India

Jun 27 2024, 15:44

चुनावी नतीजों ने बताया- भारत हिंदू राष्ट्र नहीं” लोकसभा चुनाव परिणाम पर अमर्त्य सेन का बीजेपी पर हमला

#nobel_laureate_amartya_sen_said_lok_sabha_election_results 

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जाने-मानें लेखक अमर्त्य सेन लोकसभी चुनाव नतीजों के लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आम चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र' नहीं है।इस दौरान उन्होंने नई व्यवस्था के तहत लोगों को बिना मुकदमे सलाखों के पीछे डालने की जारी परंपरा पर भी नाराजगी व्यक्त की।अमेरिका से कोलकाता पहुंचे अमर्त्य सेन ने ये बयान दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बांग्ला समाचार चैनल से सेन ने कहा, 'भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, चुनाव परिणामों में यह जाहिर होता है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे डालना और अमीर-गरीब के बीच की खाई को बढ़ाना, वे अब भी जारी हैं। अमर्त्य सेन ने कहा, जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जाएगा, लेकिन यह नहीं रुका। इसके लिए कांग्रेस भी दोषी है। उन्होंने कहा कि यह बंद होना चाहिए। खासकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

यही नहीं, सेन ने नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर भी टिप्पणी की। उनका मानना है कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल ‘‘पहले की ही नकल है। मंत्रियों के पास पहले वाले ही विभाग हैं। सेन ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की असली पहचान को खत्म करने की कोशिश की गई। इस दौरान सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है। प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।

WestBengalBangla

Apr 16 2024, 18:58

মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল
# Chief Minister.
# Mamata Banerjee's_road _show at Siliguri.
# Parlament _election _2024

দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল প্রার্থীর সমর্থনে,মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো। শিলিগুড়ির এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল।

Streetbuzznews

Feb 07 2024, 10:43

"POP Movement Honors Sayan Das with Sustainable Innovation Award"

Sayan Das, a climate activist and the founder of Kapda Karo Recycle, received the esteemed Sustainable Innovation Award 2023 from Dr. Raghavan Seetharaman, former CEO of Doha Bank, at the International Conference and POP Festival for Youth-Led Climate Action 2024. This prestigious event, hosted at the India Habitat Centre on February 3, 2024, was organized by the Protect Our Planet (POP) Movement, USA.

The award ceremony brought together a distinguished gathering of global leaders, Nobel laureates, and environmental experts. Among the notable attendees were Mama Shamsa Abubakar Fadhil, a respected Peace Mediator and Community Mobilizer from Kenya, Raghavan Seetharaman, former CEO of Doha Bank, and H.E. Dr. Rosalía Arteaga, former President of Ecuador.

With representation from 41 countries, the event featured 50 speakers who actively engaged in meaningful discussions on youth-driven climate action. The agenda encompassed workshops, an art exhibition, informative sessions, and a platform for project submissions, all aimed at inspiring and mobilizing youth towards sustainable initiatives.

Sayan Das's recognition underscores his impactful efforts in advancing sustainable innovation. The POP Movement, known for its advocacy in environmental preservation, commended Das for his outstanding contributions in the fight against climate change. In a world facing pressing environmental challenges, this acknowledgment serves as a source of hope, encouraging young leaders to persevere in their quest for a sustainable future.

For news & media coverage call 7710030004

India

Jan 02 2024, 13:52

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को छह महीने की जेल, जानें क्या है वजह

#muhammadyunusnobelwinnersentencedtojailinbangladesh

बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक अदालत ने 6 महीने जेल की सजा सुनाई है।डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई।ढाका लेबर कोर्ट की जज शेख मरीना सुल्ताना ने सोमवार उन्हें 6 महीने कैद की सजा भी सुनाई, साथ ही 1 महीने की जमानत भी दी है। मामले में यूनुस के अलावा ग्रामीण टेलीकॉम के एमडी अशरफुल, निदेशक नूरजहां और मो. शाहजहां भी शामिल हैं।

श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे।

समर्थकों ने फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया

यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है। फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे।पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था।

शेख हसीना सरकार के साथ यूनुस का विवाद

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है। वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी। अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था। श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था।

India

Oct 09 2023, 16:42

*क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र में नोबेल, जानिए क्यों मिला सम्मान?*

