राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

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पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

महायुति में महाभारतः महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस में नया तकरार

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महाराष्ट्र की सियासत में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के नाराजगी की लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच संघर्ष नजर आ रहा है। इस बार दोनों के ऑफिस को लेकर तकरार सामने आया है। दरअसल, सीएम फडणवीस ने मंत्रालय के 7वें फ्लोर में सीएम हेल्प डेस्क और मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बनाया है। ठीक उसके बगल में डिप्टी सीएम शिंदे ने उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बना दिया।डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के एक फैसले ने महायुति सरकार में ताजा टकराव के संकेत दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष (सीएमआरएफ) सेल का कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित अपने स्वयं के उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है। यह पहली बार है जब किसी उप मुख्यमंत्री ने एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष सेल पहले से ही मौजूद है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. रामेश्वर नाईक को अपने सीएमआरएफ सेल का प्रमुख नियुक्त किया और मुख्यमंत्री बनने के बाद मौजूदा प्रमुख मंगेश चिवटे को हटा दिया। चिवटे शिंदे के करीबी विश्वासपात्र हैं, जो शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए सेल का नेतृत्व कर रहे थे। अब चिवटे को उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

सीएम मेडिकल हेल्प सेल होने के बावजूद उप मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष खोलना और फडणवीस ने जिसे सेल से हटाया उन्हें अपने सेल का हेड बनाना साफ बता रहा है कि फडणवीस और शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम न बनाए जाने से लगातार नाराज चल रहे हैं। उसके बाद से एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जिससे वह अपनी नाखुशी जता रहे हैं। इस बीच उनका अलग अपना मेडिकल सेल बनाना सवाल उठाने लगा है।

एकनाथ शिंदे की डिमांड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर नहीं हो रही राजी

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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति गठबंधन में पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दिनों तक विवाद चला था और अब मंत्रालयों पर खूब खींचतान हो रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग पकड़ ली है। हालांकि, भाजपा इसे देने को तैयार नहीं है।अब खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय की जगह 3 अन्य मंत्रालयों में से चुनने का विकल्प दिया है।

भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है। शनिवार को महाराष्‍ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक पद की शपथ भी ले ली है। वहीं महाराष्‍ट्र सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे और महत्वपूर्ण मंत्री पदों को लेकर जंग तेज हो चुकी है।सरकार के गठन के पहले से एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं वहीं उपमुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍होंने एक बार फिर भाजपा के सामने गृह मंत्रालय की डिमांड रख दी है। जिसने भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है।

शिंदे की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं

मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है। सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है।ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को साफ कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।"भाजपा ने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।

शिवसेना कर रही शिंदे के पक्ष में वकालत

शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है, केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।

किन मंत्रालयों पर फंसा है पेंच?

महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। भाजपा और शिंदे सेना इस पर दावेदारी कर रहे हैं।इसके अलावा वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास, सिंचाई और सामान्य प्रशासन जैसे मंत्रालयों को लेकर भी मतभेद है। पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने जीत दर्ज की थी, इस वजह से सहमति बनाना और मुश्किल हो गया है।

कैसा हो सकता है मंत्रिमंडल?

रिपोर्ट के मुताबिक, महायुति में मंत्रिमंडल को लेकर 6 विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला तय हुआ है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22, शिंदे गुट को 12 और अजित गुट को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

दादा को अनुभव है शाम और सुबह भी लेने का, जब शपथ लेने को लेकर शिंदे ने ली अजित पवार की चुटकी

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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस कल शपथ लेंगे। हालांकि, एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं इसपर संशय बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि कल तक का इंतजार करो। इससे पहले आज महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। वहीं इसके बाद महायुति के तीनों नेताओं (एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें एकनाथ शिंदे और अजित पवार एक-दूसरे के बयानों पर मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते नजर आए हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस और शिंदे दोनों ने कहा कि कितने और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कल 5:30 बजे आजाद मैदान में होगा। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम होगा।

