पर्दे पर सबसे चमकता सितारा, लेकिन राजनीति नहीं आई रास, जानें कैसा रहा सियासी सफर

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बॉलीबुड के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र ने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। धर्मेद्र के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से लेकर बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है।

अपने दमदार अभिनय के दम पर धर्मेद्र ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। भारत के पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में आने का फैसला लिया था। हालांकि, जल्द ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया। धर्मेंद्र का करियर सिनेमाई पर्दे पर जितना जादुई रहा उतना ही राजनीतिक पिच से वे निराश होकर लौटे।

बीकानेर से की राजनीतिक सफर की शुरुआत

धर्मेंद्र ने राजस्थान के बीकानेर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बीकानेर सीट से वो भारतीय जनता पार्टी के सांसद रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था। इस चुनाव में धर्मेंद्र ने 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की और सांसद बन गए। उन्होंने इस संसदीय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था।

आडवाणी के कहने पर आए राजनीति में

धर्मेंद्र ने राजनीति में आने का फैसला ले तो लिया, लेकिन पॉलिटिक्स उन्हें ज्यादा रास नहीं आई। आडवाणी के कहने पर राजनीति में आने वाले धर्मेंद्र का जल्द ही इससे मोहभंग हो गया। सांसद रहते हुए धर्मेंद्र भी ज्यादार समय मुंबई में व्यस्त रहते थे। इसे लेकर बीकानेर में उनकी काफी आलोचना भी हुई। शहर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगे थे। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। सांसद के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने राजनीति को अलविदा कह दिया।

क्यों राजनीति से हुआ मोहभंग

कई इंटरव्यू में धर्मेंद्र स्पष्ट कह चुके हैं कि राजनीति की भाषा, उसके तौर-तरीके और उसके लोग उन्हें रास नहीं आए। उनका कहना था कि उन्होंने बीकानेर के लिए कई विकास कार्य करवाए, लेकिन सत्ता और सिस्टम की उलझनों में क्रेडिट किसी और के खाते में चला जाता था। फिर धर्मेंद्र ने खुलकर मान लिया, संसद और राजनीति मेरे बस की बात नहीं थी।

झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

दिल्ली के बाद पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में धमाका, 12 लोगों की मौत

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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद मंगलवार दोपहर उस वक्त दहल उठी जब जिला अदालत के बाहर जोरदार धमाका हुआ। इस विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज छह किलोमीटर दूर तक सुनी गई।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के सेक्टर जी-11 में कचहरी के बाहर धमाका हुआ है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने मीडिया को बताया है कि इस घटना में 12 लोगों की मौत हुई है और 27 लोग जख़्मी हुए हैं। मोहसिन नकवी ने बताया है, दोपहर 12.39 बजे कचहरी पर एक आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले से बड़ा नुक़सान हुआ है जिसमें 12 लोग शहीद हो चुके हैं और 27 के क़रीब जख़्मी हैं, जिनका इलाज जारी है।

रक्षा मंत्री ने कहा- पाकिस्तान जंग के हालात में

इस घटना के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने एक्स पर पोस्ट करके कहा है कि पाकिस्तान जंग के हालात में है। उन्होंने एक्स पर लिखा, अगर कोई यह सोचता है कि पाकिस्तान की सेना अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र और सुदूर बलूचिस्तान के इलाक़ों में जंग लड़ रही है तो आज इस्लामाबाद ज़िला कचहरी में हुआ आत्मघाती हमला एक वेकअप कॉल है कि यह सारे पाकिस्तान की जंग है। जनता की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सेना रोज़ाना बलिदान दे रही है। इस माहौल में काबुल के शासकों से कामयाब बातचीत की उम्मीद रखना निरर्थक है। काबुल के शासक पाकिस्तान में दहशतगर्दी को रोक सकते हैं लेकिन इस्लामाबाद तक जंग को लाना काबुल से एक पैग़ाम है जिसका पाकिस्तान भरपूर जवाब देने की पूरी ताक़त रखता है।

सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

क्या तालिबान को औपचारिक रूप से मान्यता देगा भारत? अफगानी विदेश मंत्री की बड़ी मांग

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अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी गुरुवार को एक हफ्ते की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल से दिल्ली तक यह पहली मंत्री स्तर की यात्रा है। आज अमीर खान मुत्तकी विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भी मिलेंगे। इससे ठीक पहले तालिबान ने खुलकर अपनी बड़ी डिमांड रख दी है। वह चाहते है कि भारत तालिबानी सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता दे।

इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मान्यता देने की मांग

तालिबान के कतर स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख और अफगानिस्तान के राजदूत सुहैल शाहीन ने कहा, यह समय है कि भारत और अफगानिस्तान दोनों देश अपने संबंधों को एक नया राजनयिक स्तर दें और इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मान्यता देकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का रास्ता खोलें। उन्होंने कहा, यह पहली बार है जब हमारे विदेश मंत्री भारत की यात्रा कर रहे हैं, और यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत करेगी।

भारत का क्या है कहना?