#nobelprize2023foreconomicscienceswinnerclaudiagoldin

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2023 का एलान कर दिया है। इस साल क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज मिला है।क्लाउडिया गोल्डिन को महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत या विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है।

क्लाउडिया गोल्डिन ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण मुहैया कराने का काम किया है। उनके शोध से बदलाव के कारणों और शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का पता चला। इनके रिसर्च से पता चला कि वैश्विक श्रम बाजार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है और जब वे काम करती हैं तो पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। गोल्डिन ने अभिलेखों का पता लगाया और 200 वर्षों से अधिक का डेटा एकत्र किया, जिससे उन्हें यह साबित किया कि कमाई और रोजगार दरों में लिंग अंतर कैसे और क्यों बदल गया?

क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और 1989 से 2017 तक NBER के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास कार्यक्रम की डायरेक्टर थीं। वह NBER के 'जेंडर इन द इकोनॉमी' समूह की को-डायरेक्टर भी हैं। आर्थिक इतिहासकार और एक श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन ने कई विषयों पर शोध किए हैं। इसमें महिला श्रम शक्ति, कमाई में लिंग अंतर, आय असमानता, तकनीकी परिवर्तन, शिक्षा और आप्रवासन जैसे कई विषय शामिल हैं। उनके अधिकांश शोध में इतिहास की नजर से वर्तमान को देखने की कोशिश की गई है। शोध के माध्यम से उन्होंने वर्तमान की चुनौतियों को सबके सामने रखा है। उनकी सबसे हालिया किताब करियर एंड फैमिली: वीमेन्स सेंचुरी-लॉन्ग जर्नी टुवर्ड्स इक्विटी (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 2021) है।

पिछले साल तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को मिला था सम्मान

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पिछले साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार बेन एस बर्नानके, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को दिए थे। इन्हें बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए सम्मानित किया गया था। तीनों पुरस्कार विजेताओं ने विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया था। उनके शोध में एक महत्वपूर्ण खोज यह है कि बैंकों के पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है?

इतना मिलता है पुरस्कार

पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था।

India

Oct 09 2023, 16:41

क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र में नोबेल, जानिए क्यों मिला सम्मान?

#nobelprize2023foreconomicscienceswinnerclaudiagoldin

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2023 का एलान कर दिया है। इस साल क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज मिला है।क्लाउडिया गोल्डिन को महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत या विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है।

क्लाउडिया गोल्डिन ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण मुहैया कराने का काम किया है। उनके शोध से बदलाव के कारणों और शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का पता चला। इनके रिसर्च से पता चला कि वैश्विक श्रम बाजार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है और जब वे काम करती हैं तो पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। गोल्डिन ने अभिलेखों का पता लगाया और 200 वर्षों से अधिक का डेटा एकत्र किया, जिससे उन्हें यह साबित किया कि कमाई और रोजगार दरों में लिंग अंतर कैसे और क्यों बदल गया?

क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और 1989 से 2017 तक NBER के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास कार्यक्रम की डायरेक्टर थीं। वह NBER के 'जेंडर इन द इकोनॉमी' समूह की को-डायरेक्टर भी हैं। आर्थिक इतिहासकार और एक श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन ने कई विषयों पर शोध किए हैं। इसमें महिला श्रम शक्ति, कमाई में लिंग अंतर, आय असमानता, तकनीकी परिवर्तन, शिक्षा और आप्रवासन जैसे कई विषय शामिल हैं। उनके अधिकांश शोध में इतिहास की नजर से वर्तमान को देखने की कोशिश की गई है। शोध के माध्यम से उन्होंने वर्तमान की चुनौतियों को सबके सामने रखा है। उनकी सबसे हालिया किताब करियर एंड फैमिली: वीमेन्स सेंचुरी-लॉन्ग जर्नी टुवर्ड्स इक्विटी (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 2021) है।

पिछले साल तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को मिला था सम्मान

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पिछले साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार बेन एस बर्नानके, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को दिए थे। इन्हें बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए सम्मानित किया गया था। तीनों पुरस्कार विजेताओं ने विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया था। उनके शोध में एक महत्वपूर्ण खोज यह है कि बैंकों के पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है?

