भारत-रूस के बीच कई समझौते, मोदी-पुतिन की ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस में एलान

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दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस संबंधों को नए आयाम तक ले जाने की बात कही। पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह स्थिर बताया है। उन्होंने कहा, पिछले 8 दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता को कई तरह की चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। लेकिन इन सबके बीच भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह हमेशा अटल और स्थिर बनी रही है।

2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। आज हमने 2030 तक के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश संतुलित और टिकाऊ बढ़ेगा तथा सहयोग के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ेंगे। भारत-रूस व्यापारिक मंच में भी हमें शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह हमारे कारोबारी रिश्तों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-निर्माण और सह-नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का मुफ्त वीजा का ऐलान

प्रधानमंत्री ने कहा, दोनों देशों के बीच स्नेह और आत्म-सम्मान का भाव रहा है। हाल ही में रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम और आपस में नजदीकियां बढ़ेंगी। शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए नि:शुल्क 30 दिन का ई टूरिस्ट वीजा और 30 दिन के ग्रुप टूरिस्ट वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं। हम मिलकर वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और ट्रेनिंग पर भी काम करेंगे। दोनों देशों के स्कॉलर्स और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान बढ़ेगा।

आतंकवाद के खिलाफ भारत-रूस साथ- मोदी

मोदी ने कहा, भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर हुआ कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। उन्होंने कहा, भारत का यह पक्का विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ दुनिया की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यूएन, जी20, ब्रिक्स,एससीओ और दूसरे मंचों पर भारत और रूस का करीबी सहयोग है। हम इन सभी मंचों पर अपनी बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे।

गले लगाकर दोस्त का वेलकम, पीएम मोदी ने पुतिन को गिफ्ट की रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका गले लगाकर स्वागत किया और दोनों नेता एक ही कार में सवार हुए। इस मौके पर दोनों नेताओं की जोरदार केमिस्ट्री दिखी। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रशियन भाषा में भगवद गीता की एक कॉपी भी गिफ्ट की।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा ने गुरुवार रात से शुरू हो चुकी है। गुरूवार देर शाम जैसे ही उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वहां मौजूद थे। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी और पुतिन एक ही कार में साथ 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे, जहां भारत और रूस के झंडों व खास लाइटिंग से सजे पीएम आवास में उनके सम्मान में विशेष डिनर का आयोजन किया गया।

पुतिन की भेंट की रूसी भाषा में लिखी भगवद्गीता

राष्ट्रपति पुतिन के स्वागत के दौरान पीएम मोदी ने रूसी भाषा में लिखी भगवद्गीता की प्रति भेंट की। पीएम मोदी ने उस पल की एक तस्वीर शेयर की और गीता को दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। पुतिन को गीता भेंट करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गीता की शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अपने दोस्त, प्रेसिडेंट पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हमारी बातचीत का इंतजार रहेगा। भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है, जिससे हमारे लोगों को बहुत फायदा हुआ है।

पुतिन के गर्मजोशी के साथ स्वागत पर क्रेमलिन ने क्या कहा?

राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए पीएम मोदी की अगवानी को लेकर क्रेमलिन की ओर से बयान जारी किया गया है। क्रेमलिन ने कहा कि पीएम मोदी का विमान के पास पर जाकर पुतिन से मिलने का निर्णय अप्रत्याशित था और रूसी अधिकारियों को इसकी पहले से सूचना नहीं दी गई थी। यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा है।

चार साल में पहली बार भारत आए पुतिन

बता दें कि पुतिन चार साल में पहली बार भारत आए हैं। रूसी राष्ट्रपति 5 दिसंबर तक नई दिल्ली में रहेंगे। अपने दौरे के दौरान, रूसी राष्ट्रपति पीएम मोदी के साथ 23वीं भारत-रूस सालाना समिट भी करेंगे। जिससे डिफेंस, ट्रेड, साइंस और टेक्नोलॉजी, और कल्चर और मानवीय मामलों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।

मीटिंग में क्या होगा खास?