वहीं, भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता देने में जल्दी नहीं दिखा रही हैं। दरअसल, दिल्ली ने पहले ही कहा है कि उसकी रणनीति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख के अनुकूल रहेगी। कई देशों ने तालिबान की ओर से नियुक्त अधिकारियों को राजनयिक तौर पर स्वीकार किया है, पर रूस ही एक ऐसा देश रहा है जिसने सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता दी है। भारत ने बार-बार कहा है कि वह एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय अफगानिस्तान चाहता है, जहाँ सभी समुदायों-महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों-के हक सुरक्षित हों। इसके अलावा भारत अफगानिस्तान से यह भी गारंटी चाहता है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।

झंडे का प्रोटोकॉल बना चुनौती

हालांकि, अब मुत्तकी की यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने एक कूटनीतिक समस्या पैदा हो गई है। दरअसल, मुत्तकी की शुक्रवार को विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात हो सकती है। कूटनीतिक प्रोटोकॉल के अनुसार मेजबान देश (भारत) का झंडा और मेहमान मंत्री के देश का झंडा दोनों उनके पीछे या मेज पर रखे जाने चाहिए।

हालांकि, भारत ने अभी तक तालिबान-शासित अफगानिस्तान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इसी वजह से भारत ने तालिबान को अफगान दूतावास में अपना झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी है। दूतावास में अभी भी इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का झंडा फहराया जाता है (यह वह शासन था जिसका नेतृत्व अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी कर रहे थे)। अब तक यही नियम चला आ रहा है। अब सवाल है कि जब मुत्तकी, जयशंकर से मिलेंगे तो उनके पीछे कौन सा झंडा लगेगा?

दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ा

हालांकि, मुत्ताकी का स्वागत करने का भारत का फैसला इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच विश्वास का स्तर बढ़ रहा है। तालिबान भारत से चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना आर्थिक निवेश और उपस्थिति बढ़ाए।

कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा गोरखपुर के इण्टरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट वर्कशॉप और सेमिनार में आमंत्रित कलाकार।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अंतर्राष्ट्रीय कला जगत में प्रयागराज एवं भारत का नाम रोशन करने वाले प्रयागराज के मशहूर चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा को गोरखपुर में आयोजित वसुधैव कुटुंबकम् चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मित्रता कला शिविर एवं सगोष्ठी में सादर आमंत्रित किया गया है।अभी-अभी रवीन्द्र कुशवाहा की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी अमेरिका के जर्मनटाउन में धूम मचाकर आई है तथा अगली अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी इनकी नार्वे स्वीडन में आयोजित है।

ललितकला संस्थान ललिता ए ट्रस्ट ऑफ फाइन आर्ट, फोक आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट एंड कल्चर तथा राज्य ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 6 देशों के 64 प्रख्यात कलाकार जो चार दिवसीय इंटरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट कैम्प एण्ड सेमिनार में अपनी रचनात्मक कला व भावपूर्ण चित्रण का जलवा बिखेरेंगे ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र एक अगस्त से, कुल 5 बैठकें होंगी

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झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

मानसून सत्र में होगी कुल 5 सत्र

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार राज्य से जुड़ी आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं, रोजगार, भूमि सुधार और जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर चर्चा होगी। वहीं विपक्ष भी राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयार है।

कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर लगी है। योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जिला को आवंटित में बढ़ोतरी की गई है। पथ निर्माण विभाग को सिल्ली रंगा माटी रोड के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही रांची जिला अंतर्गत कुमारिया मोड से पिठौरिया रोड के पुनर्निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

