मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश, पहलगाम के पीड़ितों से मिलकर बोले राहुल

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को श्रीनगर में पहलगाम हमले में घायल लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना को अंजाम देकर आतंकवादियों ने भाइयों से भाइयों को लड़ाने के लिए किया है। आतंकी कितनी भी कोशिश कर लें, हम उन्हें हरा देंगे। हर भारतीय एकसाथ है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंल के नेता फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की।

नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा- राहुल गांधी

कांग्रेस के एक्स अकाउंट से राहुल गांधी की पीड़ितों से मुलाकात करते हुए तस्वीरें साझा कर लिखा गया कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना मानवता पर प्रहार है, मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश है। आतंक के खिलाफ हम सभी एकजुट हैं। हमें साथ मिलकर इन नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा।

सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एक मत से इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस वक्त एक साथ खड़ा है। ये वारदात भाई को भाई से लड़ाने के लिए हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ हैं।

मुख्यमंत्री और एलजी से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि सीएम उमर अब्दुल्लाह से मिलकर हालत की जानकारी ली है। एलजी से भी मुलाकात की और उन्होंने मुझे जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मेरी पार्टी और मैं उनका पूरा समर्थन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की।

स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसा बयान स्‍वीकार नहीं” सावरकर विवाद पर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने चेताया

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सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में टिप्पणी करने के खिलाफ चेतावनी दी है। शीर्ष अदालत ने वीर सावरकर के खिलाफ दिए कांग्रेस के बयान को गैरजिम्‍मेदार करार दिया और भविष्‍य में ऐसा न करने की नसीहत भी दे डाली। साथ ही कोर्ट ने वीडी सावरकर के बारे में टिप्पणी करने पर ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है। बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने सावरकर पर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर दर्ज मानहानि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी करने से आगाह किया। सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं कि किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के खिलाफ इस तरह का स्‍टेटमेंट दिया जाए।

“महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल”

कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है। अदालत ने कहा कि अगर गांधी इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। जब वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि इस मामले में धारा 196 लागू नहीं होती। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था। इस तरह आप कहेंगे कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे। क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को पत्र भेजा था। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।

भविष्य के लिए चेताया

अदालत ने कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास- भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते। मैंने भी हमारे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को इसी तरह लिखते देखा है। कानून के बारे में आपकी बात सही है और आपको स्थगन मिल जाएगा। लेकिन उनके द्वारा आगे दिए गए किसी भी बयान पर स्वतः संज्ञान लेकर विचार किया जाएगा। अदालत ने सख्त भरे लहजे में कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहें।

देशभर में दर्ज हुए थे राहल के खिलाफ केस

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में वीर सावरकर पर बयान दिया था, जिसे लेकर देशभर में उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए। लखनऊ में वकील नृपेंद्र पांडेय ने भी सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राहुल पर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस याचिका को पहले सत्र न्यायालय ने जून 2023 में खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ नृपेंद्र पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और राहुल गांधी को समन जारी कर दिया।

राहुल गांधी भारतीय नागरिक पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 10 दिन का समय दिया

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- 'राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं, इस पर 10 दिन में जवाब दें।इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया गया है, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसका जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला?

1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने सबूत होने का दावा किया

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते। राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

विदेशी जमीन से फिर राहुल ने देश के आतंरिक मुद्दों पर उठाए सवाल, बोले- चुनाव आयोग ने किया समझौता

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने भारत से नहीं बल्कि अमेरिका की धरती से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और सिस्टम में कुछ गड़बड़ है।

निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा किया

राहुल 2 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। राहुल गांधी शनिवार देर रात को अमेरिका के बॉस्टन एयरपोर्ट पर उतरे थे। माना जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश की मोदी सरकार और देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।

महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा मतदान-राहुल

राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान राहुल ने कहा कि मैंने यह कई बार कहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। राहुल गांधी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान कर दिया। ऐसा होना शारीरिक रूप से असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित लगाएं तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की लाइनें लगी रहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी देने के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें।

महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स जोड़े गए-राहुल

राहुल ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख वोटर्स जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए 39 लाख वोटर्स को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स कैसे जोड़े गए? विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स कैसे थे? राहुल ने कहा कि इसका एक उदाहरण कामठी विधानसभा है, जहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए।

पहले भी उठा चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पिछले महीने 10 मार्च को राहुल ने सदन में मतदाता सूची का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कई राज्यों में वोटर लिस्ट पर सवाल उठे हैं, इसलिए संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो।

गुजरात का गढ़ जीतने की तैयारी में कांग्रेसः राहुल गांधी ने लगाया जोर, पार्टी नेताओं को दिया टारगेट

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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस गुजरात का लक्ष्य साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस तीन दशक से ज्यादा समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है। इसी क्रम में राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। राहुल का यह दौरा 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के बाद हो रहा है। तब से पहले राहुल ने मार्च में राज्य का दौरा किया था।

आज राहुल गांधी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज मोडासा जिले के अरावल्ली में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करेंगे। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में वे जिले के 1200 बूथ नेताओं को संबोधित कर उनसे सीधा संवाद भी करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करना है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार रात अपनी पार्टी की गुजरात इकाई की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बैठक में उन्होंने संगठन के भीतर नेताओं की पदोन्नति और चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर मानदंड तय कर दिए। बैठक में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी मुकुल वासनिक के अलावा राज्य में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। ये सभी पर्यवेक्षक एआईसीसी द्वारा 12 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे।

10 दिन मांगी रिपोर्ट

राहुल गांधी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षकों से अगले 10 दिन सौंपे गए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि संबंधित जिले के संगठन में बदलाव करते हुए नए जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जा सके। कांग्रेस ने हर एक जिले के केंद्रीय निरीक्षक के साथ 4 गुजरात निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट मे पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बनाएंगे। गुजरात में कुल 33 जिले हैं लेकिन आठ बड़े शहर हैं। ऐसे में यहां पर शहरी क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है और ग्रामीण क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है। ऐसे में पार्टी कुल 41 अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद संगठन की मजबूती पर काम शुरू करेगी।

हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी

बैठक में राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही पदोन्नति मिलेगी, हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन्हें उसी के अनुसार काम सौंपा जाएगा।

जनता के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा टिकट

राहुल गांधी ने कहा कि जो नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा और जो केवल चुनाव के दौरान सक्रिय होंगे, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं से कहा कि जनता के बीच रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुजरात में पार्टी के सत्ता में आने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को मंत्री बनाया जाएगा।

गुजरात का गढ़ जीतने की कोशिश

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में आयोजित इन बैठकों को पार्टी की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर ग्रासरूट स्तर पर आंदोलन और समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

वक्फ बिल संविधान पर हमला’, कांग्रेस अधिवेशन में बोले राहुल बोले

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गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित हुआ। बुधवार को अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता पर हमला और संविधान विरोधी कदम है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।

दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी बनाया जाएगा निशाना

कांग्रेस के एआईसीसी अध‍िवेशन को संबोध‍ित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, वक्फ बिल पास हुआ, ये फ्रीडम ऑफ रिलीजन पर आक्रमण है। संविधान पर आक्रमण है। वे लोग ऑर्गनाइजर में क्रिश्चियन की जमीन के लिए लिखते हैं, बाद में सिख के लिए भी आएंगे। आप टीकाराम जुली को ही देख‍िए। राजस्‍थान में विपक्ष के नेता हैं। मंदिर गए, उसके बाद बीजेपी के नेताओं ने मंदिर को धुलवाया। साफ करवाया। वो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। एक दलित को मंदिर जाने का अधिकार नहीं देते। जब जाता है तो धुलवा दिया। ये हमारा धर्म नहीं। हम भी अपने आप को हिन्दू कहलाते हैं, मगर ये हमारा धर्म नहीं। हमारा धर्म सबको सम्मान देता है।

