश बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां वहां नहीं जाती जहां गड़बड़ियां हुई है. ये वहां जाती है जहां इनके आका कहते हैं. इनका उद्देश्य जांच करना नहीं, बल्कि कांग्रेस नेताओं को बदनाम करना और नेताओं को जांच के दायरे में लाना है. उन्होंने ED से RSS के 12 मंजिला कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर बीजेपी कार्यालय और एकात्म परिसर की जांच करने की बात कही.

छापा मारने की सूची ईडी, सीबीआई या IT को भेजती है सरकार : महंत

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा कि आप सभी तैयार रहिए. आने वाले समय में ये कही भी पहुंच सकते हैं. किनके घर छापा मारना है इसकी सूची सरकार तैयार कर ED या CBI या IT को भेजते हैं. उन्होंने कहा, सभी संस्थाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन विपक्ष के साथ ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है.

बंटोगे तो कटोगे : अमरजीत भगत

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के भाषण से एक बार फिर पार्टी में एकजुटता की आवश्यकता नजर आई. भगत ने अपने भाषण में बीजेपी के बंटोगे तो कटोगे नारे को शामिल करते हुए कांग्रेसी नेताओं को एकजुट रहने की जरूरत बताई. भगत ने कहा कि शुरुआत में ही एक साथ विरोध किया जाता तो आज ये स्थिति नहीं आती. उन्होंने कहा कि सेफ रहना है तो एकजुट होना होगा.

बीजेपी लोकतंत्र को दबाने की हदें पार कर रही : दीपक बैज

सभा को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने केंद्र सरकार के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की बात कही. उन्होंने बीजेपी पर लोकतंत्र को दबाने की हदे पार करने का आरोप लगाया. साथ ही ED से प्रदेश के समस्त बीजेपी कार्यालयों की जांच की मांग की. बैज ने कहा कि इनकी निगाहें कही और निशाना कही है. ED-IT को नहीं पता की ये झीरम घाटी में गोली खाया हुआ गैदू है. हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से भी नहीं डरेंगे. हम बड़े प्रदर्शन करेंगे, सदन के अंदर और सदन के बाहर लड़ाई लड़ेंगे.

महाकुंभ में लगाई डुबकी फिर सपने में आई मां… 32 साल बाद साधू बन पहुंचा घर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के समापन में 7 दिन का समय बाकी है. इससे पहले महाकुंभ में आया 32 साल से लापता शख्स उसके परिवार को मिल गया. 1992 में जो शख्स लापता हुआ था. वह महाकुंभ मेले में स्नान करने आया. स्नान करने के बाद सपने में अपनी मां को देखा तो महाकुंभ से लगभग 160 किलोमीटर का सफर तय कर वह 32 साल बाद अपने घर पहुंच गया, जिसे देखकर उसकी मां, पत्नी, बच्चे और भाई-बहन सभी बेहद खुश हो गए.

दरअसल जमालपुर के रहने वाले अमरनाथ गुप्ता 1992 में अयोध्या ढांचा विध्वंस के दौरान कार सेवकों की टोली में गए थे. अयोध्या से ट्रेन से मिर्जापुर वापस हो रहे थे. इस दौरान जौनपुर में ट्रेन पर पथराव होने लगा. वहां से उतरकर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर अपने घर पहुंचे. घर पहुंचने पर अमरनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर की जेल में बंद कर दिया था. कुछ दिन जेल काटने के बाद जेल से छूटकर घर पहुंचे. घर पर जब मन नहीं लगा तो परिवार को बिना बताए अयोध्या निकल गए थे.

सपने में नजर आई मां

अयोध्या से वृंदावन पहुंचकर बाबा किशोर दास से दीक्षा लेकर उनके जयपुर आश्रम में रहने लगे. एक हफ्ते पहले महाकुंभ स्नान करने आए. स्नान करने के बाद रात में सो रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां को सपने में देखा तो रविवार को मां से मिलने घर पहुंच गए. अब उनको देखने के लिए आसपास के लोग पहुंच रहे हैं. मुंबई में नौकरी कर रहे भाई विजय कुमार, चचेरे भाई त्रिलोकी, संत कुमार और राजू भी उनसे मिलने के लिए जमालपुर आ रहे हैं.

क्या है अमरनाथ की कहानी?