डॉ अरविंद कुमार लाल तत्कालीन सिविल सर्जन जमशेदपुर की सेवा से बर्खास्ती को निरस्त करने के संबंध में फैसला लिया गया। दो चिकित्सा सेवा अधिकारी को सेवा समाप्त करने की स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल रांची ग्रामीण अंतर्गत दिल्ली हजम रंगमती पाठ कुल लंबाई 39 किलोमीटर सुधार के लिए 32 करोड़ 70 लाख 37,000 की स्वीकृति दी गई।

कुम्हारिया मोड़ से संग्रामपुर कुल लंबाई 633 किलोमीटर निर्माण का स्थानांतरित करते हुए सड़क को फिर से बनाने के लिए 38 करोड़ 89 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। गृह विभाग के सब इंस्पेक्टर शिव कुमार प्रसाद को 10 लाख 20,000 रुपये इलाज कराने के लिए भुगतान करने की स्वीकृति दी गई है।

महंगाई भत्ता दर को बढ़ाते हुए 246 प्रतिशत से बढ़कर 252 प्रतिशत किया गया है। संस्था निबंधन अधिनियम 1860 की धारा 24 के अंतर्गत निबंधन के संबंध में संशोधन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। कर्माटांड़ से जुडल पथ के लिए 121 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। स्वर्गीय जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट इलाज में कुल खर्च 44 लाख रुपए की स्वीकृति मिली।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने किया कॉमरेड्स मैराथन पूरा

आज से दस साल पहले, पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने कभी नहीं सोचा था कि वह लंबी दौड़ में हिस्सा लेंगी। उनका शारीरिक गतिविधियों से जुड़ाव सिर्फ छोटे रनों तक सीमित था। लेकिन 2014 में उन्होंने 7 किलोमीटर से दौड़ना शुरू किया, और आज एक दशक बाद, उन्होंने दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन — कॉमरेड्स मैराथन — को पूरा कर लिया।

इस वर्ष प्रीति ने कॉमरेड्स मैराथन के 98वें संस्करण को 10 घंटे 49 मिनट और 36 सेकंड में पूरा किया और रेस कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल किया। यह दौड़ न केवल दुनिया की सबसे पुरानी अल्ट्रा मैराथन है, बल्कि बेहद कठिन भी मानी जाती है। इस वर्ष की “डाउन रन” दौड़ पीटरमैरिट्जबर्ग से डर्बन तक लगभग 90 किलोमीटर तक फैली थी, जो दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नेटाल प्रांत में होती है।

“कॉमरेड्स सिर्फ एक दौड़ नहीं है — यह जुनून और उद्देश्य की एक तीर्थयात्रा है,” प्रीति ने कहा। “दूरी तो कठिन है ही, लेकिन असली परीक्षा इसके उतार-चढ़ाव वाले मार्ग की होती है।”

प्रीति ने इस पल के लिए वर्षों से तैयारी की थी। उन्होंने पहली बार 2020 में दौड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण वह रेस रद्द हो गई। 2024 में फिर से जब वह दौड़ने की सोच रही थीं, तो कॉमरेड्स मैराथन की तारीख लोकसभा चुनावों से टकरा गई। उन्होंने उस समय 65 किलोमीटर की “कास अल्ट्रा” रेस की प्रैक्टिस दौड़ पूरी की, लेकिन कॉमरेड्स नहीं दौड़ सकीं। अंततः उन्होंने 2025 में दौड़ने का निर्णय लिया।

इस रेस के लिए उन्होंने एक साल पहले से तैयारी शुरू की। अंतिम छह महीनों में वह हाई-प्रोटीन डाइट पर रहीं — चावल, गेहूं, मक्का और दूध पूरी तरह बंद कर दिए। उन्होंने हर दूसरे रविवार लंबी दूरी की दौड़ की, और कठिन चढ़ाई की ट्रेनिंग के लिए अरे कॉलोनी, मालाबार हिल, पारसिक हिल, लोनावला, सतारा, एडिनबर्ग और लंदन में अभ्यास किया। सिर्फ अंतिम चार महीनों में उन्होंने 1128 किलोमीटर की दौड़ पूरी की — वह भी 35 डिग्री की गर्मी में, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी।

डर्बन में जब उन्होंने फिनिश लाइन पार की, तो दर्शकों के नारों “कम ऑन इंडिया!” और “नमस्ते इंडिया!” ने उनका स्वागत किया। प्रीति ने कहा, “यह गर्व का क्षण था — 425 भारतीय धावकों के साथ दौड़ना, हर एक की आत्मा में देश की भावना झलक रही थी। दौड़ खत्म हो चुकी है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की ऊर्जा अब भी मेरे अंदर गूंज रही है।”