मीडिया ने सवाल पूछा कि शिंदे और पवार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे? इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह सब आपको बुधवार शाम तक पता चल जाएगा। तभी अजित पवार बीच में बोलते हैं कि शाम तक उनका समझ में आएगा, मैं तो शपथ लेने वाला हूं। जिसके बाद राजभवन में ठहाके लगे। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि दादा को सुबह और शाम कभी भी शपथ ले सकते हैं।अजित दादा को दिन में और शाम को शपथ लेने का अनुभव है। जिसपर पवार ने कहा कि पहले तो सुबह शपथ ले ली थी, तो कुछ रह गया था इसलिए अब शाम को शपथ लेंगे मजबूती के साथ।

यह सुनते ही पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर हंसी गूंज उठी। शिंदे का यह बयान पिछले सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा था, जब 2019 में अजित पवार ने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन उसी शाम वे महाविकास अघाड़ी में शामिल हो गए थे और सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया था।

दादा को अनुभव है शाम और सुबह भी लेने का, जब शपथ लेने को लेकर शिंदे ने ली अजित पवार की चुटकी

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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस कल शपथ लेंगे। हालांकि, एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं इसपर संशय बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि कल तक का इंतजार करो। इससे पहले आज महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। वहीं इसके बाद महायुति के तीनों नेताओं (एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें एकनाथ शिंदे और अजित पवार एक-दूसरे के बयानों पर मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते नजर आए हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस और शिंदे दोनों ने कहा कि कितने और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कल 5:30 बजे आजाद मैदान में होगा। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम होगा।

मीडिया ने सवाल पूछा कि शिंदे और पवार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे? इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह सब आपको बुधवार शाम तक पता चल जाएगा। तभी अजित पवार बीच में बोलते हैं कि शाम तक उनका समझ में आएगा, मैं तो शपथ लेने वाला हूं। जिसके बाद राजभवन में ठहाके लगे। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि दादा को सुबह और शाम कभी भी शपथ ले सकते हैं।अजित दादा को दिन में और शाम को शपथ लेने का अनुभव है। जिसपर पवार ने कहा कि पहले तो सुबह शपथ ले ली थी, तो कुछ रह गया था इसलिए अब शाम को शपथ लेंगे मजबूती के साथ।

यह सुनते ही पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर हंसी गूंज उठी। शिंदे का यह बयान पिछले सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा था, जब 2019 में अजित पवार ने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन उसी शाम वे महाविकास अघाड़ी में शामिल हो गए थे और सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया था।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

महाराष्ट्र में सीएम पद पर आज होगा फैसला, शिंदे देंगे साथ या बढ़ाएंगे तनाव?

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महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।

24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे शिंदे

शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी दिलचस्पी महाराष्ट्र की राजनीति में है। संजय शिरसाट ने कहा, महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को- संजय शिरसाट

शिवसेना नेता ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं। 24 घंटे तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला लेंगे। मुझे जानकारी है कि शपथ ग्रहण समारोह दो दिसंबर को होगा।

क्या चल रहा है शिंदे के मन में?

इससे पहले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में सरकार गठन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले सीएम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए फैसलों का पालन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया है कि अगर फडणवीस के नाम पर विचार किया जा रहा है तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लें। हालांकि, ऐसी खबरें भी हैं कि एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से किसी और को इस पद के लिए विचार किया जाएगा।

क्या नाराज हैं एकनाथ शिंदे, अचानक क्यों चले गए अपने गांव? सरकार गठन का फैसला अधर में लटका

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महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 6 दिन बीत चुके हैं, विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला अधर में लटका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच दो बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. पहला, महायुति की अहम बैठक होने वाली थी, जिससे टाल दिया गया है। दूसरी तरफ दिल्‍ली यात्रा के बाद महाराष्‍ट्र के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने गांव के लिए निकल गए हैं। ऐसे वक्‍त में जब गठबंधन की तरफ से मुख्‍यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया गया है, एकनाथ शिंदे के मुंबई छोड़ने पर कई तरह की बातें होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या एकनाथ शिंदे रूठे हुए हैं?

हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?

इस बीच बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए कई प्रस्ताव बनाए, मगर वह नहीं माने। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए।

अब सवाल उठता है कि महायुति की शुक्रवार के होने वाली बैठक अचानक से रद्द क्‍यों कर दी गई? आखिर कौन सी वजह थी जिसके चलते मीटिंग टालनी पड़ गई? सूत्रों के अनुसार, अब पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद महायुति की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल होंगे। दिलचस्‍प बात यह है कि महायुति की तरफ से अभी तक मुख्‍यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख और तिथि तय कर दी गई है

रिपोर्टस के मुताबिक, गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। इस दलीलों से शिंदे नहीं माने। अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। शिवसेना का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा।

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
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* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन ? एकनाथ शिंदे ने कहा, पीएम मोदी का फैसला होगा अंतिम

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महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस के बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह महायुति गठबंधन के सीएम पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को स्वीकार करेंगे। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने पीएम मोदी को परिवार का मुखिया बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को उन्हें सरकार गठन में बाधा नहीं समझना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई समस्या आती है, तो अपने मन में कोई संदेह न लाएं और जो भी फैसला लें, वह मुझे मंजूर है। आप हमारे परिवार के मुखिया हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी और अमित शाह से कहा कि उन्हें मुझे बाधा के तौर पर नहीं देखना चाहिए। मैं उनके द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहूंगा।" एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि उनकी पार्टी प्रतिष्ठित पद के बारे में भाजपा नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि उनका फैसला उन पर और शिवसेना पर बाध्यकारी होगा। शिंदे ने कहा कि उन्होंने एक आम आदमी की तरह काम किया है और खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं माना। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा तय किया था कि जब मैं सत्ता में आऊंगा, तो मैं इसे जनता को लौटाऊंगा क्योंकि मैं एक गरीब परिवार से आया हूं, इसलिए मैं राज्य के लोगों के दर्द और कठिनाइयों को समझ सकता हूं।" 

उन्होंने कहा कि एक सीएम के तौर पर उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और पीएम मोदी के आदर्शों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 2.5 सालों में किए गए सभी कामों से बहुत संतुष्ट हूं। मैं परेशान होने वाला नहीं हूं, हम ऐसे लोग हैं जो लड़ते हैं, लोगों के लिए लड़ते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं जो भी काम करूंगा, महाराष्ट्र के लोगों के लिए करूंगा। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मुझे क्या मिलता है, बल्कि यह है कि राज्य के लोगों को क्या मिलता है।" एकनाथ शिंदे के आज बाद में दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है। महायुति के सभी सहयोगियों की पीएम मोदी और शाह के साथ बैठक भी प्रस्तावित है।

इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने सीएम पद पर अपने रुख के लिए एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमेशा हमारे केंद्रीय नेतृत्व का सम्मान किया है और उनकी बात मानी है। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्देश का पालन किया है। उन्होंने एक सच्चे महायुति नेता के रूप में काम किया है। हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद और बधाई देते हैं।" शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में शीर्ष राजनीतिक पद पर कौन होगा, इस पर महायुति गठबंधन के भीतर गहन बातचीत की खबरें आ रही हैं।

एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दोनों ही इस पद के लिए होड़ में थे

शिवसेना ने बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की व्यवस्था का हवाला देते हुए इस पद की मांग की थी, जहां गठबंधन में छोटे भागीदार होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, भाजपा ने कहा कि बिहार का फॉर्मूला महाराष्ट्र पर लागू नहीं होगा। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें हासिल कीं, जिससे फडणवीस सीएम पद के लिए पसंदीदा बन गए। शिवसेना में विभाजन की साजिश रचने और भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एकनाथ शिंदे 2022 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कल इस्तीफा दे दिया।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

