रविंद्र नेगी ने मनीष सिसोदिया पर लगाया गंभीर बड़ा आरोप, वीडियो शेयर कर कहा- सोफा, AC, TV सब उठा ले गए

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दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए। जिसमें पिछले 11 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई। वहीं बीजेपी 27 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। एक तरह जहां दिल्ली में नए सीएम को लेकर हलचल तेज है दूसरी ओर बीजेपी विधायक ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर चोरी का गंभीर आरोप लगाए हैं।

पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से मौजूदा भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक और उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया पर बड़ा आरोप लगाया है। विधायक रविंद्र नेगी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी से पटपड़गंज के पूर्व विधायक मनीष सिसोदिया ने चुनाव से पहले ही अपना असली चेहरा दिखा दिया था। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि मनीष सिसोदिया विधानसभा कैंप कार्यालय से एसी, टीवी (AC,TV) टेबल, कुर्सी और पंखे जैसे सामान सब चुरा ले गए।

विधायक रविंद्र नेगी ने आगे लिखा कि इनकी भ्रष्टाचार की हदें अब भी पार नहीं हुईं। अब ये अपनी असलियत और चोरी छिपाने की राजनीति में माहिर हो गए हैं। हम जनता के हक की रक्षा करेंगे और ऐसे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे। आगे कहा कि हम इस मामले में मनीष सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजने वाले हैं।

बता दें कि हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा ने 70 सीटों में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं,आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं। उधर, भारतीय जनता पार्टी अब मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटी हुई है

कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? विधायक दल की बैठक टलने से बढ़ा सस्पेंस

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, 8 फरवरी को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी ये तय नहीं हो सका है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इधर, आज यानी 17 फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक हल गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी। विधायक दल की बैठक टाल दे जाने के बाद से दिल्ली में सीएम को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है।

बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले विधायक दल की बैठक सोमवार को होने वाली थी। सूत्रों ने बताया था कि पंत मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दोपहर 3 बजे यह बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षको को मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा और उसके बाद एलजी के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। पार्टी के विधायकों को भी यह संदेश दे दिया गया था कि सोमवार को उन्हें दिल्ली में ही रहना है। शाम तक ऐसी भी खबरें आई कि विधायक दल की बैठक के बाद मंगलवार को शपथ ग्रहरण समारोह भी हो सकता है। लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर है।

पहले पर्यवेक्षकों के नाम की होगी घोषणा

अब यह बैठक 20 फरवरी को या उसके बाद होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की जाएगी और फिर विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी थी। ये चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया। अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। फिलहाल दिल्ली सीएम की रेस में केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा के अलावा रेखा गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, शिखा राय और पवन शर्मा हैं।

बैठक टालने की क्या है वजह?

कारण यह बताया गया कि 19 तारीख को दिल्ली के झंडेवालान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) के नवनिर्मित मुख्यालय का उद्घाटन होना है, जिसमें पार्टी के भी कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसी वजह से अब 20 तारीख के बाद निर्णय लिया जाएगा। विधायक दल की बैठक को टालने के पीछे एक बड़ा कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए हादसे को भी माना जा रहा है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से ही केंद्र सरकार, केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन विपक्ष के निशाने पर है। मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए बीजेपी ने रविवार को अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। ऐसे में इतने बड़े हादसे के तुरंत बाद बड़ा समारोह आयोजित करके बीजेपी दिल्ली की जनता के बीच यह संदेश नहीं देना चाहती कि उसे लोगों को कोई परवाह नहीं है।

इंडियन स्टेट वाले बयान को लेकर मुश्किल में राहुल गांधी, कोर्ट पहुंचा मामला

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ संभल की जिला अदालत में याचिका दायर की गई है. ये याचिका हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एवं हिंदूवादी नेता सिमरन गुप्ता के वकील सचिन गोयल की ओर से दायर की गई है जिसमें राहुल गांधी पर देशद्रोह के तहत FIR कराए जाने की मांग की गई है.

सिमरन गुप्ता की ओर से चंदौसी की जिला अदालत की MP/MLA कोर्ट में राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस सांसद ने 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान एक बयान दिया था. जिसमें राहुल ने कहा था कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से भी है. जिससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं.

‘राहुल का बयान देश की एकता के लिए खतरा’

सिमरन गुप्ता का कहना है कि 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन हुआ था. इस दौरान राहुल ने कहा था कि हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएससे नहीं है, बल्कि इंडिया से भी है. गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी की टिप्पणी देश के लोगों का मजाक उड़ाती है और भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करती है. राहुल की फितरत हमेशा आतंकवादियों और देशद्रोहियों का साथ देने की रही है. वह हमेशा हिंदुओं के लिए और देश के खिलाफ बोलते हैं.

असम में पहले से ही एक FIR दर्ज

सिमरन गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर 18 जनवरी को संभल के जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए उन्होंने आज (गुरुवार) राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में आवेदन दायर किया है. इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ असम में पहले से ही एक FIR दर्ज कराई जा चुकी है.

विशेष MP/MLA कोर्ट में याचिका दायर

गुप्ता के वकील सचिन गोयल ने बताया कि यह मामला विशेष MP/MLA कोर्ट में एसीजेएम आदित्य सिंह के समक्ष धारा 173(4) बीएनएसएस एक्ट के तहत दाखिल किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद का बयान भारतीय लोकतंत्र और संविधान के प्रति अनादर को दर्शाता है और यह देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है. इस तरह के बयान राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं. वकील ने दावा किया कि अदालत ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए स्वीकार कर लिया है. हालांकि अगली तारीख अभी जारी नहीं की गई है.

*MP/MLA विशेष अदालत में नेता विजय और रायबरेली सांसद राहुल गांधी मानिहानि मामले में जिरह पूर्ण न होने पर अगली तिथि 10 जनवरी को तय*
सुल्तानपुर की MP/MLA की विशेष कोर्ट में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के मानहानि मामले में हुई सुनवाई। कोर्ट ने जिरह पूर्ण न होने पर जिरह जारी रखते हुए सुनवाई की अगली तिथि 10 जनवरी नियत की। वर्ष 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान अमित शाह के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी से जुड़ा है मामला। फ़रवरी 2024 में कोर्ट से 25-25 हजार के मुचलके पर मिली थी राहुल गाँधी को जमानत। बीते 16 दिसम्बर को MP/MLA की विशेष कोर्ट में विशेष न्यायाधीश के अवकाश के चलते टल गई थी सुनवाई। उक्त मामले में कोर्ट ने आज गुरुवार को जिरह जारी रखते हुए आगामी 10 जनवरी को जिरह के लिए सुनवाई की तिथि नियत की है।
కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలపై బీఆర్‌ఎస్ ఎమ్మెల్యే ఆసక్తికర కామెంట్స్

పెద్దసార్‌తో(కేసీఆర్) ఐదుగురు కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు టచ్‌లో ఉన్నారు. సీఎం రేవంత్ రెడ్డి పర్యటనలకు దూరంగా ఉంటోన్న కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు బీఆర్ఎస్‌తో టచ్‌లో ఉన్నారు. కేసీఆర్ ఓకే చెప్తే.. కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు గులాబీ కండువా కప్పుకుంటారు అంటూ ఎమ్మెల్యే వివేక్ కామెంట్స్ చేశారు. కొత్త పీసీసీ అధ్యక్షుడు మహేష్ కుమార్ గౌడ్ తన ఉనికి కోసం ఏదో మాట్లాడుతున్నారని మండిపడ్డారు.

కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలను ఉద్దేశించి బీఆర్‌ఎస్ ఎమ్మెల్యే వివేకానందగౌడ్ (BRS MLA Vivek) ఆసక్తికర వ్యాఖ్యలు చేశారు. మంగళవారం మీడియాతో మాట్లాడుతూ.. పెద్దసార్‌తో(కేసీఆర్) ఐదుగురు కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు టచ్‌లో ఉన్నారు. సీఎం రేవంత్ రెడ్డి పర్యటనలకు దూరంగా ఉంటోన్న కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు బీఆర్ఎస్‌తో టచ్‌లో ఉన్నారు. కేసీఆర్ ఓకే చెప్తే.. కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు గులాబీ కండువా కప్పుకుంటారు అంటూ కామెంట్స్ చేశారు. కొత్త పీసీసీ అధ్యక్షుడు మహేష్ కుమార్ గౌడ్ తన ఉనికి కోసం ఏదో మాట్లాడుతున్నారని మండిపడ్డారు. పీసీసీ అధ్యక్షుడు చెప్పినట్లు తాము కాంగ్రెస్‌తో టచ్‌లో లేమని తెలిపారు.

ప్రజల పక్షాన పోరాడుతున్నందునే హారీష్ రావుపై కేసు పెట్టారని మండిపడ్డారు. ఢిల్లీలో తుమ్మితే ఊడిపోయే ప్రభుత్వం రేవంత్ ప్రభుత్వం అని విమర్శించారు. హర్యానా, మహారాష్ట్ర ఎన్నికలకు మూటలు మోయడానికి రేవంత్ పనిచేస్తున్నారని.. పూర్తిస్థాయి మంత్రివర్గాన్ని కూడా రేవంత్ విస్తరించలేకపోతున్నారన్నారు. కాంగ్రెస్‌లో చేరిన పది మంది బీఆర్ఎస్ ఎమ్మెల్యేలను రేవంత్ నమ్మించి గొంతు కోశారన్నారు. కర్ణాటక, తెలంగాణ ప్రభుత్వాలు శాశ్వత ప్రభుత్వాలు కాదన్నారు. లిమిట్ దాటి పనిచేసే అధికారులను వదిలే ప్రసక్తే లేదని స్పష్టం చేశారు. బీఆర్‌ఎస్ సోషల్ మీడియా కార్యకర్తలను ఇంటిలిజెన్స్ అధికారులను బెదిరిస్తున్నారు అంటూ ఎమ్మెల్యే వివేక్ వెల్లడించారు.

ఏం సాంధిచారని సంబురాలు‌ జరుపుకుంటున్నారో రేవంత్ రెడ్డి చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. కేసీఆర్ హాయాంలోనే తెలంగాణ నవంబర్ రాష్ట్రంగా నిలిచిందన్నారు. మత్స్యకారులు, నాయిని బ్రాహ్మణలు రోడ్ల మీదకు వస్తే.. ప్రత్వం సంబురాలు జరుపుతోందని మండిపడ్డారు. మత్స్యకారులు, నాయి బ్రాహ్మణులవి న్యాయమైన డిమాండ్లు అని తెలిపారు. కేసీఆర్ పథకాలనే ప్రజలు నేటికి గుర్తుచేసుకుంటున్నారన్నారు. నాయి బ్రాహ్మణల ఆందోళనలను బీఆర్ఎస్ అండగా ఉంటుందని స్పష్టం చేశారు. మత్స్య వృత్తిపైన ఆధారపడి జీవిస్తోన్న కుటుంబాలను ప్రభుత్వం ఆదుకోవాలని డిమాండ్ చేశారు. చేతివృత్తుల వారికి అండగా నిలిచిన ఘనత కేసీఆర్ ప్రభుత్వానిదే అని చెప్పుకొచ్చారు. కోతల ముఖ్యమంత్రిగా రేవంత్ రెడ్డి చరిత్రలో నిలిచిపోతారని ఎమ్మెల్యే వివేక్ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

गाजीपुर कोर्ट में पप्पू यादव की पेशी, एनबीडब्ल्यू के मामले में 50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा.

बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट के कटघरे में एक घंटे तक खड़ा रखा गया. उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था, जिसके बाद वह कोर्ट पहुंचे. उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर कोर्ट के द्वारा रिहा किया गया.

साथ ही उनके साथ जो 10 अन्य आरोपी थे उनके गैर हाजिरी का माफी का प्रार्थना पत्र भी अधिवक्ता के द्वारा पेश किया गया.वहीं न्यायालय ने इस मामले पर बहस के लिए चार दिसंबर को अगली तारीख तय किया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि साल 1993 में तब राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव विधायक हुआ करते थे और अपने एक अन्य विधायक साथी के साथ एक लंबे चौड़े काफिले के साथ गाजीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान आने की जानकारी गाजीपुर पुलिस को हुई थी. तब तत्कालीन थाना अध्यक्ष बीएन सिंह ने इन लोगों के काफिले को रुकवाया और पप्पू यादव, उमेश यादव सहित करीब सैकड़ो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बताते हैं कि उस वक्त पप्पू यादव चुनाव सभा में गड़बड़ी उत्पन्न करने के लिए बक्सर उजियार घाट होते हुए गाजीपुर की सीमा में प्रवेश किए थे.

सुनवाई के लिए भेजा MP-MLA कोर्ट

इसी मामले में पुलिस ने आरोप पत्र मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया था. जहां पर मामले में सभी आरोपियों को 31 जुलाई 2023 को दोष मुक्त कर दिया गया. लेकिन उस आदेश के विरुद्ध जिला जज के न्यायालय में 6 सितंबर 2023 को शासकीय अधिवक्ता के द्वारा अपील दाखिल किया गया. उसके बाद जिला जज की अदालत ने मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था

जारी किया गैर जमानती वारंट

एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले में लगातार कार्रवाई चल रही थी. बार-बार पुकार पड़ने के बाद भी आरोपियों की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा था. इसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पप्पू यादव सहित 11 लोगों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट 22 अक्टूबर को जारी किया था. उन्हें 4 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तारीख नियत किया था. लेकिन पप्पू यादव ने कोर्ट के आदेशों के अवहेलना करते हुए उपस्थिति दर्ज नहीं कराई.