आज होने वाला 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है कि आज की बैठकों में रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान–तकनीक, व्यापार और कनेक्टिविटी से जुड़े कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। रूसी मीडिया TASS के मुताबिक दोनों देश करीब 10 सरकारी समझौते और 15 से अधिक कारोबारी कॉन्ट्रैक्ट साइन करने जा रहे हैं।

आज भारत दौरे पर आ रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, शाम 4 बजे पहुंचेंगे दिल्ली, पीएम मोदी के साथ रात्रिभोज

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली आ रहे हैं। पुतिन आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे। पुतिन की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं और कई इलाकों में ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेंगे। दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक सभी अलर्ट मोड पर हैं।

रूसी राष्ट्रपति 4 और 5 दिसंबर को भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत और रूस के बीच हर साल शिखर वार्ता होती है। अब तक दोनों देशों के बीच 22 वार्ताएं हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए थे, जबकि पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे।

पीएम मोदी के साथ करेंगे रात्रिभोज

जानकारी के अनुसार, पुतिन का प्लेन आज शाम करीब 6 बजे पालम एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। इसके बाद वह सीधे चाणक्यपुरी स्थित सरदार पटेल मार्ग पर बने आईटीसी मौर्य होटल जाएंगे। फिर आज शाम ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में निजी डिनर की मेजबानी करेंगे।

पुतिन का भारत दौरा क्यों है अहम

मौजूदा जियोपॉलिटिकल हालात को देखते हुए प्रेसिडेंट पुतिन का भारत दौरा खास तौर पर अहम है। यह सामरिक, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों देश रक्षा, परमाणु ऊर्जा, व्यापार, छात्र आदान-प्रदान और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था जैसे विषयों पर गहन बातचीत कर सकते हैं।

सुरक्षा चाकचौबंद

पुतिन की भारत यात्रा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर उन क्षेत्रों की साफ-सफाई समेत सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे, जहां रूसी राष्ट्रपति अपने प्रवास के दौरान जा सकते हैं। तैयार रूट प्लान के अनुसार, आवागमन के मार्ग के लिए व्यापक तैयारी है। यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए प्रतिबंधों के बारे में सलाह भी जारी की जाएगी।

एयरपोर्ट से होटल तक रहेगा ट्रैफिक पर असर

सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, पुतिन गुरुवार शाम को पालम एयरपोर्ट उतरेंगे और वहां से सरदार पटेल मार्ग स्थित होटल जाएंगे। इस दौरान एयरपोर्ट से होटल तक एनएच-8, धौला कुआं और दिल्ली कैंट इलाके में ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है। शाम को प्रधानमंत्री आवास पर डिनर के लिए जाते समय सरदार पटेल मार्ग, पंचशील मार्ग, शांति पथ और आस-पास के मार्गों पर भी ट्रैफिक पर असर पड़ेगा।

चार साल बाद भारत आ रहे पुतिन

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति चार साल के अंतराल के बाद भारत पहुंचेंगे। वे आखिरी बार भारत 2021 में भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। हालांकि पुतिन का इस बार का भारत दौरा पिछली यात्रा के मुकाबले काफी अहम माना जा रहा है। दिसंबर 2021 में हुआ पुतिन का दौरा मात्र कुछ ही घंटों का था। लेकिन इस बार पुतिन भारत के दो दिन रहने वाले हैं।

भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन, बोलीं-संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ

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पूरा भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। इस मौके पर विशेष समारोह पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है। संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ है।

संसद भवन के सेंट्रल हॉल से बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया।

25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि

अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता छोड़कर राष्ट्रवादी सोच अपनाने का मार्गदर्शक दस्तावेज है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान-निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत और लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें।