इतना मिलता है पुरस्कार

पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था।

India

Oct 03 2023, 16:23

भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान, पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को मिला सम्मान

#nobelprizeinphysicsannounced

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही सोमवार से नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हुई थी। इसी कड़ी में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान मंगलवार को कर दिया गया। इस बार यह सम्मान संयुक्त रूप से पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को दिया गया।रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक, ये पुरस्कार उन प्रयोगात्मक विधि को खोजने के लिए दिया गया है जो पदार्थ में इलेक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न करता है।

2023 भौतिकी पुरस्कार विजेता पियरे एगोस्टिनी लगातार लाइट पल्स की एक सीरीज का उत्पादन और जांच करने में सफल रहे, जिसमें प्रत्येक पल्स केवल 250 एटोसेकंड तक चला। उसी समय, उनके 2023 के सह-पुरस्कार विजेता फेरेन्क क्रॉस्ज एक अन्य प्रकार के प्रयोग के साथ काम कर रहे थे, जिसने 650 एटोसेकंड तक चलने वाले सिंगल लाइट पल्स को अलग करना संभव बना दिया। इस वर्ष की भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता ऐनी एल'हुइलियर ने पाया कि जब उन्होंने एक नोबेल गैस के माध्यम से अवरक्त लेजर प्रकाश प्रसारित किया तो प्रकाश के कई अलग-अलग स्वर उत्पन्न हुए।

पिछले वर्ष भौतिकी में इन्हें मिला था नोबेल पुरस्कार

पिछले साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अलेन अस्पेक्ट, जॉन एफ क्लाउसर और एंटन जिलिंगर को दिया गया था। अलेन अस्पेक्ट फ्रांस के भौतिक विज्ञानी हैं, जबकि जॉन एफ क्लाउसर अमेरिका और एंटन जिलिंगर ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक हैं। इन वैज्ञानिको के प्रयोगों ने क्वांटम सूचना के आधार पर नई तकनीक का रास्ता साफ किया था।

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल

इससे पहले बीते दिन फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया। इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली।

कल होगी रसायन विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा

अब बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।

किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये अवॉर्ड

मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नकद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।

India

Mar 16 2023, 16:20

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? जानें नोबेल कमेटी के डिप्टी लीडर ने क्या कहा

#nobelprizepanelmemberhailspmmodisaymostcrediblefaceofpeace 

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर असल तोजे ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्र मोदी की जमकर तारीफ की है। पिछले एक साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के प्रयासों की असल तोजे ने सराहना की है। असल तोजे ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से रूसी राष्ट्रपति को युद्ध के बारे में समझाया, वो काबिले तारीफ है। उन्होंने बिना कोई धमकी दिए परमाणु यद्ध के परिणामों के बारे में पूरी दुनिया को समझाया दिया। हमें अंतरराष्ट्री राजनीति में इसी तरह के लीडर की जरूरत है। साथ ही तोजे ने कहा, 'भारत का सुपरपावर बनना तय है।

पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार

असल तोजे ने कहा कि नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। बकौल तोजे, पीएम मोदी भरोसेमंद नेता हैं। वह शांति स्थापित कर सकते हैं। वह दुनिया के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को पीएम मोदी ने बताया कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह तारीफ के काबिल है।

भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर ने कहा कि भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की, किसी को धमकी नहीं दी, सिर्फ दोस्ताना तरीके से अपनी स्थिति से अवगत कराया। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमें इसकी और जरूरत है।

भारत का महाशक्ति बनना तय

भारत को शांति की विरासत बताते हुए असल तोजे ने कहा कि भारत का महाशक्ति बनना तय है। उन्होंने भारत को विकसित देश बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान के लिए भी उनकी तारीफ की। तोजे ने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो न केवल भारत और इसकी अर्थव्यवस्था के उत्थान का ख्याल रखते हैं बल्कि दुनिया भर के मामलों में योगदान और भागीदारी भी करते हैं।

बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार समिति के सदस्य असल तोजे अपने भारत दौरे पर हैं। ऐसे में तोजे के बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, जो शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मान्यता देता है। पीएम मोदी का नाम पहले भी कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उठा था। कई लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने की वकालत की है