50 हजार के मुचलके पर किया रिहा

इसके बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के लिए मोहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक को निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण भी दाखिल करने को कहा. न्यायालय का सख्त रूप देख पप्पू यादव गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया. इस दौरान उन्हें कटघरे में करीब एक घंटे से ऊपर भी रहना पड़ा. इसके बाद गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए 50 हजार रुपये के निजी बंध पत्र पर उन्हें रिहा किया गया. हालांकि, पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं. उन्हें कोर्ट का आदेश पुलिस के द्वारा मिला तो कोर्ट का सम्मान करने के लिए वह न्यायालय में पेश हुए हैं.

मणिपुर में JDU विधायक के घर पर भीड़ ने किया हमला, लूट लिए 1.5 करोड़ रुपये के गहने और 18 लाख कैश

डेस्क: जनता दल यूनाइटेड यानी JDU के एक विधायक के घर पर हमले और लूटपाट की खबर आई है। मणिपुर में JDU के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने शिकायत दर्ज कराई है कि 16 नवंबर को MLA के आवास पर तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने 18 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमले के दौरान पश्चिम इंफाल के थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास पर आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए रखे गए कई सामान को भी बर्बाद कर दिया गया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘थांगमेइबंद निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने इंफाल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि भीड़ के हमले में 18 लाख रुपये कैशऔर 1.5 करोड़ रुपये कीमत की कई कीमती चीजें लूट ली गईं या बर्बाद कर दी गईं। इस संबंध में FIR दर्ज कर ली गई है।’ उन्होंने बताया कि 16 नवंबर की शाम को भीड़ ने विधायक के घर पर करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ की। जब भीड़ ने JDU MLA के घर पर हमला किया था उस वक्त वह घर पर नहीं थे बल्कि अपने किसी परिजन के इलाज के लिए दिल्ली में थे।

जॉयकिशन के घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर टॉम्बिसाना हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थापित रिलीफ कैंप में रह रहे एक विस्थापित शख्स ने कहा, ‘हमारे जैसे लोगों के लिए वहां आलू, प्याज और सर्दियों के कपड़े आदि रखे गए थे, ये सब लूट लिए गए।’ जॉयकिशन की देखरेख में राहत शिविर का मैनेजमेंट करने वाली वॉलंटियर सनयाई ने कहा,‘हमने भीड़ से MLA के आवास में तोड़फोड़ न करने का आग्रह किया, क्योंकि वहां विस्थापितों को बांटा जाने वाला सामान रखा था।’ उन्होंने दावा किया कि लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई।

सनयाई ने दावा किया कि भीड़ ने 3 AC ले जाने की कोशिश की पर नाकाम रही, लेकिन 7 गैस सिलेंडर ले जाने में कामयाब हो गई। उन्होंने बताया कि हमले के दौरान विस्थापित लोगों के दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए और वहां मौजूद एक स्वयंसेवक से मारपीट भी की गई।

मणिपुर में पिछले सप्ताह हिंसा बढ़ने के बाद गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा मेइती समुदाय की 3 महिलाओं और 3 बच्चों के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से लापता होने के बाद भड़की थी। 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद 6 लोग लापता हो गए थे, और बाद में उनकी लाशें मिली थीं।
పట్నం నరేందర్ రెడ్డి పిటిషన్‌పై ముగిసిన వాదనలు

బీఆర్‌ఎస్ మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్ రెడ్డి క్వాష్‌ పిటిషన్‌పై హైకోర్టులో విచారణ జరిగింది. అరెస్టు సమయంలో పోలీసులు కనీస నిబంధనలు పాటించలేదని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు తెలిపారు. హత్యాయత్నం కేస్ తప్ప మిగిలిన సెక్షన్‌లన్నీ 5 సంవత్సరాలలోపు శిక్ష పడేవే అని తెలిపారు.

లగచర్ల ఘటనలో అరెస్ట్ అయిన బీఆర్‌ఎస్ మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్ రెడ్డి (BRS Former MLA Patnam Narender Reddy) వేసిన క్వాష్ పిటిషన్‌పై బుధవారం తెలంగాణ హైకోర్టులో (Telangana high court) విచారణ జరిగింది. నరేందర్ రెడ్డి తరపున గండ్ర మోహన్ రావు వాదనలు వినిపించారు. ఇరువురి వాదనలు ముగిసిన అనంతరం తీర్పును హైకోర్టు రిజర్వ్ చేసింది. అరెస్టు సమయంలో పోలీసులు కనీస నిబంధనలు పాటించలేదని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు తెలిపారు.

హత్యాయత్నం కేస్ తప్ప మిగిలిన సెక్షన్‌లన్నీ 5 సంవత్సరాలలోపు శిక్ష పడేవే అని తెలిపారు. ఘటన జరిగిన రోజు సురేష్‌‌తో పట్నం నరేందర్ ఎన్ని కాల్స్ మాట్లాడారు హైకోర్ట్ ప్రశ్నించారు. 71 డేస్‌లో 84 కాల్స్ ఉన్నందుకు అరెస్ట్ చేయడం సరికాదని న్యాయవాది తెలిపారు. అరెస్టు విషయాన్ని కనీసం కుటుంబసభ్యులకు కూడా చెప్పలేదన్నారు. సుప్రీం కోర్టు తీర్పులను కింది కోర్ట్ కనీసం పరిగణలోకి తీసుకోలేదని.. అరెస్ట్ గ్రౌండ్స్‌ను చూడకుండానే పట్నం నరేందర్ రెడ్డికి రిమాండ్ విధించారని తెలిపారు.

పట్నం నరేందర్ ది అక్రమ అరెస్ట్ అని న్యాయవాది వాదించారు. ఎక్కడ కూడా పోలీసులు లీగల్ ప్రొసీడింగ్స్ ఫాలో కాలేదన్నారు. ఎలాంటి ముందస్తు నోటీసులు ఇవ్వకుండా మాజీ ఎమ్మెల్యేను అరెస్ట్ చేశారన్నారు. 11వ తేదీ సంఘటన జరిగినప్పుడు నరేందర్ రెడ్డి అక్కడ లేరని.. సురేష్ అనే నిందితుడి కాల్ డేటా ఆధారంగా అరెస్ట్ చేశామని పోలీసులు చెబుతున్నారన్నారు. 11వ తేదీ కేవలం ఒకే ఒక సారి సురేష్‌తో నరేందర్ రెడ్డి ఫోన్‌లో మాట్లాడినట్లు చెప్పారు. సుప్రీం కోర్టు తీర్పులను ఉల్లంఘించారని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు వాదనలు వినిపించారు.