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पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

महायुति में महाभारतः महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस में नया तकरार

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महाराष्ट्र की सियासत में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के नाराजगी की लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच संघर्ष नजर आ रहा है। इस बार दोनों के ऑफिस को लेकर तकरार सामने आया है। दरअसल, सीएम फडणवीस ने मंत्रालय के 7वें फ्लोर में सीएम हेल्प डेस्क और मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बनाया है। ठीक उसके बगल में डिप्टी सीएम शिंदे ने उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बना दिया।डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के एक फैसले ने महायुति सरकार में ताजा टकराव के संकेत दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष (सीएमआरएफ) सेल का कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित अपने स्वयं के उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है। यह पहली बार है जब किसी उप मुख्यमंत्री ने एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष सेल पहले से ही मौजूद है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. रामेश्वर नाईक को अपने सीएमआरएफ सेल का प्रमुख नियुक्त किया और मुख्यमंत्री बनने के बाद मौजूदा प्रमुख मंगेश चिवटे को हटा दिया। चिवटे शिंदे के करीबी विश्वासपात्र हैं, जो शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए सेल का नेतृत्व कर रहे थे। अब चिवटे को उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

सीएम मेडिकल हेल्प सेल होने के बावजूद उप मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष खोलना और फडणवीस ने जिसे सेल से हटाया उन्हें अपने सेल का हेड बनाना साफ बता रहा है कि फडणवीस और शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम न बनाए जाने से लगातार नाराज चल रहे हैं। उसके बाद से एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जिससे वह अपनी नाखुशी जता रहे हैं। इस बीच उनका अलग अपना मेडिकल सेल बनाना सवाल उठाने लगा है।

एकनाथ शिंदे की डिमांड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर नहीं हो रही राजी

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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति गठबंधन में पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दिनों तक विवाद चला था और अब मंत्रालयों पर खूब खींचतान हो रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग पकड़ ली है। हालांकि, भाजपा इसे देने को तैयार नहीं है।अब खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय की जगह 3 अन्य मंत्रालयों में से चुनने का विकल्प दिया है।

भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है। शनिवार को महाराष्‍ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक पद की शपथ भी ले ली है। वहीं महाराष्‍ट्र सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे और महत्वपूर्ण मंत्री पदों को लेकर जंग तेज हो चुकी है।सरकार के गठन के पहले से एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं वहीं उपमुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍होंने एक बार फिर भाजपा के सामने गृह मंत्रालय की डिमांड रख दी है। जिसने भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है।

शिंदे की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं

मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है। सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है।ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को साफ कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।"भाजपा ने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।

शिवसेना कर रही शिंदे के पक्ष में वकालत

शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है, केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।

किन मंत्रालयों पर फंसा है पेंच?

महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। भाजपा और शिंदे सेना इस पर दावेदारी कर रहे हैं।इसके अलावा वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास, सिंचाई और सामान्य प्रशासन जैसे मंत्रालयों को लेकर भी मतभेद है। पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने जीत दर्ज की थी, इस वजह से सहमति बनाना और मुश्किल हो गया है।

कैसा हो सकता है मंत्रिमंडल?

रिपोर्ट के मुताबिक, महायुति में मंत्रिमंडल को लेकर 6 विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला तय हुआ है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22, शिंदे गुट को 12 और अजित गुट को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

दादा को अनुभव है शाम और सुबह भी लेने का, जब शपथ लेने को लेकर शिंदे ने ली अजित पवार की चुटकी

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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस कल शपथ लेंगे। हालांकि, एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं इसपर संशय बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि कल तक का इंतजार करो। इससे पहले आज महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। वहीं इसके बाद महायुति के तीनों नेताओं (एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें एकनाथ शिंदे और अजित पवार एक-दूसरे के बयानों पर मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते नजर आए हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस और शिंदे दोनों ने कहा कि कितने और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कल 5:30 बजे आजाद मैदान में होगा। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम होगा।