तीन तलाक से लेकर आर्टिकल-370 तक का जिक्र

संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश को संबोध‍ित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन तलाक को खत्‍म करना और जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल-370 को हटाने का जिक्र किया। तीन तलाक को खत्‍म करने के कदम को राष्‍ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के सशक्‍तीकरण से जोड़ा। राष्ट्रपति ने कहा, तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), लागू किया गया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से एक ऐसी बाधा दूर हुई जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में रुकावट डाल रही थी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इस वर्ष 7 नवंबर से शुरू होकर, हमारे राष्ट्रगान वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी

इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित 9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया।

राष्‍ट्रपति और राज्‍यपाल विधेयकों को कब तक रोक सकते हैं? प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को राष्ट्रपति की ओर से संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत मांगी गई राय पर अपना फैसला सुना दिया है। सीजेआई के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि राज्यपाल पर कोई समय-सीमा नहीं लगा सकता। अदालत ने राष्ट्रपति के रेफरेंस पर अपनी राय देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समय सीमा तय करने वाला फैसला असंवैधानिक है।

समय सीमा में बांधना संविधान की भावना के विपरीत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भेजे गए प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर कोर्ट ने गुरुवार को अपनी राय देते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 200/201 के तहत कोर्ट बिल पर फैसला लेने के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर फैसला लेने के लिए उन्हें समय सीमा में बांधना संविधान की भावना के विपरीत होगा।

राज्यपालों के पास तीन विकल्प

मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस ए एस चंदुरकर की बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 200 के तहत व्यवस्था है कि राज्यपाल विधेयक को मंजूरी दे सकते हैं, विधानसभा को दोबारा भेज सकते हैं या राष्ट्रपति को भेज सकते हैं। अगर विधानसभा किसी बिल को वापस भेजे तो राज्यपाल को उसे मंजूरी देनी होती है।

विधेयकों को रोकने की अनुमति देना संघवाद के हित के खिलाफ

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना रोक कर रखते हैं तो यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 'राष्ट्रपति संदर्भ' मामले में कहा हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करना संविधान द्वारा प्रदत्त लचीलेपन की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राज्यपालों के पास राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को लंबित रखने का असीमित अधिकार है। विधेयकों को रोकने की अनुमति दी जाती है तो यह संघवाद के हित के खिलाफ।

राज्यपाल के अधिकारों का उपयोग न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि अत्यधिक देरी लोकतांत्रिक शासन की आत्मा को क्षति पहुंचाती है, इसलिए इन पदों से अपेक्षा है कि वे उचित समय के भीतर निर्णय लें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने तमिलनाडु के मामले में राज्य के राज्यपाल द्वारा रोक कर रखे गए विधेयकों को शीर्ष अदालत द्वारा 8 अप्रैल को दी गई मान्य स्वीकृति को भी अनुचित बताया। शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला दिया कि अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के अधिकारों का उपयोग न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं आता।

अपने ही डबल बेंच की राय को भी खारिज किया

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही डबल बेंच की राय को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति को उनके पास भेजे गए किसी विधेयक की संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट से अनुच्छेद 143 के तहत राय लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रपति को ऐसी कोई राय लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि यद्यपि संवैधानिक न्यायालय राज्यपाल के कार्यों पर सीधे सवाल नहीं उठा सकते, लेकिन यदि राज्यपाल किसी विधेयक के उद्देश्यों को विफल करने के लिए लंबे समय तक कार्रवाई न करें, तो ऐसी लंबी देरी की न्यायिक समीक्षा सीमित परिस्थितियों में की जा सकती है। अदालत यह जांच कर सकती है कि देरी जानबूझकर की गई थी या नहीं।

अमेरिका के दौरे पर पहुंचे अहमद अल शरा, कभी आतंकियों की लिस्ट में थे शुमार

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सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा शनिवार को आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। शरा सोमवार को वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। साल 1946 में देश की आजादी के बाद यानी करीब आठ दशक में यह पहली बार हो रहा है, जब कोई सीरियाई राष्ट्रपति अमेरिकी दौरा कर रहा है। सीरियाई राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब अमेरिका ने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल शरा का नाम आतंकवादी सूची से एक दिन पहले ही हटाया है।