లగచర్ల ఘటనలో ప్రభుత్వాన్ని అస్థిర పరించేందుకు కుట్ర చేశారని తెలిపారు. కలెక్టర్ మీద, అధికారుల మీద దాడులు చేయించారని.. అన్నింటికీ ప్రధాన సూత్రధారి పట్నం నరేందర్ రెడ్డి అని వాదించారు. నరేందర్ రెడ్డికి సంబంధించి ఎలాంటి ఆధారాలు ఉన్నాయని హైకోర్టు ప్రశ్నించింది. తన అనుచరులతో కలిసి స్కెచ్ వేశారని కోర్టుకు పీపీ తెలియజేశారు. ఎవరు అనుచరులు.. అతని హోదా ఏంటి అని ధర్మాసనం మరో ప్రశ్న వేయగా.. సురేష్ అనే వ్యక్తి పట్నం నరేందర్ రెడ్డి ప్రధాన అనుచరుడు అని తెలిపారు. సంఘటన జరిగిన రోజు సురేష్ ... నరేందర్ కాల్స్ మాట్లాడుకున్నారని చెప్పారు. అరెస్ట్ సందర్బంగా ఎలాంటి నియమాలు పాటించారని పీపీని హైకోర్టు అడిగింది.

కేబీఆర్‌ పార్క్‌లో ఒక మాజీ ఎమ్మెల్యేను ఎలా అరెస్ట్ చేస్తారని ధర్మాసనం ప్రశ్నించింది. అయితే కేబీఆర్‌ పార్క్‌లో అరెస్ట్ చేయలేదని తన ఇంట్లో అరెస్ట్ చేశామని కోర్టుకు పీపీ తెలిపారు. సుప్రీం తీర్పులను ఎందుకు పాటించలేదని హైకోర్టు అడుగగా... ఈ కేసులో కుట్ర కోణం ఉందని.. చాలా విషయాలు బయటకు వచ్చాయని పబ్లిక్ ప్రాసిక్యూటర్ వెల్లడించారు. ఇరువురి వాదనలు ముగిసిన అనంతరం... ప్రత్యక్ష సాక్షుల స్టేట్మెంట్‌ను సబ్మిట్ చేయాలని పోలీసులకు ధర్మాసనం ఆదేశించింది. అనంతరం తీర్పును హైకోర్టు రిజర్వ్ చేసింది.

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యం

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యమని ఎమ్మెల్యే మర్రి రాజశేఖర్‌ రెడ్డి అన్నారు. మల్కాజిగిరి సర్కిల్‌ పరిధిలోని వక్ఫ్‌ బోర్డు భూములని(Waqf Board Lands) కొన్ని సర్వే నంబర్లలో రిజిస్ట్రేషన్‌లను నిలిపివేయడంలో ప్రజలలో గందరగోళం ఏర్పడిందన్నారు.

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యమని ఎమ్మెల్యే మర్రి రాజశేఖర్‌ రెడ్డి అన్నారు. శుక్రవారం బోయిన్‌పల్లి క్యాంప్‌ కార్యాలయంలో ఎమ్మెల్యే (MLA Rajasekhar Reddy) మాట్లాడుతూ.. మల్కాజిగిరి సర్కిల్‌ పరిధిలోని వక్ఫ్‌ బోర్డు భూములని(Waqf Board Lands) కొన్ని సర్వే నంబర్లలో రిజిస్ట్రేషన్‌లను నిలిపివేయడంలో ప్రజలలో గందరగోళం ఏర్పడిందన్నారు. కొన్ని దశాబ్దాలుగా అన్ని రకాల ప్రభుత్వ పన్నులు కట్టి 40గజాలు, 50గజాలు, 100గజాలలో పేదలు ఇండ్లు కట్టుకుని నివసిస్తున్నారని పేర్కొన్నారు.

ప్రభుత్వం విద్యుత్‌ కనెక్షన్‌లు, సీసీ రోడ్లు, స్ట్రీట్‌ లైట్లు, డ్రైనేజీ సౌకర్యం కల్పించాయి. పేదల కోసం వక్ఫ్‌ బోర్డు కొన్ని సవరణలు చేయాల్సిఉందని, లేదంటే ప్రజల పక్షాన నిలబడి వారికి చట్ట బద్దంగా న్యాయం జరిగేలా పోరాటం చేస్తామని అన్నారు. వక్ఫ్‌ బోర్డు తమ భూమిఅని చెబుతున్న సర్వే నంబర్‌ 398, 399లో దాదాపు 20ఎకరాల ఖాళీగా ఉన్న భూమి రిజిస్ట్రేషన్‌ చట్టం సెక్షన్‌ 22ఎ నిషేధిత జాబితాలో ఉన్న ఆ ఖాళీ భూమిని తమదంటూ ఇతరులు స్థానిక పోలీసుల సహకారంతో కబ్జాలో ఉన్నారని అన్నారు.

ఈ భూమిని కాపాడాల్సిన వక్ఫ్‌ బోర్డు సీఈఓ, జిల్లా ఇన్‌స్పెక్టర్‌ ఆఫ్‌ ఆడిటర్‌(వక్ఫ్‌), మూతవాలి వక్ఫ్‌ బోర్డు చట్టం సెక్షన్‌ 52ఎ కింద కేసులు నమోదు చేయడంలో విఫలమయరన్నారు. ఇప్పటికైనా ఆ భూమిని కాపాడాలని, కబ్జా చేసిన వారిపై వక్ఫ్‌ బోర్డు చట్టం సెక్షన్‌ 52ఎ కింద పోలీస్‌ స్టేషన్‌లో క్రిమినల్‌ కేసు నమోదు చేయాలని ఎమ్మెల్యే డిమాండ్‌ చేశారు. పేద ప్రజల కోసం న్యాయపరంగా ఏ సాయం చేయడానికైనా సిద్ధంగా ఉన్నామని ఎమ్మెల్యే తెలిపారు.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 निरस्त के खिलाफ प्रस्ताव, सीएम अब्दुल्ला बोले-इसका कोई औचित्य नहीं

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद सोमवार को विधानसभा की पहली बैठक शुरू हुई। विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया। दरअसल, सत्र के पहले ही दिन पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान ने सदन में जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू करने और राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर दिया। बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमानपारा ने अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। भाजपा द्वारा टिप्पणी को हटाने और प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।

इस प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं- उमर अब्दुल्ला

वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव की कोई अहमियत नहीं है। सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। हमें पता था कि इसके लिए एक सदस्य द्वारा तैयारी की जा रही है। वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के नतीजे अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा।

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी विधायक द्वारा आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, यह केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। इसके बाद उन्होंने स्पीकर से सदन को स्थगित करने का रिक्वेस्ट किया। इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।

महबूबा ने प्रस्ताव की सराहना की

पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए पीडीपी नेता की सराहना की। महबूबा मुफ़्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करने और विशेष दर्जा बहाल करने के संकल्प के लिए वहीद पारा द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने पर मुझे गर्व है।

अब्दुल रहीम राथर चुने गए स्पीकर

इस बीच सदन में सोमवार को उसके अध्यक्ष का चुनाव हुआ। विधायक अब्दुल रहीम राथर को सदन का स्पीकर चुना गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह पूरे सदन की ओर से राथर को बधाई देते हैं। आप स्पीकर पद के स्वाभाविक दावेदार थे। आपका किसी एक भी सदस्य ने विरोध नहीं किया। अब आप इस सदन के कस्टोडियन हैं।

रविंद्र नेगी ने मनीष सिसोदिया पर लगाया गंभीर बड़ा आरोप, वीडियो शेयर कर कहा- सोफा, AC, TV सब उठा ले गए