India

Jun 27 2024, 15:44

चुनावी नतीजों ने बताया- भारत हिंदू राष्ट्र नहीं” लोकसभा चुनाव परिणाम पर अमर्त्य सेन का बीजेपी पर हमला

#nobel_laureate_amartya_sen_said_lok_sabha_election_results 

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जाने-मानें लेखक अमर्त्य सेन लोकसभी चुनाव नतीजों के लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आम चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र' नहीं है।इस दौरान उन्होंने नई व्यवस्था के तहत लोगों को बिना मुकदमे सलाखों के पीछे डालने की जारी परंपरा पर भी नाराजगी व्यक्त की।अमेरिका से कोलकाता पहुंचे अमर्त्य सेन ने ये बयान दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बांग्ला समाचार चैनल से सेन ने कहा, 'भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, चुनाव परिणामों में यह जाहिर होता है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे डालना और अमीर-गरीब के बीच की खाई को बढ़ाना, वे अब भी जारी हैं। अमर्त्य सेन ने कहा, जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जाएगा, लेकिन यह नहीं रुका। इसके लिए कांग्रेस भी दोषी है। उन्होंने कहा कि यह बंद होना चाहिए। खासकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

यही नहीं, सेन ने नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर भी टिप्पणी की। उनका मानना है कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल ‘‘पहले की ही नकल है। मंत्रियों के पास पहले वाले ही विभाग हैं। सेन ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की असली पहचान को खत्म करने की कोशिश की गई। इस दौरान सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है। प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।

WestBengalBangla

Apr 16 2024, 18:58

মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল
# Chief Minister.
# Mamata Banerjee's_road _show at Siliguri.
# Parlament _election _2024

দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল প্রার্থীর সমর্থনে,মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের রোড শো। শিলিগুড়ির এআরভিউ মোড় থেকে শুরু হল।

Streetbuzznews

Feb 07 2024, 10:43

"POP Movement Honors Sayan Das with Sustainable Innovation Award"

Sayan Das, a climate activist and the founder of Kapda Karo Recycle, received the esteemed Sustainable Innovation Award 2023 from Dr. Raghavan Seetharaman, former CEO of Doha Bank, at the International Conference and POP Festival for Youth-Led Climate Action 2024. This prestigious event, hosted at the India Habitat Centre on February 3, 2024, was organized by the Protect Our Planet (POP) Movement, USA.

The award ceremony brought together a distinguished gathering of global leaders, Nobel laureates, and environmental experts. Among the notable attendees were Mama Shamsa Abubakar Fadhil, a respected Peace Mediator and Community Mobilizer from Kenya, Raghavan Seetharaman, former CEO of Doha Bank, and H.E. Dr. Rosalía Arteaga, former President of Ecuador.

With representation from 41 countries, the event featured 50 speakers who actively engaged in meaningful discussions on youth-driven climate action. The agenda encompassed workshops, an art exhibition, informative sessions, and a platform for project submissions, all aimed at inspiring and mobilizing youth towards sustainable initiatives.

Sayan Das's recognition underscores his impactful efforts in advancing sustainable innovation. The POP Movement, known for its advocacy in environmental preservation, commended Das for his outstanding contributions in the fight against climate change. In a world facing pressing environmental challenges, this acknowledgment serves as a source of hope, encouraging young leaders to persevere in their quest for a sustainable future.

For news & media coverage call 7710030004

India

Jan 02 2024, 13:52

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को छह महीने की जेल, जानें क्या है वजह

#muhammadyunusnobelwinnersentencedtojailinbangladesh

बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक अदालत ने 6 महीने जेल की सजा सुनाई है।डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई।ढाका लेबर कोर्ट की जज शेख मरीना सुल्ताना ने सोमवार उन्हें 6 महीने कैद की सजा भी सुनाई, साथ ही 1 महीने की जमानत भी दी है। मामले में यूनुस के अलावा ग्रामीण टेलीकॉम के एमडी अशरफुल, निदेशक नूरजहां और मो. शाहजहां भी शामिल हैं।

श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे।

समर्थकों ने फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया

यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है। फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे।पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था।

शेख हसीना सरकार के साथ यूनुस का विवाद

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है। वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी। अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था। श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था।

India

Oct 09 2023, 16:42

*क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र में नोबेल, जानिए क्यों मिला सम्मान?*