दौरे से पहले आतंकी की ब्लैक लिस्ट से निकाला

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को अमेरिका ने पहले आतंकवाद की ब्लैक लिस्ट से निकाला। इसी के बाद अब शनिवार को शरा एक ऐतिहासिक आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। शरा ने इससे पहले मई में सऊदी अरब में ट्रंप से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद शरा के अमेरिकी दौरे का रास्ता साफ हुआ।

आईएसआईएस के खिलाफ दिख सकती है एकजुटता

शरा के नेतृत्व वाले गुट ने बीते साल बशर अल असद का तख्तापलट करते हुए सीरिया की सत्ता पर कब्जा किया था। सीरिया में अमेरिका के राजदूत टॉम बराक ने उम्मीद जताई कि अहमद अल शरा के इस अमेरिका दौरे पर सीरिया की सरकार, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है। ट्रंप के साथ सोमवार को होने वाली बैठक के दौरान सीरियाई और अमेरिका के राष्ट्रपति सीरिया के पुनर्निर्माण पर भी चर्चा कर सकते हैं।

आतंकी संगठन अल कायदा से रहा है जुड़ाव

अहमद अल शरा के पूर्व के संगठन हयात तहरीर अल-शाम का खूंखार आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़ाव था। यही वजह थी कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शरा का नाम आतंकवादी सूची में डाला हुआ था। हालांकि बाद में शरा सक्रिय राजनीति में उतरे और बीते साल बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया। सत्ता संभालने के बाद से, शरा और सीरिया के नए नेतृत्व ने खुद को अपने उग्रवादी अतीत से दूर कर सीरियाई लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक अधिक उदार छवि पेश करने की कोशिश की है।

पाकिस्तान भी कर रहा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो सक्रिय रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की यही प्रवृत्ति दर्शाती है कि अमेरिका के लिए भी अपने परमाणु परीक्षण को फिर से शुरू करना जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे-ट्रंप

रविवार को सीबीएस न्यूज़ को दिए 60 मिनट के साक्षात्कार में, ट्रंप ने कहा कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन हम एक खुला समाज हैं, हम इसपर बात करते हैं। और हमें इसपर बात करनी होगी नहीं तो आप लोग (मीडिया) इसपर रिपोर्ट करेंगे। इसीलिए वो टेस्ट करते हैं, बार बार टेस्ट करते हैं। निश्चित तौर पर उत्तर कोरिया टेस्ट कर रहा है। पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है।

हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए परमाणु हथियार-ट्रंप

सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की है। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।

रूस ने अपने सबसे घातक मिसाइल का किया परीक्षण

यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप ने पहले ही रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू करें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी सबसे घातक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल में भरी उड़ान, अंबाला एयरबेस पर रचा इतिहास

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने वायुसेना की ड्रेस में राफेल की उड़ान भरी। राष्ट्रपति ने ये उड़ान हरियाणा में स्थित अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भरी। यह पहली बार हुआ है कि राष्ट्रपति ने राफेल से उड़ान भरी। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं। इस नाते वह तीनों सेनाओं की कमांडर भी हैं।

राष्ट्रपति सुबह अंबाला एयरबेस पहुंचीं। राफेल में उड़ान भरने से पहले अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने स्वागत किया। एयरफोर्स के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया।

अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से ऐतिहासिक उड़ान

राष्ट्रपति ने हरियाणा में स्थित अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से ऐतिहासिक उड़ान भरी। उड़ान के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने हाथ हिलाकर उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। राष्ट्रपति की इस उड़ान ने आज भारतीय वायुसेना के साथ-साथ पूरे देश को गौरव से भर दिया है।

सुखोई-30 लड़ाकू विमान में भी भर चुकीं हैं उड़ान

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। ऐसा करने वाली वह देश की तीसरी राष्ट्रपति बन गई थीं.पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।