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दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए। जिसमें पिछले 11 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई। वहीं बीजेपी 27 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। एक तरह जहां दिल्ली में नए सीएम को लेकर हलचल तेज है दूसरी ओर बीजेपी विधायक ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर चोरी का गंभीर आरोप लगाए हैं।

पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से मौजूदा भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक और उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया पर बड़ा आरोप लगाया है। विधायक रविंद्र नेगी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी से पटपड़गंज के पूर्व विधायक मनीष सिसोदिया ने चुनाव से पहले ही अपना असली चेहरा दिखा दिया था। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि मनीष सिसोदिया विधानसभा कैंप कार्यालय से एसी, टीवी (AC,TV) टेबल, कुर्सी और पंखे जैसे सामान सब चुरा ले गए।

विधायक रविंद्र नेगी ने आगे लिखा कि इनकी भ्रष्टाचार की हदें अब भी पार नहीं हुईं। अब ये अपनी असलियत और चोरी छिपाने की राजनीति में माहिर हो गए हैं। हम जनता के हक की रक्षा करेंगे और ऐसे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे। आगे कहा कि हम इस मामले में मनीष सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजने वाले हैं।

बता दें कि हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा ने 70 सीटों में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं,आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं। उधर, भारतीय जनता पार्टी अब मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटी हुई है

कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? विधायक दल की बैठक टलने से बढ़ा सस्पेंस

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, 8 फरवरी को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी ये तय नहीं हो सका है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इधर, आज यानी 17 फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक हल गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी। विधायक दल की बैठक टाल दे जाने के बाद से दिल्ली में सीएम को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है।

बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले विधायक दल की बैठक सोमवार को होने वाली थी। सूत्रों ने बताया था कि पंत मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दोपहर 3 बजे यह बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षको को मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा और उसके बाद एलजी के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। पार्टी के विधायकों को भी यह संदेश दे दिया गया था कि सोमवार को उन्हें दिल्ली में ही रहना है। शाम तक ऐसी भी खबरें आई कि विधायक दल की बैठक के बाद मंगलवार को शपथ ग्रहरण समारोह भी हो सकता है। लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर है।

पहले पर्यवेक्षकों के नाम की होगी घोषणा

अब यह बैठक 20 फरवरी को या उसके बाद होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की जाएगी और फिर विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी थी। ये चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया। अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। फिलहाल दिल्ली सीएम की रेस में केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा के अलावा रेखा गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, शिखा राय और पवन शर्मा हैं।

बैठक टालने की क्या है वजह?

कारण यह बताया गया कि 19 तारीख को दिल्ली के झंडेवालान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) के नवनिर्मित मुख्यालय का उद्घाटन होना है, जिसमें पार्टी के भी कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसी वजह से अब 20 तारीख के बाद निर्णय लिया जाएगा। विधायक दल की बैठक को टालने के पीछे एक बड़ा कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए हादसे को भी माना जा रहा है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से ही केंद्र सरकार, केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन विपक्ष के निशाने पर है। मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए बीजेपी ने रविवार को अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। ऐसे में इतने बड़े हादसे के तुरंत बाद बड़ा समारोह आयोजित करके बीजेपी दिल्ली की जनता के बीच यह संदेश नहीं देना चाहती कि उसे लोगों को कोई परवाह नहीं है।

इंडियन स्टेट वाले बयान को लेकर मुश्किल में राहुल गांधी, कोर्ट पहुंचा मामला

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ संभल की जिला अदालत में याचिका दायर की गई है. ये याचिका हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एवं हिंदूवादी नेता सिमरन गुप्ता के वकील सचिन गोयल की ओर से दायर की गई है जिसमें राहुल गांधी पर देशद्रोह के तहत FIR कराए जाने की मांग की गई है.

सिमरन गुप्ता की ओर से चंदौसी की जिला अदालत की MP/MLA कोर्ट में राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस सांसद ने 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान एक बयान दिया था. जिसमें राहुल ने कहा था कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से भी है. जिससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं.

‘राहुल का बयान देश की एकता के लिए खतरा’

सिमरन गुप्ता का कहना है कि 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन हुआ था. इस दौरान राहुल ने कहा था कि हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएससे नहीं है, बल्कि इंडिया से भी है. गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी की टिप्पणी देश के लोगों का मजाक उड़ाती है और भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करती है. राहुल की फितरत हमेशा आतंकवादियों और देशद्रोहियों का साथ देने की रही है. वह हमेशा हिंदुओं के लिए और देश के खिलाफ बोलते हैं.

असम में पहले से ही एक FIR दर्ज

सिमरन गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर 18 जनवरी को संभल के जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए उन्होंने आज (गुरुवार) राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में आवेदन दायर किया है. इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ असम में पहले से ही एक FIR दर्ज कराई जा चुकी है.

विशेष MP/MLA कोर्ट में याचिका दायर

गुप्ता के वकील सचिन गोयल ने बताया कि यह मामला विशेष MP/MLA कोर्ट में एसीजेएम आदित्य सिंह के समक्ष धारा 173(4) बीएनएसएस एक्ट के तहत दाखिल किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद का बयान भारतीय लोकतंत्र और संविधान के प्रति अनादर को दर्शाता है और यह देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है. इस तरह के बयान राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं. वकील ने दावा किया कि अदालत ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए स्वीकार कर लिया है. हालांकि अगली तारीख अभी जारी नहीं की गई है.

*MP/MLA विशेष अदालत में नेता विजय और रायबरेली सांसद राहुल गांधी मानिहानि मामले में जिरह पूर्ण न होने पर अगली तिथि 10 जनवरी को तय*
सुल्तानपुर की MP/MLA की विशेष कोर्ट में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के मानहानि मामले में हुई सुनवाई। कोर्ट ने जिरह पूर्ण न होने पर जिरह जारी रखते हुए सुनवाई की अगली तिथि 10 जनवरी नियत की। वर्ष 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान अमित शाह के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी से जुड़ा है मामला। फ़रवरी 2024 में कोर्ट से 25-25 हजार के मुचलके पर मिली थी राहुल गाँधी को जमानत। बीते 16 दिसम्बर को MP/MLA की विशेष कोर्ट में विशेष न्यायाधीश के अवकाश के चलते टल गई थी सुनवाई। उक्त मामले में कोर्ट ने आज गुरुवार को जिरह जारी रखते हुए आगामी 10 जनवरी को जिरह के लिए सुनवाई की तिथि नियत की है।
కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలపై బీఆర్‌ఎస్ ఎమ్మెల్యే ఆసక్తికర కామెంట్స్

పెద్దసార్‌తో(కేసీఆర్) ఐదుగురు కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు టచ్‌లో ఉన్నారు. సీఎం రేవంత్ రెడ్డి పర్యటనలకు దూరంగా ఉంటోన్న కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు బీఆర్ఎస్‌తో టచ్‌లో ఉన్నారు. కేసీఆర్ ఓకే చెప్తే.. కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు గులాబీ కండువా కప్పుకుంటారు అంటూ ఎమ్మెల్యే వివేక్ కామెంట్స్ చేశారు. కొత్త పీసీసీ అధ్యక్షుడు మహేష్ కుమార్ గౌడ్ తన ఉనికి కోసం ఏదో మాట్లాడుతున్నారని మండిపడ్డారు.

కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలను ఉద్దేశించి బీఆర్‌ఎస్ ఎమ్మెల్యే వివేకానందగౌడ్ (BRS MLA Vivek) ఆసక్తికర వ్యాఖ్యలు చేశారు. మంగళవారం మీడియాతో మాట్లాడుతూ.. పెద్దసార్‌తో(కేసీఆర్) ఐదుగురు కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు టచ్‌లో ఉన్నారు. సీఎం రేవంత్ రెడ్డి పర్యటనలకు దూరంగా ఉంటోన్న కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు బీఆర్ఎస్‌తో టచ్‌లో ఉన్నారు. కేసీఆర్ ఓకే చెప్తే.. కాంగ్రెస్ ఎమ్మెల్యేలు గులాబీ కండువా కప్పుకుంటారు అంటూ కామెంట్స్ చేశారు. కొత్త పీసీసీ అధ్యక్షుడు మహేష్ కుమార్ గౌడ్ తన ఉనికి కోసం ఏదో మాట్లాడుతున్నారని మండిపడ్డారు. పీసీసీ అధ్యక్షుడు చెప్పినట్లు తాము కాంగ్రెస్‌తో టచ్‌లో లేమని తెలిపారు.

ప్రజల పక్షాన పోరాడుతున్నందునే హారీష్ రావుపై కేసు పెట్టారని మండిపడ్డారు. ఢిల్లీలో తుమ్మితే ఊడిపోయే ప్రభుత్వం రేవంత్ ప్రభుత్వం అని విమర్శించారు. హర్యానా, మహారాష్ట్ర ఎన్నికలకు మూటలు మోయడానికి రేవంత్ పనిచేస్తున్నారని.. పూర్తిస్థాయి మంత్రివర్గాన్ని కూడా రేవంత్ విస్తరించలేకపోతున్నారన్నారు. కాంగ్రెస్‌లో చేరిన పది మంది బీఆర్ఎస్ ఎమ్మెల్యేలను రేవంత్ నమ్మించి గొంతు కోశారన్నారు. కర్ణాటక, తెలంగాణ ప్రభుత్వాలు శాశ్వత ప్రభుత్వాలు కాదన్నారు. లిమిట్ దాటి పనిచేసే అధికారులను వదిలే ప్రసక్తే లేదని స్పష్టం చేశారు. బీఆర్‌ఎస్ సోషల్ మీడియా కార్యకర్తలను ఇంటిలిజెన్స్ అధికారులను బెదిరిస్తున్నారు అంటూ ఎమ్మెల్యే వివేక్ వెల్లడించారు.

ఏం సాంధిచారని సంబురాలు‌ జరుపుకుంటున్నారో రేవంత్ రెడ్డి చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. కేసీఆర్ హాయాంలోనే తెలంగాణ నవంబర్ రాష్ట్రంగా నిలిచిందన్నారు. మత్స్యకారులు, నాయిని బ్రాహ్మణలు రోడ్ల మీదకు వస్తే.. ప్రత్వం సంబురాలు జరుపుతోందని మండిపడ్డారు. మత్స్యకారులు, నాయి బ్రాహ్మణులవి న్యాయమైన డిమాండ్లు అని తెలిపారు. కేసీఆర్ పథకాలనే ప్రజలు నేటికి గుర్తుచేసుకుంటున్నారన్నారు. నాయి బ్రాహ్మణల ఆందోళనలను బీఆర్ఎస్ అండగా ఉంటుందని స్పష్టం చేశారు. మత్స్య వృత్తిపైన ఆధారపడి జీవిస్తోన్న కుటుంబాలను ప్రభుత్వం ఆదుకోవాలని డిమాండ్ చేశారు. చేతివృత్తుల వారికి అండగా నిలిచిన ఘనత కేసీఆర్ ప్రభుత్వానిదే అని చెప్పుకొచ్చారు. కోతల ముఖ్యమంత్రిగా రేవంత్ రెడ్డి చరిత్రలో నిలిచిపోతారని ఎమ్మెల్యే వివేక్ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

गाजीपुर कोर्ट में पप्पू यादव की पेशी, एनबीडब्ल्यू के मामले में 50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा.

बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट के कटघरे में एक घंटे तक खड़ा रखा गया. उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था, जिसके बाद वह कोर्ट पहुंचे. उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर कोर्ट के द्वारा रिहा किया गया.

साथ ही उनके साथ जो 10 अन्य आरोपी थे उनके गैर हाजिरी का माफी का प्रार्थना पत्र भी अधिवक्ता के द्वारा पेश किया गया.वहीं न्यायालय ने इस मामले पर बहस के लिए चार दिसंबर को अगली तारीख तय किया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि साल 1993 में तब राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव विधायक हुआ करते थे और अपने एक अन्य विधायक साथी के साथ एक लंबे चौड़े काफिले के साथ गाजीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान आने की जानकारी गाजीपुर पुलिस को हुई थी. तब तत्कालीन थाना अध्यक्ष बीएन सिंह ने इन लोगों के काफिले को रुकवाया और पप्पू यादव, उमेश यादव सहित करीब सैकड़ो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बताते हैं कि उस वक्त पप्पू यादव चुनाव सभा में गड़बड़ी उत्पन्न करने के लिए बक्सर उजियार घाट होते हुए गाजीपुर की सीमा में प्रवेश किए थे.

सुनवाई के लिए भेजा MP-MLA कोर्ट

इसी मामले में पुलिस ने आरोप पत्र मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया था. जहां पर मामले में सभी आरोपियों को 31 जुलाई 2023 को दोष मुक्त कर दिया गया. लेकिन उस आदेश के विरुद्ध जिला जज के न्यायालय में 6 सितंबर 2023 को शासकीय अधिवक्ता के द्वारा अपील दाखिल किया गया. उसके बाद जिला जज की अदालत ने मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था

जारी किया गैर जमानती वारंट

एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले में लगातार कार्रवाई चल रही थी. बार-बार पुकार पड़ने के बाद भी आरोपियों की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा था. इसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पप्पू यादव सहित 11 लोगों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट 22 अक्टूबर को जारी किया था. उन्हें 4 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तारीख नियत किया था. लेकिन पप्पू यादव ने कोर्ट के आदेशों के अवहेलना करते हुए उपस्थिति दर्ज नहीं कराई.