#nobelprize2023foreconomicscienceswinnerclaudiagoldin

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2023 का एलान कर दिया है। इस साल क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज मिला है।क्लाउडिया गोल्डिन को महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत या विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है।

क्लाउडिया गोल्डिन ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण मुहैया कराने का काम किया है। उनके शोध से बदलाव के कारणों और शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का पता चला। इनके रिसर्च से पता चला कि वैश्विक श्रम बाजार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है और जब वे काम करती हैं तो पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। गोल्डिन ने अभिलेखों का पता लगाया और 200 वर्षों से अधिक का डेटा एकत्र किया, जिससे उन्हें यह साबित किया कि कमाई और रोजगार दरों में लिंग अंतर कैसे और क्यों बदल गया?

क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और 1989 से 2017 तक NBER के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास कार्यक्रम की डायरेक्टर थीं। वह NBER के 'जेंडर इन द इकोनॉमी' समूह की को-डायरेक्टर भी हैं। आर्थिक इतिहासकार और एक श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन ने कई विषयों पर शोध किए हैं। इसमें महिला श्रम शक्ति, कमाई में लिंग अंतर, आय असमानता, तकनीकी परिवर्तन, शिक्षा और आप्रवासन जैसे कई विषय शामिल हैं। उनके अधिकांश शोध में इतिहास की नजर से वर्तमान को देखने की कोशिश की गई है। शोध के माध्यम से उन्होंने वर्तमान की चुनौतियों को सबके सामने रखा है। उनकी सबसे हालिया किताब करियर एंड फैमिली: वीमेन्स सेंचुरी-लॉन्ग जर्नी टुवर्ड्स इक्विटी (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 2021) है।

पिछले साल तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को मिला था सम्मान

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पिछले साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार बेन एस बर्नानके, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को दिए थे। इन्हें बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए सम्मानित किया गया था। तीनों पुरस्कार विजेताओं ने विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया था। उनके शोध में एक महत्वपूर्ण खोज यह है कि बैंकों के पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है?

इतना मिलता है पुरस्कार

पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था।

India

Oct 09 2023, 16:41

क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र में नोबेल, जानिए क्यों मिला सम्मान?

#nobelprize2023foreconomicscienceswinnerclaudiagoldin

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2023 का एलान कर दिया है। इस साल क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज मिला है।क्लाउडिया गोल्डिन को महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत या विकसित करने के लिए यह सम्मान दिया गया है।

क्लाउडिया गोल्डिन ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण मुहैया कराने का काम किया है। उनके शोध से बदलाव के कारणों और शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का पता चला। इनके रिसर्च से पता चला कि वैश्विक श्रम बाजार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है और जब वे काम करती हैं तो पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। गोल्डिन ने अभिलेखों का पता लगाया और 200 वर्षों से अधिक का डेटा एकत्र किया, जिससे उन्हें यह साबित किया कि कमाई और रोजगार दरों में लिंग अंतर कैसे और क्यों बदल गया?

क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और 1989 से 2017 तक NBER के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास कार्यक्रम की डायरेक्टर थीं। वह NBER के 'जेंडर इन द इकोनॉमी' समूह की को-डायरेक्टर भी हैं। आर्थिक इतिहासकार और एक श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन ने कई विषयों पर शोध किए हैं। इसमें महिला श्रम शक्ति, कमाई में लिंग अंतर, आय असमानता, तकनीकी परिवर्तन, शिक्षा और आप्रवासन जैसे कई विषय शामिल हैं। उनके अधिकांश शोध में इतिहास की नजर से वर्तमान को देखने की कोशिश की गई है। शोध के माध्यम से उन्होंने वर्तमान की चुनौतियों को सबके सामने रखा है। उनकी सबसे हालिया किताब करियर एंड फैमिली: वीमेन्स सेंचुरी-लॉन्ग जर्नी टुवर्ड्स इक्विटी (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 2021) है।

पिछले साल तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को मिला था सम्मान

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पिछले साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार बेन एस बर्नानके, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को दिए थे। इन्हें बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए सम्मानित किया गया था। तीनों पुरस्कार विजेताओं ने विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया था। उनके शोध में एक महत्वपूर्ण खोज यह है कि बैंकों के पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है?