भारत-रूस के बीच कई समझौते, मोदी-पुतिन की ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस में एलान

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दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस संबंधों को नए आयाम तक ले जाने की बात कही। पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह स्थिर बताया है। उन्होंने कहा, पिछले 8 दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता को कई तरह की चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। लेकिन इन सबके बीच भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह हमेशा अटल और स्थिर बनी रही है।

2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। आज हमने 2030 तक के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश संतुलित और टिकाऊ बढ़ेगा तथा सहयोग के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ेंगे। भारत-रूस व्यापारिक मंच में भी हमें शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह हमारे कारोबारी रिश्तों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-निर्माण और सह-नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का मुफ्त वीजा का ऐलान

प्रधानमंत्री ने कहा, दोनों देशों के बीच स्नेह और आत्म-सम्मान का भाव रहा है। हाल ही में रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम और आपस में नजदीकियां बढ़ेंगी। शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए नि:शुल्क 30 दिन का ई टूरिस्ट वीजा और 30 दिन के ग्रुप टूरिस्ट वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं। हम मिलकर वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और ट्रेनिंग पर भी काम करेंगे। दोनों देशों के स्कॉलर्स और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान बढ़ेगा।

आतंकवाद के खिलाफ भारत-रूस साथ- मोदी

मोदी ने कहा, भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर हुआ कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। उन्होंने कहा, भारत का यह पक्का विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ दुनिया की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यूएन, जी20, ब्रिक्स,एससीओ और दूसरे मंचों पर भारत और रूस का करीबी सहयोग है। हम इन सभी मंचों पर अपनी बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे।

गले लगाकर दोस्त का वेलकम, पीएम मोदी ने पुतिन को गिफ्ट की रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका गले लगाकर स्वागत किया और दोनों नेता एक ही कार में सवार हुए। इस मौके पर दोनों नेताओं की जोरदार केमिस्ट्री दिखी। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रशियन भाषा में भगवद गीता की एक कॉपी भी गिफ्ट की।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा ने गुरुवार रात से शुरू हो चुकी है। गुरूवार देर शाम जैसे ही उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वहां मौजूद थे। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी और पुतिन एक ही कार में साथ 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे, जहां भारत और रूस के झंडों व खास लाइटिंग से सजे पीएम आवास में उनके सम्मान में विशेष डिनर का आयोजन किया गया।

पुतिन की भेंट की रूसी भाषा में लिखी भगवद्गीता

राष्ट्रपति पुतिन के स्वागत के दौरान पीएम मोदी ने रूसी भाषा में लिखी भगवद्गीता की प्रति भेंट की। पीएम मोदी ने उस पल की एक तस्वीर शेयर की और गीता को दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। पुतिन को गीता भेंट करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गीता की शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अपने दोस्त, प्रेसिडेंट पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हमारी बातचीत का इंतजार रहेगा। भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है, जिससे हमारे लोगों को बहुत फायदा हुआ है।

पुतिन के गर्मजोशी के साथ स्वागत पर क्रेमलिन ने क्या कहा?

राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए पीएम मोदी की अगवानी को लेकर क्रेमलिन की ओर से बयान जारी किया गया है। क्रेमलिन ने कहा कि पीएम मोदी का विमान के पास पर जाकर पुतिन से मिलने का निर्णय अप्रत्याशित था और रूसी अधिकारियों को इसकी पहले से सूचना नहीं दी गई थी। यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा है।

चार साल में पहली बार भारत आए पुतिन

बता दें कि पुतिन चार साल में पहली बार भारत आए हैं। रूसी राष्ट्रपति 5 दिसंबर तक नई दिल्ली में रहेंगे। अपने दौरे के दौरान, रूसी राष्ट्रपति पीएम मोदी के साथ 23वीं भारत-रूस सालाना समिट भी करेंगे। जिससे डिफेंस, ट्रेड, साइंस और टेक्नोलॉजी, और कल्चर और मानवीय मामलों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।

मीटिंग में क्या होगा खास?