50 हजार के मुचलके पर किया रिहा

इसके बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के लिए मोहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक को निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण भी दाखिल करने को कहा. न्यायालय का सख्त रूप देख पप्पू यादव गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया. इस दौरान उन्हें कटघरे में करीब एक घंटे से ऊपर भी रहना पड़ा. इसके बाद गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए 50 हजार रुपये के निजी बंध पत्र पर उन्हें रिहा किया गया. हालांकि, पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं. उन्हें कोर्ट का आदेश पुलिस के द्वारा मिला तो कोर्ट का सम्मान करने के लिए वह न्यायालय में पेश हुए हैं.

मणिपुर में JDU विधायक के घर पर भीड़ ने किया हमला, लूट लिए 1.5 करोड़ रुपये के गहने और 18 लाख कैश

डेस्क: जनता दल यूनाइटेड यानी JDU के एक विधायक के घर पर हमले और लूटपाट की खबर आई है। मणिपुर में JDU के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने शिकायत दर्ज कराई है कि 16 नवंबर को MLA के आवास पर तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने 18 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमले के दौरान पश्चिम इंफाल के थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास पर आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए रखे गए कई सामान को भी बर्बाद कर दिया गया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘थांगमेइबंद निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने इंफाल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि भीड़ के हमले में 18 लाख रुपये कैशऔर 1.5 करोड़ रुपये कीमत की कई कीमती चीजें लूट ली गईं या बर्बाद कर दी गईं। इस संबंध में FIR दर्ज कर ली गई है।’ उन्होंने बताया कि 16 नवंबर की शाम को भीड़ ने विधायक के घर पर करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ की। जब भीड़ ने JDU MLA के घर पर हमला किया था उस वक्त वह घर पर नहीं थे बल्कि अपने किसी परिजन के इलाज के लिए दिल्ली में थे।

जॉयकिशन के घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर टॉम्बिसाना हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थापित रिलीफ कैंप में रह रहे एक विस्थापित शख्स ने कहा, ‘हमारे जैसे लोगों के लिए वहां आलू, प्याज और सर्दियों के कपड़े आदि रखे गए थे, ये सब लूट लिए गए।’ जॉयकिशन की देखरेख में राहत शिविर का मैनेजमेंट करने वाली वॉलंटियर सनयाई ने कहा,‘हमने भीड़ से MLA के आवास में तोड़फोड़ न करने का आग्रह किया, क्योंकि वहां विस्थापितों को बांटा जाने वाला सामान रखा था।’ उन्होंने दावा किया कि लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई।

सनयाई ने दावा किया कि भीड़ ने 3 AC ले जाने की कोशिश की पर नाकाम रही, लेकिन 7 गैस सिलेंडर ले जाने में कामयाब हो गई। उन्होंने बताया कि हमले के दौरान विस्थापित लोगों के दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए और वहां मौजूद एक स्वयंसेवक से मारपीट भी की गई।

मणिपुर में पिछले सप्ताह हिंसा बढ़ने के बाद गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा मेइती समुदाय की 3 महिलाओं और 3 बच्चों के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से लापता होने के बाद भड़की थी। 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद 6 लोग लापता हो गए थे, और बाद में उनकी लाशें मिली थीं।
పట్నం నరేందర్ రెడ్డి పిటిషన్‌పై ముగిసిన వాదనలు

బీఆర్‌ఎస్ మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్ రెడ్డి క్వాష్‌ పిటిషన్‌పై హైకోర్టులో విచారణ జరిగింది. అరెస్టు సమయంలో పోలీసులు కనీస నిబంధనలు పాటించలేదని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు తెలిపారు. హత్యాయత్నం కేస్ తప్ప మిగిలిన సెక్షన్‌లన్నీ 5 సంవత్సరాలలోపు శిక్ష పడేవే అని తెలిపారు.

లగచర్ల ఘటనలో అరెస్ట్ అయిన బీఆర్‌ఎస్ మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్ రెడ్డి (BRS Former MLA Patnam Narender Reddy) వేసిన క్వాష్ పిటిషన్‌పై బుధవారం తెలంగాణ హైకోర్టులో (Telangana high court) విచారణ జరిగింది. నరేందర్ రెడ్డి తరపున గండ్ర మోహన్ రావు వాదనలు వినిపించారు. ఇరువురి వాదనలు ముగిసిన అనంతరం తీర్పును హైకోర్టు రిజర్వ్ చేసింది. అరెస్టు సమయంలో పోలీసులు కనీస నిబంధనలు పాటించలేదని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు తెలిపారు.

హత్యాయత్నం కేస్ తప్ప మిగిలిన సెక్షన్‌లన్నీ 5 సంవత్సరాలలోపు శిక్ష పడేవే అని తెలిపారు. ఘటన జరిగిన రోజు సురేష్‌‌తో పట్నం నరేందర్ ఎన్ని కాల్స్ మాట్లాడారు హైకోర్ట్ ప్రశ్నించారు. 71 డేస్‌లో 84 కాల్స్ ఉన్నందుకు అరెస్ట్ చేయడం సరికాదని న్యాయవాది తెలిపారు. అరెస్టు విషయాన్ని కనీసం కుటుంబసభ్యులకు కూడా చెప్పలేదన్నారు. సుప్రీం కోర్టు తీర్పులను కింది కోర్ట్ కనీసం పరిగణలోకి తీసుకోలేదని.. అరెస్ట్ గ్రౌండ్స్‌ను చూడకుండానే పట్నం నరేందర్ రెడ్డికి రిమాండ్ విధించారని తెలిపారు.

పట్నం నరేందర్ ది అక్రమ అరెస్ట్ అని న్యాయవాది వాదించారు. ఎక్కడ కూడా పోలీసులు లీగల్ ప్రొసీడింగ్స్ ఫాలో కాలేదన్నారు. ఎలాంటి ముందస్తు నోటీసులు ఇవ్వకుండా మాజీ ఎమ్మెల్యేను అరెస్ట్ చేశారన్నారు. 11వ తేదీ సంఘటన జరిగినప్పుడు నరేందర్ రెడ్డి అక్కడ లేరని.. సురేష్ అనే నిందితుడి కాల్ డేటా ఆధారంగా అరెస్ట్ చేశామని పోలీసులు చెబుతున్నారన్నారు. 11వ తేదీ కేవలం ఒకే ఒక సారి సురేష్‌తో నరేందర్ రెడ్డి ఫోన్‌లో మాట్లాడినట్లు చెప్పారు. సుప్రీం కోర్టు తీర్పులను ఉల్లంఘించారని పిటిషనర్ తరపు న్యాయవాది గండ్ర మోహన్ రావు వాదనలు వినిపించారు.

లగచర్ల ఘటనలో ప్రభుత్వాన్ని అస్థిర పరించేందుకు కుట్ర చేశారని తెలిపారు. కలెక్టర్ మీద, అధికారుల మీద దాడులు చేయించారని.. అన్నింటికీ ప్రధాన సూత్రధారి పట్నం నరేందర్ రెడ్డి అని వాదించారు. నరేందర్ రెడ్డికి సంబంధించి ఎలాంటి ఆధారాలు ఉన్నాయని హైకోర్టు ప్రశ్నించింది. తన అనుచరులతో కలిసి స్కెచ్ వేశారని కోర్టుకు పీపీ తెలియజేశారు. ఎవరు అనుచరులు.. అతని హోదా ఏంటి అని ధర్మాసనం మరో ప్రశ్న వేయగా.. సురేష్ అనే వ్యక్తి పట్నం నరేందర్ రెడ్డి ప్రధాన అనుచరుడు అని తెలిపారు. సంఘటన జరిగిన రోజు సురేష్ ... నరేందర్ కాల్స్ మాట్లాడుకున్నారని చెప్పారు. అరెస్ట్ సందర్బంగా ఎలాంటి నియమాలు పాటించారని పీపీని హైకోర్టు అడిగింది.