'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात-राहुल

राहुल गांधी ने दावा किया कि आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात की गई है और आगे सिख समुदाय के साथ भी ऐसा होगा। राहुल गांधी ने दावा किया देश भारतीय जनता पार्टी से तंग आ गया है और बिहार के विधानसभा चुनाव में यह दिखेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में बदलाव होने वाला है, लोगों का मूड दिख रहा है।

राहुल गांधी ने फिर उठाया जाति जनगणना का मामला

राहुल गांधी ने एक बार फिर से जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है। उनके द्वारा संसद में भी जाति जनगणना की मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाया गया है।राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए... मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे। जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।

राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42% तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है

बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राहुल गांधी की एंट्री, राष्ट्रपति को पत्र लिख की ये मांग


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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग के जरिए हुई करीब 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की बहाली को रद्द कर दिया है।बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग की 2016 की शिक्षक और गैर-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। इससे पहले अप्रैल 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी यही फ़ैसला सुनाया था. उस फ़ैसले को सरकार और सेवा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शिक्षकों की भर्ती रद होने का मामला अब गरमाता जा रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। राहुल गांधी ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है।

राहुल ने पत्र में क्या?

राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। राहुल ने अपने पोस्ट में लिखा, मैंने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करें कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।

किसी को आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी-ममता बनर्जी

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात की थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित हुए हजारों शिक्षकों ने अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए 'डिप्राइव्ड टीचर्स एसोसिएशन' नामक संगठन बनाया है। संगठन का दावा है कि उसके करीब 15 हजार सदस्य हैं। 

कोर्ट के आदेश के बाद एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाक़ात की इच्छा जताई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस बैठक में शामिल होने की सहमति दी। सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में ममता बनर्जी ने बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात के दौरान कहा था कि मैं पश्चिम बंगाल में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी।

राहुल गांधी ने बाजार में गिरावट के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा: 'ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है'

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, जब शेयर बाजारों में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध के कारण भारी गिरावट आई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने "भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है।" प्रधानमंत्री के "कहीं भी दिखाई नहीं देने" का दावा करते हुए गांधी ने तर्क दिया कि भारत को इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि उसके पास उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

"ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है। वास्तविकता वापस काट रही है। प्रधानमंत्री मोदी कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं," राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा। "भारत को वास्तविकता को स्वीकार करना होगा। हमारे पास सभी भारतीयों के लिए काम करने वाली लचीली, उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है," उन्होंने कहा।

डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माण शक्ति चीन के खिलाफ टैरिफ लगाने के बाद सभी प्रमुख और उभरते बाजारों को उलट दिया है। उन्होंने भारत सहित अन्य देशों के खिलाफ भी पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं।

भारत में शेयर बाजार में गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का असर भारत में भी देखने को मिला, क्योंकि सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई और बेंचमार्क सेंसेक्स में 2,226.79 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ, जो लगातार तीसरे दिन गिरावट का रिकॉर्ड है। दिन के दौरान, सूचकांक 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे, बेंचमार्क 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 पर आ गया।

एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 13 प्रतिशत से अधिक गिरा, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 8 प्रतिशत गिरा, शंघाई एसएसई कंपोजिट सूचकांक 7 प्रतिशत से अधिक गिरा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत से अधिक गिरा। यूरोपीय बाजार भी भारी बिकवाली के दबाव में रहे और 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इस बीच, पटना में एक अलग टिप्पणी में गांधी ने इस गिरावट के लिए ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया। 

लोकसभा के नेता ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई है। यहां 1 प्रतिशत से भी कम लोगों ने अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया है, जिसका मतलब है कि शेयर बाजार आपके लिए नहीं है। इसमें असीमित पैसा बनता है, लेकिन आपको इसका लाभ नहीं मिलता।"

राहुल-प्रियंका से क्यों नाराज हैं इंडियन मुस्लिम लीग, किसे कहा "ब्लैक मार्क"?