आज होने वाला 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है कि आज की बैठकों में रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान–तकनीक, व्यापार और कनेक्टिविटी से जुड़े कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। रूसी मीडिया TASS के मुताबिक दोनों देश करीब 10 सरकारी समझौते और 15 से अधिक कारोबारी कॉन्ट्रैक्ट साइन करने जा रहे हैं।

आज भारत दौरे पर आ रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, शाम 4 बजे पहुंचेंगे दिल्ली, पीएम मोदी के साथ रात्रिभोज

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली आ रहे हैं। पुतिन आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे। पुतिन की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं और कई इलाकों में ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेंगे। दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक सभी अलर्ट मोड पर हैं।

रूसी राष्ट्रपति 4 और 5 दिसंबर को भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत और रूस के बीच हर साल शिखर वार्ता होती है। अब तक दोनों देशों के बीच 22 वार्ताएं हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए थे, जबकि पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे।

पीएम मोदी के साथ करेंगे रात्रिभोज

जानकारी के अनुसार, पुतिन का प्लेन आज शाम करीब 6 बजे पालम एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। इसके बाद वह सीधे चाणक्यपुरी स्थित सरदार पटेल मार्ग पर बने आईटीसी मौर्य होटल जाएंगे। फिर आज शाम ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में निजी डिनर की मेजबानी करेंगे।

पुतिन का भारत दौरा क्यों है अहम

मौजूदा जियोपॉलिटिकल हालात को देखते हुए प्रेसिडेंट पुतिन का भारत दौरा खास तौर पर अहम है। यह सामरिक, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों देश रक्षा, परमाणु ऊर्जा, व्यापार, छात्र आदान-प्रदान और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था जैसे विषयों पर गहन बातचीत कर सकते हैं।

सुरक्षा चाकचौबंद

पुतिन की भारत यात्रा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर उन क्षेत्रों की साफ-सफाई समेत सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे, जहां रूसी राष्ट्रपति अपने प्रवास के दौरान जा सकते हैं। तैयार रूट प्लान के अनुसार, आवागमन के मार्ग के लिए व्यापक तैयारी है। यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए प्रतिबंधों के बारे में सलाह भी जारी की जाएगी।

एयरपोर्ट से होटल तक रहेगा ट्रैफिक पर असर

सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, पुतिन गुरुवार शाम को पालम एयरपोर्ट उतरेंगे और वहां से सरदार पटेल मार्ग स्थित होटल जाएंगे। इस दौरान एयरपोर्ट से होटल तक एनएच-8, धौला कुआं और दिल्ली कैंट इलाके में ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है। शाम को प्रधानमंत्री आवास पर डिनर के लिए जाते समय सरदार पटेल मार्ग, पंचशील मार्ग, शांति पथ और आस-पास के मार्गों पर भी ट्रैफिक पर असर पड़ेगा।

चार साल बाद भारत आ रहे पुतिन

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति चार साल के अंतराल के बाद भारत पहुंचेंगे। वे आखिरी बार भारत 2021 में भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। हालांकि पुतिन का इस बार का भारत दौरा पिछली यात्रा के मुकाबले काफी अहम माना जा रहा है। दिसंबर 2021 में हुआ पुतिन का दौरा मात्र कुछ ही घंटों का था। लेकिन इस बार पुतिन भारत के दो दिन रहने वाले हैं।

भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन, बोलीं-संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ

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पूरा भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। इस मौके पर विशेष समारोह पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है। संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ है।

संसद भवन के सेंट्रल हॉल से बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया।

25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि

अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता छोड़कर राष्ट्रवादी सोच अपनाने का मार्गदर्शक दस्तावेज है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान-निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत और लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें।