उन्होंने अपने क दीपक लोंधे (Striders Miles) का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी ट्रेनिंग और विश्वास ने इस लक्ष्य को संभव बनाया। साथ ही उन्होंने अपने परिवार और शुभचिंतकों का भी आभार प्रकट किया।

इस वर्ष की दौड़ भावनात्मक रूप से और भी खास थी। फिनिशर्स में महाराष्ट्र पुलिस के सात अधिकारी, 26/11 हमले में घायल हुए एक नेवी कमांडो, एक विकलांग धावक जिनका बायां हाथ नहीं है, और जलगांव की 65 वर्षीय विद्या ताई शामिल थीं। “इन सभी की साहसिक कहानियों ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। यह सिर्फ एक मैराथन नहीं थी — यह एक आंदोलन था।”

प्रीति का यह पहला अनुभव नहीं था। उन्होंने अब तक 25 हाफ मैराथन, 15 फुल मैराथन (जिनमें दो वर्ल्ड मेजर — बर्लिन और लंदन मैराथन शामिल हैं), दो बार 65 किमी की दौड़, और चार बार 50 किमी की अल्ट्रा मैराथन पूरी की है। हाल ही में, अप्रैल 2025 में उन्होंने लंदन मैराथन में भाग लिया। प्रीति दो बार की गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी हैं।

1921 में स्थापित कॉमरेड्स मैराथन को “अल्टीमेट ह्यूमन रेस” कहा जाता है। हर साल इसमें लगभग 20,000 धावक हिस्सा लेते हैं। 2025 की दौड़ में 20,972 प्रतिभागियों में से रिकॉर्ड 18,194 लोगों ने इसे पूरा किया — जो 86.75% की फिनिशिंग दर को दर्शाता है।

अब जब प्रीति “आमची मुंबई” लौट आई हैं, वह कहती हैं: “मैं सिर्फ एक पदक लेकर नहीं लौटी — बल्कि ढेरों यादें, नई दोस्तियाँ और कहानियाँ साथ लेकर आई हूं जो जीवन भर मेरे साथ रहेंगी।”

पर्दे पर सबसे चमकता सितारा, लेकिन राजनीति नहीं आई रास, जानें कैसा रहा सियासी सफर

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बॉलीबुड के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र ने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। धर्मेद्र के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से लेकर बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है।

अपने दमदार अभिनय के दम पर धर्मेद्र ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। भारत के पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में आने का फैसला लिया था। हालांकि, जल्द ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया। धर्मेंद्र का करियर सिनेमाई पर्दे पर जितना जादुई रहा उतना ही राजनीतिक पिच से वे निराश होकर लौटे।

बीकानेर से की राजनीतिक सफर की शुरुआत

धर्मेंद्र ने राजस्थान के बीकानेर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बीकानेर सीट से वो भारतीय जनता पार्टी के सांसद रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था। इस चुनाव में धर्मेंद्र ने 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की और सांसद बन गए। उन्होंने इस संसदीय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था।

आडवाणी के कहने पर आए राजनीति में

धर्मेंद्र ने राजनीति में आने का फैसला ले तो लिया, लेकिन पॉलिटिक्स उन्हें ज्यादा रास नहीं आई। आडवाणी के कहने पर राजनीति में आने वाले धर्मेंद्र का जल्द ही इससे मोहभंग हो गया। सांसद रहते हुए धर्मेंद्र भी ज्यादार समय मुंबई में व्यस्त रहते थे। इसे लेकर बीकानेर में उनकी काफी आलोचना भी हुई। शहर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगे थे। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। सांसद के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने राजनीति को अलविदा कह दिया।

क्यों राजनीति से हुआ मोहभंग

कई इंटरव्यू में धर्मेंद्र स्पष्ट कह चुके हैं कि राजनीति की भाषा, उसके तौर-तरीके और उसके लोग उन्हें रास नहीं आए। उनका कहना था कि उन्होंने बीकानेर के लिए कई विकास कार्य करवाए, लेकिन सत्ता और सिस्टम की उलझनों में क्रेडिट किसी और के खाते में चला जाता था। फिर धर्मेंद्र ने खुलकर मान लिया, संसद और राजनीति मेरे बस की बात नहीं थी।

झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

दिल्ली के बाद पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में धमाका, 12 लोगों की मौत