अयोध्या ढांचा विध्वंस के सालों से लापता अमरनाथ गुप्ता जिनकी उम्र 72 साल हो चुकी है. पढ़ाई के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद (RSS) के साथ जुड़ गए थे. 95 साल की बूढ़ी मां प्यारी देवी, पत्नी चंद्रावती, बेटा अतुल बेटी अर्चना, अंजना मोनी समेत सात बहनें उन्हें पाकर बेहद खुश हैं. अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अयोध्या ढांचा विध्वंस के समय टोली में कार सेवकों के साथ गया था. वहां से लौटने के दौरान जौनपुर में ट्रेन में पथराव होने लगा. वहां सुधार कर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर घर पहुंचे तो पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर जेल में बंद कर दिया था. फिर वहां से लौटने के बाद जब मन नहीं लगा तो वह घर से बिना किसी को बताए निकल गए थे.

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

#mohanbhagwatexplainswhyrssprioritizeshindu_society

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

#rsschiefmohanbhagwatissuedstatementonoperationsindoor

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

#rsschiefbhagwatmeetspm_modi

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

#rsschiefmohanbhagwatreplyoncanmuslimsjoin_rss

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

NSUI ने दिल्ली में किया प्रदर्शन, पेपर लीक, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर उठाई आवाज, राष्ट्रीय सचिव ने कहा –

नई दिल्ली/रायपुर- देश में बढ़ती बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर नई दिल्ली में NSUI ने संसद घेराव आंदोलन किया, जिसमें छत्तीसगढ़ समेत देशभर के हजारों NSUI कार्यकर्ता शामिल हुए. इस आंदोलन में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए और आएसएस के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी. NSUI नेताओं ने भी NEP 2020, पेपर लीक की समस्या, बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा का भगवाकरण और UGC के नए नियमों के खिलाफ आवाज उठाया. प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी एवं दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा पर दिल्ली पुलिस ने गैर जमानती धाराएं लगाकर FIR दर्ज किया और दोनों नेताओं को पुलिस ने कल रात ही गिरफ्तार कर लिया, जिनकी आज जमानत पर रिहाई की गई.

राष्ट्रीय सचिव दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा ने रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल हमने छात्रों के हित पर देशव्यापी संसद घेराव आंदोलन दिल्ली की जंतर मंतर में किया था. हमारे नेता राहुल गांधी एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में इस आंदोलन को किया गया. जिस प्रकार केंद्र की मोदी सरकार छात्रों के साथ अन्याय कर रही है उन्हें शिक्षा से वंचित करने का कार्य कर रही है, इसे लेकर राहुल गांधी ने भी कहा कि अब विश्वविद्यालय में लोकतंत्र खत्म हो गया है. RSS की विचारधारा वाली केंद्र की सरकार लोगों को ना शिक्षा दे पा रही है, ना रोजगार. इन्हीं सभी बातों को हमारे नेताओं ने कार्यक्रम में दोहराया.

आने वाले समय में करेंगे उग्र आंदोलन : बग्गा

बग्गा ने कहा, आंदोलन में हजारों छात्रों की संख्या देखकर केंद्र की सरकार और दिल्ली पुलिस डर गई, जिस कारण पुलिस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी और मेरे ऊपर गैर जमानती धारा लगाकर हमारी आवाज को कुचलने का काम किया है. केंद्र की सरकार एवं दिल्ली पुलिस कितने भी मुकदमे दर्ज करना है कर लीजिए पर यह आंदोलन और यह आवाज नहीं रुकेगी. आने वाले समय में हम और उग्र तरीके के साथ आंदोलन करेंगे.

क्या औरंगजेब की कब्र हटानी चाहिए? विवाद के बीच आया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बयान

महाराष्ट्र के नागपुर में इस समय मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक के चलते अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस पीसी के दौरान सुनील आंबेकर से औरंगजेब को लेकर सवाल पूछा गया. उन से पूछा गया कि क्या अभी भी औरंगजेब प्रासंगिक है?

जहां इस वक्त औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सुनील आंबेकर से जब नागपुर में हुई हिंसा और औरंगजेब की कब्र को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए अच्छी नहीं है. पुलिस ने इस पर एक्शन लिया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. साथ ही मुगल बादशाह को लेकर उन्होंने कहा, औरंगजेब प्रासंगिक नहीं है.

संघ की तीन दिवसीय बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक 21 से 23 मार्च तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शुरू होने जा रही है, 19 मार्च को इस बैठक को लेकर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रचार प्रमुख ने 3 दिवसीय होने वाली बैठक को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा, बैठक में देश भर से प्रतिनिधि शामिल होंगे. संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी हिस्सा बनेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि बैठक की शुरुआत 21 मार्च को सुबह 9 बजे होगी और 23 तारीख की शाम तक बैठक होगी. यह संघ की रचना में सबसे महत्वपूर्ण बैठक है.

आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने ऐसा क्या कहा, भड़क गए संजय राउत

#rssbhaiyyajijoshivsubtsanjayraut

देश में इन दिनों भाषा को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भाषा को लेकर लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर है। स्टालिन तीन-भाषा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने महाराष्ट्र के मुंबई में बड़ा बयान दिया है। आरएसएस नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि मुंबई आने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है।

भैयाजी ने ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है। मुंबई के अलग-अलग भागों में अलग-अलग भाषा बोली जाती है। घाटकोपर परिसर के लोग गुजराती बोलते हैं, गिरगांव में हिंदी बोलने वाले कम मिलेंगे, वहां लोग मराठी बोलते हैं। इसलिए मुंबई आने वालों को मराठी भाषा सीखनी चाहिए ऐसा नहीं है।

ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भाजपा और आरएसएस को सुना दिया। उन्होंने भाजपा के मार्गदर्शक, पॉलिसी मेकर और आरएसएस के नेता भैयाजी जोशी का जिक्र करते हुए चैलेंज किया कि क्या ऐसी बातें आप लखनऊ जाकर कह सकते हैं?

राउत ने कहा, 'वह (भैयाजी) कल महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई आए थे। यहां आकर ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र की राजधानी की भाषा मराठी नहीं है। मराठी नहीं हो सकती। यहां कोई भी आकर मराठी के बिना रह सकते हैं, काम कर सकते हैं।' उद्धव सेना के वरिष्ठ नेता ने सवाल पूछते हुए कहा कि आपको (भैयाजी जोशी) इस प्रकार का बयान देने का अधिकार किसने दिया?

आरएसएस को राउत की चुनौती

शिवसेना नेता ने आगे तंज कसते हुए कहा कि क्या आप कोलकाता में जाकर बोल सकते हैं कि कलकत्ता की भाषा बंगाली नहीं है? क्या आप कोच्चि और त्रिवेंद्रम में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा मलयाली नहीं है। क्या आप लखनऊ जाकर योगी जी के सामने खड़े होकर बोल सकते हैं कि लखनऊ की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप पटना में जाकर नीतीश कुमार जी के सामने बोल सकते हो कि पटना की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप चेन्नई में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा तमिल या तेलुगु नहीं है? क्या पंजाब में जाकर बोल सकते हों कि यहां की भाषा पंजाबी नहीं है।

मुंबई को महाराष्ट्र से तोड़ने की कोशिश-राउत

राउत ने कहा कि आप की मंशा मुंबई को महाराष्ट्र से तोड़ने की है। हमने मराठी भाषा के लिए बलिदान दिया है। हमारे लोग शहीद हो गए। शिवाजी महाराज ने मराठा राज्य स्थापित किया क्योंकि उनकी भाषा मराठी थी।

ED की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन: भूपेश, महंत, बैज बोले– हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से क्या डरेंगे,केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ेगे

रायपुर-  छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने ED की कार्रवाई के खिलाफ राजधानी के राजीव गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन किया. दरअसल आज ईडी ने फिर महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को पूछताछ के लिए बुलाया था. वहीं ED दफ्तर से ठीक 100 मीटर की दूरी पर कांग्रेस ने राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन कर बड़ी सभा की, जिसमें कांग्रेस प्रदेश सह-प्रभारी, पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, गैदू समेत पूर्व मंत्री, विधायक, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ED की टीम ने रायपुर स्थित राजीव (कांग्रेस) भवन में दबिश दी थी और सुकमा, कोंटा में बनाए गए कांग्रेस भवन को लेकर महामंत्री गैदू से पूछताछ की थी. वहीं नोटिस थमाकर वापस लौट गई थी. पीसीसी चीफ को नोटिस थमाने और कांग्रेस के महामंत्री से दायरे से बाहर निजी सवाल करने का कांग्रेस ने विरोध जताया. सभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने ED और बीजेपी को घेरा. सभी ने केंद्र सरकार के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की बात कही. कांग्रेसी नेताओं ने कहा, हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से क्या डरेंगे.

RSS के 12 मंजिला 5 स्टार कार्यालय की जांच करें ED : भूपेश बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां वहां नहीं जाती जहां गड़बड़ियां हुई है. ये वहां जाती है जहां इनके आका कहते हैं. इनका उद्देश्य जांच करना नहीं, बल्कि कांग्रेस नेताओं को बदनाम करना और नेताओं को जांच के दायरे में लाना है. उन्होंने ED से RSS के 12 मंजिला कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर बीजेपी कार्यालय और एकात्म परिसर की जांच करने की बात कही.