तीन तलाक से लेकर आर्टिकल-370 तक का जिक्र

संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश को संबोध‍ित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन तलाक को खत्‍म करना और जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल-370 को हटाने का जिक्र किया। तीन तलाक को खत्‍म करने के कदम को राष्‍ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के सशक्‍तीकरण से जोड़ा। राष्ट्रपति ने कहा, तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), लागू किया गया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से एक ऐसी बाधा दूर हुई जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में रुकावट डाल रही थी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इस वर्ष 7 नवंबर से शुरू होकर, हमारे राष्ट्रगान वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी

इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित 9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया।

राष्‍ट्रपति और राज्‍यपाल विधेयकों को कब तक रोक सकते हैं? प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को राष्ट्रपति की ओर से संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत मांगी गई राय पर अपना फैसला सुना दिया है। सीजेआई के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि राज्यपाल पर कोई समय-सीमा नहीं लगा सकता। अदालत ने राष्ट्रपति के रेफरेंस पर अपनी राय देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समय सीमा तय करने वाला फैसला असंवैधानिक है।

समय सीमा में बांधना संविधान की भावना के विपरीत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भेजे गए प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर कोर्ट ने गुरुवार को अपनी राय देते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 200/201 के तहत कोर्ट बिल पर फैसला लेने के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर फैसला लेने के लिए उन्हें समय सीमा में बांधना संविधान की भावना के विपरीत होगा।

राज्यपालों के पास तीन विकल्प

मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस ए एस चंदुरकर की बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 200 के तहत व्यवस्था है कि राज्यपाल विधेयक को मंजूरी दे सकते हैं, विधानसभा को दोबारा भेज सकते हैं या राष्ट्रपति को भेज सकते हैं। अगर विधानसभा किसी बिल को वापस भेजे तो राज्यपाल को उसे मंजूरी देनी होती है।

विधेयकों को रोकने की अनुमति देना संघवाद के हित के खिलाफ

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना रोक कर रखते हैं तो यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 'राष्ट्रपति संदर्भ' मामले में कहा हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करना संविधान द्वारा प्रदत्त लचीलेपन की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राज्यपालों के पास राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को लंबित रखने का असीमित अधिकार है। विधेयकों को रोकने की अनुमति दी जाती है तो यह संघवाद के हित के खिलाफ।

राज्यपाल के अधिकारों का उपयोग न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि अत्यधिक देरी लोकतांत्रिक शासन की आत्मा को क्षति पहुंचाती है, इसलिए इन पदों से अपेक्षा है कि वे उचित समय के भीतर निर्णय लें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने तमिलनाडु के मामले में राज्य के राज्यपाल द्वारा रोक कर रखे गए विधेयकों को शीर्ष अदालत द्वारा 8 अप्रैल को दी गई मान्य स्वीकृति को भी अनुचित बताया। शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला दिया कि अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के अधिकारों का उपयोग न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं आता।

अपने ही डबल बेंच की राय को भी खारिज किया

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही डबल बेंच की राय को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति को उनके पास भेजे गए किसी विधेयक की संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट से अनुच्छेद 143 के तहत राय लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रपति को ऐसी कोई राय लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि यद्यपि संवैधानिक न्यायालय राज्यपाल के कार्यों पर सीधे सवाल नहीं उठा सकते, लेकिन यदि राज्यपाल किसी विधेयक के उद्देश्यों को विफल करने के लिए लंबे समय तक कार्रवाई न करें, तो ऐसी लंबी देरी की न्यायिक समीक्षा सीमित परिस्थितियों में की जा सकती है। अदालत यह जांच कर सकती है कि देरी जानबूझकर की गई थी या नहीं।

अमेरिका के दौरे पर पहुंचे अहमद अल शरा, कभी आतंकियों की लिस्ट में थे शुमार

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सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा शनिवार को आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। शरा सोमवार को वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। साल 1946 में देश की आजादी के बाद यानी करीब आठ दशक में यह पहली बार हो रहा है, जब कोई सीरियाई राष्ट्रपति अमेरिकी दौरा कर रहा है। सीरियाई राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब अमेरिका ने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल शरा का नाम आतंकवादी सूची से एक दिन पहले ही हटाया है।