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संसद में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कई विपक्षी दलों को नाराज कर दिया। पार्टी ने इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रियंका गांधी की आलोचना की। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं।

समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम ने लोकसभा में बुधवार को विधेयक पर बहस के दौरान सत्र में भाग नहीं लेने के लिए प्रियंका गांधी की आलोचना की। 4 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय ने उनकी अनुपस्थिति को "ब्लैक मार्क" कहा और यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तो प्रियंका गांधी कहां थीं, जो मानते हैं कि यह मुसलमानों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करता है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल

यही नहीं, विपक्षी नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल गांधी ने विधेयक पर बात क्यों नहीं की, जो उनके अनुसार राष्ट्र की एकता को प्रभावित करता है। इसके साथ ही, लेख में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, टीएमसी और वामपंथी दलों की भारत गठबंधन के तहत एकजुटता की सराहना की गई। इन दलों ने संसद में इस बिल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।

विपक्षी दलों का विरोध

इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक और गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लक्षित कानून बताया है, जो केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। वक्फ विधेयक 2024 ने भारतीय राजनीति में हलचल मचाई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी आलोचना की है। हालांकि, सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही और इसको एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पास

इससे पहले वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था। लंबी बहस और चर्चा के बाद लोकसभा से पास किया गया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे।

20 जवानों की शहादत का सेलिब्रेशन...”विक्रम मिस्री के चीनी दूतावास जानें पर जमकर बरसे राहुल गांधी

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संसद में इन दिनों वक्फ संशोधन बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच गुरूवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चीनी कब्जे का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने चीन के राजदूत के साथ विदेश सचिव के केक काटने को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। लोकसभा में राहुल गांधी ने सवाल दागा कि चीनी दूतावास में क्या हमारे सैनिकों की शहादत का केक काटने गए थे विक्रम मिसरी।

राहुल गांधी ने कहा, चीन ने चार हजार किलोमीटर ले लिए, बीस जवान शहीद हुए, लेकिन विदेश सचिव चीन के राजदूत के साथ केक काट रहे हैं। चीनी दूतावास में क्या हमारे सैनिकों की शहादत का केक काटने गए थे विक्रम मिसरी। बता दें कि केक काटने वाली एक फोटो चीन के एंबेसडर ने 1 अप्रैल को पोस्ट की थी।

एलएसी की स्थिति पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, यथास्थिति बनी रहनी चाहिए और हमें अपनी जमीन वापस मिलनी चाहिए। मुझे यह भी पता चला है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चीन को पत्र लिखा है। हमें यह बात अपने लोगों से नहीं बल्कि चीनी राजदूत से पता चल रही है जो यह बात कह रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया और दावा किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है, जिस पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। इससे सदन में तीखी बहस छिड़ गई। राहुल का बयान उस संदर्भ में है, जब हाल ही में भारत और चीन के संबंध के 75 साल पूरे हुए और इसके अवसर पर चीनी दूतावास में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें भारत की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल हुए थे।

“कौन चीन के अधिकारियों के साथ चाइनीज सूप पी रहा था?”

वहीं, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि अक्साई चिन किसकी सरकार में चीन के पास गया है। तब हिंदी चीनी भाई-भाई कहते रहे और आपकी पीठ में छुरा खोंपा गया। डोकलाम की घटना के समय कौन चीन के अधिकारियों के साथ चाइनीज सूप पी रहा था और सेना के जवान के साथ खड़े नहीं हुए।

राजीव गांधी फाउंडेशन पर भी उठाया सवाल

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, जिस संस्था ने चीन के अधिकारियों से पैसा लिया था, क्या राजीव गांधी फाउंडेशन ने पैसा नहीं लिया है, क्यों लिया गया वो पैसा। डोकलाम के समय में चीन को मुंह तोड़ जबाव दिया गया था और रक्षामंत्री के साथ साथ पीएम भी सीमा के जवानों के साथ खड़े थे। हम कह सकते हैं कि एक इंच जमीन भी पीएम मोदी के समय में चीन के हाथ में नहीं गई है। इन लोगों को जवाब देना होगा कि राजीव फाउंडेशन ने पैसा क्यों लिया था?

मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश, पहलगाम के पीड़ितों से मिलकर बोले राहुल

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को श्रीनगर में पहलगाम हमले में घायल लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना को अंजाम देकर आतंकवादियों ने भाइयों से भाइयों को लड़ाने के लिए किया है। आतंकी कितनी भी कोशिश कर लें, हम उन्हें हरा देंगे। हर भारतीय एकसाथ है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंल के नेता फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की।

नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा- राहुल गांधी

कांग्रेस के एक्स अकाउंट से राहुल गांधी की पीड़ितों से मुलाकात करते हुए तस्वीरें साझा कर लिखा गया कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना मानवता पर प्रहार है, मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश है। आतंक के खिलाफ हम सभी एकजुट हैं। हमें साथ मिलकर इन नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा।

सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एक मत से इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस वक्त एक साथ खड़ा है। ये वारदात भाई को भाई से लड़ाने के लिए हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ हैं।

मुख्यमंत्री और एलजी से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि सीएम उमर अब्दुल्लाह से मिलकर हालत की जानकारी ली है। एलजी से भी मुलाकात की और उन्होंने मुझे जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मेरी पार्टी और मैं उनका पूरा समर्थन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की।

स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसा बयान स्‍वीकार नहीं” सावरकर विवाद पर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने चेताया

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सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में टिप्पणी करने के खिलाफ चेतावनी दी है। शीर्ष अदालत ने वीर सावरकर के खिलाफ दिए कांग्रेस के बयान को गैरजिम्‍मेदार करार दिया और भविष्‍य में ऐसा न करने की नसीहत भी दे डाली। साथ ही कोर्ट ने वीडी सावरकर के बारे में टिप्पणी करने पर ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है। बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने सावरकर पर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर दर्ज मानहानि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी करने से आगाह किया। सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्‍मेदार बताया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं कि किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के खिलाफ इस तरह का स्‍टेटमेंट दिया जाए।

“महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल”

कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है। अदालत ने कहा कि अगर गांधी इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। जब वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि इस मामले में धारा 196 लागू नहीं होती। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी “आपका वफादार सेवक” शब्द का इस्तेमाल किया था। इस तरह आप कहेंगे कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे। क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को पत्र भेजा था। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।

भविष्य के लिए चेताया

अदालत ने कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास- भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते। मैंने भी हमारे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को इसी तरह लिखते देखा है। कानून के बारे में आपकी बात सही है और आपको स्थगन मिल जाएगा। लेकिन उनके द्वारा आगे दिए गए किसी भी बयान पर स्वतः संज्ञान लेकर विचार किया जाएगा। अदालत ने सख्त भरे लहजे में कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहें।

देशभर में दर्ज हुए थे राहल के खिलाफ केस

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में वीर सावरकर पर बयान दिया था, जिसे लेकर देशभर में उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए। लखनऊ में वकील नृपेंद्र पांडेय ने भी सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राहुल पर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस याचिका को पहले सत्र न्यायालय ने जून 2023 में खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ नृपेंद्र पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और राहुल गांधी को समन जारी कर दिया।

राहुल गांधी भारतीय नागरिक पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 10 दिन का समय दिया

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- 'राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं, इस पर 10 दिन में जवाब दें।इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया गया है, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसका जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला?

1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने सबूत होने का दावा किया

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते। राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

विदेशी जमीन से फिर राहुल ने देश के आतंरिक मुद्दों पर उठाए सवाल, बोले- चुनाव आयोग ने किया समझौता

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने भारत से नहीं बल्कि अमेरिका की धरती से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और सिस्टम में कुछ गड़बड़ है।

निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा किया

राहुल 2 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। राहुल गांधी शनिवार देर रात को अमेरिका के बॉस्टन एयरपोर्ट पर उतरे थे। माना जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश की मोदी सरकार और देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।

महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा मतदान-राहुल

राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान राहुल ने कहा कि मैंने यह कई बार कहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। राहुल गांधी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान कर दिया। ऐसा होना शारीरिक रूप से असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित लगाएं तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की लाइनें लगी रहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी देने के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें।

महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स जोड़े गए-राहुल

राहुल ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख वोटर्स जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए 39 लाख वोटर्स को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स कैसे जोड़े गए? विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स कैसे थे? राहुल ने कहा कि इसका एक उदाहरण कामठी विधानसभा है, जहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए।

पहले भी उठा चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पिछले महीने 10 मार्च को राहुल ने सदन में मतदाता सूची का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कई राज्यों में वोटर लिस्ट पर सवाल उठे हैं, इसलिए संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो।

गुजरात का गढ़ जीतने की तैयारी में कांग्रेसः राहुल गांधी ने लगाया जोर, पार्टी नेताओं को दिया टारगेट

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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस गुजरात का लक्ष्य साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस तीन दशक से ज्यादा समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है। इसी क्रम में राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। राहुल का यह दौरा 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के बाद हो रहा है। तब से पहले राहुल ने मार्च में राज्य का दौरा किया था।

आज राहुल गांधी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज मोडासा जिले के अरावल्ली में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करेंगे। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में वे जिले के 1200 बूथ नेताओं को संबोधित कर उनसे सीधा संवाद भी करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करना है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार रात अपनी पार्टी की गुजरात इकाई की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बैठक में उन्होंने संगठन के भीतर नेताओं की पदोन्नति और चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर मानदंड तय कर दिए। बैठक में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी मुकुल वासनिक के अलावा राज्य में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। ये सभी पर्यवेक्षक एआईसीसी द्वारा 12 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे।

10 दिन मांगी रिपोर्ट

राहुल गांधी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षकों से अगले 10 दिन सौंपे गए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि संबंधित जिले के संगठन में बदलाव करते हुए नए जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जा सके। कांग्रेस ने हर एक जिले के केंद्रीय निरीक्षक के साथ 4 गुजरात निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट मे पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बनाएंगे। गुजरात में कुल 33 जिले हैं लेकिन आठ बड़े शहर हैं। ऐसे में यहां पर शहरी क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है और ग्रामीण क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है। ऐसे में पार्टी कुल 41 अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद संगठन की मजबूती पर काम शुरू करेगी।

हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी

बैठक में राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही पदोन्नति मिलेगी, हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन्हें उसी के अनुसार काम सौंपा जाएगा।

जनता के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा टिकट

राहुल गांधी ने कहा कि जो नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा और जो केवल चुनाव के दौरान सक्रिय होंगे, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं से कहा कि जनता के बीच रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुजरात में पार्टी के सत्ता में आने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को मंत्री बनाया जाएगा।

गुजरात का गढ़ जीतने की कोशिश

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में आयोजित इन बैठकों को पार्टी की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर ग्रासरूट स्तर पर आंदोलन और समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

वक्फ बिल संविधान पर हमला’, कांग्रेस अधिवेशन में बोले राहुल बोले

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गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित हुआ। बुधवार को अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता पर हमला और संविधान विरोधी कदम है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।

दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी बनाया जाएगा निशाना

कांग्रेस के एआईसीसी अध‍िवेशन को संबोध‍ित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, वक्फ बिल पास हुआ, ये फ्रीडम ऑफ रिलीजन पर आक्रमण है। संविधान पर आक्रमण है। वे लोग ऑर्गनाइजर में क्रिश्चियन की जमीन के लिए लिखते हैं, बाद में सिख के लिए भी आएंगे। आप टीकाराम जुली को ही देख‍िए। राजस्‍थान में विपक्ष के नेता हैं। मंदिर गए, उसके बाद बीजेपी के नेताओं ने मंदिर को धुलवाया। साफ करवाया। वो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। एक दलित को मंदिर जाने का अधिकार नहीं देते। जब जाता है तो धुलवा दिया। ये हमारा धर्म नहीं। हम भी अपने आप को हिन्दू कहलाते हैं, मगर ये हमारा धर्म नहीं। हमारा धर्म सबको सम्मान देता है।