కేబీఆర్‌ పార్క్‌లో ఒక మాజీ ఎమ్మెల్యేను ఎలా అరెస్ట్ చేస్తారని ధర్మాసనం ప్రశ్నించింది. అయితే కేబీఆర్‌ పార్క్‌లో అరెస్ట్ చేయలేదని తన ఇంట్లో అరెస్ట్ చేశామని కోర్టుకు పీపీ తెలిపారు. సుప్రీం తీర్పులను ఎందుకు పాటించలేదని హైకోర్టు అడుగగా... ఈ కేసులో కుట్ర కోణం ఉందని.. చాలా విషయాలు బయటకు వచ్చాయని పబ్లిక్ ప్రాసిక్యూటర్ వెల్లడించారు. ఇరువురి వాదనలు ముగిసిన అనంతరం... ప్రత్యక్ష సాక్షుల స్టేట్మెంట్‌ను సబ్మిట్ చేయాలని పోలీసులకు ధర్మాసనం ఆదేశించింది. అనంతరం తీర్పును హైకోర్టు రిజర్వ్ చేసింది.

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యం

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యమని ఎమ్మెల్యే మర్రి రాజశేఖర్‌ రెడ్డి అన్నారు. మల్కాజిగిరి సర్కిల్‌ పరిధిలోని వక్ఫ్‌ బోర్డు భూములని(Waqf Board Lands) కొన్ని సర్వే నంబర్లలో రిజిస్ట్రేషన్‌లను నిలిపివేయడంలో ప్రజలలో గందరగోళం ఏర్పడిందన్నారు.

రిజిస్ట్రేషన్‌ల నిలిపివేత అప్రజాస్వామ్యమని ఎమ్మెల్యే మర్రి రాజశేఖర్‌ రెడ్డి అన్నారు. శుక్రవారం బోయిన్‌పల్లి క్యాంప్‌ కార్యాలయంలో ఎమ్మెల్యే (MLA Rajasekhar Reddy) మాట్లాడుతూ.. మల్కాజిగిరి సర్కిల్‌ పరిధిలోని వక్ఫ్‌ బోర్డు భూములని(Waqf Board Lands) కొన్ని సర్వే నంబర్లలో రిజిస్ట్రేషన్‌లను నిలిపివేయడంలో ప్రజలలో గందరగోళం ఏర్పడిందన్నారు. కొన్ని దశాబ్దాలుగా అన్ని రకాల ప్రభుత్వ పన్నులు కట్టి 40గజాలు, 50గజాలు, 100గజాలలో పేదలు ఇండ్లు కట్టుకుని నివసిస్తున్నారని పేర్కొన్నారు.

ప్రభుత్వం విద్యుత్‌ కనెక్షన్‌లు, సీసీ రోడ్లు, స్ట్రీట్‌ లైట్లు, డ్రైనేజీ సౌకర్యం కల్పించాయి. పేదల కోసం వక్ఫ్‌ బోర్డు కొన్ని సవరణలు చేయాల్సిఉందని, లేదంటే ప్రజల పక్షాన నిలబడి వారికి చట్ట బద్దంగా న్యాయం జరిగేలా పోరాటం చేస్తామని అన్నారు. వక్ఫ్‌ బోర్డు తమ భూమిఅని చెబుతున్న సర్వే నంబర్‌ 398, 399లో దాదాపు 20ఎకరాల ఖాళీగా ఉన్న భూమి రిజిస్ట్రేషన్‌ చట్టం సెక్షన్‌ 22ఎ నిషేధిత జాబితాలో ఉన్న ఆ ఖాళీ భూమిని తమదంటూ ఇతరులు స్థానిక పోలీసుల సహకారంతో కబ్జాలో ఉన్నారని అన్నారు.

ఈ భూమిని కాపాడాల్సిన వక్ఫ్‌ బోర్డు సీఈఓ, జిల్లా ఇన్‌స్పెక్టర్‌ ఆఫ్‌ ఆడిటర్‌(వక్ఫ్‌), మూతవాలి వక్ఫ్‌ బోర్డు చట్టం సెక్షన్‌ 52ఎ కింద కేసులు నమోదు చేయడంలో విఫలమయరన్నారు. ఇప్పటికైనా ఆ భూమిని కాపాడాలని, కబ్జా చేసిన వారిపై వక్ఫ్‌ బోర్డు చట్టం సెక్షన్‌ 52ఎ కింద పోలీస్‌ స్టేషన్‌లో క్రిమినల్‌ కేసు నమోదు చేయాలని ఎమ్మెల్యే డిమాండ్‌ చేశారు. పేద ప్రజల కోసం న్యాయపరంగా ఏ సాయం చేయడానికైనా సిద్ధంగా ఉన్నామని ఎమ్మెల్యే తెలిపారు.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 निरस्त के खिलाफ प्रस्ताव, सीएम अब्दुल्ला बोले-इसका कोई औचित्य नहीं

#pdpmlamovesresolutionopposingabrogationofarticle370jk_assembly

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद सोमवार को विधानसभा की पहली बैठक शुरू हुई। विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया। दरअसल, सत्र के पहले ही दिन पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान ने सदन में जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू करने और राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर दिया। बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमानपारा ने अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। भाजपा द्वारा टिप्पणी को हटाने और प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।

इस प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं- उमर अब्दुल्ला

वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव की कोई अहमियत नहीं है। सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। हमें पता था कि इसके लिए एक सदस्य द्वारा तैयारी की जा रही है। वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के नतीजे अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा।

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी विधायक द्वारा आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, यह केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। इसके बाद उन्होंने स्पीकर से सदन को स्थगित करने का रिक्वेस्ट किया। इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।

महबूबा ने प्रस्ताव की सराहना की

पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए पीडीपी नेता की सराहना की। महबूबा मुफ़्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करने और विशेष दर्जा बहाल करने के संकल्प के लिए वहीद पारा द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने पर मुझे गर्व है।

अब्दुल रहीम राथर चुने गए स्पीकर

इस बीच सदन में सोमवार को उसके अध्यक्ष का चुनाव हुआ। विधायक अब्दुल रहीम राथर को सदन का स्पीकर चुना गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह पूरे सदन की ओर से राथर को बधाई देते हैं। आप स्पीकर पद के स्वाभाविक दावेदार थे। आपका किसी एक भी सदस्य ने विरोध नहीं किया। अब आप इस सदन के कस्टोडियन हैं।