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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद मंगलवार दोपहर उस वक्त दहल उठी जब जिला अदालत के बाहर जोरदार धमाका हुआ। इस विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज छह किलोमीटर दूर तक सुनी गई।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के सेक्टर जी-11 में कचहरी के बाहर धमाका हुआ है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने मीडिया को बताया है कि इस घटना में 12 लोगों की मौत हुई है और 27 लोग जख़्मी हुए हैं। मोहसिन नकवी ने बताया है, दोपहर 12.39 बजे कचहरी पर एक आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले से बड़ा नुक़सान हुआ है जिसमें 12 लोग शहीद हो चुके हैं और 27 के क़रीब जख़्मी हैं, जिनका इलाज जारी है।

रक्षा मंत्री ने कहा- पाकिस्तान जंग के हालात में

इस घटना के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने एक्स पर पोस्ट करके कहा है कि पाकिस्तान जंग के हालात में है। उन्होंने एक्स पर लिखा, अगर कोई यह सोचता है कि पाकिस्तान की सेना अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र और सुदूर बलूचिस्तान के इलाक़ों में जंग लड़ रही है तो आज इस्लामाबाद ज़िला कचहरी में हुआ आत्मघाती हमला एक वेकअप कॉल है कि यह सारे पाकिस्तान की जंग है। जनता की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सेना रोज़ाना बलिदान दे रही है। इस माहौल में काबुल के शासकों से कामयाब बातचीत की उम्मीद रखना निरर्थक है। काबुल के शासक पाकिस्तान में दहशतगर्दी को रोक सकते हैं लेकिन इस्लामाबाद तक जंग को लाना काबुल से एक पैग़ाम है जिसका पाकिस्तान भरपूर जवाब देने की पूरी ताक़त रखता है।

सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

क्या तालिबान को औपचारिक रूप से मान्यता देगा भारत? अफगानी विदेश मंत्री की बड़ी मांग

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अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी गुरुवार को एक हफ्ते की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल से दिल्ली तक यह पहली मंत्री स्तर की यात्रा है। आज अमीर खान मुत्तकी विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भी मिलेंगे। इससे ठीक पहले तालिबान ने खुलकर अपनी बड़ी डिमांड रख दी है। वह चाहते है कि भारत तालिबानी सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता दे।

इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मान्यता देने की मांग

तालिबान के कतर स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख और अफगानिस्तान के राजदूत सुहैल शाहीन ने कहा, यह समय है कि भारत और अफगानिस्तान दोनों देश अपने संबंधों को एक नया राजनयिक स्तर दें और इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मान्यता देकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का रास्ता खोलें। उन्होंने कहा, यह पहली बार है जब हमारे विदेश मंत्री भारत की यात्रा कर रहे हैं, और यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत करेगी।

भारत का क्या है कहना?

वहीं, भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता देने में जल्दी नहीं दिखा रही हैं। दरअसल, दिल्ली ने पहले ही कहा है कि उसकी रणनीति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख के अनुकूल रहेगी। कई देशों ने तालिबान की ओर से नियुक्त अधिकारियों को राजनयिक तौर पर स्वीकार किया है, पर रूस ही एक ऐसा देश रहा है जिसने सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता दी है। भारत ने बार-बार कहा है कि वह एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय अफगानिस्तान चाहता है, जहाँ सभी समुदायों-महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों-के हक सुरक्षित हों। इसके अलावा भारत अफगानिस्तान से यह भी गारंटी चाहता है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।

झंडे का प्रोटोकॉल बना चुनौती

हालांकि, अब मुत्तकी की यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने एक कूटनीतिक समस्या पैदा हो गई है। दरअसल, मुत्तकी की शुक्रवार को विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात हो सकती है। कूटनीतिक प्रोटोकॉल के अनुसार मेजबान देश (भारत) का झंडा और मेहमान मंत्री के देश का झंडा दोनों उनके पीछे या मेज पर रखे जाने चाहिए।

हालांकि, भारत ने अभी तक तालिबान-शासित अफगानिस्तान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इसी वजह से भारत ने तालिबान को अफगान दूतावास में अपना झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी है। दूतावास में अभी भी इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का झंडा फहराया जाता है (यह वह शासन था जिसका नेतृत्व अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी कर रहे थे)। अब तक यही नियम चला आ रहा है। अब सवाल है कि जब मुत्तकी, जयशंकर से मिलेंगे तो उनके पीछे कौन सा झंडा लगेगा?

दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ा

हालांकि, मुत्ताकी का स्वागत करने का भारत का फैसला इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच विश्वास का स्तर बढ़ रहा है। तालिबान भारत से चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना आर्थिक निवेश और उपस्थिति बढ़ाए।

कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा गोरखपुर के इण्टरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट वर्कशॉप और सेमिनार में आमंत्रित कलाकार।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अंतर्राष्ट्रीय कला जगत में प्रयागराज एवं भारत का नाम रोशन करने वाले प्रयागराज के मशहूर चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा को गोरखपुर में आयोजित वसुधैव कुटुंबकम् चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मित्रता कला शिविर एवं सगोष्ठी में सादर आमंत्रित किया गया है।अभी-अभी रवीन्द्र कुशवाहा की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी अमेरिका के जर्मनटाउन में धूम मचाकर आई है तथा अगली अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी इनकी नार्वे स्वीडन में आयोजित है।

ललितकला संस्थान ललिता ए ट्रस्ट ऑफ फाइन आर्ट, फोक आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट एंड कल्चर तथा राज्य ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 6 देशों के 64 प्रख्यात कलाकार जो चार दिवसीय इंटरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट कैम्प एण्ड सेमिनार में अपनी रचनात्मक कला व भावपूर्ण चित्रण का जलवा बिखेरेंगे ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र एक अगस्त से, कुल 5 बैठकें होंगी

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झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

मानसून सत्र में होगी कुल 5 सत्र

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार राज्य से जुड़ी आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं, रोजगार, भूमि सुधार और जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर चर्चा होगी। वहीं विपक्ष भी राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयार है।

कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पर मुहर लगी है। योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जिला को आवंटित में बढ़ोतरी की गई है। पथ निर्माण विभाग को सिल्ली रंगा माटी रोड के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही रांची जिला अंतर्गत कुमारिया मोड से पिठौरिया रोड के पुनर्निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

डॉ अरविंद कुमार लाल तत्कालीन सिविल सर्जन जमशेदपुर की सेवा से बर्खास्ती को निरस्त करने के संबंध में फैसला लिया गया। दो चिकित्सा सेवा अधिकारी को सेवा समाप्त करने की स्वीकृति दी गई। पथ प्रमंडल रांची ग्रामीण अंतर्गत दिल्ली हजम रंगमती पाठ कुल लंबाई 39 किलोमीटर सुधार के लिए 32 करोड़ 70 लाख 37,000 की स्वीकृति दी गई।

कुम्हारिया मोड़ से संग्रामपुर कुल लंबाई 633 किलोमीटर निर्माण का स्थानांतरित करते हुए सड़क को फिर से बनाने के लिए 38 करोड़ 89 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। गृह विभाग के सब इंस्पेक्टर शिव कुमार प्रसाद को 10 लाख 20,000 रुपये इलाज कराने के लिए भुगतान करने की स्वीकृति दी गई है।

महंगाई भत्ता दर को बढ़ाते हुए 246 प्रतिशत से बढ़कर 252 प्रतिशत किया गया है। संस्था निबंधन अधिनियम 1860 की धारा 24 के अंतर्गत निबंधन के संबंध में संशोधन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। कर्माटांड़ से जुडल पथ के लिए 121 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। स्वर्गीय जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट इलाज में कुल खर्च 44 लाख रुपए की स्वीकृति मिली।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने किया कॉमरेड्स मैराथन पूरा

आज से दस साल पहले, पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने कभी नहीं सोचा था कि वह लंबी दौड़ में हिस्सा लेंगी। उनका शारीरिक गतिविधियों से जुड़ाव सिर्फ छोटे रनों तक सीमित था। लेकिन 2014 में उन्होंने 7 किलोमीटर से दौड़ना शुरू किया, और आज एक दशक बाद, उन्होंने दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन — कॉमरेड्स मैराथन — को पूरा कर लिया।

इस वर्ष प्रीति ने कॉमरेड्स मैराथन के 98वें संस्करण को 10 घंटे 49 मिनट और 36 सेकंड में पूरा किया और रेस कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल किया। यह दौड़ न केवल दुनिया की सबसे पुरानी अल्ट्रा मैराथन है, बल्कि बेहद कठिन भी मानी जाती है। इस वर्ष की “डाउन रन” दौड़ पीटरमैरिट्जबर्ग से डर्बन तक लगभग 90 किलोमीटर तक फैली थी, जो दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नेटाल प्रांत में होती है।