'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात-राहुल

राहुल गांधी ने दावा किया कि आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'आर्गेनाइजर' में ईसाइयों की भूमि को निशाना बनाने की बात की गई है और आगे सिख समुदाय के साथ भी ऐसा होगा। राहुल गांधी ने दावा किया देश भारतीय जनता पार्टी से तंग आ गया है और बिहार के विधानसभा चुनाव में यह दिखेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में बदलाव होने वाला है, लोगों का मूड दिख रहा है।

राहुल गांधी ने फिर उठाया जाति जनगणना का मामला

राहुल गांधी ने एक बार फिर से जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है। उनके द्वारा संसद में भी जाति जनगणना की मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाया गया है।राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए... मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे। जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।

राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42% तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है

बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राहुल गांधी की एंट्री, राष्ट्रपति को पत्र लिख की ये मांग


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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग के जरिए हुई करीब 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की बहाली को रद्द कर दिया है।बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग की 2016 की शिक्षक और गैर-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। इससे पहले अप्रैल 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी यही फ़ैसला सुनाया था. उस फ़ैसले को सरकार और सेवा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शिक्षकों की भर्ती रद होने का मामला अब गरमाता जा रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। राहुल गांधी ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है।

राहुल ने पत्र में क्या?

राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। राहुल ने अपने पोस्ट में लिखा, मैंने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करें कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।

किसी को आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी-ममता बनर्जी

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात की थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित हुए हजारों शिक्षकों ने अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए 'डिप्राइव्ड टीचर्स एसोसिएशन' नामक संगठन बनाया है। संगठन का दावा है कि उसके करीब 15 हजार सदस्य हैं। 

कोर्ट के आदेश के बाद एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाक़ात की इच्छा जताई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस बैठक में शामिल होने की सहमति दी। सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में ममता बनर्जी ने बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात के दौरान कहा था कि मैं पश्चिम बंगाल में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी।

राहुल गांधी ने बाजार में गिरावट के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा: 'ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है'

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, जब शेयर बाजारों में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध के कारण भारी गिरावट आई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने "भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है।" प्रधानमंत्री के "कहीं भी दिखाई नहीं देने" का दावा करते हुए गांधी ने तर्क दिया कि भारत को इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि उसके पास उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

"ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है। वास्तविकता वापस काट रही है। प्रधानमंत्री मोदी कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं," राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा। "भारत को वास्तविकता को स्वीकार करना होगा। हमारे पास सभी भारतीयों के लिए काम करने वाली लचीली, उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है," उन्होंने कहा।

डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माण शक्ति चीन के खिलाफ टैरिफ लगाने के बाद सभी प्रमुख और उभरते बाजारों को उलट दिया है। उन्होंने भारत सहित अन्य देशों के खिलाफ भी पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं।

भारत में शेयर बाजार में गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का असर भारत में भी देखने को मिला, क्योंकि सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई और बेंचमार्क सेंसेक्स में 2,226.79 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ, जो लगातार तीसरे दिन गिरावट का रिकॉर्ड है। दिन के दौरान, सूचकांक 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे, बेंचमार्क 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 पर आ गया।

एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 13 प्रतिशत से अधिक गिरा, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 8 प्रतिशत गिरा, शंघाई एसएसई कंपोजिट सूचकांक 7 प्रतिशत से अधिक गिरा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत से अधिक गिरा। यूरोपीय बाजार भी भारी बिकवाली के दबाव में रहे और 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इस बीच, पटना में एक अलग टिप्पणी में गांधी ने इस गिरावट के लिए ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया। 

लोकसभा के नेता ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई है। यहां 1 प्रतिशत से भी कम लोगों ने अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया है, जिसका मतलब है कि शेयर बाजार आपके लिए नहीं है। इसमें असीमित पैसा बनता है, लेकिन आपको इसका लाभ नहीं मिलता।"

राहुल-प्रियंका से क्यों नाराज हैं इंडियन मुस्लिम लीग, किसे कहा "ब्लैक मार्क"?