छापा मारने की सूची ईडी, सीबीआई या IT को भेजती है सरकार : महंत

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा कि आप सभी तैयार रहिए. आने वाले समय में ये कही भी पहुंच सकते हैं. किनके घर छापा मारना है इसकी सूची सरकार तैयार कर ED या CBI या IT को भेजते हैं. उन्होंने कहा, सभी संस्थाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन विपक्ष के साथ ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है.

बंटोगे तो कटोगे : अमरजीत भगत

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के भाषण से एक बार फिर पार्टी में एकजुटता की आवश्यकता नजर आई. भगत ने अपने भाषण में बीजेपी के बंटोगे तो कटोगे नारे को शामिल करते हुए कांग्रेसी नेताओं को एकजुट रहने की जरूरत बताई. भगत ने कहा कि शुरुआत में ही एक साथ विरोध किया जाता तो आज ये स्थिति नहीं आती. उन्होंने कहा कि सेफ रहना है तो एकजुट होना होगा.

बीजेपी लोकतंत्र को दबाने की हदें पार कर रही : दीपक बैज

सभा को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने केंद्र सरकार के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की बात कही. उन्होंने बीजेपी पर लोकतंत्र को दबाने की हदे पार करने का आरोप लगाया. साथ ही ED से प्रदेश के समस्त बीजेपी कार्यालयों की जांच की मांग की. बैज ने कहा कि इनकी निगाहें कही और निशाना कही है. ED-IT को नहीं पता की ये झीरम घाटी में गोली खाया हुआ गैदू है. हम अंग्रेजों से नहीं डरे, ED, IT से भी नहीं डरेंगे. हम बड़े प्रदर्शन करेंगे, सदन के अंदर और सदन के बाहर लड़ाई लड़ेंगे.

महाकुंभ में लगाई डुबकी फिर सपने में आई मां… 32 साल बाद साधू बन पहुंचा घर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के समापन में 7 दिन का समय बाकी है. इससे पहले महाकुंभ में आया 32 साल से लापता शख्स उसके परिवार को मिल गया. 1992 में जो शख्स लापता हुआ था. वह महाकुंभ मेले में स्नान करने आया. स्नान करने के बाद सपने में अपनी मां को देखा तो महाकुंभ से लगभग 160 किलोमीटर का सफर तय कर वह 32 साल बाद अपने घर पहुंच गया, जिसे देखकर उसकी मां, पत्नी, बच्चे और भाई-बहन सभी बेहद खुश हो गए.

दरअसल जमालपुर के रहने वाले अमरनाथ गुप्ता 1992 में अयोध्या ढांचा विध्वंस के दौरान कार सेवकों की टोली में गए थे. अयोध्या से ट्रेन से मिर्जापुर वापस हो रहे थे. इस दौरान जौनपुर में ट्रेन पर पथराव होने लगा. वहां से उतरकर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर अपने घर पहुंचे. घर पहुंचने पर अमरनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर की जेल में बंद कर दिया था. कुछ दिन जेल काटने के बाद जेल से छूटकर घर पहुंचे. घर पर जब मन नहीं लगा तो परिवार को बिना बताए अयोध्या निकल गए थे.

सपने में नजर आई मां

अयोध्या से वृंदावन पहुंचकर बाबा किशोर दास से दीक्षा लेकर उनके जयपुर आश्रम में रहने लगे. एक हफ्ते पहले महाकुंभ स्नान करने आए. स्नान करने के बाद रात में सो रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां को सपने में देखा तो रविवार को मां से मिलने घर पहुंच गए. अब उनको देखने के लिए आसपास के लोग पहुंच रहे हैं. मुंबई में नौकरी कर रहे भाई विजय कुमार, चचेरे भाई त्रिलोकी, संत कुमार और राजू भी उनसे मिलने के लिए जमालपुर आ रहे हैं.

क्या है अमरनाथ की कहानी?

अयोध्या ढांचा विध्वंस के सालों से लापता अमरनाथ गुप्ता जिनकी उम्र 72 साल हो चुकी है. पढ़ाई के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद (RSS) के साथ जुड़ गए थे. 95 साल की बूढ़ी मां प्यारी देवी, पत्नी चंद्रावती, बेटा अतुल बेटी अर्चना, अंजना मोनी समेत सात बहनें उन्हें पाकर बेहद खुश हैं. अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अयोध्या ढांचा विध्वंस के समय टोली में कार सेवकों के साथ गया था. वहां से लौटने के दौरान जौनपुर में ट्रेन में पथराव होने लगा. वहां सुधार कर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर घर पहुंचे तो पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर जेल में बंद कर दिया था. फिर वहां से लौटने के बाद जब मन नहीं लगा तो वह घर से बिना किसी को बताए निकल गए थे.

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

#mohanbhagwatexplainswhyrssprioritizeshindu_society

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।