“कॉमरेड्स सिर्फ एक दौड़ नहीं है — यह जुनून और उद्देश्य की एक तीर्थयात्रा है,” प्रीति ने कहा। “दूरी तो कठिन है ही, लेकिन असली परीक्षा इसके उतार-चढ़ाव वाले मार्ग की होती है।”

प्रीति ने इस पल के लिए वर्षों से तैयारी की थी। उन्होंने पहली बार 2020 में दौड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण वह रेस रद्द हो गई। 2024 में फिर से जब वह दौड़ने की सोच रही थीं, तो कॉमरेड्स मैराथन की तारीख लोकसभा चुनावों से टकरा गई। उन्होंने उस समय 65 किलोमीटर की “कास अल्ट्रा” रेस की प्रैक्टिस दौड़ पूरी की, लेकिन कॉमरेड्स नहीं दौड़ सकीं। अंततः उन्होंने 2025 में दौड़ने का निर्णय लिया।

इस रेस के लिए उन्होंने एक साल पहले से तैयारी शुरू की। अंतिम छह महीनों में वह हाई-प्रोटीन डाइट पर रहीं — चावल, गेहूं, मक्का और दूध पूरी तरह बंद कर दिए। उन्होंने हर दूसरे रविवार लंबी दूरी की दौड़ की, और कठिन चढ़ाई की ट्रेनिंग के लिए अरे कॉलोनी, मालाबार हिल, पारसिक हिल, लोनावला, सतारा, एडिनबर्ग और लंदन में अभ्यास किया। सिर्फ अंतिम चार महीनों में उन्होंने 1128 किलोमीटर की दौड़ पूरी की — वह भी 35 डिग्री की गर्मी में, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी।

डर्बन में जब उन्होंने फिनिश लाइन पार की, तो दर्शकों के नारों “कम ऑन इंडिया!” और “नमस्ते इंडिया!” ने उनका स्वागत किया। प्रीति ने कहा, “यह गर्व का क्षण था — 425 भारतीय धावकों के साथ दौड़ना, हर एक की आत्मा में देश की भावना झलक रही थी। दौड़ खत्म हो चुकी है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की ऊर्जा अब भी मेरे अंदर गूंज रही है।”

उन्होंने अपने क दीपक लोंधे (Striders Miles) का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी ट्रेनिंग और विश्वास ने इस लक्ष्य को संभव बनाया। साथ ही उन्होंने अपने परिवार और शुभचिंतकों का भी आभार प्रकट किया।

इस वर्ष की दौड़ भावनात्मक रूप से और भी खास थी। फिनिशर्स में महाराष्ट्र पुलिस के सात अधिकारी, 26/11 हमले में घायल हुए एक नेवी कमांडो, एक विकलांग धावक जिनका बायां हाथ नहीं है, और जलगांव की 65 वर्षीय विद्या ताई शामिल थीं। “इन सभी की साहसिक कहानियों ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। यह सिर्फ एक मैराथन नहीं थी — यह एक आंदोलन था।”

प्रीति का यह पहला अनुभव नहीं था। उन्होंने अब तक 25 हाफ मैराथन, 15 फुल मैराथन (जिनमें दो वर्ल्ड मेजर — बर्लिन और लंदन मैराथन शामिल हैं), दो बार 65 किमी की दौड़, और चार बार 50 किमी की अल्ट्रा मैराथन पूरी की है। हाल ही में, अप्रैल 2025 में उन्होंने लंदन मैराथन में भाग लिया। प्रीति दो बार की गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी हैं।

1921 में स्थापित कॉमरेड्स मैराथन को “अल्टीमेट ह्यूमन रेस” कहा जाता है। हर साल इसमें लगभग 20,000 धावक हिस्सा लेते हैं। 2025 की दौड़ में 20,972 प्रतिभागियों में से रिकॉर्ड 18,194 लोगों ने इसे पूरा किया — जो 86.75% की फिनिशिंग दर को दर्शाता है।

अब जब प्रीति “आमची मुंबई” लौट आई हैं, वह कहती हैं: “मैं सिर्फ एक पदक लेकर नहीं लौटी — बल्कि ढेरों यादें, नई दोस्तियाँ और कहानियाँ साथ लेकर आई हूं जो जीवन भर मेरे साथ रहेंगी।”