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संसद में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कई विपक्षी दलों को नाराज कर दिया। पार्टी ने इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रियंका गांधी की आलोचना की। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं।

समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम ने लोकसभा में बुधवार को विधेयक पर बहस के दौरान सत्र में भाग नहीं लेने के लिए प्रियंका गांधी की आलोचना की। 4 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय ने उनकी अनुपस्थिति को "ब्लैक मार्क" कहा और यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तो प्रियंका गांधी कहां थीं, जो मानते हैं कि यह मुसलमानों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करता है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल

यही नहीं, विपक्षी नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल गांधी ने विधेयक पर बात क्यों नहीं की, जो उनके अनुसार राष्ट्र की एकता को प्रभावित करता है। इसके साथ ही, लेख में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, टीएमसी और वामपंथी दलों की भारत गठबंधन के तहत एकजुटता की सराहना की गई। इन दलों ने संसद में इस बिल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।

विपक्षी दलों का विरोध

इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक और गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लक्षित कानून बताया है, जो केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। वक्फ विधेयक 2024 ने भारतीय राजनीति में हलचल मचाई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी आलोचना की है। हालांकि, सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही और इसको एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पास

इससे पहले वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था। लंबी बहस और चर्चा के बाद लोकसभा से पास किया गया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे।

20 जवानों की शहादत का सेलिब्रेशन...”विक्रम मिस्री के चीनी दूतावास जानें पर जमकर बरसे राहुल गांधी

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संसद में इन दिनों वक्फ संशोधन बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच गुरूवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चीनी कब्जे का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने चीन के राजदूत के साथ विदेश सचिव के केक काटने को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। लोकसभा में राहुल गांधी ने सवाल दागा कि चीनी दूतावास में क्या हमारे सैनिकों की शहादत का केक काटने गए थे विक्रम मिसरी।

राहुल गांधी ने कहा, चीन ने चार हजार किलोमीटर ले लिए, बीस जवान शहीद हुए, लेकिन विदेश सचिव चीन के राजदूत के साथ केक काट रहे हैं। चीनी दूतावास में क्या हमारे सैनिकों की शहादत का केक काटने गए थे विक्रम मिसरी। बता दें कि केक काटने वाली एक फोटो चीन के एंबेसडर ने 1 अप्रैल को पोस्ट की थी।

एलएसी की स्थिति पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, यथास्थिति बनी रहनी चाहिए और हमें अपनी जमीन वापस मिलनी चाहिए। मुझे यह भी पता चला है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चीन को पत्र लिखा है। हमें यह बात अपने लोगों से नहीं बल्कि चीनी राजदूत से पता चल रही है जो यह बात कह रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया और दावा किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है, जिस पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। इससे सदन में तीखी बहस छिड़ गई। राहुल का बयान उस संदर्भ में है, जब हाल ही में भारत और चीन के संबंध के 75 साल पूरे हुए और इसके अवसर पर चीनी दूतावास में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें भारत की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल हुए थे।

“कौन चीन के अधिकारियों के साथ चाइनीज सूप पी रहा था?”

वहीं, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि अक्साई चिन किसकी सरकार में चीन के पास गया है। तब हिंदी चीनी भाई-भाई कहते रहे और आपकी पीठ में छुरा खोंपा गया। डोकलाम की घटना के समय कौन चीन के अधिकारियों के साथ चाइनीज सूप पी रहा था और सेना के जवान के साथ खड़े नहीं हुए।

राजीव गांधी फाउंडेशन पर भी उठाया सवाल

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, जिस संस्था ने चीन के अधिकारियों से पैसा लिया था, क्या राजीव गांधी फाउंडेशन ने पैसा नहीं लिया है, क्यों लिया गया वो पैसा। डोकलाम के समय में चीन को मुंह तोड़ जबाव दिया गया था और रक्षामंत्री के साथ साथ पीएम भी सीमा के जवानों के साथ खड़े थे। हम कह सकते हैं कि एक इंच जमीन भी पीएम मोदी के समय में चीन के हाथ में नहीं गई है। इन लोगों को जवाब देना होगा कि राजीव फाउंडेशन ने पैसा क्यों लिया था?