दौरे से पहले आतंकी की ब्लैक लिस्ट से निकाला

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को अमेरिका ने पहले आतंकवाद की ब्लैक लिस्ट से निकाला। इसी के बाद अब शनिवार को शरा एक ऐतिहासिक आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। शरा ने इससे पहले मई में सऊदी अरब में ट्रंप से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद शरा के अमेरिकी दौरे का रास्ता साफ हुआ।

आईएसआईएस के खिलाफ दिख सकती है एकजुटता

शरा के नेतृत्व वाले गुट ने बीते साल बशर अल असद का तख्तापलट करते हुए सीरिया की सत्ता पर कब्जा किया था। सीरिया में अमेरिका के राजदूत टॉम बराक ने उम्मीद जताई कि अहमद अल शरा के इस अमेरिका दौरे पर सीरिया की सरकार, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है। ट्रंप के साथ सोमवार को होने वाली बैठक के दौरान सीरियाई और अमेरिका के राष्ट्रपति सीरिया के पुनर्निर्माण पर भी चर्चा कर सकते हैं।

आतंकी संगठन अल कायदा से रहा है जुड़ाव

अहमद अल शरा के पूर्व के संगठन हयात तहरीर अल-शाम का खूंखार आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़ाव था। यही वजह थी कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शरा का नाम आतंकवादी सूची में डाला हुआ था। हालांकि बाद में शरा सक्रिय राजनीति में उतरे और बीते साल बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया। सत्ता संभालने के बाद से, शरा और सीरिया के नए नेतृत्व ने खुद को अपने उग्रवादी अतीत से दूर कर सीरियाई लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक अधिक उदार छवि पेश करने की कोशिश की है।

पाकिस्तान भी कर रहा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो सक्रिय रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की यही प्रवृत्ति दर्शाती है कि अमेरिका के लिए भी अपने परमाणु परीक्षण को फिर से शुरू करना जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे-ट्रंप

रविवार को सीबीएस न्यूज़ को दिए 60 मिनट के साक्षात्कार में, ट्रंप ने कहा कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन हम एक खुला समाज हैं, हम इसपर बात करते हैं। और हमें इसपर बात करनी होगी नहीं तो आप लोग (मीडिया) इसपर रिपोर्ट करेंगे। इसीलिए वो टेस्ट करते हैं, बार बार टेस्ट करते हैं। निश्चित तौर पर उत्तर कोरिया टेस्ट कर रहा है। पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है।

हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए परमाणु हथियार-ट्रंप

सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की है। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।

रूस ने अपने सबसे घातक मिसाइल का किया परीक्षण

यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप ने पहले ही रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू करें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी सबसे घातक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल में भरी उड़ान, अंबाला एयरबेस पर रचा इतिहास

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने वायुसेना की ड्रेस में राफेल की उड़ान भरी। राष्ट्रपति ने ये उड़ान हरियाणा में स्थित अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भरी। यह पहली बार हुआ है कि राष्ट्रपति ने राफेल से उड़ान भरी। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं। इस नाते वह तीनों सेनाओं की कमांडर भी हैं।

राष्ट्रपति सुबह अंबाला एयरबेस पहुंचीं। राफेल में उड़ान भरने से पहले अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने स्वागत किया। एयरफोर्स के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया।

अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से ऐतिहासिक उड़ान

राष्ट्रपति ने हरियाणा में स्थित अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से ऐतिहासिक उड़ान भरी। उड़ान के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने हाथ हिलाकर उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। राष्ट्रपति की इस उड़ान ने आज भारतीय वायुसेना के साथ-साथ पूरे देश को गौरव से भर दिया है।

सुखोई-30 लड़ाकू विमान में भी भर चुकीं हैं उड़ान

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। ऐसा करने वाली वह देश की तीसरी राष्ट्रपति बन गई थीं.पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।