इतना मिलता है पुरस्कार

पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था।

India

Oct 03 2023, 16:23

भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान, पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को मिला सम्मान

#nobelprizeinphysicsannounced

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही सोमवार से नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हुई थी। इसी कड़ी में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान मंगलवार को कर दिया गया। इस बार यह सम्मान संयुक्त रूप से पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को दिया गया।रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक, ये पुरस्कार उन प्रयोगात्मक विधि को खोजने के लिए दिया गया है जो पदार्थ में इलेक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न करता है।

2023 भौतिकी पुरस्कार विजेता पियरे एगोस्टिनी लगातार लाइट पल्स की एक सीरीज का उत्पादन और जांच करने में सफल रहे, जिसमें प्रत्येक पल्स केवल 250 एटोसेकंड तक चला। उसी समय, उनके 2023 के सह-पुरस्कार विजेता फेरेन्क क्रॉस्ज एक अन्य प्रकार के प्रयोग के साथ काम कर रहे थे, जिसने 650 एटोसेकंड तक चलने वाले सिंगल लाइट पल्स को अलग करना संभव बना दिया। इस वर्ष की भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता ऐनी एल'हुइलियर ने पाया कि जब उन्होंने एक नोबेल गैस के माध्यम से अवरक्त लेजर प्रकाश प्रसारित किया तो प्रकाश के कई अलग-अलग स्वर उत्पन्न हुए।

पिछले वर्ष भौतिकी में इन्हें मिला था नोबेल पुरस्कार

पिछले साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अलेन अस्पेक्ट, जॉन एफ क्लाउसर और एंटन जिलिंगर को दिया गया था। अलेन अस्पेक्ट फ्रांस के भौतिक विज्ञानी हैं, जबकि जॉन एफ क्लाउसर अमेरिका और एंटन जिलिंगर ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक हैं। इन वैज्ञानिको के प्रयोगों ने क्वांटम सूचना के आधार पर नई तकनीक का रास्ता साफ किया था।

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल

इससे पहले बीते दिन फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया। इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली।

कल होगी रसायन विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा

अब बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।

किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये अवॉर्ड

मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नकद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।

India

Mar 16 2023, 16:20

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? जानें नोबेल कमेटी के डिप्टी लीडर ने क्या कहा

#nobelprizepanelmemberhailspmmodisaymostcrediblefaceofpeace 

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर असल तोजे ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्र मोदी की जमकर तारीफ की है। पिछले एक साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के प्रयासों की असल तोजे ने सराहना की है। असल तोजे ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से रूसी राष्ट्रपति को युद्ध के बारे में समझाया, वो काबिले तारीफ है। उन्होंने बिना कोई धमकी दिए परमाणु यद्ध के परिणामों के बारे में पूरी दुनिया को समझाया दिया। हमें अंतरराष्ट्री राजनीति में इसी तरह के लीडर की जरूरत है। साथ ही तोजे ने कहा, 'भारत का सुपरपावर बनना तय है।

पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार

असल तोजे ने कहा कि नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। बकौल तोजे, पीएम मोदी भरोसेमंद नेता हैं। वह शांति स्थापित कर सकते हैं। वह दुनिया के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को पीएम मोदी ने बताया कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह तारीफ के काबिल है।

भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर ने कहा कि भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की, किसी को धमकी नहीं दी, सिर्फ दोस्ताना तरीके से अपनी स्थिति से अवगत कराया। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमें इसकी और जरूरत है।

भारत का महाशक्ति बनना तय

भारत को शांति की विरासत बताते हुए असल तोजे ने कहा कि भारत का महाशक्ति बनना तय है। उन्होंने भारत को विकसित देश बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान के लिए भी उनकी तारीफ की। तोजे ने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो न केवल भारत और इसकी अर्थव्यवस्था के उत्थान का ख्याल रखते हैं बल्कि दुनिया भर के मामलों में योगदान और भागीदारी भी करते हैं।

बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार समिति के सदस्य असल तोजे अपने भारत दौरे पर हैं। ऐसे में तोजे के बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, जो शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मान्यता देता है। पीएम मोदी का नाम पहले भी कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उठा था। कई लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने की वकालत की है