मीडिया ने सवाल पूछा कि शिंदे और पवार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे? इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह सब आपको बुधवार शाम तक पता चल जाएगा। तभी अजित पवार बीच में बोलते हैं कि शाम तक उनका समझ में आएगा, मैं तो शपथ लेने वाला हूं। जिसके बाद राजभवन में ठहाके लगे। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि दादा को सुबह और शाम कभी भी शपथ ले सकते हैं।अजित दादा को दिन में और शाम को शपथ लेने का अनुभव है। जिसपर पवार ने कहा कि पहले तो सुबह शपथ ले ली थी, तो कुछ रह गया था इसलिए अब शाम को शपथ लेंगे मजबूती के साथ।

यह सुनते ही पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर हंसी गूंज उठी। शिंदे का यह बयान पिछले सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा था, जब 2019 में अजित पवार ने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन उसी शाम वे महाविकास अघाड़ी में शामिल हो गए थे और सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया था।

दादा को अनुभव है शाम और सुबह भी लेने का, जब शपथ लेने को लेकर शिंदे ने ली अजित पवार की चुटकी

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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस कल शपथ लेंगे। हालांकि, एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं इसपर संशय बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि कल तक का इंतजार करो। इससे पहले आज महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। वहीं इसके बाद महायुति के तीनों नेताओं (एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें एकनाथ शिंदे और अजित पवार एक-दूसरे के बयानों पर मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते नजर आए हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस और शिंदे दोनों ने कहा कि कितने और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कल 5:30 बजे आजाद मैदान में होगा। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम होगा।

मीडिया ने सवाल पूछा कि शिंदे और पवार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे? इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह सब आपको बुधवार शाम तक पता चल जाएगा। तभी अजित पवार बीच में बोलते हैं कि शाम तक उनका समझ में आएगा, मैं तो शपथ लेने वाला हूं। जिसके बाद राजभवन में ठहाके लगे। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि दादा को सुबह और शाम कभी भी शपथ ले सकते हैं।अजित दादा को दिन में और शाम को शपथ लेने का अनुभव है। जिसपर पवार ने कहा कि पहले तो सुबह शपथ ले ली थी, तो कुछ रह गया था इसलिए अब शाम को शपथ लेंगे मजबूती के साथ।

यह सुनते ही पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर हंसी गूंज उठी। शिंदे का यह बयान पिछले सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा था, जब 2019 में अजित पवार ने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन उसी शाम वे महाविकास अघाड़ी में शामिल हो गए थे और सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया था।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

महाराष्ट्र में सीएम पद पर आज होगा फैसला, शिंदे देंगे साथ या बढ़ाएंगे तनाव?

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महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।

24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे शिंदे

शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी दिलचस्पी महाराष्ट्र की राजनीति में है। संजय शिरसाट ने कहा, महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को- संजय शिरसाट

शिवसेना नेता ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं। 24 घंटे तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला लेंगे। मुझे जानकारी है कि शपथ ग्रहण समारोह दो दिसंबर को होगा।

क्या चल रहा है शिंदे के मन में?

इससे पहले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में सरकार गठन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले सीएम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए फैसलों का पालन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया है कि अगर फडणवीस के नाम पर विचार किया जा रहा है तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लें। हालांकि, ऐसी खबरें भी हैं कि एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से किसी और को इस पद के लिए विचार किया जाएगा।

क्या नाराज हैं एकनाथ शिंदे, अचानक क्यों चले गए अपने गांव? सरकार गठन का फैसला अधर में लटका

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महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 6 दिन बीत चुके हैं, विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला अधर में लटका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच दो बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. पहला, महायुति की अहम बैठक होने वाली थी, जिससे टाल दिया गया है। दूसरी तरफ दिल्‍ली यात्रा के बाद महाराष्‍ट्र के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने गांव के लिए निकल गए हैं। ऐसे वक्‍त में जब गठबंधन की तरफ से मुख्‍यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया गया है, एकनाथ शिंदे के मुंबई छोड़ने पर कई तरह की बातें होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या एकनाथ शिंदे रूठे हुए हैं?

हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?

इस बीच बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए कई प्रस्ताव बनाए, मगर वह नहीं माने। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए।

अब सवाल उठता है कि महायुति की शुक्रवार के होने वाली बैठक अचानक से रद्द क्‍यों कर दी गई? आखिर कौन सी वजह थी जिसके चलते मीटिंग टालनी पड़ गई? सूत्रों के अनुसार, अब पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद महायुति की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल होंगे। दिलचस्‍प बात यह है कि महायुति की तरफ से अभी तक मुख्‍यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख और तिथि तय कर दी गई है

रिपोर्टस के मुताबिक, गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। इस दलीलों से शिंदे नहीं माने। अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। शिवसेना का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा।

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
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* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन ? एकनाथ शिंदे ने कहा, पीएम मोदी का फैसला होगा अंतिम

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महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस के बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह महायुति गठबंधन के सीएम पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को स्वीकार करेंगे। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने पीएम मोदी को परिवार का मुखिया बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को उन्हें सरकार गठन में बाधा नहीं समझना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई समस्या आती है, तो अपने मन में कोई संदेह न लाएं और जो भी फैसला लें, वह मुझे मंजूर है। आप हमारे परिवार के मुखिया हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी और अमित शाह से कहा कि उन्हें मुझे बाधा के तौर पर नहीं देखना चाहिए। मैं उनके द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहूंगा।" एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि उनकी पार्टी प्रतिष्ठित पद के बारे में भाजपा नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि उनका फैसला उन पर और शिवसेना पर बाध्यकारी होगा। शिंदे ने कहा कि उन्होंने एक आम आदमी की तरह काम किया है और खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं माना। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा तय किया था कि जब मैं सत्ता में आऊंगा, तो मैं इसे जनता को लौटाऊंगा क्योंकि मैं एक गरीब परिवार से आया हूं, इसलिए मैं राज्य के लोगों के दर्द और कठिनाइयों को समझ सकता हूं।" 

उन्होंने कहा कि एक सीएम के तौर पर उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और पीएम मोदी के आदर्शों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 2.5 सालों में किए गए सभी कामों से बहुत संतुष्ट हूं। मैं परेशान होने वाला नहीं हूं, हम ऐसे लोग हैं जो लड़ते हैं, लोगों के लिए लड़ते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं जो भी काम करूंगा, महाराष्ट्र के लोगों के लिए करूंगा। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मुझे क्या मिलता है, बल्कि यह है कि राज्य के लोगों को क्या मिलता है।" एकनाथ शिंदे के आज बाद में दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है। महायुति के सभी सहयोगियों की पीएम मोदी और शाह के साथ बैठक भी प्रस्तावित है।

इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने सीएम पद पर अपने रुख के लिए एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमेशा हमारे केंद्रीय नेतृत्व का सम्मान किया है और उनकी बात मानी है। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्देश का पालन किया है। उन्होंने एक सच्चे महायुति नेता के रूप में काम किया है। हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद और बधाई देते हैं।" शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में शीर्ष राजनीतिक पद पर कौन होगा, इस पर महायुति गठबंधन के भीतर गहन बातचीत की खबरें आ रही हैं।

एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दोनों ही इस पद के लिए होड़ में थे

शिवसेना ने बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की व्यवस्था का हवाला देते हुए इस पद की मांग की थी, जहां गठबंधन में छोटे भागीदार होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, भाजपा ने कहा कि बिहार का फॉर्मूला महाराष्ट्र पर लागू नहीं होगा। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें हासिल कीं, जिससे फडणवीस सीएम पद के लिए पसंदीदा बन गए। शिवसेना में विभाजन की साजिश रचने और भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एकनाथ शिंदे 2022 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कल इस्तीफा दे दिया।